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234 नए शहरों में खुलेंगे 730 निजी FM रेडियो चैनल, सरकार ने दी नीलामी के प्रस्ताव को मंजूरी

देश में एफएम रेडियो के विस्तार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 234 स्थानों पर 730 एफएम रेडियो चैनलों के लिए ई-नीलामी आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 28 August, 2024
Last Modified:
Wednesday, 28 August, 2024
FM Radio


देश में एफएम रेडियो के विस्तार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 234 स्थानों पर 730 एफएम रेडियो चैनलों के लिए आरोही (बढ़ती हुई बोली) ई-नीलामी आयोजित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि यह मंजूरी निजी एफएम रेडियो के तीसरे चरण की नीति के तहत दी गई है। इस चरण में 784.87 करोड़ रुपये के अनुमानित आरक्षित मूल्य की अधिकतम ई-नीलामी का संचालन करने का प्रस्ताव है।

उन्होंने बताया कि इससे पहले के चरणों में, देश भर में कई शहरों में एफएम रेडियो चैनल स्थापित किए गए थे, लेकिन अब इसका विस्तार और भी व्यापक स्तर पर किया जाएगा। इस योजना के तहत, छोटे और मध्यम आकार के शहरों में एफएम रेडियो चैनलों की पहुंच को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे इन क्षेत्रों में सूचना और मनोरंजन का प्रसार और अधिक प्रभावी हो सकेगा। ई-नीलामी प्रक्रिया को पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को सुनिश्चित करने के लिए चुना गया है, ताकि योग्य आवेदक आसानी से भाग ले सकें।

मंत्रिमंडल ने वस्तु एवं सेवा कर को छोड़कर एफएम चैनल के लिए वार्षिक लाइसेंस शुल्क को सकल राजस्व के 4 प्रतिशत की वसूली के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। यह 234 नए शहरों और कस्बों में लागू होगा। इससे अलग अलग भाषाओं विशेष रूप से मातृभाषाओं में स्थानीय कार्यक्रमों को बनाने को प्रोत्साहन मिलेगा। इस व्यवस्था के तहत उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 32 शहरों और इसके बाद आंध्र प्रदेश में 22 शहरों/कस्बों में नए एफएम रेडियो चैनल्स खोले जाएंगे। मध्य प्रदेश में 20, राजस्थान में 19, बिहार में 18 और जम्मू-कश्मीर में अनंतनाग के लिए तीन चैनल आवंटित किए गए हैं। 

बताया जा रहा है कि इस योजना से न केवल मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि इससे स्थानीय भाषाओं और संस्कृतियों को भी बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही, नए एफएम रेडियो चैनल्स के माध्यम से रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

 

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2023-24 में 57 नए सामुदायिक रेडियो को दी गई मंजूरी: MIB

सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 57 नए सामुदायिक रेडियो (Community Radio) स्टेशनों को मंजूरी दी है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Monday, 30 September, 2024
Last Modified:
Monday, 30 September, 2024
FM Radio

सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 57 नए सामुदायिक रेडियो (Community Radio) स्टेशनों को मंजूरी दी है। मंत्रालय ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि 31 मार्च 2024 तक देश में कुल 494 सामुदायिक रेडियो स्टेशन काम कर रहे हैं। इनमें से 283 गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) द्वारा, 191 शैक्षणिक संस्थानों द्वारा और 20 कृषि विज्ञान केंद्रों (KVKs) द्वारा संचालित किए जा रहे हैं।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सरकार सामुदायिक रेडियो क्षेत्र को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। इसके तहत "भारत में सामुदायिक रेडियो आंदोलन को समर्थन" (Supporting Community Radio Movement in India) नामक एक केंद्रीय योजना शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत नए और मौजूदा रेडियो स्टेशनों को उपकरण खरीदने या बदलने के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है। इसके अलावा, क्षमतावर्धन, जागरूकता कार्यक्रम, क्षेत्रीय सम्मेलनों और वार्षिक सामुदायिक रेडियो पुरस्कारों को भी इस योजना के तहत प्रोत्साहित किया जाता है।

रिपोर्ट के अनुसार, सामुदायिक रेडियो आंदोलन की शुरुआत से अब तक कुल 680 संस्थानों को सामुदायिक रेडियो स्टेशनों के लिए इच्छापत्र (LoI) जारी किए गए हैं, जिनमें से 603 संस्थाओं ने अनुमति समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। 31 मार्च 2024 तक 494 सामुदायिक रेडियो स्टेशन सक्रिय हो चुके हैं।

इसके अलावा, रिपोर्ट में निजी एफएम रेडियो स्टेशनों की जानकारी भी दी गई है। 31 मार्च 2024 तक 113 शहरों में 388 निजी एफएम चैनल सक्रिय हैं, जो 26 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों में फैले हुए हैं। वर्ष 2000 में निजी एफएम रेडियो की शुरुआत के बाद से सरकार ने विभिन्न शुल्कों के माध्यम से 6,647.77 करोड़ रुपये की कमाई की है, जिसमें एक बार की प्रवेश शुल्क, लाइसेंस शुल्क और टॉवर किराया शामिल हैं।

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सरकार ने दूरदराज क्षेत्रों के लिए FM रेडियो की नीलामी की शर्तों को बनाया आसान

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आगामी बैच-II और बैच-III एफएम रेडियो नीलामियों के तहत निजी एफएम रेडियो फेज-III नीति दिशानिर्देशों में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 11 September, 2024
Last Modified:
Wednesday, 11 September, 2024
FM Radio

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आगामी बैच-II और बैच-III एफएम रेडियो नीलामियों के तहत निजी एफएम रेडियो फेज-III नीति दिशानिर्देशों में महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं। ये बदलाव उन प्रसारकों को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं जो अब तक बिना कवर किए गए शहरों में काम करेंगे। इसमें नए आरक्षित मूल्य और वार्षिक शुल्क संरचना में बदलाव किए गए हैं, विशेष रूप से दूरस्थ क्षेत्रों के प्रसारकों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।

अब बिना कवर किए गए नए शहरों में एफएम चैनलों के लिए आरक्षित मूल्य 2022 में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की सिफारिशों के आधार पर होगा। यह बदलाव एफएम फेज-III नीति दिशानिर्देशों के पैरा 4.6 में संशोधन के रूप में शामिल किया गया है। आधिकारिक आदेश, जो 10 सितंबर 2024 को जारी हुआ, में कहा गया है, "आरक्षित मूल्य वह होगा जो TRAI द्वारा 2022 में सिफारिश की गई थी।"

नए दिशानिर्देशों के अनुसार, बैच-III नीलामी के माध्यम से बिना कवर किए गए शहरों में लाइसेंस प्राप्त करने वाले प्रसारकों को अपने सकल राजस्व के आधार पर वार्षिक शुल्क का भुगतान करना होगा। अद्यतन धारा 6.1(aa) के अनुसार, प्रत्येक वित्तीय वर्ष में प्रसारकों को जीएसटी को छोड़कर उनके सकल राजस्व का 4% वार्षिक शुल्क देना होगा।

इसके अलावा, मंत्रालय ने दूरस्थ क्षेत्रों जैसे पूर्वोत्तर राज्य, जम्मू और कश्मीर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, और लक्षद्वीप के प्रसारकों के लिए विशेष प्रोत्साहन भी पेश किए हैं। इन क्षेत्रों के प्रसारक पहले तीन वर्षों के लिए अपने सकल राजस्व का 2% वार्षिक शुल्क, जीएसटी को छोड़कर, भुगतान करेंगे। यह नया प्रावधान धारा 6.1(ba) के तहत जोड़ा गया है।

आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि एफएम चैनलों के लिए प्रसारकों को 15 वर्षों की अनुमति अवधि दी जाएगी, जो वार्षिक लाइसेंस शुल्क देय होने की तारीख से शुरू होगी।

28 अगस्त को, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 234 नए शहरों में 730 चैनलों के लिए 784.87 करोड़ रुपये के अनुमानित आरक्षित मूल्य के साथ बैच-III ई-नीलामी की अनुमति दी थी। इस प्रस्ताव के तहत जीएसटी को छोड़कर सकल राजस्व का 4% वार्षिक लाइसेंस शुल्क भी तय किया गया है, जो 234 नए शहरों में लागू होगा।

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केंद्रीय सूचना-प्रसारण मंत्री ने किया देश के 500वें सामुदायिक रेडियो स्टेशन का उद्घाटन

मिजोरम के मुख्यमंत्री व केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री भी रहे समारोह में उपस्थित। इस दौरान 10वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कारों की भी घोषणा की गई।

Last Modified:
Thursday, 25 July, 2024
IIMC Radio

‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) के आइजोल परिसर में स्थित भारत के 500वें सामुदायिक रेडियो स्टेशन 'अपना रेडियो 90.0 एफएम' का उद्घाटन गुरुवार को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, रेल, इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया। ऑनलाइन माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण तथा संसदीय कार्य राज्य मंत्री डॉ. एल मुरुगन, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू, अपर सचिप नीरजा शेखर एवं भारतीय जनसंचार संस्थान की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर भी उपस्थित रहे।

समारोह को संबोधित करते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा कि देश का 500वां सामुदायिक रेडियो स्टेशन 'अपना रेडियो 90.0 एफएम' आइजोल के लोगों के जीवन में बदलाव लाने और छात्रों, स्थानीय समुदाय और किसानों के जीवन को बेहतर बनाने में मुख्य भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'एक्ट ईस्ट' की नीति अपनाई है और इस दिशा में 'अपना रेडियो 90.0 एफएम' मील का पत्थर साबित होगा।

केंद्रीय मंत्री के अनुसार, रेलवे की पहुंच और वैचारिक नीतियों को लागू कर उत्तर पूर्व क्षेत्र को अधिक समृद्ध बनाना हमारा लक्ष्य है और हम सभी को मिलकर इसके लिए सबसे बेहतर ईको सिस्टम बनाना होगा। शुभारंभ समारोह के दौरान केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री द्वारा 10वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कारों की भी घोषणा की गई। वर्ष 2014 में जहां पूरे देश में सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की संख्या 140 थी, वहीं पिछले दस वर्षों में यह संख्या बढ़कर अब 500 तक पहुंच गई है।

इस अवसर पर उपस्थित मिजोरम के मुख्यमंत्री लालदुहोमा ने कहा कि हम आइजोल में शुरू हो रहे 500वें सामुदायिक रेडियो स्टेशन को लेकर उत्साहित हैं। यह एक महत्वपूर्ण संख्या है। सामुदायिक रेडियो स्टेशन स्थानीय संस्कृति और स्थानीय लोगों के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि यह सामुदायिक रेडियो स्टेशन किसानों को सरकारी योजनाओं तथा कृषि से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करने में सहायक होगा। इससे अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने और हमारे समुदाय को सशक्त बनाने की हमारी प्रतिबद्धता और मजबूत होगी।

वहीं, डॉ. एल मुरुगन ने आईआईएमसी को बधाई देते हुए कहा कि यह एक सुखद अवसर है कि हम आइजोल में 500वें सामुदायिक रेडियो स्टेशन की शुरुआत कर रहे हैं। सामुदायिक रेडियो पिछड़े क्षेत्रों के लोगों से संवाद करने में और प्राकृतिक आपदाओं से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यह व्यावसायिक उद्देश्य के लिए नहीं, बल्कि सामाजिक उद्देश्य के लिए है। यह स्थानीय लोगों और छात्रों को शिक्षित भी करता है। हम 500वें सामुदायिक रेडियो स्टेशन तक पहुंच गए हैं। इस नाते हम सभी के लिये आज का दिन ऐतिहासिक है।

समारोह को संबोधित करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू ने कहा कि सामाजिक मुद्दों को उठाने में सामुदायिक रेडियो एक अहम भूमिका निभा रहा है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, सामाजिक विकास और सशक्तिकरण के लिए सामुदायिक रेडियो की बेहतर पहुंच सुनिश्चित कर रहा है। उन्होंने कहा कि हम सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की स्थापना के लिए नीतिगत दिशा-निर्देशों को समय-समय पर अपडेट करते रहते हैं, ताकि उनके कामकाज को बेहतर किया जा सके।

समारोह के अंत में धन्यवाद ज्ञापन देते हुए आईआईएमसी की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर ने कहा कि 'अपना रेडियो 90.0 एफएम' का उद्घाटन मिजोरम के इतिहास में एक नया अध्याय है, जो संवाद के माध्यम से समुदायों को एक साथ लाता है, स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देता है और नागरिकों को सशक्त बनाता है।

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तस्वीरों में देखें, 'e4m गोल्डन माइक्स अवॉर्ड्स' की झलकियां

इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड समारोह में रेडियो और ऑडियो इंडस्ट्री में असाधारण और अभिनव उत्कृष्टता को मान्यता दी गई और उन्हें सम्मानित किया गया।

Last Modified:
Thursday, 27 June, 2024
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एक्सचेंज4मीडिया समूह ने बुधवार, 26 जून को मुंबई में सितारों से सजे एक समारोह में 'e4m गोल्डन माइक्स अवॉर्ड्स' (e4m Golden Mikes Awards 2024) के 12वें संस्करण का आयोजन किया। इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड समारोह में रेडियो और ऑडियो इंडस्ट्री में असाधारण और अभिनव उत्कृष्टता को मान्यता दी गई और उन्हें सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त ब्रैंड्स, एजेंसीज और रेडियो स्टेशंस द्वारा किए गए उत्कृष्ट  कैंपेंस को भी सेलिब्रेट किया गया। इस कार्यक्रम का सबसे बड़ा अवॉर्ड 'रेडियो स्टेशन ऑफ द ईयर' 'रेड एफएम' (Red FM) को दिया गया।

देखें इस कार्यक्रम की झलकियां:

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'e4m गोल्डन माइक्स अवॉर्ड्स 2024' ने मचाई धूम, यहां देखें विनर्स की लिस्ट

एक्सचेंज4मीडिया समूह ने बुधवार, 26 जून को मुंबई में सितारों से सजे एक समारोह में 'e4m गोल्डन माइक्स अवॉर्ड्स' के 12वें संस्करण का आयोजन किया

Last Modified:
Thursday, 27 June, 2024
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एक्सचेंज4मीडिया समूह ने बुधवार, 26 जून को मुंबई में सितारों से सजे एक समारोह में 'e4m गोल्डन माइक्स अवॉर्ड्स' (e4m Golden Mikes Awards 2024) के 12वें संस्करण का आयोजन किया।

यह प्रतिष्ठित अवॉर्ड रेडियो और ऑडियो इंडस्ट्री में असाधारण और अभिनव उत्कृष्टता को सम्मानित करता है और  मान्यता देता है। इसके अतिरिक्त ब्रैंड्स, एजेंसीज और रेडियो स्टेशंस द्वारा किए गए उत्कृष्ट  कैंपेंस को सेलिब्रेट करता है। इस कार्यक्रम का सबसे बड़ा अवॉर्ड 'रेडियो स्टेशन ऑफ द ईयर' 'रेड एफएम' (Red FM) को दिया गया।

रेडियो चैनल ने अपनी एक्सिलेंस, इनोवेशन और क्रिएटिविटी के लिए विभिन्न कैटेगरी में 10 गोल्ड, 13 सिल्वर और 12 ब्रॉन्ज सहित कुल 35 अवॉर्ड्स जीते। 'e4m गोल्डन माइक्स अवॉर्ड्स 2024' के अन्य प्रमुख विजेताओं में 'आजतक रेडियो', 'बिग एफएम', 'फीवर एफएम', 'गल्फ ऑयल', 'बैंक ऑफ बड़ौदा', 'एक्सिस बैंक' और 'एक्सिस बैंक' शामिल हैं।

एक्सिलेंस कैटेगरी में, 'आरजे ऑफ द ईयर' (हिंदी/अंग्रेजी भाषा) का खिताब चार आरजे को दिया गया। 'बिग एफएम' के आरजे व्रजेश हिरजी ने गोल्ड जीता, जबकि 'बिग एफएम' की आरजे अन्नू कपूर, 'रेडियो मिर्ची' के आरजे जीतूराज और 'रेडियो सिटी 91.1' की आरजे गिन्नी महाजन ने अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए सिल्वर जीता।

'आरजे ऑफ द ईयर' (अन्य भाषा) कैटेगरी में 'म्यूजिक ब्रॉडकास्ट लिमिटेड' की आरजे शोनाली और 'बिग एफएम' की आरजे अयंतिका ने गोल्ड पदक जीता, तो वहीं 'बिग एफएम' के आरजे फिरोज और 'रेडियो मिर्ची 98.3 एफएम' की आरजे अग्नि ने सिल्वर का खिताब अपने नाम किया, जबकि 'रेडियो मिर्ची/ईएनआईएल' के आरजे ऐशपथ अधीश ने ब्रॉन्ज जीता।

 'न्यू एस्पायरिंग आरजे ऑफ द ईयर' (New Aspiring RJ of the Year) कैटेगरी में 'रेडियो नशा' की आरजे परी ने सिल्वर अवॉर्ड अपने नाम किया, जबकि' रेडियो मिर्ची' (ईएनआईएल) की आरजे आस्था ने ब्रॉन्ज जीता।

'सेलिब्रिटी आरजे ऑफ द ईयर' कैटेगरी में 'फीवर एफएम' के वीरेंद्र सहवाग, 'रेडियो मिर्ची/ईएनआईएल' के सोनू निगम और 'बिग एफएम' के अन्नू कपूर तीनों ने सिल्वर जीता। 'मिर्ची' के नावेद और 'फीवर एफएम' के आरजे राहुल माकिन को 'इन्फ्लुएंसर आरजे ऑफ द ईयर' से सम्मानित किया गया, जिन्होंने क्रमशः सिल्वर और ब्रॉन्ज पदक जीता।

'बेस्ट शो प्रोड्यूस्ड' कैटेगरी में 'आजतक रेडियो' के 'एक बखत की बात' (Ek Bakhat Ki Baat) ने अपने बेहतरीन काम के लिए गोल्ड अवॉर्ड जीता, जबकि 'रेडियो मैंगो' की 'सेलिब्रिटी प्लेलिस्ट' और 'जोश जंक्शन' ने क्रमशः सिल्वर और ब्रॉन्ज का खिताब जीता। बेस्ट शो होस्ट (पॉडकास्ट) का अवॉर्ड दो विजेताओं को दिया गया। 'रेडियो सिटी' और 'रेडियो सिटी डिजिटल' के आरजे अखिल ने सिल्वर अवॉर्ड जीता, जबकि 'बिग एफएम' की भावना सोमाया ने ब्रॉन्ज अवॉर्ड अपने नाम किया।

‘बेस्ट पॉडकास्ट ऑफ द ईयर’ का खिताब 'बिग एफएम' के ‘अभिशप्त’ को दिया गया। 'एंटरटेनमेंट नेटवर्क इंडिया लिमिटेड' के ‘एक था लीजेंड - स्टोरी ऑफ सिद्धू मूसे वाला’ को सिल्वर अवॉर्ड मिला, जबकि 'आजतक रेडियो' के नथिंग बट द ट्रुथ’ को ब्रॉन्ज मिला। 

यहां देखें विनर्स की पूरी लिस्ट:

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पीएम मोदी फिर करेंगे अपने 'मन की बात', जनता से मांगे सुझाव

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर रेडियो के माध्यम से अपने 'मन की बात' कहने का मन बना लिया है

Last Modified:
Wednesday, 19 June, 2024
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देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर रेडियो के माध्यम से अपने 'मन की बात' कहने का मन बना लिया है। उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर के इसकी जानकारी दी। 

आपको बता दें कि लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद पीएम मोदी का यह पहला मन की बात कार्यक्रम होगा। पीएम मोदी 111वीं बार मन की बात कार्यक्रम में अपने विचार साझा करेंगे।

पीएम मोदी ने कहा, यह बताते हुए खुशी हो रही है कि चुनावों के चलते कुछ महीनों के अंतराल के बाद 'मन की बात' वापस आ गया है। इस माह का कार्यक्रम रविवार 30 जून को होगा। मैं आप सभी से इसके लिए अपने विचार और इनपुट साझा करने का आह्वान करता हूं। MyGov ओपन फोरम, NaMo ऐप पर लिखें या 1800117800 पर अपना संदेश रिकॉर्ड करें।"

पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के तहत आम लोगों से उनके सुझाव या विचार मांगे हैं। आपको बता दें कि 28 जून तक भेजे गए सुझाव और विचारों को कार्यक्रम में शामिल किया जाएगा। यदि आप 'मन की बात' कार्यक्रम के लिए अपने सुझाव देना चाहते हैं तो ऊपर पीएम मोदी द्वारा बताए गए तरीके को फॉलो कर सकते हैं।

 गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछली बार 25 फरवरी 2024 को 'मन की बात' की थी। यह इस कार्यक्रम की 110वीं कड़ी थी। इसके बाद लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया और आचार संहिता भी लग गई। अब केंद्र में सरकार के गठन और लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पीएम मोदी 30 जून को एक बार फिर से लोगों से 'मन की बात' करेंगे।  

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NCLT ने दी 'बिग 92.7 एफएम' के लिए सफायर मीडिया की समाधान योजना को मंजूरी

NCLT की मुंबई पीठ ने रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क लिमिटेड के स्वामित्व वाले रेडियो नेटवर्क 'बिग 92.7 एफएम' के लिए 'सफायर मीडिया' की समाधान योजना को मंजूरी दे दी है

Last Modified:
Monday, 06 May, 2024
BIG FM

नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) की मुंबई पीठ ने रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क लिमिटेड के स्वामित्व वाले रेडियो नेटवर्क 'बिग 92.7 एफएम' के लिए 'सफायर मीडिया लिमिटेड' की समाधान योजना (Resolution Plan) को मंजूरी दे दी है।

टेक्निकल मेंबर मधु सिन्हा और ज्यूडिशियल मेंबर रीता कोहली की NCLT पीठ ने 6 मई के अपने आदेश में सफायर मीडिया लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत समाधान योजना को मंजूरी दी।

पीठ ने अपने आदेश में कहा कि अंतर्वर्ती आवेदन की अनुमति है। सफायर मीडिया लिमिटेड द्वारा प्रस्तुत संकल्प योजना को अप्रूव किया जाता है। यह इस तारीख से प्रभावी होगा और इस आदेश का हिस्सा बनेगा।

रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क लिमिटेड के स्वामित्व वाला 'बिग एफएम' फरवरी 2023 से दिवाला प्रक्रिया (insolvency process) से गुजर रहा है। कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) 2016 के दिवाला और दिवालियापन संहिता के तहत शुरू की गई थी और रोहित मेहरा को समाधान पेशेवर (resolution professional) के रूप में नियुक्त किया गया था।

बिग एफएम के लेनदारों की एक समिति भी नियुक्त की गई, जिसने दिवाला और दिवालियापन संहिता के प्रावधानों के अनुसार 88.97% की वोटिंग हिस्सेदारी के साथ 11 नवंबर, 2023 को सफायर मीडिया लिमिटेड की समाधान योजना को मंजूरी दी।

समाधान पेशेवर ने बाद में NCLT मुंबई में एक आवेदन दायर कर सफायर मीडिया लिमिटेड की समाधान योजना की मंजूरी मांगी।

योजना के अनुसार, सफायर मीडिया लिमिटेड 947.5 करोड़.रुपये के कुल क्लेम की तुलना में सुरक्षित और परिचालन लेनदारों को 261 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा।   

NCLT ने अपने आदेश में मॉनिटरिंग कमेटी को समाधान योजना के कार्यान्वयन की निगरानी करने और समय-समय पर इसके कार्यान्वयन की स्थिति पेश करने का भी निर्देश दिया। 

सफायर मीडिया लिमिटेड द्वारा अधिग्रहण से बिग एफएम में नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है। 58 स्टेशंस और 1,200 से अधिक कस्बों व 50,000 से अधिक गांवों तक पहुंच, देश के सबसे बड़े रेडियो नेटवर्क के तौर पर ब्रैंड सफायर मीडिया लिमिटेड की उपस्थिति को पूरे भारत में मजबूत करेगा।

 

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नहीं रहे आवाज की दुनिया के जाने-माने फनकार अमीन सयानी

रेडियो की दुनिया में जाना-माना नाम अमीन सयानी पिछले कुछ समय से उम्र संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे थे।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 21 February, 2024
Last Modified:
Wednesday, 21 February, 2024
Ameen Sayani

आवाज की दुनिया के जाने-माने फनकार और मशहूर रेडियो प्रजेंटर अमीन सयानी का निधन हो गया है। रेडियो की दुनिया में जाना-माना नाम अमीन सयानी पिछले कुछ समय से उम्र संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे थे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, करीब 91 वर्षीय अमीन सयानी को 20 फरवरी की शाम हार्ट अटैक आया था। आनन-फानन ने उन्हें नजदीक के एच. एन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल मे ले गया, जहां कुछ देर इलाज के बाद डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

अमीन सयानी के निधन के समाचार से उनके प्रशंसकों में शोक की लहर दौड़ गई है। उन्होंने अमीन सयानी के निधन पर शोक जताते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है।

बता दें कि अमीन सयानी ने अपनी आवाज और कार्यक्रम की प्रस्तुति से देश-विदेश में काफी लोकप्रियता पाई थी। रेडियो सिलोन और फिर विविध भारती पर‌ काफी लंबे समय तक चलने वाले हिंदी गीतों के उनके कार्यक्रम 'बिनाका गीतमाला' ने सफलता के तमाम रिकॉर्ड तोड़ दिए थे।

अमीन सयानी के नाम पर 54,000 से ज्यादा रेडियो कार्यक्रम प्रोड्यूस/वॉयसओवर करने का रिकॉर्ड दर्ज है। करीब 19,000 जिंगल्स के लिए आवाज देने‌ के लिए भी उनका नाम लिम्का बुक्स ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है।

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‘समय के साथ बदलावों की बीच आज भी सशक्त माध्यम बना हुआ है रेडियो’

रेडियो हमेशा से सपनों और आकांक्षाओं का वाहक रहा है। एक छोटे से बक्से से निकली वह अनोखी आवाज, जिसने हर किसी की कल्पनाओं को अपनी ओर खींचा है और हम सभी की इससे कोई न कोई विशेष स्मृति जुड़ी हुई है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 15 February, 2024
Last Modified:
Thursday, 15 February, 2024
Ramesh Menon

रमेश मेनन, सीईओ, फीवर एफएम।।

रेडियो हमेशा से सपनों और आकांक्षाओं का वाहक रहा है। एक छोटे से बक्से से निकली वह अनोखी आवाज, जिसने हर किसी की कल्पनाओं को अपनी ओर खींचा है और हम सभी की इससे कोई न कोई विशेष स्मृति जुड़ी हुई है।

लेकिन सबसे बड़ा सबक जो हम सभी इस माध्यम से सीख सकते हैं वह है इसकी खुद को फिर से नए अंदाज में स्थापित करने की अद्भुत क्षमता। इस बदलती दुनिया में आगे बढ़ने के लिए हम सभी को कुछ ऐसा ही अपनाना चाहिए।

इसी ने हमें ‘फीवर एफएम’ (Fever FM) को एक ऐसे ब्रैंड के रूप में पुन: तैयार करने के लिए प्रेरित किया, जो नई दुनिया के अंदाज में धड़कता है। एक रेडियो स्टेशन के रूप में हम अच्छी तरह समझते हैं कि हमारी प्रतिस्पर्धा सिर्फ दूसरे रेडियो स्टेशन से नहीं, बल्कि हर उस प्लेटफॉर्म व ब्रैंड से है, जो कंटेंट तैयार कर रहा है।

इसलिए किसी भी परिवर्तन का विरोध करने के बजाय हमने इसे अपनाने का फैसला लिया है। जब हम कहते हैं कि ‘फीवर का रिमोट अब आपके हाथ में’ है तो यह उन्हीं लोगों को सशक्त बनाने और महसूस कराने का हमारा तरीका है, जिन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि रेडियो संचार के सबसे शक्तिशाली साधनों में से एक बना रहे।

यह हमारी अपनी शक्तियों को पहचानना है-जिसमें स्टोरीटैलिंग की पावर के साथ-साथ म्यूजिक का जादुई स्पर्श शामिल है और नए जमाने (Gen Z) के कंटेंट इस्तेमाल करने के पैटर्न (consumption patterns) से तालमेल बिठाना है।

समय के साथ-साथ अब कैमरों का प्रवेश हो चुका है, ऐसे में हमारे स्टूडियो और आरजे को अब उतना ही दिखाने की जरूरत है, जितना उन्हें सुना जाता है। लेकिन जुड़ने और संवाद करने की क्षमता इस रिश्ते के केंद्र में रहेगी।

हम इस माध्यम और इसके द्वारा उपलब्ध कराए गए प्लेटफॉर्म के शुक्रगुजार हैं जो हमें वह बदलाव लाने में मदद करता है जो हम देखना चाहते हैं और जो मुद्दे हमारे लिए मायने रखते हैं, उन पर हम अपनी आवाज उठाते हैं।

क्लासिक रेडियो हमें सिखाता है कि शब्द किस तरह कमाल कर सकते हैं और हमें सशक्त बना सकते हैं। अच्छी और पुरानी स्टोरीटैलिंग कभी भी आउट ऑफ फैशन नहीं होगी। रामायण जैसे हमारे ऑडियो ड्रामाज को बहुत ज्यादा प्यार मिला है। यहां बैलेंस ही प्रमुख चाबी है- एक ऐसी आवाज बनना जो रहस्यमय जादू जैसा असर करती हो और एक ऐसा चेहरा तैयार करना, जो तुरंत पहचाना जा सके। एक ब्रैंड के रूप में, हमारा लक्ष्य रेडियो की पूरी क्षमता का इस्तेमाल करना और युवाओं के जोश के साथ अपनी फ्रीक्वेंसी का तालमेल बिठाना है।

 (यह लेखक के निजी विचार हैं।)

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'समानता तभी आएगी, जब हम किसी भी पेशे में महिला लीडर्स की संख्या गिनना बंद कर देंगे'

रेडियो फेस्टिवल 2024 में, इंडस्ट्री के दिग्गजों ने रेडियो इंडस्ट्री में लीडरशिप रोल में महिलाओं के बदलते प्रतिनिधित्व पर चर्चा की

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 14 February, 2024
Last Modified:
Wednesday, 14 February, 2024
DrAnnuragBatra785412

महिलाएं शुरुआती दिनों से ही रेडियो के सफर का हिस्सा रहीं हैं, फिर चाहे वह इंजीनियर्स हो, प्रड्यूसर्स, प्रजेंटर्स या फिर लीडर्स हों, लेकिन उन्होंने ट्रांसमिशन के रास्ते तैयार करने और विश्व स्तर पर रेडियो ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री को ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

रेडियो फेस्टिवल 2024 में, मॉडरेटर स्मिता शर्मा (इंडिपेंडेंट मल्टीमीडिया जर्नलिस्ट), डॉ. अनुराग बत्रा (चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ बिजनेसवर्ल्ड मीडिया ग्रुप और फाउंडर -एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप), निशा नारायणन (डायरेक्टर व सीओओ, रेड एफएम और मैजिक एफएम) के साथ ), गुंजन प्रिया (आकाशवाणी) और ओल्या बोयार (हेड ऑफ रेडियो -एशिया-पैसिफिक ब्रॉडकास्टिंग यूनियन) ने चर्चा की कि रेडियो इंडस्ट्री की नेतृत्वकारी भूमिकाओं में महिला प्रतिनिधित्व कैसा रहा है।

ब्रॉडकास्टिंग और रेडियो में महिलाओं के पास कितना नेतृत्व है, इस पर डॉ. अनुराग बत्रा ने चर्चा को शुरू करते हुए कहा, “आप गिलास को आधा भरा या आधा खाली देख सकते हैं। लीडरशिप जेंडर (लैंगिक) नहीं देखती और हमें किसी भी लीडरशिप की भूमिका को जेंडर के चश्मे से नहीं देखना चाहिए।''

उन्होंने कहा, आज टॉप 10 रेडियो स्टेशनों में से तीन का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं और इसे भारत में रेडियो पर जेंडर इक्वैलिटी की काफी प्रगतिशील स्थिति कहा जा सकता है।

रेड एफम की डायरेक्टर निशा नारायणन डॉ. बत्रा के इस कथन से सहमत दिखीं, लेकिन उनका मानना है कि यदि एक ही पद के लिए दो समान रूप से प्रतिभाशाली पुरुष और महिला उम्मीदवार हैं, तो उनका झुकाव एक महिला की ओर होगा क्योंकि उनकी प्रतिभा, उनकी क्षमताओं को सामान्य रूप से समाज द्वारा नजरअंदाज कर दिया जाता है। महिलाएं यह साबित करने के लिए हर संभव कोशिश करती हैं कि वे हर किसी से बेहतर हैं, क्योंकि उन पर लगातार दबाव रहता है। 

आकाशवाणी की गुंजन प्रिया के पास ऐसे अनुभव हैं जहां महिलाओं की लीडरशिप महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर अधिक आक्रामक रूप से चिंतित है। जब उन्हें अपने जेंडर के उत्थान या समर्थन के लिए अपनी स्थिति या शक्ति दिखाने का मौका मिलता है, तो वे पूरी कोशिश करती हैं और छोटी-छोटी चीजों पर भी अपना ध्यान केंद्रित करती हैं। 

वैश्विक परिप्रेक्ष्य की दृष्टि से बात करते हुए ABU की प्रवक्ता बोयार की राय अलग थी। उन्होंने बताया कि विशाल एशिया-प्रशांत क्षेत्र में इंडस्ट्री में महिलाओं की अनुपस्थिति है। उन्हें पहचानना आसान है क्योंकि उनकी संख्या बहुत कम है और उन्हें याद रखना भी आसान है। उन्होंने आगे कहा, “सरकारी और संगठनात्मक स्तर पर जेंडर पॉलिसी बनाने की जरूरत है, क्योंकि जब हम उन टॉप-5 लीडर्स की गिनती करना या उन्हें इंगित करना बंद कर देंगे, जिनमें एक विशिष्ट पेशे में महिलाएं हों, तभी समानता आएगी। विशेषकर जब पब्लिक सर्विस प्रोफेशन की बात आती हो, तो वहां बहुत कम महिलाएं हैं।

यह सिर्फ तीन-चार टॉप रेडियो जॉकीज के बारे में नहीं है, बल्कि ऐसी अधिकांश महिलाएं हैं जिन्हें गर्भावस्था के दौरान या अपने बच्चों के पालन-पोषण के लिए अपना करियर छोड़ना पड़ता है। एक बार जब वे इन कारणों से कार्यबल से गायब हो जाती हैं, तो वे फिर से प्रवेश नहीं कर पाती और कुछ कर भी लेती हैं तो उन्हें लोअर डेजिगनेशन ऑफर किया जाता है और इस तरह से उन्हें फिर से अपना करियर स्थापित करना होता है। तो हम इससे कैसे पार पाएं?

इस पर निशा नारायणन ने कहा कि ऑर्गनाइजेशन पॉलिसी को अपने पक्ष में रखना एक सचेत निर्णय है। जैसे ही वे मातृत्व अवकाश पर जाती हैं, हम उस पोजिशन को होल्ड पर रख देते हैं और केवल उस अवधि के लिए लोगों को काम पर रखते हैं, जब तक वह अवकाश पर होती हैं। रेड एफएम में सेल्स और मार्केटिंग जैसे कई विभागों का नेतृत्व महिलाएं करती हैं। लेकिन इसका यह मतलब कहीं नहीं है कि हम जेंडर इक्वैलिटी के मामले में अपने सर्वश्रेष्ठ स्तर पर पहुंच गए हैं, लिहाजा और अधिक लीडरशिप पोजिशन के साथ महिलाओं को सशक्त बनाने की जरूरत है।

आकाशवाणी के लिए काम करने वाली गुंजन प्रिया ने कहा कि सरकारी क्षेत्र में भी जेंडर इक्वैलिटी में सुधार हो रहा है लेकिन यह एक क्रमिक प्रक्रिया है। हालात पहले से बेहतर हैं।

लेकिन जब जेंडर इक्वैलिटी की बात आती है तो क्या इससे रेडियो जैसे माध्यम पर वास्तविक लोगों से बात करने में मदद मिलती है? 

बोयार ने कहा, “आप सक्षम हैं, यह महसूस करने के लिए आपको खुद को देखना और सुनना चाहिए। यदि कोई आपके जैसा नहीं दिखता है, आपकी तरह चीजें नहीं देखता है, तो आप कारण पर कैसे विश्वास करेंगे? जेंडर इक्वैलिटी पर बहुत सारे पैनल और डिबेट्स हैं, जो ईमानदारी से इस मुद्दे को लड़ते रहे हैं। इतने सालों तक प्रसार भारती के पास केवल एक ही महिला थीं और वह भी चली गईं।''

उन्होंने कहा कि चूंकि रेड एफएम की टैगलाइन 'बजाते रहो' है, इसलिए उनके अधिकांश दर्शक पुरुष प्रधान हैं, लेकिन उनके पास बहुत सारे महिला-विशिष्ट शो और कैंपेंस हैं। हो सकता है कि अन्य रेडियो स्टेशनों को उनकी ब्रैंडिंग के आधार पर अधिक फीमेल ऑडियंस मिलें। इसलिए ऐडवर्टाइजर्स या लिसनर्स केवल जेंडर विशिष्ट नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि भारत में अधिकांश ऐडवर्टाइजर्स जेंडर विशिष्ट के होने बजाय बहुत ज्यादा युवा-केंद्रित हैं। ऐसा कहने के बाद, जब तक हमें ऐडवर्टाइजर्स या लिसनर्स का समर्थन नहीं मिलता, तब तक किसी विशिष्ट मामले को लेकर चिंता व्यक्त करना सही नहीं है।

अंत में डॉ. बत्रा ने कहा, “लोग कहते हैं कि रेडियो का अंत आ गया है, लेकिन मेरा मानना है कि आज रेडियो डिजिटल ऑडियो ब्रॉडकास्ट और यहां तक कि पॉडकास्ट बन रहा है। बहुत से कम्युनिटी रेडियो भी हैं। तो निश्चित रूप से रेडियो एक विशेष कट्टर पंथ को टार्गेट कर सकता है और आगे ऐसे ऐडवर्टाइजर्स को भी प्राप्त कर सकता है जो उस सेगमेंट को भी टार्गेट करते हैं। 

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