कूटनीति शायद किताबों तक सीमित है और वास्तविक राजनीति में इसका कोई स्थान नहीं है, फिर भी वहां मौजूद पुरुष पत्रकारों और सहकर्मियों को इस मुद्दे पर तालिबान से सवाल करना चाहिए था।
भारत यात्रा पर आए तालिबान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को नहीं बुलाया गया। इस पर विदेश मंत्रालय कवर करने वाली महिला पत्रकारों ने सोशल मीडिया और विदेश मंत्रालय के मंच पर नाराजगी जाहिर की है। देश की वरिष्ठ महिला पत्रकार बरखा दत्त ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर इसे गलत करार दिया।
उन्होंने लिखा, आज तालिबान की प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट रूप से महिला पत्रकारों को नहीं बुलाया गया। हालांकि साझा मूल्यों की कूटनीति शायद किताबों तक सीमित है और वास्तविक राजनीति में इसका कोई स्थान नहीं है, फिर भी वहां मौजूद पुरुष पत्रकारों और सहकर्मियों को इस मुद्दे पर तालिबान से सवाल करना चाहिए था।
व्यक्तिगत रूप से मेरा मानना है कि सरकार को उन्हें प्रेस कॉन्फ्रेंस दूतावास के बाहर आयोजित करने के लिए प्रेरित करना चाहिए था, ताकि कम से कम भारत में पेशेवर समान अवसर सुनिश्चित हो सके। आपको बता दें, इससे पहले सुबह मुत्ताकी की विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बैठक हुई थी तथा उसके बाद दोपहर में यह प्रेस वार्ता हुई।
हालांकि, अफगानिस्तान से रिश्ते सुधार रहे विदेश मंत्रालय ने इस प्रकरण पर छुप्पी साध ली है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने इस पर कोई आश्चर्य प्रकट नहीं किया। वे इसे तालिबान की फितरत मान रहे हैं।
Women journalists were evidently not called for the Taliban press conference today - while shared values diplomacy may be a thing for the textbooks and not for realpolitik- surely the male reporters and colleagues present at an all male press conference could have questioned the…
— barkha dutt (@BDUTT) October 10, 2025
फेसबुक व इंस्टाग्राम के स्वामित्व वाली कंपनी Meta ने घोषणा की कि अब Meta AI-पावर्ड Reels ट्रांसलेशन फीचर हिंदी और पुर्तगाली का समर्थन करता है।
इंस्टाग्राम रील्स अब मनोरंजन का एक प्रमुख माध्यम बन चुकी हैं। सोचिए यदि आप किसी भी क्रिएटर की रील्स अपनी भाषा में देख सकें। फेसबुक व इंस्टाग्राम के स्वामित्व वाली कंपनी मेटा (Meta) ने अपने AI-पावर्ड Reels ट्रांसलेशन फीचर को और बढ़ा दिया है। अब इसमें हिंदी और पुर्तगाली भाषा का भी समर्थन मिलेगा। इससे पहले इसमें केवल अंग्रेजी और स्पेनिश का सपोर्ट उपलब्ध था।
इस फीचर को इस साल अगस्त में पेश किया गया था और यह बिना किसी अतिरिक्त कदम के Reels को अलग-अलग भाषाओं में अनुवादित कर सकता है।
यह अपडेट उन क्रिएटर्स के लिए भी मददगार है जो अपनी पहुंच बढ़ाना चाहते हैं और व्यापक दर्शकों से जुड़ना चाहते हैं। Meta ने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि यह फीचर “आपकी अपनी आवाज़ की ध्वनि और लहजे का उपयोग करता है ताकि यह पूरी तरह से आपका लगे”, और लिप-सिंकिंग मुंह की हिलती-डुलती हरकतों को अनुवादित ऑडियो से मेल करती है।
Instagram हेड Adam Mosseri ने एक वीडियो में कहा, “Instagram पर अधिकांश वीडियो ऐसी भाषा में हैं जिसे आप नहीं बोलते, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप उनमें रुचि नहीं रखते।” इसके बाद उन्होंने इस फीचर का डेमो देते हुए हिंदी, स्पेनिश और पुर्तगाली में बात की। यह फीचर सभी Instagram पब्लिक अकाउंट्स और 1,000 से अधिक फॉलोअर्स वाले Facebook क्रिएटर्स के लिए उपलब्ध है। क्रिएटर्स इसे ऑन या ऑफ कर सकते हैं और जब चाहें इन ट्रांसलेशन्स को रिव्यू या हटाने का विकल्प भी रखते हैं।
YouTube के ऑटो डबिंग फीचर के विपरीत, जिसे केवल क्रिएटर बंद कर सकता है, Meta में क्रिएटर्स और दर्शक दोनों तय कर सकते हैं कि वे Reel को अपनी मूल भाषा में देखना चाहते हैं या अनुवाद करना चाहते हैं। यह विकल्प देखने के लिए Reel के तीन-डॉट मेन्यू में जाएँ, ऑडियो और भाषा सेटिंग्स चुनें और “Don’t translate” विकल्प पर टैप करें।
क्रिएटर्स के लिए, Meta ने कहा कि Facebook और Instagram क्रिएटर्स Reels अपलोड करते समय नया “Translate your voice with Meta AI” विकल्प देखेंगे। इसका उपयोग यह तय करने के लिए भी किया जा सकता है कि वे लिप-सिंकिंग सक्षम करना चाहते हैं या नहीं।
जब क्रिएटर्स ट्रांसलेटेड Reel प्रकाशित करेंगे, तो उन्हें भाषा के अनुसार उनके व्यूज़ का विवरण मिलेगा, जिससे उन्हें समझने में मदद मिलेगी कि अनुवाद कैसे प्रदर्शन कर रहे हैं। Meta के अनुसार यह फीचर सबसे अच्छी तरह से फेस-टू-कैमरा वीडियो में काम करता है, जहां मुंह ढका नहीं है और यह दो स्पीकर्स तक के लिए अनुवाद कर सकता है।
उन्होंने कहा, अपराधी कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का इस्तेमाल कर आवाज़ों की नकल, पहचान की क्लोनिंग और असली जैसे वीडियो बना रहे हैं जो लोगों को भ्रमित कर सकते हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को खुलासा किया कि उनके कई डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनका उद्देश्य जनता को गुमराह करना और तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करना है। मुंबई में आयोजित 6वें ग्लोबल फिनटेक फेस्ट 2025 में बोलते हुए उन्होंने कहा कि इस तरह की सामग्री की बढ़ती घटनाएँ डिजिटल भरोसे और सुरक्षा ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता को दर्शाती हैं।
सीतारमण ने कहा, धोखाधड़ी की नई पीढ़ी अब फायरवॉल तोड़ने की नहीं, बल्कि भरोसा तोड़ने की कोशिश कर रही है। अपराधी कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का इस्तेमाल कर आवाज़ों की नकल, पहचान की क्लोनिंग और असली जैसे वीडियो बना रहे हैं जो लोगों को भ्रमित कर सकते हैं। उन्होंने निवेशकों को निशाना बनाने वाले ऐसे फर्जीवाड़ों से निपटने के लिए बाजार नियामक संस्थाओं और भुगतान प्राधिकरणों की नई पहलों का स्वागत किया।
जोहो कॉर्पोरेशन, जो चेन्नई की स्वदेशी टेक कंपनी है, के संस्थापक श्रीधर वेंबु ने इसे एक बड़ा कदम बताया। जोहो मेल डेटा प्राइवेसी और साइबर सिक्योरिटी पर विशेष जोर देता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने डिजिटल स्वदेशीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अपना ईमेल अकाउंट गूगल मेल से हटाकर भारतीय कंपनी जोहो मेल पर स्थानांतरित कर लिया। कल शाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी पोस्ट में उन्होंने कहा, मैंने जोहो मेल पर स्विच कर लिया है।
कृपया नया ईमेल एड्रेस नोट करें। 'amitshah.bjp@zohomail.in' , भविष्य के सभी संदेश इसी पर भेजें। यह घोषणा 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान को मजबूत करने का प्रतीक बनी हुई है। जोहो कॉर्पोरेशन, जो चेन्नई की स्वदेशी टेक कंपनी है, के संस्थापक श्रीधर वेंबु ने इसे एक बड़ा कदम बताया।
जोहो मेल डेटा प्राइवेसी और साइबर सिक्योरिटी पर विशेष जोर देता है, जो विदेशी प्लेटफॉर्म्स जैसे जीमेल से अलग है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हालिया टैरिफ धमकियों के बीच विदेशी टेक्नोलॉजी पर निर्भरता कम करने का संकेत है। Zoho का ही चैटिंग ऐप Arattai भी हाल के दिनों में काफी चर्चा में रहा है, खासकर तब से जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेड इन इंडिया ऐप्स के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की बात कही थी।
Hello everyone,
— Amit Shah (@AmitShah) October 8, 2025
I have switched to Zoho Mail. Kindly note the change in my email address.
My new email address is amitshah.bjp @ https://t.co/32C314L8Ct. For future correspondence via mail, kindly use this address.
Thank you for your kind attention to this matter.
अगर कोई यूज़र अपग्रेड नहीं करता, तो 5GB की सीमा पूरी होने पर ऐप हाल की Snaps को अपने आप डिलीट कर देगा और केवल सबसे पुरानी Snaps सुरक्षित रखेगा।
स्नैपचैट अब अपनी पुरानी यादों यानी 'Memories फीचर' पर कीमत लगाने जा रहा है। करीब एक दशक बाद कंपनी ने यह घोषणा की है कि अब यूज़र्स को अनलिमिटेड क्लाउड स्टोरेज नहीं मिलेगा। नई नीति के तहत, मुफ्त स्टोरेज की सीमा 5GB तय की गई है। यानी जो भी यूज़र इस लिमिट से अधिक डेटा सेव करेंगे, उन्हें या तो अपनी पुरानी यादें एक्सपोर्ट करनी होंगी या फिर पेड स्टोरेज प्लान लेना होगा।
कंपनी ने बताया कि नया बेस प्लान $1.99 (लगभग ₹165) प्रति माह की दर से 100GB स्टोरेज देगा। वहीं, 'Snapchat+ यूज़र्स' जो पहले से $3.99 मासिक सब्सक्रिप्शन लेते हैं, उन्हें 250GB की जगह मिलेगी। सबसे प्रीमियम 'Snapchat Platinum' प्लान ($15.99/माह) में यूज़र्स को पूरे 5TB तक की स्टोरेज मिलेगी।
अगर कोई यूज़र अपग्रेड नहीं करता, तो 5GB की सीमा पूरी होने पर ऐप हाल की Snaps को अपने आप डिलीट कर देगा और केवल सबसे पुरानी Snaps सुरक्षित रखेगा। कंपनी 12 महीने की 'grace period' भी दे रही है, जिसमें अतिरिक्त डेटा अस्थायी रूप से सेव रहेगा।
कई यूज़र्स अब अपनी 'Memories' को मैन्युअल रूप से एक्सपोर्ट करने लगे हैं, ताकि पेड प्लान से बचा जा सके। स्नैपचैट की एक्सपोर्ट सुविधा के ज़रिए एक बार में 100 फोटो या वीडियो कैमरा रोल में सेव किए जा सकते हैं। इसके अलावा, 'Download My Data' विकल्प से यूज़र्स अपनी पूरी मेमोरी आर्काइव .zip फाइल के रूप में ईमेल पर डाउनलोड कर सकते हैं।
यूज़र्स की एक और गलतफहमी दूर करने के लिए इंस्टाग्राम ने पोस्ट के साथ दिखने वाले प्रोफाइल फोटो हटा दिए हैं, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि लोकेशन टैग का मतलब लाइव लोकेशन नहीं है।
इंस्टाग्राम ने अपने इंटरएक्टिव मैप फीचर को अब भारत में भी लॉन्च कर दिया है। इस फीचर के साथ कंपनी ने लोकेशन शेयरिंग से जुड़ी पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नए नियंत्रण और संकेतक भी जोड़े हैं। अगस्त में अमेरिका और कनाडा में फीचर लॉन्च होने के बाद कई यूज़र्स को यह गलतफहमी हुई थी कि लोकेशन अपने आप साझा हो रही है।
तब इंस्टाग्राम प्रमुख एडम मोसेरी ने स्पष्ट किया था कि लोकेशन केवल तभी दिखाई देती है जब यूज़र खुद उसे ऑन करते हैं। अब कंपनी ने यूज़र्स की सुविधा के लिए मैप पर एक नया लेबल जोड़ा है, जिससे तुरंत पता चलेगा कि लोकेशन शेयरिंग चालू है या बंद।
इसके अलावा, डीएम पेज के नोट्स सेक्शन में प्रोफाइल फोटो के नीचे भी यह संकेत मिलेगा कि लोकेशन शेयरिंग डिसेबल है। यूज़र्स की एक और गलतफहमी दूर करने के लिए इंस्टाग्राम ने पोस्ट के साथ दिखने वाले प्रोफाइल फोटो हटा दिए हैं, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि लोकेशन टैग का मतलब लाइव लोकेशन नहीं है। साथ ही, अब पोस्ट, स्टोरी या रील डालने से पहले यूज़र्स को यह दिखाया जाएगा कि उनका कंटेंट मैप पर कैसे नजर आएगा।
100 दिनों के अंदर 100 नेता और अधिकारियों को जेल भेजा जाएगा। उन्होंने सम्राट चौधरी और अशोक चौधरी पर जल्द बड़े खुलासे करने की बात कही। किशोर ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कोई डील नहीं की है।
जन सुराज पार्टी के संस्थापक और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है। भारत समाचार चैनल के एडिटर-इन-चीफ ब्रजेश मिश्रा को दिए विशेष इंटरव्यू में उन्होंने बड़े खुलासे किए। प्रशांत किशोर ने कहा कि सत्ता में आने पर पहला फैसला बिहार में शराबबंदी कानून को समाप्त करना होगा।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ईमानदार बताया, लेकिन उनके आसपास के लोगों को भ्रष्टाचारी करार दिया। किशोर ने दावा किया कि सत्ता हासिल करने पर किसी को बख्शा नहीं जाएगा। 100 दिनों के अंदर 100 नेता और अधिकारियों को जेल भेजा जाएगा।
उन्होंने सम्राट चौधरी और अशोक चौधरी पर जल्द बड़े खुलासे करने की बात कही। किशोर ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कोई डील नहीं की है और भ्रष्टाचारियों की नींद हराम हो चुकी है। यह इंटरव्यू सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हैं। किशोर की ये टिप्पणियां बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई हैं। आप इस लिंक पर क्लिक करके पूरा इंटरव्यू देख सकते हैं।
बिहार के बेगूसराय निवासी अजीत स्वतंत्र पत्रकार और लेखक हैं, जो 'एबी4के मीडिया' के तहत राजनीतिक, सामाजिक और न्यायिक मुद्दों पर व्यंग्यपूर्ण कंटेंट बनाते हैं।
नोएडा पुलिस ने मंगलवार को यूट्यूबर और कंटेंट क्रिएटर अजीत भारती से पूछताछ की। यह पूछताछ भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई पर उनके सोशल मीडिया टिप्पणियों के संबंध में थी, जो सुप्रीम कोर्ट में एक वकील द्वारा सीजेआई पर जूता फेंकने की कोशिश से जुड़ी थी।
पुलिस ने स्पष्ट किया कि अजीत को गिरफ्तार नहीं किया गया, केवल पूछताछ के लिए बुलाया गया था। उन्हें पहले सेक्टर-58 थाने ले जाया गया, फिर डीसीपी कार्यालय में तीन घंटे पूछताछ हुई। शाम 4:30 बजे उन्हें रिहा कर दिया गया। एडीसीपी सुमित शुक्ला ने गिरफ्तारी की अफवाहों का खंडन किया।
अजीत ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, "मैं ठीक हूं, न गिरफ्तारी हुई, न हिरासत में हूं।" बिहार के बेगूसराय निवासी अजीत स्वतंत्र पत्रकार और लेखक हैं, जो 'एबी4के मीडिया' के तहत राजनीतिक, सामाजिक और न्यायिक मुद्दों पर व्यंग्यपूर्ण कंटेंट बनाते हैं। उनकी टिप्पणियों के कारण दो बार अवमानना कार्यवाही का सामना करना पड़ा।
प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी चुनावी समीकरण को प्रभावित कर सकती है। महागठबंधन को तालमेल की कमी और सीट बंटवारे में खींचतान से नुकसान हो सकता है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के बीच 'IANS-Matrize' द्वारा किए गए ताजा ओपिनियन पोल ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। इस पोल के अनुसार, एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) को 49% वोट शेयर हासिल हो सकता है, जो महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस-वामपंथी गठबंधन) के 36% से 13% अधिक है। अन्य पार्टियों को 15% वोट शेयर मिलने का अनुमान है। यह पोल दर्शाता है कि एनडीए को 243 सीटों वाली विधानसभा में 150-160 सीटें मिल सकती हैं, जो बहुमत के आंकड़े (122) से कहीं अधिक है।
ओपिनियन पोल के अनुसार, 2025 में NDA को 150-160 सीटें मिल सकती हैं, जबकि महागठबंधन 70-85 सीटों पर सिमट सकता है। अन्य पार्टियों और निर्दलीयों को 9-12 सीटों का लाभ मिलने की संभावना है। पिछली बार 2020 में NDA को 125 सीटें और महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं।
चुनाव आयोग ने 6 नवंबर और 11 नवंबर को दो चरणों में मतदान की तारीखें तय की हैं, जबकि 14 नवंबर को मतगणना होगी। पोल के परिणामों से एनडीए, खासकर बीजेपी और जेडीयू, में उत्साह है, जबकि विपक्ष इसे 'प्रायोजित' बता रहा है। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी भी चुनावी समीकरण को प्रभावित कर सकती है। महागठबंधन को तालमेल की कमी और सीट बंटवारे में खींचतान से नुकसान हो सकता है।
भले ही मांझी-पासवान सरीखे नेता अपनी मांगों पर अड़े हैं, लेकिन बीजेपी के सामने घुटने टेक ही देंगे। आरजेडी और कांग्रेस के बीच 'जिसकी लाठी उसकी भैंस' चल रहा है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो चुका है। चुनाव आयोग ने दो चरणों में मतदान की घोषणा की है। पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा 11 नवंबर को। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी। कुल 243 सीटों पर चुनाव होंगे, और मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट तुरंत लागू हो गया है।
इस बीच वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स से एक पोस्ट कर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने लिखा, बिसात बिछ चुकी है बिहार में। लेकिन दोनों खेमों में सीटों के बंटवारे को लेकर ठीक-ठाक खींचतान जारी है। चुनावों के लिए एनडीए ज्यादा तैयार दिख रहा है।
भले ही मांझी-पासवान सरीखे नेता अपनी मांगों पर अड़े हैं, लेकिन बीजेपी के सामने घुटने टेक ही देंगे। आरजेडी और कांग्रेस के बीच 'जिसकी लाठी उसकी भैंस' चल रहा है। तालमेल बिठाना आसान नहीं होगा। दोनों खेमों में बागी उम्मीदवारों से जबरदस्त चोट लगेगी।
दोनों खेमों में बागियों को मनाने की कोशिशें देखने को मिलेंगी। प्रशांत किशोर की Wild Card Entry से नुकसान की खबरें चुनाव के बाद चर्चा में रहेंगी। सवाल ये है कि खेमे के तौर पर किसको ज्यादा चोट पहुंचाएंगे प्रशांत किशोर? बिहार ने 15 साल का जंगल राज झेला है।
उसके बाद, बिहार ने 20 साल का झूठ और तुष्टिकरण की राजनीति झेली है। यानी 35 साल से बिहार सिर्फ झेल रहा है। पहले लालू परिवार को और उसके बाद से पलटू राम नीतीश कुमार को। बिहार में राजनीतिक ज्ञान बांटने और फिर मुफ्त की रोटियां तोड़ने वालों की भरमार है।
बस काम से लोग कतराते हैं। जाति के नाम पर वोट देकर, मुफ्तखोरी करो। बाहुबलियों के चम्मचे बनकर मुफ्त में रंगदारी करो। नेतागीरी के नाम पर मुफ्त की रोटी तोड़ो। जमीन बिकवाने वाले ब्रोकर बनकर मलाई खाओ। बिना खुद खेती किए, बटाई पर खेतों को देकर, पलंग तोड़ो।
और कुछ न समझ आए तो छोटी चोरी करके ऐश करो। अंत में सरकार से मिलने वाली राहत को खाकर, फुर्र-फुर्र करो। बिहार में बीते 35 सालों से न तो कोई काम किसी को मिला है और न ही ज्यादातर लोग काम करने के लिए राजी हैं। बस चक्कलस चालू है।
बिसात बिछ चुकी है बिहार में।
— Ajay Kumar (@AjayKumarJourno) October 6, 2025
लेकिन दोनों ख़ेमों में सीटों के बँटवारे को लेकर ठीकठाक खींचतान जारी है। चुनावों के लिए NDA ज़्यादा तैयार दिख रहा है। भले ही माँझी - पासवान सरीके नेता अपनी माँगो पर अड़े हैं, लेकिन बीजेपी के सामने घुटने टेक ही देंगे।
RJD - Cong - CPM - Sahni : इन सब…
सुधीर चौधरी, जो डीडी न्यूज पर 'डीकोड' शो होस्ट करते हैं और पूर्व में आज तक व जी न्यूज से जुड़े रहे, सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। उनके लाखों फॉलोअर्स ने इस कदम की तारीफ की है।
देश के जाने माने पत्रकार और प्राइम टाइम एंकर 'सुधीर चौधरी' ने यूट्यूब पर फर्जी वीडियो और चैनलों की शिकायत की थी, जिस पर प्लेटफॉर्म की टीम ने तेजी से कार्रवाई करते हुए उल्लंघनकारी कंटेंट को हटा दिया। चौधरी ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) पोस्ट में यूट्यूब टीम को धन्यवाद देते हुए लिखा, धन्यवाद 'यूट्यूब टीम' मैं आपकी त्वरित कार्रवाई की सराहना करता हूं।
यूट्यूब की ओर से अपडेट में कहा गया कि फ्लैग किए गए कंटेंट की जांच की गई और उल्लंघनकारी वीडियो व चैनलों को डिलीट कर दिया गया। टीम ने धैर्य के लिए आभार भी व्यक्त किया। यह मामला डिजिटल दुनिया में बढ़ती फेक न्यूज की समस्या को उजागर करता है, जहां मशहूर हस्तियों के नाम का दुरुपयोग कर लोगों को ठगा जाता है। आपको बता दें, सुधीर चौधरी, जो डीडी न्यूज पर 'डीकोड' शो होस्ट करते हैं और पूर्व में आज तक व जी न्यूज से जुड़े रहे, सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं।
उनके लाखों फॉलोअर्स ने इस कदम की तारीफ की है। यूट्यूब, दुनिया का सबसे बड़ा वीडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म, फेक कंटेंट, मिसइंफॉर्मेशन (गलत जानकारी) और डिसेप्टिव प्रैक्टिसेस (धोखाधड़ी वाली प्रथाओं) को रोकने के लिए सख्त नीतियां लागू करता है। ये नीतियां कम्युनिटी गाइडलाइंस का हिस्सा हैं, जो उपयोगकर्ताओं को सुरक्षित रखने और वास्तविक नुकसान से बचाने के उद्देश्य से बनाई गई हैं।
Thank you @TeamYouTube I appreciate your quick action. https://t.co/vNCoFQridX
— Sudhir Chaudhary (@sudhirchaudhary) October 6, 2025