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दैनिक भास्कर ग्रुप के गिरीश अग्रवाल ने जताई और बेहतर ग्रोथ की उम्मीद, कही ये बात

वित्तीय वर्ष 2022 की चौथी तिमाही की अर्निंग कॉन्फ्रेंस कॉल को संबोधित कर रहे थे ‘डीबी कॉर्प लिमिटेड’ (D.B. Corp Ltd) के नॉन एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर गिरीश अग्रवाल

Last Modified:
Friday, 20 May, 2022
Girish Agarwal

‘डीबी कॉर्प लिमिटेड’ (D. B. Corp Ltd) के नॉन एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर गिरीश अग्रवाल का कहना है कि विज्ञापन के लिहाज से यह साल और यह तिमाही उनके लिए काफी अच्छे रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2022 की चौथी तिमाही की अर्निंग कॉन्फ्रेंस कॉल (earnings conference call) के दौरान गिरीश अग्रवाल का कहना था, ‘हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि सरकारी रेवेन्यू में कुछ कमी और 2019-2020 में चुनावी बिलिंग को छोड़ दें तो चौथी तिमाही में प्रिंट एडवर्टाइजिंग रिकवरी करते हुए पूरी तरह से 2019 के बराबर हो गया है।‘

अग्रवाल के अनुसार, अप्रैल 2019 की तुलना में इस साल अप्रैल में प्रिंट एडवर्टाइजिंग ने अच्छी ग्रोथ दर्ज की है। उन्होंने कहा, ‘मैं इस साल के परिणामों की तुलना वर्ष 2019 के साथ इसलिए कर रहा हूं, क्योंकि पिछले दो साल तो कोविड से बुरी तरह प्रभावित रहे हैं। हमने इस अप्रैल में अपनी विज्ञापन दरों में भी वृद्धि की है और मुझे विश्वास है कि इससे हमें रेवेन्यू बढ़ाने में मदद मिलेगी।‘  

इसके साथ ही नए सेक्टर नए क्षेत्र और कैंपेन की तलाश में हैं और नए जमाने के प्लेयर्स नॉन मेट्रो मार्केट की ओर देख रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘टियर-2 और टियर-3 शहरों में एडवर्टाइजर्स के भाषाई अखबारों को देखने के नजरिये में बदलाव आया है, जिससे निश्चित तौर पर हमें फायदा हो रहा है।’

हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू द्वारा हाल ही में प्रकाशित एक लेख के अनुसार, उपभोक्ताओं के विश्वास को भुनाने के लिए विज्ञापनदाता पारंपरिक विज्ञापन माध्यमों को पसंद करते हैं। अग्रवाल के अनुसार, हालांकि इस स्टडी में यह भी उल्लेख किया गया है कि पारंपरिक विज्ञापन सबसे अधिक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं, लेकिन यह विकास की ओर अग्रसर हैं क्योंकि विज्ञापनदाता भी ऐसे विज्ञापनों को पसंद करते हैं जो अधिक प्रभावी और प्रभावशाली हों।

कंपनी के वित्तीय प्रदर्शन और लागत अनुकूलन (cost optimization) पर  अग्रवाल ने कहा कि वे स्थायी लागत अनुकूलन पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखते हैं और इसलिए उन्हें अपने मार्जिन में परिणामी सुधार नजर आएगा। पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान, उन्होंने प्रिंट बिजनेस की परिचालन लागत (operating costs) में लगभग 185 करोड़ रुपये की बचत की और विश्लेषकों को संकेत दिया कि इनमें से लगभग 50% बचत टिकाऊ थी।

सर्कुलेशन और कॉपियों में आई कमी के बारे में अग्रवाल ने कहा, ‘वित्तीय वर्ष 2021 की चौथी तिमाही में 45 लाख कॉपियां बिकीं, जबकि वित्तीय वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में 42.76 लाख कॉपियां बेची गईं। इससे स्पष्ट है कि इसमें महज पांच से छह प्रतिशत की गिरावट हुई है।’

उन्होंने कहा, ‘यदि मैं कोविड से पहले की बात भी करूं तो कॉपियों के सर्कुलेशन में 10 से 12 प्रतिशत की कमी देखी गई। इसका कारण यह था कि अधिकांश घरों ने अखबार मंगाना बंद कर दिया था। इसके अलावा रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और होटल्स आदि में भी कॉपियां काफी हद तक बंद कर दी गई थीं। हम अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि कैसे उन नंबरों को वापस लाया जाए, लेकिन सच कहूं तो अधिकांश कार्यालयों में कॉपियां फिर से शुरू नहीं हो पाई हैं और यह एक स्थायी नुकसान की तरह लगता है।’

डिजिटल बिजनेस के बारे में ‘डीबी कॉर्प’ (DB Corp) के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर पवन अग्रवाल ने कहा कि वे निवेश की एक केंद्रित रणनीति को लागू करके डिजिटल बिजनेस को बढ़ा रहे हैं जो स्थायी आधार पर मजबूत विकास दिखा रहा है।

उन्होंने कहा, ’हमने कंटेंट और टेक्नोलॉजी दोनों के दृष्टिकोण से भारतीय बाजार के लिए हाई क्वालिटी वाले कंटेंट और सर्वोत्तम न्यूज प्रॉडक्ट के वितरण में एक मल्टीमॉडल लीडर होने के दृष्टिकोण का पालन किया है। कॉमस्कोर (Comscore) के नवीनतम परिणामों के अनुसार, दैनिक भास्कर समूह के ऐप के मंथली एक्टिव यूजर्स की संख्या मार्च 2022 में बढ़कर 17 मिलियन से अधिक हो गई जो जनवरी 2020 में केवल दो मिलियन थी। हम अपने एक्टिव यूजर की संख्या में लगातार उल्लेखनीय वृद्धि का प्रदर्शन कर रहे हैं। हमने दैनिक औसत ई-समाचार पत्र डाउनलोड में एक मिलियन से अधिक का आंकड़ा प्राप्त करने के महत्वपूर्ण मील के पत्थर को भी पार कर लिया है।’

पवन अग्रवाल के अनुसार, ‘सच करीब से दिखता है, टैगलाइन के साथ हमने एक ब्रैंड कैंपेन भी लॉन्च किया, जिसमें दैनिक भास्कर की उच्च गुणवत्ता वाली विश्वसनीय पत्रकारिता के मूल्यों और मुख्य पेशकशों पर प्रकाश डाला गया, जिसमें स्थानीय और गहन समाचारों पर अधिक ध्यान दिया जाता है। इस कैंपेन के ब्रैंड एंबेसडर पंकज त्रिपाठी थे, जिनका हमारे मुख्य मार्केट्स (Core Markets) और हमारे ब्रैंड मूल्यों (लोकल और ट्रस्ट) के साथ बहुत मजबूत संबंध है।’  

रेडियो बिजनेस के बारे में उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022 के दौरान रेवेन्यू साल दर साल (y-o-y) 35 प्रतिशत बढ़कर 1,122 मिलियन रुपये हो गया है। इस साल तमाम सेक्टर्स जैसे-रियल एस्टेट, एफएमसीजी, बैंकिंग, राज्य सरकार और लाइफ स्टाइल से ग्रोथ अच्छी देखी गई। वित्तीय वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में रेडियो डिवीजन से 303 मिलियन रुपये का रेवेन्यू आया, जो साल दर साल के आधार पर 9.2 प्रतिशत अधिक है। हाल ही में दरों में बढ़ोतरी के साथ हमें उम्मीद है कि रेडियो अच्छा प्रदर्शन करेगा।

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'BW बिजनेसवर्ल्ड' के नए अंक में इन मुद्दों पर होगा फोकस

देश की प्रतिष्ठित मैगजीन 'BW बिजनेसवर्ल्ड' (BW BusinessWorld) का हालिया अंक 17 जून, 2023 को जारी होगा

Last Modified:
Tuesday, 06 June, 2023
BW-BusinessWorld7851

देश की प्रतिष्ठित मैगजीन 'BW बिजनेसवर्ल्ड' (BW BusinessWorld) का हालिया अंक 17 जून, 2023 को जारी होगा, जिसका फोकस देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EVs) को अपनाने और सब्सिडी में कटौती के बाद से पड़ने वाले प्रभावों पर भी होगा। साथ ही साथ मैगजीन में इस बात को भी दर्शाया जाएगा कि इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के इंफ्रास्ट्रक्चर में सुस्त वृद्धि प्रगति में कैसे बाधा पहुंचा रही है। 

यह अंक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इंडस्ट्री के सकारात्मक पक्ष पर प्रकाश डालेगा। पिछले वित्तीय वर्ष में देश में एक मिलियन से अधिक इलेक्ट्रिक व्हीकल्स बेचे गए। साथ ही सब्सिडी में कटौती और इसके बुनियादी ढांचे के बाद इलेक्ट्रिक दोपहिया अपनाने पर इंडस्ट्री के सामने आने वाली चुनौतियों और बाधाओं का सामना करना पड़ा। 

मौजूदा परिस्थितियों पर प्रकाश डालने के लिए  'BW बिजनेसवर्ल्ड' की टीम ऑटो इंडस्ट्री के दिग्गजों तक पहुंची और EV बिजनेस की वर्तमान स्थिति और उस अनुपात को, जिसके लिए चार्जिंग के बुनियादी ढांचे में निवेश की जरूरत है, इस पर इन दिग्गजों से उनके दृष्टिकोण को जाना।

SUV और EV पर बड़ा दांव

BW बिजनेसवर्ल्ड के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में मारुति के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने मार्केट में एसयूवी और ईवी सेगमेंट में कंपनी के वर्चस्व को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर चर्चा की कि कैसे वह इस साल एसयूवी से मार्केट में 25% की हिस्सेदारी का लक्ष्य बना रहे हैं और 2024-25 के बीच ईवी सेगमेंट में एक महत्वपूर्ण स्पलैश बनाने का स्पष्ट इरादा है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि मारुति 2024 से हर साल एक नए मॉडल की शुरुआत करते हुए छह साल तक छह ईवी लॉन्च करने की उम्मीद है। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय कार इंडस्ट्री तीन साल के दौरान दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कार इंडस्ट्री बनने की ओर है और मारुति इसे पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

इस नए अंक में महिंद्रा एंड महिंद्रा के ऑटो व फार्म सेक्टर के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर व सीईओ राजेश जेजुरिकर के साथ व्यापक बातचीत भी है। उन्होंने अगले दो वर्षों में ईवी क्षेत्र के साथ-साथ एसयूवी  इलेक्ट्रिक पोर्टफोलियो में महिंद्रा एंड महिंद्रा के अनुमानित विस्तार पर प्रकाश डाला। इसमें महिंद्रा इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल (MEAL) में 70,070 करोड़ रुपए तक के मूल्यांकन पर निवेश करने के लिए 1,925 करोड़ रुपए तक का ब्रिटिश इंटरनेशनल इनवेस्ट लाने वाला कॉरपोरेशन शामिल है।

बोनस अंक (The Bonus Issue)

BW CFO World के सर्वश्रेष्ठ  CFO & Finance Strategy अवॉर्ड के छठे संस्करण के विजेताओं को इस विशेष अंक में चित्रित किया गया है। सर्वश्रेष्ठ चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर्स ने लंबी अवधि के विकास और मूल्य सृजन को प्राप्त करने के लिए व्यापक आर्थिक चुनौतियों के माध्यम से अपनी कंपनियों को सफलतापूर्वक नेविगेट करके अपनी विशेषज्ञता को प्रदर्शित किया।

इसके अलावा, बोनस अंक अप्रत्याशित आर्थिक चुनौतियों से निपटने को लेकर अपनी फर्मों को तैयार करने के लिए चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर्स की दृष्टि और चंचलता को प्रदर्शित करता है।

बोनस अंक में मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने पर भी जोर दिया गया है। यह भारत में मोदी सरकार की नौ साल की लंबी यात्रा के उच्च क्षणों के साथ-साथ बदलते व्यापार और आर्थिक परिदृश्य पर इंडस्ट्री के दिग्गजों के दृष्टिकोण को प्रदर्शित करता है।

बहरहाल, बोनस अंक में इस साल से 2027 तक 6.75 प्रतिशत कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) बढ़ने के लिए भारतीय होम डेकोर सेगमेंट को भी शामिल किया गया है, जो कंज्यूमर्स के टेस्ट को फिर से परिभाषित करता है।

इसके अलावा, बोनस अंक पिछले साल भारत में मर्सिडीज बेंज की पांचवीं जनरेशन की सी-क्लास के लॉन्च को भी दर्शाता है।

BW Businessworld की ई-मैगजीन 'ईवी क्षेत्र की गति और ईवी इन्फ्रास्ट्रक्चर की सुस्त वृद्धि के साथ-साथ भारत के सुपर सीएफओ, मोदी शासन के 9 साल व अन्य के लिए इसके बोनस अंक को पढ़ें।

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अब नए ‘अवतार’ में नजर आएगी The Hindu समूह की मैगजीन ‘फ्रंटलाइन’

नए अवतर के तहत मैगजीन में आकर्षक फोटो, बोल्ड फॉन्ट और एक साफ-सुथरा डिजाइन शामिल किया गया है। मैगजीन के नए अवतार के अनावरण के मौके पर तमाम जानी-मानी हस्तियां मौजूद थीं।

Last Modified:
Tuesday, 06 June, 2023
Frontline

‘द हिंदू‘ (The Hindu) समूह की पाक्षिक मैगजीन ‘फ्रंटलाइन‘ (Frontline) अब नए अवतार में नजर आएगी। समूह ने हाल ही में मैगजीन के नए अवतार का अनावरण किया। समूह का कहना है कि नए सिरे से डिजाइन की गई ‘फ्रंटलाइन’ उच्च गुणवत्ता वाली पत्रकारिता की विरासत को जारी रखते हुए अब ऐसे डिजाइन और फॉर्मेट में सेट की गई है, जो नए पाठकों के लिए भी प्रासंगिक है। नए अवतर के तहत मैगजीन में आकर्षक फोटो, बोल्ड फॉन्ट और एक साफ-सुथरा डिजाइन शामिल किया गया है।

मैगजीन के नए अवतार के अनावरण के मौके पर तमाम जानी-मानी हस्तियां मौजूद थीं। इनमें जाने-माने अर्थशास्त्री प्रभात पटनायक, जयति घोष और चंद्रशेखर, सांस्कृतिक कार्यकर्ता गणेश देवी, कलाकार जतिन दास, भारतीय मुस्लिम महिला आंदोलन की फाउंडर जकिया सोनम, वरिष्ठ राजदूत और राजनयिक, शिक्षाविद, पत्रकार, लेखक और पब्लिशर्स आदि शामिल थे। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के पवन खेड़ा, राजद के मनोज झा और भाकपा के डी. राजा जैसी जानी-मानी राजनीतिक हस्तियों ने भी शिरकत की। इस मौके पर पैनल डिस्कशन का आयोजन भी किया गया, जिसमें वक्ताओं ने विभिन्न प्रमुख मुद्दों पर अपनी बात रखी।

‘फ्रंटलाइन’ व ‘द हिंदू’ के पूर्व एडिटर-इन-चीफ और द हिंदू समूह के डायरेक्टर एन. राम और जानी-मानी पत्रकार मालिनी पार्थसारथी ने फ्रंटलाइन ऐप को लॉन्च किया। यह ऐप एंड्रॉयड यूजर्स के लिए उपलब्ध है और जल्द ही आईओएस यूजर्स के लिए भी उपलब्ध होगा।  

इस मौके पर मालिनी पार्थसारथी ने कहा, ‘फ्रंटलाइन अपनी बेधड़क ईमानदारी पर गर्व करती है और यह इस बात को उजागर करने में संकोच नहीं करती है कि क्या गलत है और क्या सही है। यह स्पष्ट है कि विशेष रूप से फ्रंटलाइन जैसी पत्रिकाओं के लिए प्रिंट मार्केट पूरी तरह से तैयार है। द हिंदू और स्पोर्टस्टार में डिजिटल बदलाव पहले से ही हो रहा है। पुन: डिजाइन किए गए प्रिंट एडिशन के साथ, फ्रंटलाइन अपनी डिजिटल मौजूदगी को और आगे बढ़ाएगी।’

वहीं, एन. राम का कहना था, ‘मैगजीन के नए डिजाइन की लॉन्चिंग शानदार रही। हमने कश्मीर जैसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा की, जहां अलग-अलग विचार प्रस्तुत किए गए और यह लॉन्चिंग का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा था। इस कार्यक्रम में बुद्धिजीवियों, राजनयिकों के साथ-साथ जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से जानी-मानी हस्तियां शामिल रहीं। उनकी उपस्थिति फ्रंटलाइन की प्रतिष्ठा को प्रमाणित करती है।’

‘फ्रंटलाइन’ की एडिटर वैष्णा रॉय का कहना था, ‘मैंने पिछले साल मई में संपादक का पदभार संभाला था। हम तब से नए जमाने के लिए मैगजीन को नया स्वरूप देने और पुन: स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं। हमारा कंटेंट काफी आकर्षक है, इसमें कई और दृष्टिकोण शामिल हैं और यह जीवन के सभी क्षेत्रों के पाठकों को आकर्षित करेगी। ग्राफिक डिजाइनर मारियो गार्सिया ने मैगजीन को नया रूप देने में मदद की और इसे सुरुचिपूर्ण व जीवंत बनाया है।’

कार्यक्रम में शामिल जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रेजिडेंट महबूबा मुफ्ती का कहना था, ‘मैं फ्रंटलाइन को अपनी शुभकामनाएं देती हूं। मुझे आशा है कि यह नए कीर्तिमान स्थापित करेगी और हमेशा सबसे आगे रहेगी।’

इस दौरान लेखक, पूर्व राजनयिक और पूर्व राज्यसभा सदस्य पवन के वर्मा ने कहा, ‘मैं फ्रंटलाइन को एक नए अवतार में फिर से लॉन्च करने के लिए बधाई देता हूं। पहले, इस मैगजीन को केवल संदर्भ सामग्री (reference material) के रूप में माना जाता था, लेकिन अब यह कहीं अधिक पठनीय और समसामयिक होगी।’

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‘दैनिक जागरण’ को बाय बोलकर अब इस अखबार संग जुड़े पत्रकार अनिल त्यागी

पत्रकार अनिल त्यागी ने ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagran) को अलविदा बोल दिया है। वह करीब दस साल से मुरादनगर/मोदीनगर में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

Last Modified:
Monday, 05 June, 2023
Anil Tyagi

पत्रकार अनिल त्यागी ने ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagran) को अलविदा बोल दिया है। वह करीब दस साल से मुरादनगर/मोदीनगर में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

समाचार4मीडिया से बातचीत में अनिल त्यागी ने अपने इस्तीफे के पुष्टि करते हुए बताया कि उन्होंने अब ‘अमर उजाला’ (Amar Ujala) के साथ मीडिया में अपनी नई पारी शुरू की है। उन्होंने गाजियाबाद में बतौर रिपोर्टर जॉइन किया है।

मूल रूप से मुरादनगर के रहने वाले अनिल त्यागी को मीडिया में काम करने का करीब 14 साल का अनुभव है। पत्रकारिता में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने ‘नेशनल दुनिया’ से की थी। इसके बाद वह कुछ समय तक ‘प्रभात’ अखबार में भी रहे।

फिर वहां से बाय बोलकर वह लंबे समय से ‘दैनिक जागरण’ से जुड़े हुए थे, जहां से अब इस्तीफा देकर उन्होंने ‘अमर उजाला’ जॉइन किया है। समाचार4मीडिया की ओर से अनिल त्यागी को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।

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अब Weekends पर नहीं छपा करेगा यह अखबार, मैनेजमेंट ने बताई वजह

अखबार प्रबंधन की ओर से इस बारे में पाठकों, एडवर्टाइजर्स और बिजनेस पार्टनर्स को जानकारी दी गई है।

Last Modified:
Sunday, 04 June, 2023
Newspaper

संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में दुबई से पब्लिश होने वाले अंग्रेजी अखबार ‘गल्फ न्यूज’ (Gulf News) ने वीकेंड्स यानी शनिवार और रविवार को अखबार न छापने का फैसला लिया है। इस बारे में अखबार ने दो जून को आधे पेज के एक आर्टिकल में इस बारे में अपने पाठकों को सूचित करते हुए इस फैसले के पीछे की वजह भी बताई है।

‘गल्फ न्यूज’ के सीईओ और एडिटर-इन-चीफ अब्दुल हामिद अहमद की ओर से पाठकों को कहा गया है, ‘प्रिय पाठकों, हम तीन जून से शनिवार और रविवार को अखबार की प्रिंटिंग रोकने जा रहे हैं। यह आपके और हमारे लिए दुखद खबर है। चार दशकों की इस यात्रा में आप निष्ठावान पाठकों के रूप में हमारे साथ रहे हैं। यह किसी से छिपा नहीं है कि प्रिंट मीडिया को कई मोर्चों पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, चाहे वह कागज, स्याही अथवा डिस्ट्रीब्यूशन की बढ़ती लागत हो।

हमारा ऐडवर्टाइजिंग रेवेन्यू महीने दर महीने कम होता जा रहा है और गूगल, फेसबुक, इंस्टाग्राम व टिकटॉक जैसे तमाम नाम हमारे विज्ञापन रेवेन्यू में सेंध लगा रहे हैं। इस वजह से हमारे जैसे नेशनल मीडिया के लिए रेवेन्यू काफी कम हो गया है। हम इन चुनौतियों से निपट रहे हैं और आशा करते हैं कि सप्ताहांत के संस्करणों को जारी रखते हुए कुछ और समय तक लड़ते रहेंगे। हालांकि, हमें इस कड़वी सच्चाई का सामना करना चाहिए और दो दिनों के लिए अखबार की प्रिंटिंग को बंद कर देना चाहिए।’

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इससे पहले अखबार प्रबंधन की ओर से 29 मई 2023 को ऐडवर्टाइजर्स और बिजनेस पार्टनर्स के लिए एक लेटर भी भेजा गया था। अखबार के डायरेक्टर (सेल्स और पब्लिशिंग) अंशुमान जोशी की ओर से भेजे गए इस लेटर में कहा गया था, ‘हमने पाठकों की पसंद और उपभोग की आदतों में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखा है। न्यूज और इंफॉर्मेशन के लिए हमारे ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर पाठकों की बढ़ती संख्या के साथ यह महत्वपूर्ण है कि हम इन परिवर्तित गतिशीलता के अनुकूल हों और अपने संसाधनों को रणनीतिक रूप से पुनः व्यवस्थित करें। ऐसे में हमने तीन जून 2023 से वीकेंड्स पर अखबार पब्लिश न करने का फैसला लिया है।’

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CNN-News18 को बाय बोलकर अब इस मीडिया समूह में बड़ी भूमिका निभाएंगे प्रांशु मिश्रा

अंग्रेजी न्यूज चैनल ‘सीएनएन न्यूज18’ (CNN News18) के यूपी ब्यूरो चीफ के तौर पर प्रांशु मिश्रा करीब सात साल से लखनऊ में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

Last Modified:
Thursday, 01 June, 2023
Pranshu Mishra

अंग्रेजी न्यूज चैनल ‘सीएनएन न्यूज18’ (CNN News18) के यूपी ब्यूरो चीफ प्रांशु मिश्रा ने यहां से बाय बोल दिया है। वह करीब सात साल से लखनऊ में अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार, प्रांशु मिश्रा जल्द ही मीडिया में अपने नए सफर की शुरुआत ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ (HT) से करने जा रहे हैं। यहां वह बतौर रेजिडेंट एडिटर (यूपी) अपनी नई पारी की शुरुआत करेंगे और लखनऊ से अपना कामकाज देखेंगे।

बता दें कि प्रांशु मिश्रा ने मीडिया के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2001 में ‘अमर उजाला’ (Amar Ujala) से की थी। इसके बाद वह ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagran) और ‘टाइम्स नाउ’ (Times Now) में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।

प्रांशु मिश्रा मूल रूप से लखनऊ (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले हैं। उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की है। समाचार4मीडिया की ओर से प्रांशु मिश्रा को उनके नए सफर के लिए अग्रिम बधाई और ढेरों शुभकामनाएं।

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डॉ. विजय दर्डा की नई किताब ने दी ‘दस्तक’, इन मायनों में है खास

नई दिल्ली के रफी मार्ग स्थित ‘कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया’ के स्पीकर हॉल में 30 मई को इस किताब का विमोचन किया गया।

Last Modified:
Wednesday, 31 May, 2023
Book Launch

लोकमत मीडिया ग्रुप के चेयरमैन व राज्यसभा के पूर्व सदस्य डॉ. विजय दर्डा की किताब- रिंगसाइड: अप, क्लोज एंड पर्सनल ऑन इंडिया एंड बियॉन्ड (RINGSIDE: Up, Close and Personal on India and Beyond) ने मार्केट में दस्तक दे दी है। नई दिल्ली के रफी मार्ग स्थित ‘कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया’ के स्पीकर हॉल में 30 मई को इस किताब का विमोचन किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व केरल के तिरुवनंतपुरम से लोकसभा सांसद शशि थरूर और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के पूर्व सलाहकार व लेखक डॉ. संजय बारू के मुख्य आतिथ्य में इस किताब का विमोचन हुआ। इस दौरान मंच पर ‘द प्रिंट’ के फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ शेखर गुप्ता, जाने-माने एंकर, इंडिया टुडे टेलीविजन के कंसल्टिंग एडिटर व पद्मश्री से सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई और लोकमत मीडिया समूह के मैनेजिंग डायरेक्टर देवेंद्र दर्डा मौजूद रहे।

पुस्तक विमोचन के बाद राजदीप सरदेसाई ने डॉ. विजय दर्डा से उनकी किताब को लेकर चर्चा भी की। इस चर्चा के दौरान डॉ. विजय दर्डा का कहना था कि पार्टी नेतृत्व से सवाल पूछना बगावत नहीं है। लोकतंत्र के नाते यह किसी भी व्यक्ति का अधिकार है। इसके साथ ही डॉ. दर्डा का यह भी कहना था कि कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे की तुलना में शशि थरूर बेहतर विकल्प होते।

देश की राजनीति में डॉ. विजय दर्डा के योगदान और इस किताब की चर्चा करते हुए डॉ. संजय बारू ने डॉ. विजय दर्डा की निष्पक्ष पत्रकारिता का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा कि चाहे आर्टिकल लेखन हो अथवा संसद में सवाल पूछने की बात हो, डॉ. विजय दर्डा हमेशा अपनी बात मुखर तरीके से रखने के लिए जाने जाते हैं। विदर्भ के लिए दर्डा के निरंतर प्रयासों का भी उन्होंने जिक्र किया। इस पर दर्डा का कहना था कि उन्हें पूरा विश्वास है कि यह प्रयास देर-सबेर जरूर सफल होंगे। 

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर का कहना था कि वर्तमान राजनीतिक माहौल में असहिष्णुता बढ़ रही है, विशेष रूप से आलोचना के लिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक वर्ग और मीडिया के बीच संबंधों में धीरे-धीरे कमी आई है। थरूर के अनुसार, ‘इससे लोकतंत्र के आदर्शों को नुकसान पहुंचा है, यहां तक कि इससे प्रगति बाधित हुई है। राजनीतिक दलों, मीडिया घरानों, प्रोफेशनल्स और अन्य हितधारकों को तमाम मुद्दों को हल करने और देश को आगे बढ़ने में मदद करने के लिए मिलकर काम करने की सख्त जरूरत है।’

इस मौके पर शेखर गुप्ता ने क्षेत्रीय भारतीय पत्रकारिता की बढ़ती ताकत और प्रभाव के बारे में बात की। उनका कहना था, ‘भारत एकमात्र ऐसा देश है, जहां अखबारों के पाठक बढ़ रहे हैं, क्योंकि देश भर के लोग साक्षर हो रहे हैं और खबरों से जुड़े रहना चाहते हैं। इनमें मराठी, गुजराती से लेकर तेलुगु भाषा तक के पाठक शामिल हैं, जिनकी संख्या अंग्रेजी पब्लिकेशंस के पाठकों से कहीं अधिक है।’ शेखर गुप्ता का कहना था कि उन्होंने जानबूझकर 'वर्नाक्यूलर' शब्द से परहेज किया, क्योंकि राष्ट्र के निर्माण में देश की सभी भाषाएं समान रूप से महत्वपूर्ण हैं।’

कार्यक्रम में राज्यसभा सदस्य प्रफुल्ल पटेल, BW बिजनेसवर्ल्ड व एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा, लोकसभा सदस्य वरुण गांधी, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला, ‘भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद’ (ICCR) के प्रेजिडेंट डॉ. बिनय सहस्रबुद्धे, बीएसपी नेता दानिश अली और सीपीआई के नेता डी. राजा समेत तमाम वरिष्ठ राजनेता, नौकरशाह और वरिष्ठ पत्रकार मौजूद रहे। 

बता दें कि यह पुस्तक दर्डा के साप्ताहिक लेखों का एक संकलन है, जो वर्ष 2011 और वर्ष 2016 के बीच लोकमत मीडिया समूह के समाचार पत्रों और देश के अन्य प्रमुख राष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय दैनिक अखबारों में प्रकाशित हुए थे। इस किताब में विज्ञान, पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, सामाजिक विकास, खेल, कला, संस्कृति, विदेश नीति और राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़े शोधपूर्ण आलेख हैं। इसके अलावा इसमें प्रख्यात व्यक्तित्वों के बारे में टिप्पणियां भी शामिल हैं जिन्होंने भारत और दुनिया में सामाजिक, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

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दैनिक भास्कर ने मुंबई में दी दस्तक, कॉन्सेप्ट के साथ मिलाया हाथ

देश के अग्रणी हिंदी दैनिक अखबारों में शामिल दैनिक भास्कर समूह के स्वामित्व वाला समाचार पत्र 'दैनिक भास्कर' मुंबई में लॉन्च हो गया है

Last Modified:
Wednesday, 31 May, 2023
Dainik Bhaskar

देश के अग्रणी हिंदी दैनिक अखबारों में शामिल दैनिक भास्कर समूह के स्वामित्व वाला समाचार पत्र 'दैनिक भास्कर' मुंबई में लॉन्च हो गया है।

देश की वित्तीय राजधानी शहर में एक समाचार पत्र को लॉन्च करना आसान काम नहीं है और पीआर डिलीवरी के दृष्टिकोण से दोगुना जटिल कार्य है। लिहाजा गहन खोज के बाद, भास्कर समूह ने टीम कॉन्सेप्ट को अपने पार्टनर के रूप में चुना, ताकि ब्रैंड को मैनेज करने में मदद मिल सके। 

कॉन्सेप्ट कम्युनिकेशन को उपभोक्ताओं के स्पेक्ट्रम की पूरी समझ है और साथ ही सब्जेक्ट कैटेगरीज का गहरा ज्ञान है, जो इसके पीआर समाधानों को कुछ इस तरह से प्रभावित करता है, जो दैनिक भास्कर की वर्तमान जरूरतों से मेल खाता है। 

कॉन्सेप्ट कम्युनिकेशंस के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर विवेक सुचांती ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, 'दैनिक भास्कर ग्रुप और कॉन्सेप्ट ग्रुप के बीच लंबे समय से जुड़ाव है। भारत के प्रमुख ब्रैंड्स में से एक यानी दैनिक भास्कर जैसा ब्रैंड्स का भरोसा हमारे लिए सर्वोपरि है। हम वास्तव में बहुत खुश हैं कि उन्होंने हमें इस तरह के प्रतिष्ठित लॉन्च के साथ साझेदारी करने के लिए चुना है। हम ब्रैंड के लिए लक्षित और प्रभावी समाधान तैयार करने के लिए तत्पर हैं।' 

भास्कर प्रकाशन प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर कैलाश अग्रवाल ने कहा, 'हम देशभर में अपनी उपस्थिति का विस्तार करने और नंबर-1 समाचार पत्र की अपनी वर्तमान स्थिति को मजबूत करने के सफर पर हैं। हम मजबूत पार्टनर्स की तलाश कर रहे थे, जो हमें मुंबई में हमारे ब्रैंड को लॉन्च करने में मदद कर सकें। हमने टीम कॉन्सेप्ट को व्यावहारिक और सक्रिय दोनों पाया। हमें विश्वास है कि वे हमारे इस सफर के लिए सही पार्टनर साबित होंगे।

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'द स्टेट्समैन' के साथ जुड़े वरिष्ठ पत्रकार व लेखक आदित्य कांत, निभाएंगे यह जिम्मेदारी

आदित्य कांत 'द स्टेट्समैन' में जाने से पहले 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' में चंडीगढ़ एडिशन के साथ काम कर रहे थे।

Last Modified:
Wednesday, 31 May, 2023
AdityaKant4512

जाने माने वरिष्ठ पत्रकार व लेखक आदित्य कांत सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर के तौर पर 'द स्टेट्समैन' के साथ जुड़ गए हैं।

गहन रिपोर्टिंग और संपादन में 27 वर्षों से भी अधिक का अनुभव रखने वाले आदित्य कांत 'द स्टेट्समैन' में जाने से पहले 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' में चंडीगढ़ एडिशन के साथ काम कर रहे थे।

इस खबर की पुष्टि करते हुए कांत ने उल्लेख किया कि 'द स्टेट्समैन' ने अपनी न्यूज वेबसाइट को नया रूप देने की विस्तृत योजना बनाई है, जो मुख्य रूप से न्यूज व एंटरटेनमेंट कंटेंट को एक अलग तरीके से देने पर ध्यान केंद्रित करेगी।

'द स्टेट्समैन डॉट कॉम' के डायरेक्टर विनीत गुप्ता ने कहा कि डिजिटल मीडिया में बदलते चलन को ध्यान में रखते हुए युवा और अनुभवी लोगों की एक टीम बनाई जा रही है, जो यह सुनिश्चित करेगी कि पाठकों और दर्शकों को लगातार प्रामाणिक खबरें प्रदान की जा सके, जो द स्टेट्समैन की पुरानी परंपरा के अनुरूप है, लेकिन हम युवा पाठकों को भी जोड़ रहे हैं।

द स्टेट्समैन में शामिल होने से पहले, आदित्य कांत ने नई दिल्ली, अहमदाबाद, जयपुर और चंडीगढ़ जैसे शहरों में कई प्रमुख अंग्रेजी प्रकाशनों में प्रमुख संपादकीय पदों पर काम किया है।

नब्बे के दशक के मध्य में शिमला में एक स्थानीय दैनिक में एक ट्रेनी जर्नलिस्ट के तौर पर अपने करियर की शुरुआत करने के बाद, उन्होंने देश के प्रमुख प्रकाशनों में वरिष्ठ संपादकीय पदों पर रहे और 'द टाइम्स ऑफ इंडिया', 'अहमदाबाद मिरर', 'हिन्दुस्तान टाइम्स', 'दिल्ली टाइम्स' और 'डीएनए' जैसे प्रमुख अंग्रेजी समाचार पत्रों के संस्करणों का संचालन किया। 

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‘BW बिजनेसवर्ल्ड’ ने कुछ यूं बयां किया मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के नौ सालों का सफर

भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार 30 मई, 2023 को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में निर्णायक जीत हासिल करने के नौ साल पूरे करने जा रही है।

Last Modified:
Monday, 29 May, 2023
Modi Government

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार 30 मई, 2023 को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में निर्णायक जीत हासिल करने के नौ साल पूरे करने जा रही है। राजनीति ऐसा परिदृश्य है, जिस पर किसी देश के विकास के लिए समय-समय पर निरंतर ध्यान देने और तमाम उपाय करने की आवश्यकता होती है। आज के दौर में भारत को वैश्विक शक्ति के रूप में व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है। हालांकि, ऐसा रातोंरात नहीं हुआ है, बल्कि इसके लिए सही दिशा में सतत प्रयास किए गए हैं और तमाम बड़े कदम उठाए गए हैं। पिछले नौ वर्षों के दौरान पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा इसे गति दी गई है।

इसके अलावा, अपनी नौवीं वर्षगांठ समारोह के हिस्से के रूप में सत्तारूढ़ पार्टी ने नरेंद्र मोदी प्रशासन के कल्याणकारी कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए कई कार्यक्रमों की योजना बनाई है, जिन्होंने विभिन्न प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभों के माध्यम से लाखों भारतीयों के जीवन स्तर में सुधार किया है।

बिजनेस मैगजीन ‘बिजनेसवर्ल्ड’ (BW Businessworld) ने एक खास पेशकश के जरिये प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के इन नौ सालों के सफर को प्रस्तुत किया है। ‘बिजनेसवर्ल्ड’ की इस खास पेशकश में एनडीए सरकार के कार्यकाल में उल्लेखनीय उपलब्धियों, नवाचारों (innovations), विकास और कुछ चूकों पर प्रकाश डाला गया है। इसमें इंडस्ट्री के कुछ विशेषज्ञों की राय भी शामिल है।

इस पेशकश के एक लेख में सड़क, राजमार्ग, रेलवे, विमानन, विदेशी मुद्रा भंडार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की भूमिका सहित बैंकिंग, शेयर बाजारों सहित तमाम क्षेत्रों में मोदी सरकार की महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला गया है। इसमें ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (BSE) और ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ (NSE) का प्रदर्शन भी शामिल है। अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और पांच ट्रिलियन डॉलर जीडीपी के महत्वाकांक्षी स्तर तक पहुंचने के लिए तमाम  उपायों के कार्यान्वयन पर भी इसमें प्रकाश डाला गया है। हालांकि, इस लेख में कृषि और किसान कल्याण, रोजगार सृजन, बेरोजगारी, शिक्षा और कौशल विकास व स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों की बात भी की गई है, जिनमें और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

बिजनेसवर्ल्ड के लिए अपने एक ओपिनियन कॉलम में श्रीनाथ श्रीधरन ने मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के सफर और इसके नौ वर्षों के साथ-साथ इसके विकास और पहलों को वर्णानुक्रम (alphabetical order) में शामिल किया गया है।

इनमें 'आयुष्मान भारत', डिजिटल इंडिया, ग्लोबल लीडरशिप, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना समेत मोदी सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई 22 अन्य विकास योजनाएं और पहल शामिल हैं। इसमें बताया गया है कि कैसे मोदी प्रशासन और पार्टी के समर्पण ने कई महत्वपूर्ण पहलों के माध्यम से एक रचनात्मक समस्या-समाधान पद्धति का प्रदर्शन किया, जिसने भारत को समृद्धि और विकास के एक नए युग की ओर ले जाने का काम किया।

इस पेशकश में मोदी सरकार के नौ साल के सफर की उन पहलों और निर्णयों के बारे में भी बताया गया है, जिन्हें एक बेहतर और सहज रूप में लागू किया जा सकता था। इनमें से कुछ घटनाओं में 2016 की नोटबंदी, 2019 में सीएए और एनआरसी का कार्यान्वयन, 2020 में कृषि कानूनों व 2021 में इसकी फिर से अपील और 2020 में कोविड-19 लॉकडाउन की पहली लहर और 2021 में दूसरी लहर को शामिल किया गया है। इसमें पीएम केयर्स (PMCARES) की लॉन्चिंग और सरकार द्वारा उपयोग या आवंटित की गई भारी मात्रा में राशि की पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी पर भी प्रकाश डाला गया है।

एक अन्य कॉलम में एस. रवि ने देश के विकास में प्रधानमंत्री के योगदान पर प्रकाश डाला है। इस कॉलम में उन्होंने ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ का जिक्र किया है, जिसमें जीरो बैलेंस पर बैंकों में खाते खुलवाए गए। बीमा सेवाओं, क्रेडिट कार्ड और पेंशन का भी इसमें जिक्र है। इस योजना के तहत 47 करोड़ से अधिक खाते खोले गए हैं। टैक्स लीकेज को रोकने और सिस्टम में सुधार के लिए 2017 में जीएसटी की शुरुआत और इसे परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कुल ग्रॉस कलेक्शन 18 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा, के बारे में भी इस कॉलम में लिखा गया है। इस कॉलम में नोटबंदी और डिजिटलीकरण के साथ-साथ अन्य पहलों जैसे कोविड-19 महामारी के दौरान वैक्सीन की 'मेक इन इंडिया' पहल के बारे में भी जिक्र किया गया है।

मोदी सरकार के दौर में बढ़ते विदेशी संबंधों पर एक फीचर स्टोरी भी इस पेशकश में शामिल है। इस फीचर स्टोरी में सबसे तेजी से बढ़ती वैश्विक अर्थव्यवस्था के रूप में भारत के बढ़ते कद के साथ इसने देश को कई रूपों में कैसे लाभान्वित किया (जैसे- रूस और यूक्रेन संकट हो या G20 की मेजबानी) उस बारे में भी जिक्र किया गया है। इस फीचर स्टोरी में भारत के अपने पड़ोसी देशों के साथ बढ़ते संबंधों पर भी प्रकाश डाला गया है।

इस खास पेशकश के तहत ‘जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी’ (JNU) के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. ब्रजेश कुमार तिवारी के गेस्ट कॉलम को भी जगह दी गई है। इस कॉलम में उन्होंने वैश्विक अनिश्चितता के इस दौर में एनडीए सरकार के लिए बड़ी चुनौतियों पर प्रकाश डाला है। इसके अलावा एक अन्य फीचर स्टोरी ने मोदी सरकार की पिछले नौ वर्षों की प्रमुख योजनाओं जैसे स्टैंड अप इंडिया स्कीम, पीएमयूवाई, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के बारे में बात की गई है।

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भारत से निकलने वाला यह चीनी अखबार हुआ बंद, जानें इसके पीछे की वजह

इस अखबार को ली युन चिन ने 1969 में शुरू किया था। कोविड-19 के दौरान इसका पब्लिकेशन बंद कर दिया गया था।

Last Modified:
Thursday, 25 May, 2023
Newspaper

भारत से निकलने वाला संभवत: इकलौता चाइनीज अखबार ‘द ओवरसीज चाइनीज कॉमर्स ऑफ इंडिया’ करीब 50 साल के बाद बंद हो गया है। इसे ‘सियोंग पाउ’ (Seong Pow) के नाम से भी जाना जाता था। कोलकाता से निकलने वाले इस अखबार को मंदारिन भाषा में छापा जाता था, जो चीन की प्रमुख और आधिकारिक भाषा है।

इस अखबार को ली युन चिन ने वर्ष 1969 में शुरू किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, इसका आखिरी संस्करण मार्च 2020 में निकला। बताया जा रहा है कि भारत में मंदारिन जानने वालों की कमी इस अखबार के बंद होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है।

दरअसल, कोलकाता के टंगरा इलाके में चीनी लोगों की ज्यादा आबादी रहती है, उनके लिए यह अखबार निकाला जाता था। कोविड-19 की पहली वेब के दौरान जब लॉकडाउन लगा तो इस अखबार के दफ्तर पर भी ताला लग गया। इसी बीच उसी साल जुलाई में अखबार के संपादक कू साइ चांग (Kuo Tsai Chang) की भी मौत हो गई। उनकी मौत के बाद अखबार पूरी तरह से बंद हो गया। लॉकडाउन के दौरान इसके बंद होने से पहले चार पन्नों के इस अखबार की रोजाना लगभग 200 कॉपियां छपा करती थीं।

मीडिया रिपोर्ट्स में चाइनीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष चेन याओ हुआ के हवाले से कहा गया है कि अखबार का ऑफिस जिस टंगरा क्षेत्र में है, वहां पर चीनी आबादी घट रही है। टंगरा में जो थोड़े-बहुत युवा हैं, वे ठीक से मंदारिन पढ़-लिख नहीं सकते हैं। यही वजह है कि सियोंग पाउ के प्रकाशन को जारी रखना असंभव हो गया था।

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