किस अखबार का फ्रंट पेज है आज सबसे ‘दमदार’, पढ़ें यहां

विज्ञापन की अधिकता के कारण आज नवभारत टाइम्स और दैनिक जागरण में दो फ्रंट पेज बनाए गए हैं, जबकि हिन्दुस्तान में तीसरे पेज को फ्रंट पेज का दर्जा मिला है।

नीरज नैयर by
Published - Saturday, 25 January, 2020
Last Modified:
Saturday, 25 January, 2020
Newspapers


दिल्ली से प्रकाशित होने वाले अधिकांश अखबारों में आज विज्ञापनों की ‘बरसात’ हुई है। हालांकि ‘राजस्थान पत्रिका’ इस ‘बरसात’ से अछूता है। आज सबसे पहले बात ‘राजस्थान पत्रिका’ की करते हैं । फ्रंट पेज की शुरुआत मौनी अमावस्या पर उमड़े जनसैलाब की फोटो से हुई है। लीड चीन के कोरोना वायरस को लगाया गया है, जिसने संभवतः भारत में भी दस्तक दे दी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के सख्त आदेश सहित चीफ जस्टिस के बयान को भी प्रमुखता मिली है। प्रत्यक्ष कर बोर्ड का कहना है कि पैन नंबर न देने वाले कर्मचारियों का 20 फीसदी वेतन काटा जाए, जबकि चीफ जस्टिस बोबडे ने ज्यादा टैक्स को सामाजिक अन्याय करार दिया है। सीएए विरोध के नाम पर हो रही हिंसा को देखते हुए 154 हस्तियों ने राष्ट्रपति से हिंसा करने वालों पर कार्रवाई की अपील की है। इस खबर को अखबार ने तवज्जो देते हुए तीन कॉलम जगह दी है।

इसी तरह चुनाव आयोग की मांग भी पेज पर है। आयोग ने शीर्ष अदालत से मांग की है कि वो सियासी पार्टियों को अपराधियों को टिकट न देने का निर्देश दे। इसके अलावा, एक देश, एक टैक्स पर केंद्र सरकार की राज्यों से बात, लंदन के अखबार द्वारा की गई मोदी सरकार की आलोचना और मुख्य चुनाव आयोग के अंतर्राष्ट्रीय फोरम की कमान संभालने से जुड़ा समाचार भी फ्रंट पेज पर है। एंकर में आशुतोष कुमार सिंह की बाईलाइन को सजाया गया है। इस खबर के मुताबिक धोखे से सीमा पार पहुंचे एक मूक-बधिर को परिजनों से मिलाने के लिए बांग्लादेश का एक युवक उसे लेकर यहां आया है। ये स्टोरी काफी हद तक सलमान खान की फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ से मिलती है। कुल मिलाकर आज अखबार के पेज पर सभी अच्छी खबरें हैं।

भारी विज्ञापनों की चलते नवभारत टाइम्स में आज दो फ्रंट पेज बनाए गए हैं। पहले पेज पर टीम इंडिया की जीत को रंगीन बॉक्स में बेहद आकर्षक शीर्षक के साथ सजाया गया है। भारत ने न्यूजीलैंड को पहले टी-20 मुकाबले में शिकस्त दी है। लीड भाजपा और आम आदमी पार्टी में जुबानी जंग है। चुनावी मौसम में ऐसे नज़ारे अभी और देखने को मिलेंगे। इसी के नीचे भाजपा नेता कपिल मिश्रा के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर है। विवादित बयानों के चलते चुनाव आयोग के निर्देश पर कपिल मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा, निर्भया के दोषियों के नए पैंतरे सहित कुछ संक्षिप्त समाचार हैं। निर्भया के गुनाहगारों ने अदालत में आरोप लगाया है कि तिहाड़ जेल प्रशासन उन्हें दया याचिका दाखिल करने के लिए जरूरी कागजात नहीं दे रहा है।

दूसरे फ्रंट पेज की बात करें, तो यहां सीएए के विरोध में हो रहे प्रदर्शन पर कार्रवाई रोकने से सुप्रीम कोर्ट के इनकार को लीड का दर्जा मिला है। रासुका हटाने की मांग पर कोर्ट का कहना है कि हम पुलिस प्रशासन के हाथ नहीं बांध सकते। इसी में राष्ट्रपति से हिंसा पर कार्रवाई करने वालों की अपील का भी जिक्र है। वहीं, छात्रों से पीएम मोदी के संवाद को फोटो के साथ पेज पर जगह मिली है। ज्यादा टैक्स को सामाजिक अन्याय बताने संबंधी चीफ जस्टिस का बयान डीप सिंगल में है। इसके अलावा, तीन और ख़बरों को फ्रंट पेज पर स्थान मिल सका है। मसलन, ब्रिटिश पत्रिका द्वारा मोदी सरकार की आलोचना, जामिया नगर हिंसा में पूर्व MLA से पूछताछ और जेएनयू छात्रों को फीस पर कोर्ट से राहत। अखबार के पहले फ्रंट पेज पर आधा पेज विज्ञापन होने के कारण यहां सिर्फ खबरों वाला भाग ही दिखाई दे रहा है, जबकि दूसरा फ्रंट पेज पूरा दिखाई दे रहा है।

हिन्दुस्तान में जैकेट विज्ञापन के कारण तीसरे पेज को फ्रंट पेज का दर्जा मिला है। लीड सबसे अलग चुनाव आयोग की मांग है। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से अपील करते हुए कहा है वो सियासी पार्टियों को अपराधियों को टिकट न देने का निर्देश दे। कोरोना वायरस की भारत में संभावित दस्तक को भी प्रमुखता से पेज पर रखा गया है। ज्यादा टैक्स को लेकर चीफ जस्टिस की टिप्पणी और कपिल मिश्रा के खिलाफ दर्ज एफआईआर से जुड़ा समाचार भी पेज पर है। इसके अलावा केवल छह सिंगल खबरों को लगाया जा सका है। इनमें ‘आधार से लिंक होगा वोटर आईडी, टीम इंडिया की जीत, अदालत पहुंचे निर्भया के दोषी और कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल प्रमुख हैं।

अब दैनिक भास्कर की बात करें तो बेहतरीन टॉप बॉक्स से फ्रंट पेज की शुरुआत की गई है। बेहतरीन इस लिहाज से कि दो अच्छी ख़बरों को एक बैनर तले पाठकों के समक्ष रखने का प्रयास किया गया है। पहली खबर ज्यादा टैक्स पर चीफ जस्टिस की टिप्पणी है। उनका कहना है कि मनमाना टैक्स लगाना सामाजिक अन्याय है। संभव है कि जस्टिस बोबडे की इस टिप्पणी का बजट पर कोई प्रभाव पड़े। दूसरी खबर है अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष प्रमुख का बयान, जिन्होंने कहा है कि भारत की आर्थिक सुस्ती अस्थाई है, जल्द सुधार होने की उम्मीद है।

लीड कोरोना वायरस के भारत पहुंचने की आशंका है, लेकिन इस खबर से संदिग्ध मरीजों की संख्या को लेकर गफलत पैदा हो गई है। ‘राजस्थान पत्रिका’ इस संख्या को 10 बता रहा है और ‘दैनिक भास्कर’ में अकेले केरल में मिले संदिग्ध मरीजों की संख्या 80 बताई गई है। फिर अदालत पहुंचने वाले निर्भया के दोषी सिंगल में हैं, वहीं कपिल मिश्रा पर एफआईआर को प्रमुखता से जगह मिली है। टीम इंडिया की जीत को फोटो के रूप में पेज पर रखा गया है। वहीं, एंकर में क़यामत की घड़ी के बारे में बताया गया है।

आखिर में आज दैनिक जागरण का रुख करते हैं। यहां भी विज्ञापनों के चलते दो फ्रंट पेज बनाए गए हैं। पहले फ्रंट पेज पर चुनाव आयोग की सुप्रीम कोर्ट से अपील को लीड लगाया गया है। वहीं, अधिक टैक्स पर चीफ जस्टिस की टिप्पणी, कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट से हटा बैन और आधार को वोटर आईडी से जोड़ने की तैयारी भी प्रमुखता से पेज पर है। इसके अलावा, फिर से अदालत पहुंचे निर्भया के दोषियों सहित कुछ अन्य समाचार भी हैं।

दूसरे फ्रंट पेज पर अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष प्रमुख के बयान को लीड का दर्जा दिया गया है, जिनका कहना है कि भारत की आर्थिक सुस्ती ज्यादा दिन नहीं रहेगी। दूसरे बड़ी खबर के रूप में भारत होटल्स ग्रुप की विदेश में बेनामी संपत्तियों का खुलासा है। कोरोना वायरस और प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई रोकने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार से जुड़ी खबर को भी प्रमुखता मिली है। एंकर में सीमा सुरक्षा बल का दावा है, जिसमें कहा गया है कि सीएए के चलते घुसपैठिये भागने लगे हैं।

आज का ‘किंग’ कौन?

1: लेआउट के लिहाज से आज सभी अख़बारों के फ्रंट पेज अच्छे नजर आ रहे हैं। हिन्दुस्तान और नवभारत टाइम्स ने सीमित जगह में भी अच्छा पेज तैयार किया है।

2: खबरों की प्रस्तुति में पहले नंबर पर दैनिक भास्कर और दूसरे स्थान पर हिन्दुस्तान को रखा जा सकता है।

3: कलात्मक शीर्षक के मामले में बाजी नवभारत टाइम्स ने मारी है। क्रिकेट की खबर हो या पहले पेज की लीड, दोनों में ही अख़बार ने बेहतरीन शीर्षक लगाया है। टीम इंडिया के बल्लेबाज श्रेयस्कर ने जीत में अहम भूमिका निभाई। ऐसे में नवभारत टाइम्स की हेडलाइन ‘न्यूजीलैंड के खिलाफ श्रेयस्कर जीत’ इसी को दर्शाती है। वहीं, वाईफाई पर भाजपा और आप में जुबानी जंग को ‘वाईफाई पर बीजेपी और आप में हाईफाई जंग’ शीर्षक के साथ पाठकों के समक्ष रखा गया है।

आप अपनी राय, सुझाव और खबरें हमें mail2s4m@gmail.com पर भेज सकते हैं या 01204007700 पर संपर्क कर सकते हैं। (हमें फेसबुक,ट्विटर, लिंक्डइन और यूट्यूब पर फॉलो करें)

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

प्रिंट विज्ञापनों के रेट में 26% बढ़ोतरी को सरकार ने दी मंजूरी

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने संसद को बताया कि उसने अखबारों के खर्चों की समीक्षा कर ली है और उनकी लागत बढ़ने को ध्यान में रखते हुए प्रिंट विज्ञापनों के रेट में 26% बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है।

Samachar4media Bureau by
Published - Thursday, 11 December, 2025
Last Modified:
Thursday, 11 December, 2025
MIB541

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बुधवार को संसद को बताया कि उसने अखबारों के खर्चों की समीक्षा कर ली है और उनकी लागत बढ़ने को ध्यान में रखते हुए प्रिंट विज्ञापनों के रेट में 26% बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। मंत्रालय ने कहा कि यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि अखबारों को कागज की कीमत बढ़ने, महंगाई और डिजिटल मीडिया से बढ़ती प्रतिस्पर्धा जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन ने बताया कि 11 नवंबर 2021 को गठित 9वीं रेट स्ट्रक्चर कमेटी ने देशभर के बड़े, मध्यम और छोटे अखबारों से बातचीत की थी। कमेटी ने इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (INS), ऑल इंडिया स्मॉल न्यूजपेपर असोसिएशन (AISNA), और स्मॉल-मीडियम-बिग न्यूजपेपर सोसायटी (SMBNS) जैसे संगठनों के साथ भी लंबी चर्चा की।

कमेटी ने अखबार चलाने की लागत से जुड़े कई मुद्दों की जांच की, जैसे- समाचारपत्र के कागज की कीमतों में तेज बढ़ोतरी, महंगाई का दबाव, छपाई और प्रोडक्शन की बढ़ती लागत, कर्मचारियों के वेतन, और इम्पोर्टेड पेपर के दामों में उतार-चढ़ाव। इन सबको ध्यान में रखते हुए कमेटी ने अपनी सिफारिशें सरकार को भेजीं, जिन्हें सरकार ने पूरी तरह मंजूर कर लिया है।

नए रेट स्ट्रक्चर में कलर विज्ञापनों के लिए प्रीमियम रेट और बेहतर जगह पर विज्ञापन देने जैसी सुविधाएं भी शामिल हैं। सरकार का कहना है कि बढ़ा हुआ राजस्व अखबार उद्योग, खासकर छोटे और क्षेत्रीय प्रकाशनों को मजबूती देगा। इससे स्थानीय खबरों की व्यवस्था मजबूत होगी और मीडिया संस्थानों को कंटेंट पर बेहतर निवेश करने में मदद मिलेगी, जिससे जनता को भी ज्यादा लाभ मिलेगा।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

'BW बिजनेसवर्ल्ड' ने लॉन्च किया डबल स्पेशल एडिशन, टॉप फिट लीडर्स और टॉप मार्केटर्स एक साथ

देश की प्रतिष्ठित मैगजींस में शुमार 'BW बिजनेसवर्ल्ड' ने अपना एक खास डबल स्पेशल एडिशन जारी किया है, जिसमें भारत के दो सबसे प्रभावशाली समूहों को एक साथ जगह दी गई है

Samachar4media Bureau by
Published - Friday, 05 December, 2025
Last Modified:
Friday, 05 December, 2025
BWBusienssworld521

देश की प्रतिष्ठित मैगजींस में शुमार 'BW बिजनेसवर्ल्ड' ने अपना एक खास डबल स्पेशल एडिशन जारी किया है, जिसमें भारत के दो सबसे प्रभावशाली समूहों को एक साथ जगह दी गई है- RightShift Fittest 40 Above 40 और BW Top 100 Marketers 2025. इस एडिशन में उन लीडर्स को दिखाया गया है जो आने वाले दशक में भारत के बिजनेस को नई दिशा दे रहे हैं, चाहे वो अपनी फिटनेस से हो या मार्केटिंग की समझ से।

इस बार RightShift Fittest 40 Above 40 की लिस्ट में लोगों का इतना ज्यादा उत्साह देखने को मिला कि 40 की जगह 45 लीडर्स को चुना गया। ये सभी अलग-अलग सेक्टर्स- कानून, मीडिया, खेल, टेक्नोलॉजी, फाइनेंस और बिजनेस से आते हैं, लेकिन इन सबकी सोच एक है: अच्छा लीडर बनने के लिए फिटनेस भी उतनी ही जरूरी है जितना स्किल।

इसके साथ ही इस एडिशन में BW Top 100 Marketers 2025 की लिस्ट भी शामिल है। इसमें उन मार्केटिंग प्रोफेशनल्स को जगह दी गई है जो AI, डिजिटल बदलाव और नए ग्राहक व्यवहार के दौर में ब्रांड्स को नई ऊंचाई दे रहे हैं। ये मार्केटर्स FMCG, ऑटो, टेक, वेलनेस, फाइनेंस और कई नए सेक्टर्स से हैं।

एडिशन में Lead Fit Forum की चर्चाओं को भी शामिल किया गया है, जहां देश के CEO, फाउंडर्स और सीनियर लीडर्स ने फिटनेस, पोषण, रिकवरी, मेंटल हेल्थ और डिसिप्लिन जैसे मुद्दों पर बात की। अब वेलनेस सिर्फ पर्सनल गोल नहीं, बल्कि कंपनियों की रणनीति का अहम हिस्सा बन रहा है।

यह डबल स्पेशल एडिशन BW Businessworld की उस सोच को आगे बढ़ाता है, जिसमें वह ऐसे लीडर्स को पहचान देता है जो भारत के विकास की अगली कहानी लिख रहे हैं।

BW Businessworld का यह नया एडिशन अब डिजिटल और प्रिंट दोनों फॉर्मेट में उपलब्ध है। 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

'टेलीग्राफ मीडिया ग्रुप' खरीदने की तैयारी में 'डेली मेल' के मालिक, £500 मिलियन में हुई डील

ब्रिटेन के मशहूर टैब्लॉयड डेली मेल के मालिक DMGT ने अमेरिकी और यूएई की साझेदारी वाली कंपनी RedBird IMI के साथ एक बड़ी डील की है।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 25 November, 2025
Last Modified:
Tuesday, 25 November, 2025
DailyMail7845

ब्रिटेन के मशहूर टैब्लॉयड 'डेली मेल' (Daily Mail) के मालिक DMGT ने अमेरिकी और यूएई की साझेदारी वाली कंपनी RedBird IMI के साथ एक बड़ी डील की है। इस डील के तहत DMGT द टेलीग्राफ मीडिया ग्रुप को 500 मिलियन पाउंड (654 मिलियन डॉलर) में खरीदने जा रहा है।

DMGT ने प्रेस रिलीज में बताया कि दोनों कंपनियों के बीच समझौता हो गया है और अब जल्दी ही सभी औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। इस खरीद के बाद DMGT ब्रिटेन के सबसे बड़े दाएं झुकाव वाले मीडिया समूहों में से एक बन सकता है, इसलिए माना जा रहा है कि इस डील की जांच कंपटीशन रेगुलेटर भी करेगा।

पिछली डील रद्द होने के बाद फिर शुरू हुई टेलीग्राफ की कहानी

पिछले हफ्ते ही RedBird Capital ने अचानक टेलीग्राफ खरीदने की अपनी कोशिश छोड़ दी थी। उसके बाद से फिर से अखबार के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बढ़ गई थी। यह अखबार करीब दो साल से बिक्री में अटका हुआ है।

DMGT का कहना है कि नई डील से अखबार के कर्मचारियों को “विश्वास और स्थिरता” मिलेगी। कंपनी का प्लान है कि टेलीग्राफ को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी से बढ़ाया जाए, खासकर अमेरिका में। साथ ही उन्होंने साफ किया कि डेली टेलीग्राफ की एडिटोरियल टीम पूरी तरह स्वतंत्र रहेगी।

सरकार पहले भी इस मुद्दे पर दे चुकी है दखल

RedBird IMI ने 2023 में भी टेलीग्राफ खरीदने की कोशिश की थी, लेकिन ब्रिटिश सरकार ने विदेशी नियंत्रण के खतरे और स्वतंत्रता की आजादी पर असर की आशंका को देखते हुए दखल दिया था। इसके बाद कानून में बदलाव भी किए गए, ताकि विदेशी ताकतें ब्रिटिश अखबारों पर नियंत्रण न कर सकें।

170 साल पुराना अखबार, कई उतार–चढ़ावों के बाद फिर नई शुरुआत

1855 में शुरू हुआ द टेलीग्राफ एक समय “Tory Bible” के नाम से जाना जाता था। 2023 में इसे मालिकाना कर्ज चुकाने के लिए बिक्री पर लगाया गया था। इस पर कई बड़े निवेशकों ने बोली लगाई थी।

अब, मौजूदा डील पर भी सरकार की संस्कृति मंत्री लीसा नैन्डी नजर रखेंगी और सार्वजनिक हित के आधार पर फैसला लेंगी।

DMGT के चेयरमैन जोनाथन हार्म्सवर्थ ने कहा, “मैं लंबे समय से डेली टेलीग्राफ की तारीफ करता आया हूं… यह ब्रिटेन का सबसे बड़ा और सबसे भरोसेमंद अखबार है।” 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

'कश्मीर टाइम्स' के जम्मू ऑफिस पर SIA की रेड, AK राइफल के कारतूस मिलने का दावा

जम्मू-कश्मीर की स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने गुरुवार सुबह जम्मू में 'कश्मीर टाइम्स' के ऑफिस पर छापा मारा।

Samachar4media Bureau by
Published - Friday, 21 November, 2025
Last Modified:
Friday, 21 November, 2025
KashmirTimes8745

जम्मू-कश्मीर की स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने गुरुवार सुबह जम्मू में 'कश्मीर टाइम्स' के ऑफिस पर छापा मारा। यह अखबार कश्मीर का सबसे पुराना इंग्लिश न्यूजपेपर माना जाता है। एजेंसी का आरोप है कि अखबार का 'अलगाववादी और राष्ट्र-विरोधी समूहों के साथ साजिश' में हाथ हो सकता है।

SIA ने दावा किया कि छापे के दौरान ऑफिस से एक रिवॉल्वर, AK-सीरीज के 14 खाली कारतूस, AK की 3 जिंदा गोलियां, 4 फायर की हुई गोलियां, ग्रेनेड के 3 सेफ्टी लीवर और 3 संदिग्ध पिस्टल राउंड मिले हैं।

अखबार की संपादक और मालिक अनुराधा भसीन और उनके पति प्रभोध जमवाल, जो फिलहाल अमेरिका में बताए जा रहे हैं, ने इन छापों की निंदा की। उन्होंने कहा कि सभी आरोप 'निराधार' हैं और यह कार्रवाई 'उन्हें चुप कराने की कोशिश' है।

वहीं, जम्मू-कश्मीर के डिप्टी सीएम सुरिंदर चौधरी ने कहा कि SIA तभी रेड करती है जब किसी मामले में पुख्ता आधार होता है, सिर्फ दबाव बनाने के लिए नहीं। 

यह कार्रवाई उस वक्त हुई है जब कुछ दिन पहले J&K पुलिस ने फरीदाबाद में एक आतंकी मॉड्यूल पकड़ने का दावा किया था। इसमें कश्मीर के कम से कम तीन डॉक्टर गिरफ्तार हुए थे। साथ ही 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार ब्लास्ट में नौ लोगों की मौत का मामला भी जुड़ा है।

यह अखबार अनुराधा भसीन के पिता और वरिष्ठ पत्रकार वेद भसीन ने 1954 में शुरू किया था। कुछ साल पहले इसका जम्मू एडिशन बंद कर दिया गया और अब यह मुख्य रूप से ऑनलाइन चलता है।

SIA के मुताबिक, उन पर ये आरोप लगाए गए हैं कि वे आतंकी और अलगाववादी सोच फैलाने में शामिल हैं। उन पर यह भी आरोप है कि वे भड़काऊ, गढ़ी हुई और झूठी खबरें चला रहे थे, जिससे घाटी के युवाओं को गलत दिशा में ले जाया जा सकता था। एजेंसी का कहना है कि उनका काम लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी और अलगाव की भावना बढ़ा रहा था, जिससे शांति और कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती थी। इसके अलावा SIA का आरोप है कि उनकी रिपोर्टिंग और डिजिटल कंटेंट भारत की संप्रभुता और अखंडता को चुनौती देने जैसा था।

छापे के दौरान SIA टीम ने ऑफिस और संपादक के घर में दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और दूसरी सामग्री की भी जांच की। अधिकारियों का कहना है कि जांच के तहत अनुराधा भसीन से पूछताछ भी की जा सकती है।
एजेंसी के मुताबिक यह कार्रवाई उन नेटवर्क्स के खिलाफ है जो कथित तौर पर अलगाववादी नैरेटिव या अवैध प्रचार में शामिल हैं।

अपने बयान में अनुराधा और जमवाल ने कहा कि यह सब 'डराने और चुप कराने की कोशिश' है। उन्होंने सरकार से 'उत्पीड़न बंद करने और प्रेस की आजादी का सम्मान करने' की मांग की।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

सरकार ने प्रिंट मीडिया में विज्ञापन की दरें 26 फीसदी बढ़ाईं

सरकार ने प्रिंट मीडिया यानी अखबारों के विज्ञापन की दरों में 26 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया है।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 18 November, 2025
Last Modified:
Tuesday, 18 November, 2025
Print

सरकार ने प्रिंट मीडिया में विज्ञापन की दरों को 26 फीसदी बढ़ाने का फैसला किया है। अब ब्लैक-एंड-व्हाइट विज्ञापन के लिए एक लाख कॉपी वाले अखबारों में प्रति वर्ग सेंटीमीटर के लिए दरें 47.40 रुपये से बढ़ाकर 59.68 रुपये कर दी गई हैं।

सरकार ने समिति की उन सिफारिशों को भी मंजूर कर लिया है, जिनमें कलर विज्ञापनों के लिए प्रीमियम दरें और खास जगह पर विज्ञापन देने जैसी सुविधाएं शामिल हैं।

प्रिंट मीडिया के विज्ञापन रेट इससे पहले 9 जनवरी 2019 को बदले गए थे। यह रेट तब 8th रेट स्ट्रक्चर कमेटी (RSC) की सिफारिशों पर आधारित थे और तीन साल के लिए लागू किए गए थे।

सरकार का कहना है कि विज्ञापन रेट बढ़ाने से कई फायदे होंगे। बढ़े हुए रेट से प्रिंट मीडिया को जरूरी आर्थिक मदद मिलेगी, खासकर तब जब डिजिटल और अन्य प्लेटफॉर्म्स से कड़ी टक्कर मिल रही है और पिछले कुछ सालों में लागत भी काफी बढ़ी है।

इस अतिरिक्त आमदनी से अखबार अपने कामकाज को बेहतर तरीके से चला सकेंगे, अच्छी पत्रकारिता बनाए रख सकेंगे और स्थानीय खबरों को समर्थन मिलेगा। आर्थिक रूप से मजबूत होने पर वे बेहतर कंटेंट तैयार कर पाएंगे, जिससे पाठकों को फायदा होगा।

सरकार का यह कदम बदलते मीडिया माहौल के हिसाब से भी है। प्रिंट मीडिया की अहमियत को मानते हुए सरकार चाहती है कि उसकी सूचनाएँ अलग-अलग माध्यमों के जरिए ज्यादा प्रभावी तरीके से जनता तक पहुंचें। 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

‘अमर उजाला’ की टीम में फिर शामिल हुए युवा पत्रकार केशव मिश्रा

केशव मिश्रा इससे पहले करीब छह साल से अधिक नवभारत टाइम्स‘’ (Navbharat Times) में बतौर सीनियर सब एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

Samachar4media Bureau by
Published - Thursday, 06 November, 2025
Last Modified:
Thursday, 06 November, 2025
Keshaw Mishra

युवा पत्रकार केशव मिश्रा एक बार फिर ‘अमर उजाला’ (Amar Ujala) की टीम में शामिल हो गए हैं। उन्होंने नोएडा में चीफ सब एडिटर के पद पर जॉइन किया है। बता दें कि ‘अमर उजाला’ समूह के साथ केशव मिश्रा की यह दूसरी पारी है।

केशव मिश्रा इससे पहले करीब छह साल से अधिक नवभारत टाइम्स‘’ (Navbharat Times) में बतौर सीनियर सब एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। उन्होंने 'दैनिक जागरण', नोएडा में सब एडिटर के तौर पर डेस्क पर करीब दो साल तक अपनी जिम्मेदारी निभाने के बाद ‘नवभारत टाइम्स’ जॉइन किया था।

केशव मिश्रा ने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत इलाहाबाद (अब प्रयागराज) से बतौर रिपोर्टर की थी। इसके बाद उन्होंने आगरा में ‘द सी एक्सप्रेस अखबार’ का दामन थाम लिया। यहां सब एडिटर के तौर पर उन्होंने करीब दो साल (नवंबर 2011-अगस्त 2013) तक अपनी सेवाएं दीं।

इसके बाद यहां से अपनी पारी को विराम देकर केशव मिश्रा 'दैनिक भास्कर' बठिंडा से जुड़ गए। इस अखबार से वह करीब दो साल (सितंबर 2013-मार्च 2015) तक जुड़े रहे और फिर 'अमर उजाला', रोहतक के साथ नई पारी शुरू कर दी।

जुलाई 2017 तक 'अमर उजाला' में काम करने के बाद केशव मिश्रा ने अगस्त 2017 में 'दैनिक जागरण' नोएडा में अपनी नई पारी का आगाज किया था और फिर यहां से वर्ष 2019 को बाय बोलकर वह ‘नवभारत टाइम्स’ आ गए थे, जहां से अपनी पारी को विराम देकर अब वह फिर से ‘अमर उजाला’ की टीम में शामिल हो गए हैं।

मूलरूप से प्रयागराज के रहने वाले केशव मिश्रा ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। समाचार4मीडिया की ओर से केशव मिश्रा को नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं। 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

‘दैनिक भास्कर’ ने धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया पर जताया और भरोसा, अब सौंपी यह जिम्मेदारी

धर्मेन्द्र सिंह वर्ष 2011 से लगातार इस अखबार के साथ जुड़े हुए हैं। वह करीब ढाई साल से बतौर एडिटर, हरियाणा के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 04 November, 2025
Last Modified:
Tuesday, 04 November, 2025
DharmendraSingh78451

‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) समूह ने वरिष्ठ पत्रकार धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया पर और अधिक भरोसा जताते हुए उन्हें अब और बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। इसके तहत उन्हें नेशनल पॉलिटिकल एडिटर के पद पर प्रमोट किया गया है। साथ ही वह नेशनल ब्यूरो हेड के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे। वह दिल्ली से अपना कामकाज संभालेंगे।

बता दें कि ‘दैनिक भास्कर’ समूह ने करीब ढाई साल पहले भी धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया को प्रमोट कर एडिटर, हरियाणा के पद पर नियुक्त किया था। उससे पहले धर्मेन्द्र सिंह वर्ष 2021 से ग्वालियर में बतौर रेजिडेंट एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। वह दिल्ली में दैनिक भास्कर के नेशनल ब्यूरो में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं। वह वर्ष 2011 से लगातार इस अखबार के साथ जुड़े हुए हैं।

मूल रूप से भिंड (मध्य प्रदेश) के रहने वाले धर्मेन्द्र सिंह को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का दो दशक से ज्यादा का अनुभव है। पत्रकारिता में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने वर्ष 2005 में ‘अमर उजाला’ मेरठ से की थी। इसके बाद वह इसी अखबार में नोएडा आ गए और बिजनेस पेज ‘कारोबार’ की कमान संभालने लगे। वर्ष 2008 में वह दैनिक भास्कर आ गए और इस समूह के बिजनेस अखबार ‘बिजनेस भास्कर’ में कॉरपोरेट इंचार्ज के तौर पर दिल्ली में अपनी पारी शुरू कर दी। यहां से उन्हें बिजनेस भास्कर का मध्य प्रदेश/छत्तीसगढ़ का प्रिंसिपल करेसपॉन्डेंट/ब्यूरो हेड बनाकर भोपाल भेज दिया गया।

इसके बाद उन्होंने यहां से बाय बोलकर ‘राजस्थान पत्रिका’ के समाचार पत्र ‘पत्रिका’ ग्वालियर में सिटी चीफ के रूप में अपनी नई पारी शुरू कर दी। हालांकि, यहां वह करीब एक साल तक ही कार्यरत रहे और वर्ष 2011 में फिर से ‘बिजनेस भास्कर’ लौट आए। करीब दो साल बाद इसी अखबार में इंदौर चले गए और फिर वर्ष 2014 में नेशनल आइडिएशन न्यूज रूम में ‘आ गए और वर्ष 2020 तक राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय खबरों पर काम किया। इसके बाद वह दिल्ली में दैनिक भास्कर के नेशनल ब्यूरो में आ गए और फिर कुछ समय बाद वर्ष 2021 में उन्होंने रेजिडेंट एडिटर के तौर पर ग्वालियर की जिम्मेदारी संभाली। इसके बाद अप्रैल 2023 में समूह ने उन्हें एडिटर (हरियाणा) की जिम्मेदारी सौंपी थी और अब उन्हें नेशनल पॉलिटिकल एडिटर के पद पर प्रमोट किया गया है।

वर्ष 2014 से अप्रैल तक सात वर्ष में उन्होंने ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए राष्ट्रीय स्तर पर देश के विभिन्न हिस्सों के साथ ही विदेश यात्राएं भी कीं। इसमें वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले की ‘महाभारत-2019 भारत यात्रा’ के अलावा कोरोना काल के दौरान जून 2020 से अगस्त 2020 तक ‘कोरोना काल, देश का आंखों देखा हाल’ (उत्तर प्रदेश-बिहार की यात्रा) प्रमुख रहीं।

पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया ने भोपाल स्थित ‘माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय‘ से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। समाचार4मीडिया की ओर से धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया को ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

पुलिस जांच के चलते पंजाब में अखबार वितरण प्रभावित, विपक्ष ने प्रेस सेंसरशिप का आरोप लगाया

चंडीगढ़ प्रेस क्लब ने भी इस कार्रवाई की निंदा की और इसे “सूचना के मुक्त प्रवाह में बाधा डालने की कोशिश” बताया।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 03 November, 2025
Last Modified:
Monday, 03 November, 2025
Newspapers7845

रविवार सुबह पंजाब के कई हिस्सों में अखबार समय पर नहीं पहुंच पाए। इसका कारण पुलिस द्वारा किए गए वाहन जांच अभियान को बताया जा रहा है, जिसमें खासकर वाणिज्यिक वाहन निशाने पर थे। होशियारपुर और जालंधर जिलों में डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर तक वाहन लगभग सुबह 7:30 बजे पहुंचे, जिससे पाठकों तक अखबार देर से पहुंचे। कई डिलीवरी ड्राइवरों ने बताया कि उन्हें अखबार के बंडल उतरवाकर जांच के लिए देना पड़ा।

लुधियाना के सिविल लाइंस, मॉडल टाउन, दुगरी और सराभा नगर इलाकों में अखबार 8:30 बजे तक पहुंचे। एक डिस्ट्रीब्यूटर ने कहा, “रविवार को पहले ही डिलीवरी का बोझ ज्यादा होता है, आज की जांच ने और देरी कर दी।”
अमृतसर में भी डिस्ट्रीब्यूटर्स ने देरी की शिकायत की। एक निवासी, लक्षविंदर सिंह ने बताया कि उनके तीन अखबारों में से केवल एक ही देर से पहुंचा, क्योंकि सप्लाई वाहन पुलिस जांच के लिए रोके गए थे।

इस घटना पर विपक्षी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी। प्रताप सिंह बाजवा ने इसे “पत्रकारिता पर हमला” करार दिया। उन्होंने कहा, “जिस मीडिया ने AAP को बनाया, वही अब इसे परेशान कर रही है।”

पंजाब बीजेपी अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने कहा कि कई जगह अखबार वाहन रोके गए और केवल पुलिस जांच के बाद ही आगे बढ़ने दिए गए। उन्होंने कहा, “इमरजेंसी के बाद पहली बार मीडिया को डराने और दबाने की कोशिश की गई है।”

कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वल्लिंग ने सरकार से स्पष्टीकरण मांगा और इसे “पत्रकारिता की स्वतंत्रता के लिए गंभीर मामला” बताया। कांग्रेस विधायक परगट सिंह ने कहा कि यह अभियान अरविंद केजरीवाल के चंडीगढ़ सरकारी बंगले में ठहरने की खबरों को दबाने के लिए किया गया।

शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि सरकार अखबारों पर इसलिए निशाना साध रही है क्योंकि कोई उनके खिलाफ रिपोर्ट न लिखे।

पंजाब पुलिस के प्रवक्ता ने कहा कि यह वाहन जांच सुरक्षा उपायों के तहत की गई थी। उन्होंने बताया कि पंजाब एक संवेदनशील सीमा राज्य है और पाकिस्तान की ISI ड्रोन और अन्य वाहनों के जरिए अवैध सामान, हथियार और विस्फोटक भेजने की कोशिश करती है। ऐसे में सुरक्षा बढ़ाने के लिए जांच जरूरी है। पुलिस ने कहा कि जनता को कम से कम परेशानी हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा, लेकिन सख्त सुरक्षा व्यवस्था जरूरी है।

चंडीगढ़ प्रेस क्लब ने भी इस कार्रवाई की निंदा की और इसे “सूचना के मुक्त प्रवाह में बाधा डालने की कोशिश” बताया। क्लब ने पंजाब सरकार से कहा कि अखबार वितरण में कोई रुकावट न हो और प्रेस की स्वतंत्रता सुनिश्चित की जाए।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

तमिलनाडु न्यूजप्रिंट एंड पेपर्स लिमिटेड में थिरू मैथ्यू थॉमस बन सकते हैं स्वतंत्र निदेशक

तमिलनाडु न्यूजप्रिंट एंड पेपर्स लिमिटेड (TNPL) ने हाल ही में हुई अपनी बोर्ड मीटिंग में दूसरी तिमाही और छमाही के वित्तीय नतीजों की समीक्षा के साथ कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।

Vikas Saxena by
Published - Friday, 31 October, 2025
Last Modified:
Friday, 31 October, 2025
TNPL4751

तमिलनाडु न्यूजप्रिंट एंड पेपर्स लिमिटेड (TNPL) ने हाल ही में हुई अपनी बोर्ड मीटिंग में दूसरी तिमाही और छमाही के वित्तीय नतीजों की समीक्षा के साथ कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।

कंपनी ने बताया कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की इस बैठक में थिरू मैथ्यू थॉमस को स्वतंत्र निदेशक (Independent Director) के रूप में नियुक्त की घोषणा की गई है। उनका कार्यकाल 27 अक्टूबर 2025 से 26 अक्टूबर 2028 तक रहेगा। यह नियुक्ति कंपनी के शेयरधारकों की मंजूरी के अधीन होगी।

कंपनी ने कहा कि थिरू मैथ्यू थॉमस के पास कॉर्पोरेट गवर्नेंस और प्रबंधन का लंबा अनुभव है और उनके जुड़ने से बोर्ड की विशेषज्ञता और निर्णय क्षमता और मजबूत होगी।

TNPL ने यह भी स्पष्ट किया कि थिरू मैथ्यू थॉमस किसी भी नियामक संस्था जैसे सेबी (SEBI) या अन्य किसी प्राधिकरण द्वारा निदेशक पद संभालने से प्रतिबंधित नहीं हैं। साथ ही, वे कंपनी के किसी अन्य निदेशक से पारिवारिक या व्यावसायिक रूप से जुड़े नहीं हैं और उनके पास TNPL के कोई शेयर नहीं हैं।

शेयरधारकों से उनकी नियुक्ति के लिए सहमति प्राप्त करने के उद्देश्य से कंपनी ने पोस्टल बैलेट की प्रक्रिया शुरू करने का फैसला भी किया है। जिन लोगों के पास 24 अक्टूबर 2025 तक कंपनी के शेयर दर्ज होंगे, सिर्फ वही लोग इस प्रस्ताव (resolution) पर मतदान कर सकेंगे।

पोस्टल बैलेट प्रक्रिया की निगरानी के लिए आर. श्रीधरन एंड एसोसिएट्स के कंपनी सेक्रेटरी आर. श्रीधरन को स्क्रूटिनाइजर नियुक्त किया गया है। मतदान प्रक्रिया सीडीएसएल (Central Depository Services Limited) के ई-वोटिंग प्लेटफॉर्म के जरिए पूरी की जाएगी।

कंपनी ने बताया कि परिणामों की घोषणा के बाद उन्हें नियमानुसार अखबारों में प्रकाशित किया जाएगा।  

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उठा स्थानीय अखबारों को सरकारी विज्ञापन न मिलने का मुद्दा

नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक तनवीर सादिक ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में स्थानीय अखबारों और अन्य मीडिया संस्थानों को सरकारी विज्ञापन न दिए जाने का मुद्दा उठाया।

Samachar4media Bureau by
Published - Thursday, 30 October, 2025
Last Modified:
Thursday, 30 October, 2025
Tanvir757

नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक तनवीर सादिक ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा में स्थानीय अखबारों और अन्य मीडिया संस्थानों को सरकारी विज्ञापन न दिए जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर कई सालों से इन प्रकाशनों को विज्ञापन क्यों नहीं मिल रहे हैं।

विधानसभा की कार्यवाही के दौरान बोलते हुए सादिक ने कहा, “अब तक मीडिया संस्थानों को राज्य सरकार की तरफ से कोई विज्ञापन नहीं दिया गया है। क्या सरकार इन्हें ‘देशविरोधी’ मानती है, या फिर इसके पीछे कोई और वजह है?”

उन्होंने आगे कहा, “यदि ये देशविरोधी हैं तो इन्हें बंद कर दीजिए, लेकिन यदि नहीं हैं तो फिर इन्हें भी बाकी अखबारों की तरह विज्ञापन मिलने चाहिए।”

सादिक ने कहा कि निष्पक्षता का तकाजा है कि हर अखबार को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए। उन्होंने कहा, “कलम को इतनी आजादी तो मिलनी ही चाहिए कि उसे रोका न जाए।”

नेशनल कॉन्फ्रेंस विधायक ने सरकार से अपील की कि वह सदन को बताए कि पिछले पांच, छह या सात सालों से कुछ अखबारों को विज्ञापन क्यों नहीं दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्र मीडिया के लिए जरूरी है कि उसे अपना काम जारी रखने के लिए पर्याप्त समर्थन मिले।

सादिक ने कहा, “जब उनकी कलम मजबूत होगी, तभी वे हमारे खिलाफ या किसी और के खिलाफ लिख पाएंगे, लेकिन लिखने में रुकावट नहीं होनी चाहिए।”

उनका यह बयान विधानसभा में मौजूद सदस्यों का ध्यान इस ओर खींचने में कामयाब रहा कि स्थानीय मीडिया संस्थान कई वर्षों से सरकारी विज्ञापनों से वंचित हैं, जिससे उनके अस्तित्व पर असर पड़ रहा है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए