इसी बीच वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने एक सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को अपना नाम बदल लेना चाहिए।
कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर को लेकर दूसरे दिन भी डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है। इस मामले में लगातार सीबीआई जांच की मांग की जा रही है। वहीं, पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी सामने आ गई है, जिसमें रेप की पुष्टि हुई है। दूसरी ओर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा हर उस व्यक्ति को ब्लॉक कर रही है जो उनसे सवाल पूछ रहा है।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने एक सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को अपना नाम बदल लेना चाहिए। उन्होंने अपने एक्स हैंडल से एक पोस्ट की और लिखा, अभिव्यक्ति की आजादी पर अलग अलग तरह के फेशियल एक्सप्रेशन के साथ छल्लेदार भाषण देने वाली महुआ मोइत्रा हर उस व्यक्ति को ब्लॉक कर रही हैं जो उनसे बंगाल में बलात्कार पर सवाल कर रहा है।
जया अमिताभ बच्चन ने तो संसद के दस्तावेजों में अब तक अपना नाम नहीं बदला है, पर महुआ जी से निवेदन है कि वो अपना नाम बदल कर "महुआ ब्लॉककर मोइत्रा" रख लें। आपको बता दें कि कोलकाता के आरजी कर हॉस्पिटल एंड मेडिकल कॉलेज में बीते शुक्रवार को महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना सामने आई थी। परिवार को पहले बताया गया कि उसने सुसाइड किया है।
अभिव्यक्ति की आजादी पर अलग अलग तरह के फेशियल एक्सप्रेशन के साथ छल्लेदार भाषण देने वाली महुआ मोइत्रा हर उस व्यक्ति को ब्लॉक कर रही हैं जो उनसे बंगाल में बलात्कार पर सवाल कर रहा है। जया अमिताभ बच्चन ने तो संसद के दस्तावेजों में अब तक अपना नाम नहीं बदला है, पर महुआ जी से निवेदन है… https://t.co/pZSAL1lEr8 pic.twitter.com/YLwqfWq2zd
— Ashok Shrivastav (@AshokShrivasta6) August 14, 2024
इस बार होली और जुमा एक ही दिन पड़ रहा है। इसे लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अलग-अलग राजनीतिक दलों के लोग इस पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं।
शुक्रवार को देशभर में रंगों के त्योहार होली की तैयारियां चल रही हैं, लेकिन उसी दिन रमजान का दूसरा जुमा होने के चलते यह दिन विवादों में आ गया है। कुछ मुस्लिम नेता नमाज के लिए कुछ देर के लिए होली रोकने की अपील कर रहे हैं। इस बीच राज्यसभा सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी ने एक टीवी डिबेट में अपने विचार व्यक्त किये।
उन्होंने कहा, आज जुमे और होली का तथाकथित विवाद कोई हिन्दू मुस्लिम विवाद नहीं है बल्कि एक विशेष प्रकार की मध्यकालीन मानसिकता और आज के हमारे संविधान के प्रति एक समान प्रतिबद्धता के बीच का विवाद है।
एक वर्ग विशेष यानी मुस्लिम समाज के एक कट्टरपंथी तबके को सेकुलर सियासत में एक ऐसी मानसिकता से जकड़ दिया है कि वो सारे नियम और क़ानून से ऊपर है और अगर उनको क़ानून के दायरे में आचरण करने की बात कही जाए तो उन्हें यह उत्पीड़न नज़र आने लगता है। और ये सारे तथाकथित सेकुलर दल उन्हें समझाने की बजाए भड़काने और भड़कते शोलों में अपनी सियासत चमकाने में लग जाते हैं।
आपको बता दें, दिल्ली में बीजेपी के विधायक करनैल सिंह ने कहा है कि होली वाले दिन मुसलमानों को अपने-अपने घर पर ही नमाज पढ़नी चाहिए ताकि उन्हें कोई शिकायत न हो।
आज जुमे और होली का तथाकथित विवाद कोई हिन्दू मुस्लिम विवाद नहीं है बल्कि एक विशेष प्रकार की मध्यकालीन मानसिकता और आज के हमारे संविधान के प्रति एक समान प्रतिबद्धता के बीच का विवाद है ।
— Dr. Sudhanshu Trivedi (@SudhanshuTrived) March 11, 2025
एक वर्ग विशेष यानी मुस्लिम समाज के एक कट्टरपंथी तबके को सेकुलर सियासत में एक ऐसी मानसिकता से जकड़… pic.twitter.com/YDlIUemGGy
आप पिछले 5 ओलंपिक खेलों की पदक तालिका उठाकर देख लीजिए। सबसे ज़्यादा मेडल उन्हीं देशों ने जीते हैं, जिनकी प्रति व्यक्ति आय भी सबसे ज़्यादा है।
नीरज बधवार, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक।
किसी भी मुल्क में खेलों की स्थिति उस मुल्क की आर्थिक या सामाजिक स्थिति से बहुत ज़्यादा अलग नहीं हो सकती। इसलिए जब लोग पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के खराब खेलने को सिर्फ क्रिकेट से जोड़कर देखते हैं, तो मुझे हैरानी होती है। अगर एक मुल्क आज हर तरह से बर्बाद है, तो ऐसा कैसे हो सकता है कि उसकी टीम एकदम परफेक्ट हो या वह वर्ल्ड क्लास हो जाए? आप पिछले 5 ओलंपिक खेलों की पदक तालिका उठाकर देख लीजिए।
सबसे ज़्यादा मेडल उन्हीं देशों ने जीते हैं, जिनकी प्रति व्यक्ति आय (per capita income) भी सबसे ज़्यादा है। भारत में भी पारंपरिक तौर पर क्रिकेट में सबसे ज़्यादा खिलाड़ी दिल्ली, महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना या आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से आते दिखते हैं, जो आर्थिक तौर पर बाकी राज्यों से बेहतर हैं। इसलिए पाकिस्तानी क्रिकेट टीम की खराब हालत के लिए सिर्फ उसके खिलाड़ियों को भला-बुरा कहना बड़ी मासूमियत होगी।
इसे थोड़ा और विस्तार से समझते हैं। किसी भी मुल्क के पास मोटे तौर पर तीन तरीकों से पैसा हो सकता है—या तो उसके पास अरब देशों की तरह ऑयल मनी हो, या उसके पास ऐसे प्राकृतिक संसाधन (natural resources) हों, या फिर उसके पास ऐसी तकनीक (technology) हो, जिसे दुनिया को बेचकर वह पैसा कमा सके। अफसोस कि पाकिस्तान में इन तीनों में से कुछ भी नहीं है। एक वक्त तक पाकिस्तान को आतंकवाद की लड़ाई में अमेरिका का कथित सहयोग करने के नाम पर पैसा मिलता रहा, मगर आज वह भी नहीं है। ले-देकर पाकिस्तान में आज सिर्फ पीसीबी (PCB) एक ऐसा संस्थान है, जिसके पास कुछ पैसा आता है—वह भी उसे आईसीसी (ICC) का पार्टनर होने के नाते ही मिलता है।
पाकिस्तान में अब जो भी हुकूमत में आता है, उसकी इस पैसे पर नज़र होती है। और जहाँ पैसा और नेता होते हैं, वहाँ क्या होता है, यह समझना मुश्किल नहीं है। यही वजह है कि पाकिस्तान में पिछले 3 सालों में 9 कोच बदले गए हैं। इस दौरान अलग-अलग फॉर्मेट में तकरीबन आधा दर्जन खिलाड़ियों को कप्तान बनाया गया है। घरेलू (domestic) क्रिकेट बर्बाद हो चुका है। पीएसएल (PSL) सिर्फ मन बहलाने के अलावा और कुछ नहीं है। जो खिलाड़ी जिस सीरीज़ में नहीं खिलाया जाता, वह उसी सीरीज़ में टीवी पर एक्सपर्ट बनकर उन खिलाड़ियों की आलोचना करने लगता है, जिनके साथ वह एक हफ्ते पहले तक खेल रहा था।
भारत में क्या आप इन सब चीज़ों की कल्पना भी कर सकते हैं?और जिस भी टीम में ऐसा माहौल होगा, जहाँ इतनी अनिश्चितता होगी, वहाँ खिलाड़ी और कोच कैसे परफॉर्म करेंगे, यह समझना मुश्किल नहीं है। पाकिस्तान बनने के इतने सालों बाद भी वहाँ के हुक्मरानों को यह समझ नहीं आया कि कभी भी "लॉटरी माइंडसेट" के साथ देश नहीं बनते। लॉटरी माइंडसेट मतलब—आतंकवाद के नाम पर लड़ाई के जरिए अमेरिका से पैसा मिल जाए, चीन को कॉरिडोर बनाने के लिए अपना देश दे दो ताकि वहाँ से पैसा आ जाए, यहाँ-वहाँ खुदाई करवा लो ताकि कहीं से कोई गैस या सोना मिल जाए।
ऐसा नहीं है कि यह काम बाकी मुल्क नहीं करते, मगर आप पाकिस्तान के आर्थिक विकास से जुड़ी ख़बरें इंटरनेट पर पढ़ें, तो आपको पता लगेगा कि इसके अलावा उनकी कोई और रणनीति (strategy) नहीं है।इन सालों में न उन्होंने संस्थानों में निवेश (investment) किया, न अपनी कोई स्वतंत्र विदेश नीति (independent foreign policy) बनाई, न लोकतंत्र को मज़बूत किया, न किसी संवैधानिक संस्थान को खड़ा होने दिया।
पाकिस्तान की सेना और सेना की चुनी हुई सरकारों ने पिछले 77 सालों से वहाँ की आवाम को सिर्फ मज़हब की अफीम चटाकर मूर्ख बनाया, और लोग खुशी-खुशी मूर्ख बनते भी रहे। पूरे मुल्क में नेताओं से लेकर खिलाड़ियों तक हर कोई इसी कोशिश में रहता है कि कैसे हर बार खुद को धर्म का रक्षक बनाकर लोगों की सहानुभूति बटोरी जाए। वरना ऐसा कैसे हो सकता है कि पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के खिलाड़ी और कप्तान भी एथलीट की तरह कम और मौलवियों की तरह ज़्यादा बर्ताव करते हैं?
पीएसएल के दौरान बाहर से आए खिलाड़ियों को "कन्वर्ट" करने की कोशिश करते हैं। कोचिंग देने आए मैथ्यू हेडन को कन्वर्ट करने की बातें होती हैं। इंग्लैंड खेलने जाते हैं, तो वहाँ के खिलाड़ियों को कन्वर्ट करने का प्रयास किया जाता है। इमरान खान कहते थे कि हिंदुस्तान से हर मैच हमारे लिए "जिहाद" की तरह होता था। इस टूर्नामेंट से पहले खुद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ कह रहे थे कि "तुम्हें हर हाल में हिंदुस्तान को हराना होगा।" क्या किसी मुल्क का प्रधानमंत्री किसी एक देश का नाम लेकर इस तरह की बातें करता है?
अब ऐसा कैसे हो सकता है कि जब मुल्क के तौर पर आपके पास तरक्की करने को लेकर कोई रोडमैप न हो, और आपकी टीम 2025 में भी यह सोचती हो कि हम धार्मिक जुनून के दम पर जीत जाएंगे? फिर आपका वही हश्र होगा, जो हो रहा है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि 80 और 90 के दशक में जब तक खेलों में तकनीक नहीं आई थी, जब तक स्पोर्ट्स उतना डिमांडिंग नहीं हुआ था, तब तक जोश और जज़्बे से भी काम चल जाता था। लेकिन हॉकी से लेकर क्रिकेट तक जैसे-जैसे खेल प्रतिस्पर्धात्मक (competitive) होते गए और उनमें तकनीक का दखल बढ़ता गया, तो पाकिस्तान की टीम पीछे छूटती गई। उनकी हॉकी टीम तो ख़त्म हो चुकी है, और क्रिकेट टीम भी लगभग उसी स्थिति में पहुँच चुकी है—क्योंकि आज भी वे 30-40 साल पुराने माइंडसेट में जी रहे हैं कि "हममें तो बहुत जज़्बा है।"
ठीक इसी माइंडसेट के चलते पाकिस्तान भारत से चार-चार जंगें भी हार चुका है। जैसा कि पाकिस्तानी सीनियर पत्रकार हसन निसार कहते हैं, "पाकिस्तान ने चारों जंगें भारत पर थोपी हैं।" क्योंकि अरसे तक ये लोग इस माइंडसेट में जीते रहे कि "एक-एक मुसलमान चार-चार हिंदुओं को परास्त कर देगा।" मगर इन लोगों ने यह नहीं सोचा कि आज कोई 1650 वाले तरीकों से हाथों से लड़ाई नहीं लड़ी जा रही। आज युद्ध तकनीक से लड़े जाते हैं, न कि हाथ से। और यही समझने वाली बात है—कोई भी देश अगर तरक्की करना चाहता है, तो उसे तकनीकी विकास (technological advancement) करना होगा।
तकनीकी विकास तब होगा, जब देश का मिज़ाज (temperament) वैज्ञानिक होगा।वैज्ञानिक सोच अपनाने में सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि जैसे ही आप इसे अपनाना शुरू करते हैं, तो सबसे पहले आपको अपने ही मज़हबी विश्वास दकियानूसी लगने लगते हैं और वे आपसे छूटने लगते हैं। और जो भी मुल्क या समाज इस धार्मिक कट्टरता की गर्त में धंसे रहना चाहता है, वह खुद को विज्ञान और तकनीक के जाल में फंसने ही नहीं देता।
यही सबसे बड़ा विरोधाभास (paradox) है। आप कट्टर बने रहकर उस चीज़ में विजेता बनना चाहते हैं, जिसकी पहली शर्त ही यह है कि आप कट्टरता त्याग कर विज्ञान को अपनाएँ। मगर आप अपनी धार्मिक कट्टरता की गुनूदगी में इतने मदहोश हैं कि न आप सच देख पा रहे हैं, न सुन पा रहे हैं... बस हैरान हुए जा रहे हैं कि "ऊपरवाला हमारे साथ यह क्या कर रहा है !"
( यह लेखक के निजी विचार हैं ) साभार - फेसबुक
दिल्ली लगातार छठे साल दुनिया में सबसे प्रदूषित राजधानी बनी हुई है। वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2024 के अनुसार, दिल्ली प्रदूषण के मामले में इस साल भी पहले स्थान पर है।
दिल्ली लगातार छठे साल दुनिया में सबसे प्रदूषित राजधानी बनी हुई है। स्विट्जरलैंड की वायु गुणवत्ता प्रौद्योगिकी कंपनी आईक्यू एयर की वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट 2024 के अनुसार, दिल्ली प्रदूषण के मामले में इस साल भी पहले स्थान पर है।
शहरों की श्रेणी में एनसीआर के लोनी, नोएडा और ग्रेटर नोएडा भी सबसे प्रदूषित हैं। इस जानकारी के सामने आने के बाद, वरिष्ठ पत्रकार अखिलेश शर्मा ने भी सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर अपना क्रोध प्रकट किया। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, यह हमारे लिए शर्म की बात है भारत की राजधानी दिल्ली विश्व की सबसे अधिक प्रदूषित राजधानी है।
इससे युद्ध स्तर पर निपटने की आवश्यकता है वर्ना आने वाली पीढ़ियाँ हमें कभी क्षमा नहीं करेंगी। आपको बता दें, 2024 में पीएम 2.5 के स्तर में सात प्रतिशत गिरावट देखी गई है। दुनिया के टॉप-20 सबसे प्रदूषित शहरों में से 13 भारत में हैं। असम का बर्नीहाट इस सूची में सबसे ऊपर है। रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के चार और चीन का एक शहर शीर्ष-20 प्रदूषित शहरों में शामिल हैं।
यह हमारे लिए शर्म की बात है भारत की राजधानी दिल्ली विश्व की सबसे अधिक प्रदूषित राजधानी है। इससे युद्ध स्तर पर निपटने की आवश्यकता है वर्ना आने वाली पीढ़ियाँ हमें कभी क्षमा नहीं करेंगी।
— Akhilesh Sharma (@akhileshsharma1) March 12, 2025
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। संगठन ने दावा किया है कि उसने 214 यात्रियों के बंधक बना लिया है।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक कर लिया गया। जिसमें करीब 500 लोग सवार थे। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। संगठन ने दावा किया है कि उसने 214 यात्रियों के बंधक बना लिया है और पाकिस्तानी सेना के 30 जवानों को मौत के घाट उतार दिया है।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार आदित्य राज ने भी अपने सोशल मीडिया से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, उम्मीद है कि पाकिस्तानी सेना का आईएसपीआर हमेशा की तरह आज भी बलूचिस्तान ट्रेन हमले में अपनी हताहत संख्या को छिपाएगा।
पाकिस्तानी सेना को 30 से अधिक हताहतों का सामना करना पड़ा। उन सैनिकों के लिए दुख की बात है जो अज्ञात मौत मरते हैं, भले ही वे वीरता के साथ बहादुर-हृदय सैनिक के रूप में मरने के लिए साइन अप करते हैं।
आपको बता दें, अलगावादी समूह ने अपनी मांगों में कहा है कि बलूच राजनीतिक कैदियों और राष्ट्रीय प्रतिरोध कार्यकर्ताओं को बिना शर्त रिहा किया जाए। इसके बदले में वे बंधकों को छोड़ने को तैयार है और इसके लिए उन्होंने 48 घंटे की समय सीमा तय की है।
Expect Pakistan Army’s ISPR like always to hide their causality numbers in the Balochistan Train attack today. Over 30 casualties faced by Pakistani Military. Sad for those soldiers who die a death of unknown even though they sign up to die as brave-heart soldiers with valour.
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) March 11, 2025
पॉइंट्स टेबल में फिलहाल दिल्ली कैपिटल्स की टीम पहले पायदान पर बनी हुई है। दिल्ली कैपिटल्स ने 8 मैचों में से 5 में जीत और 3 में हार का सामना किया।
महिला प्रीमियर लीग के लिए तीन टीमें क्वालीफाई कर चुकी हैं। जिसमें दिल्ली कैपिटल्स, मुंबई इंडियंस और गुजरात जायंट्स की टीमें शामिल हैं। इनमें से 2 टीमों के सभी लगी मैच पूरे हो चुके हैं। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने अपने सोशल मीडिया से एक पोस्ट कर बीसीसीआई की तारीफ की है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, महिला प्रीमियर लीग को पर इतना ध्यान और समर्थन देने के लिए आभार। महिलाओं को इतना अच्छा प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलते देखने के लिए दूधिया रोशनी में मुंबई के ऐतिहासिक ब्रेबॉर्न स्टेडियम में भीड़ को आते देखना बहुत अच्छा लगा।
आईपीएल ने पुरुषों के लिए जो किया है, डब्ल्यूपीएल हमारी महिला क्रिकेटरों के लिए करने के लिए तैयार है। नारी शक्ति। आपको बता दें, पॉइंट्स टेबल में फिलहाल दिल्ली कैपिटल्स की टीम पहले पायदान पर बनी हुई है। दिल्ली कैपिटल्स ने 8 मैचों में से 5 में जीत और 3 में हार का सामना किया। फिलहाल दिल्ली के 10 अंक और +0.396 का नेट रनरेट है। दूसरी तरफ मुंबई इंडियंस की टीम पॉइंट्स टेबल में दूसरे पायदान पर बनी हुई है।
पहली बार एक्स दोपहर 3:30 बजे के आसपास आधे घंटे के लिए डाउन हुआ। फिर शाम को 7 बजे से एक घंटे डाउन रहा। इसके बाद रात 8:30 से 10:30 बजे तक बंद रहा।
दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी इलॉन मस्क ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के डाउन होने के पीछे यूक्रेन का हाथ है। सोमवार को एक्स तीन बार डाउन हुआ था। मस्क ने फॉक्स न्यूज पर कहा, हमें ठीक से पता नहीं है कि क्या हुआ था, लेकिन एक्स सिस्टम को ध्वस्त करने के लिए बड़े स्तर पर यूक्रेन एरिया से ओरिजिनेट IP एड्रेस से साइबर हमला हुए।
पहली बार एक्स दोपहर 3:30 बजे के आसपास आधे घंटे के लिए डाउन हुआ। फिर शाम को 7 बजे से एक घंटे डाउन रहा। इसके बाद रात 8:30 से 10:30 बजे तक बंद रहा। आउटेज ट्रैकर वेबसाइट पर यूजर डेटा के अनुसार, थोड़े समय की गिरावट के बाद आउटेज रिपोर्ट की संख्या बढ़कर 26,579 हो गई।
दिन में यह संख्या 40,000 यूजर तक पहुंच गई। यूनाइटेड किंगडम में भी, 10,800 से ज़्यादा यूजर्स ने दिन में ही आउटेज की शिकायत की। हालांकि, इस आउटेज का कारण तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया। आपको बता दें, 27 अक्टूबर 2022 को इलॉन मस्क ने ट्विटर खरीदा था। ये डील 44 बिलियन डॉलर में हुई थी। आज के हिसाब से ये रकम करीब 3.84 लाख करोड़ रुपए होती है।
मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा कि होली के दिन सभी मुसलमान अपनी नजदीकी मस्जिदों में ही जुमे की नमाज अदा करें और उसके बाद घरों में रहकर इबादत करें।
उत्तर प्रदेश में होली और जुमे को लेकर छिड़े विवाद के बीच सियासी बयानों की बाढ़ सी आ गई है। बलिया से बीजेपी विधायक केतकी सिंह ने भी मेडिकल कॉलेज में मुस्लिमों के लिए अलग विंग बनाने की मांग करके सियासी सरगर्मियां तेज कर दी हैं। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री ने भी अपने शो में कुछ सवाल उठाए।
उन्होंने कहा, यूपी की दो बड़ी यूनिवर्सिटी का उदाहरण लीजिए। एएमयू में होली नहीं खेली जाएगी, क्योंकि मुस्लिम छात्रों को ऐतराज़ है। जबकि कहा जा रहा है कि बीएचयू में ताजिया निकलेगा, इफ्तारी भी होगी, क्योंकि संविधान हमें अधिकार देता है। एएमयू वालों से कोेई पूछे ये कौन सा लोकतंत्र है?
आपको बता दें, संभल सीओ अनुज चौधरी के होली को लेकर दिए बयान से छिड़ी बहस अब बुर्का, मंदिर और मुस्लिम के अलग अस्पताल तक पहुंच गई है। दारुल उलूम देवबंद ने भी तमाम तबकों खासकर मुसलमानों से होली के दिन संयम और अमन बनाए रखने की अपील की है। मौलाना कारी इसहाक गोरा ने कहा कि होली के दिन सभी मुसलमान अपनी नजदीकी मस्जिदों में ही जुमे की नमाज अदा करें और उसके बाद घरों में रहकर इबादत करें।
मेरे पेशेवर और व्यक्तिगत अनुभव में, महिलाएं अधिकांश पुरुषों की तुलना में अधिक मेहनत करती हैं, अधिक सहानुभूतिशील होती हैं और अधिक सिद्धांतवादी होती हैं।
हर साल 8 मार्च को इंटरनेशनल वूमेंस डे मनाया जाता है। यह दिन महिला सशक्तिकरण का एक खास दिन होता है। इस दिन जगह-जगह महिला सशक्तिकरण और उन्हें मोटिवेट करने के लिए प्रोग्राम भी किए जाते हैं। इस बीच वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल से एक पोस्ट की और कहा कि देश की अद्भुत महिलाओं को मेरा सलाम है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, मेरे पेशेवर और व्यक्तिगत अनुभव में, महिलाएं अधिकांश पुरुषों की तुलना में अधिक मेहनत करती हैं, अधिक सहानुभूतिशील होती हैं और अधिक सिद्धांतवादी होती हैं। तो महिला दिवस पर दो शुभकामनाएँ! तीसरा तब होगा जब हम पर्यावरण को अधिक सुरक्षित बनाएंगे और अपनी महिलाओं का अधिक सम्मान करेंगे ! महिला दिवस को किसी अन्य कार्यक्रम/नारे तक सीमित न करें।
आपको बता दें, ये दिन महिलाओं की उपलब्धियों को सलाम करने का दिन है। इस दिन को महिलाओं की आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक तमाम उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। साथ ही उन्हें यह अहसास कराया जाता है कि वह हमारे लिए कितनी खास हैं।
On International Women’s Day, my salutations to the wonderful women of the country. In my professional and personal experience, women work harder, are more empathetic and are more principled than most men. So two cheers on Women’s Day! A third would be when we make the…
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) March 8, 2025
इधर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी विधानसभा में इसे लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने समाजवादी पार्टी से मांग की है कि वो अबू आज़मी को पार्टी से निकाल दें।
समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आज़मी, औरंगज़ेब को लेकर दिये बयान को लेकर बुरी तरह घिर गए हैं। उनके इस बयान के चलते, उन्हें पूरे सत्र के लिए महाराष्ट्र विधानसभा से सस्पेंड कर दिया गया है। इस मामले पर वरिष्ठ पत्रकार अमिताभ अग्निहोत्री ने भी अपने शो में अपनी राय व्यक्त की।
उन्होंने कहा, औरंगज़ेब के मसले पर अखिलेश यादव की पार्टी इंडिया गठबंधन के तहत अलग-थलग पड़ गई है। कांग्रेस, एनसीपी और उद्धव ठाकरे ने अबु आज़मी की कड़ी आलोचना की है। औरंगज़ेब और अबु आज़मी के नाम पर उद्धव ठाकरे और बीजेपी के स्वर एक हैं। इसके भी कुछ मायने हैं, ये भी समझना होगा।
इधर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी विधानसभा में इसे लेकर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने समाजवादी पार्टी से मांग की है कि वो अबू आज़मी को पार्टी से निकाल दें। वहीं शिवसेना के लोकसभा सांसद नरेश म्हास्के की शिकायत पर अबु आजमी के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के प्रयास के आरोप मुकदमा दर्ज किया गया था। यह मुकदमा ठाणे में दर्ज किया गया था।
"औरंगज़ेब के मसले पर अखिलेश यादव की पार्टी इंडिया गठबंधन के तहत अलग-थलग पड़ गई है. कांग्रेस, NCP और उद्धव ठाकरे ने अबु आज़मी की कड़ी आलोचना की है. औरंगज़ेब और अबु आज़मी के नाम पर उद्धव ठाकरे और BJP के स्वर एक हैं. इसके भी कुछ मायने हैं, ये भी समझना होगा"#Aurangzeb@Aamitabh2 pic.twitter.com/E2pAdAVARH
— TV9 Uttar Pradesh (@TV9UttarPradesh) March 6, 2025
भारत के लिए न खेलने वाले यकीनन सबसे योग्य क्रिकेटर पद्माकर शिवालकर का निधन हो गया है। मेरी पीढ़ी के उन लोगों के लिए जो मुंबई के मैदान में पले-बढ़े थे।
मुंबई के महान स्पिनर पद्माकर शिवलकर का उम्र संबंधी समस्याओं के कारण सोमवार को यहां निधन हो गया। वह 84 वर्ष के थे। भारत के लिए कभी नहीं खेले पाने वाले सर्वश्रेष्ठ स्पिनरों में शामिल शिवालकर ने 124 प्रथम श्रेणी मैचों में हिस्सा लिया और 19.69 की औसत से 589 विकेट लिए।
उनके निधन पर वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी अपने सोशल मीडिया से एक पोस्ट की और उन्हें याद किया। उन्होंने एक्स हैंडल पर लिखा, भारत के लिए न खेलने वाले यकीनन सबसे योग्य क्रिकेटर पद्माकर शिवलकर का निधन हो गया है। मेरी पीढ़ी के उन लोगों के लिए जो मुंबई के मैदान में पले-बढ़े थे, पैडी सर एक प्रतिभाशाली, सटीकता और कौशल वाले बाएं हाथ के स्पिनर थे जो किसी भी तरफ दौड़ सकते थे।
मुंबई के लिए कई मैच जीते। दुख की बात है कि उनका जन्म बिशन बेदी की ही पीढ़ी में हुआ था (विडंबना यह है कि भारतीय टीम में अब तीन बाएं हाथ के स्पिनर हैं!) और वह एक अद्भुत गायक थे। लेकिन सबसे बढ़कर, सबसे विनम्र सज्जन, एक आदर्श।
आपको बता दें, लिस्ट ए क्रिकेट में उनको 16 विकेट मिले। इस तरह 600 से ज्यादा विकेट चटकाने के बावजूद उनको भारतीय टीम में मौका नहीं मिल सका। बाएं हाथ के स्पिनर ने 22 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया और 48 साल की उम्र तक खेलना जारी रखा।
Sad news: arguably the most deserving cricketer not to have played for India, Padmakar Shivalkar has passed away. For those from my generation who grew up on the Mumbai maidan, Paddy sir was a genius, a left arm spinner of accuracy and skill who could run through any side. Won… pic.twitter.com/qCA0SpYQmV
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) March 3, 2025