दोनों देशों के बीच चीन की राजधानी बीजिंग में बातचीत हुई थी, जिसके बाद ये समझौता हुआ। दरअसल चीन की मदद से ही दोनों देशों के बीच संबंध ठीक हो रहे हैं।
ईरान और सऊदी अरब ने बरसों पुरानी दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे का दोस्त बनाने का निर्णय लिया है। दोनों मुल्कों ने राजनयिक संबंध बहाल करने और दूतावासों को फिर से खोलने की बात कही है। दोनों देशों ने चीन की राजधानी बीजिंग में बैठकर शांति वार्ता की थी, जिसके बाद ये समझौता हुआ है।
दरअसल चीन की मदद से ही दोनों देशों के बीच संबंध ठीक हो रहे हैं। ईरानी मीडिया ने बैठक के कुछ वीडियो और फोटो शेयर किए हैं। इसमें सऊदी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मुसाद बिन मोहम्मद अल-ऐबन और चीन के सबसे वरिष्ठ राजनयिक वांग यी के साथ ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली शामखानी को देखा जा सकता है।
आपको बता दें कि दोनों इस्लाम के अलग-अलग पंथ को मानते हैं। ईरान में ज्यादातर शिया मुसलमान हैं, वहीं सऊदी अरब खुद को एक सुन्नी मुस्लिम शक्ति की तरह देखता है। इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश मिश्रा ने ट्वीट कर अपनी राय व्यक्त की है।
उन्होंने लिखा, दुनिया बदल रही है। ईरान और सऊदी अरब ने हाथ मिला लिया। दशकों की दुश्मनी आज दोस्ती में बदल गई। हतप्रभ करने वाली बात ये है की दोनो कट्टर दुश्मन मुल्कों की दोस्ती करवाई चीन ने। मिडिल ईस्ट में एक दूसरे के दुश्मन अब दोस्त बन रहे हैं। तुर्की से लेकर ईरान तक। सऊदी से कतर तक एक हो रहे हैं। उनके इस ट्वीट पर लोग जमकर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे है और यह वायरल हो रहा है।
वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश मिश्रा के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
दुनिया बदल रही है। ईरान और सऊदी अरब ने हाथ मिला लिया। दशकों की दुश्मनी आज दोस्ती में बदल गई। हतप्रभ करने वाली बात ये है की दोनो कट्टर दुश्मन मुल्कों की दोस्ती करवाई चीन ने। मिडिल ईस्ट में एक दूसरे के दुश्मन अब दोस्त बन रहे हैं। तुर्की से लेकर ईरान तक। सऊदी से कतर तक एक हो रहे हैं
— Brajesh Misra (@brajeshlive) March 10, 2023
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पत्रकार और एंकर अमन चोपड़ा ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो जारी किया और इस वीडियो में उन्होंने सवाल उठाए हैं कि क्या मेडल विसर्जन का पूरा कार्यक्रम सुनियोजित था।
महिला खिलाड़ियों के उत्पीड़न को लेकर बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों ने अपने मेडल्स को गंगा में बहाने का ऐलान किया था। बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक अपने मेडल्स को गंगा में प्रवाहित करने हरिद्वार पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने अपने मेडल विसर्जन के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है।
दरअसल भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता नरेश टिकैत पहलवानों से मिलने पहुंचे। उन्होंने पहलवानों से बात की, काफी देर तक उन्होंने पहलवानों को समझाया। इस बातचीत के दौरान पहलवान भावुक भी हुए। टिकैत ने अपने मन की बात कही। उन्होंने पहलवानों को यह भरोसा दिलाया कि वह उनको इंसाफ दिलाने के लिए, उन्हें न्याय दिलाने के लिए बात करेंगे। उन्होंने पहलवानों से 5 दिन का समय भी मांगा है।
नरेश टिकैत की बात मानने के बाद पहलवान करीब पौने 2 घंटे के बाद वापस दिल्ली लौट गए। इसी बीच वरिष्ठ पत्रकार और सीनियर एंकर अमन चोपड़ा ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो जारी किया और इस वीडियो में उन्होंने सवाल उठाए हैं कि क्या मेडल विसर्जन का पूरा कार्यक्रम सुनियोजित था।
वह वीडियो की शुरुआत में कहते हुए दिखाई देते हैं कि शाम को मेडल विसर्जन का कार्यक्रम था, इसके बाद नरेश टिकैत अचानक से प्रकट हो जाते हैं! पहनवालों से मेडल ले लेते हैं और उसके बाद उन्हें 5 दिन का समय दे देते हैं। 5 दिन के बाद हो सकता है कि मेडल विसर्जन का कार्यक्रम दोबारा किया जाए या नहीं किया जाए, उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं है।
वीडियो में वह आगे कहते हैं कि लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या मेडल विसर्जन का यह पूरा कार्यक्रम स्क्रिप्टेड तो नहीं था? उन्होंने वीडियो में आगे कहा कि उन्होंने इस मेडल विसर्जन के कार्यक्रम का पहले भी विरोध किया था क्योंकि व्यक्तिगत रूप से उनका यह मानना है कि मेडल किसी खिलाड़ी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं होती है, वह राष्ट्र के सम्मान में आपको मिलता है और वह राष्ट्र को रिप्रेजेंट करता है।
वरिष्ठ पत्रकार और सीनियर एंकर अमन चोपड़ा के द्वारा जारी वीडियो को आप यहां देख सकते हैं-
मेडल विसर्जन होना भी था या सब कुछ scripted था जिसके climax में टिकैत जी की sudden एंट्री ने अब suspense को और बढ़ा दिया है। pic.twitter.com/wTq8M2PT38
— Aman Chopra (@AmanChopra_) May 30, 2023
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राजनीतिक दल अपने समीकरण को बिठाने के लिए विधायक और सांसदों को किसी भी प्रकार का लालच देने से नहीं चूकते हैं।
2024 के आम चुनाव के पहले एक तरफ तो राजनीतिक दल विपक्षी एकता की बात कर रहे हैं, लेकिन दूसरी तरफ यदि उनके राज्यों की बात की जाए तो उनके अंदर वही एकता नहीं है। राजनीति में कब क्या हो जाए इसका अंदाजा तो बड़े-बड़े राजनीतिक पंडित में नहीं लगा सकते क्योंकि राजनीतिक दल अपने समीकरण को बिठाने के लिए विधायक और सांसदों को किसी भी प्रकार का लालच देने से नहीं चूकते हैं।
ऐसा ही कुछ मामला पश्चिम बंगाल में सामने आया जब कांग्रेस के एकमात्र विधायक बायरन विश्वास ममता बनर्जी की पार्टी में शामिल हो गए। अब एक तरफ तो दिल्ली में टीएमसी और कांग्रेस विपक्षी एकता की बात करते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हराने की बात करते हैं, लेकिन जब राज्य की बात आती है तो कांग्रेस के एकमात्र विधायक को भी ममता बनर्जी अपनी पार्टी में शामिल करा देती है।
इस घटना के बाद वरिष्ठ नेता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा कि इस प्रकार की जो खरीद-फरोख्त है वह बीजेपी के उद्देश्यों को पूरा करती है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की खरीद-फरोख्त जो पहले गोवा, मेघालय, त्रिपुरा और अन्य राज्यों में भी हो चुकी है इससे विपक्षी एकता कैसे मजबूत होगी?
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने भी ट्वीट किया और अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा कि दिल्ली में लोकतंत्र की रक्षा के लिए राहुल गांधी की कांग्रेस और ममता बनर्जी की टीएमसी मिलकर नई संसद भवन के लोकार्पण का बहिष्कार कर रहे थे लेकिन बंगाल में ममता दीदी ने लोकतंत्र की रक्षा करते हुए कांग्रेस को एक बार फिर से 0 पर पहुंचा दिया। सागरदीघे उपचुनाव जीतकर भी कांग्रेस इस चुनाव को हार चुकी है।
वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव के द्वारा किए गए इस पीठ को आप यहां देख सकते हैं-
दिल्ली में "लोकतंत्र" की रक्षा के लिए राहुल की कांग्रेस और ममता की टीमसी मिलकर नए #संसद_भवन के लोकार्पण का बहिष्कार कर रहे थे,उधर बंगाल में दीदी ने "लोकतंत्र" की रक्षा करते हुए कांग्रेस को एक बार फिर शून्य पर पहुंचा दिया।
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) May 30, 2023
सागरदीघे उपचुनाव जीतकर भी हार गई कांग्रेस। pic.twitter.com/sQIXmtvPWW
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पहलवानों ने यह कहा है कि वह अपने सारे जीते हुए पदक गंगा नदी में फेंक देंगे और इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठेंगे।
भारतीय कुश्ती संघ के निवर्तमान अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर महिला खिलाड़ियों के कथित यौन शोषण के आरोप लगे हुए हैं। उनके विरोध में पहलवान जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे थे लेकिन दिल्ली पुलिस के द्वारा हिरासत में लेकर उन्हें जंतर मंतर के धरना स्थल से हटा दिया गया।
सरकार की इस कार्यवाही के बाद पहलवानों ने अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का फैसला कर लिया है। आपको बता दें कि पहलवानों ने यह कहा है कि वह अपने सारे जीते हुए पदक गंगा नदी में फेंक देंगे और इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठेंगे। इस बात की जानकारी ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक ने ट्वीट करके दी है।
देश के पहलवानों ने 23 अप्रैल को बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर अपना आंदोलन शुरू किया था। इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार सुशांत झा ने भी ट्वीट कर अपनी राय व्यक्त की है।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि भाजपा सरकार विरोध प्रदर्शनों से निपटने में सक्षम नहीं है। उन्होंने लिखा कि जिस तरह से पहलवानों के साथ व्यवहार किया गया और मीडिया के सामने जो खराब दृश्य सामने आए वह नहीं आने चाहिए थे। किसानों के विरोध प्रदर्शन के समय भी ऐसा ही दृश्य लोगों के सामने आया था। ऐसा लगता है कि अरुण जेटली जैसे नेताओं के निधन के बाद कम्युनिकेशन की भारी कमी सरकार को परेशान कर रही है।
वरिष्ठ पत्रकार सुशांत झा के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
BJP govt is not capable to deal with protests.The way wrestlers were treated & bad press scenerio emerged, could be undone. Same happened wth farmers protests & others.
— सुशांत झा Sushant Jha (@jhasushant) May 30, 2023
It seems a huge deficit in communication mgt is marring the govt after the demise of leaders like Jaitley.
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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी दफ्तर में हुई इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने मीडिया के सामने बातचीत की
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इन दिनो विपक्षी दलों के नेताओं का समर्थन जुटा रहे हैं। दरअसल केंद्र सरकार के अध्यादेश को कानून बनने से रोकने के लिए इस समय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को विपक्षी नेताओं के समर्थन की बेहद आवश्यकता है।
इसी को लेकर उन्होंने लेफ्ट के नेता सीताराम येचुरी से भी मुलाकात की। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के दफ्तर में हुई इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने मीडिया के सामने बातचीत की और अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस को लेकर एक बयान दिया।
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सभी पार्टियों को एक साथ आना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा यदि कल राजस्थान के खिलाफ सरकार कोई ऐसा अध्यादेश लाती है तो वह निश्चित तौर से कांग्रेस सरकार का साथ देंगे। उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने ट्वीट कर बड़ी बात कही।
उन्होंने अरविंद केजरीवाल से पूछा कि आपकी यह सोच तो बिल्कुल सही है कि विपक्ष को एकजुट होकर सत्ता पक्ष से लोहा लेना चाहिए लेकिन गुजरात, पंजाब, हिमाचल और गोवा के चुनाव में आपकी यह सोच कहां चली गई थी। क्या आप यह कह रहे हैं कि अब राजस्थान के चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारेंगे? क्या मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा के चुनाव में आम आदमी पार्टी अपने उम्मीदवार खड़े नहीं करेगी?
उन्होंने आगे लिखा कि कांग्रेस को यह भरोसा दे दीजिए और विपक्षी एकजुटता की बात कीजिए! क्या कर सकेंगे? पूरे विपक्ष में यही तो सबसे बड़ी चुनौती है हर किसी को अपने अपने किले की पड़ी है, देश के बारे में कौन सोच रहा है। आगे उन्होंने यह भी लिखा कि अब तो आम आदमी पार्टी नेशनल पार्टी बन गई है।
वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार के द्वारा किए गए ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
केजरीवाल - मुद्दा केजरीवाल का नहीं है, मुद्दे पूरे देश का है। 140 करोड़ भारतीयों का है, अब #Congress को तय करना है कि वो देश के साथ खड़ी है या #BJP के साथ, हम सबको एकजुट होकर #BJP का मुक़ाबला करना चाहिये। पत्ते की बात कही आपने #Kejriwal जी। विपक्ष को एकजुट होकर सत्ता पक्ष से लोहा… https://t.co/hGvk5me0lS
— Ajay Kumar (@AjayKumarJourno) May 30, 2023
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सोशल मीडिया पर जो प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है वह इस प्रकार की धारणाओं को और भी बल दे रही है लेकिन वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई को ऐसा नहीं लगता है।
राजधानी दिल्ली में एक मोहम्मद साहिल नाम के लड़के ने अपनी दोस्त साक्षी की सिर्फ इसलिए हत्या कर दी क्योंकि उसने उससे बात करना बंद कर दिया था। हालांकि मोहम्मद साहिल को पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन उसके बाद जो तस्वीर सामने आई है वह कई सवाल खड़े कर रही है।
दरअसल साहिल के हाथ में कलावा बंधा हुआ है जो कि हिंदू धर्म में एक पवित्र रक्षा सूत्र की तरह माना जाता है। इस फोटो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर यह सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या साक्षी ने जब मोहम्मद साहिल से दोस्ती की थी तो क्या उसको पता था कि वह मुस्लिम है?
सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे के मुताबिक यह लव जिहाद का भी मामला हो सकता है। सोशल मीडिया पर जो प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है वह इस प्रकार की धारणाओं को और भी बल दे रही है लेकिन वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई को ऐसा नहीं लगता है।
उन्होंने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि मोहम्मद साहिल ने नाबालिग लड़की को मारा और उसकी हत्या कर दी। उन्होंने आगे लिखा कि इससे भी ज्यादा हैरानी की बात यह है कि उस गली से लोग जब गुजर रहे थे तो किसी ने भी मोहम्मद साहिल को रोकने की कोशिश नहीं की। यह भयानक है, आगे राजदीप सरदेसाई लिखते हैं कि हमें यह भी नहीं भूलना चाहिए कि सिर्फ 3 महीने पहले एक और साहिल गहलोत ने अपनी गर्लफ्रेंड नेहा की हत्या कर उसकी लाश को फ्रीज में ठूस दिया था इसलिए पागलपन से लव जिहाद चिल्लाने से पहले यह स्पष्ट करें कि अपराधी सभी समुदायों में है और सभी को इस मामले में कानून के मुताबिक सजा मिलनी चाहिए।
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
Delhi shocker: a young man Mohammad Sahil stabbed a minor girl Sakshi several times, kicked and eventually bludgeoned her to death with a stone . What is even more shocking is that people were passing by the lane and no one even tried to stop it. Just awful. Don’t also forget…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) May 29, 2023
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वारदात को अंजाम देने वाले लड़के का नाम साहिल है जिसे दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से गिरफ्तार कर लिया है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के शाहबाद डेयरी इलाके से एक ऐसी सनसनीखेज हत्या की वारदात सामने आई है जिसे देखकर लोगों के रोंगटे खड़े हो गए हैं। एक नाबालिग हिंदू लड़की की उसके बॉयफ्रेंड ने 21 बार चाकू से गोदकर हत्या कर दी।
चाकू से वार करने के बाद आरोपी ने पत्थर से भी लड़की को बार-बार कुचला और इस दौरान वहां मौजूद लोग तमाशबीन बने रहे और किसी ने भी मासूम नाबालिग को बचाने की कोशिश नहीं की।
वारदात को अंजाम देने वाले लड़के का नाम साहिल है, जिसे दिल्ली पुलिस ने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से गिरफ्तार कर लिया है। इस पूरे मामले पर पत्रकार प्रदीप भंडारी ने ट्वीट कर बड़ी साजिश की आशंका व्यक्त की है।
उन्होंने लिखा, 16 साल की मासूम नाबालिग साक्षी की बेरहमी से हत्या करने वाले के हाथ में कलावा है और उस 20 साल के दरिन्दे का नाम है 'मुहम्मद साहिल' उर्फ 'सरफराज'! कहीं ऐसा तो नहीं की बच्ची को मालूम ही नहीं था कि वह जिसके साथ रिलेशन में है, वो एक मुस्लिम है? और उसको गुमराह कर इसने अपने जाल में फंसाया हो और जब उसको सच्चाई मालूम चल गयी, तो उसकी हत्या कर दी? क्या ये लव जिहाद का केस है? क्या ये एक सुनियोजित साजिश है? सवाल तो खड़े होते हैं।
देश की राजधानी दिल्ली में हुए इस वीभत्स हत्याकांड के बाद लड़की की मां का बयान भी सामने आया है। लड़की की मां का कहना है कि आरोपी को फांसी की सजा मिलनी चाहिए। लड़की की मां ने यह भी बताया कि वह पिछले 10 दिनों से अपनी एक दोस्त के घर में रह रही थी और उस नाबालिग लड़की ने इसी साल दसवीं की परीक्षा भी पास की थी।
पत्रकार प्रदीप भंडारी के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
16 साल की मासूम नाबालिक साक्षी की बेरहमी से हत्या करने वाले के हाथ में कलावा है और उस 20 साल के दरिन्दे का नाम है 'मुहम्मद साहिल' उर्फ़ 'सरफ़राज़'
— Pradeep Bhandari(प्रदीप भंडारी)?? (@pradip103) May 29, 2023
कहीं ऐसा तो नहीं की बच्ची को मालूम ही नहीं था की वो जिसके साथ रिलेशन में है वो एक मुस्लिम है?
और उसको गुमराह कर इसने अपने जाल में… pic.twitter.com/w1kfjUyfmQ
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साहिल लगातार 16 वर्षीय लड़की पर चाकू से वार करता दिख रहा है। वह पत्थर से भी नाबालिग को कुचलता है।
राजधानी दिल्ली से बेहद सनसनीखेज वारदात सामने आई है। शाहबाद डेयरी इलाके में एक युवक ने नाबालिग लड़की को चाकू और पत्थर से वार कर मौत के घाट उतार दिया। आरोपी की पहचान साहिल पुत्र सरफराज के रूप में हुई है।
घटना का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें साहिल लगातार 16 वर्षीय लड़की पर चाकू से वार करता दिख रहा है। वह पत्थर से भी नाबालिग को कुचलता है। वीडियो इतना विभत्स है कि देखकर दिल कांप जाए। इस घटना पर वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश सिंह ने ट्वीट कर अपनी पीड़ा और रोष व्यक्त किया है।
उन्होंने लिखा, हर साहिल के पीछे पूरी जमात खड़ी है जो वहशियाना मानसिकता को जन्म देती है, उसे संरक्षण देती है और पूरी ताकत से उसे कानून के कमजोर सीखचों से छुड़ाने का काम करती है! साहिल कोई अकेला नहीं है, उसे अकेले गाली देकर कोई फायदा नहीं, इस देश में सेक्युलरिज्म भी अपराधी का चेहरा देखकर चलती है!
आपको बता दें कि किसी ने भी साहिल को रोकने की कोशिश तक नहीं की। पुलिस टीम को लड़की का शव सड़क पर मिला। बताया जा रहा है कि नाबालिग जेजे कॉलोनी की रहने वाली थी। जब वह रविवार शाम बर्थडे पार्टी में जा रही थी, तब अचानक साहिल ने उसे रोका और हमला कर दिया।
वरिष्ठ पत्रकार ब्रजेश सिंह के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
हर साहिल के पीछे पूरी जमात खड़ी है जो वहशियाना मानसिकता को जन्म देती है, उसे संरक्षण देती है और पूरी ताकत से उसे कानून के कमजोर सीखचों से छुड़ाने का काम करती है! साहिल कोई अकेला नहीं है, उसे अकेले गाली देकर कोई फायदा नहीं, इस देश में सेक्युलरिज्म भी अपराधी का चेहरा देखकर चलती है!
— Brajesh Kumar Singh (@brajeshksingh) May 29, 2023
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महाकाल लोक में मूर्तियां गिरने की जानकारी लगते ही उज्जैन शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया और अन्य पदाधिकारी तुरंत महाकाल लोक पहुंचे।
मध्य प्रदेश के उज्जैन में बिगड़े मौसम का असर महाकाल लोक पर भी पड़ा है। आंधी के कारण महाकाल लोक की कुछ मूर्तियां गिर गईं। महाकाल लोक में लगीं सप्तऋषि की सात मूर्तियों में से छह गिरी हैं।
हालांकि कलेक्टर ने शीघ्र ही इसे ठीक करवाने की बात कही है। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध ने ट्ववीट कर अपनी राय व्यक्त की है।
उन्होंने लिखा, भ्रष्टाचारी भगवान के काम में भी नहीं बाज आते, बाबा की लाठी जिस दिन पड़ेगी उस दिन सारा भ्रष्टाचार भूल जाएंगे।
आपको बता दें कि महाकाल लोक में सप्तऋषि की सात में से छह प्रतिमा हवा के कारण नीचे गिर पड़ी, जिनमें से एक मूर्ति की गर्दन टूट गई जबकि दो मूर्तियों के हाथ टूटे हैं। साथ ही कुछ मूर्तियों के सिर पर दरार भी आ गयी है। महाकाल लोक में मूर्तियां गिरने की जानकारी लगते ही उज्जैन शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया और अन्य पदाधिकारी तुरंत महाकाल लोक पहुंचे, जहां उन्होंने आरोप लगाया कि इन मूर्तियों के निर्माण में करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है।
वरिष्ठ पत्रकार ऋचा अनिरुद्ध के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
भ्रष्टाचारी भगवान के काम में भी नहीं बाज़ आते... बाबा की लाठी जिस दिन पड़ेगी उस दिन सारा भ्रष्टाचार भूल जाएंगे ?♀️ https://t.co/gNkCHJtsGD
— richa anirudh (@richaanirudh) May 29, 2023
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अभी नया संसद भवन देखा। पहले जब पार्लियामेंट हाउस जाते थे, तो हम कहते थे, देखो अंग्रेजों ने कितनी जबर्दस्त बिल्डिंग बनाई।
पीएम मोदी ने देश को नया संसद भवन समर्पित किया है। इस मौके पर उन्होंने नए संसद भवन में पहली बार संबोधन दिया। उन्होंने कहा, 'देश की विकास यात्रा में कुछ पल अमर हो जाते हैं। 28 मई 2023 का यह दिन ऐसा ही शुभ अवसर है। कांग्रेस समेत एक दर्जन से अधिक विपक्षी पार्टियां इस समारोह में शामिल नहीं हुए। इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने ट्वीट कर इस कदम को गलत और अनुचित बताया।
उन्होंने लिखा, नई संसद के उद्घाटन समारोह में शामिल होकर लगा सभी दलों के नेता यहां होते, तो और अच्छा होता। संसद देश की होती है और प्रधानमंत्री किसी एक पार्टी के नहीं होते। उद्घाटन कौन करता है, इससे क्या फर्क पड़ता है? बेकार में इतना बड़ा इश्यू बनाया। बहिष्कार से मोदी का क्या गया? नुकसान तो विपक्ष का हुआ।
अपने एक और ट्वीट में उन्होंने लिखा, अभी-अभी नया संसद भवन देखा। पहले जब पार्लियामेंट हाउस जाते थे, तो हम कहते थे, देखो अंग्रेजों ने कितनी जबर्दस्त बिल्डिंग बनाई। हमारे बस का तो कुछ नहीं। वो जो बना गये, सो बना गये, लेकिन आज लगा अब अंग्रेज भी कहेंगे, हिन्दुस्तानियों ने कितनी कमाल की पार्लियामेंट बनाई। अब तक हम अंग्रेजों और मुगलों के बनाये भवन और महल देखते थे। मुझे गर्व है, आज ये बदल गया। खुशी है कि मुझे इस नई पहल का साक्षी बनने का अवसर मिला।
वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा के द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां देख सकते हैं-
अभी अभी नया संसद भवन देखा. पहले जब पार्लियामेंट हाउस जाते थे, तो हम कहते थे, देखो अंग्रेजों ने कितनी ज़बर्दस्त बिल्डिंग बनाई. हमारे बस का तो कुछ नहीं. वो जो बना गये, सो बना गये. लेकिन आज लगा अब अंग्रेज भी कहेंगे, हिंदुस्तानियों ने कितने कमाल की पार्लियामेंट बनाई. अब तक हम…
— Rajat Sharma (@RajatSharmaLive) May 28, 2023
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वरिष्ठ पत्रकार जयदीप कर्णिक ने लिखा कि ये भवन राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रतीक है और इससे प्रेरणा लेनी चाहिए।
देश को नया संसद भवन मिल चुका है। पीएम मोदी ने पूरे विधि-विधान से इसका शुभारंभ किया। नए भवन में लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। नई संसद को लेकर देश में राजनीति भी खूब हुई।
इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार जयदीप कर्णिक ने लिखा कि ये भवन राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रतीक है और इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। अपनी एक फेसबुक पोस्ट में जयदीप कर्णिक ने लिखा, नई संसद के उद्घाटन को लेकर पक्ष-विपक्ष, तर्क-वितर्क, सारे वाद-विवाद एक तरफ। महत्वपूर्ण बात ये है कि ये भवन इस बात का प्रतीक है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति होती क्या है? सरकार ठान ले तो क्या कर सकती है?
जहां एक ओर एक फ्लायओवर बनने में पांच साल से ज्यादा लग जाते हैं, जहां देश के कई गांव आज भी बिजली और साफ पानी को तरस रहे हैं, कई गली मोहल्लों की सड़कों पर केवल एक गड्ढा भरे जाने के लिए आवेदन पर आवेदन होने के बाद भी गड्ढा जस का तस है, जहां कई सरकारी स्कूल और अस्पताल अपनी टपकती छत और टूटे दरवाजों के ठीक होने का इंतजार कर रहे हों, वहां इतना भव्य और दिव्य संसद भवन, इतनी सुविधाओं और इतनी आधुनिकता के साथ केवल दो साल में बन जाना वाकई काबिल-ए-तारीफ है।
ये अद्भुत और प्रशंसनीय है। हर राजनीतिक दल, हर सरकार, हर राजनेता, हर मुख्यमंत्री, हर मंत्री, हर अधिकारी अगर इससे सबक ले और अपने-अपने क्षेत्र की हर परियोजना को इसी संकल्प शक्ति, इसी इच्छाशक्ति, इसी गति से पूरा करे तो सोचिए ये देश अगले कुछ ही सालों में कहां होगा? अगर ऐसा हो पाया तो ही हमारे लोकतंत्र का ये मंदिर, हमारी जम्हूरियत का ये सबसे बड़ा मरकज अपने सही उद्देश्यों को प्राप्त कर सकेगा।
वरिष्ठ पत्रकार जयदीप कर्णिक की इस फेसबुक पोस्ट को आप यहां देख सकते हैं-
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