ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि अखबारों के फ्रंट पेज पर एक ही खबर लगातार कई दिनों तक लीड लगती रहे
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नीरज नैयर
ऐसा कम ही देखने को मिलता है कि अखबारों के फ्रंट पेज पर एक ही खबर लगातार कई दिनों तक लीड लगती रहे, लेकिन कोरोना के खौफ के साथ ऐसा हो रहा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि स्थिति कितनी नाजुक है।
आज सबसे पहले बात करते हैं नवभारत टाइम्स की, जहां विज्ञापनों के मामले में हालात कल जैसे ही हैं। फ्रंट पेज पर आधा पेज विज्ञापन है और खबर के रूप में केवल कोरोना का खौफ मौजूद है। समाचार की शुरुआत विदेशों में फंसे भारतीयों से हुई है। साथ ही देश की स्थिति, पीएम के आज होने वाले राष्ट्र के नाम संबोधन और परीक्षाओं के टलने के बारे में भी पाठकों को बताया गया है। इसके अतिरिक्त संक्षिप्त में चार सिंगल समाचार हैं। जिनमें ‘यस बैंक से हटी पाबंदियां, टेलिकॉम कंपनियों पर कोर्ट की सख्ती और मध्यप्रदेश का सियासी संकट’ प्रमुख हैं।

दूसरे नंबर पर आज रुख करते हैं दैनिक जागरण का। यहां भी हालात कल जैसे ही हैं यानी फ्रंट पेज पर दो बड़े विज्ञापन हैं। आज भी पेज एक तरह से कोरोना के खौफ के नाम समर्पित है। लीड खबर को वायरस से निपटने के लिए सरकार की तैयारियों से उठाया गया है।
पास ही दो कॉलम में दिल्ली, गुरुग्राम और नोएडा में मिले नए मरीजों का जिक्र है और नीचे नीलू रंजन की बाईलाइन है। उन्होंने बताया है कि कोरोना का प्रकोप खत्म होने में एक तिमाही से अधिक का समय लग सकता है। इसके अलावा संक्षिप्त में चार खबरों को स्थान मिला है।

वहीं, हिन्दुस्तान की बात करें तो फ्रंट पेज पर विज्ञापन यहां भी भरपूर हैं। लीड बाकी अखबारों की तरह कोरोना है, लेकिन इसे देश की रफ्तार से जोड़कर उठाया गया है। ‘कोरोना ने देश के पैर थामे’ शीर्षक के साथ यह बताने का प्रयास किया गया है कि वायरस किस तरह देश की रफ्तार को प्रभावित कर रहा है।
इसके अलावा, ‘खौफ’ और ‘अफरातफरी’ बयां करतीं दो खबरों को प्रमुखता से लीड के हिस्से के रूप में पेश किया गया है। मसलन, दिल्ली में संक्रमित मरीज सातवीं मंजिल से कूदा और इलाज करा रहे व्यक्ति ने भागने का प्रयास किया। मदन जैड़ा की बाईलाइन को भी पेज पर जगह मिली है। उन्होंने विशेषज्ञों के हवाले से बताया है कि भारत में यूरोप जैसे हालात पैदा नहीं होंगे। इसके अलावा, पेज पर तीन सिंगल समाचार हैं, जिनमें यस बैंक से हटी पाबंदी और निर्भया के दोषियों की चालबाजी प्रमुख है।

अब बारी आती है अमर उजाला की। फ्रंट पेज पर विज्ञापन तो हैं, लेकिन कल से कम। लिहाजा ज्यादा खबरों की गुंजाइश बन सकी है। पेज की शुरुआत टॉप बॉक्स में सुप्रीम कोर्ट से जुड़े दो समाचारों से हुई है। पहला, मध्यप्रदेश के सियासी संग्राम से संबंधित है और दूसरा मणिपुर से। मध्यप्रदेश विधानसभा के स्पीकर से कोर्ट ने पूछा है कि वे विधायकों के इस्तीफे पर फैसला कब लेंगे? वहीं मणिपुर के वनमंत्री को अदालत ने पद से हटाने का आदेश दिया है। यह आदेश स्पीकर द्वारा मंत्री को अयोग्य ठहराने संबंधी आवेदन पर निर्णय न लेने के चलते दिया गया। लिहाजा यह एक संकेत है कि मध्यप्रदेश के बारे में भी ऐसा कुछ हो सकता है।
लीड कोरोना का खौफ है, जिसे सीबीएसई-जेईई सहित सभी परीक्षाओं के टलने से उठाया गया है। टेलिकॉम कंपनियों पर कोर्ट की सख्ती को अखबार ने पर्याप्त जगह दी है। इसके अलावा, कलकत्ता हाई कोर्ट के एक फैसले को सिंगल में रखा गया है, जिसके तहत नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ रैली में भाग लेने वाले पोलैंड के छात्र को अब भारत नहीं छोड़ना होगा। एंकर में तेजस लड़ाकू विमानों की खरीद के बारे में बताया गया है। सेंसेक्स में गिरावट को अखबार ने अलग से सिंगल में रखा है, जबकि यस बैंक से हटी पाबंदियों सहित कुछ अन्य समाचार संक्षिप्त में हैं।

सबसे आखिर में आज रुख करते हैं राजस्थान पत्रिका का। फ्रंट पेज की शुरुआत गुलाब कोठारी की संपादकीय से हुई है। लीड कोरोना का खौफ है, लेकिन खबर को सबसे अलग विशेषज्ञों की राय से उठाया गया है। साथ ही कोरोना से जुड़ी अन्य खबरें भी लीड का हिस्सा हैं। वहीं, मध्यप्रदेश के सियासी संग्राम और टेलिकॉम कंपनियों पर कोर्ट की सख्ती भी प्रमुखता के साथ पेज पर है।
निर्भया के दोषियों की चालबाजी के साथ ही सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे विडियो के बारे में भी अखबार ने पाठकों को बताया है। विडियो में दिखाया गया था कि कोरोना की दहशत के बीच दिल्ली हवाईअड्डे पर यात्री हंगामा मचा रहे हैं। हालांकि एयरपोर्ट अथॉरिटी ने स्पष्ट किया है कि वायरल विडियो पुराना है। एंकर में ‘हाथ धोने’ की खोज से जुड़ा रोचक समाचार है।

आज का ‘किंग’ कौन?
1: लेआउट के मामले में आज राजस्थान पत्रिका का फ्रंट पेज काफी संतुलित एवं आकर्षक दिखाई दे रहा है। वैसे, बाकी अखबारों के पास विज्ञापनों के चलते ज्यादा कुछ करने की गुंजाइश भी नहीं थी।
2: खबरों की प्रस्तुति की जहां तक बात है तो आज हिन्दुस्तान ने बाजी मारी है। अमर उजाला को दूसरे नंबर पर रखा जा सकता है।
3: शीर्षक को कलात्मक बनाने में आज नवभारत टाइम्स अव्वल है। अखबार ने लीड का शीर्षक ‘भारतीयों को-रोना पड़ रहा विदेश में’ रखा है, जिसमें कोरोना का जिक्र अपने आप हो जाता है।
4: खबरों के मामले में अमर उजाला ने सबको पीछे छोड़ दिया है। अखबार ने मणिपुर के मंत्री को हटाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को फ्रंट पेज पर प्रमुखता से लगाया है। अन्य अखबारों से इस मामले में चूक हो गई है। हालांकि, दैनिक जागरण ने जरूर इसे संक्षिप्त में जगह दी है।
सरकार पारंपरिक यानी अखबार, रेडियो और टीवी जैसे मीडिया माध्यमों को नई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से हो रहे असर से बचाने के लिए कई कदम उठाने की तैयारी कर रही है।
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Samachar4media Bureau
सरकार पारंपरिक यानी अखबार, रेडियो और टीवी जैसे मीडिया माध्यमों को नई डिजिटल प्लेटफॉर्म्स से हो रहे असर से बचाने के लिए कई कदम उठाने की तैयारी कर रही है। न्यूज एजेंसी एएनआई (ANI) के मुताबिक, सरकार इस दिशा में बड़े सुधारों पर काम कर रही है ताकि पारंपरिक मीडिया का संतुलन बना रहे।
प्रिंट मीडिया के लिए बढ़ेंगी विज्ञापन दरें
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार प्रिंट मीडिया के लिए विज्ञापन दरों में 26 फीसदी की बढ़ोतरी करने जा रही है। इस बढ़ोतरी का आधिकारिक नोटिफिकेशन 15 नवंबर के बाद जारी किया जाएगा। इससे अखबारों और पत्रिकाओं को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है, क्योंकि डिजिटल मीडिया के बढ़ते प्रभाव से इनकी आमदनी पर असर पड़ा है।
डिजिटल शिफ्ट से प्रभावित हो रही आजीविका
न्यूजल एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि पारंपरिक मीडिया का तेजी से डिजिटल फॉर्मेट में बदलना कई लोगों की आजीविका पर असर डाल रहा है, खासकर उन कर्मचारियों पर जो लंबे समय से प्रिंट सेक्टर में काम कर रहे हैं।
रेडियो के लिए हटेंगे नियमों के बंधन
रेडियो क्षेत्र में भी सरकार विकास की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए मौजूदा नियमों में ढील देने पर विचार कर रही है। फिलहाल कई तरह की रेगुलेटरी पाबंदियों के कारण यह सेक्टर अपनी पूरी क्षमता से नहीं बढ़ पा रहा है।
टीवी रेटिंग सिस्टम में सुधार की तैयारी
टीवी चैनलों के लिए सरकार रेटिंग सिस्टम में आ रही गड़बड़ियों को दूर करने पर भी काम कर रही है। न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ऐसा सिस्टम बनाना चाहती है जो सभी चैनलों को बराबरी का मौका दे।
डीटीएच सेक्टर में भी सुधार की योजना
इसके साथ ही डीटीएच (डायरेक्ट टू होम) सेक्टर में भी सुधार की तैयारी चल रही है ताकि ‘फ्री डिश’ सेवाओं की पहुंच बढ़ाई जा सके और उनकी लागत कम की जा सके।
रेटिंग सुधार पर परामर्श पत्र तैयार
सूत्रों ने पुष्टि की है कि रेटिंग सुधारों को लेकर एक परामर्श पत्र (consultation paper) पहले ही तैयार किया जा चुका है। यह कदम सरकार के उस बड़े उद्देश्य का हिस्सा है, जिसके तहत वह पारंपरिक मीडिया को स्थिर करने और उसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के मुकाबले प्रतिस्पर्धी बनाए रखने की दिशा में काम कर रही है।
बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग ने मंगलवार को नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
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Samachar4media Bureau
बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों के दौरान स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए चुनाव आयोग ने मंगलवार को नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत कहा गया है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी, उम्मीदवार, संगठन या व्यक्ति मतदान के दिन और उससे एक दिन पहले प्रिंट मीडिया में विज्ञापन नहीं छाप सकता, जब तक उसकी सामग्री राज्य या जिला स्तर की मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (MCMC) से पहले प्रमाणित न हो।
बिहार के चुनावों के लिए यह नियम चरण-I में 5 और 6 नवंबर, 2025 और चरण-II में 10 और 11 नवंबर, 2025 को लागू रहेगा। चुनाव आयोग ने बिहार विधान सभा के आम चुनाव और आठ विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनावों के लिए मतदान की तारीखें 6 और 11 नवंबर, 2025 तय की हैं।
जो लोग प्रिंट मीडिया में राजनीतिक विज्ञापन प्रकाशित करना चाहते हैं, उन्हें दो दिन पहले MCMC में आवेदन करना होगा। इस प्रक्रिया को सरल और त्वरित बनाने के लिए राज्य और जिला स्तर पर MCMC सक्रिय कर दी गई है, ताकि विज्ञापनों की समीक्षा और प्रमाणन शीघ्रता से किया जा सके।
चुनाव आयोग का कहना है कि यह कदम सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को समान अवसर देने और मतदान से ठीक पहले मतदाताओं पर अनियंत्रित प्रभाव डालने से बचाने के लिए उठाया गया है।
इसके अलावा, बिहार विधानसभा चुनाव की निगरानी के लिए चुनाव आयोग ने पहले ही सेंट्रल पर्यवेक्षक, सामान्य और पुलिस पर्यवेक्षक तैनात कर दिए हैं। पहले चरण के लिए 121 सामान्य और 18 पुलिस पर्यवेक्षक, दूसरे चरण के लिए 122 सामान्य और 20 पुलिस पर्यवेक्षक तैनात किए गए हैं। आठ उपचुनाव क्षेत्रों के लिए भी 8 सामान्य और 8 पुलिस पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार, पर्यवेक्षकों को पूरी चुनाव प्रक्रिया की निगरानी, पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्हें यह भी सुनिश्चित करना है कि राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और मतदाताओं की शिकायतों का समाधान समय पर हो और मतदान केंद्रों पर सुविधाएं पूरी तरह उपलब्ध हों।
इस तरह चुनाव आयोग बिहार में चुनाव प्रक्रिया को स्वच्छ, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखने के लिए हर स्तर पर सक्रिय है।
‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) की पब्लिशिंग कंपनी डी.बी. कॉर्प लिमिटेड (D.B. Corp Limited) ने 30 सितंबर 2025 को समाप्त वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही (Q2 FY26) के नतीजे घोषित कर दिए हैं। इ
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‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) की पब्लिशिंग कंपनी डी.बी. कॉर्प लिमिटेड (D.B. Corp Limited) ने 30 सितंबर 2025 को समाप्त वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही (Q2 FY26) के नतीजे घोषित कर दिए हैं। इन नतीजों के अनुसार, कंपनी ने इस तिमाही में 13% सालाना बढ़त के साथ 93.5 करोड़ रुपये का समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया है।
पिछले साल इसी अवधि में कंपनी का मुनाफा 82.6 करोड़ रुपये था। यह वृद्धि मजबूत विज्ञापन आय और बेहतर संचालन के चलते दर्ज की गई है। हालांकि लागत में दबाव और विदेशी मुद्रा (फॉरेक्स) नुकसान का असर भी रहा। तिमाही-दर-तिमाही तुलना में कंपनी का मुनाफा 15.6 प्रतिशत बढ़ा है।
इन नतीजों के अनुसार, कंपनी की विज्ञापन आय सालाना आधार पर करीब 12 प्रतिशत बढ़कर 447.8 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल की समान तिमाही में 401.4 करोड़ रुपये थी। त्योहारों के प्रारंभिक प्रभाव को छोड़ दें तो विज्ञापन रेवेन्यू में ‘हाई सिंगल डिजिट’ ग्रोथ रही।
पिछली तिमाही की तुलना में भी विज्ञापन आय करीब 13 प्रतिशत बढ़ी, जो विज्ञापनदाताओं के सकारात्मक रुख को दर्शाती है। इस दौरान कुल राजस्व में 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई और यह 582.5 करोड़ रुपये से बढ़कर 634.7 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। वहीं, सर्कुलेशन (अखबार बिक्री) रेवेन्यू 3 प्रतिशत बढ़कर 120.8 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल 117.5 करोड़ रुपये था।
कंपनी का EBIDTA (Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation and Amortization) 10 प्रतिशत बढ़कर 158.4 करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो पिछले साल 144.2 करोड़ रुपये था। इसमें 0.9 करोड़ रुपये के फॉरेक्स नुकसान का समायोजन किया गया है। कंपनी ने बेहतर लागत प्रबंधन के जरिये अच्छे मार्जिन बनाए रखे। फॉरेक्स नुकसान 1.5 करोड़ रुपये घटाने के बाद शुद्ध लाभ 93.5 करोड़ रुपये रहा, जो लगातार लाभप्रदता को दर्शाता है।
रेडियो सेगमेंट में कंपनी की विज्ञापन आय 4 प्रतिशत बढ़कर 43 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल 41.4 करोड़ रुपये थी। हालांकि, इस सेगमेंट का EBIDTA मामूली गिरावट के साथ 13 करोड़ रुपये रहा, जबकि पिछले साल यह 13.2 करोड़ रुपये था।
वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली छमाही (H1 FY26) में डी.बी. कॉर्प का कुल रेवेन्यू 1,221.9 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 1,198.8 करोड़ रुपये से 2 प्रतिशत अधिक है।
विज्ञापन रेवेन्यू 845.5 करोड़ रुपये रहा, जो 2 प्रतिशत की बढ़त दर्शाता है, जबकि सर्कुलेशन आय 241.1 करोड़ रुपये रही, इसमें भी 2 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई। इस दौरान कंपनी का EBIDTA 296.8 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल 335.1 करोड़ रुपये था। यानी लागत दबाव का असर दिखा।
फॉरेक्स नुकसान 1.75 करोड़ रुपये घटाने के बाद कंपनी का शुद्ध लाभ 174.3 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की तुलना में 200.4 करोड़ रुपये से कम है।
रेडियो कारोबार में, पहली छमाही में विज्ञापन आय 2.5 प्रतिशत बढ़कर 82.2 करोड़ रुपये रही, जो पिछले साल 80.2 करोड़ रुपये थी। हालांकि, EBIDTA 24.5 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के 26.4 करोड़ रुपये से थोड़ा कम है।
डी.बी. कॉर्प ने कहा कि उसका प्रदर्शन विज्ञापन और सर्कुलेशन रेवेन्यू में स्थिर सुधार को दर्शाता है, जिसे त्योहारी मांग और क्षेत्रीय बाजारों में उपभोग में मजबूती से समर्थन मिला है। हालांकि कंपनी ने यह भी माना कि डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का बढ़ता उपयोग और लागत में बढ़ोतरी अभी भी प्रिंट मीडिया सेक्टर को प्रभावित कर रहे हैं।
दिल्ली स्थित कॉन्सीट्यूशन क्लब के स्पीकर हॉल में इस पुस्तक का विमोचन देश के वरिष्ठ विचारक और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) के अध्यक्ष रामबहादुर राय करेंगे।
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वरिष्ठ पत्रकार अमरेन्द्र कुमार की नवप्रकाशित पुस्तक ‘नीले आकाश का सच (बिहार और झारखंड के अनसुने किस्से)’ का लोकार्पण बुधवार 15 अक्टूबर 2025 को किया जाएगा। यह कार्यक्रम दिल्ली में रफी मार्ग स्थित कॉन्सीट्यूशन क्लब के स्पीकर हॉल में शाम 4 बजे आयोजित होगा।
इस पुस्तक का विमोचन देश के वरिष्ठ विचारक और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) के अध्यक्ष रामबहादुर राय करेंगे।
कार्यक्रम में प्रसिद्ध पत्रकार व ‘इंडिया हैबिटेट सेंटर’ के डायरेक्टर प्रो.(डॉ.) के.जी. सुरेश तथा सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं लेखक विराग गुप्ता विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे।
इस अवसर पर बिहार और झारखंड के सामाजिक, सांस्कृतिक और पत्रकारिता से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में लेखक ने दोनों राज्यों के जीवन, संघर्ष और समाज की असल झलक पाठकों के सामने रखी है।
Hotel Designs ने घोषणा की है कि उसने SPACE मैगजीन और इसके संबंधित ब्रैंड्स Global Design Review और HotelSpecOnline का अधिग्रहण कर लिया है।
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Samachar4media Bureau
होटल डिजाइन से जुड़ी जानकारी, खबरें, ट्रेंड्स और कंटेंट प्रदान करने वाली वेबसाइट Hotel Designs ने घोषणा की है कि उसने SPACE मैगजीन और इसके संबंधित ब्रैंड्स Global Design Review और HotelSpecOnline का अधिग्रहण कर लिया है। यह पोर्टफोलियो पहले Purple Media Solutions Ltd के पास था, जो अंतरराष्ट्रीय होटल डिजाइन प्रकाशन में एक प्रतिष्ठित नाम है।
इस रणनीतिक अधिग्रहण से Hotel Designs की संपादकीय और व्यावसायिक पहुंच में महत्वपूर्ण विस्तार हुआ है। SPACE मैगजीन, जो अपने स्टाइलिश कंटेंट और होटलियर्स व इंटीरियर डिजाइनर्स के बीच प्रभावशाली पहुंच के लिए जानी जाती है और 2015 से इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण प्लेटफॉर्म रही है।
इस अधिग्रहण से अब Hotel Designs और SPACE मैगजीन मिलकर डिजिटल मीडिया, प्रिंट पब्लिशिंग और लाइव इवेंट्स सहित 360-डिग्री सेवाएं पेश करेंगे। इससे ऐडवर्टाइजर्स, पार्टनर्स और रीडर्स को और बेहतर मूल्य मिलेगा।
Hotel Designs की टीम ने कहा कि यह साझेदारी उनके लिए एक नया रोमांचक अध्याय है और यह दोनों मीडिया प्लेटफॉर्म्स को मिलाकर हॉस्पिटैलिटी और डिजाइन इंडस्ट्री में अद्वितीय प्रतिभा और नवाचार को एक साथ लाएगी।
Hotel Designs की पब्लिशर Katy Phillips ने कहा, “SPACE मैगजीन इंडस्ट्री में एक सम्मानित नाम है और हमें खुशी है कि अब हम अपने क्लाइंट्स को और बड़े मंच पर पेश कर सकते हैं।”
Forum Events & Media Group Ltd के मैनेजिंग डायरेक्टर Sarah Beall ने कहा, “SPACE मैगजीन का हमारे मीडिया परिवार में स्वागत करना रोमांचक है। इसकी प्रतिष्ठा हमारे मिशन के साथ पूरी तरह मेल खाती है- प्रोफेशनल्स को गुणवत्तापूर्ण कंटेंट और लाइव इवेंट्स के माध्यम से जोड़ना।”
अधिग्रहण के बाद पाठकों और साझेदारों के लिए बदलाव सहज होंगे। Forum Events ने कहा कि मैगजीन की संपादकीय गुणवत्ता को बनाए रखते हुए डिजिटल पहल और इंटीग्रेटेड इवेंट्स के नए अवसरों का पता लगाया जाएगा।
यह अधिग्रहण Hotel Designs के ब्रैंड को और मजबूत करेगा और हॉस्पिटैलिटी डिजाइन समुदाय में इसकी पहुंच को और व्यापक बनाएगा।
दिल्ली में हुई ‘AIM’ की वार्षिक आम बैठक में मनोज शर्मा को नया प्रेजिडेंट, धवल गुप्ता को वाइस प्रेजिडेंट, डॉ. अनुराग बत्रा को जनरल सेक्रेट्री और रियाद मैथ्यू को कोषाध्यक्ष के पद पर चुना गया है।
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‘एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ (AIM) ने दस अक्टूबर को नई दिल्ली में अपनी वार्षिक आम बैठक (AGM) का आयोजन किया। बैठक के बाद संस्था के नए पदाधिकारियों की घोषणा की गई। इसके तहत ‘Living Media India’ के सीईओ (Publishing & Experiential) मनोज शर्मा को नया प्रेजिडेंट चुना गया है। इसके साथ ही ‘CyberMedia’ के डायरेक्टर धवल गुप्ता को वाइस प्रेजिडेंट चुना गया है। वहीं, ‘BW Businessworld’ के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा को जनरल सेक्रेट्री और ‘The Week’ के चीफ एसोसिएट एडिटर और डायरेक्टर रियाद मैथ्यू को कोषाध्यक्ष के पद पर चुना गया है।
वार्षिक आम बैठक में ‘AIM’ के निवर्तमान प्रेजिडेंट और ‘दिल्ली प्रेस’ के एग्जिक्यूटिव पब्लिशर अनंत नाथ ने AIM के सदस्यों और टीम का उनके समर्थन और सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने पिछले कुछ वर्षों में AIM की उन पहलों को रेखांकित किया, जिन्होंने मैगजीन ईकोसिस्टम को मजबूत किया और इसे एक भरोसेमंद मल्टीप्लेटफॉर्म माध्यम के रूप में स्थापित किया।
अनंत नाथ का कहना था, ‘सब्सक्रिप्शन और डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क को सशक्त करना, डिजिटल स्टोरफ्रंट का विस्तार, सरकारी नीतियों में भागीदारी और मीडिया व विज्ञापन में मैगजींस की प्रमुखता को फिर से लाना AIM की महत्वपूर्ण उपलब्धियां रही हैं। उन्होंने नए नेतृत्व को इस प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए तैयार बताया।’
वहीं, भविष्य की योजनाओं के बारे में ‘AIM’ के नए प्रेजिडेंट मनोज शर्मा ने कहा, ‘मैगजीन माध्यम के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है। AIM ने पिछले कुछ वर्षों में डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम को मजबूत किया और हमारी आवाज को सशक्त किया। नया नेतृत्व इसे और ऊर्जा, ध्यान और सहयोग के साथ आगे बढ़ाएगा, ताकि पाठक संख्या, विज्ञापन और मैगजीन की प्रासंगिकता बढ़ाई जा सके।’
बता दें कि पिछले कुछ वर्षों में AIM ने कई महत्वपूर्ण पहलों को लागू किया है। इनमें भारतीय डाक विभाग के साथ मिलकर डिस्ट्रीब्यूशन और सब्सक्रिप्शन को सशक्त बनाना, भारतीय रेलवे और IRCTC के साथ साझेदारी के माध्यम से रिटेल डिस्ट्रीब्यूशन का विस्तार करना, WAVES OTT मैगजीन स्टोर की लॉन्चिंग और ONDC पर साझा डिजिटल स्टोरफ्रंट तैयार करना शामिल है। साथ ही, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, रेलवे मंत्रालय और इंडिया पोस्ट के साथ नीतिगत संवाद को और गहरा किया गया।
इस साल आयोजित इंडियन मैगजीन कांग्रेस (IMC 2025) ने भी AIM की उपलब्धियों को उजागर किया। ‘The Deep Connect: Building Communities, Nurturing Trust, Re-imagining the Future” थीम पर आधारित इस कार्यक्रम में शीर्ष पब्लिशर्स, विज्ञापनदाता, मीडिया प्लानर, नीति निर्माता और ग्लोबल एक्सपर्ट्स शामिल हुए। IMC 2025 में WAVES OTT स्टोर, ONDC / DigiHaat पर साझा स्टोरफ्रंट और IRCTC के साथ ‘Magazines on the Move’ कार्यक्रम जैसी नई पहलें पेश की गईं। इसके साथ ही, Magzimise Awards 2025 ने मैगजीन विज्ञापन में उत्कृष्टता और इनोवेशन को सम्मानित किया।
वीकली मैगजीन Indian Currents के पूर्व संपादक फादर सुरेश मैथ्यू को मैगनेट मंथली का चीफ एडिटर नियुक्त किया गया है।
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Samachar4media Bureau
वीकली मैगजीन Indian Currents के पूर्व संपादक फादर सुरेश मैथ्यू को मंथली मैगजीन 'मैगनेट' (Magnet) का चीफ एडिटर नियुक्त किया गया है। यह पत्रिका Conference of Religious India (CRI) का प्रकाशन है। उन्होंने इस सप्ताह दिल्ली स्थित CRI के राष्ट्रीय कार्यालय में अपना पदभार संभाला।
यह नियुक्ति फादर सजू चकलकल, राष्ट्रीय CRI के अध्यक्ष द्वारा की गई, और इसे फादर रैफी पालीकरा, Capuchins of Krist Jyoti Province, North India के प्रांतीय की मंजूरी से स्वीकृत किया गया।
एक Capuchin पादरी, फादर सुरेश मैथ्यू वर्तमान में Catholic Connect के न्यूज सेक्शन का संचालन कर रहे हैं, जो Conference of Catholic Bishops of India (CCBI) का डिजिटल प्लेटफ़र्म है। वे अपनी नई जिम्मेदारी के साथ इस पद का संचालन भी जारी रखेंगें।
मैगनेट की शुरुआत सितंबर 2016 में हुई थी। यह पत्रिका धार्मिक व्यक्तियों और व्यापक धार्मिक समुदाय के व्यक्तिगत, सामाजिक और आध्यात्मिक समन्वय पर केंद्रित है। इसे तब CRI के राष्ट्रीय सचिव के रूप में सेवा दे रहे फादर जो मन्नाथ SDB ने सोचा और विकसित किया। 2017 से 2022 तक उन्होंने इसे विश्व-स्तरीय प्रकाशन में बदल दिया। हालांकि वे फरवरी 2022 में राष्ट्रीय सचिव के पद से इस्तीफा दे दिए, लेकिन अक्टूबर 2022 तक उन्होंने पत्रिका का संपादन जारी रखा।
अक्टूबर 2022 में संपादकीय जिम्मेदारी डॉ. पुष्पा जोसेफ, महिला विमर्शवादी और शोधकर्ता को सौंप दी गई। अपने मार्गदर्शक के कदमों पर चलते हुए उन्होंने पत्रिका की गुणवत्ता को समर्पण और जुनून के साथ बनाए रखा और खासतौर पर नई लेखिकाओं, विशेषकर महिलाओं, को पेश किया।
फादर सुरेश मैथ्यू की नियुक्ति उनके हाल ही में Indian Catholic Press Association (ICPA) के अध्यक्ष चुने जाने के बाद आई है। यह संस्था 60 साल पुरानी है और इसमें कैथोलिक पत्रकार और प्रकाशक शामिल हैं। उन्हें यह पद 21 सितंबर को पुणे में दिया गया।
वर्तमान में वे St. Joseph’s Church, Amritsar के पादरी और St. Joseph’s School, Amritsar के प्रबंधक भी हैं, दोनों पंजाब के Jalandhar Diocese के अधीन कार्यरत हैं।
देश प्रतिष्ठित बिजनेस मैगजीन 'BW बिजनेसवर्ल्ड' ने अपना नवीनतम अंक जारी किया है। इस अंक में भारत के तेजी से बदलती ऊर्जा प्रणाली (Energy Transition) पर गहराई से चर्चा की गई है
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Samachar4media Bureau
देश प्रतिष्ठित बिजनेस मैगजीन 'BW बिजनेसवर्ल्ड' ने अपना नवीनतम अंक जारी किया है। इस अंक में भारत के तेजी से बदलती ऊर्जा प्रणाली (Energy Transition) पर गहराई से चर्चा की गई है और उन नए लीडर्स को उजागर किया गया है जो इस क्षेत्र में अभूतपूर्व बदलाव ला रहे हैं।
भारत के ऊर्जा संक्रमण की कहानी
इस अंक की कवर स्टोरी में देवांश जैन, InoxGFL के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर (Executive Director) का प्रोफाइल शामिल है। जैन के नेतृत्व में InoxGFL ने मात्र पांच साल में ₹8,000 करोड़ के परंपरागत व्यवसाय से ₹1.5 लाख करोड़ के इंटीग्रेटेड क्लीन एनर्जी प्लेटफॉर्म में बदलाव किया, जो लगभग 1,900 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
अंक में जैन की उपलब्धियों को भारत के व्यापक ऊर्जा संक्रमण के संदर्भ में रखा गया है, जहां रिलायंस इंडस्ट्रीज और अदानी ग्रुप जैसे पारंपरिक दिग्गज बड़े निवेश कर रहे हैं। हालांकि, इस अंक में InoxGFL को भारत का ‘तीसरा विश्वसनीय मंच’ (credible third front) बताया गया है, जिसने पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, बैटरी स्टोरेज और एडवांस्ड मटेरियल्स सहित कई वर्टिकल्स में रणनीतिक रूप से अपनी जगह बनाई है।
BW Businessworld के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा ने कहा, “भारत का ऊर्जा संक्रमण केवल मेगावॉट्स और निवेश की कहानी नहीं है। यह दृष्टि, नेतृत्व और बड़े पैमाने पर निष्पादन की कहानी है। दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में, भारत की ऊर्जा कहानी इस दशक में वैश्विक स्थिरता के नतीजे तय करेगी। देवांश जैन जैसे नेता साबित कर रहे हैं कि भारतीय उद्यम नवाचार कर सकते हैं, अनुकूलन कर सकते हैं और वैश्विक महत्व के क्लीन एनर्जी इकोसिस्टम बना सकते हैं, साथ ही घर पर लाखों लोगों के लिए किफायती और विश्वसनीय ऊर्जा सुनिश्चित कर सकते हैं।”
BW Businessworld की ग्रुप एडिटोरियल डायरेक्टर नूर फातिमा वर्सिया ने कहा, “InoxGFL का ₹1.5 लाख करोड़ का विकास वर्तमान भारत के लिए महत्वपूर्ण सबक देता है। ऊर्जा संक्रमण जैसी जटिल क्षेत्र में, जहां पैमाना और निष्पादन अक्सर सफलता तय करते हैं, समूह की रणनीति यह दिखाती है कि स्पष्ट रणनीति और समय पर जोखिम लेना परिणाम बदल सकता है।”
देवांश जैन की रणनीति और कंपनी का बदलाव
देवांश जैन की रणनीति ने InoxGFL के बाजार में स्थान को पूरी तरह बदल दिया है। कंपनी की पुनरुद्धार यात्रा एक दिवालिया पवन ऊर्जा परियोजना से शुरू हुई, जिसे जैन ने सफलतापूर्वक पुनर्जीवित किया और एक बड़े परिचालन संपत्ति में परिवर्तित किया। साथ ही, उन्होंने भारत में सौर ऊर्जा कार्यक्रमों में तेजी से कदम रखा और InoxGFL को देश के तेजी से बढ़ते सौर विकासकर्ताओं में स्थान दिलाया।
ऊर्जा भंडारण के महत्व को देखते हुए, जैन ने बैटरी केमिकल्स में प्रारंभिक बाजार स्थिति सुनिश्चित की और तेजी से बढ़ते ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में अपनी पकड़ बनाई। इन पहलों का नतीजा एक इंटीग्रेटेड क्लीन एनर्जी प्लेटफॉर्म बनाना रहा, जो पवन और सौर ऊर्जा से लेकर एडवांस्ड स्टोरेज और विशेष मटेरियल्स तक पूरे स्पेक्ट्रम में फैला है। इससे InoxGFL केवल एक सेक्टर ऑपरेटर नहीं बल्कि भारत के ऊर्जा संक्रमण का एक व्यापक खिलाड़ी बन गया है।
भारत की ऊर्जा का द्वैध स्वरूप
नवीनत अंक में भारत के ऊर्जा क्षेत्र की जटिलताओं को भी समझाया गया है, जहां रिकॉर्ड नवीकरणीय क्षमता वृद्धि के साथ ही थर्मल पावर में निवेश भी जारी है। यह द्वैध दर्शाता है कि कैसे भारत स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा के बीच संतुलन बनाए रख रहा है, जबकि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती बिजली मांग को पूरा कर रहा है।
डिजाइन रणनीति पर विशेष ध्यान
ऊर्जा के अलावा, इस अंक में डिजाइन की बदलती भूमिका पर भी विशेष फिचर शामिल है। यह बताता है कि आधुनिक व्यवसाय रणनीति में डिजाइन थिंकिंग कैसे केंद्रीय भूमिका निभा रही है, ग्राहक अनुभव को आकार दे रही है और ब्रांड पहचान और प्रतिस्पर्धात्मक लाभ को फिर से परिभाषित कर रही है।
BW Businessworld का नवीनतम अंक अब डिजिटल और प्रिंट दोनों फॉर्मेट में उपलब्ध है। अधिक जानकारी और पूरी खबरें पढ़ने के लिए BW Businessworld का डिजिटल संस्करण देखें।
यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब FT नई लीडरशिप के तहत व्यापक कमर्शियल लक्ष्यों को साध रहा है और पेड रीडरशिप पर अपना फोकस बनाए हुए है।
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Samachar4media Bureau
फाइनेंशियल टाइम्स (FT) ने न्यू कमर्शियल आर्ट्स (NCA) को अपना लीड क्रिएटिव एजेंसी नियुक्त किया है। यह नियुक्ति Ingenuity+ द्वारा संचालित एक प्रतिस्पर्धी रिव्यू के बाद हुई है। एजेंसी को ग्लोबल ब्रैंड और सब्सक्रिप्शन से जुड़े काम की जिम्मेदारी दी गई है। इंडस्ट्री रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह फैसला FT द्वारा सितंबर में शुरू किए गए क्रिएटिव रिव्यू के बाद आया है और ऐसे समय में लिया गया है जब पब्लिशर नए मार्केटिंग स्ट्रैटेजी के तहत ऑडियंस ग्रोथ पर जोर दे रहा है।
NCA को WPP ने 2024 में अधिग्रहित किया था और अब यह ओगिल्वी के साथ जुड़ा हुआ है। यह एजेंसी एक नया क्रिएटिव प्लेटफॉर्म तैयार करेगी, जिसका मकसद FT की पहुंच को उसके कोर बिजनेस रीडर्स से आगे बढ़ाना और उसके प्रीमियम पोजिशनिंग को और मजबूत करना है। यह कदम मीडिया साइड पर हुए बदलावों के अनुरूप है। अप्रैल 2025 में FT ने एक रिव्यू के बाद the7stars को अपनी ग्लोबल मीडिया एजेंसी नियुक्त किया था।
पिछले 18 महीनों से FT अपने ब्रैंड वर्क को लगातार नया रूप दे रहा है। 2024 में कंपनी ने Orange Panther Collective (OPC) को ग्लोबल ऑडियंस एक्विजिशन कैंपेन की जिम्मेदारी दी थी। इस प्रोजेक्ट ने बाद की स्ट्रैटेजिक वर्क, मैसेज और पोजिशनिंग के लिए आधार तैयार किया। अब नई एजेंसी ऑफ रिकॉर्ड (AOR) के साथ फोकस प्रोजेक्ट-बेस्ड काम से हटकर एक स्थायी क्रिएटिव पार्टनरशिप पर होगा, जो अलग-अलग मार्केट्स में सब्सक्रिप्शन ग्रोथ को बनाए रखने की जिम्मेदारी निभाएगा।
NCA से उम्मीद की जा रही है कि वह मल्टी-चैनल कैंपेन तैयार करेगी। यह नियुक्ति ऐसे समय में हुई है जब FT नई लीडरशिप के तहत व्यापक कमर्शियल लक्ष्यों को साध रहा है और पेड रीडरशिप पर अपना फोकस बनाए हुए है।
इस बार उन्होंने संभाजीनगर में भास्कर समूह के मराठी अखबार दिव्य मराठी के संपादक का दायित्व संभाला है।
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Samachar4media Bureau
वरिष्ठ पत्रकार रवीन्द्र भजनी एक बार फिर नए सफर पर निकल पड़े हैं। उन्होंने ‘लोकमत’ (Lokmat) समूह का साथ छोड़कर ‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) के साथ अपनी नई पारी शुरू की है।
रवीन्द्र भजनी का भास्कर समूह के साथ काफी पुराना रिश्ता रहा है। लिहाजा, इसे उनकी घर वापसी कहा जा सकता है। इस बार उन्होंने संभाजीनगर में दिव्य मराठी के संपादक का दायित्व संभाला है। दिव्य मराठी, भास्कर समूह का मराठी अखबार है। इससे पहले 2018-2020 तक उन्होंने इस समूह में सेंट्रल डेस्क हेड (महाराष्ट्र) के तौर पर काम किया था।
बता दें कि भजनी ने इस साल की शुरुआत में लोकमत समूह जॉइन किया था। उन्हें 'लोकमत समाचार' के नागपुर और अकोला संस्करण का संपादक बनाया गया था। भजनी को प्रिंट के साथ ही डिजिटल में भी काफी अनुभव है। भजनी ने वर्ष 2000 में दैनिक भास्कर से अपने करियर के शुरुआत की थी।
इसके बाद वह नवभारत, राज एक्सप्रेस, नवदुनिया (नईदुनिया) होते हुए वर्ष 2011 में दैनिक भास्कर के नेशनल न्यूजरूम, भोपाल से जुड़े। वह भास्कर समूह के अंग्रेजी अखबार डीबी पोस्ट में भी काम कर चुके हैं। वर्ष 2018-2020 के बीच भजनी ने भास्कर समूह के मराठी और वर्ष 2020-2021 में डीबी डिजिटल में डीबी ओरिजिनल्स के लिए अपनी सेवाएं दीं।
इसके बाद वह अमर उजाला (डिजिटल) से जुड़े और यहां नॉन प्रिंट सेक्शन की नींव रखी। इसके साथ ही मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और बिहार में डिजिटल ऑपरेशंस को शुरू कर विस्तार दिया। इसके बाद लोकमत होते हुए अब वह फिर दैनिक भास्कर पहुंचे हैं। समाचार4मीडिया की ओर से रवीन्द्र भजनी को नए सफर की ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।