उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कम्युनिटी रेडियो चैनल को किया लॉन्च
लोक कलाओं और स्थानीय व्यंजनों को प्रमोट करने के लिए उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग ने कम्युनिटी रेडियो चैनल ‘रेडियो जयघोष’ (Radio Jaighosh) की शुरुआत की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को लखनऊ में इस कम्युनिटी रेडियो चैनल को लॉन्च किया।
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित कार्यक्रमों की श्रंखला में काकोरी ट्रेन एक्सीडेंट की वर्षगांठ पर लखनऊ में मंगलवार को काकोरी स्मारक पर आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने इसे लॉन्च किया। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने लोगों से एकता और अखंडता की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से पूरे जोश और उल्लास के साथ हर घर तिरंगा फहराने के लिए भी अपील की।
कार्यक्रम में उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, क्रांतिकारियों और शहीदों के परिजनों को सम्मानित करते हुए कहा कि क्रांतिकारियों ने आज ही के दिन काकोरी की प्रसिद्ध घटना को अंजाम दिया था। तमाम अत्याचारों के बावजूद विदेशी ताकतें देश के वीरों को रोक नहीं सकी थीं। 1857 में आजादी की पहली लड़ाई प्रदेश की इसी पावन धरती पर शुरू हुई।
बताया जाता है कि ‘रेडियो जयघोष’ यूपी संगीत नाटक अकादमी के पुनर्निर्मित स्टूडियो से रोजाना सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक कार्यक्रमों का प्रसारण करेगा। ये कार्यक्रम इस रेडियो चैनल के मोबाइल ऐप और सोशल मीडिया पेज पर भी उपलब्ध होंगे।
दैनिक शो में शामिल 'पराक्रम' स्वतंत्रता से पहले और बाद के वीर सैनिकों और गुमनाम नायकों पर केंद्रित होगा, जबकि 'शौर्य नगर' यूपी के सभी 75 जिलों से लोक-कथाओं को बढ़ावा देगा। 'कला यात्रा' कला पर आधारित होगा, वहीं 'राज्य की रसोई' यूपी के व्यंजनों पर, 'रंगशाला' थिएटर कलाकारों पर, 'राज्य की रफ्तार' सरकारी योजनाओं पर और 'रंग यात्रा' प्रदर्शन कलाओं पर आधारित होगी। शिक्षा पर साप्ताहिक शो भी होंगे।
गौरतलब है कि देश के इतिहास में काकोरी ट्रेन एक्शन बेहद ही महत्वपूर्ण घटना है। इस एक्शन का उद्देश्य अंग्रेजी शासन के विरूद्ध सरकारी खजाना लूटना और उन पैसों से हथियार खरीदना था। नौ अगस्त को ही रामप्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्लाह खान और उनके सात साथियों ने मिलकर काकोरी की घटना को अंजाम दिया था। इन शहीदों की याद में लखनऊ में काकोरी शहीद स्मारक भी बनाया गया है, जो काकोरी रेलवे स्टेशन से महज दो किलोमीटर दूर है।
भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के वुसन क्षेत्र में सामुदायिक रेडियो स्टेशन ‘रेडियो कंगन 88.4 FM’ की शुरुआत की है।
भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर के गांदरबल जिले के वुसन क्षेत्र में सामुदायिक रेडियो स्टेशन ‘रेडियो कंगन 88.4 FM’ की शुरुआत की है। इस नई पहल का मकसद स्थानीय युवाओं को एक ऐसा मंच देना है, जो उन्हें शिक्षा, संस्कृति, उद्यमिता और सामाजिक संवाद जैसे क्षेत्रों से जोड़ सके।
यह सामुदायिक रेडियो न केवल सूचनाओं के आदान-प्रदान का माध्यम बनेगा, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा, रोजगार और पहचान का जरिया भी सिद्ध हो सकता है। स्टेशन स्थानीय भागीदारी और सामुदायिक संवाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संचालित होगा, जिससे जमीनी स्तर पर लोगों की आवाज और उनकी जरूरतों को मंच मिल सके।
रेडियो जैसे माध्यम की खासियत है कि वह दूर-दराज के इलाकों तक अपनी पहुंच बना सकता है। इस रेडियो स्टेशन के जरिए न केवल सरकारी योजनाओं और जन कल्याण कार्यक्रमों की जानकारी लोगों तक पहुँचेगी, बल्कि स्थानीय मुद्दों, सांस्कृतिक विरासत और प्रतिभाओं को भी उजागर किया जाएगा। यह स्टेशन गांदरबल के अलावा मध्य कश्मीर के आसपास के इलाकों में भी अपनी सेवाएं देगा और उन समुदायों को आवाज देगा जिन्हें अक्सर मुख्यधारा में अनसुना कर दिया जाता है।
अमरनाथ यात्रा के दौरान यह रेडियो स्टेशन समन्वय, सार्वजनिक सुरक्षा और रीयल-टाइम जानकारी का एक प्रमुख साधन बनेगा, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों दोनों को लाभ होगा। इसके साथ ही यह स्टेशन लोकगीत, काव्य, प्रेरक कथाएँ और स्थानीय संगीत के जरिए क्षेत्र की सांस्कृतिक पहचान को भी संजोएगा।
न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कंगन कम्युनिटी रेडियो स्टेशन के आरजे मुदस्सिर ने कहा कि यह एक रोजगारोन्मुख पहल है और स्थानीय प्रतिभाओं को पहचान दिलाने का माध्यम भी। उन्होंने कहा, "यह सामुदायिक रेडियो सरकार और आम लोगों के बीच एक सेतु का काम करता है। यहां ऐसे मुद्दे भी उठते हैं जो राष्ट्रीय या व्यावसायिक रेडियो प्लेटफॉर्म पर जगह नहीं पाते। साथ ही, यह युवाओं के लिए नए अवसर भी पैदा करता है।”
एक अन्य रेडियो जॉकी तरन्नुम ने ANI से बात करते हुए बताया कि इस रेडियो स्टेशन ने उन्हें तकनीकी दक्षता और आत्मविश्वास दिया है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मंच है, जिसने मेरी प्रतिभा को पहचाना। यहां हम रेडियो के पीछे की तकनीक से लेकर कार्यक्रम निर्माण तक सब कुछ सीखते हैं। इस पहल से न केवल मेरी पहचान बनी, बल्कि सीखने की एक नई दुनिया भी खुली।
उन्होंने भारतीय सेना का धन्यवाद करते हुए कहा कि कई युवा नशे की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन इस तरह के रचनात्मक मंच उन्हें बेहतर दिशा देने में मदद कर सकते हैं।
रेडियो कंगन से जुड़े वीडियो कंटेंट एडिटर आदिल रसूल ने इसे युवाओं के लिए सकारात्मक डिजिटल विकल्प बताया। उन्होंने कहा कि यह सेना और सरकार की एक बेहतरीन पहल है, जिससे मेरे जैसे युवा पर्यटन, शिक्षा और समुदाय जैसे विषयों पर काम कर पा रहे हैं। आज के समय में जब डिजिटल दुनिया की लत बढ़ती जा रही है, यह रेडियो एक नई दिशा दिखा सकता है।
स्थानीय निवासी मंजूर अहमद ने भी ANI से बातचीत में रेडियो की उपयोगिता को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि अब अधिकतर जानकारी हमें हमारे ही क्षेत्र के रेडियो स्टेशन से मिल जाएगी। हमारी समस्याएं और सुझाव सीधे इस माध्यम से सामने आ सकेंगे।
रेडियो कंगन 88.4 FM न सिर्फ एक प्रसारण केंद्र है, बल्कि यह युवा शक्ति को जोड़ने, सशक्त बनाने और उनकी आवाज को मुख्यधारा में लाने का प्रयास है। भारतीय सेना की इस पहल को स्थानीय स्तर पर सराहना मिल रही है और उम्मीद है कि यह आगे चलकर एक सशक्त सामुदायिक बदलाव का माध्यम बनेगा।
(साभार: ANI)
कुकू टीवी ने भारत सी.एस. को ‘माइक्रो ड्रामा’ के कंटेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया है।
कुकू टीवी (Kuku TV) ने भारत सी.एस. को ‘माइक्रो ड्रामा’ के कंटेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया है। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब कंपनी डिजिटल कंटेंट और शॉर्ट फॉर्मेट की कहानियों पर अपना फोकस तेज कर रही है। भारत सी.एस. कंटेंट क्रिएशन, डिजिटल प्रोडक्शन और रणनीतिक संचालन में दो दशक से अधिक का अनुभव रखते हैं और मीडिया इंडस्ट्री के अनुभवी पेशेवर माने जाते हैं।
भारत का करियर एमेजॉन, कल्चर मशीन और प्रमुख टेलीविजन नेटवर्क्स जैसे उदय टीवी, जी टीवी, ईटीवी और यूटीवी में निभाई गई अहम भूमिकाओं से सुसज्जित है। उन्होंने कंटेंट और ऑपरेशंस दोनों क्षेत्रों में इनोवेशन और कार्यकुशलता के लिए कई उल्लेखनीय पहल की हैं।
एमेजॉन में भारत ने MPAM ऑटोमेशन टूल के विकास का नेतृत्व किया, जिससे विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट डिलीवरी की गति और सटीकता में बड़ा सुधार आया। अपने करियर में भारत अब तक 500 से अधिक टेलीविजन शो (फिक्शन और नॉन-फिक्शन दोनों), 1,000 से अधिक टीवी विज्ञापन और एक लाख से ज्यादा डिजिटल एसेट्स का निर्माण कर चुके हैं।
कल्चर मशीन में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने खासतौर पर तमिल और तेलुगु भाषाओं में रीजनल डिजिटल चैनलों को सफलतापूर्वक लॉन्च और विकसित किया। इन प्रयासों ने दक्षिण भारतीय दर्शकों की सांस्कृतिक रुचियों को ध्यान में रखते हुए बेहतरीन एंगेजमेंट हासिल किया।
भारत सी.एस. की इस नियुक्ति को कुकू टीवी के माइक्रो ड्रामा कंटेंट विस्तार के लिए एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, जो दर्शकों को विविध, क्षेत्रीय और तीव्र-पक्षीय कहानियों के जरिए जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
जानी-मानी गायिका आशा भोसले के नाम पर स्थापित ‘आशा रेडियो पुरस्कार’ की हुई शुरुआत, यह पुरस्कार रेडियो के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले प्रस्तोताओं को दिया गया।
रेडियो माध्यम को राज्य स्तरीय मान्यता देने और इसे आगे बढ़ाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल करते हुए महाराष्ट्र सरकार ने पहली बार ‘महाराष्ट्र रेडियो फेस्ट 2025’ का आयोजन किया। इस समारोह को न केवल रेडियो की भूमिका के लिए एक सम्मान के रूप में देखा गया, बल्कि इसे ‘ग्राउंड कनेक्ट’ और ‘सार्वजनिक संवाद’ की ताकत को उजागर करने वाला आयोजन भी माना गया।
इस अवसर पर देश भर से कई जाने-माने रेडियो प्रोफेशनल्स को सम्मानित किया गया। करीब एक हफ्ते पहले हुए इस समारोह का मुख्य आकर्षण ‘आशा रेडियो पुरस्कार 2025’ रहा, जो जानी-मानी गायिका और पद्म विभूषण आशा भोसले के नाम पर स्थापित किया गया है। यह पुरस्कार रेडियो के क्षेत्र में असाधारण योगदान देने वाले प्रस्तोताओं को दिया गया।
कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री आशिष शेलार, और स्वयं आशा भोसले उपस्थित रहीं। मंच पर मुख्यमंत्री ने रेडियो को ‘लोकतंत्र की जमीन से जुड़ी सबसे सशक्त आवाज’ बताते हुए कहा कि सरकार इस माध्यम को और अधिक सशक्त बनाने की दिशा में गंभीरता से काम कर रही है। आशिष शेलार, जिन्होंने इस फेस्ट की संकल्पना दी, ने इसे ’रेडियो की असली पहचान को सामने लाने वाला मंच’ बताया और कहा कि आगे भी हर साल इसका आयोजन होगा।
इस कार्यक्रम में विभिन्न श्रेणियों में देशभर के कई रेडियो जॉकीज, कंटेंट क्रिएटर्स, और तकनीकी प्रोफेशनल्स को पुरस्कारों से नवाजा गया। ‘रेड एफएम’ (Red FM) की लोकप्रिय आरजे मलिष्का मेंडोंसा को इस समारोह में ‘सर्वोत्कृष्ट रेडियो निवेदक 2025’ के खिताब से नवाजा गया। उन्होंने रेडियो की भूमिका पर जोर देते हुए कहा, ‘रेडियो सिर्फ मनोरंजन नहीं, बदलाव का माध्यम भी है। यह हमें जोड़ता है, सोचने पर मजबूर करता है, और ज़मीन की सच्चाई को आवाज़ देता है।’
अपनी नई भूमिका पर बात करते हुए उमेश बुदे ने कहा कि Pocket Entertainment के इस रोमांचक दौर में यह जिम्मेदारी संभालना मेरे लिए एक सौभाग्य है।
Pocket FM, Pocket Toons और Pocket Novel जैसे लोकप्रिय कंटेंट प्लेटफॉर्म चलाने वाली कंपनी Pocket Entertainment ने उमेश बुदे को अपना नया चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर (CTO) बनाया है। अब तक सीनियर वाइस प्रेजिडेंट ऑफ इंजीनियरिंग की भूमिका निभा रहे उमेश बुदे अब कंपनी की तकनीकी दिशा और भविष्य के एआई-आधारित कहानी कहने के मॉडल का नेतृत्व करेंगे।
CTO के तौर पर बुदे कंपनी के सभी प्लेटफॉर्म्स पर समग्र टेक्नोलॉजी रणनीति की अगुवाई करेंगे। उनका मुख्य फोकस अगली पीढ़ी के AI समाधानों के जरिए प्रॉडक्ट्स को ग्लोबल स्तर पर स्केलेबल बनाना, यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना और जनरेटिव AI को नए मुकाम तक ले जाना होगा।
अपनी नई भूमिका पर बात करते हुए उमेश बुदे ने कहा, “Pocket Entertainment के इस रोमांचक दौर में यह जिम्मेदारी संभालना मेरे लिए एक सौभाग्य है। अब वक्त आ गया है जब टेक्नोलॉजी और AI सिर्फ सहायक नहीं, बल्कि खुद एक कहानीकार की भूमिका निभा रहे हैं। मैं इस बदलाव की अगुवाई करने को लेकर उत्साहित हूं।”
बुदे सीधे कंपनी के को-फाउंडर प्रतीक दीक्षित को रिपोर्ट करना जारी रखेंगे, जो इस ट्रांजिशन को कंपनी की क्रिएटिव और टेक्नोलॉजिकल दिशा के संगम का अहम मोड़ मानते हैं।
प्रतीक दीक्षित ने कहा, “हम अपने सफर के उस मोड़ पर हैं जहां टेक्नोलॉजी और क्रिएटिविटी पूरी तरह एक-दूसरे में समाहित हो गए हैं। जैसे-जैसे हम कहानी कहने की परंपरा को AI युग के लिए फिर से परिभाषित कर रहे हैं, टेक्नोलॉजी इसकी आधारशिला है। उमेश की पदोन्नति इस बदलाव की कमान अपने हाथ में लेने की हमारी महत्वाकांक्षा को दर्शाती है। उनका नेतृत्व ऐसी इंटेलिजेंट और इमोशनली अवेयर अनुभवों को गढ़ने में अहम होगा जो कहानी कहने की सीमाओं को आगे बढ़ाए।”
उमेश बुदे को इंजीनियरिंग, डेटा साइंस और प्लेटफॉर्म सिक्योरिटी के क्षेत्रों में लगभग दो दशकों का अनुभव है। उन्होंने Pocket Entertainment की टेक्नोलॉजी को जमीनी स्तर से खड़ा करने और उसे लगातार स्केल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अब CTO के रूप में वे उस दिशा को आकार देंगे जहां कहानियों को सिर्फ सुनाया नहीं जाएगा, बल्कि टेक्नोलॉजी उन्हें गढ़ेगी, संवारेगी और उन्हें हर स्क्रीन पर जीवंत बना देगी।
Pocket Entertainment की यह रणनीतिक नियुक्ति उस दौर में आई है जब पूरी इंडस्ट्री जनरेटिव AI की संभावनाओं को लेकर बेहद उत्साहित है और मनोरंजन की दुनिया में तकनीक की भूमिका दिन-ब-दिन गहराती जा रही है।
रेडियो जगत के दिग्गज रहे अमीन सयानी का निधन 20 फरवरी 2024 को हुआ था। उन्हें सबसे ज़्यादा लोकप्रियता 'बिनाका गीतमाला' के जरिये मिली थी।
रेडियो जगत के दिग्गज रहे अमीन सयानी के बेटे राजिल सयानी ने अपने पिता की अनमोल विरासत को सहेजने और आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया है। बता दें कि अमीन सयानी का निधन 20 फरवरी 2024 को हुआ था। वह भारतीय रेडियो ब्रॉडकास्टिंग के इतिहास में एक अमिट छाप छोड़ गए हैं। उन्हें सबसे ज़्यादा लोकप्रियता मिली थी 'बिनाका गीतमाला' के जरिये, एक ऐसा शो जिसने भारतीय रेडियो के सुनहरे दौर को परिभाषित किया।
‘बहनों और भाइयों’ जैसी अपनी खास और दिल को छू जाने वाली आवाज के लिए पहचाने जाने वाले अमीन सयानी पीढ़ियों के दिलों तक पहुंचे। उनकी आवाज में अपनापन, साफगोई और भावनात्मक गहराई थी, जिसने उन्हें हर घर का नाम बना दिया। अपने लम्बे करियर में उन्होंने 54,000 से ज्यादा रेडियो कार्यक्रम होस्ट किए और 19,000 जिंगल्स बनाए। यह संख्या उनकी लोकप्रियता और भारतीय मीडिया में योगदान को दर्शाती है।
21 दिसंबर 1932 को मुंबई (तब बॉम्बे) में जन्मे अमीन सयानी का परिवार सामाजिक सेवा और सार्वजनिक जीवन से जुड़ा हुआ था। उनकी मां कुलसूम सयानी स्वतंत्रता सेनानी थीं और महात्मा गांधी के निकट थीं, जबकि उनके दादा रहीमतुल्ला एम. सयानी एक समय भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके थे। इन राजनीतिक और सामाजिक पृष्ठभूमि से अलग, अमीन सयानी ने रेडियो की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाई।
राजिल सयानी अक्सर इंटरव्यू और श्रद्धांजलियों में अपने पिता के समर्पण और उनके काम की गहराई को याद करते हैं। वे बताते हैं कि कैसे अमीन सयानी एक तरह से संयोगवश कमर्शियल ब्रॉडकास्टर बने, लेकिन उन्होंने अपने कार्यक्रमों में विज्ञापनों को इतना सलीके से शामिल किया कि कभी भी कंटेंट की गुणवत्ता या श्रोता के अनुभव में कोई कमी नहीं आई। राजिल कहते हैं कि उनके पिता हर शब्द, हर ठहराव, हर उतार-चढ़ाव में ईमानदारी और जुनून भर देते थे, जिससे उनकी आवाज लोगों के लिए विश्वसनीय बन गई।
अब राजिल सयानी अपने पिता की आवाज और विरासत को जीवित रखने के लिए कई प्रयास कर रहे हैं। वे पुरालेख प्रोजेक्ट्स, स्टोरीटेलिंग प्लेटफॉर्म्स और व्यक्तिगत कहानियों के जरिये उस आवाज को सहेज रहे हैं, जिसने करोड़ों भारतीयों के जीवन में संगीत, खुशी और जुड़ाव की भावना भरी। उनका यह समर्पण न केवल अपने पिता को श्रद्धांजलि है, बल्कि भारतीय प्रसारण इतिहास की एक अमूल्य धरोहर को बचाने का कार्य भी है।
अमीन सयानी भले ही अब रेडियो की दुनिया से विदा हो चुके हैं, लेकिन राजिल की कोशिशों की बदौलत उनकी आवाज और उसका जादू आने वाली पीढ़ियों तक गूंजता रहेगा।
NDTV ने अपना पहला समर्पित डिफेंस पॉडकास्ट 'CTRL + ALT DEFENCE' लॉन्च कर दिया है, जिसकी मेजबानी कर रहे हैं देश के दो वरिष्ठतम डिफेंस जर्नलिस्ट- विष्णु सोम और शिव अरूर।
भारत की सैन्य शक्ति, रणनीति और रक्षा प्रौद्योगिकी को समझने के लिए अब एक नया और प्रभावशाली माध्यम सामने आया है। NDTV ने अपना पहला डिफेंस पॉडकास्ट 'CTRL + ALT DEFENCE' लॉन्च कर दिया है, जिसकी मेजबानी कर रहे हैं देश के दो वरिष्ठतम डिफेंस जर्नलिस्ट- विष्णु सोम और शिव अरूर।
हर हफ्ते शनिवार शाम 6 बजे प्रसारित होने वाला यह पॉडकास्ट Apple Podcasts, Spotify, YouTube और ndtv.com/podcast पर सुना जा सकता है।
इस सीरीज की पहली कड़ी 17 मई को प्रसारित हुई, जिसका शीर्षक था- ‘Drones, Airstrikes, Media Narratives: Weapons of Operation Sindoor’। इस एपिसोड में पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की रणनीतिक प्रतिक्रिया को गहराई से समझाया गया है। ड्रोन, सटीक एयरस्ट्राइक और अत्याधुनिक रक्षा प्रणालियों के जरिये कैसे देश की सीमाओं और आकाश की सुरक्षा सुनिश्चित की गई, इन पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की गई। साथ ही यह भी बताया गया कि संकट की घड़ी में मीडिया नैरेटिव किस तरह जनमत को प्रभावित करते हैं।
यह पॉडकास्ट सिर्फ तकनीकी जानकारी नहीं देता, बल्कि जमीन पर काम करने वाले पत्रकारों की वास्तविक अनुभवों से बुनी हुई गंभीर और संतुलित समझ पेश करता है।
विष्णु सोम, जिन्होंने सियाचिन, इराक और यूक्रेन जैसे संघर्ष क्षेत्रों से तीन दशक से ज्यादा समय तक रिपोर्टिंग की है, सैन्य तकनीक और सैटेलाइट-आधारित विश्लेषण के विशेषज्ञ माने जाते हैं। वहीं, शिव अरूर ने भी लिबिया और श्रीलंका जैसे युद्धक्षेत्रों से रिपोर्टिंग करते हुए 21 वर्षों का व्यापक अनुभव अर्जित किया है।
'CTRL + ALT DEFENCE' केवल हथियारों की बात नहीं करता, बल्कि उसमें रणनीतिक फैसलों, स्वायत्त ड्रोन से लेकर हाई-प्रिसीजन मिसाइलों तक की पूरी श्रृंखला को पत्रकारिता की सटीकता और जमीनी अनुभवों के साथ पेश किया जाता है। कारगिल से लेकर कांगो और पहलगाम से यूक्रेन तक, विष्णु और शिव की ग्राउंड रिपोर्टिंग दर्शकों को युद्ध के मैदान की जमीनी हकीकत से जोड़ती है वो भी एक सहज, संवादात्मक शैली में जो आम श्रोताओं तक भी पहुंच सके।
यह पॉडकास्ट सिर्फ रक्षा विशेषज्ञों के लिए नहीं, बल्कि उन सभी लोगों के लिए है जो जानना चाहते हैं कि भारत अपनी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करता है। चाहे वह सैन्य रणनीति हो, जियोपॉलिटिक्स हो या वर्दी के पीछे छिपी मानवीय कहानियां — 'CTRL + ALT DEFENCE' हर पहलू को समेटता है।
NDTV की यह पहल उस समय बेहद प्रासंगिक है जब वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा की चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं और भारत की भूमिका पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है।
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कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 'Fuel Your Life' टैगलाइन के साथ यह प्लेटफॉर्म यूजर्स को ऐसा कंटेंट देगा जो उनके जीवन को दिशा दे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करे।
देश के सबसे बड़े रेडियो नेटवर्क्स में शामिल ‘बिग एफएम’ (BIG FM) ने ‘बिग लाइव’ (BIG Live) नाम से एक नया डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है, जो एक ही जगह पर विभिन्न जॉनर का चयनित और विश्वसनीय कंटेंट उपलब्ध कराएगा। बताया जाता है कि यह प्लेटफॉर्म खास तौर पर प्रीमियम यूजर्स को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, जहां कंटेंट, बेहतरीन यूजर अनुभव और टारगेटेड विज्ञापन एक साथ मिलते हैं। 'BIG Live' का उद्देश्य ऐसा कंटेंट देना है जो न सिर्फ जानकारी दे, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी को बेहतर भी बनाए।
कंपनी द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, यह प्लेटफॉर्म रियल एस्टेट, ऑटोमोबाइल, हेल्थ व वेलनेस, एंटरटेनमेंट, ट्रैवल, फूड, फैशन, फाइनेंस, टेक्नोलॉजी और ज्वेलरी जैसे तमाम क्षेत्रों में जानकारीपूर्ण कंटेंट प्रदान करेगा। 'Fuel Your Life' टैगलाइन के साथ यह प्लेटफॉर्म यूजर्स को ऐसा कंटेंट देगा जो उनके जीवन को दिशा दे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करे।
इस बारे में ‘बिग एफएम’ के सीईओ अब्राहम थॉमस का कहना है,‘ BIG Live हमारे कंटेंट लीडरशिप और ऑडियंस की गहरी समझ का स्वाभाविक विस्तार है। इसके जरिये हम केवल ऑडियो तक सीमित नहीं रहना चाहते, बल्कि विविध और उच्च गुणवत्ता वाला डिजिटल कंटेंट देना चाहते हैं जो यूजर्स को जानकारी देने के साथ-साथ उन्हें जोड़े भी रखे। आज का ऑडियंस सिर्फ जानकारी नहीं चाहता, वह ऐसा कंटेंट चाहता है जो उसकी महत्वाकांक्षाओं को ऊर्जा दे और BIG Live इसी उद्देश्य से बनाया गया है। विज्ञापनदाताओं के लिए यह एक नया और असरदार प्लेटफॉर्म होगा, जहां वे टारगेट ऑडियंस तक सटीक और प्रभावशाली कैंपेन के जरिये पहुंच सकते हैं।’
वहीं, ‘बिग एफएम’ के सीओओ सुनील कुमारन का कहना है,‘ हम BIG Live को लॉन्च कर बेहद उत्साहित हैं। यह एक जीवंत डिजिटल प्लेटफॉर्म है, जिसे उन यूजर्स के लिए डिजाइन किया गया है जो हमेशा कुछ नया सीखना और आगे बढ़ना चाहते हैं। इस प्लेटफॉर्म के जरिए हम रेडियो और डिजिटल को जोड़ते हुए एक ऐसा मीडिया ब्रैंड बना रहे हैं जो लोगों को प्रेरणा दे और उनकी सोच को दिशा दे। यह ऐसा केंद्र होगा जहां सूचनाओं को एक रोचक अंदाज में पेश किया जाएगा ताकि लोग न सिर्फ जानकारी लें, बल्कि उस पर अमल भी कर सकें।’
‘सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) से ‘सफायर मीडिया लिमिटेड’ को 92.7 BIG FM रेडियो के बोर्ड और प्रबंधन का नियंत्रण लेने के लिए सभी आवश्यक अनुमतियां प्राप्त हो गई हैं।
‘सफायर मीडिया लिमिटेड’ (Sapphire Media limited) ने अब आधिकारिक रूप से रेडियो नेटवर्क 92.7 बिग एफएम का अधिग्रहण कर लिया है। यह रेडियो स्टेशन पहले रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क्स लिमिटेड के स्वामित्व में था और फरवरी 2023 से कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रेजोल्यूशन प्रोसेस (CIRP) में था। इस प्रक्रिया के लिए रोहित मेहरा को रेजोल्यूशन प्रोफेशनल नियुक्त किया गया था।
बताया जा रहा है कि ‘सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय’ (MIB) से ‘सफायर मीडिया लिमिटेड’ को 92.7 BIG FM रेडियो के बोर्ड और प्रबंधन का नियंत्रण लेने के लिए सभी आवश्यक अनुमतियां प्राप्त हो गई हैं। कंपनी ने समाधान योजना (Resolution Plan) के तहत तय समय-सीमा में रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क्स लिमिटेड के कर्जदाताओं की बकाया राशि का भुगतान भी कर दिया है।
इससे पहले, ‘नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल’ (NCLAT) की दिल्ली स्थित प्रधान पीठ और NCLT मुंबई बेंच ने क्रमशः 23 दिसंबर 2024 और 6 मई 2025 को सफायर मीडिया लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना को मंजूरी दी थी। इस दौरान रेडियो ऑरेंज और अन्य प्रतिस्पर्धियों की आपत्तियों को खारिज कर दिया गया।
बता दें कि 92.7 BIG FM रेडियो देश के सबसे बड़े रेडियो नेटवर्क्स में से एक है, जिसके पास 58 स्टेशन हैं और यह 1,200 से ज्यादा कस्बों व 50,000 से अधिक गांवों तक अपनी पहुंच रखता है। इस नेटवर्क के साथ सफायर मीडिया अपने तकनीक-आधारित डिजिटल कंटेंट क्रिएशन और ब्रॉडकास्टिंग के विस्तार को और मजबूती देगा।
यह अधिग्रहण सफायर मीडिया के हिंदी न्यूज चैनल ‘इंडिया डेली 24X7’ की सफल लॉन्चिंग के बाद हुआ है। इसके अलावा, सफायर मीडिया देश के सबसे बड़े आउटडोर विज्ञापन नेटवर्क्स में से एक का संचालन भी करता है, जिससे टीवी, रेडियो, प्रिंट, डिजिटल और आउटडोर मीडिया के बीच एक बेहतरीन तालमेल बनता है।
‘सफायर मीडिया लिमिटेड’ की स्थापना कैथल के उद्यमी साहिल मंगला और मीडिया प्रोफेशनल से एंटरप्रेन्योर बने आदित्य वशिष्ठ ने की थी। इस अधिग्रहण के साथ कंपनी कंटेंट और मीडिया के क्षेत्र में एक मजबूत समूह बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है।
आलोक सक्सेना को मीडिया ऐडवर्टाइजिंग सेल्स में काम करने का तीन दशक से ज्यादा का अनुभव है।
हाल ही में ‘मनोरंजन मीडिया ग्रुप’ (Manoranjan Media) के स्वामित्व में आए ‘इश्क एफएम’ (Ishq FM) ने आलोक सक्सेना को अपना नया चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर नियुक्त किया है। यह नेतृत्व परिवर्तन ‘इंडिया टुडे’ (India Today) ग्रुप से ‘इश्क एफएम’ के अधिग्रहण के बाद हुआ है और इसे चैनल के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत मानी जा रही है।
आलोक सक्सेना को मीडिया ऐडवर्टाइजिंग सेल्स में काम करने का तीन दशक से ज्यादा का अनुभव है। उन्होंने ‘रेड एफएम’ (Red FM) जैसी प्रमुख मीडिया कंपनियों में महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जहां उन्होंने रेवेन्यू बढ़ाने और मार्केट में मौजूदगी मजबूत करने की दिशा में उल्लेखनीय योगदान दिया। माना जा रहा है कि उनका यह अनुभव ‘इश्क एफएम’ के संचालन और कार्यक्रमों को नई दिशा देने में मददगार साबित होगा।
आलोक सक्सेना की नियुक्ति के बारे में ‘मनोरंजन टीवी’ ग्रुप के डायरेक्टर साहिब चोपड़ा ने कहा, ‘इश्क एफएम के ज़रिए हमारा उद्देश्य बेहतरीन रेडियो अनुभव देना है। इस विजन को और मजबूत करने के लिए हमने आलोक सक्सेना को जोड़ा है, जिन्हें रेडियो इंडस्ट्री में करीब 30 वर्षों का अनुभव है। उनका आना इस बात का संकेत है कि हम इस क्षेत्र में वाकई कुछ नया और बड़ा करने के इरादे से आए हैं। अब तो बस यही कहना है—डू द इश्क, बेबी!’
वहीं, आलोक सक्सेना का इस बारे में कहना है, ’हम शानदार म्यूजिक और बेहतरीन रेडियो कंटेंट के जरिये कुछ नया देने की कोशिश करेंगे। मेरा मानना है कि भारत में रेडियो माध्यम की काफी संभावनाएं हैं, खासतौर पर तब जब इसे रचनात्मक रूप से श्रोताओं की पसंद और जरूरतों से जोड़ा जाए।’
बता दें कि ‘इश्क एफएम’ का अधिग्रहण ’मनोरंजन मीडिया’ ग्रुप द्वारा इसी साल की शुरुआत में पूरा किया गया था। इस डील में मुंबई, दिल्ली और कोलकाता में 104.8 मेगाहर्ट्ज पर प्रसारित होने वाले तीन एफएम स्टेशन शामिल थे।
स्पॉटिफाई इंडिया (Spotify India) में एडिटोरियल हेड के पद पर कार्यरत Aoneha Tagore ने ढाई साल की अपनी पारी के बाद कंपनी को अलविदा कह दिया है।
स्पॉटिफाई इंडिया (Spotify India) में एडिटोरियल हेड के पद पर कार्यरत Aoneha Tagore ने ढाई साल की अपनी पारी के बाद कंपनी को अलविदा कह दिया है। उन्होंने अपने इस फैसले की जानकारी एक लिंक्डइन पोस्ट के जरिए दी।
स्पॉटिफाई में Aoneha की जिम्मेदारी भारत में म्यूजिक एडिटोरियल स्ट्रैटेजी को दिशा देने की थी। उन्होंने डेटा, संस्कृति और क्रिएटिव दृष्टिकोण के मेल से प्लेलिस्ट और ऑडियो कंटेंट को आकार देने का काम किया।
इससे पहले Aoneha वायाकॉम18 के चैनल्स- MTV, MTV Beats, VH1 में अहम नेतृत्व भूमिकाएं निभा चुकी हैं। इसके अलावा उन्होंने 9XM और कई रेडियो नेटवर्क्स में भी लंबे समय तक काम किया है।