नए कानून के बाद BBC, CNN, ब्लूमबर्ग समेत कई मीडिया कंपनियों ने रूस में रोका कामकाज

रूस के यूक्रेन पर हमले अभी भी जारी हैं। इस बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फेक न्यूज फैलाने से रोकने के लिए रूस शुक्रवार को नया कानून लेकर आया है।

Last Modified:
Saturday, 05 March, 2022
putin5445

रूस के यूक्रेन पर हमले अभी भी जारी हैं। इस बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फेक न्यूज फैलाने से रोकने के लिए रूस शुक्रवार को नया कानून लेकर आया है। संसद में पास इस नए कानून के तहत सशस्त्र बलों के खिलाफ जानबूझकर फर्जी खबरें फैलाने पर 15 साल तक जेल की सजा का प्रावधान किया गया है।

वहीं दूसरी तरफ, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फेक न्यूज फैलाने से रोकने के लिए लाए गए रूस के नए कानून को मीडिया की स्वतंत्रता के खिलाफ बताते हुए ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी), कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कार्पोरेशन (सीबीसी) और अमेरिका स्थित ब्लूमबर्ग न्यूज, सीबीएस न्यूज, एबीसी न्यूज और सीएनएन ने रूस में अपने पत्रकारों का कामकाज अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है।

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक नए कानून पर हस्ताक्षर किया है जिसके बाद सीबीएस न्यूज रूस से बाहर निकलने वाला लेटेस्ट मीडिया आउटलेट बन गया है।  

शुक्रवार को, सीबीएस न्यूज के प्रवक्ता ने कहा कि आउटलेट वर्तमान में रूस से प्रसारित नहीं हो रहा था, क्योंकि हम पारित किए गए नए मीडिया कानूनों को देखते हुए अपनी टीम के लिए परिस्थितियों की निगरानी कर रहे हैं।

रूसी अधिकारियों का आरोप है कि अमेरिका व उसके पश्चिमी यूरोपीय सहयोगियों द्वारा रूसी लोगों के बीच झगड़ा कराने और जंग के दौरान रूसी सेना के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद रूस की संसद में नया कानून पारित किया गया, जिसके बाद ब्लूमबर्ग न्यूज, कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कार्पोरेशन और बीबीसी ने कहा कि वे वहां अपने पत्रकारों के काम को फिलहाल के लिए निलंबित कर रहे हैं।

बीबीसी ने शुक्रवार को कहा कि रूस के एक नया कानून लाने के बाद उसके पास रूस में अपने पत्रकारों का कामकाज अस्थायी रूप से निलंबित करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।

बीबीसी के महानिदेशक टिम डेवी ने कहा कि यह कानून ‘स्वतंत्र पत्रकारिता की प्रक्रिया का अपराधीकरण करता प्रतीत’ होता है और बीबीसी स्टाफ की सुरक्षा ‘सर्वोपरि’ है। उन्होंने कहा कि रूस में बीबीसी समाचार सेवा रूस के बाहर से काम करना जारी रखेगी।

बीबीसी न्यूज के एक अंतरिम निदेशक जोनाथन मुनरो ने कहा कि बीबीसी रूस से पत्रकारों को बाहर नहीं निकाल रहा है, बल्कि नए कानून के प्रभाव का आकलन कर रहा है।

कैनेडियन ब्रॉडकास्टिंग कार्पोरेशन (सीबीएस) ने कहा कि उसने रूस में ग्राउंड रिपोर्टिंग को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है ताकि वह नए कानून पर स्पष्टता की मांग कर सके।

सीबीसी ने एक बयान में कहा कि वह कानून के बारे में बहुत चिंतित है, जो यूक्रेन और रूस में मौजूदा स्थिति पर स्वतंत्र रिपोर्टिंग को अपराधीकरण करने के लिए प्रतीत होता है।

अमेरिका स्थित ब्लूमबर्ग न्यूज ने कहा कि वह रूस के अंदर अपने पत्रकारों के काम को भी अस्थायी रूप से निलंबित कर रहा है। ब्लूमबर्ग के एडिटर-इन-चीफ जॉन मिकलेथवेट ने एक बयान में कहा कि आपराधिक संहिता में बदलाव देश के अंदर सामान्य पत्रकारिता के किसी भी प्रकार को जारी रखना असंभव बनाता है।

वहीं, सीएनएन के एक प्रवक्ता ने कहा कि नेटवर्क रूस में प्रसारण बंद कर देगा, जबकि हम स्थिति का मूल्यांकन करना जारी रखेंगे।

एबीसी न्यूज, जिसके रूस में कई संवाददाता काम कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि रूस में पारित नए सेंसरशिप कानून के कारण, एबीसी न्यूज सहित कुछ पश्चिमी नेटवर्क आज रात देश से प्रसारित नहीं हो रहे हैं। हम स्थिति का आकलन करना और निर्धारित करना जारी रखेंगे कि क्या इसका मतलब जमीन पर हमारी टीमों की सुरक्षा के लिए है।

वहीं अब यूक्रेन के साथ जारी जंग के बीच रूस ने फेसबुक के साथ-साथ ट्विटर और यूट्यूब को भी देश में बैन कर दिया है। रूस का आरोप है कि यह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स रूसी मीडिया कंपनियों के साथ भेदभावपूर्ण रवैया अपना रहे थे। उधर, फेसबुक का कहना है कि रूस ने इस प्रतिबंध से लाखों लोगों को विश्वसनीय जानकारी से वंचित कर दिया है। 

रूस सरकार की सेंसरशिप एजेंसी रोसकोम्नाडजोर (Roskomnadzor) का कहना है अक्टूबर 2020 से फेसबुक द्वारा रूसी मीडिया के खिलाफ भेदभाव के 26 मामले सामने आए हैं, जिसमें आरटी और आरआईए न्यूज एजेंसी जैसे सरकार समर्थित चैनलों के अकाउंट्स की पहुंच (Reach) घटाने का आरोप है।

रूस में लगे इस बैन पर फेसबुक व इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी Meta के वैश्विक मामलों के प्रमुख निक क्लेग ने कहा कि कंपनी अपनी सेवाओं को बहाल करने के लिए वह सब कुछ करना जारी रखेगी, जो वह कर सकती है।

गौरतलब है कि यूक्रेन के साथ युद्ध की शुरुआत के दूसरे दिन यानी 25 फरवरी को रूस ने फेसबुक पर आंशिक प्रतिबंध लगा दिया गया था। रूस की सरकारी एजेंसी रोसकोम्नाडजोर का आरोप था कि फेसबुक ने रूस के सरकारी के मीडिया आउटलेट्स के पेजों को अपने प्लेटफॉर्म पर बैन कर दिया था। जब रूस की ओर से इस प्रतिबंध को हटाने की मांग की गई, तो फेसबुक ने मांग को नजरअंदाज कर दिया। इसके बाद पहले रूस ने फेसबुक पर आंशिक रूप से बैन लगाया और अब इसे पूरी तरह ब्लॉक कर दिया।

शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ की गई इस कार्रवाई के साथ ही रूस ने अमेरिकी सरकार द्वारा वित्त पोषित ‘वॉयस ऑफ अमेरिका’ और ‘रेडियो फ्री यूरोप’/’रेडियो लिबर्टी’, जर्मन प्रसारक ‘डॉयचे वेले’ और लातविया स्थित वेबसाइट ‘मेडुजा’ को भी ब्लॉक कर दिया। रूसी भाषा में समाचार प्रकाशित करने वाले विदेशी आउटलेट्स के खिलाफ सरकार की व्यापक कार्रवाई ने पुतिन के तेवर साफ कर दिए हैं। रूस लगातार इस बात का आरोप लगाता रहा है कि यूक्रेन पर आक्रमण के बारे में घरेलू दर्शकों को गलत सूचना दी जा रही है।

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'एक्स' पर पत्रकार विनीता यादव पर की गईं जातिगत टिप्पणी, वीडियो शेयर कर हुईं भावुक

दरअसल विनीता यादव ने उत्तरकाशी में सुरंग धंसने से भीतर फंसे मजदूरों को लेकर एक पोस्ट किया था।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 28 November, 2023
Last Modified:
Tuesday, 28 November, 2023
vinita

डिजिटल न्यूज चैनल 'न्यूज नशा' की संपादक और वरिष्ठ पत्रकार विनीता यादव पर सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर कुछ यूजर्स द्वारा जातिगत टिप्पणी करने का मामला सामने आया है। दरअसल, विनीता यादव ने उत्तरकाशी में सुरंग धंसने से भीतर फंसे मजदूरों को लेकर एक पोस्ट किया था। अपने इस पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'चांद पर पहुंच गये , लेकिन 10-15 दिनों से सुरंग में फंसे 40 मजदूरों तक नहीं पहुंच सकते।' इसके बाद से ही उन्हें ट्रोल किया जाने लगा। इस वीडियो पर आए अधिकतर कमेंट नकारात्मक थे।

इसके बाद खुद विनीता यादव ने एक वीडियो जारी किया और बताया कि किस प्रकार उन्हें ना सिर्फ ट्रोल किया गया है बल्कि उनकी 'जाति' को लेकर भी उन्हें कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। जबकि एक पत्रकार होने के नाते उन्होंने सिर्फ सरकार से एक सवाल किया था।

वीडियो में विनीता यादव ने कहा, 'मैंने एक पत्रकार के तौर पर सदैव सही को सही और गलत को गलत कहा है, मैंने कभी किसी की जाति और धर्म देखकर एकतरफा बात नहीं की है। लेकिन मेरे वीडियो पर आए कमेंट मुझे निराशा करते हैं।' उन्होंने आगे कहा कि मेरे और परिवार को लेकर बहुत कुछ गलत लिखा गया है। ये जो ट्रोल आर्मी है, इन्हें कभी भी किसी पत्रकार का अच्छा काम नहीं दिखाई देता है। मेरी जाति को लेकर लोग बात कर रहे हैं और मुझे दूध बेचने के लिए कहा जा रहा है।

इस वीडियो में अपनी बात कहते-कहते विनीता यादव भावुक भी हो जाती हैं। समाचार4मीडिया किसी भी पत्रकार को लेकर इस प्रकार किए गए भद्दे कमेंट्स का समर्थन नहीं करता है। एक पत्रकार को हमेशा अपनी बात कहने का हक है और उसकी जाति और धर्म के नाम पर उसे अपमानित करना निंदनीय कार्य है, जिसकी जितनी भर्त्सना की जाए उतनी कम है।

 

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संशोधित नागरिकता कानून को जल्द लागू करेगी सरकार, राहुल शिवशंकर ने कही ये बड़ी बात

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने कहा है कि सीएए (संशोधित नागरिकता कानून) का अंतिम मसौदा अगले साल 30 मार्च तक तैयार होने की संभावना है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 28 November, 2023
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Tuesday, 28 November, 2023
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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने कहा है कि सीएए (संशोधित नागरिकता कानून) का अंतिम मसौदा अगले साल 30 मार्च तक तैयार होने की संभावना है। यह बातें उन्होंने उत्तर 24 परगना जिले के ठाकुरनगर में मतुआ समुदाय की एक सभा को संबोधित करते हुए कहीं। सीएए में 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश करने वाले अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के प्रावधान हैं।

उनके इस बयान के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए बड़ी बात कही है। उन्होंने लिखा, 'केंद्र का अब कहना है कि सीएए को इस साल मार्च में अधिसूचित किया जाएगा। 2015 से पहले अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने वाले गैर-मुसलमानों को नागरिकता प्रदान करने के लिए सीएए को 2020 में संसद द्वारा पारित किया गया था।

सीएए अधर में लटका हुआ है क्योंकि इसे लागू करने के नियमों को अभी तक अधिसूचित नहीं किया गया है। कल्पना करना, यह तब है, जब 2020 के बाद से पाकिस्तान में औसतन हर साल 1000 हिंदू महिलाओं का जबरन धर्म परिवर्तन कराया जाता है। जो लोग विरोध करते हैं उनका उल्लंघन किया जाता है या उन्हें मार दिया जाता है।'

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‘X’ पर इस फीचर को लेकर एलन मस्क ने बदला अपना फैसला, कही ये बात

एलन मस्क ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह फीचर दोबारा से कब शुरू होगा।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Monday, 27 November, 2023
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Monday, 27 November, 2023
Elon Musk

खरबपति बिजनेसमैन एलन मस्क ने जब से 'एक्स' (X) की कमान संभाली है, तब से यह माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म किसी न किसी वजह से लगातार चर्चा में बना हुआ है। अब यह प्लेटफॉर्म एक बार फिर खबरों में है।

दरअसल, यह घोषणा करने के महीनों बाद कि ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए न्यूज लिंक में हेडलाइंस नहीं होंगी, एलन मस्क ने अब घोषणा की है कि वह इस निर्णय को वापस लेंगे। ऐसे में अब इस प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गईं न्यूज रिपोर्ट्स और आर्टिकल्स में फिर से हेडलाइंस दिखाई देंगी।

हालांकि, मस्क ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि यह फीचर दोबारा से कब शुरू होगा। अपने एक पोस्ट में मस्क ने लिखा है, ‘आने वाले समय में एक्स यूआरआल कार्ड की इमेज के ऊपरी भाग में टाइटल को प्रदर्शित करेगा।’

गौरतलब है कि अगस्त में मस्क ने घोषणा की थी कि ‘एक्स’ पर पोस्ट किए गए न्यूज आर्टिकल्स के साथ हेडलाइंस नहीं होंगी। यदि आसान से शब्दों में बात करें तो जब कोई न्यूज पब्लिशर्स या फिर कोई क्रिएटर ‘एक्स’ पर कोई लिंक शेयर करते थे तो फोटो के ऊपर न्यूज अथवा आर्टिकल की हेडलाइन नजर आती थी।

यह फीचर बंद होने के बाद से तमाम यूजर्स उस न्यूज अथवा आर्टिकल को नहीं पढ़ते थे। हालांकि इस फीचर के बंद होने के बाद तमाम न्यूज पब्लिशर्स फोटो के ऊपर हेडिंग लिखने लगे थे, लेकिन इसमें काफी समय बर्बाद होता था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह कदम अधिक यूजर्स को प्लेटफॉर्म पर बनाए रखने और उन्हें बाहरी लिंक पर क्लिक करने से हतोत्साहित करने के लिए उठाया गया था।

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बंगाल की सीएम के इस बयान पर सुधीर चौधरी ने किया 'पलटवार', जानें क्या है पूरा मामला

वर्ष 1996 का वर्ल्ड कप भी भारत में ही खेला गया था और उस समय भारत की टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई थी।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Saturday, 25 November, 2023
Last Modified:
Saturday, 25 November, 2023
sudhircgaudhary

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि अगर वर्ल्ड कप का फाइनल कोलकाता में होता तो टीम इंडिया जीत जाती। भारतीय क्रिकेट टीम ने विश्व कप में सभी मैच जीते, सिवाय एक मैच के, जिसमें पापी मौजूद थे। उनके इस बयान पर वरिष्ठ पत्रकार और हिंदी न्यूज़ चैनल 'आजतक' के प्राइम टाइम एंकर सुधीर चौधरी ने अपने शो में बात की और उनके इस बयान को बेतुका बताया।

उन्होंने कहा, 'वर्ष 1996 का वर्ल्ड कप भी भारत में ही खेला गया था और उस समय भारत की टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई थी और सेमीफाइनल का यह मैच कोलकाता के इसी ईडन गार्डन्स में खेला गया था, जिसका जिक्र ममता बनर्जी ने किया। लेकिन श्रीलंका की टीम ने तब भारत की टीम को इसी स्टेडियम में हरा दिया था और भारत वर्ल्ड कप जीतने से एक बार फिर चूक गया था और सेमीफाइनल के बाद बाहर हो गया था।

तो क्या उस मैच में कोलकाता का यह स्टेडियम भारत की हार के लिए पनौती था? और आपको याद होगा कोलकाता के जो लोग थे वह इतने नाराज हुए थे, उन्होंने प्रोटेस्ट करने शुरू कर दिए थे। इस तरह की आगजनी शुरू कर दी थी स्टेडियम में, क्योंकि वह इस हार को बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे, तो अगर ऐसी ही बात है तो फिर 1996 के वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल भारत की टीम इसी कोलकाता के ईडन गार्डन्स में क्यों हारी? इस सवाल का जवाब होना चाहिए।'

 

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इन बेतुके बयानों पर फूटा राजदीप सरदेसाई का गुस्सा, कह दी ये बड़ी बात

हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से जोडते हुए कहा कि भारत ये मैच इसलिए हारा क्योंकि उस दिन इंदिरा गांधी का जन्मदिन था।

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Published - Saturday, 25 November, 2023
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Saturday, 25 November, 2023
rajdeep

बीते रविवार (19 नवंबर) को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए आईसीसी विश्व कप फाइनल के मैच में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद से कई तरह की बातें सामने आईं और राजनीति भी होने लगी। ताजा घटनाक्रम में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसे पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से जोडते हुए कहा कि भारत ये मैच इसलिए हारा क्योंकि उस दिन इंदिरा गांधी का जन्मदिन था। इससे पहले राहुल गांधी ने पीएम मोदी को पनौती करार दे दिया था।

इन सब बयानों पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई का गुस्सा फूट पड़ा है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, 'भारत विश्व कप फाइनल मैच इसलिए हारा क्योंकि उस दिन इंदिरा गांधी की जयंती थी ऐसा असम के मुख्यमंत्री हिमंत सरमा ने कहा।

राहुल गांधी का कहना है कि भारत विश्व कप इसलिए हारा क्योंकि पीएम मोदी 'पनौती' हैं। हमारे नेता कब जागेंगे और स्पष्ट बताएंगे, भारत विश्व कप फाइनल हार गया क्योंकि ऑस्ट्रेलिया ने उस दिन बहुत बेहतर खेला। हमारे नेताओं को बचकाने अंधविश्वास में फंसने की बजाय इससे ऊपर उठना चाहिए।'

आपको बता दें कि टीम इंडिया को विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के हाथों मुंह की खानी पड़ी और उसके बाद से सोशल मीडिया पर 'पनौती' शब्द ट्रेंड करने लगा।

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करदाताओं ने बनाया इनकम टैक्स रिटर्न भरने का नया रिकॉर्ड, अजय कुमार ने कही ये बड़ी बात

टैक्स रिफंड के लिए कितनी मिन्नतें मांगते हुए चप्पल घिसने होते थे, याद है। क्या10 साल पहले टैक्स डिपार्टमेंट इतनी ही कुशलता से अपना काम करता था?

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Published - Friday, 24 November, 2023
Last Modified:
Friday, 24 November, 2023
ajaykumar

आयकर विभाग के मुताबिक 31 अक्टूबर 2023 तक देश में 7.85 करोड़ से ज्यादा आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल किए गए हैं। ये देश में आईटीआर दाखिल करने का अब तक का सबसे हाई रिकॉर्ड है। आयकर विभाग ने बुधवार को कहा कि निर्धारण वर्ष 2023-24 के लिए 31 अक्टूबर तक रिकॉर्ड 7.85 करोड़ आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए गए हैं।

विभाग ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में 31 अक्टूबर, 2023 तक दाखिल किए गए आयकर रिटर्न की कुल संख्या 7.85 करोड़ है, जो अब तक सबसे अधिक है।

इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर पोस्ट कर बड़ी बात कही है। उन्होंने लिखा, 'हाल ही में जारी किये आँकड़ों के मुताबिक़, 7 करोड़ से अधिक लोगों ने साल 2023-24 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरा, जिनमें से 96% यानि 7.19 करोड़ लोगों का टैक्स रिटर्न 3 महीने, यानि 30 अक्टूबर तक प्रोसेस कर दिया गया।

90% लोगों को उनका टैक्स रिफंड खुद ब खुद CBDT विभाग से मिल गया, वो भी 10 दिनों के अंदर। क्या 10 साल पहले टैक्स डिपार्टमेंट इतनी ही कुशलता से अपना काम करता था? टैक्स रिफंड के लिए कितनी मिन्नतें माँगते हुए चप्पल घिसने होते थे, याद है। नोटिस मिलने पर कितना टेबल के नीचे से खिलाना होता था, याद है।

इस बारे में क्या कोई चुनावी सभा में, सोशल मीडिया पर या पब्लिक मीटिंग में कुछ कहेगा? ना जी ना , ये विकास कहाँ है? विकास तो भारत को बदनाम करने, शर्मसार करने, हिंदू -मुसलमान करने से होता है। कम से कम ग़ैर बीजेपी पार्टियों की परिभाषा तो यही है ना।'

 

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जयदीप कर्णिक से बोले सीएम अशोक गहलोत, 156 सीट जीतकर फिर बनाएंगे सरकार

पेपर लीक तो गुजरात में बहुत है। कल ही मैं पढ़ रहा था कि एक-एक पेपर तीन-तीन बार लीक हुआ।

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Published - Friday, 24 November, 2023
Last Modified:
Friday, 24 November, 2023
jaydeep karnik

राजस्थान में चुनाव प्रचार अब अंतिम पड़ाव पर है। राज्य में लंबे समय से सरकार बदलने का रिवाज रहा है, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आत्मविश्वास इस बार रिवाज बदल देने का है। अमर उजाला डॉट कॉम के संपादक जयदीप कर्णिक ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से खास बातचीत की है। इस बातचीत में उन्होंने कई अहम मुद्दों पर अपनी राय रखी है।

उन्होंने कहा, 'यह कोई मोदी जी का चुनाव तो है नहीं और उनकी कोई गारंटी भी नहीं है। उनकी गारंटी तो 25 तारीख तक रहेगी। हमारी गारंटियां तो पांच साल तक रहेंगी। उनके पास खाली ईडी है, हमारे पास गारंटी है।'

जयदीप कर्णिक ने उनसे पेपर लीक के मुद्दे पर भी कड़े सवाल पूछे ! सीएम गहलोत ने कहा, 'पेपर लीक तो गुजरात में बहुत है। कल ही मैं पढ़ रहा था कि एक-एक पेपर तीन-तीन बार लीक हुआ। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में पेपर लीक हो रहा है। हिंदुस्तान भर में पेपर लीक हो रहे हैं, लेकिन कार्रवाई सिर्फ राजस्थान में हो रही है। हमने लोगों को गिरफ्तार किया, उनकी इमारतों को गिरा दिया। साथ ही आजीवन कारावास के प्रावधान के साथ कानून पारित किया। इसके बाद कोई पेपर लीक नहीं हुआ। कार्रवाई हमने की है। बच्चे सब समझते हैं। ये भाजपा वाले इन्हें भड़काते हैं।'

सचिन पायलट के मसले पर भी उन्होंने खुलकर बात की। उन्होंने कहा, 'आज कांग्रेस का एकजुट होना देश हित में है, राजस्थान के हित में है और कांग्रेस के हित में है। देश में हालात गंभीर हैं। लोकतंत्र की धज्जियां उड़ रही हैं। संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं। ऐसे माहौल में हर कांग्रेसी का यह कर्तव्य और धर्म है कि वह सारे मतभेद भुलाकर एकजुट होकर काम करे और पार्टी को मजबूत करे।'

इस पूरी बातचीत का वीडियो आप यहां देख सकते हैं।

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युद्ध विराम के लिए राजी हुए हमास-इस्राइल, शिवकांत ने पूछा ये बड़ा सवाल!

जैसे कर चोरी और काले धन के व्यापार को आप तब तक बंद नहीं कर सकते जब तक पनामा और बरमूडा जैसे देश उनको पनाह देते रहेंगे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 23 November, 2023
Last Modified:
Thursday, 23 November, 2023
shiv

हमास और इस्राइल युद्ध में डेढ़ महीने से ज्यादा का वक्त गुजर जाने के बाद दोनों पक्ष युद्ध विराम के लिए राजी हो गए हैं। इसी कड़ी में बुधवार को इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हमास के साथ संघर्ष विराम करने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी। अक्टूबर 2023 से युद्धरत हमास और इस्राइल आखिरकार युद्ध विराम के लिए तैयार हो गए हैं।

अमेरिका ने गाजा में पांच दिनों के युद्ध विराम के बदले में दर्जनो बंधकों को रिहा करने के लिए इस्राइल-हमास के बीच एक समझौता कराया है।

इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार शिवकांत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर बड़ा सवाल पूछा है। उन्होंने लिखा, '1400 लोगों को मार और 225 को बंधक बनाकर 13 हजार को मरवा लेना और 22 लाख को तबाह करा लेना कौन सी रणनीति है?

अब मार रुकवाने के लिए बंधक छोड़ रहे हैं। यह खेल 48 से चल रहा है जब सारी जमीन पाने के लिए हमले किए और जो मिली थी उसकी आधी गँवा दी और 7 लाख बेघर करा लिए। बची कुची 67 में गँवा दी।'

अपनी एक और पोस्ट में उन्होंने लिखा, 'गजा के शोर में लोग एक बुनियादी बात भूल रहे हैं। जैसे कर चोरी और काले धन के व्यापार को आप तब तक बंद नहीं कर सकते जब तक पनामा और बरमूडा जैसे देश उनको पनाह देते रहेंगे। उसी तरह आतंक के कारोबार को आप तब तक बंद नहीं कर सकते जब तक कतर जैसे देश सरेआम आतंकियों को पनाह और पैसा देते रहेंगे।'

आपको बता दें कि समझौते के तहत 7 अक्तूबर से गाजा में हमास और अन्य समूहों द्वारा बंधक बनाई गई 50 महिलाओं और बच्चों को रिहा किया जाना है। एक अमेरिकी अधिकारी ने जानकारी दी कि रिहा होने वालों में तीन अमेरिकी नागरिक होंगे, जिनमें चार साल की एक लड़की भी शामिल है।

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इस घटना पर बोलीं रुबिका लियाकत, तालियों के लिए हर सुझाव मान लेना हानिकारक है

इस पूरे मसले पर वरिष्ठ पत्रकार रुबिका लियाकत ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर एक पोस्ट करते हुए बड़ी बात कही है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 23 November, 2023
Last Modified:
Thursday, 23 November, 2023
rubika

राजस्थान के जालौर में राहुल गांधी ने कहा कि हमारे लड़के क्रिकेट विश्व कप जीत जाते लेकिन पनौती ने हरवा दिया। दरअसल, जनसभा में कुछ लोग पनौती-पनौती चिल्लाने लगे। इस पर राहुल गांधी ने कहा, 'अच्छा भला वहां हमारे लड़के विश्वकप जीत जाते, लेकिन पनौती ने हरवा दिया।' ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि राहुल गांधी ने पीएम मोदी के लिए ही इस शब्द का इस्तेमाल किया है।

इस पूरे मसले पर वरिष्ठ पत्रकार रुबिका लियाकत ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर एक पोस्ट करते हुए बड़ी बात कही है। उन्होंने लिखा, 'राहुल जी अपनी ही खिंची लकीर पर नहीं चल रहें। जिस मुहब्बत की दुकान से तस्वीर बदलने का वादा कर रहे थे उसी दुकान से बेइंतहा नफ़रत का मुज़ाहिरा पेश करना अनुचित है। देश के पीएम को आप ही ने संसद में गले लगाया था फिर उनसे इतनी नफ़रत क्यों?

उनकी नीतियों का विरोध आप करें समझ आता है लेकिन विरोध की ऐसी भी क्या ज़िद कि जहां ज़रूरत न हो वहाँ भी ज़बरदस्ती की जाए? सर आप ये कहेंगे तो असर पड़ेगा, ये पूछेंगे तो भूकंप आ जाएगा, ये कहेंगे तो ट्रेंड कर जाएगा।  एक लीडर को ऐसे तमाम सुझाव आते होंगे लेकिन कुछ तालियों के लिए हर सुझाव मान लेना आपके लिए हानिकारक और सामने वाले के लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है। इतिहास तो यही कहता है।'

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इजराइल के इस कदम पर राहुल शिवशंकर ने भारत सरकार से की ये बड़ी मांग!

मुंबई में 26 नवंबर 2008 को कई जगहों पर हुए आतंकी हमलों में 166 लोग मारे गए थे जिनमें कई इजराइली नागरिक भी शामिल थे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 22 November, 2023
Last Modified:
Wednesday, 22 November, 2023
rahulshivshankaer

इजराइल ने 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों की 15वीं बरसी से पहले मंगलवार को पाकिस्तान से संचालित लश्कर-ए-तैयबा को आतंकी संगठन की सूची में डाल दिया। मुंबई में 26 नवंबर 2008 को कई जगहों पर हुए आतंकी हमलों में 166 लोग मारे गए थे जिनमें कई इजराइली नागरिक भी शामिल थे।

नई दिल्ली स्थित इजराइली दूतावास ने एक बयान में कहा, 'मुंबई आतंकी हमलों की 15वीं बरसी पर इजराइल ने लश्कर-ए-तैयबा को आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया है।'

इस पूरे मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राहुल शिवशंकर ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म 'एक्स' पर एक पोस्ट कर भारत सरकार से एक अपील की है।

उन्होंने पोस्ट किया, 'जैसे ही भारत मुंबई 26/11 हमले के 15 साल पूरे होने की तैयारी कर रहा है, एकजुटता दिखाते हुए, इजराइल ने पाक स्थित लश्कर-ए-तैयबा पर प्रतिबंध लगा दिया। इस इस्लामी आतंकवादी समूह ने गजवा-ए-हिंद के हिस्से के रूप में 26/11 की साजिश रची थी। भारत को हमास पर भी प्रतिबंध लगाना चाहिए, जो सहयोगी इजराइल के अस्तित्व के लिए खतरा है।'

आपको बता दें कि दक्षिण मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को पाकिस्तान से समुद्री मार्ग से आए 10 आतंकवादियों ने यहूदियों के केंद्र चाबाड हाउस समेत कई जगहों पर हमला कर दिया था और अंधाधुंध गोलीबारी कर 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 166 लोगों की जान ले ली थी।

 

 

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