कंपनी की ओर से वर्ष 2012 में शुरू की थी यह सर्विस, बाद में इसे गूगल न्यूज में मिला दिया गया था
दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी ‘गूगल’ के सबस्क्राइबर्स गूगल न्यूज ऐप पर मैगजींस का डिजिटल वर्जन नहीं पढ़ सकेंगे। दरअसल, ‘गूगल’ ने निर्णय लिया है कि वह अपने गूगल न्यूज ऐप पर मैंगजींस की पीडीएफ पढ़ने के लिए शुरू की गई ‘print replica’ सर्विस को बंद कर रहा है। ऐसा इसलिए, क्योंकि गूगल ने महसूस किया है कि लोग इस सर्विस पर ‘Rolling Stone’ अथवा ‘Conde Nast Traveller’ जैसी मैगजींस के अलावा ऑनलाइन अखबार भी नहीं पढ़ रहे हैं, इसलिए इस सर्विस को बंद करने का निर्णय लिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बारे में कंपनी की ओर से गूगल न्यूज यूजर्स को ई-मेल भेजकर बताया जा रहा है कि नया इश्यू अब नहीं आएगा। इसके साथ ही सबस्क्राइबर्स द्वारा किए गए भुगतान को वापस करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
बता दें कि गूगल न्यूज के ‘print replica’ मैगजींस में प्रिंट एडिशंस का पीडीएफ वर्जन होता है, जिसे यूजर्स स्मार्टफोन अथवा कंप्यूटर पर पढ़ सकते हैं। अब यह सर्विस बंद होने के बाद यदि पाठक किसी मैगजीन का ई-वर्जन (इंटरनेट संस्करण) पढ़ना चाहते हैं, तो उन्हें उस मैगजीन की वेबसाइट पर जाना होगा। इस बारे में यूजर्स को नोटिफिकेशन भेजकर बताया जाएगा कि गूगल न्यूज में print replica मैगजींस को बंद किया जा रहा है।
हालांकि, पाठकों द्वारा पूर्व में सबस्क्राइब किए गए मैगजींस के सभी इश्यू गूगल न्यूज एप पर एक्सेस किए जा सकते हैं। गूगल की ओर से कहा गया है कि लेटेस्ट आर्टिकल पढ़ने के लिए अब गूगल न्यूज में उस पब्लिकेशन को सर्च करना होगा अथवा उस पब्लिकेशन की वेबसाइट पर जाना होगा। बता दें कि गूगल ने ‘प्ले मैगजींस एप’ के द्वारा वर्ष 2012 में पाठकों को मैगजीन कंटेंट उपलब्ध कराना शुरू किया था। बाद में कंपनी ने इसका नाम बदलकर ‘प्ले न्यूजस्टैंड’ कर दिया और इसे ‘गूगल न्यूज’ में मिला दिया।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक (Facebook) और मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप (Whatsapp) को दिल्ली हाई कोर्ट से गुरुवार को बड़ा झटका लगा है।
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक (Facebook) और मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप (Whatsapp) को दिल्ली हाई कोर्ट से गुरुवार को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली हाई कोर्ट ने कंपनियों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें इन कंपनियों ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा नई निजता नीति (Privacy policy) की जांच के लिए जारी आदेश को चुनौती दी थी।
जस्टिस नवीन चावला की अदालत ने 13 अप्रैल को फेसबुक और वॉट्सऐप की दो अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई पूरी की थी। अदालत ने सुनवाई पूरी करते हुए टिप्पणी की थी कि सीसीआई (CCI) का आदेश किसी प्रमुख पद के दुरुपयोग की जांच को नहीं दर्शाता, बल्कि यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर चिंतित है। अदालत ने यह टिप्पणी सीसीआई के उस रुख पर की थी, जिसमें उसने कहा था कि वह व्यक्तियों की निजता का उल्लंघन की जांच नहीं कर रहा, जिसे सुप्रीम कोर्ट देख रहा है।
सीसीआई ने अदालत के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा था, ‘वॉट्सऐप नई प्राइवेसी पॉलिसी के तहत बहुत अधिक आंकड़े एकत्र कर सकता है और लक्षित विज्ञापन के दायरे में और यूजर्स को लाने के लिए ग्राहकों की ‘अवांछित निगरानी' कर सकता है जो कथित प्रभुत्ववादी प्रभाव का दुरुपयोग होगा। फेसबुक और वॉट्सऐप ने सीसीआई के 24 मार्च के आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी नई प्राइवेसी पॉलिसी के जांच करने के आदेश दिए हैं।
सीसीआई ने कोर्ट से ये भी कहा था कि जांच के बाद ही ये पता चल सकता है कि क्या वॉट्सऐप द्वारा डेटा कलेक्शन और उसको फेसबुक के साथ शेयर करना, क्या इतने बड़े पद का गलत इस्तेमाल है। जो डेटा कलेक्ट किया गया है, उसमें यूजर का लोकेशन, इस्तेमाल की जाने वाली डिवाइस, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर और वो किससे बात कर रहे हैं, इसका इस्तेमाल कर यूजर का प्रोफाइल बनाया जा सकता और इसके जरिए टार्गेटेड एडवर्टाइजिंग की जा सकती है।'
दोनों सोशल मीडिया कंपनियों ने कोर्ट में कहा था, 'जब सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट प्राइवेसी पॉलिसी का मामला देख रहे हैं तो इसमें सीसीआई को नहीं आना चाहिए और न ही दखल देना चाहिए।' उन्होंने यह भी कहा था, 'यूजर्स की निजी बातचीत एंड टू एंड एनक्रिप्शन के जरिए सुरक्षित है और वॉट्सऐप लोगों के चैट्स पर नजर नहीं रखता है।' इस पर सीसीआई ने कहा था, 'वह व्यक्तियों की प्राइवेसी के उल्लंघन की जांच नहीं कर रहा, जिसे सुप्रीम देख रहा है।'
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ‘ट्विटर’ (Twitter) ने माया हरि (Maya Hari) को प्रमोट कर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।
माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ‘ट्विटर’ (Twitter) ने माया हरि (Maya Hari) को वाइस प्रेजिडेंट (Global Strategy & Operations) के पद पर प्रमोट किया है। इस पद पर प्रमोट होने से पहले वह करीब पांच साल से वाइस प्रेजिडेंट व मैनेजिंग डायरेक्टर (APAC & SE-Asia & India) और करीब दो साल तक सीनियर डायरेक्टर-, Product Strategy & Sales - APAE (APAC + LATAM + MENA) के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।
माया हरि ने एक ट्वीट के जरिये खुद अपने प्रमोशन की घोषणा की है। इस ट्वीट में उन्होंने कहा है, ‘यह शेयर करते हुए मैं काफी रोमांचित हूं कि मैं ट्विटर में वाइस प्रेजिडेंट (Global Strategy & Operations) के तौर पर एक ग्लोबल भूमिका निभाने जा रही हूं। मैं सिंगापुर से टीम का नेतृत्व करूंगी।’
I’m thrilled to share that I will be taking on a new global role at Twitter as VP, Global Strategy & Operations. I will be based in Singapore while leading a global team focused on customers and revenue product strategy, innovation and automation to enable our commercial efforts.
— Maya Hari (@maya_hari) April 22, 2021
बता दें कि माया हरि को ट्विटर, गूगल, सैमसंग और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों में टेक्नोलॉजी और डिजिटल लाइफस्टाइल के क्षेत्र में काम करने का दो दशक से ज्यादा का अनुभव है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।राजीव अरोड़ा 'फेसबुक इंडिया' की कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस डायरेक्टर बिपाशा चक्रवर्ती को रिपोर्ट करेंगे
राजीव अरोड़ा ने सोशल नेटवर्किंग साइट ‘फेसबुक इंडिया’ के साथ अपनी नई पारी शुरू की है। यहां पर उन्हें इंटरनल कम्युनिकेशंस की कमान दी गई है। वह 'फेसबुक इंडिया' की कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस डायरेक्टर बिपाशा चक्रवर्ती को रिपोर्ट करेंगे।
फेसबुक इंडिया से पहले राजीव अरोड़ा ‘ओयो’ (OYO) के ग्लोबल इंटरनल कम्युनिकेशंस डिपार्टमेंट की कमान संभाल रहे थे। नई पारी के बारे में राजीव अरोड़ा ने अपने लिंक्डइन प्रोफाइल पर जानकारी शेयर की है। उन्होंने लिखा है, ‘ओयो के साथ दो साल से ज्यादा लंबी यादगार व बेहतरीन पारी के बाद मैं हाल ही में फेसबुक इंडिया के साथ जुड़ गया हूं, जहां मुझे इंटरनल कम्युनिकेशंस की कमान सौंपी गई है।’
राजीव अरोड़ा को मीडिया इंडस्ट्री का काफी अनुभव है। उन्होंने ‘केपीएमजी’ (KPMG) के साथ कॉरपोरेट की दुनिया में कदम रखा था। वह अब तक ‘जनरल इलेक्ट्रिक्स’ (General Electrics), ‘एमएसडी’ (MSD), ‘एरिसेंट’ (Aricent) और ‘ओयो’ (OYO) की कम्युनिकेशन टीम में अपना योगदान दे चुके हैं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।पंजाब सरकार न्यूज वेब चैनल्स को सूची में सम्मिलित करने के लिए ‘द पंजाब न्यूज वेब चैनल पॉलिसी 2021’ लेकर आयी है
पंजाब सरकार न्यूज वेब चैनल्स को सूची में सम्मिलित करने के लिए ‘द पंजाब न्यूज वेब चैनल पॉलिसी 2021’ (The Punjab News Web Channel Policy 2021) लेकर आयी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि यह समय की मांग है कि पंजाब सरकार की नीतियों (Policies of the Punjab Government) के प्रचार के लिए आज के युग के इन मंचों का सही तरीके से प्रयोग किया जाए।
प्रवक्ता ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स फेसबुक और यूट्यूब पर चल रहे न्यूज चैनल्स को इस नीति के अंतर्गत कवर किया जाएगा।
इन शर्तो पर मिलेंगे सरकारी विज्ञापन
नीति की अन्य शर्तों और नियमों के अलावा पंजाब आधारितन्यूज चैनल (News Channel) जिनमें मुख्य तौर पर 70 प्रतिशत खबरें पंजाब से संबंधित होती हैं, को सूची में सम्मिलित करने पर विचार किया जाएगा। इस नीति के अंतर्गत सूचना एवं लोक संपर्क विभाग द्वारा सूचीबद्ध किए जाने वाले चैनल सिर्फ राजनैतिक इंटरव्यू या खबरों, डेली न्यूज बुलेटिन, बहस या चर्चा विशेषकर संपादकीय इंटरव्यू और पंजाब संबंधी खबरों के दौरान ही सरकारी विज्ञापन प्रदर्शित करेंगे।
बता दें कि पंजाब सरकार के पास अखबार, सैटेलाइट टीवी चैनल्स, रेडियो चैनल्स और वेबसाइट्स के लिए एक विज्ञापन नीति पहले से ही मौजूद है। यह नई नीति मौजूदा प्रचलन और फेसबुक और यूट्यूब चैनल्स की व्यापक उपलब्धता के मद्देनजर लाई गई है। इससे राज्य सरकार को और ज्यादा लोगों तक कल्याण योजनाओं संबंधी जागरूकता फैलाने में और मदद मिलेगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, नीति संबंधी विस्तृत नियम और शर्तें सूचना एवं लोक संपर्क विभाग, पंजाब से प्राप्त की जा सकतीं है या विभाग की वेबसाइट से भी डाउनलोड की जा सकतीं है।
गौरतलब है कि वर्तमान में पंजाब में यू-ट्यूब और वेब चैनल्स की भरमार है, जो इस वक्त पंजाब की रोजाना खबरों को कवर कर रहे हैं। आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान पंजाब सरकार इन वेब चैनल्स के माध्यम से अपनी उपलब्धियों का प्रचार प्रसार कर सकती है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।ट्विटर, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया साइट्स पर बैन किए जाने के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब सोशल मीडिया पर वापसी की तैयारी में हैं
ट्विटर, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया साइट्स पर बैन किए जाने के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब सोशल मीडिया पर वापसी की तैयारी में हैं। खास बात ये है कि इस बार वे खुद अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रंप अगले तीन महीनों में सोशल मीडिया पर दिखने लगेंगे। इसकी जानकारी ट्रंप के एक पुराने वरिष्ठ सलाहकार और प्रवक्ता जैसन मिलर ने दी है। मिलर ने फॉक्स न्यूज से बातचीत करते हुए कहा है कि ट्रंप दो से तीन महीनों में सोशल मीडिया पर वापसी कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि ये मीडिया प्लेटफॉर्म खुद ट्रंप का अपना होगा। मिलर के मुताबिक, ट्रंप का ये अपना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आने वाले दिनों में गेम चेंजर साबित हो सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि इस प्लेफॉर्म पर करोड़ों लोग जुड़ सकते हैं।
Donald Trump plans to return to social media soon, using "his own platform"
— AFP News Agency (@AFP) March 22, 2021
"I do think that we're going to see president Trump returning to social media in probably about two or three months," former advisor Jason Miller tells Fox News pic.twitter.com/a3XPTxtPus
बता दें कि राजधानी वॉशिंगटन में छह जनवरी को हुए हमले के बाद ट्विटर, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया साइट्स ने ट्रंप को बैन कर दिया था। सोशल मीडिया पर ट्रंप के बैन होने की शुरुआत गूगल और एपल ने अपने एप स्टोर से की थी, फिर फेसबुक और ट्विटर के बाद यू-ट्यूब ने भी डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपलोड किए गए नए वीडियो कंटेंट को अपने प्लेटफॉर्म से हटा दिया था। साथ ही डोनाल्ड ट्रंप के चैनल को सेवा शर्तों के उल्लंघन के आरोप में सस्पेंड किया गया था।
स्नैपचैट ने अपने बयान में कहा था कि हमने लोगों की हित का ख्याल रखते हुए अपने प्लेटफॉर्म पर डोनाल्ड ट्रंप को हमेशा के लिए बैन कर दिया है। उनके अकाउंट से लगातार गलत सूचनाएं, भड़काऊ भाषण जैसे पोस्ट होते थे।
वहीं यू-ट्यूब ने अपने एक बयान में कहा था कि ट्रंप ने एक वीडियो अपलोड किया था जो कि हमारी नीतियों का उल्लंघन कर रहा था जिसके बाद उनके चैनल पर ऑटोमेटिक स्ट्राइक आया। पहला स्ट्राइक कम-से-कम सात दिनों के लिए होता है। ऐसे में अगले सात दिनों तक ट्रंप अपने चैनल पर कोई वीडियो अपलोड नहीं कर पाएंगे। इसके बाद कंपनी ने पूरी तरह से ट्रंप का अकाउंट निष्क्रिय कर दिया था।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।लोकसभा में एक सवाल के जवाब में सूचना प्रसारण मंत्री ने यह भी कहा कि इस बारे में सरकार ने आईएनएस की किसी मांग का समर्थन नहीं किया है।
सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि गूगल और फेसबुक जैसी टेक्नोलॉजी कंपनियों द्वारा न्यूजपेपर पब्लिशर्स के साथ अपना ऐडवर्टाइजिंग रेवेन्यू साझा करने के बारे में सरकार द्वारा कानून बनाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
लोकसभा में यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार इस दिशा में कोई कानून बनाने जा रही है, प्रकाश जावड़ेकर ने यह बात कही। इसके साथ ही एक अन्य सवाल के जवाब में जावड़ेकर ने यह भी कहा कि सरकार ने ‘इंडियन न्यूजपेपर सोसाइटी’ (INS) द्वारा गूगल, फेसबुक आदि जैसी कंपनियों की विज्ञापन से होने वाली कमाई को साझा करने की उनकी मांग का समर्थन नहीं किया है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार को वैश्विक नियम-कायदों के अनुसार प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रकाशित भारतीय खबरों के लिए गूगल जैसी कंपनियों से राजस्व प्राप्त होता है? जावड़ेकर ने कहा कि सरकार पब्लिशिंग इंडस्ट्री से लागू दरों के हिसाब से जीएसटी हासिल करती है, और इस संबंध में कानून बनाने को लेकर सरकार की ओर से कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया है।
गौरतलब है कि लंबी लड़ाई के बाद ऑस्ट्रेलिया में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और मीडिया कंपनी ‘न्यूज कॉर्प’ के बीच सहमति बन गई है और इसके तहत फेसबुक ने अब खबरों के भुगतान की बात कही है।
दरअसल, कुछ माह पहले ऑस्ट्रेलिया की संसद ने एक कानून पारित किया था, जिसके तहत डिजिटल कंपनियों को खबरें दिखाने के लिए भुगतान करना जरूरी कर दिया गया है। फरवरी में जावड़ेकर ने कहा था कि भारतीय सरकार इस बारे में ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर आदि मार्केट्स के घटनाक्रम पर निगरानी रख रही है।
पूर्व में आईएनएस प्रेजिडेंट एल. आदिमूलम ने इस बारे में गूगल इंडिया के कंट्री मैनेजर संजय गुप्ता को पत्र लिखकर गूगल को विज्ञापन से होने वाली कमाई में पब्लिशर्स की हिस्सेदारी 85 प्रतिशत तक करने की मांग की थी।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।गूगल की यह रिपोर्ट बुरे विज्ञापनों को रोकने के पीछे के प्रयासों पर प्रकाश डालती है और दिखाती है कि गूगल अपने विज्ञापन प्लेटफॉर्म्स को कैसे पारदर्शी बना रहा है।
टेक कंपनी गूगल (Google) ने वर्ष 2020 की अपनी वार्षिक विज्ञापन सुरक्षा रिपोर्ट यानी कि ऐड सेफ्टी रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट बुरे विज्ञापनों को रोकने के पीछे के प्रयासों पर प्रकाश डालती है और दिखाती है कि गूगल अपने विज्ञापन प्लेटफॉर्म्स को कैसे पारदर्शी बना रहा है। दरअसल, गूगल बुरे विज्ञापनों से परेशान हो चुका है, इसीलिए 2020 में कंपनी ने हर घंटे 5700 से ज्यादा विज्ञापनों पर रोक ही नहीं लगाई, बल्कि उन्हें हटा दिया है।
गूगल ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट के जरिये यह जानकारी दी कि उसने पिछले साल दुनियाभर में कोरोना वायरस से जुड़े 9.9 करोड़ विज्ञापनों समेत कुल 3.1 अरब बुरे विज्ञापनों को अपने प्लेटफॉर्म्स से हटा दिया है, जो यूजर्स को गलत जानकारी दे रहे थे। साथ ही टेक कंपनी ने 6.4 अरब अतिरिक्त विज्ञापनों पर पाबंदी भी लगाई है। बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है जब गूगल ने उन विज्ञापनों की जानकारी भी साझा की है, जिन पर पाबंदी लगाई गई है।
गूगल ने दुनियाभर में स्थानीय कानूनों व नियमों के आधार पर रोक लगाई है। अब इसके प्लेटफॉर्म्स पर सिर्फ वही विज्ञापन दिखेंगे, जिनको कंपनी ने सभी मानकों के आधार पर मंजूरी दी है। कंपनी ने अपनी सालाना ऐड सेफ्टी रिपोर्ट 2020 में बताया है कि नियमों का उल्लंघन करने पर हटाए गए विज्ञापनों की संख्या में 70 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कंपनी ने 17 लाख से ज्यादा विज्ञापनों को पॉलिसी का उल्लंघन करने की वजह से हटाया है। वहीं, गूगल ने डिटेक्शन सिस्टम की चोरी करने की कोशिश करने वाले 86.7 करोड़ विज्ञापनों को या तो ब्लॉक कर दिया या पूरी तरह से हटा दिया है। गूगल ने यह भी बताया कि नीतियों को गलत तरीके से पेश (Misrepresentation of Policies) करने की वजह से उसने 10.1 करोड़ विज्ञापनों को हटा दिया है।
टेक कंपनी ने 2020 में विज्ञापनदाताओं और प्रकाशकों (Advertisers & Publishers) के लिए 40 से भी ज्यादा नीतियों को या तो जोड़ा या उसमें बदलाव किया था। गूगल ने कहा कि पिछले साल महामारी से संबंधित गलत और भ्रामक विज्ञापन सबसे बड़ी चिंता का कारण थे। इनमें चमत्कारिक इलाज, एन-95 फेस मास्क की कमी और हाल में वैक्सीन को लेकर आने वाले जैसे फर्जी विज्ञापन शामिल थे।
चूंकि पिछले साल दुनियाभर में COVID-19 मामलों की संख्या में बेहताशा बढ़ोतरी देखने को मिली थी, इसलिए इससे जुड़े प्रॉडक्ट्स और इलाज का दावा करने वाले झूठे प्रॉडक्ट्स की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली थी, जिसके चलते ही गूगल ने कोरोना वायरस को लेकर गलत विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए कोविड विज्ञापन नीति जारी की थी। साथ ही कंपनी ने 2020 में विज्ञापनों के साथ ही कोविड या ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी से ऐसी जुड़ी सामग्री को रोकने के लिए एक नई पॉलिसी भी पेश की थी, जो वैज्ञानिक तथ्यों के उलट थीं।
अप्रैल 2020 में गूगल ने विज्ञापनदाता पहचान सत्यापन कार्यक्रम (AIVP) भी शुरू किया। इसके तहत अभी 20 देशों के विज्ञापनदाताओं का सत्यापन किया जा रहा है। गूगल के विज्ञापन निजता व सुरक्षा विभाग के उपाध्यक्ष स्कॉट स्पेंसर ने कहा कि हजारों कर्मचारियों ने यूजर्स, क्रिएटर्स, पब्लिशर्स और एवर्टाइजर्स की सेफ्टी के लिए 24 घंटे काम किया।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।बॉलीवुड फिल्ममेकर अशोक पंडित सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और आए दिन तमाम समसामयिक मुद्दों पर अपनी राय रखते दिखाई देते हैं।
बॉलीवुड फिल्ममेकर अशोक पंडित सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं और आए दिन तमाम समसामयिक मुद्दों पर अपनी राय रखते दिखाई देते हैं। इतना ही नहीं, सोशल मीडिया पर वे अकसर किसी न किसी नेता पर भी तंज कसते रहते हैं, लेकिन इस बार उनके निशाने पर कोई नेता नहीं, बल्कि वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम आ गए।
अशोक पंडित ने वरिष्ठ पत्रकार के एक वीडियो को शेयर करते हुए तंज कसा और कहा कि बिना लोगो का माइक लेकर घूमने वाले पत्रकारों पर उन्हें तरस आता है और अब हाल यह हो गया है कि ऐसे लोग अब सड़कों पर माइक लेकर लोगों की बेइज्जती सह रहे हैं!
यहां पढ़िए उनका ये पूरा ट्वीट
यह बिन logo के पत्रकारों का हाल देख कर कभी कभी इन पर तरस आता है !
— Ashoke Pandit (@ashokepandit) March 16, 2021
यह वो पत्रकार हैं जो किसी और से तनखा लेकर अपनी दुकान चलाते थे !
जैसे ही दुकान के मालिकों को इनका षड्यंत्र समझ में आ गाया तो यह काम से बाहर हो गए !
और अब सड़कों पर माइक ले ले लेकर लोगों की बेज़्ज़ती सह रहे हैं ! pic.twitter.com/ieUSAJPU0E
हालांकि, खबर लिखे जाने तक फिल्ममेकर अशोक पंडित के इस ट्वीट का वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम ने कोई जवाब नहीं दिया है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो को देखकर लोगों के अलग-अलग रिएक्शन सामने आ रहे हैं।
दरअसल, इस वीडियो में वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम बीच सड़क पर एक वकील से बात करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिसमें वे सवाल करते हैं कि क्या होने वाला है बंगाल में? ऐसे में मास्क लगाए वकील कहता है कि बीजेपी आएगी। फिर वे अगला सवाल करते है, क्यों? इस पर सामने खड़ा वकील जवाब देता है कि मोदी सरकार जो कर रही है, वह अच्छा है, बहुत विकास हुआ है। इंफ्रास्ट्रक्चर, सोशल हर तरह का विकास हुआ है।
यह जवाब सुनकर अजीत अंजुम तुरंत एक और सवाल करते हैं, मोदी सरकार ने साढ़े 6 साल में कितने लोगों को नौकरी दे दी है? जवाब में वकील कहता है, बहुत दे दी। अजीत अंजुम फिर कहते हैं, अच्छा दो करोड़ हर साल बोला था तो कम से कम साढ़े 6 साल में तो 12-13 करोड़ को तो मिलना ही चाहिए।
वकील साहब सोचने लगते हैं कि और फिर जवाब देते हैं, हां मिल गया। किसी न किसी सेक्टर में मिल गया। वे फिर पूछते हैं, जैसे मोदी जी ने कहा कि पकौड़ा तलना भी रोजगार है तो करो? इस पर वकील बोलते हैं, हां बिल्कुल यह भी इंडस्ट्री का पार्ट है। इस पर अजीत अंजुम फिर पूछते हैं कि क्या मोदी जी के पीएम बनने से पहले देश में पकौड़े नहीं तले जाते थे क्या? इस पर वकील साहब जवाब में कहते हैं, तलते तो थे। अजीत अंजुम कहते हैं, फिर? मोदी जी ने कह दिया तो रोजगार हो गया?
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।हम छोटी से छोटी जानकारी हासिल करने के लिए भी गूगल का इस्तेमाल करने लगे है, लेकिन अब यही गूगल एक बड़ी मुसीबत में फंस गया है
वर्तमान समय में गूगल हम सबका एक सहायक बन गया है और हो भी क्यों न, हम छोटी से छोटी जानकारी हासिल करने के लिए भी गूगल का इस्तेमाल करने लगे है लेकिन अब यही गूगल एक बड़ी मुसीबत में फंस गया है जिसके कारण इसे लगभग 36,369 करोड़ रुपए का जुर्माना भरना पड़ सकता है।
दरअसल हाल ही में एक अमेरिकी नागरिक ने गूगल पर केस किया है। उसका कहना है कि गूगल अपने क्रोम ब्राउजर के जरिए इनकॉग्निटो मोड में भी लोगों को जानकारी एकत्र कर रहा है।
दरअसल जब आप गूगल पर कोई भी सर्च करते है तो ब्राउजर आपकी हर हरकत को रिकॉर्ड करता है। वो हर उस Key Word को भी सेव करता है जिसे आपने सर्च किया है।
आप अगर आपने आपकी सर्च हिस्ट्री या वाच हिस्ट्री को डिलीट नहीं किया तो कोई भी आपके द्वारा देखी गई जानकारी को हासिल कर सकता है। इसके अलावा आप जो भी गूगल पर देख रहे है वो पूरा डाटा गूगल के सर्वर में भी सुरक्षित रहता है। इसे तकनीक की भाषा में कुकीज सेव करना भी कहते हैं।
लेकिन इनकॉग्निटो मोड इससे बिल्कुल अलग है। इसे आप एक तरह से प्राइवेट ब्राउजिंग कह सकते है। इसे सबसे पहले एपल के सफारी ब्राउजर में साल 2015 में आजमाया गया था।
गूगल भी इसी मोड में ब्राउज़िंग करने की सुविधा देता है। जब आप इनकॉग्निटो मोड में कुछ भी देखते है या सर्च करते है तो ये आपकी सर्च हिस्ट्री में नहीं आता है। आप जो कुछ भी देख रहे है या सर्च कर रहे है वो आपके विंडो क्लोज करते ही अपने आप डिलीट हो जाता है और इसलिए ही इसे प्राइवेट या सेफ ब्राउजिंग कहा जाता है।
दरअसल इनकॉग्निटो मोड में लोग कई कारणों से ब्राउजिंग करते है मसलन अपनी निजी जानकारी को छिपाने के लिए या पासवर्ड हैकर से बचने के लिए भी लोग ऐसा करते है। इसके पीछे एक यह भी तर्क दिया जाता है की गूगल आपकी सर्च हिस्ट्री और key Word के आधार पर ही आपको विज्ञापन दिखाता है।
आपको बताते चले, इस मामले पर गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा है कि कंपनी इस दावे को करीब से देख रही है और वह अपना बचाव सख्ती से करेगी।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।इस नए समझौते के तहत फेसबुक ने अब खबरों के भुगतान की बात कही है।
लंबी लड़ाई के बाद ऑस्ट्रेलिया में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक और मीडिया कंपनी ‘न्यूज कॉर्प’ के बीच सहमति बन गई है और इसके तहत फेसबुक ने अब खबरों के भुगतान की बात कही है।
करीब तीन हफ्ते पहले ऑस्ट्रेलिया की संसद ने एक कानून पारित किया था, जिसके तहत डिजिटल कंपनियों को खबरें दिखाने के लिए भुगतान करना जरूरी कर दिया गया है।
न्यूयॉर्क स्थित ‘न्यूज कॉर्प’ विशेष तौर पर अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में समाचार देता है। इस मौके पर ‘न्यूज कॉर्प’ का कहना है कि उसने फेसबुक के साथ कई साल का एक समझौता किया है। यह समझौता गूगल के साथ पिछले महीने किए गए समझौते से मिलता-जुलता है।
न्यूज कॉर्प ने एक बयान में कहा कि ‘स्काई न्यूज ऑस्ट्रेलिया’, न्यूज कॉर्प ऑस्ट्रेलिया की सहायक कंपनी है और उसने भी एक नया समझौता किया है, जो मौजूदा फेसबुक समझौते पर आधारित है।
इससे पहले, फेसबुक ने तीन स्वतंत्र समाचार संस्थानों ‘प्राइवेट मीडिया’, ‘स्वाट्ज मीडिया’ और ‘सोलस्टिक मीडिया’ के साथ आशय पत्रों पर हस्ताक्षर किए थे।
फेसबुक ने एक बयान में कहा था कि वाणिज्यिक समझौते के संदर्भ में अगले 60 दिन में पूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
बता दें कि इसके भी पहले फेसबुक ने न्यूज कंपनियों को उनके लिंक शेयर करने के लिए भुगतान करने के मुद्दे पर ऑस्ट्रेलिया को 'अनफ्रेंड' कर दिया था और दावा किया था कि सरकार के प्रस्तावित कानून ने इस प्लेटफॉर्म और न्यूज पब्लिशर्स के बीच संबंध को 'गलत तरीके से' समझा है।
फेसबुक की ओर से अपने प्लेटफॉर्म पर न्यूज बैन करने को लेकर हुए विवाद और प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के कड़े बयानों के बाद, सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने कहा था कि वो ऑस्ट्रेलियाई न्यूज से विवादित बैन हटा लेगी और स्थानीय मीडिया कंपनियों को कंटेंट के लिए भुगतान करेगी। यह सब लंबित पड़े ऐतिहासिक कानून पर आखिरी समझौते के बाद हुआ है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।