इस रिपोर्ट में सामने आया है कि सामान्य वर्ग में हिंदू की चार और मुसलमानों की तीन जातियों में सबसे खराब हाल भूमिहारों का है।
बिहार में 2 अक्टूबर को जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी की गई थी। 7 नवंबर को इसी जनगणना से जुड़े आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट जारी हुई। जनगणना के आंकड़े जारी करने के बाद से पिछड़ी जातियों का आरक्षण बढ़ाने की मांग उठने लगी थी। अब आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट ने सरकार को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। इस रिपोर्ट में सामने आया है कि सामान्य वर्ग में हिंदू की चार और मुसलमानों की तीन जातियों में सबसे खराब हाल भूमिहारों का है। भूमिहारों में 27.58 प्रतिशत परिवार गरीब हैं।
इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बड़ी बात कही है। उन्होंने लिखा, 'बिहार में जिस दिन जातीय जनगणना के आंकड़े आए थे, उसके दूसरे दिन ही आर्थिक आधार पर जातियों की स्थिति भी बताना था, लेकिन बिहार सरकार सांसत में आ गई। आंकड़े जारी नहीं किए गए, अब कह रहे हैं कि, जल्द जारी करेंगे। दरअसल, हड़बड़ी में जातीय जनगणना के आंकड़े जारी करने के पीछे वजह थी कि, किसी तरह जातीय विभाजन, द्वेष हो, उस तरह से नहीं हो सका। अब आर्थिक स्थिति बताने वाले आंकड़े बिहार की सरकार के साथ देश भर में जातीय जनगणना को सबसे जरूरी बताने वालों को परेशान कर सकती है। बेहतर होता कि हर सरकार योजनाओं में भेदभाव इस तरह से समाप्त करती कि जातीय आधार पर भेद की बात हो ही न पाती, लेकिन ऐसा हो न सका।'
आपको बता दें कि सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से गरीबों की श्रेणी में सबसे कम 13.83 प्रतिशत परिवार कायस्थ जाति के हैं। जाति आधारित गणना में सामान्य वर्ग के परिवारों की संख्या 43.28 लाख बताई गई है।
#Bihar में जिस दिन जातीय जनगणना के आंकड़े आए थे, उसके दूसरे दिन ही आर्थिक आधार पर जातियों की स्थिति भी बताना था, लेकिन बिहार सरकार सांसत में आ गई। आंकड़े जारी नहीं किए गए, अब कह रहे हैं कि, जल्द जारी करेंगे। दरअसल, हड़बड़ी में जातीय जनगणना के आंकड़े जारी करने के पीछे वजह थी कि,…
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी ??Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) November 6, 2023
मोदी जो कह रहे हैं वो प्रभावित इसलिए करता है क्योंकि उस में कुछ बनावटी नहीं लगता, और अपने लिए उपयोगी इसलिए महसूस होता है क्योंकि मोदी की उपलब्धियाँ उसका प्रमाण हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ज़ेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ अपने पहले पॉडकास्ट में कई मुद्दों पर खुलकर बात की। सोशल मीडिया पर उनका यह पॉडकास्ट चर्चा का विषय बना हुआ है। इस बीच पत्रकार और एंकर गौरव शर्मा ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की और अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने एक्स पर लिखा, पीएम मोदी का पॉडकास्ट पूरा सुना और समय निकाल कर आप भी सुनिए। देश समाज या अपने लिए भी कुछ अच्छा और बड़ा करना चाहते हैं तो इसमें आपको बहुत सारे मंत्र और टिप्स मिलेंगे। मोदी जो कह रहे हैं वो प्रभावित इसलिए करता है क्योंकि उस में कुछ बनावटी नहीं लगता, और अपने लिए उपयोगी इसलिए महसूस होता है क्योंकि मोदी की उपलब्धियाँ उसका प्रमाण हैं।
आपको बता दें, पीएम मोदी ने कहा कि तीसरे टर्म में मेरी सोच बदल गई है। मेरा मनोबल ऊंचा है। मैं विकसित भारत के लिए 2047 तक सभी समस्याओं का समाधान चाहता हूं। सरकारी योजनाओं की 100% डिलीवरी होनी चाहिए। यही वास्तविक सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता है। इसके पीछे प्रेरक शक्ति है - AI- 'एस्पिरेशनल इंडिया'।
पीएम मोदी का पॉडकास्ट पूरा सुना और समय निकाल कर आप भी सुनिए। देश समाज या अपने लिए भी कुछ अच्छा और बड़ा करना चाहते हैं तो इसमें आपको बहुत सारे मंत्र और टिप्स मिलेंगे। मोदी जो कह रहे हैं वो प्रभावित इसलिए करता है क्योंकि उस में कुछ बनावटी नहीं लगता, और अपने लिए उपयोगी इसलिए महसूस…
— Saurav Sharmma (@journosaurav) January 12, 2025
बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जिन्होंने किसी कालखंड में किसी दबाव में आकर उनके पूर्वजों ने उपासना विधि के रूप में इस्लाम स्वीकार किया था, लेकिन वे भारत की परंपरा पर गौरव की अनुभूति करते हैं।
प्रयागराज की पावन धरती पर पौष पूर्णिमा यानी 13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत हो रही है। इस बीच आजतक ने प्रयागराज महाकुंभ में 'धर्मसंसद' का आयोजन किया। इस मंच पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रयागराज में सबका स्वागत है लेकिन कुत्सित मानसिकता है तो यहां मत आइये।
सीएम योगी ने प्रयागराज महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री को लेकर आजतक के कार्यक्रम 'धर्मसंसद' में पूछे गए सवाल पर कहा, जो अपने को भारतीय मानता है। भारतीय सनातन परंपरा पर श्रद्धा का भाव रखता है। बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जिन्होंने किसी कालखंड में किसी दबाव में आकर उनके पूर्वजों ने उपासना विधि के रूप में इस्लाम स्वीकार किया था, लेकिन वे भारत की परंपरा पर आज भी गौरव की अनुभूति करते हैं।
अपने गौत्र को भारत के ऋषियों के नाम से जोड़कर देखते हैं। पर्व और त्योहारों में उनकी भागेदारी उसी रूप में होती है। वो लोग अगर परंपरागत रूप से संगम में स्नान करने के लिए आते हैं तो कोई बुराई नहीं है।
सीएम योगी ने आगे कहा, महाकुंभ में कोई भी आ सकता है। महाकुंभ ऐसी जगह है, जहां जाति-पंथ की दीवारें समाप्त हो जाती हैं। जहां किसी प्रकार के भेदभाव के लिए कोई स्थान नहीं होता है।
महाकुंभ संस्कृति और सनातन परंपराओं की अनमोल झलक है। 2025 का प्रयागराज महाकुंभ कई मायनों में खास है। इसकी भव्यता कई रिकॉर्ड तोड़ने वाली है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और पीएम मोदी को प्रयागराज कुंभ मेले में आने का निमंत्रण दिया है। महाकुंभ में इस साल 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है।
वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया ने भी इस आयोजन को अपने आप में भव्य आयोजन बताया है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल से एक पोस्ट कर लिखा, महाकुंभ संस्कृति और सनातन परंपराओं की अनमोल झलक है। 2025 का प्रयागराज महाकुंभ कई मायनों में खास है। इसकी भव्यता कई रिकॉर्ड तोड़ने वाली है।
इस बार महाकुंभ में जहां करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लगभग 3,00,000 से 4,00,000 इंटरनेशनल टूरिस्ट्स कुंभ मेले में आ सकते हैं। इस महापर्व में दुनिया की कुल आबादी के 5% के बराबर लोग एक ही शहर में इकट्ठा हो रहे हैं।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या पाकिस्तान की कुल जनसंख्या का दोगुनी होगी, जबकि रूस की आबादी की तीन गुना आदमी प्रयागराज पहुंच रहा है। कुंभ में आईपीएल से भी 10 गुना ज्यादा कमाई हो रही है। एक देश की सुरक्षा जितनी व्यवस्था एक शहर में देखने को मिलेगी। सनातनी श्रद्धा का महाकुंभ अपने आप में गजब का भव्य आयोजन है।
आपको बता दें, इससे पहले सीएम योगी ने 30 दिसंबर 2024 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के राष्ट्रीय प्रमुख जेपी नड्डा, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मिलकर प्रयागराज कुंभ मेले में आने का निमंत्रण दिया था।
महाकुंभ संस्कृति और सनातन परंपराओं की अनमोल झलक है. 2025 का प्रयागराज महाकुंभ कई मायनों में खास है. इसकी भव्यता कई रिकॉर्ड तोड़ने वाली है. इस बार महाकुंभ में जहां करीब 45 करोड़ श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, लगभग 3,00,000 से 4,00,000 इंटरनेशनल…
— Deepak Chaurasia (@DChaurasia2312) January 10, 2025
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर यह गठबंधन केवल संसद चुनावों तक सीमित था, तो इसे भंग कर देना चाहिए।
दिल्ली विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच चल रही तकरार पर टिप्पणी करते हुए जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर यह गठबंधन केवल संसद चुनावों तक सीमित था, तो इसे भंग कर देना चाहिए। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय दी है।
उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर लिखा कि इस गठबंधन का कोई आधार नहीं है। उन्होंने एक्स पर लिखा, कांग्रेस के जितने सहयोगी दल हैं, वे उसकी ही राजनीतिक जमीन पर कब्जा कर उभरे हैं। उनकी मजबूती कांग्रेस की कमजोरी पर निर्भर है और कांग्रेस की भलाई इसमें है कि वह सहयोगी दलों के वोट बैंक पर कब्जा करे।
इंडिया ब्लॉक उन दलों का जमावड़ा है, जिनमें केर-बेर का संग है। आपको बता दें, जम्मू-कश्मीर के सीएम ने कहा, शायद दिल्ली के चुनाव जब समाप्त हो जाएं तो इंडिया गठबंधन के सभी दलों को बुलाया जाए और उस पर स्पष्टता हो। विपक्षी दलों में एकजुटता की कमी साफ तौर पर दिखाई दे रही है।
कांग्रेस के जितने सहयोगी दल हैं, वे उसकी ही राजनीतिक जमीन पर कब्जा कर उभरे हैं। उनकी मजबूती कांग्रेस की कमजोरी पर निर्भर है और कांग्रेस की भलाई इसमें है कि वह सहयोगी दलों के वोट बैंक पर कब्जा करे। I.N.D.I.A उन दलों का जमावड़ा है, जिनमें केर-बेर का संग है।
— Rajeev Sachan (@RajeevKSachan) January 9, 2025
मैं सभी संतो से प्रार्थन करूंगा कि वह जब जाएं तो अपने साथ यहां से किसी और को भी लेते जाए। यहां ऐसे लोग हैं, जिन्हें जो काम करना है, वह नहीं कर पा रहे हैं।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने महाकुंभ को लेकर एक बयान दिया जो चर्चा का विषय बन गया। अखिलेश यादव ने कहा, भाजपा दरारवादी पार्टी है। यह हृदयहीन पार्टी है। मैं सभी संतो से प्रार्थन करूंगा कि वह जब जाएं तो अपने साथ यहां से किसी और को भी लेते जाए।
यहां ऐसे लोग हैं, जिन्हें जो काम करना है, वह नहीं कर पा रहे हैं। उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार ने भी अपनी राय व्यक्त की और कहा कि महाकुंभ को लेकर इस प्रकार की बयानबाजी ठीक नहीं है। उन्होंने एक्स पर लिखा, महाकुंभ का आयोजन उत्तर प्रदेश में हो रहा है।
यह उस प्रदेश का भाग्य है कि सारे पूजनीय साधु-संत -ऋषि -मुनि -विद्वतजन, विश्व क़ लोग आ रहे हैं। सपा को इसमें जगह-जगह बैनर लोगों के स्वागत में लगाना चाहिए था शिविर लगाने चाहिए थे। उसकी जगह जिस तरह के बयान दे रहे हैं वो दुर्भाग्यपूर्ण है।
आपको बता दें, 13 जनवरी यानी पौष पूर्णिमा से महाकुंभ की शुरुआत होगी। यह पहला शाही स्नान होगा। महाकुंभ मेला प्रयागराज में 13 जनवरी 2025 से प्रारंभ होगा और 26 फरवरी 2025 तक लगेगा। महाकुंभ मेले की अवधि 44 दिनों की है। महाशिवरात्रि के दिन आखिरी शाही स्नान होगा।
महाकुंभ का आयोजन उत्तर प्रदेश में हो रहा है। यह उस प्रदेश का भाग्य है कि सारे पूजनीय साधु-संत -ऋषि -मुनि -विद्वतजन, विश्व क़ लोग आ रहे हैं। सपा को इसमें जगह-जगह बैनर लोगों के स्वागत में लगाना चाहिए था शिविर लगाने चाहिए थे। उसकी जगह जिस तरह के बयान दे रहे हैं वो दुर्भाग्यपूर्ण… https://t.co/kPv2bWdXm9
— Awadhesh Kumar (@Awadheshkum) January 9, 2025
आप ने जब सभी नेताओं को चोर-बेईमान बताकर सत्ता पाई तो फिर आपने कौन-सी राजा हरिश्चंद्र वाली मिसाल गढ़ दी? नेताओं को लेकर आम आदमी की राय स्थापित हो चुकी है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने बहुत से ऐसे वादे किए थे जो तीसरे कार्यकाल में भी पूरे नहीं हो सके पर इसके बावजूद दिल्ली में सबसे बड़ा मुद्दा आलीशान सीएम आवास बना है जिसे बीजेपी ने शीशमहल का नाम दिया है। दिल्ली चुनावों में यह बड़ा मुद्दा बन गया है। ऐसे में वरिष्ठ पत्रकार राणा यशवंत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट की और आम आदमी पार्टी और उसके मुखिया अरविंद केजरीवाल को लेकर कुछ बड़े सवाल उठाये।
उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, ईमानदार राजनीति और साधारण राजनीतिक जीवन का हो-हल्ला करके आप आए और अब समझा रहे हैं कि उनका देखो, इनका देखो। आपको अपने जीने का स्वतंत्र अधिकार मिला तो आपने गांधी, शास्त्री का जीवन जिया क्या? उन कालीन,पर्दे, बेसिन, बेड और वैभव का सुख, भोग की दमित इच्छा का विस्फोट नहीं तो क्या है?
आप ने जब सभी नेताओं को चोर-बेईमान और लुटेरा बताकर सत्ता पाई तो फिर आपने कौन-सी राजा हरिश्चंद्र वाली मिसाल गढ़ दी? नेताओं को लेकर आम आदमी की राय स्थापित हो चुकी है। आप के आने से लगा था कि अब नई राजनीति होगी। जब आप भी उसी कीचड़ में खड़े हो तो किस नैतिकता से अच्छे-बुरे का सर्टिफिकेट देते हैं?
दिल्ली के गली मोहल्लों में सड़क-नाली की जो हालत है, उसका ज़िम्मा आपका नहीं तो किसका है? क्या आपने बार बार नहीं कहा था कि 2025 तक यमुना साफ़ हो जाएगी? और यह भी कि नहीं हुई तो मुझे वोट नहीं देना? फिर वोट माँगना ही अनैतिक नहीं है?
अब्राहम लिंकन ने कहा था ,यदि आप किसी व्यक्ति के चरित्र का परीक्षण करना चाहते हैं, तो उसे शक्ति दीजिए, सोचिएगा। चुनाव लड़ना हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है, आप का भी। जीत-हार जनता तय करती है करेगी। लेकिन विकल्प की राजनीति, ईमानदार और जन-कल्याणकारी राजनीति की शेखी मत बघारिए।
बाबा भारती को दुख इस बात का नहीं था कि डाकू खड्ग सिंह घोड़ा लेकर भाग गया, बल्कि सदमा इस बात का लगा कि भिखारी के भेस में मदद के बहाने धोखा दिया। लोग जरूरतमंदों पर भरोसा नहीं करेंगे।
भोजपुरी में एक शब्द है गलथेथरई. अरविंद केजरीवाल और उनकी टीम वही कर रही है.
— Rana Yashwant (@RanaYashwant1) January 9, 2025
1- ईमानदार राजनीति और साधारण राजनीतिक जीवन का हो-हल्ला करके आप आए और अब समझा रहे हैं कि उनका देखो, इनका देखो!!
2- आपको अपने जीने का स्वतंत्र अधिकार मिला तो आपने गांधी, शास्त्री का जीवन जिया क्या?
3- उन…
केवल इंडिया गठबंधन की अगुवाई का मुद्दा ही नहीं है बल्कि यह भी संदेश है कि जहां बीजेपी से सीधी टक्कर में कांग्रेस कमजोर है वहां उसे क्षेत्रीय पार्टियों के लिए जगह छोड़नी होगी।
दिल्ली चुनाव को लेकर INDIA ब्लॉक में फूट पड़ जाने से नये समीकरण उभरने लगे है। अरविंद केजरीवाल को अखिलेश यादव और ममता बनर्जी का सपोर्ट मिल जाने के बाद दिल्ली चुनाव में अब कांग्रेस अलग थलग दिखाई दे रही हैं। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की और कहा कि कुछ पार्टियां कांग्रेस को संदेश देने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, ऐसा नहीं है कि दिल्ली में समाजवादी पार्टी, टीएमसी और शिवसेना यूबीटी का समर्थन मिलने से आम आदमी पार्टी को चुनावी तौर पर बहुत बड़ा फायदा मिलेगा। इन तीनों ही पार्टियों का दिल्ली में कोई बड़ा जनाधार नहीं है। लेकिन ये तीनों पार्टियां दरअसल कांग्रेस को संदेश देना चाह रही हैं। केवल इंडिया गठबंधन की अगुवाई का मुद्दा ही नहीं है बल्कि यह भी संदेश है कि जहां बीजेपी से सीधी टक्कर में कांग्रेस कमजोर है वहां उसे क्षेत्रीय पार्टियों के लिए जगह छोड़नी होगी।
आपको बता दें, दिल्ली विधानसभा चुनावों का ऐलान हो चुका है और विभिन्न सियासी दलों ने अपनी-अपनी रणनीतियों पर काम करना शुरू कर दिया है। सूबे में कुल 70 विधानसभा सीटें हैं जिनके लिए 05 फरवरी 2025 को मतदान होना है। सभी 70 सीटों के लिए वोटों की गिनती 08 फरवरी 2025 को की जाएगी।
ऐसा नहीं है कि दिल्ली में समाजवादी पार्टी, टीएमसी और शिवसेना यूबीटी का समर्थन मिलने से आम आदमी पार्टी को चुनावी तौर पर बहुत बड़ा फायदा मिलेगा। इन तीनों ही पार्टियों का दिल्ली में कोई बड़ा जनाधार नहीं है। लेकिन ये तीनों पार्टियां दरअसल कांग्रेस को संदेश देना चाह रही हैं। केवल…
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) January 9, 2025
जो कविता और सिनेमा के बारे में उतनी ही आसानी से बात करते थे, जितनी आसानी से वह सुर्खियां बटोरने वाले स्कूप या साक्षात्कार के बारे में बात करते थे।
जाने-माने कवि, फिल्म निर्माता, वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व सांसद प्रीतिश नंदी का बुधवार को निधन हो गया। करीब 73 वर्षीय प्रीतिश नंदी ने दक्षिण मुंबई स्थित निवास पर अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ। उनके निधन पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी शोक प्रकट किया है।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट की और अपनी संवेदना प्रकट की। उन्होंने लिखा, प्रीतीश नंदी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। लार्जर देन लाइफ संपादकों के युग में वह एक सेलिब्रिटी संपादक थे।
उनकी स्वयं की छवि सिर्फ एक पत्रकार से कहीं अधिक बल्कि एक सार्वजनिक हस्ती की थी, जो कविता और सिनेमा के बारे में उतनी ही आसानी से बात करते थे, जितनी आसानी से वह सुर्खियां बटोरने वाले स्कूप या साक्षात्कार के बारे में बात करते थे। अधिकांश मुद्दों पर तीखी राय रखने वाले एक मनमौजी व्यक्ति, वह इस कहावत पर कायम रहे कि मुझे पसंद करो, मुझे नापसंद करो, लेकिन मुझे नजरअंदाज मत करो।
आपको बता दें, प्रीतिश नंदी को उनकी बेबाकी और बहुआयामी प्रतिभा के लिए जाना जाता था। वह अपने पीछे कविता, पत्रकारिता, फिल्म निर्माण और सार्वजनिक सेवा में योगदान की विरासत छोड़ गए हैं। नंदी महाराष्ट्र से शिवसेना की ओर से राज्यसभा सांसद भी रहे थे।
Sad to hear of the passing away of Pritish Nandy. He was a celebrity editor in an era of larger than life editors. His self image was of being much more than just a journalist but a public figure who would talk poetry and cinema as easily as he would about a headline grabbing… pic.twitter.com/lOT8AOzUzD
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) January 8, 2025
राजग सरकार जाने के बाद जब आडवाणी जो को पंडारा रोड वाला बंगला खाली करना था तो उन्हें औरंगजेब रोड पर नया बंगला आवंटित हुआ। उन्होंने उसे बदलकर पृथ्वीराज रोड पर कराया।
कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी आगामी 15 जनवरी को पार्टी के नए मुख्यालय 'इंदिरा भवन' का उद्घाटन करेंगी। पिछले करीब 5 दशक से पार्टी का मुख्यालय 24 अकबर रोड था। वही पत्रकार नवनीत मिश्रा की एक पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए पत्रकार प्रणव सिरोही ने कहा कि राजनीति में पोस्टल एड्रेस के भी मायने होते हैं।
उन्होंने एक्स पर लिखा, बड़े-बड़े शहरों में ऐसी छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं। राजग सरकार जाने के बाद जब आडवाणी जो को पंडारा रोड वाला बंगला खाली करना था तो उन्हें औरंगजेब रोड पर नया बंगला आवंटित हुआ। हालांकि उन्होंने उसे बदलकर पृथ्वीराज रोड पर करा लिया।
यह बात अलग है कि उनके शिष्य नरेन्द्र मोदी की सरकार ने औरंगजेब रोड का वजूद ही समाप्त कर दिया। राजनीति में पोस्टल एड्रेस के भी मायने होते हैं। दरअसल, कांग्रेस का नया बना आलीशान मुख्यालय भी दीनदयाल उपाध्याय रोड पर ही है, जिसके किनारे बीजेपी का भी हेड ऑफिस है।
आपको बता दें, मिल रही जानकारी के मुताबिक कांग्रेस पार्टी अपने वर्तमान मुख्यालय "24, अकबर रोड" को फिलहाल खाली नहीं करेगी, जो 1978 में कांग्रेस (आई) के गठन के बाद से इसका मुख्यालय रहा है।
बड़े-बड़े शहरों में ऐसी छोटी-छोटी बातें होती रहती हैं। राजग सरकार जाने के बाद जब आडवाणी जो को पंडारा रोड वाला बंगला खाली करना था तो उन्हें औरंगजेब रोड पर नया बंगला आवंटित हुआ। हालांकि उन्होंने उसे बदलकर पृथ्वीराज रोड पर करा लिया। यह बात अलग है कि उनके शिष्य नरेन्द्र मोदी की सरकार… https://t.co/eTYNF8uUsn
— Pranav Sirohi (@pranavsirohi) January 8, 2025
अयोध्या से जुड़ी कोई भी जानकारी हो बस एक फोन पर आपसे मिल जाती थी। ईश्वर आपकी आत्मा को शांति दें और परिवार वालों को ये दुख सहने की शक्ति दे।
अयोध्या/फैजाबाद में ‘आजतक’ के वरिष्ठ संवाददाता बलबीर सिंह का निधन हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बलबीर सिंह सुबह अपने बिस्तर पर गिरे हुए मिले। आनन-फानन में उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
उनके निधन पर पत्रकार और एंकर चित्रा त्रिपाठी ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, मेरे पुराने चैनल के साथी, अयोध्या के रिपोर्टर बनवीर सिंह नहीं रहे। पता चला है कि रात को आराम से सोने गए और सुबह जगे ही नहीं। अयोध्या से जुड़ी कोई भी जानकारी हो बस एक फोन पर आपसे मिल जाती थी। ईश्वर आपकी आत्मा को शांति दें और परिवार वालों को ये दुख सहने की शक्ति दे।
आपको बता दें, बलबीर सिंह के निधन पर सोशल मीडिया पर उन्हें श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है। तमाम जानने वालों और शुभचिंतकों ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान देने और उनके परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है।
मेरे पुराने चैनल के साथी, अयोध्या के रिपोर्टर बनवीर सिंह नहीं रहे. पता चला है कि रात को आराम से सोने गए और सुबह जगे ही नहीं.
— Chitra Tripathi (@chitraaum) January 7, 2025
अयोध्या से जुड़ी कोई भी जानकारी हो बस एक फोन पर आपसे मिल जाती थी.
ईश्वर आपकी आत्मा को शांति दें और परिवार वालों को ये दुख सहने की शक्ति ??
ॐ शांति ?? pic.twitter.com/aHH6bpyYFJ