देश के चार बड़े शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु के लिए वर्ष 2021 के 27वें हफ्ते से 30वें हफ्ते के बीच की ‘रेडियो ऑडियंस मीजरमेंट’ (RAM) रेटिंग्स जारी हो गई हैं।
देश के चार बड़े शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु के लिए वर्ष 2021 के 27वें हफ्ते से 30वें हफ्ते (27 जून 2021 से 24 जुलाई 2021) के बीच की ‘रेडियो ऑडियंस मीजरमेंट’ (RAM) रेटिंग्स जारी हो गई हैं। इन रेटिंग्स के अनुसार, पिछली बार की तरह दिल्ली और मुंबई के मार्केट में इस बार भी ‘फीवर एफएम’ (Fever FM) का दबदबा बना रहा है। बेंगलुरु में ‘बिग एफएम’ (BIG FM) सबसे ज्यादा सुना गया, जबकि कोलकाता में ‘रेडियो मिर्ची’ (Radio Mirchi) टॉप पर रहा है।
मुंबई में 12 साल से ऊपर आयुवर्ग के 12.2 मिलियन श्रोताओं में ‘फीवर एफएम’ (Fever FM) का मार्केट शेयर सबसे ज्यादा 16.7 प्रतिशत रहा है। श्रोताओं की हिस्सेदारी में ‘बिग एफएम’ (BIG FM) 14.2 प्रतिशत शेयर के साथ दूसरे स्थान पर रहा है। वहीं, 13.9 प्रतिशत शेयर के साथ ‘रेडियो मिर्ची’ (Radio Mirchi) इस लिस्ट में तीसरे नंबर पर है। सुबह नौ बजे से सुबह 10 बजे तक और फिर सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक यहां रेडियो सबसे ज्यादा सुना गया।
दिल्ली में 12 साल से ऊपर आयुवर्ग के 16.5 मिलियन श्रोताओं में 21.4 प्रतिशत मार्केट शेयर के साथ ‘फीवर एफएम’ (Fever FM) इस लिस्ट में पहले नंबर पर रहा है। दिल्ली के मार्केट में 15.1 प्रतिशत शेयर के साथ ‘रेडियो मिर्ची’ (Radio Mirchi) दूसरे नंबर पर रहा है। इस लिस्ट में 13.2 प्रतिशत शेयर के साथ ‘रेड एफएम’ (Red FM) तीसरे नंबर पर रहा है। यहां श्रोताओं की संख्या सबसे ज्यादा सुबह नौ बजे से सुबह 10 बजे के बीच रही।
बेंगलुरु के मार्केट को देखें तो 28.3 प्रतिशत लोगों ने ‘बिग एफएम’ (BIG FM) को सुना यह नंबर वन पर रहा। 27.7 प्रतिशत शेयर के साथ ‘रेडियो सिटी’ (Radio City) इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर रहा। इसके बाद इस लिस्ट में 11.8 प्रतिशत के साथ ‘फीवर एफएम’ (Fever FM) का नंबर रहा। यहां सुबह सात बजे से सुबह आठ बजे के बीच श्रोताओं की संख्या सबसे ज्यादा थी।
वहीं, कोलकाता की बात करें तो यहां एफएम सुनने वाले 9.1 मिलियन श्रोताओं में 27.5 प्रतिशत शेयर के साथ ‘रेडियो मिर्ची’ (Radio Mirchi) टॉप पर रहा, जबकि 25.6 प्रतिशत श्रोताओं के साथ ‘बिग एफएम’ (Big FM) इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर रहा। इसके बाद इस लिस्ट में 12.3 प्रतिशत के साथ ‘फीवर एफएम’ (Fever FM) का नंबर रहा। सुबह नौ बजे से सुबह दस बजे के बीच यहां रेडियो सबसे ज्यादा सुना गया।
बेंगलुरु के मार्केट में इस समय अवधि में रेडियो की पहुंच काफी रही। सभी मार्केट्स में घर से बाहर रेडियो सुनने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
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पाकिस्तान में ‘रेडियो पाकिस्तान’ इन दिनों गंभीर वित्तीय घाटे से जूझ रहा है, जिसके चलते उसके एम्प्लॉयीज को सैलरी न मिल पाने का संकट मंडराने लगा है। पाकिस्तान का उर्दू दैनिक समाचार पत्र ‘नवा-ए-वक्त’ ने इसकी जानकारी दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेडियो पाकिस्तान के एम्प्लॉयीज को अप्रैल का वेतन नहीं मिला है, इतना ही नहीं मई और जून का वेतन भी खतरे में है। ‘रेडियो पाकिस्तान’, पाकिस्तान में राष्ट्रीय सार्वजनिक प्रसारक के रूप में कार्य करता है।
राष्ट्रीय सार्वजनिक प्रसारक के पास एम्प्लॉयीज को वेतन और पेंशन देने के लिए पैसे नहीं हैं। उर्दू अखबार ‘नवा-ए-वक्त’ की मानें तो यह रेडियो चैनल अप्रैल से जून तक एम्प्लॉयीज को वेतन नहीं दे सकता है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।यदि आप अपने स्मार्टफोन पर FM रेडियो सुनना चाहते हैं, तो आपके लिए यह काफी अच्छी खबर है।
यदि आप अपने स्मार्टफोन पर FM रेडियो सुनना चाहते हैं, तो आपके लिए यह काफी अच्छी खबर है। दरअसल, सरकार ने मोबाइल फोन निर्माताओं के लिए सभी स्मार्टफोन्स पर एफएम रेडियो सेवा सुनिश्चित करने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ‘सूचना प्रौद्योगिकी’ (IT) मंत्रालय द्वारा ‘इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन’ (ICEA) के साथ-साथ ‘मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन फॉर इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी’ (MAIT) को भेजी गई इस एडवाइजरी में कहा गया है कि इस कवायद का उद्देशय न केवल सभी को रेडियो सेवाएं प्रदान करना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि आपात स्थितियों अथवा प्राकृतिक आपदाओं के दौरान एफएम रेडियो कनेक्टिविटी सुलभ हो।
आईटी मंत्रालय द्वारा जारी इस एडवाइजरी में कहा गया है, ‘यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जहां भी मोबाइल फोन इनबिल्ट रूप से एफएम रेडियो रिसीवर फंक्शन या फीचर से लैस है, वह फंक्शन या फीचर अक्षम या निष्क्रिय नहीं है, बल्कि मोबाइल फोन में सक्षम/सक्रिय रखा गया है। इसके अलावा यह सलाह दी जाती है कि यदि एफएम रेडियो रिसीवर फंक्शन या सुविधा मोबाइल फोन में उपलब्ध नहीं है, तो इसे शामिल किया जा सकता है।’
अपनी एडवाइजरी में आईटी मंत्रालय ने कहा है, ‘यह संज्ञान में आया है कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान एफएम ट्यूनर सुविधा वाले मोबाइल फोन में भारी कमी आई है, जिससे न केवल एफएम रेडियो सेवाएं प्राप्त करने की क्षमता बल्कि आपात स्थिति और आपदाओं के दौरान सही समय पर आवश्यक जानकारी प्रसारित करने की सरकार की क्षमता भी प्रभावित हुई है।’
एडवाइजरी में ‘इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन’ (ITU) का भी हवाला दिया गया है, जिसने स्मार्टफोन में रेडियो को शामिल करने की भी वकालत की है। उसका कहना है कि आपातकाल और आपदा के समय रेडियो प्रसारण प्रारंभिक चेतावनी देने और जीवन बचाने के लिए लोगों को सतर्क व जागरूक करने का सबसे शक्तिशाली और प्रभावी तरीका है।
आईटी मंत्रालय का कहना है कि एफएम रेडियो सेवा से युक्त मोबाइल फोन के माध्यम से त्वरित, समय पर और विश्वसनीय संचार की आवश्यकता है। क्योंकि यह बहुमूल्य जीवन, आजीविका को बचा सकता है और इससे निपटने के लिए यूजर्स को भी तैयार कर सकता है।
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प्रसार भारती ने अपनी रेडियो सेवा ‘ऑल इंडिया रेडियो’ का नाम बदलकर 'आकाशवाणी' करने का फैसला किया है, जैसा कि कानून में उल्लेख किया गया है।
आकाशवाणी की महानिदेशक वसुधा गुप्ता की ओर से बुधवार को जारी एक आंतरिक आदेश में उस वैधानिक प्रावधान का तत्काल प्रभाव से अनुपालन करने को कहा गया है जिसके अनुसार ऑल इंडिया रेडियो का नाम बदलकर आकाशवाणी कर दिया था।
प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी ने कहा, ‘यह सरकार का बहुत पुराना फैसला है जो पहले लागू नहीं किया गया था। अब हम इसे लागू कर रहे हैं।’
प्रसार भारती (भारतीय प्रसारण निगम, BCI) अधिनियम, 1990 में उल्लेख किया गया है कि 'आकाशवाणी' का अर्थ उन कार्यालयों, स्टेशनों और अन्य प्रतिष्ठानों से है जो अपनी शुरुआत के दिन केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अखिल भारतीय रेडियो के महानिदेशक का हिस्सा या उसके अधीन थे।
प्रसार भारती अधिनियम 15 नवंबर, 1990 को लागू हुआ था। आंतरिक आदेश में कहा गया है, 'उपरोक्त वैधानिक प्रावधान, जिसके तहत ऑल इंडिया रेडियो का नाम बदलकर 'आकाशवाणी' कर दिया था, को सभी के संज्ञान में लाया जा सकता है ताकि नाम और शीर्षक संसद द्वारा पारित प्रसार भारती अधिनियम 1997 के प्रावधानों के अनुरूप हो सकें।
प्रसिद्ध कवि रविंद्रनाथ टैगोर ने 1939 में कलकत्ता शॉर्टवेव सेवा के उद्घाटन के लिए लिखी एक कविता में ऑल इंडिया रेडियो को 'आकाशवाणी' का नाम दिया था।
प्रसार भारती की वेबसाइट के अनुसार आकाशवाणी मैसूर नाम का एक निजी रेडियो स्टेशन 10 सितंबर 1939 को स्थापित किया गया था।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) ने 30 अप्रैल को 100 एपिसोड पूरे कर लिए हैं। करीब नौ साल पहले वर्ष 2014 में यह विशेष रेडियो कार्यक्रम शुरू हुआ था। तब से यह रेडियो कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को सुबह 11 बजे प्रसारित होता है। अब इस कार्यक्रम के 100वें एपिसोड पर 30 अप्रैल यानी रविवार को सुबह 11 बजे से एक बार फिर इस कार्यक्रम के जरिये पीएम मोदी देशवासियों से जुड़े और उनसे संवाद किया।
यही नहीं, ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 100वें एपिसोड का प्रसारण होने के बाद पीएम ने एक ट्वीट कर लोगों का धन्यवाद भी अदा किया। अपने ट्वीट में मोदी ने लिखा, ‘ मैं भारत और दुनिया भर के लोगों को धन्यवाद देता हूं जो मन की बात के 100वां एपिसोड से जुड़े। मैं उन सभी से आग्रह करता हूं, जिन्होंने कार्यक्रम को सुना है कि वे उन विशेष पलों की तस्वीरें साझा करें।’
I thank people across India and the world who have tuned in to #MannKiBaat100. Truly humbled by the enthusiasm.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 30, 2023
I urge all those who heard the programme to share pictures of those special moments. You can do so on the NaMo App or through this link. https://t.co/riv9EpfHvk
इसके साथ ही पीएम ने मन की बात कार्यक्रम के 100वें एपिसोड में देश भर की मीडिया खासकर न्यूज चैनल्स को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आपने मन की बात कार्यक्रम के बीच में कामर्शियल एड के लिए मेरे कार्यक्रम को रोका नहीं, इसके लिए आभार। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने अन्य मीडिया माध्यमों का भी आभार जताया।
बता दें कि इस रेडियो कार्यक्रम के 100वें एपिसोड को यादगार बनाने के लिए देश-विदेश में तमाम विशेष इंतजाम किए गए। 'मन की बात' के लाइव प्रसारण के लिए देशभर में बूथ स्तर पर चार लाख सेंटर बनाए गए, जहां से इस रेडियो कार्यक्रम को प्रसारित किया गया। वहीं, अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय से लेकर ब्रिटेन की राजधानी लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने पीएम मोदी के इस खास संबोधन का लाइव प्रसारण किया। इस खास मौके पर माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने भी पीएम मोदी को बधाई दी।
देशवासियों से ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड में पीएम ने चरैवेति चरैवेति यानी चलते रहो-चलते रहो पर जोर देने की बात कही। उन्होंने कहा कि आज हम इसी चरैवेति चरैवेति की भावना के साथ ‘मन की बात’ का 100वां एपिसोड पूरा कर रहे हैं। उनका कहना था कि एक तरह से ‘मन की बात’ का हर एपिसोड अगले एपिसोड के लिए जमीन तैयार करता है।
पीएम का यह भी कहना था कि ‘मन की बात’ महज एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह आस्था, पूजा और व्रत है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोग ईश्वर की पूजा करने जाते हैं और प्रसाद की थाली लाते हैं, मेरे लिए मन की बात ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाली की तरह है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि 'मन की बात' की रिकॉर्डिंग के समय वह कई बार भावुक भी हुए, जिसकी वजह से कई बार दोबारा रिकॉर्डिंग की गई।
गौरतलब है कि इस रेडियो कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से इन नौ सालों में पीएम मोदी ने तमाम अनछुए पहलुओं को देशवासियों के सामने रखा तथा लोगों से सीधा संवाद किया है। इस कार्यक्रम का 23 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों में अनुवाद किया जाता है। इस कार्यक्रम में मौसम, पर्यावरण, स्वच्छता समेत विभिन्न सामाजिक मुद्दों को शामिल किया गया है। इसके अलावा अपने-अपने क्षेत्रों में असाधारण काम कर रहे 500 से अधिक भारतीयों से भी पीएम ने इस रेडियो कार्यक्रम के जरिये अब तक बात की है।
30 अप्रैल को 'मन की बात' के 100वें एपिसोड को आप यहां देख व सुन सकते हैं।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए भारत में रेडियो कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए 91 FM ट्रांसमीटरों का उद्घाटन किया। इससे 18 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 84 जिलों को फायदा मिलेगा।
सरकार के इस कदम से सीमावर्ती क्षेत्रों और महत्वाकांक्षी जिलों में एफएम रेडियो कनेक्टिविटी को बढ़ावा मिलेगा। इनमें से तीन एफएम ट्रांसमिशन स्टेशनों का उद्घाटन लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के खलत्सी, न्योमा और डिस्किट उपखंडों में किया गया है।
इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज ऑल इंडिया रेडियो की FM सेवा का ये विस्तार ऑल इंडिया FM बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ऑल इंडिया रेडियो के 91 FM ट्रांसमिशन की ये शुरुआत देश के 85 जिलों के 2 करोड़ लोगों के लिए उपहार की तरह है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अभी कुछ दिन बाद ही मैं रेडियो पर 'मन की बात' का 100वां एपिसोड करने जा रहा हूं। 'मन की बात' का ये अनुभव, देशवासियों से इस तरह का भावनात्मक जुड़ाव केवल रेडियो से ही संभव था। मैं इसके जरिए देशवासियों के सामर्थ्य से और सामूहिक कर्तव्यशक्ति से जुड़ा रहा।
बता दें कि यह विस्तार प्रधानमंत्री के मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के ऐतिहासिक 100वें एपिसोड से दो दिन पहले हुआ है। ट्रांसमिशन स्टेशनों के आने से सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थलीय कवरेज मजबूत होगा और श्रोताओं को देश की नीतियों, समाचारों और समसामयिक मामलों के बारे में पर्याप्त रूप से सूचित करने में भी मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि सरकार देश में एफएम कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। देशभर के 84 जिलों में 100 वाट के 91 नए एफएम ट्रांसमीटर स्थापित किए गए हैं। एफएम ट्रांसमीटर का विस्तार विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में रेडियो संपर्क बढ़ाने के लिए किया गया है।
पीएमओ ने कहा कि जिन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का इसका फायदा मिलेगा उसमें बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, नगालैंड, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, केरल, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, लद्दाख और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं।
पीएमओ ने कहा कि आकाशवाणी की एफएम सेवा के इस विस्तार के बाद करीब ऐसे दो करोड़ लोगों तक रेडियो सेवाओं की पहुंच हो सकेगी, जो अभी तक इससे वंचित रहे हैं। इसके परिणामस्वरूप लगभग लगभग 35,000 वर्ग किमी क्षेत्र में एफएम रेडियो कवरेज का विस्तार होगा।
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पत्रकार विजय रावत ने अपनी नई पारी मंजरी फाउंडेशन के साथ शुरू की है, जहां उन्हें स्ट्रैटजिक कम्युनिकेशन एंड नेटवर्किंग का हेड बनाया गया है। वैसे जनवरी में ही उन्होंने तीन महीने के असाइनमेंट पर मंजरी फाउंडेशन जॉइन कर लिया था, लेकिन एक अप्रैल से पूरी तरह से उन्होंने मंजरी फाउंडेशन की कोर टीम के सदस्य के तौर पर काम करना शुरू कर दिया है। यही नहीं जल्द ही मंजरी फाउंडेशन ऑनलाइन रेडियो लॉन्च करने जा रही है, जिसकी पूरी कमान विजय रावत को सौंपी गई है और इसकी तैयारियां भी पूरी कर ली गई है और इंटरव्यू भी शुरू हो चुके हैं।
मंजरी फाउंडेशन जॉइन करने से पहले विजय रावत ‘जी मीडिया’ में बतौर मल्टीमीडिया हेड कार्यरत्त थे, जहां से उन्होंने दिसंबर में ही इस्तीफा दे दिया था। जी से पहले ब्लूक्राफ्ट डिजिटल फाउंडेशन में भी वो कार्य कर चुके हैं जो कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिखी पुस्तक ‘मन की बात’ और ‘एग्जाम वारियर्स’ का टेक्नोलॉजी पार्टनर भी है।
साथ ही विजय रावत ‘इंडिया न्यूज हरियाणा’ और ‘जनसंदेश टीवी’ में आउटपुट हेड भी रह चुके हैं और बॉलीवुड चैनल ‘लहरें’ में बतौर सीनियर प्रड्यूसर काम कर चुके हैं। इसके अलावा ‘सहारा टीवी’ और ईटीवी में भी वो काम कर चुके हैं।
विजय रावत ने अपनी मास्टर डिग्री ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म में माखनलाल चतुर्वेदी से की है और बेचलर डिग्री जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में दिल्ली विश्वविद्यालय से की है।
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‘एचटी मीडिया’ (HT Media) समूह ने इंडस्ट्री के दिग्गज रमेश मेनन को अपने ऑडियो बिजनेस का चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नियुक्त किया है। बता दें कि इस समूह में फीवर, रेडियो वन, रेडियो नशा और पंजाबी फीवर जैसे लोकप्रिय रेडियो ब्रैंड्स शामिल हैं। एचटी मीडिया समूह के साथ मेनन की यह दूसरी पारी है।
इससे पहले रमेश मेनन पैकेज्ड फूड बेवरेज कंपनी ‘Wingreens Farms’ में ग्रुप सीईओ के तौर पर अपनी भूमिका निभा रहे थे। बता दें कि मेनन को तीन दशक से ज्यादा का अनुभव है और इस दौरान वह फ्यूचर रिटेल, हाइपरसिटी रिटेल, रिलायंस कम्युनिकेशंस, एयरटेल और पेप्सिको जैसे प्रमुख ब्रैंड्स में अहम भूमिकाएं निभा चुके हैं।
आपको बता दें कि रमेश मेनन एचटी मीडिया समूह के रेडियो बिजनेस के सीईओ रह चुके हैं। इससे पहले वह यहां चीफ बिजनेस ऑफिसर (Digital Innovation & New Business) थे। अपनी इस भूमिका में उन्होंने एचटी मीडिया समूह के लिए तमाम नए प्रॉडक्ट्स और प्लेटफॉर्म्स लॉन्च किए।
रमेश मेनन की नियुक्ति के बारे में एचटी मीडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ प्रवीण सोमेश्वर का कहना है,‘ एचटी मीडिया ग्रुप में, हम विविध दर्शकों के लिए प्रासंगिक कंटेंट प्रदान करने का प्रयास करते हैं। मुझे रमेश मेनन का टीम में वापस स्वागत करते हुए खुशी हो रही है। मुझे विश्वास है कि आकर्षक और बेहतरीन कंटेंट बनाने की रमेश की क्षमता हमारे ऑडियंस के साथ प्रतिध्वनित होगी और हमारे ऑडियो बिजनेस को और आगे ले जाने में मदद करेगी।’
वहीं, अपनी नियुक्ति को लेकर रमेश मेनन का कहना है, ‘एचटी मीडिया समूह से जुड़कर मैं काफी उत्साहित हूं और विकास को स्थायी और लाभप्रद रूप से बढ़ाने के निरंतर प्रयासों में योगदान देने के लिए पूरी तरह तैयार हूं।’
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नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने ‘बिग एफएम’ (BIG FM) का नेतृत्व करने वाली कंपनी ‘रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क’ (Reliance Broadcast Network) के खिलाफ आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड (IDBI Trusteeship Services Limited) की इनसॉल्वेंसी (दिवाला) याचिका को स्वीकार कर लिया है। NCLT की मुंबई पीठ ने रोहित रमेश मेहरा को इनसॉल्वेंसी रेजॉल्यूशन प्रोफेशनल के तौर पर नियुक्त किया है।
L&T इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट लिमिटेड की ओर से दायर आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज की याचिका की मानें तो रेडियो प्रसारण कंपनी 174 करोड़ रुपए का कर्ज चुकाने में विफल रही है।
L&T इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट लिमिटेड ने तीन किश्तों में नेटवर्क द्वारा जारी किए गए 200 करोड़ रुपए के नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (NCDs) की सदस्यता ली है।
पीठ ने कहा, ‘हमारा विचार है कि चूंकि कॉरपोरेट देनदार (Corporate Debtor) का पंजीकृत कार्यालय मुंबई में है, लिहाजा न्यायाधिकरण के पास संहिता की धारा 60 (1) के आधार पर संबंधित विषय पर प्रादेशिक क्षेत्राधिकार है।’
याचिका से पहले, नेटवर्क के वकील ने तर्क दिया कि NCLT की मुंबई पीठ का इस मामले में कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है, क्योंकि दोनों पक्षों ने विवादों के मामले में नई दिल्ली न्यायाधिकरणों को गैर-विशिष्ट अधिकार क्षेत्र दिया है। वकील ने यह भी तर्क दिया कि ऋण का कोई क्रिस्टलाइजेशन नहीं हुआ है और याचिकाकर्ता (आईडीबीआई ट्रस्टीशिप) ने 174 करोड़ रुपए के दावे का कोई विवरण नहीं दिया है।
इस पर पलटवार करते हुए आईडीबीआई ट्रस्टीशिप के वकील ने कहा कि डिबेंचर धारक ने 14 जुलाई, 2021 को रिलायंस कैपिटल को रिलायंस ब्रॉडकास्ट नेटवर्क द्वारा बकाया राशि का भुगतान करने के लिए नोटिस जारी किया था।
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भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी कि ट्राई ने एफएम रेडियो प्रसारण से संबंधित मुद्दे पर एक परामर्श पत्र जारी किया है।
सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने एफएम चरण-III नीति दिशानिर्देशों में निर्धारित वार्षिक शुल्क के फॉर्मूले में नॉन-रिफंडेबल वन-टाइम एंट्री फी (NOTEF) के लिंकेज को हटाने सहित कई मुद्दों पर प्राधिकरण की सिफारिशें मांगी हैं, जिसमें 15 साल की मौजूदा एफएम लाइसेंस अवधि को और तीन साल तक बढ़ाए जाने की बात भी कही गई है।
एफएम रेडियो प्रसारण से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए, प्राधिकरण ने 5 अगस्त 2022 को एआरओआई (AROI) के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। AROI के प्रतिनिधियों ने अन्य बातों के साथ-साथ प्राधिकरण के विचारार्थ कई मुद्दों को सामने रखा, जिनमें निजी एफएम रेडियो चैनलों को समाचार बुलेटिन स्वतंत्र रूप से प्रसारित करने की अनुमति देना और मोबाइल हैंडसेट में एफएम रेडियो रिसीवर की उपलब्धता शामिल है।
ट्राई के मुताबिक, यह परामर्श पत्र एफएम रेडियो प्रसारण मुद्दों पर हितधारकों से टिप्पणियां/विचार मांगने के लिए तैयार किया गया है। हितधारकों को 9 मार्च, 2023 तक परामर्श पत्र पर लिखित टिप्पणियां और 23 मार्च, 2023 तक प्रति-टिप्पणियां प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया है।
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भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी ट्राई की परफॉर्मेंस इंडिकेटर्स रिपोर्ट के मानें तो सितंबर, 2022 को समाप्त तिमाही में रेडियो ऐड रेवेन्यू 11% बढ़कर 385.86 करोड़ रुपए हो गया, जबकि 30 जून 2022 को समाप्त पिछली तिमाही में निजी एफएम रेडियो चैनलों का ऐड रेवेन्यू 345.12 करोड़ रुपए था।
वहीं, 31 मार्च 2022 को समाप्त तिमाही में ऐड रेवेन्यू 362.63 करोड़ रुपए और 31 दिसंबर 2021 को समाप्त तिमाही में 421.74 करोड़ रुपए था।
बता दें कि ऑल इंडिया रेडियो (AIR) द्वारा संचालित रेडियो चैनलों को यदि छोड़ दे तो देश में 36 निजी एफएम रेडियो ऑपरेटर्स द्वारा 113 शहरों में 388 निजी एफएम रेडियो चैनलों का संचालन होता है।
रिपोर्ट के अनुसार, 31 जून 2022 को समाप्त तिमाही में 366 सामुदायिक रेडियो स्टेशन संचालित थे, जिसकी बाद 30 सितंबर 2022 तक संचालित होने वाले सामुदायिक रेडियो स्टेशनों की संख्या 374 हो गयी।
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