आज दैनिक जागरण में जहां दो फ्रंट पेज बनाए गए हैं, वहीं हिन्दुस्तान में जैकेट विज्ञापन की वजह से तीसरे पेज को फ्रंट पेज बनाया गया है
भारतीय राजनीति में राफेल की अहमियत कम होने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि, देश की सर्वोच्च अदालत दूसरी बार भी यह साफ कर चुकी है कि मोदी सरकार इस मामले में पाक-साफ है, लेकिन कांग्रेस अपने रुख पर कायम है। इस खबर को आज दिल्ली से प्रकाशित होने वाले प्रमुख अखबारों ने प्रमुखता से उठाया है। आज सबसे पहले बात करते हैं अमर उजाला की। फ्रंट पेज की शुरुआत सात कॉलम टॉप बॉक्स से हुई है, जिसमें दिल्ली की जहरीली हवा पर बच्चों की पीएम से गुहार को लगाया गया है। इस खबर का शीर्षक ‘बच्चों ने पीएम मोदी से कही मन की बात, हमें साफ हवा चाहिए’ आकर्षक है। लीड, राफेल है। सुप्रीम कोर्ट ने लड़ाकू विमान सौदे की जांच वाली पुनर्विचार याचिकाओं को खारिज कर दिया है। साथ ही ‘चौकीदार चोर है’ के लिए राहुल गांधी को फटकार भी लगाई है।
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के संबंध में दायर याचिकाओं पर अब सुप्रीम कोर्ट की 7 सदस्यीय पीठ फैसला लेगी। इस खबर को भी प्रमुखता के साथ दो कॉलम में रखा गया है। कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस के 16 बागी विधायक भाजपाई हो गए हैं। इस खबर को भी पेज पर जगह मिली है। वहीं, पेज पर सबसे नीचे दो कॉलम में किसी जमाने में आइंस्टीन को चुनौती देने वाले महान गणितज्ञ विशिष्ट नारायण सिंह के निधन का समाचार है। खबर में यह भी बताया गया है कि उनके शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस तक उपलब्ध नहीं कराई गई।
अब नवभारत टाइम्स का रुख करें तो फ्रंट पेज पर आज भी ज्यादा जगह नहीं है। लीड राफेल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला है, जिसे लड़ाकू विमान और उदास मुद्रा में बैठे राहुल गांधी की फोटो के साथ लगाया गया है। दूसरी बड़ी खबर सबरीमाला मंदिर है। सुप्रीम कोर्ट की 7 सदस्यीय पीठ मंदिर सहित मस्जिदों में महिलाओं के प्रवेश पर भी फैसला सुनाएगी। वहीं, जेएनयू विवाद और दिल्ली के प्रदूषण को डेढ़-डेढ़ कॉलम जगह मिली है। गणितज्ञ विशिष्ट नारायण सिंह के निधन सहित कुछ खबरों को सिंगल में लगाया गया है।
आज दैनिक जागरण ने दो फ्रंट पेज बनाये हैं। पहले पेज पर आधा पेज विज्ञापन है और लीड राफेल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला है, जिसे पूरे आठ कॉलम लगाया गया है। लीड में ही सबरीमाला मंदिर विवाद और अनुच्छेद 370 को भी रखा गया है। जहां सबरीमाला मामला सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बेंच के हवाले किया गया है, वहीं कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने पर कोर्ट ने अंतरिम आदेश जारी नहीं किया है।
दूसरे फ्रंट पेज को देखें तो यहां लीड जहरीली हवा है। दूसरी प्रमुख खबर ब्रिक्स सम्मलेन में पीएम मोदी का बयान है। इसके साथ ही संजय मिश्र की बाईलाइन खबर को भी पेज पर जगह मिली है। मिश्र बता रहे हैं कि कांग्रेस ने शिवसेना के सामने कौन सी शर्त रखी है। गणितज्ञ विशिष्ट नारायण सिंह के निधन का समाचार सबसे नीचे दो कॉलम में है।
दैनिक भास्कर की बात करें तो आज भी मास्टहेड में प्रयोग किया गया है। बाल दिवस पर प्रदूषण के चलते घरों में कैद रहे बच्चों की व्यथा को ‘बाल विवश’ शीर्षक के साथ बयां किया गया है। नि:संदेह यह अच्छा प्रयास है, लेकिन पेज कल जैसा ही नजर आ रहा है, क्योंकि कल भी इसी थीम पर मास्टहेड तैयार किया गया था। लीड राफेल पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला है, जिसे दो लाइन के शीर्षक के साथ विस्तार से समझाया गया है। सबरीमाला मंदिर से जुड़ी खबर को भी प्रमुखता मिली है।
वहीं, महाराष्ट्र के सियासी संकट को भी पेज पर रखा गया है। शिवसेना और राकांपा समझौते के करीब आ गए हैं। इसके अलावा, पेज पर वोडाफोन एवं एयरटेल को हुए घाटे और जमीयत उलेमा ए हिंद का बयान है। देश के प्रमुख मुस्लिम संगठन का कहना है कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन नहीं लेनी चाहिए। एंकर में गणितज्ञ विशिष्ट नारायण सिंह के निधन के समाचार को लगाया गया है।
आखिर में आज हिन्दुस्तान का रुख करते हैं। अखबार में जैकेट विज्ञापन के चलते तीसरा पेज फ्रंट पेज है। लीड राफेल है, जिसे ‘राफेल पर फिर खिंची तलवारें’ शीर्षक के साथ लगाया गया है। दूसरी बड़ी खबर के रूप में पेज पर दिल्ली का प्रदूषण है। बादलों के चलते बढ़ी धुंध के आज से छंटने की उम्मीद है। वहीं, क्रिकेटर अश्विन की उपलब्धि को फोटो के साथ रखा गया है। बांग्लादेश के साथ मैच में अपने प्रदर्शन के साथ ही अश्विन ने घरेलू मैदान पर तेजी से विकेट लेने के मामले में कुंबले को पीछे छोड़ दिया है।
महाराष्ट्र की सियासत के साथ ही कर्नाटक के बागी विधायकों के भाजपा का दामन थामने की खबर को पेज पर जगह मिली है। इसके अलावा, सबरीमाला मंदिर और जेएनयू में विवेकानंद की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने के प्रयास से जुड़ी खबरों को दो-दो कॉलम में रखा गया है। एंकर में केके उपाध्याय की बाईलाइन स्टोरी है, जिसमें उन्होंने गणितज्ञ विशिष्ट नारायण सिंह के जीवन से जुड़ी बातों पर प्रकाश डाला है।
आज का ‘किंग’ कौन?
1: ले-आउट की बात करें तो आज ‘अमर उजाला’ और ‘दैनिक भास्कर’ अव्वल नजर आ रहे हैं, जबकि ‘हिन्दुस्तान’ का फ्रंट पेज काफी भरा-भरा दिखाई दे रहा है।
2: खबरों की प्रस्तुति में ‘दैनिक भास्कर’, ‘अमर उजाला’ के साथ ‘नवभारत टाइम्स’ बेहतर है। ‘हिन्दुस्तान’ ने भी लीड को अच्छी तरह से प्रस्तुत किया है, लेकिन बाकी खबरें उतनी आकर्षक दिखाई नहीं दे रहीं।
3: कलात्मक शीर्षक ‘अमर उजाला’ और ‘नवभारत टाइम्स’ में हैं। ‘अमर उजाला’ ने जहां टॉप बॉक्स की हेडलाइन में प्रयोग किया है, वहीं ‘नवभारत टाइम्स’ ने लीड की।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ‘अग्रदूत’ समाचार समूह के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ‘अग्रदूत’ समाचार समूह के स्वर्ण जयंती समारोह का उद्घाटन किया। पीएम मोदी 6 जुलाई को करीब शाम साढ़े चार बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
बता दें कि ‘अग्रदूत’ असम का प्रमुख अखबार है। इसकी शुरुआत द्वि-साप्ताहिक अखबार के रूप में हुई थी और इसकी स्थापना असम के वरिष्ठ पत्रकार कनक सेन डेका ने की थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि डेका जी के मार्गदर्शन में दैनिक अग्रदूत ने सदैव राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखा। इमरजेंसी के दौरान भी जब लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला हुआ, तब भी दैनिक अग्रदूत और डेका जी ने पत्रकारीय मूल्यों से समझौता नहीं किया। बीते कुछ दिनों से असम बाढ़ के रूप में बड़ी चुनौती और कठिनाइयों का सामना भी कर रहा है। असम के अनेक जिलों में सामान्य जीवन बहुत अधिक प्रभावित हुआ है। हिमंता जी और उनकी टीम राहत और बचाव के लिए दिनरात बहुत मेहनत कर रही है। मैं मुख्यमंत्री और अन्य के साथ नियमित रूप से बातचीत कर रहा हूं।
उन्होंने कहा कि मैं आज असम के लोगों और अग्रदूत के पाठकों को ये भरोसा दिलाता हूं कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर, लोगों की मुश्किलें कम करने में जुटी हैं। दैनिक अग्रदूत के पिछले 50 वर्षों की यात्रा असम में हुए बदलाव की कहानी सुनाती है। उन्होंने कहा कि जन आंदोलनों ने इस बदलाव को साकार करने में अहम भूमिका निभाई है। जन आंदोलनों ने असम की सांस्कृतिक विरासत और असमिया गौरव की रक्षा की और अब जन भागीदारी की बदौलत असम विकास की नई गाथा लिख रहा है।
उन्होंने कहा कि गुलामी के लंबे कालखंड में भारतीय भाषाओं के विस्तार को रोका गया और आधुनिक ज्ञान-विज्ञान, रिसर्च को इक्का-दुक्का भाषाओं तक सीमित कर दिया गया। भारत के बहुत बड़े वर्ग की उन भाषाओं तक, उस ज्ञान तक पहुंच ही नहीं था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत डिजिटल ज्ञान की बदौलत 21वीं सदी में चौथी औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करेगा। उन्होंने कहा, ‘हमारा जोर अपनी भाषाओं में ज्ञान उपलब्ध कराने पर है। इसलिए, हम राष्ट्रीय भाषा अनुवाद मिशन पर काम कर रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भी मातृ भाषाओं को बढ़ावा दिया है।’ उन्होंने कहा कि सभी भारतीयों को इंटरनेट से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। हर किसी को इंटरनेट से जोड़ना जरूरी है। यह ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की हमारी पहल को सफल बनाने में मदद करेगा।’
इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि स्वच्छ भारत मिशन जैसे अभियान में हमारे मीडिया ने जो सकारात्मक भूमिका निभाई है, उसकी पूरे देश और दुनिया में आज भी सराहना होती है। इसी तरह, अमृत महोत्सव में देश के संकल्पों में भी आप भागीदार बन सकते हैं।
बता दें कि इस अवसर पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा उपस्थित रहे। वह ‘अग्रदूत’ की स्वर्ण जयंती समारोह समिति के मुख्य संरक्षक थे।
‘अग्रदूत’ की शुरुआत असमिया भाषा में एक द्वि-साप्ताहिक के रूप में हुई थी, लेकिन वर्ष 1995 में इसका नियमित दैनिक समाचार पत्र के रूप में प्रकाशन शुरू हुआ। इसने असम की एक विश्वसनीय और प्रभावशाली आवाज के रूप में अपनी पहचान बनायी है।
यहां, देखिए और सुनिए क्या कुछ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने-
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वह छह साल से ज्यादा समय से इस अखबार के नोएडा स्थित कार्यालय में कार्यरत थे और स्पोर्ट्स डेस्क पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
युवा खेल पत्रकार उमेश राजपूत ने ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagarn) को अलविदा कह दिया है। वह छह साल से ज्यादा समय से इस अखबार के नोएडा स्थित कार्यालय में कार्यरत थे और स्पोर्ट्स डेस्क पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। समाचार4मीडिया से बातचीत में उमेश राजपूत ने बताया कि वह जल्द ही अपनी नई पारी शुरू करेंगे और वहां जॉइन करने के बाद इसके नाम का खुलासा करेंगे।
बता दें कि उमेश राजपूत मूल रूप से मथुरा (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले हैं, लेकिन उनकी अधिकांश पढ़ाई-लिखाई मथुरा के साथ ही मध्य प्रदेश के मुरैना और ग्वालियर में हुई है। ग्वालियर की जीवाजी (Jiwaji) यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट उमेश राजपूत ने ‘लक्ष्मीबाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान’ (LNIPE), ग्वालियर से स्पोर्ट्स जर्नलिज्म में पीजी डिप्लोमा भी किया है। उन्होंने हिसार से पत्रकारिता में मास्टर डिग्री भी हासिल की।
उमेश राजपूत ने वर्ष 2003 में ग्वालियर में एक केवल न्यूज चैनल के साथ अपने पत्रकारिता करियर की शुरुआत की। बाद में मुरैना में अपने साथियों के साथ मिलकर केबल न्यूज चैनल भी शुरू किया। बाद में पत्रकारिता की डिग्री हासिल करने के लिए उन्होंने सक्रिय पत्रकारिता से दो साल का ब्रेक लिया। इस दौरान विभिन्न समाचार पत्र और पत्रिकाओं में खेल से जुड़े उनके लेख प्रकाशित होते रहे। उन्होंने वर्ष 2008 में ‘डीडी न्यूज’ में स्पोर्ट्स डेस्क पर इंटर्नशिप के साथ सक्रिय पत्रकारिता में वापसी की। इसके बाद वह ‘प्रसार भारती‘ के साथ जुड़ गए थे। यहां उन्होंने ‘ऑल इंडिया रेडियो‘ और ‘डीडी स्पोर्ट्स‘ के साथ काम किया।
‘दैनिक जागरण’ से पहले वह ‘नवभारत टाइम्स’ के दिल्ली और मुंबई ऑफिस में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। इसके अलावा ‘द सी एक्सप्रेस’ (Sea Express), आगरा और ‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar), कोटा में भी कार्य कर चुके हैं। समाचार4मीडिया की ओर से उमेश राजपूत को उनके नए सफर के लिए अग्रिम शुभकामनाएं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।दिल्ली में रफी मार्ग स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के डिप्टी स्पीकर हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने इन किताबों का विमोचन किया।
जाने-माने लेखक, प्रखर वक्ता और वरिष्ठ पत्रकार अरुण आनंद की नवीनतम दो किताबों 'द तालिबान: वॉर एंड रिलीजन इन अफगानिस्तान' (The Taliban: War and Religion in Afghanistan) और ‘द फॉरगॉटन हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ (The Forgotten History of India) ने मार्केट में दस्तक दे दी है।
इन दोनों किताबों की लॉन्चिंग एक जुलाई को दिल्ली में रफी मार्ग स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के डिप्टी स्पीकर हॉल में हुई। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे से होने वाले कार्यक्रम में ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ (RSS) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने इन किताबों को लॉन्च किया।
‘प्रभात प्रकाशन‘ की ओर से आयोजित किए जाने वाले इस कार्यक्रम में ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ (Guest of Honour) के रूप में ‘इंडिया फाउंडेशन’ के डायरेक्टर कैप्टन आलोक बंसल, और ‘सुप्रीम कोर्ट’ के सीनियर एडवोकेट अमन सिन्हा शामिल रहे। कार्यक्रम में लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) कंवल जीत सिंह ढिल्लों भी शामिल रहे।
इस किताब के बारे में पुस्तक के लेखक अरुण आनंद ने बताया कि 'द तालिबान: वॉर एंड रिलीजन इन अफगानिस्तान' तालिबान के बनने, उसके सफाए और फिर से सिर उठाने के बारे में है जबकि ‘द फॉरगॉटन हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ में इतिहास के उन तथ्यों के बारे में बताया गया है, जो कभी सामने ही नहीं आए और जिनके बारे में लोगों को जानने की जरूरत है।
देश के कई प्रमुख समाचार-पत्रों, समाचार एजेंसियों व टी.वी. समाचार चैनलों में वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके अरुण भारतीय राजनीति के विविध पक्षों के गहन विश्लेषण के लिए जाने जाते हैं। भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई पक्षों पर उनके शोधपरक लेख प्रकाशित हुए हैं। अंग्रेजी, हिंदी व फ्रेंच पर समान अधिकार रखने वाले अरुण अंग्रेजी में एक उपन्यास व भारतीय मूल के नोबल पुरस्कार विजेताओं की जीवनियों का संकलन प्रकाशित कर चुके हैं।
इसके अलावा तीन पुस्तकों का अनुवाद अंग्रेजी से हिंदी में कर चुके हैं, जिसमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की पुस्तक ‘ऑडेसिटी ऑफ होप’ का हिंदी अनुवाद ‘आशा का सवेरा’ भी शामिल है। अरुण आनंद को करीब तीन दशक का अनुभव है। पूर्व में उन्होंने दो पुस्तकें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर तथा एक किताब रामजन्मभूमि पर लिखी है। फिलहाल उनकी दो नई पुस्तकें चर्चा में हैं, जिनकी एक जुलाई को लॉन्चिंग हुई है।
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जानी-मानी पत्रकार सांत्वना भट्टाचार्य को अंग्रेजी अखबार ‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ (The New Indian Express) का नया एडिटर नियुक्त किया गया है। बता दें कि वह इस समूह से करीब 12 साल से जुड़ी हुई हैं। वह दिसंबर 2020 से कर्नाटक में रेजिडेंट एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं। इससे पहले वह ‘इंडियन एक्सप्रेस’ (Indian Express) में बतौर पॉलिटिकल एडिटर कार्यरत थीं।
भट्टाचार्य को प्रिंट मीडिया में काम करने का 25 साल से ज्यादा का अनुभव है। पूर्व में वह करीब दो साल तक ‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह में भी अपनी पारी खेल चुकी हैं। इसके अलावा भी वह तमाम प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं।
सांत्वना भट्टाचार्य मूल रूप से पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं। उनका जन्म और पढ़ाई-लिखाई कोलकाता में हुई है। पत्रकारिता में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने कोलकाता में ‘द फाइनेंसियल’ (The Financial Express) से की थीं। हालांकि, वह यहां करीब एक साल तक ही कार्यरत रहीं और इसके बाद दिल्ली शिफ्ट हो गईं।
समाचार4मीडिया से बातचीत में सांत्वना भट्टाचार्य ने बताया कि बाल श्रम (चाइल्ड लेबर) पर की गई उनकी स्टोरी काफी चर्चित रही थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया था। उनकी यह स्टोरी बाल श्रम के खिलाफ मुहिम में मील का पत्थर साबित हुई। उन्होंने नीतिगत मामलों, संसद, राजनीति व चुनावों को भी लंबे समय तक कवर किया है। इसके अलावा उन्होंने कई बड़ी स्टोरी भी ब्रेक की हैं।
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जाने माने लेखक, प्रखर वक्ता और वरिष्ठ पत्रकार अरुण आनंद की नवीनतम दो किताबें 'द तालिबान: वॉर एंड रिलीजन इन अफगानिस्तान' (The Taliban: War and Religion in Afghanistan) और ‘द फॉरगॉटन हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ (The Forgotten History of India) लॉन्चिंग के लिए तैयार हैं।
इन दोनों किताबों की लॉन्चिंग एक जुलाई को दिल्ली में रफी मार्ग स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के डिप्टी स्पीकर हॉल में की जाएगी। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे से होने वाले कार्यक्रम में ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ (RSS) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर इन किताबों को लॉन्च करेंगे।
‘प्रभात प्रकाशन‘ की ओर से आयोजित किए जाने वाले इस कार्यक्रम में ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ (Guest of Honour) के रूप में ‘इंडिया फाउंडेशन’ के डायरेक्टर कैप्टन आलोक बंसल और ‘सुप्रीम कोर्ट’ के सीनियर एडवोकेट अमन सिन्हा शामिल रहेंगे।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।
साप्ताहिक पत्रिका ‘कुमुदम’ के संपादक व वरिष्ठ पत्रकार प्रिया कल्याणरमन का चेन्नई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
साप्ताहिक पत्रिका ‘कुमुदम’ के संपादक व वरिष्ठ पत्रकार प्रिया कल्याणरमन का चेन्नई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 56 साल के थे। वे कुमुदम समूह को तीन दशकों से भी अधिक समय से अपनी सेंवाए दे रहे थे। प्रिया कल्याणरमन को ‘रामचंद्रन’ के नाम से भी जाना जाता है।
प्रिया कल्याणरमन नागपट्टिनम जिले के रहने वाले हैं और उनकी पत्नी राजा सियामाला एक लेखिका हैं। प्रिया कल्याणरमन का एक बेटा और एक बेटी है। उन्होंने अपना उपनाम अपने पिता और माता के नाम पर रखा। कॉलेज से स्नातक होने के बाद, उन्होंने सरकारी नौकरी को ठुकरा दिया और 21 साल की उम्र में कुमुथम साप्ताहिक पत्रिका में एक पत्रकार के रूप में अपना करियर शुरू किया। बाद में वे इस पत्रिका के संपादक बनें और कई वर्षों तक सेंवाएं दी।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने वरिष्ठ पत्रकार प्रिया कल्याणरमन यानी कि ‘रामचंद्रन’ के निधन पर शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि रामचंद्रन (55) ने कुमुदम समूह में तीन दशकों से अधिक समय तक काम किया है।
स्टालिन ने कहा, ‘आज दिल का दौरा पड़ने से प्रिया कल्याणरमन के आकस्मिक निधन पर मुझे गहरा दुख हुआ है। उनका निधन पत्रकारिता के लिए एक बड़ी क्षति है।’
उन्होंने यहां एक बयान में कहा, ‘मैं शोक संतप्त परिवार, मीडिया मित्रों और कुमुदम के कर्मचारियों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं।’
अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (एएमएमके) के नेता टी.टी.वी दिनाकरन ने भी रामचंद्रन के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘मुझे यह जानकर दुख हुआ कि कुमुदम के संपादक प्रिया कल्याणरमन का निधन हो गया है। मैं उनके परिवार, दोस्तों और मीडिया समुदाय के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।’
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पंजाब के मोहाली जिले के अधीन आने वाले कुछ क्षेत्रों में रसूखदार और नेताओं के बड़े-बड़े फार्म हाउस जांच के दायरे में हैं। पंजाब की आप सरकार इन इलाकों में वन विभाग के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है कि आखिरकार जंगलात विभाग यानी वन विभाग की जमीन और पहाड़ों को काटकर कैसे इन इलाकों में बड़े-बड़े फार्म हाउस बनाए गए। इसी कड़ी में पूर्व वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, फारेस्ट विभाग के अधिकारी (डीएफओ) गुरमनप्रीत सिंह, एक पत्रकार कमलजीत सिंह व कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ (TOI) की एक रिपोर्ट की मानें तो गिरफ्तार संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) गुरमनप्रीत सिंह ने 15 टीवी और प्रिंट पत्रकारों को नामजद किया है, जिन्होंने घोटाले के तहत मोहाली जिले के अधीन आने वाले क्षेत्र करोरान, मिर्जापुर और सिसवान गांवों में वन भूमि खरीदी।
पंजाब के विजिलेंस ब्यूरो से जुड़े सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि गिरफ्तार पंजाब के पूर्व वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत से पूछताछ में इस घोटाले में कई आईएएस, आईएफएस और पीसीएस अधिकारियों के शामिल होने बात सामने आयी थी। साथ ही पूछताछ में यह भी पता चला कि पत्रकारों और प्रशासनिक अधिकारियों दोनों ने या तो फॉर्महाउस के लिए सस्ती वन भूमि खरीदी या इसकी जंगल की लकड़ी को लाखों रुपए में बेच दिया।
विजिलेंस ब्यूरो ने पूछताछ में सामने आए पत्रकारों व अधिकारियों के नामों को फिलहाल अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है, क्योंकि वह इनके खिलाफ और अधिक सबूत जुटा रही है।
विजिलेंस ब्यूरो से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर TOI को बताया कि चंडीगढ़ के प्रतिष्ठित टीवी और प्रिंट मीडिया हाउस के ये पत्रकार यहां के अधिकारियों के साथ मिलकर वन भूमि की खरीद-फरोख्त के साथ-साथ जंगल की लकड़ियों की बिक्री से लाभ कमा चुके हैं। सिसवान, मिर्जापुर और करोरान में कई मामलों की जांच चल रही है। सिसवान, मिर्जापुर और करोरान में इससे जुड़े कई मामलों की जांच चल रही है।
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युवा पत्रकार सिलवेस्टर तमांग (Sylvester Tamang) ने ‘टाइम्स ग्रुप’ (Times Group) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह करीब साढ़े तीन साल से इस ग्रुप की डिजिटल बिजनेस कंपनी ‘टाइम्स इंटरनेट’ (Times Internet) में अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
सिलवेस्टर तमांग ने अब अपनी नई पारी की शुरुआत ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ (Hindustan Times) से की है। उन्होंने दिल्ली में बतौर असिस्टेंट एडिटर जॉइन किया है।
तमांग को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब नौ साल का अनुभव है। इस दौरान उन्होंने प्रिंट, टीवी और डिजिटल तीनों में काम किया है। उन्होंने पत्रकारिता में अपने करियर की शुरुआत अंग्रेजी अखबार ‘मिलेनियम पोस्ट’ (Millennium Post) से की थी। अब तक वह ‘डीडी न्यूज’ (DD News), ‘सीएनएन-न्यूज18’ (CNN-News 18), ‘जी’ (Zee) और ‘एनडीटीवी’ (NDTV) जैसे प्रमुख मीडिया प्रतिष्ठानों में अपनी भूमिकाएं निभा चुके हैं।
मूल रूप से दार्जिलिंग के रहने वाले सिलवेस्टर तमांग का जन्म और पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएट सिलवेस्टर तमांग ने ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन’ (IIMC) से ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म की पढ़ाई की है।
समाचार4मीडिया की ओर से सिलवेस्टर तमांग को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
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200 सालों से लगातार प्रकाशित होने वाले गुजराती दैनिक अखबार ‘मुंबई समाचार’ के द्विशताब्दी महोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए। यह कार्यक्रम मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के जियो वर्ल्ड सेंटर में आयोजित किया गया।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मुंबई समाचार जब शुरू हुआ था, तब गुलामी का अंधेरा घना हो रहा था। ऐसे कालखंड में गुजराती जैसी भारतीय भाषा में अखबार निकालना इतना आसान नहीं था। मुंबई समाचार ने उस दौर में भाषाई पत्रकारिता को विस्तार दिया।
वहीं, मुंबई समाचार की 200वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में पीएम मोदी ने विशेष डाक टिकट लॉन्च किया। इस दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी शामिल रहे। यहां एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जहां आगंतुक 18वीं सदी की अखबार छपाई मशीन देखने पहुंचे।
इस दौरान पीएम मोदी ‘मुंबई समाचार’ के 200 साल के सफर पर एक किताब और वीडियो फिल्म का भी विमोचन किया।
‘मुंबई समाचार’ ने दो महामारियों, दो विश्व युद्धों, कपड़ा और व्यापारिक केंद्र से वित्तीय व फिल्म उद्योग की राजधानी तक कई अवतारों में बदले इस शहर के विकास को देखा है। ‘मुंबई समाचार’ के निदेशक होर्मुसजी कामा ने कहा कि 20 साल पहले अखबार ने शोध किया और पाया कि यह भारत का सबसे पुराना सक्रिय प्रकाशन और दुनिया का चौथा सबसे पुराना प्रकाशन है।
‘बॉम्बे समाचार’ (पूर्व का नाम) 1822 में एक साप्ताहिक के रूप में शुरू हुआ था। शुरुआत में पाठकों को इस अखबार के जरिए जहाजों की आवाजाही और वस्तुओं के बारे में जानकारी दी जाती थी। धीरे-धीरे व्यापार पर ध्यान देने के साथ शहर के बारे में अन्य जानकारी दी जाने लगी।
पारसी विद्वान फरदुनजी मर्जबान ने बांग्ला अखबार ‘समाचार दर्पण’ शुरू होने के चार साल बाद इसका प्रकाशन शुरू किया, जो भारत में प्रकाशित होने वाला दूसरा गैर-अंग्रेजी समाचार पत्र बन गया। फिर इसका नाम ‘मुम्बिना समाचार’ रखा गया। शुरुआती 10 वर्षों में यह साप्ताहिक था, फिर यह द्वि-साप्ताहिक बना और 1855 से दैनिक अखबार बन गया। वर्ष 1933 में कामा परिवार के पास इस अखबार का मालिकाना हक आया।
वीडियो के जरिए देखें क्या कुछ कहा पीएम मोदी ने-
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।हिंदी दैनिक ‘अमर उजाला’ (Amar Ujala) से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। दरअसल, खबर यह है कि यहां कई संपादकों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया है।
हिंदी दैनिक ‘अमर उजाला’ (Amar Ujala) से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। दरअसल, खबर यह है कि यहां कई संपादकों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया है। इन बदलावों के तहत आगरा संस्करण में संपादक विनोद पुरोहित का तबादला कानपुर किया गया है। जल्द ही वह वहां जॉइन करेंगे। देहरादून के न्यूज एडिटर कुमार अतुल को अलीगढ़ में संपादक बना कर भेजा गया है। अभी तक अलीगढ़ यूनिट की जिम्मेदारी विनोद पुरोहित ही संभाल रहे थे।
इसके साथ ही बतौर संपादक कानपुर में अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे विजय त्रिपाठी को लखनऊ में राजीव सिंह की जगह संपादक बनाकर भेजा गया है। उन्होंने वहां जॉइन भी कर लिया है। बता दें कि लखनऊ के संपादक राजीव सिंह सेवानिवृत्त हो गए हैं। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार, सेवानिवृत्ति के बाद भी राजीव सिंह अमर उजाला समूह से जुड़े रहेंगे और उन्हें नोएडा में नई जिम्मेदारी दी जा सकती है।
पिछले दिनों हिंदी दैनिक ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagran) की आगरा यूनिट में न्यूज एडिटर पद से इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ पत्रकार नवीन पटेल को अमर उजाला, प्रयागराज का नया एडिटर नियुक्त किया गया है। नई व्यवस्था के तहत उन्होंने अपना कार्यभार ग्रहण भी कर लिया है।
इसके अलावा खबर यह भी है कि अमर उजाला, नोएडा के स्थानीय संपादक भूपेंद्र कुमार को आगरा भेजा जा रहा है। अंदरखाने के सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार, इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के संपादक मनोज मिश्रा को नोएडा में भूपेंद्र कुमार की जगह भेजा जा रहा है। हालांकि, प्रबंधन की ओर से आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
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