‘पिच मैडिसन एडवर्टाइजिंग रिपोर्ट’ (PMAR) 2020 के अर्द्धवार्षिक रिव्यू में अनुमान लगाया गया है कि इस साल रेडियो की ग्रोथ 1350 से 1600 करोड़ रुपये तक हो सकती है।
‘पिच मैडिसन एडवर्टाइजिंग रिपोर्ट’ (PMAR) 2020 के मंगलवार को जारी हुए अर्द्धवार्षिक रिव्यू (Mid-Year Review) के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही (April to June 2020) में रेडियो में 90 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है।
यदि हम पिछले तीन साल में जनवरी से जून तक के भारतीय विज्ञापन बाजार को देखें तो विज्ञापन खर्च के मामले में वर्ष 2018 की पहली छमाही (H1 ’18) में रेडियो ने 1002 करोड़ रुपये दर्ज किए। वर्ष 2019 की पहली छमाही में (H1’19) यह आंकड़ा 1182 करोड़ रुपये और इस साल की पहली छमाही (H1’20) में यह सबसे कम 569 करोड़ रुपये दर्ज किया गया है। विज्ञापन के क्षेत्र में तीनों वर्षों में रेडियो का योगदान तीन प्रतिशत रहा है।
विज्ञापन खर्च के मामले में इस साल की पहली तिमाही (Q1’20) में रेडियो को 19 प्रतिशत गिरावट का सामना करना पड़ा, जबकि मार्केट में एडवर्टाइजिंग मनी न होने के परिणामस्वरूप दूसरी तिमाही (Q2) में यह आश्चर्यजनक रूप से 87 प्रतिशत तक दर्ज की गई। यदि दोनों को मिला दें तो रेडियो पर विज्ञापन खर्च (radio AdEx) 52 प्रतिशत तक कम हो गया।
कुल मिलाकर, रेडियो पर इस साल की पहली छमाही (H1’20) में विज्ञापन खर्च 569 रहा और दूसरी तिमाही में इसने 71 करोड़ रुपये का बिजनेस किया। ग्रोथ में कमी की वजह से विज्ञापन खर्च के मामले में रेडियो का योगदान अप्रैल से जून 2020 के बीच एक प्रतिशत रहा।
ग्रोथ में कमी के कारण प्रभावित हुईं ब्रैंड कैटेगरीज BFSI, ऑटो, ई-कॉमर्स, एफएमसीजी, और रियल एस्टेट रहीं। रेडियो एडवर्टाइजिंग में रियल एस्टेट और BFSI का योगदान 13 प्रतिशत (74 करोड़ रुपये) और एफएमसीजी का 10 प्रतिशत (55 करोड़ रुपये) रहा।
सकारात्मक रूप से देखें तो लॉकडाउन के दौरान अधिकांश रेडियो प्लेटफॉर्म्स ने ओटीटी म्यूजिक स्ट्रीमिंग ऐप्स के साथ मिलकर अपने कंटेंट को लोगों तक पहुंचाया, वहीं कुछ रेडियो एफएम चैनल्स ने श्रोताओं से जुड़े रहने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया और डिजिटल कंसर्ट व सेलेब्रिटीज के साथ लाइव चैट आयोजित कीं।
जून में ‘अनलॉक1’ (Unlock 1.0) के दौरान आर्थिक गतिविधियां शुरू होने से कुछ स्थानीय एडवर्टाइजर्स रेडियो एडवर्टाइजिंग की ओर आकर्षित हुए। पिच मैडिसन की इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि त्योहारी सीजन तक रेडियो इस घाटे को पूरा कर लेगा। 2020 में रेडियो की ग्रोथ के बारे में अनुमान लगाया गया है कि यह 1350 से 1600 करोड़ रुपये तक हो सकती है।
दूरदर्शन केंद्र शिमला में कई वर्षों से सेवाएं दे रहे आकस्मिक कर्मचारियों को केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) से बड़ी राहत मिली है
दूरदर्शन केंद्र शिमला में कई वर्षों से सेवाएं दे रहे आकस्मिक कर्मचारियों को केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) से बड़ी राहत मिली है। अमर उजाला की एक खबर के मुताबिक, ट्रिब्यूनल ने अंतरिम आदेश पारित करते हुए आदेश दिए हैं कि आवेदकों की सेवा स्थिति को आगामी सुनवाई तक न बदला जाए।
न्यायिक सदस्य रमेश सिंह ठाकुर ने सुरेश कुमार और अन्य के आवेदन की सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किए। इसके अलावा ट्रिब्यूनल ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, प्रसार भारती और दूरदर्शन केंद्र शिमला के निदेशक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मामले की सुनवाई 9 अक्तूबर को निर्धारित की गई है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि ट्रिब्यूनल के समक्ष प्रसार भारती की ओर से विज्ञापित पदों के अनुबंध आधार पर भरने वाले विज्ञापन को चुनौती दी गई है। प्रसार भारती ने एक मार्च 2023 को अनुबंध आधार पर आवेदन आमंत्रित किए थे। उसके बाद 22 अगस्त और 11 सितंबर को दोबारा से विभिन्न पदों को अनुबंध आधार पर भरने के लिए आवेदन आमंत्रित किए। ट्रिब्यूनल के समक्ष दलील दी गई है कि आवेदक विभिन्न श्रेणियों पर कई वर्षों से आकस्मिक कर्मचारियोें के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। आवेदकों ने शिवकुमार बनाम हरियाणा मामले का हवाला देते हुए दलील दी कि प्रसार भारती अनुबंध कर्मचारी को अनुबंध भर्ती से बदल नहीं सकती है। ट्रिब्यूनल को बताया गया कि अधिकतर कर्मचारी 10 वर्षों से अधिक समय से दूरदर्शन शिमला केंद्र में कार्यरत हैं। आवेदकोें ने ट्रिब्यूनल से गुहार लगाई है कि शिमला दूरदर्शन केंद्र में अनुबंध आधार की भर्ती प्रक्रिया को रद्द किया जाए।
ट्राई ने गुरुवार को ‘लो पावर स्मॉल-रेंज’ के एफएम रेडियो प्रसारण से संबंधित मुद्दों’ को लेकर अपनी सिफारिशें जारी की हैं
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी कि ट्राई ने गुरुवार को ‘लो पावर स्मॉल-रेंज’ के एफएम रेडियो प्रसारण से संबंधित मुद्दों’ को लेकर अपनी सिफारिशें जारी की हैं।
ड्राइव-इन थिएटर सेटिंग के भीतर दर्शकों के लिए मूवी ऑडियो प्रसारित करने के लिए, लो पावर स्मॉल-रेंज के एफएम प्रसारण को सबसे कुशल तकनीकों में से एक के रूप में प्रयुक्त किया जाता है। इसके अलावा, इसका उपयोग कम शक्ति की छोटी रेंज वाले एफएम रेडियो प्रसारण के कई अन्य उपयोग के मामलों की पहचान के लिए किया जाता है जो विशिष्ट स्थानों और ग्रहण क्षेत्रों को पूरा कर सकते हैं। उदाहरण के रूप में अस्पताल में रेडियो सेवाएं, मनोरंजन पार्क, व्यावसायिक परिसर, आवासीय परिसर जैसे सीमित समुदाय, छोटी बस्तियां, स्थानीय कार्यक्रमों जैसे एयर शो और खेल आयोजनों के लिए कमेंट्री शामिल हैं।
ट्राई के अनुसार, 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति या कोई पंजीकृत कंपनी जिसका किसी राजनीतिक निकाय से कोई संबंध नहीं है, कम बिजली वाली छोटी रेंज के एफएम प्रसारण के लिए लाइसेंस पाने के लिए पात्र है।
30 दिन तक की अनुमति के लिए लाइसेंस शुल्क 1,000 रुपये और पांच साल की अनुमति के लिए 10,000 रुपये प्रति वर्ष होगा।
‘लो पावर स्मॉल-रेंज वाले एफएम रेडियो प्रसारण’की अधिकतम अनुमेय ट्रांसमिशन रेंज 500 मीटर होनी चाहिए।
लो पावर स्मॉल-रेंज के एफएम प्रसारण के मामले में फ़्रीक्वेंसी प्रदान करने के लाइसेंस प्राप्त क्षेत्र को सटीक भौगोलिक निर्देशांक जैसे आवश्यक सेवा स्थान के देशांतर और अक्षांश के आधार पर स्थान-विशिष्ट के रूप में परिभाषित किया जाना चाहिए (चाहे वह एक इमारत, स्टेडियम, सम्मेलन केंद्र, एक्सपो क्षेत्र आदि हो)।
लो पावर स्मॉल-रेंज के एफएम प्रसारण के लिए अधिकतम स्वीकार्य ट्रांसमिशन पावर 1 वाट होनी चाहिए।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा ड्राइव-इन थिएटर जैसी सेवाओं के लिए नए सेवा प्रदाताओं की शुरुआत की आवश्यकता और समय पर पिछले साल ट्राई से प्रतिक्रिया मांगी थीं, जिसके बाद अब ये सिफारिशें आई हैं।
इस संबंध में, 17 अप्रैल 2023 को एक परामर्श पत्र जारी किया गया था जिसमें लो पावर स्मॉल-रेंज वाले एफएम रेडियो प्रसारण से संबंधित मुद्दों पर हितधारकों की टिप्पणियां मांगी गई थीं।
टिप्पणियां जमा करने की अंतिम तिथि 22 मई 2023 थी और प्रति-टिप्पणियां 5 जून 2023 प्राप्त की जानी थीं।
ट्राई को हितधारकों से 6 टिप्पणियां और 1 प्रति-टिप्पणी प्राप्त हुई। प्राधिकरण ने परामर्श प्रक्रिया के दौरान हितधारकों से प्राप्त सभी टिप्पणियों/प्रति-टिप्पणियों पर विचार विमर्श करने और मुद्दों के आगे के विश्लेषण के बाद अपनी सिफारिशों को अंतिम रूप दिया है।
इससे पहले 15 साल से ज्यादा समय से ‘Mirchi’ के साथ जुड़े हुए थे मनोज मथान, जहां से उन्होंने अगस्त में इस्तीफा दे दिया था।
मनोज मथान को ‘मलयाला मनोरमा’ (Malayala Manorama) समूह के ‘रेडियो मैंगो’ (Radio Mango) का चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नियुक्त किया गया है।
इस बारे में सोशल मीडिया पर अपनी एक पोस्ट में मनोज ने लिखा है, ‘नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान अमित मैथ्यू और सुरेश पिल्लई को उनके सपोर्ट और इस बड़ी जिम्मेदारी के साथ मुझ पर भरोसा करने के लिए मैं उन्हें धन्यवाद देना चाहता हूं। इसके साथ ही मैं अपने सभी पूर्व बॉस, नियोक्ताओं और मिर्ची के सहकर्मियों के साथ-साथ अपने सभी शुभचिंतकों को मेरे करियर और व्यक्तिगत विकास में उनके अमूल्य योगदान के लिए फिर से धन्यवाद देना चाहता हूं।’
अपनी पोस्ट में मनोज ने यह भी लिखा है, ‘मैं अपने नए सहयोगियों से मिलने, बिजनेस के सभी हितधारकों से सीखने और नए व मजबूत रिश्ते बनाने के लिए उत्सुक हूं। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना चाहता हूं कि रेडियो मैंगो नई ऊंचाइयों को छूए।’
बता दें कि मनोज मथान इससे पहले 15 साल से ज्यादा समय से ‘मिर्ची’ (Mirchi) के साथ जुड़े हुए थे। उन्होंने अगस्त में ‘मिर्ची’ में एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट और हेड और इंटरनेशनल बिजनेस के पद से इस्तीफा दे दिया था।
मनोज को बिजनेस एंड ऑपरेशंस मैनेजमेंट, सेल्स, मार्केटिंग, पीपुल मैनेजमेंट, कंटेंट स्ट्रैटेजी, क्रिएशन एंड मैनेजमेंट में और खासकर चार दक्षिणी भारतीय भाषाओं (तेलुगू, कन्नड़, मलयालम और तमिल) में काम करने का दो दशक का अनुभव है।
दूरसंचार एवं प्रसारण क्षेत्र के नियामक ट्राई (TRAI) ने निजी एफएम रेडियो ब्रॉडकास्टर्स को न्यूज व करेंट अफेयर्स के मुद्दों पर आधारित कार्यक्रमों के प्रसारण की अनुमति देने की सिफारिश की है
दूरसंचार एवं प्रसारण क्षेत्र के नियामक ट्राई (TRAI) ने निजी एफएम रेडियो ब्रॉडकास्टर्स को न्यूज व करेंट अफेयर्स के मुद्दों पर आधारित कार्यक्रमों के प्रसारण की अनुमति देने की सिफारिश की है। ट्राई ने पिछले हफ्ते सरकार को सौंपी अपनी सिफारिशों में कहा कि निजी एफएम चैनल को हर घंटे में 10 मिनट के लिए न्यूज व करेंट अफेयर्स से जुड़े कार्यक्रमों के प्रसारण की अनुमति दी जाए।
ट्राई के मुताबिक, इन निजी एफएम चैनलों पर भी कार्यक्रम से संबंधित वही संहिता एवं निर्देश लागू होंगे, जो न्यूज के संबंध में आकाशवाणी पर लागू होते हैं।
इसके साथ ही ट्राई ने एफएम रेडियो से संबंधित फीचर एवं कार्य सभी मोबाइल फोन उपकरणों में सक्रिय रखने की सिफारिश भी की है। ट्राई ने कहा, ‘मोबाइल फोन में एफएम रेडियो रिसीवर लगा हुआ हो और उसे चालू या निष्क्रिय करने की जरूरत न हो।'
ट्राई ने कहा कि एफएम रेडियो चैनल के किसी वित्त वर्ष के सकल राजस्व का चार प्रतिशत ही लाइसेंस शुल्क के रूप में लिया जाना चाहिए। इस पर अलग से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं लगाया जाना चाहिए।
इसके अलावा ट्राई ने सरकार से कहा कि वह कोविड-19 महामारी के दौरान पैदा हुई चुनौतियों से जूझ रहे एफएम रेडियो ब्रॉडकास्टर्स को राहत देने के लिए भी कदम उठाएं।
सूचना-प्रसारण सचिव अपूर्व चन्द्रा ने कहा कि आकाशवाणी न्यूज और दूरदर्शन ने जी-20 शिखर सम्मेलन की कवरेज का सराहनीय कार्य किया है
सूचना-प्रसारण सचिव अपूर्व चन्द्रा ने कहा कि आकाशवाणी न्यूज और दूरदर्शन ने जी-20 शिखर सम्मेलन की कवरेज का सराहनीय कार्य किया है। डीडी न्यूज से बातचीत में अपूर्व चन्द्रा ने कहा कि दूरदर्शन ने अल्ट्रा हाई डेफिनिशन फॉर के प्रसारण प्रौद्योगिकी वाले कैमरों के इस्तेमाल के माध्यम से विश्व भर के दर्शकों को सम्मेलन का लाइव प्रसारण दिखाया।
आकाशवाणी न्यूज से बातचीत करते हुए प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी नेकहा कि दूरदर्शन ने जी20 सम्मेलन के लिए 80 से अधिक कैमरे लगाए थे और सवा तीन सौ से अधिक कर्मचारियों को तैनात किया गया था। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय मीडिया को उनकी आवश्यकता के अनुसार फुल एचडी, एचडी और 4K फीड उपलब्ध कराई गई।
यहां देखें वीडियो:
बता दें कि यह छंटनी कंपनी के वर्कफोर्स का 3 प्रतिशत है और इस छंटनी में सबसे ज्यादा मैनेजमेंट प्रभावित होगा।
कनाडाई मीडिया और टेलीकॉम कंपनी 'बेल' (Bell) ने बुधवार को कहा कि लागत पर लगाम लगाने के लिए वह 1,300 एम्प्लॉयीज की छंटनी करेगी और छह रेडियो स्टेशनों को बंद करेगी। साथ ही कंपनी ने BCE Inc की इकाई द्वारा नियंत्रित तीन AM रेडियो स्टेशन बेचने का फैसला लिया है।
बता दें कि यह छंटनी कंपनी के वर्कफोर्स का 3 प्रतिशत है और इस छंटनी में सबसे ज्यादा मैनेजमेंट प्रभावित होगा। 'बेल' लागत कम करने और दर्शकों की संख्या को बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रहा है, क्योंकि उपभोक्ता धीरे-धीरे केबल टीवी से स्ट्रीमिंग सेवाओं की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे उसका ऐड रेवेन्यू काफी प्रभावित हुआ है।
मुख्य रूप से पहली तिमाही में ऐडवर्टाइजिंग और सब्सक्राइबर्स में कमी के चलते कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू 5.5% घटकर 780 मिलियन डॉलर रह गया।
पाकिस्तान में ‘रेडियो पाकिस्तान’ इन दिनों गंभीर वित्तीय घाटे से जूझ रहा है
पाकिस्तान में ‘रेडियो पाकिस्तान’ इन दिनों गंभीर वित्तीय घाटे से जूझ रहा है, जिसके चलते उसके एम्प्लॉयीज को सैलरी न मिल पाने का संकट मंडराने लगा है। पाकिस्तान का उर्दू दैनिक समाचार पत्र ‘नवा-ए-वक्त’ ने इसकी जानकारी दी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेडियो पाकिस्तान के एम्प्लॉयीज को अप्रैल का वेतन नहीं मिला है, इतना ही नहीं मई और जून का वेतन भी खतरे में है। ‘रेडियो पाकिस्तान’, पाकिस्तान में राष्ट्रीय सार्वजनिक प्रसारक के रूप में कार्य करता है।
राष्ट्रीय सार्वजनिक प्रसारक के पास एम्प्लॉयीज को वेतन और पेंशन देने के लिए पैसे नहीं हैं। उर्दू अखबार ‘नवा-ए-वक्त’ की मानें तो यह रेडियो चैनल अप्रैल से जून तक एम्प्लॉयीज को वेतन नहीं दे सकता है।
यदि आप अपने स्मार्टफोन पर FM रेडियो सुनना चाहते हैं, तो आपके लिए यह काफी अच्छी खबर है।
यदि आप अपने स्मार्टफोन पर FM रेडियो सुनना चाहते हैं, तो आपके लिए यह काफी अच्छी खबर है। दरअसल, सरकार ने मोबाइल फोन निर्माताओं के लिए सभी स्मार्टफोन्स पर एफएम रेडियो सेवा सुनिश्चित करने के लिए एक एडवाइजरी जारी की है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ‘सूचना प्रौद्योगिकी’ (IT) मंत्रालय द्वारा ‘इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन’ (ICEA) के साथ-साथ ‘मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन फॉर इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी’ (MAIT) को भेजी गई इस एडवाइजरी में कहा गया है कि इस कवायद का उद्देशय न केवल सभी को रेडियो सेवाएं प्रदान करना है, बल्कि यह सुनिश्चित करना भी है कि आपात स्थितियों अथवा प्राकृतिक आपदाओं के दौरान एफएम रेडियो कनेक्टिविटी सुलभ हो।
आईटी मंत्रालय द्वारा जारी इस एडवाइजरी में कहा गया है, ‘यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जहां भी मोबाइल फोन इनबिल्ट रूप से एफएम रेडियो रिसीवर फंक्शन या फीचर से लैस है, वह फंक्शन या फीचर अक्षम या निष्क्रिय नहीं है, बल्कि मोबाइल फोन में सक्षम/सक्रिय रखा गया है। इसके अलावा यह सलाह दी जाती है कि यदि एफएम रेडियो रिसीवर फंक्शन या सुविधा मोबाइल फोन में उपलब्ध नहीं है, तो इसे शामिल किया जा सकता है।’
अपनी एडवाइजरी में आईटी मंत्रालय ने कहा है, ‘यह संज्ञान में आया है कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान एफएम ट्यूनर सुविधा वाले मोबाइल फोन में भारी कमी आई है, जिससे न केवल एफएम रेडियो सेवाएं प्राप्त करने की क्षमता बल्कि आपात स्थिति और आपदाओं के दौरान सही समय पर आवश्यक जानकारी प्रसारित करने की सरकार की क्षमता भी प्रभावित हुई है।’
एडवाइजरी में ‘इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन’ (ITU) का भी हवाला दिया गया है, जिसने स्मार्टफोन में रेडियो को शामिल करने की भी वकालत की है। उसका कहना है कि आपातकाल और आपदा के समय रेडियो प्रसारण प्रारंभिक चेतावनी देने और जीवन बचाने के लिए लोगों को सतर्क व जागरूक करने का सबसे शक्तिशाली और प्रभावी तरीका है।
आईटी मंत्रालय का कहना है कि एफएम रेडियो सेवा से युक्त मोबाइल फोन के माध्यम से त्वरित, समय पर और विश्वसनीय संचार की आवश्यकता है। क्योंकि यह बहुमूल्य जीवन, आजीविका को बचा सकता है और इससे निपटने के लिए यूजर्स को भी तैयार कर सकता है।
प्रसार भारती ने अपनी रेडियो सेवा ‘ऑल इंडिया रेडियो’ का नाम बदलकर 'आकाशवाणी' करने का फैसला किया है
प्रसार भारती ने अपनी रेडियो सेवा ‘ऑल इंडिया रेडियो’ का नाम बदलकर 'आकाशवाणी' करने का फैसला किया है, जैसा कि कानून में उल्लेख किया गया है।
आकाशवाणी की महानिदेशक वसुधा गुप्ता की ओर से बुधवार को जारी एक आंतरिक आदेश में उस वैधानिक प्रावधान का तत्काल प्रभाव से अनुपालन करने को कहा गया है जिसके अनुसार ऑल इंडिया रेडियो का नाम बदलकर आकाशवाणी कर दिया था।
प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी गौरव द्विवेदी ने कहा, ‘यह सरकार का बहुत पुराना फैसला है जो पहले लागू नहीं किया गया था। अब हम इसे लागू कर रहे हैं।’
प्रसार भारती (भारतीय प्रसारण निगम, BCI) अधिनियम, 1990 में उल्लेख किया गया है कि 'आकाशवाणी' का अर्थ उन कार्यालयों, स्टेशनों और अन्य प्रतिष्ठानों से है जो अपनी शुरुआत के दिन केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय के अखिल भारतीय रेडियो के महानिदेशक का हिस्सा या उसके अधीन थे।
प्रसार भारती अधिनियम 15 नवंबर, 1990 को लागू हुआ था। आंतरिक आदेश में कहा गया है, 'उपरोक्त वैधानिक प्रावधान, जिसके तहत ऑल इंडिया रेडियो का नाम बदलकर 'आकाशवाणी' कर दिया था, को सभी के संज्ञान में लाया जा सकता है ताकि नाम और शीर्षक संसद द्वारा पारित प्रसार भारती अधिनियम 1997 के प्रावधानों के अनुरूप हो सकें।
प्रसिद्ध कवि रविंद्रनाथ टैगोर ने 1939 में कलकत्ता शॉर्टवेव सेवा के उद्घाटन के लिए लिखी एक कविता में ऑल इंडिया रेडियो को 'आकाशवाणी' का नाम दिया था।
प्रसार भारती की वेबसाइट के अनुसार आकाशवाणी मैसूर नाम का एक निजी रेडियो स्टेशन 10 सितंबर 1939 को स्थापित किया गया था।
करीब नौ साल पहले वर्ष 2014 में यह विशेष रेडियो कार्यक्रम शुरू हुआ था। तब से यह रेडियो कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को सुबह 11 बजे प्रसारित होता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ (Mann Ki Baat) ने 30 अप्रैल को 100 एपिसोड पूरे कर लिए हैं। करीब नौ साल पहले वर्ष 2014 में यह विशेष रेडियो कार्यक्रम शुरू हुआ था। तब से यह रेडियो कार्यक्रम हर महीने के आखिरी रविवार को सुबह 11 बजे प्रसारित होता है। अब इस कार्यक्रम के 100वें एपिसोड पर 30 अप्रैल यानी रविवार को सुबह 11 बजे से एक बार फिर इस कार्यक्रम के जरिये पीएम मोदी देशवासियों से जुड़े और उनसे संवाद किया।
यही नहीं, ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 100वें एपिसोड का प्रसारण होने के बाद पीएम ने एक ट्वीट कर लोगों का धन्यवाद भी अदा किया। अपने ट्वीट में मोदी ने लिखा, ‘ मैं भारत और दुनिया भर के लोगों को धन्यवाद देता हूं जो मन की बात के 100वां एपिसोड से जुड़े। मैं उन सभी से आग्रह करता हूं, जिन्होंने कार्यक्रम को सुना है कि वे उन विशेष पलों की तस्वीरें साझा करें।’
I thank people across India and the world who have tuned in to #MannKiBaat100. Truly humbled by the enthusiasm.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 30, 2023
I urge all those who heard the programme to share pictures of those special moments. You can do so on the NaMo App or through this link. https://t.co/riv9EpfHvk
इसके साथ ही पीएम ने मन की बात कार्यक्रम के 100वें एपिसोड में देश भर की मीडिया खासकर न्यूज चैनल्स को भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि आपने मन की बात कार्यक्रम के बीच में कामर्शियल एड के लिए मेरे कार्यक्रम को रोका नहीं, इसके लिए आभार। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने अन्य मीडिया माध्यमों का भी आभार जताया।
बता दें कि इस रेडियो कार्यक्रम के 100वें एपिसोड को यादगार बनाने के लिए देश-विदेश में तमाम विशेष इंतजाम किए गए। 'मन की बात' के लाइव प्रसारण के लिए देशभर में बूथ स्तर पर चार लाख सेंटर बनाए गए, जहां से इस रेडियो कार्यक्रम को प्रसारित किया गया। वहीं, अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय से लेकर ब्रिटेन की राजधानी लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने पीएम मोदी के इस खास संबोधन का लाइव प्रसारण किया। इस खास मौके पर माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स ने भी पीएम मोदी को बधाई दी।
देशवासियों से ‘मन की बात’ के 100वें एपिसोड में पीएम ने चरैवेति चरैवेति यानी चलते रहो-चलते रहो पर जोर देने की बात कही। उन्होंने कहा कि आज हम इसी चरैवेति चरैवेति की भावना के साथ ‘मन की बात’ का 100वां एपिसोड पूरा कर रहे हैं। उनका कहना था कि एक तरह से ‘मन की बात’ का हर एपिसोड अगले एपिसोड के लिए जमीन तैयार करता है।
पीएम का यह भी कहना था कि ‘मन की बात’ महज एक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह आस्था, पूजा और व्रत है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से लोग ईश्वर की पूजा करने जाते हैं और प्रसाद की थाली लाते हैं, मेरे लिए मन की बात ईश्वर रूपी जनता जनार्दन के चरणों में प्रसाद की थाली की तरह है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि 'मन की बात' की रिकॉर्डिंग के समय वह कई बार भावुक भी हुए, जिसकी वजह से कई बार दोबारा रिकॉर्डिंग की गई।
गौरतलब है कि इस रेडियो कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से इन नौ सालों में पीएम मोदी ने तमाम अनछुए पहलुओं को देशवासियों के सामने रखा तथा लोगों से सीधा संवाद किया है। इस कार्यक्रम का 23 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों में अनुवाद किया जाता है। इस कार्यक्रम में मौसम, पर्यावरण, स्वच्छता समेत विभिन्न सामाजिक मुद्दों को शामिल किया गया है। इसके अलावा अपने-अपने क्षेत्रों में असाधारण काम कर रहे 500 से अधिक भारतीयों से भी पीएम ने इस रेडियो कार्यक्रम के जरिये अब तक बात की है।
30 अप्रैल को 'मन की बात' के 100वें एपिसोड को आप यहां देख व सुन सकते हैं।