24 घंटे में ही ये डर अच्छा है लेकिन सवाल यह है कि क्या हम भारतीय 24 दिन भी तुर्किए न जाने के अपने संकल्प पर कायम रह सकेंगे। भारतीयों की याददाश्त बहुत छोटी होती है।
भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन, तुर्किए और अजरबैजान का असली चेहरा पूरी दुनिया के सामने आ गया। पाकिस्तान ने इस दौरान भारत पर जो ड्रोन और मिसाइल दागे वो 'मेड इन चाइना' और तुर्किए थे। अब चीन, तुर्किए और अजरबैजान की दुकान भारत में बंद करने की तैयारी हो रही है।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव का कहना है कि क्या हम लंबे समय तक इस अभियान को जारी रख पाएंगे? उन्होंने एक्स हैंडल से एक पोस्ट कर लिखा,आतंकवाद में खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की मदद करने वाला तुर्किए 24 घंटे में ही घुटने पर आ गया। भारतीय हर साल टूरिज्म से तुर्किए को 3000 करोड़ की कमाई करवाते हैं। और जैसे ही भारतीयों ने अपने टूर पैकेज रद्द करवाने शुरू किए तो तुर्किए की सरकार ने भारतीयों से कहा कि उनके देश में भारतीयों का पूरा ख्याल रखा जाएगा।
24 घंटे में ही ये डर अच्छा है लेकिन सवाल यह है कि क्या हम भारतीय 24 दिन भी तुर्किए न जाने के अपने संकल्प पर कायम रह सकेंगे ! हम भारतीयों के याददाश्त बहुत छोटी होती है, जबकि ऐसी लड़ाईयां लंबी होती हैं और इनके नतीजे आने में कई कई साल लग जाते हैं।
आपको बता दें, इन दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तुर्किए के पर्यटन विभाग का एक लेटर वायरल हो रहा है। इसमें अंकारा ने भारतीय पर्यटकों की ओर से तुर्किए के बहिष्कार का जिक्र किया है। पर्यटकों से होने वाली कमाई तुर्किए की अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा रहा है।
आतंकवाद में खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की मदद करने वाला तुर्किए 24 घंटे में ही घुटने पर आ गया। भारतीय हर साल टूरिज्म से तुर्किए को 3000 करोड़ की कमाई करवाते हैं। और जैसे ही भारतीयों ने अपने टूर पैकेज रद्द करवाने शुरू किए तो तुर्किए की सरकार ने भारतीयों से कहा कि उनके देश में…
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) May 14, 2025
सत्ता का नशा ही ऐसा है, दो घूंट गले के नीचे उतरी नहीं कि पूरा ब्रह्मांड अपनी मुट्ठी में नजर आता है। सनक जब सरकार पर हावी होती है तो ट्रम्प जैसा नेता दुनिया के सामने आता है।
कैलिफोर्निया सरकार ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने लॉस एंजेलिस में बिना राज्यपाल की अनुमति के 2,000 नेशनल गार्ड सैनिकों की तैनाती को लेकर आधिकारिक मुकदमा दर्ज किया है। यह विवाद तब शुरू हुआ जब लॉस एंजेलिस में इमिग्रेशन छापों के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार समीर चौगांवकर ने सोशल मीडिया से एक पोस्ट कर कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प अब देश और दुनिया के लिए एक परेशानी बन गए है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, सर्वोच्च पद पर पहुंचना, सर्वथा योग्य होने की निशानी नहीं है। डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने आचरण और तुनक मिज़ाज से इसे साबित किया है।
ट्रम्प ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की गरिमा को पूरी तरह से तहस नहस कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे आगमन को दुनिया भर में अनिश्चित भविष्य के बिना मुहर लगे वीजा के तौर पर देखा जा सकता है। सत्ता का नशा ही ऐसा है, दो घूंट गले के नीचे उतरी नहीं कि पूरा ब्रह्मांड अपनी मुट्ठी में नजर आता है।
सनक जब समझ और सरकार पर हावी होती है तो ट्रम्प जैसा नेता दुनिया के सामने अवतरित होता है। दुनिया में लगी आग को बुझाने का दावा करने वाले अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रम्प अब अपने ही देश को झुलसता देख रहे है। ट्रम्प, देश और दुनिया के लिए एक पहेली, परेशानी और पजल है।
सर्वोच्च पद पर पहुंचना,सर्वथा योग्य होने की निशानी नहीं है.डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने आचरण और तुनक मिज़ाज से इसे साबित किया है. ट्रम्प ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद की गरिमा को पूरी तरह से तहस नहस कर दिया है. डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे आगमन को दुनिया भर में अनिश्चित भविष्य के बिना मुहर लगे…
— sameer chougaonkar (@semeerc) June 10, 2025
जैसे ही शिलांग की घटना का ज़िक्र होता ,इस लड़की सोनम के लिए फ़िक्रमंद हो जाती कि कहाँ होगी? किस हाल में होगी? कौन लोग होंगे जो इसे किडनैप कर ले गए होंगे?
मध्य प्रदेश के इंदौर के रहने वाले 30 वर्षीय कारोबारी राजा रघुवंशी ने जब सोनम के साथ सात फेरे लिए, तो सपने में भी नहीं सोचा होगा कि वो जिसे अपनी दुल्हन बनाकर घर ला रहा है, वही उसकी मौत की सबसे बड़ी साजिशकर्ता निकलेगी। इस मामले पर पत्रकार और एंकर रुबिका लियाकत ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर कहा कि हम लोग ये कैसा समाज बनाते जा रहे है।
उन्होने लिखा, जैसे ही शिलांग की घटना का ज़िक्र होता ,इस लड़की सोनम के लिए फ़िक्रमंद हो जाती कि कहाँ होगी? किस हाल में होगी? कौन लोग होंगे जो इसे किडनैप कर ले गए होंगे? और अब से जानकर हतप्रभ हूँ कि अपने पति की हत्या के आरोप में इसे गिरफ़्तार किया गया है। ये कैसा समाज बना रहे हैं हम?
मत करो यार शादी, और दबाव बनाया जा रहा है तो बता दो उस लड़के को, उसके माँ-बाप को। किसी माँ के लाल को इसलिए मार देना कि वो तुम्हें पसंद नहीं? वहशीपन की हद है। शिलांग की बदनामी अलग कर गई ये घटना। ये क्या नया बिमारी शुरू हो गई है महिलाओं में? आपको बता दें, राजा की हत्या के आरोप में सोनम की गिरफ्तारी ने सबको हिलाकर रख दिया है।
कुछ घंटे पहले तक- जैसे ही शिलांग की घटना का ज़िक्र होता- इस लड़की सोनम के लिए फ़िक्रमंद हो जाती कि कहाँ होगी? किस हाल में होगी? कौन लोग होंगे जो इसे किडनैप कर ले गए होंगे?
— Rubika Liyaquat (@RubikaLiyaquat) June 9, 2025
और अब से जानकर हतप्रभ हूँ कि अपने पति की हत्या के आरोप में इसे गिरफ़्तार किया गया है।
ये कैसा समाज बना रहे… pic.twitter.com/b5DvAbKdB1
ना तो ये आईसीसी टूर्नामेंट था और ना आईपीएल की हैसियत किसी वर्ल्ड कप जैसी थी। ना ये कोई सरकारी चैंपियनशिप थी और ना ही भारत सरकार आयोजित कर रही थी।
आरसीबी के पहले आईपीएल खिताब का जश्न मातम में बदल गया। बुधवार को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर टीम की झलक पाने के लिए उमड़े जनसैलाब के कारण भगदड़ मच गई। हादसे में 11 लोगों की जान चली गई जबकि 30 से ज्यादा जख्मी हो गए। इस मामले पर पत्रकार और एंकर मीनाक्षी कंडवाल का कहना है कि हम हादसों से सबक लेने वाले देश नहीं, हम सिर्फ़ मौत को नंबर मानने वाले देश हैं।
उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर लिखा, बेंगलुरु हादसे में जो बच्चे बेहोश और तड़पती हुई हालत में दिखे, सड़क पर ही लोग सीपीआर देते रहे, अगर इन तस्वीरों को देख कर भी आप ये कह रहे हैं कि “इन लोगो को अक्ल नहीं कि बच्चों को लेकर आ गए” तो क्या कहूं। हाँ आ गए, क्योंकि आम आदमी ने सोचा चलो अपने बच्चे को विराट की एक झलक, ट्रॉफी दिखा दूँगा। गुनाह हो गया उसने ऐसा सोचा क्योंकि उसकी सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सरकार की नहीं। सरकार की ज़िम्मेदारी तो सिर्फ़ जश्न मनाने की थी।
ना तो ये ICC टूर्नामेंट था, ना आईपीएल की हैसियत किसी वर्ल्ड कप जैसी थी, ना ये कोई सरकारी चैंपियनशिप थी और ना ही भारत सरकार आयोजित कर रही थी। पैसा फेंक, तमाशा देख वाले खेल में “स्टेट प्राइड” की बात कहाँ से आ गई। फैन्स की फीलिंग अपनी जगह है लेकिन सरकार को तो “फोटो-ऑप” मोमेंट की जगह क्राउड मैनेजमेंट को प्राथमिकता में लाना चाहिए था। लेकिन अब होगा कुछ नहीं, क्योंकि हम हादसों से सबक लेने वाले देश नहीं, हम सिर्फ़ मौत को नंबर मानने वाले देश हैं। जान की कोई क़ीमत नहीं यहाँ।
बेंगलुरु हादसे में जो बच्चे बेहोश और तड़पती हुई हालत में दिखे, सड़क पर ही लोग सीपीआर देते रहे, अगर इन तस्वीरों को देख कर भी आप ये कह रहे हैं कि “इन लोगो को अक्ल नहीं कि बच्चों को लेकर आ गए” , तो क्या कहूं। हाँ आ गए क्योंकि आम आदमी ने सोचा चलो अपने बच्चे को विराट की एक झलक, ट्रॉफी…
— Meenakshi Kandwal मीनाक्षी कंडवाल (@MinakshiKandwal) June 5, 2025
कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में टीम की एक झलक पाने के लिए स्टेडियम के बाहर बड़ी संख्या में प्रशंसक उमड़ पड़े, जिन पर पुलिस नियंत्रण नहीं रख सकी।
आरसीबी द्वारा पहली बार आइपीएल का खिताब जीतने के जश्न में शामिल होने के लिए चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हजारों की संख्या में प्रशंसकों के उमड़ने के बाद मची भगदड़ में 11 लोग मारे गए और 33 अन्य घायल हो गए। हालांकि, स्टेडियम के भीतर जीत का जश्न जारी रहा। वरिष्ठ पत्रकार और एंकर बरखा दत्त ने इसे असाधारण संवेदनहीनता बताया।
उन्होंने एक्स पर लिखा, बेंगलुरु भगदड़ तैयारियों की पूर्ण कमी को दर्शाता है। जब क्रिकेटरों का जश्न मनाने आए लोगों को कुचलकर मार डाला जा रहा था, तब जश्न मनाया जाता रहा। यह असाधारण संवेदनहीनता को दर्शाता है। मृतकों में एक छोटा बच्चा भी शामिल है। तस्वीर रोंगटे खड़े कर देने वाली है।
आपको बता दें, कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा आयोजित कार्यक्रम में टीम की एक झलक पाने के लिए स्टेडियम के बाहर बड़ी संख्या में प्रशंसक उमड़ पड़े, जिन पर पुलिस नियंत्रण नहीं रख सकी। इसके लिए हल्का बल प्रयोग भी करना पड़ा। ये प्रशंसक स्टेडियम के भीतर घुसने की कोशिश में प्रवेश द्वार के बाहर ही भगदड़ का शिकार हो गए।
Bangalore stampede shows absolute lack of preparedness- will heads roll? - that celebrations carried on while people who came to celebrate the cricketers were getting crushed to death - shows extraordinary callousness. A little child is among the dead. The picture is haunting.
— barkha dutt (@BDUTT) June 4, 2025
पाकिस्तान अब तालिबान प्रतिबंध समिति से जुड़ी बैठकों की अध्यक्षता करेगा, सिफारिशें तैयार करेगा और सदस्यों के बीच सहमति बनाने में मदद करेगा।
पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। तालिबान प्रतिबंध समिति को 1988 समिति के तौर पर भी जाना जाता है। गुयाना और रूस इस समिति के उपाध्यक्ष के तौर पर काम करेंगे। इस जानकारी के सामने आने के बाद वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट कर इस निर्णय को हैरान कर देने वाला बताया।
उन्होंने एक्स पर लिखा, पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद काउंटर टेररिज्म कमेटी का उपाध्यक्ष और तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। यह आतंक को जड़ से ख़त्म करने की संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबद्धता के बारे में या स्पष्ट रूप से वैश्विक मंचों पर हमारी विदेश नीति के दबदबे के बारे में क्या कहता है?
कूटनीतिक कार्रवाई के तहत पाकिस्तान को एफएटीएफ की ग्रे सूची में वापस लाना चाहिए। अन्यथा यह बहुत सारी बातें और बहुत कम कार्रवाई का मामला है। आपको बता दें, पाकिस्तान अब तालिबान प्रतिबंध समिति से जुड़ी बैठकों की अध्यक्षता करेगा, सिफारिशें तैयार करेगा और सदस्यों के बीच सहमति बनाने में मदद करेगा।
Important: Irony just died: Pakistan is appointed vice chair of United Nations Security Council Counter Terrorism Committee.. and chair of Taliban Sanctions Committee. What does this say about UN commitment to root out terror or frankly about our foreign policy clout in global…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) June 5, 2025
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के सुर में सुर मिला रहे थे, जिन्होंने दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष रोकने में मदद के लिए ट्रंप को क्रेडिट दिया था।
इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने भारत के साथ तनाव कम करने में ट्रंप की कथित भूमिका के लिए खूब तारीफ की। इस दौरान शहबाज ने वॉशिंगटन से दोनों देश के बीच व्यापक बातचीत की सुविधा शुरू करने में मदद का आग्रह किया।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार हर्षवर्धन त्रिपाठी का कहना है कि अमेरिका को लेकर अब भारत को रणनीति को बदलना होगा। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर लिखा, अमेरिका को लेकर अपनी रणनीति में बड़ा परिवर्तन करने की आवश्यकता है। अमेरिका को ट्रेड वाले मसले पर ही अब दबाना चाहिए।
ट्रेड वॉर जैसी स्थिति भी हो तो पीछे नहीं हटना चाहिए। ट्रंप जिस तरह से पाकिस्तान के साथ खड़े हो रहे हैं, उसके बाद उन्हें संदेह का लाभ नहीं मिलना चाहिए। आतंकवादी पाकिस्तान के विरुद्ध पिछले कार्यकाल की तुलना में इस कार्यकाल में ट्रंप में यू टर्न ले लिया है। मैं संबंध खराब करने की बात नहीं कर रहा हूँ। रणनीतिक तौर पर हमारे संबंध चीन के साथ भी रहते ही हैं।
आपको बता दें, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के सुर में सुर मिला रहे थे, जिन्होंने दोनों देशों के बीच सैन्य संघर्ष रोकने में मदद के लिए ट्रंप को क्रेडिट दिया था।
#भारत को अमेरिका को लेकर अपनी रणनीति में बड़ा परिवर्तन करने की आवश्यकता है। अमेरिका को ट्रेड वाले मसले पर ही अब दबाना चाहिए। ट्रेड वॉर जैसी स्थिति भी हो तो पीछे नहीं हटना चाहिए। ट्रंप जिस तरह से पाकिस्तान के साथ खड़े हो रहे हैं, उसके बाद उन्हें संदेह का लाभ नहीं मिलना चाहिए।…
— हर्ष वर्धन त्रिपाठी ??Harsh Vardhan Tripathi (@MediaHarshVT) June 5, 2025
बार-बार वही काज जिसका सिला एक नहीं कई दफ़ा चुनावों में मिल चुका है। मुहब्बत कि दुकान से पीएम मोदी के लिए इतनी नफ़रत दिखी कि सीज़फायर और सरेंडर का अंतर तक भूल गए?
कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को भोपाल में मोदी के खिलाफ बयान दिया था। उन्होंने कहा था, ट्रम्प का एक फोन आया और नरेंद्र जी तुरंत सरेंडर हो गए। उनके इस बयान पर पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर ने उन्हें करेक्ट किया है। उनके मुताबिक पंडित नेहरु ने 1962 युद्ध में चीन के आगे सरेंडर किया था।
पाकिस्तानी पत्रकार हामिद मीर की इस पोस्ट पर पत्रकार और एंकर रुबिका लियाकत ने भी अपनी राय दी। उन्होंने एक्स पर लिखा, अब तो ताज्जुब भी नहीं होता है। बार-बार वही काज जिसका सिला एक नहीं कई दफ़ा चुनावों में मिल चुका है। मुहब्बत कि दुकान से पीएम मोदी के लिए इतनी नफ़रत दिखी कि सीज़फायर और सरेंडर का अंतर तक भूल गए?
हमारी छोड़िए अब तो पाकिस्तान के पत्रकार ही आड़े हाथों ले रहे हैं। आपको बता दें, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के 'नरेंदर सरेंडर' वाले बयान पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी पलटवार किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा, राहुल गांधी, सरेंडर आप करते होंगे, क्योंकि आपका इतिहास ही ऐसा रहा है। भारत कभी सरेंडर नहीं करता। सरेंडर आपकी पार्टी कांग्रेस की डिक्शनरी में है, आपके DNA में है।
अब तो ताज्जुब भी नहीं होता… बार-बार वही काज जिसका सिला एक नहीं कई दफ़ा चुनावों में मिल चुका है।
— Rubika Liyaquat (@RubikaLiyaquat) June 4, 2025
मुहब्बत कि दुकान से पीएम मोदी के लिए इतनी नफ़रत दिखी कि सीज़फायर और सरेंडर का अंतर तक भूल गए?
हमारी छोड़िए अब तो पाकिस्तान के पत्रकार ही आड़े हाथों ले रहे हैं। https://t.co/ev3ZZGEwpd pic.twitter.com/FK5TMt1y7Z
राहुल गांधी ने आरएसएस पर भी निशाना साधा। कांग्रेस नेता ने कहा कि अब मैं अच्छी तरह जानता हूं, इन पर थोड़ा सा दबाव डालों, थोड़ा सा धक्का मारो ये लोग डरकर भाग जाते हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी पीएम मोदी पर फिर से तीखा हमला किया है। राहुल गांधी ने पीएम मोदी के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फोन कॉल पर सरेंडर करने की बात कही। उधर से ट्रंप ने एक इशारा किया, फोन उठाया, कहा- मोदी जी क्या कर रहे हो, नरेंद्र... सरेंडर, जी हजूर करके नरेंद्र मोदी ट्रंप के इशारे का पालन किया।
उनके इस बयान की वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने भरसक निंदा की है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक पोस्ट कर कहा, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाना ही अगर मकसद था, तो बेहतर शब्दों का इस्तेमाल किया जा सकता था श्रीमान राहुल गांधी जी। देश के प्रधानमंत्री के ओहदे का सम्मान करना, हर भारतीय का कर्तव्य है।
आप भी उसमें शामिल है। नरेंदर सरेंडर, ये शब्दावली आपके पद और गरिमा को शोभा नहीं देती। बचना चाहिए आपको ऐसे अल्फ़ाज़ से। जिसने भी ये शब्द आपके मुँह में डाले, वो स्तर विहीन है। आपको बता दें, राहुल गांधी ने अपने भाषण में आरएसएस पर भी निशाना साधा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि अब मैं अच्छी तरह जानता हूं, इन पर थोड़ा सा दबाव डालों, थोड़ा सा धक्का मारो ये लोग डरकर भाग जाते हैं। आजादी के समय से सरेंडर वाली चिट्ठी लिखने की आदत है।
ट्रंप का एक फोन आया और नरेंद्र जी तुरंत surrender हो गए - इतिहास गवाह है, यही BJP-RSS का character है, ये हमेशा झुकते हैं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 3, 2025
भारत ने 1971 में अमेरिका की धमकी के बावजूद पाकिस्तान को तोड़ा था। कांग्रेस के बब्बर शेर और शेरनियां Superpowers से लड़ते हैं, कभी झुकते नहीं। pic.twitter.com/RhdQWdRBtV
प्रधानमंत्री पर आपत्तिजनक और ओछी टिप्पणी करके राहुल गांधी जी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया नेता प्रतिपक्ष जैसे गंभीर पद के लायक योग्यता और परिपक्वता उनके अंदर नहीं है।
कांग्रेस सांसद और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सीजफायर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा, उधर से ट्रंप ने फोन किया और इशारा किया कि 'मोदी जी क्या कर रहे हो? नरेंद्र, सरेंडर, और 'जी हुजूर' करके मोदी जी ने ट्रंप के इशारे का पालन किया।
इस मामले पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि राहुल गांधी के भीतर नेता प्रतिपक्ष जैसी परिपक्वता नहीं है। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पर आपत्तिजनक और ओछी टिप्पणी करके राहुल गांधी जी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया नेता प्रतिपक्ष जैसे गंभीर पद के लायक योग्यता और परिपक्वता उनके अंदर नहीं है।
भारत की सेना के अप्रतिम शौर्य के प्रतीक ऑपरेशन सिंदूर में किसी को सरेंडर तभी नज़र आ सकता है जिससे केवल एक साल पहले तीसरे प्रयास में लोक सभा में तीन अंक न छू पाने में विजय और लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में पराजय दिखाई पड़ रही हो।
आप वही नेता है जिन्होंने जुलाई 2011 में ये कहा था कि आतंकवाद पर नियंत्रण पाना असंभव है ये होता है आतंकवाद के आगे सरेंडर। 1971 में 93,000 युद्धबंदी होने के बाद भी आप की सरकार ने पाक अधिकृत कश्मीर भी सरेंडर किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पर आपत्तिजनक और ओछी टिप्पणी करके राहुल गांधी जी ने एक बार फिर यह साबित कर दिया नेता प्रतिपक्ष जैसे गंभीर पद के लायक योग्यता और परिपक्वता उनके अंदर नहीं है।
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) June 3, 2025
भारत की सेना के अप्रतिम शौर्य के प्रतीक ऑपरेशन सिंदूर में किसी को सरेंडर तभी नज़र आ सकता है… pic.twitter.com/SCYabpGl00
जयराम रमेश ने पूर्व प्रधानमंत्री का उदाहरण देते हुए पीएम पर तंज कसा। उन्होंने कहा, पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का उदाहरण दिया, जो 2007 में जी8 शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने एक्स पर लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस साल कनाडा में होने वाली जी7 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने की खबर सामने आ रही है। उन्होंने इसे एक और 'बड़ी कूटनीतिक चूक' करार दिया है।
इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार राजीव सचान ने भी अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर कहा, जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए भारत ने मेहमान के रूप में मारीशस, मिस्र, स्पेन,नाइजीरिया, ओमान, यूएई समेत कुछ चुनिंदा देशों को ही आमंत्रित किया था। भारत के मित्रवत संबंध तमाम देशों से हैं। क्या इनमें से भारत ने जिन्हें आमंत्रित नही किया, उन देशों के विपक्षी नेताओं ने जयराम रमेश की तरह अपनी सरकार पर ऐसे आरोप लगाए होंगे कि यह आपकी बड़ी कूटनीतिक विफलता है?
आपको बता दें, जयराम रमेश ने पूर्व प्रधानमंत्री का उदाहरण देते हुए पीएम मोदी पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का उदाहरण दिया, जो 2007 में जी8 शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे और इस सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन पर बातचीत के लिए प्रसिद्ध ‘सिंह-मर्केल सूत्र’ का अनावरण किया था।
जी-20 सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए भारत ने मेहमान के रूप में मारीशस, मिस्र, स्पेन,नाइजीरिया, ओमान, यूएई समेत कुछ चुनिंदा देशों को ही आमंत्रित किया था। भारत के मित्रवत संबंध तमाम देशों से हैं। क्या इनमें से भारत ने जिन्हें आमंत्रित नही किया, उन देशों के विपक्षी नेताओं ने जयराम…
— Rajeev Sachan (@RajeevKSachan) June 4, 2025