अपनी एक और पोस्ट में उन्होंने लिखा, यह नादानी ही है कि अवैध तरीके से विदेश जाया जाए और फिर भी यह मान लिया जाए कि कहीं कोई समस्या नहीं होगी।
अमेरिका में रह रहे भारत समेत विभिन्न देशों के अवैध प्रवासियों पर डोनाल्ड ट्रंप ने सख्ती करते हुए उन्हें देश से निकालना शुरू कर दिया है। 104 भारतीयों को लेकर अमेरिका का एक विमान भारत पहुंचा। गुजरात, पंजाब, हरियाणा आदि के रहने वाले इन भारतीयों के हाथों में अमेरिका से ही हथकड़ी बंधी थी और पैरों में बेड़ियां थीं।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने अपने सोशल मीडिया से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, यह नादानी ही है कि अवैध तरीके से विदेश जाया जाए और फिर भी यह मान लिया जाए कि कहीं कोई समस्या नहीं होगी। 50-60 लाख और कुछ मामलों में तो 80-90 लाख रुपये ट्रैवल एजेंटों को देकर अवैध रूप से विदेश जाना आत्माघात है।
इतने पैसे में तो देश में ही कोई अच्छा काम-धंधा किया जा सकता है। अपनी एक और पोस्ट में उन्होंने लिखा, अमेरिका ने सैन्य विमान से जिन 104 अवैध प्रवासियों को भारत भेजा, उन्हें हवाई यात्रा के दौरान हथकड़ी पहनाई और पैरों को जंजीरों से बांधे रखा। आखिर इसकी क्या जरूरत थी? विमान में सवार होने के बाद न तो उनके प्रतिरोध की कोई आशंका थी और न ही कहीं भाग जाने की।
आपको बता दें, सवाल उठ खड़ा हुआ है कि एक तो पहले भारतीयों के साथ ऐसा सलूक किया गया और फिर उसके बाद वीडियो जारी करके अमेरिकी सरकार क्या जताना चाहती है?
अमेरिका ने सैन्य विमान से जिन 104 अवैध प्रवासियों को भारत भेजा, उन्हें हवाई यात्रा के दौरान हथकड़ी पहनाई और पैरों को जंजीरों से बांधे रखा। आखिर इसकी क्या जरूरत थी? विमान में सवार होने के बाद न तो उनके प्रतिरोध की कोई आशंका थी और न ही कहीं भाग जाने की।
— Rajeev Sachan (@RajeevKSachan) February 7, 2025
यह विवाद तब शुरू हुआ जब विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने महाल गांधी गेट परिसर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने औरंगजेब का पुतला जलाया।
महाराष्ट्र के नागपुर शहर में सोमवार, 17 मार्च को औरंगजेब की कब्र को लेकर शुरू हुआ विवाद हिंसक झड़पों और आगजनी में बदल गया। यह घटना शहर के महाल इलाके में हुई, जहां दो गुटों के बीच तनाव बढ़ने के बाद पत्थरबाजी, वाहनों में आगजनी और पुलिस पर हमले की घटनाएं सामने आईं।
इस मसले पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई का कहना है कि राज्य के वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए। उन्होंने एक्स पर लिखा, औरंगजेब को लेकर नागपुर में दक्षिणपंथी हिंदुत्व समूहों के एक दिन के विरोध प्रदर्शन के बाद हिंसक झड़पें हुईं। 17वीं सदी का शासक 21वीं सदी में महाराष्ट्र की शांति और कानून व्यवस्था को प्रभावित करने वाला है? इस तरह सामूहिक विकर्षण और विभाजन के हथियार नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं। महाराष्ट्र के वास्तविक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना शुरू करें, न कि उन मुद्दों पर जो विभाजनकारी और भड़काऊ हैं।
आपको बता दें, इस हिंसा में कम से कम 11 लोग घायल हुए, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। भारी बवाल को देखते हुए नागपुर शहर के कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है।
Violent clashes in Nagpur over Aurangzeb after a day of protests by right wing Hindutva groups. A 17th century ruler is going to affect Maharashtra’s peace and law and order in the 21st century?? This is how Weapons of Mass Distraction and Division (WMDD) end up spiralling out of…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) March 17, 2025
नागपुर में हिंदू संगठनों बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के प्रदर्शन के दौरान दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई। एक हिंदू-विरोधी कट्टरपंथी की प्रशंसा करने से खतरा है।
औरंगजेब कब्र विवाद में महाराष्ट्र के नागपुर के महल इलाके में सोमवार रात 8:30 बजे दो पक्षों में हिंसा हो गई। विश्व हिंदू परिषद ने औरंगजेब का पुतला फूंका था, इसके बाद हिंसा भड़की। अधिकारियों ने बताया, अफवाह फैली कि प्रदर्शनकारियों ने पुतले के साथ एक धार्मिक पुस्तक जलाई है। इससे दो पक्षों में पथराव हुआ।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और लिखा कि क्या जर्मनी में कोई उदारवादी पार्टी कभी हिटलर को श्रद्धांजलि देगी? उन्होंने एक्स पर लिखा, नागपुर में हिंदू संगठनों बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के प्रदर्शन के दौरान दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई।
एक हिंदू-विरोधी कट्टरपंथी की प्रशंसा करने से खतरा है। क्या जर्मनी में कोई 'उदारवादी' पार्टी कभी हिटलर को श्रद्धांजलि देगी? लेकिन यहां भारत में औरंगजेब कुछ 'उदारवादियों' के लिए मशहूर हो गया है। शर्म करो। आपको बता दें, नागपुर के तीन परिमंडल में कर्फ्यू लगाया गया है।
कोतवाली, लकड़गंज, पंचपोली ,गणेश पेठ ,तहसील, शांति नगर ,शक्कर धारा ,इमामबाड़ा, यशोधारा नगर, कपिल नगर इस पुलिस स्टेशन के अंतर्गत कर्फ्यू लगाया गया है। नागपुर में हुई हिंसा पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, नागपुर के महल इलाके में जिस तरह से स्थिति तनावपूर्ण हुई, वह बेहद निंदनीय है।
MASSIVE BREAKING: Two groups clash violently in Nagpur during the demonstration of Hindu organisations Bajrang Dal and Vishwa Hindu Parishad calling for the deplatforming of Aurangzeb. Dramatic visuals testify to the dangers of eulogizing a Hinduphobic bigot. Would any "liberal"… pic.twitter.com/NPXkc9WMZZ
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) March 17, 2025
ग्रोक के उत्तरों के आधार पर विपक्षी पार्टी के नेता आह्लादित हो चलें तो चिंता होती है। कमाल की बात यह भी है कि, हर किसी को अपने मन का उत्तर जब मिला, उसी को चिपका दिया।
सोशल मीडिया की दुनिया में आजकल चारों तरफ एक ही नाम सुनाई दे रहा है और वो है ग्रोक। दरअसल यह एआई चैटबॉट है। यानी आपको अगर किसी सवाल का जवाब जानना है तो एक्स पर टैग करके या फिर ग्रोक एआई की वेबसाइट पर जाकर पूछिए। ग्रोक-एआई आपको चैटबॉट यानी बातचीत की तरह जवाब देगा।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने एक्स पर लिखा, इस समय हर कोई ग्रोक से हर तरह का प्रश्न पूछ लेना चाहता है। इसमें कोई बुराई नहीं दिखती, लेकिन जब ग्रोक के उत्तरों के आधार पर राष्ट्रीय विपक्षी पार्टी के नेता आह्लादित हो चलें तो चिंता होती है।
कमाल की बात यह भी है कि, हर किसी को अपने मन का उत्तर जब मिला, उसी को चिपका दिया। अपनी बात को प्रमाणिकता के साथ कहने के लिए भी एआई का सहारा लेना पड़ रहा है। अपने बारे में भी ग्रोक के कहे को सुनकर प्रसन्नता हो रही है। यह एक समाज के बुद्धि बंद होने की प्रमाण है।
यहीं एआई प्रभावी होगा, लेकिन जो लोग इसका उपयोग अपनी बुद्धि खोलकर करेंगे, वही यहां राज करेंगे। बाकी, अच्छा मनोरंजन हो रहा है। आपको बता दें, ग्रोक-एआई चैटबॉट को नवंबर 2023 में लॉन्च किया गया था। ग्रोक-एआई और X के मालिक एलन मस्क ने एक इंटरव्यू में बताया था कि ग्रोक का मॉडल डगलस एडम्स की 'द हिचहाइकर गाइड टू गैलेक्सी' से प्रेरणा लेकर बनाया गया है।
इस समय हर कोई @grok से हर तरह का प्रश्न पूछ लेना चाहता है। इसमें कोई बुराई नहीं दिखती, लेकिन जब ग्रोक के उत्तरों के आधार पर राष्ट्रीय विपक्षी पार्टी के नेता आह्लादित हो चलें तो चिंता होती है। कमाल की बात यह भी है कि, हर किसी को अपने मन का उत्तर जब मिला, उसी को चिपका दिया। अपनी…
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी ??Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) March 17, 2025
पीएम मोदी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि 2014 में मैं जब पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाला था तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को विशेष रूप से आमंत्रित किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अमेरिकन AI रिसर्चर लेक्स फ्रिडमैन के साथ 3 घंटे का पॉडकास्ट रिलीज किया। पीएम मोदी ने पाकिस्तान, चीन, ट्रम्प, विश्व राजनीति, खेल, राजनीति और आरएसएस समेत निजी जीवन से जुड़े सवालों के जवाब दिए। पीएम मोदी ने पाकिस्तान को लेकर कहा कि वहां से हमेशा धोखा ही मिला।
पीएम मोदी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि 2014 में मैं जब पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाला था तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को विशेष रूप से आमंत्रित किया था। उम्मीद थी कि दोनों देश एक नया अध्याय शुरू करेंगे। हालांकि शांति का हर नेक प्रयास का सामना दुश्मनी और विश्वासघात से हुआ।
पाकिस्तान के लोग शांति चाहते हैं। वे भी संघर्ष, अशांति और निरंतर आतंक में रहने से थक गए होंगे। आपको बता दें, मोदी का इंटरव्यू लेने वाले फ्रिडमैन इलेक्ट्रिकल, कंप्यूटर इंजीनियर और AI रिसर्चर है। फ्रिडमैन अपने पॉडकास्ट में अमेरिकन प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प, टेस्ला CEO इलॉन मस्क, मेटा CEO मार्क जुकरबर्ग, अमेजन CEO जेफ बेजोस, ओपन AI CEO सेम ऑल्टमैन, यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदीमीर जेलेंस्की और इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के इंटरव्यू कर चुके हैं।
आप पीएम मोदी का पूरा पॉडकास्ट यहां इस लिंक पर क्लिक करके देख सकते हैं।
इस बार होली और जुमा एक ही दिन पड़ रहा है। इसे लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अलग-अलग राजनीतिक दलों के लोग इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
शुक्रवार को देशभर में रंगों के त्योहार होली की तैयारियां चल रही हैं, लेकिन उसी दिन रमजान का दूसरा जुमा होने के चलते यह दिन विवादों में आ गया है। कुछ मुस्लिम नेता नमाज के लिए कुछ देर के लिए होली रोकने की अपील कर रहे हैं। इस बीच राज्यसभा सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने एक टीवी डिबेट में अपने विचार व्यक्त किये।
उन्होंने कहा, आज जुमे और होली का तथाकथित विवाद कोई हिन्दू मुस्लिम विवाद नहीं है बल्कि एक विशेष प्रकार की मध्यकालीन मानसिकता और आज के हमारे संविधान के प्रति एक समान प्रतिबद्धता के बीच का विवाद है।
एक वर्ग विशेष यानी मुस्लिम समाज के एक कट्टरपंथी तबके को सेकुलर सियासत में एक ऐसी मानसिकता से जकड़ दिया है कि वो सारे नियम और क़ानून से ऊपर है और अगर उनको क़ानून के दायरे में आचरण करने की बात कही जाए तो उन्हें यह उत्पीड़न नज़र आने लगता है। और ये सारे तथाकथित सेकुलर दल उन्हें समझाने की बजाए भड़काने और भड़कते शोलों में अपनी सियासत चमकाने में लग जाते हैं।
आपको बता दें, दिल्ली में बीजेपी के विधायक करनैल सिंह ने कहा है कि होली वाले दिन मुसलमानों को अपने-अपने घर पर ही नमाज पढ़नी चाहिए ताकि उन्हें कोई शिकायत न हो।
आज जुमे और होली का तथाकथित विवाद कोई हिन्दू मुस्लिम विवाद नहीं है बल्कि एक विशेष प्रकार की मध्यकालीन मानसिकता और आज के हमारे संविधान के प्रति एक समान प्रतिबद्धता के बीच का विवाद है ।
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) March 11, 2025
एक वर्ग विशेष यानी मुस्लिम समाज के एक कट्टरपंथी तबके को सेकुलर सियासत में एक ऐसी मानसिकता से जकड़… pic.twitter.com/YDlIUemGGy
आप पिछले 5 ओलंपिक खेलों की पदक तालिका उठाकर देख लीजिए। सबसे ज़्यादा मेडल उन्हीं देशों ने जीते हैं, जिनकी प्रति व्यक्ति आय भी सबसे ज़्यादा है।
नीरज बधवार, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक।
किसी भी मुल्क में खेलों की स्थिति उस मुल्क की आर्थिक या सामाजिक स्थिति से बहुत ज़्यादा अलग नहीं हो सकती। इसलिए जब लोग पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के खराब खेलने को सिर्फ क्रिकेट से जोड़कर देखते हैं, तो मुझे हैरानी होती है। अगर एक मुल्क आज हर तरह से बर्बाद है, तो ऐसा कैसे हो सकता है कि उसकी टीम एकदम परफेक्ट हो या वह वर्ल्ड क्लास हो जाए? आप पिछले 5 ओलंपिक खेलों की पदक तालिका उठाकर देख लीजिए।
सबसे ज़्यादा मेडल उन्हीं देशों ने जीते हैं, जिनकी प्रति व्यक्ति आय (per capita income) भी सबसे ज़्यादा है। भारत में भी पारंपरिक तौर पर क्रिकेट में सबसे ज़्यादा खिलाड़ी दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना या आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से आते दिखते हैं, जो आर्थिक तौर पर बाकी राज्यों से बेहतर हैं। इसलिए पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की खराब हालत के लिए सिर्फ उसके खिलाड़ियों को भला-बुरा कहना बड़ी मासूमियत होगी।
इसे थोड़ा और विस्तार से समझते हैं। किसी भी मुल्क के पास मोटे तौर पर तीन तरीकों से पैसा हो सकता है—या तो उसके पास अरब देशों की तरह ऑयल मनी हो, या उसके पास ऐसे प्राकृतिक संसाधन (natural resources) हों, या फिर उसके पास ऐसी तकनीक (technology) हो, जिसे दुनिया को बेचकर वह पैसा कमा सके। अफसोस कि पाकिस्तान में इन तीनों में से कुछ भी नहीं है। एक वक्त तक पाकिस्तान को आतंकवाद की लड़ाई में अमेरिका का कथित सहयोग करने के नाम पर पैसा मिलता रहा, मगर आज वह भी नहीं है। ले-देकर पाकिस्तान में आज सिर्फ पीसीबी (PCB) एक ऐसा संस्थान है, जिसके पास कुछ पैसा आता है—वह भी उसे आईसीसी (ICC) का पार्टनर होने के नाते ही मिलता है।
पाकिस्तान में अब जो भी हुकूमत में आता है, उसकी इस पैसे पर नज़र होती है। और जहाँ पैसा और नेता होते हैं, वहाँ क्या होता है, यह समझना मुश्किल नहीं है। यही वजह है कि पाकिस्तान में पिछले 3 सालों में 9 कोच बदले गए हैं। इस दौरान अलग-अलग फॉर्मेट में तकरीबन आधा दर्जन खिलाड़ियों को कप्तान बनाया गया है। घरेलू (domestic) क्रिकेट बर्बाद हो चुका है। पीएसएल (PSL) सिर्फ मन बहलाने के अलावा और कुछ नहीं है। जो खिलाड़ी जिस सीरीज़ में नहीं खिलाया जाता, वह उसी सीरीज़ में टीवी पर एक्सपर्ट बनकर उन खिलाड़ियों की आलोचना करने लगता है, जिनके साथ वह एक हफ्ते पहले तक खेल रहा था।
भारत में क्या आप इन सब चीज़ों की कल्पना भी कर सकते हैं?और जिस भी टीम में ऐसा माहौल होगा, जहाँ इतनी अनिश्चितता होगी, वहाँ खिलाड़ी और कोच कैसे परफॉर्म करेंगे, यह समझना मुश्किल नहीं है। पाकिस्तान बनने के इतने सालों बाद भी वहाँ के हुक्मरानों को यह समझ नहीं आया कि कभी भी "लॉटरी माइंडसेट" के साथ देश नहीं बनते। लॉटरी माइंडसेट मतलब—आतंकवाद के नाम पर लड़ाई के जरिए अमेरिका से पैसा मिल जाए, चीन को कॉरिडोर बनाने के लिए अपना देश दे दो ताकि वहाँ से पैसा आ जाए, यहाँ-वहाँ खुदाई करवा लो ताकि कहीं से कोई गैस या सोना मिल जाए।
ऐसा नहीं है कि यह काम बाकी मुल्क नहीं करते, मगर आप पाकिस्तान के आर्थिक विकास से जुड़ी ख़बरें इंटरनेट पर पढ़ें, तो आपको पता लगेगा कि इसके अलावा उनकी कोई और रणनीति (strategy) नहीं है।इन सालों में न उन्होंने संस्थानों में निवेश (investment) किया, न अपनी कोई स्वतंत्र विदेश नीति (independent foreign policy) बनाई, न लोकतंत्र को मज़बूत किया, न किसी संवैधानिक संस्थान को खड़ा होने दिया।
पाकिस्तान की सेना और सेना की चुनी हुई सरकारों ने पिछले 77 सालों से वहाँ की आवाम को सिर्फ मज़हब की अफीम चटाकर मूर्ख बनाया, और लोग खुशी-खुशी मूर्ख बनते भी रहे। पूरे मुल्क में नेताओं से लेकर खिलाड़ियों तक हर कोई इसी कोशिश में रहता है कि कैसे हर बार खुद को धर्म का रक्षक बनाकर लोगों की सहानुभूति बटोरी जाए। वरना ऐसा कैसे हो सकता है कि पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के खिलाड़ी और कप्तान भी एथलीट की तरह कम और मौलवियों की तरह ज़्यादा बर्ताव करते हैं?
पीएसएल के दौरान बाहर से आए खिलाड़ियों को "कन्वर्ट" करने की कोशिश करते हैं। कोचिंग देने आए मैथ्यू हेडन को कन्वर्ट करने की बातें होती हैं। इंग्लैंड खेलने जाते हैं, तो वहाँ के खिलाड़ियों को कन्वर्ट करने का प्रयास किया जाता है। इमरान खान कहते थे कि हिंदुस्तान से हर मैच हमारे लिए "जिहाद" की तरह होता था। इस टूर्नामेंट से पहले खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ कह रहे थे कि "तुम्हें हर हाल में हिंदुस्तान को हराना होगा।" क्या किसी मुल्क का प्रधानमंत्री किसी एक देश का नाम लेकर इस तरह की बातें करता है?
अब ऐसा कैसे हो सकता है कि जब मुल्क के तौर पर आपके पास तरक्की करने को लेकर कोई रोडमैप न हो, और आपकी टीम 2025 में भी यह सोचती हो कि हम धार्मिक जुनून के दम पर जीत जाएंगे? फिर आपका वही हश्र होगा, जो हो रहा है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि 80 और 90 के दशक में जब तक खेलों में तकनीक नहीं आई थी, जब तक स्पोर्ट्स उतना डिमांडिंग नहीं हुआ था, तब तक जोश और जज़्बे से भी काम चल जाता था। लेकिन हॉकी से लेकर क्रिकेट तक जैसे-जैसे खेल प्रतिस्पर्धात्मक (competitive) होते गए और उनमें तकनीक का दखल बढ़ता गया, तो पाकिस्तान की टीम पीछे छूटती गई। उनकी हॉकी टीम तो ख़त्म हो चुकी है, और क्रिकेट टीम भी लगभग उसी स्थिति में पहुँच चुकी है—क्योंकि आज भी वे 30-40 साल पुराने माइंडसेट में जी रहे हैं कि "हममें तो बहुत जज़्बा है।"
ठीक इसी माइंडसेट के चलते पाकिस्तान भारत से चार-चार जंगें भी हार चुका है। जैसा कि पाकिस्तानी सीनियर पत्रकार हसन निसार कहते हैं, "पाकिस्तान ने चारों जंगें भारत पर थोपी हैं।" क्योंकि अरसे तक ये लोग इस माइंडसेट में जीते रहे कि "एक-एक मुसलमान चार-चार हिंदुओं को परास्त कर देगा।" मगर इन लोगों ने यह नहीं सोचा कि आज कोई 1650 वाले तरीकों से हाथों से लड़ाई नहीं लड़ी जा रही। आज युद्ध तकनीक से लड़े जाते हैं, न कि हाथ से। और यही समझने वाली बात है—कोई भी देश अगर तरक्की करना चाहता है, तो उसे तकनीकी विकास (technological advancement) करना होगा।
तकनीकी विकास तब होगा, जब देश का मिज़ाज (temperament) वैज्ञानिक होगा।वैज्ञानिक सोच अपनाने में सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि जैसे ही आप इसे अपनाना शुरू करते हैं, तो सबसे पहले आपको अपने ही मज़हबी विश्वास दकियानूसी लगने लगते हैं और वे आपसे छूटने लगते हैं। और जो भी मुल्क या समाज इस धार्मिक कट्टरता की गर्त में धंसे रहना चाहता है, वह खुद को विज्ञान और तकनीक के जाल में फंसने ही नहीं देता।
यही सबसे बड़ा विरोधाभास (paradox) है। आप कट्टर बने रहकर उस चीज़ में विजेता बनना चाहते हैं, जिसकी पहली शर्त ही यह है कि आप कट्टरता त्याग कर विज्ञान को अपनाएँ। मगर आप अपनी धार्मिक कट्टरता की गुनूदगी में इतने मदहोश हैं कि न आप सच देख पा रहे हैं, न सुन पा रहे हैं... बस हैरान हुए जा रहे हैं कि "ऊपरवाला हमारे साथ यह क्या कर रहा है !"
( यह लेखक के निजी विचार हैं ) साभार - फेसबुक
दिल्ली लगातार छठे साल दुनिया में सबसे प्रदूषित राजधानी बनी हुई है। वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2024 के अनुसार, दिल्ली प्रदूषण के मामले में इस साल भी पहले स्थान पर है।
दिल्ली लगातार छठे साल दुनिया में सबसे प्रदूषित राजधानी बनी हुई है। स्विट्जरलैंड की वायु गुणवत्ता प्रौद्योगिकी कंपनी आईक्यू एयर की वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2024 के अनुसार, दिल्ली प्रदूषण के मामले में इस साल भी पहले स्थान पर है।
शहरों की श्रेणी में एनसीआर के लोनी, नोएडा और ग्रेटर नोएडा भी सबसे प्रदूषित हैं। इस जानकारी के सामने आने के बाद, वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर अपना क्रोध प्रकट किया। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, यह हमारे लिए शर्म की बात है भारत की राजधानी दिल्ली विश्व की सबसे अधिक प्रदूषित राजधानी है।
इससे युद्ध स्तर पर निपटने की आवश्यकता है वर्ना आने वाली पीढ़ियाँ हमें कभी क्षमा नहीं करेंगी। आपको बता दें, 2024 में पीएम 2.5 के स्तर में सात प्रतिशत गिरावट देखी गई है। दुनिया के टॉप-20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 भारत में हैं। असम का बर्नीहाट इस सूची में सबसे ऊपर है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के चार और चीन का एक शहर शीर्ष-20 प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
यह हमारे लिए शर्म की बात है भारत की राजधानी दिल्ली विश्व की सबसे अधिक प्रदूषित राजधानी है। इससे युद्ध स्तर पर निपटने की आवश्यकता है वर्ना आने वाली पीढ़ियाँ हमें कभी क्षमा नहीं करेंगी।
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) March 12, 2025
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। संगठन ने दावा किया है कि उसने 214 यात्रियों के बंधक बना लिया है।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया गया। जिसमें करीब 500 लोग सवार थे। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। संगठन ने दावा किया है कि उसने 214 यात्रियों के बंधक बना लिया है और पाकिस्तानी सेना के 30 जवानों को मौत के घाट उतार दिया है।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार आदित्य राज ने भी अपने सोशल मीडिया से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, उम्मीद है कि पाकिस्तानी सेना का आईएसपीआर हमेशा की तरह आज भी बलूचिस्तान ट्रेन हमले में अपनी हताहत संख्या को छिपाएगा।
पाकिस्तानी सेना को 30 से अधिक हताहतों का सामना करना पड़ा। उन सैनिकों के लिए दुख की बात है जो अज्ञात मौत मरते हैं, भले ही वे वीरता के साथ बहादुर-हृदय सैनिक के रूप में मरने के लिए साइन अप करते हैं।
आपको बता दें, अलगावादी समूह ने अपनी मांगों में कहा है कि बलूच राजनीतिक कैदियों और राष्ट्रीय प्रतिरोध कार्यकर्ताओं को बिना शर्त रिहा किया जाए। इसके बदले में वे बंधकों को छोड़ने को तैयार है और इसके लिए उन्होंने 48 घंटे की समय सीमा तय की है।
Expect Pakistan Army’s ISPR like always to hide their causality numbers in the Balochistan Train attack today. Over 30 casualties faced by Pakistani Military. Sad for those soldiers who die a death of unknown even though they sign up to die as brave-heart soldiers with valour.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) March 11, 2025
पॉइंट्स टेबल में फिलहाल दिल्ली कैपिटल्स की टीम पहले पायदान पर बनी हुई है। दिल्ली कैपिटल्स ने 8 मैचों में से 5 में जीत और 3 में हार का सामना किया।
महिला प्रीमियर लीग के लिए तीन टीमें क्वालीफाई कर चुकी हैं। जिसमें दिल्ली कैपिटल्स, मुंबई इंडियंस और गुजरात जायंट्स की टीमें शामिल हैं। इनमें से 2 टीमों के सभी लगी मैच पूरे हो चुके हैं। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया से एक पोस्ट कर बीसीसीआई की तारीफ की है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, महिला प्रीमियर लीग को पर इतना ध्यान और समर्थन देने के लिए आभार। महिलाओं को इतना अच्छा प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलते देखने के लिए दूधिया रोशनी में मुंबई के ऐतिहासिक ब्रेबॉर्न स्टेडियम में भीड़ को आते देखना बहुत अच्छा लगा।
आईपीएल ने पुरुषों के लिए जो किया है, डब्ल्यूपीएल हमारी महिला क्रिकेटरों के लिए करने के लिए तैयार है। नारी शक्ति। आपको बता दें, पॉइंट्स टेबल में फिलहाल दिल्ली कैपिटल्स की टीम पहले पायदान पर बनी हुई है। दिल्ली कैपिटल्स ने 8 मैचों में से 5 में जीत और 3 में हार का सामना किया। फिलहाल दिल्ली के 10 अंक और +0.396 का नेट रनरेट है। दूसरी तरफ मुंबई इंडियंस की टीम पॉइंट्स टेबल में दूसरे पायदान पर बनी हुई है।
पहली बार एक्स दोपहर 3:30 बजे के आसपास आधे घंटे के लिए डाउन हुआ। फिर शाम को 7 बजे से एक घंटे डाउन रहा। इसके बाद रात 8:30 से 10:30 बजे तक बंद रहा।
दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी इलॉन मस्क ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के डाउन होने के पीछे यूक्रेन का हाथ है। सोमवार को एक्स तीन बार डाउन हुआ था। मस्क ने फॉक्स न्यूज पर कहा, हमें ठीक से पता नहीं है कि क्या हुआ था, लेकिन एक्स सिस्टम को ध्वस्त करने के लिए बड़े स्तर पर यूक्रेन एरिया से ओरिजिनेट IP एड्रेस से साइबर हमला हुए।
पहली बार एक्स दोपहर 3:30 बजे के आसपास आधे घंटे के लिए डाउन हुआ। फिर शाम को 7 बजे से एक घंटे डाउन रहा। इसके बाद रात 8:30 से 10:30 बजे तक बंद रहा। आउटेज ट्रैकर वेबसाइट पर यूजर डेटा के अनुसार, थोड़े समय की गिरावट के बाद आउटेज रिपोर्ट की संख्या बढ़कर 26,579 हो गई।
दिन में यह संख्या 40,000 यूजर तक पहुंच गई। यूनाइटेड किंगडम में भी, 10,800 से ज़्यादा यूजर्स ने दिन में ही आउटेज की शिकायत की। हालांकि, इस आउटेज का कारण तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया। आपको बता दें, 27 अक्टूबर 2022 को इलॉन मस्क ने ट्विटर खरीदा था। ये डील 44 बिलियन डॉलर में हुई थी। आज के हिसाब से ये रकम करीब 3.84 लाख करोड़ रुपए होती है।