नवभारत टाइम्स और अमर उजाला के फ्रंट पेज पर आज काफी विज्ञापन है, जबकि विज्ञापन के लिहाज से आज हिन्दुस्तान और राजस्थान पत्रिका का फ्रंट पेज पूरा खाली है
ईरान-अमेरिकी विवाद और गहराने के आसार हैं। हालांकि, ईरान के रुख में थोड़ी नरमी नजर आ रही है, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के रवैये से इस ‘नरमी’ के ‘सख्ती’ में तब्दील होने की आशंका हमेशा बनी रहेगी। यही आशंका आज दिल्ली से प्रकाशित होने वाले अखबारों की सबसे बड़ी खबर है। सबसे पहले नजर डालते हैं नवभारत टाइम्स पर। ‘हमले के बाद शांति की बातें’ इस शीर्षक के साथ ईरान-अमेरिका विवाद को लीड लगाया गया है। इसमें तेहरान में क्रैश हुए यात्री विमान और भारत के एहतियातन कदम को भी जगह मिली है। सरकार ने सभी विमानों को ईरान-इराक के ऊपर से उड़ान न भरने को कहा है।
सीएए के खिलाफ दिल्ली यूनिवर्सिटी में विरोध-प्रदर्शन के साथ ही जेएनयू हिंसा पर पुलिस के खाली हाथों को सिंगल कॉलम में रखा गया है। पुलिस अब तक किसी भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर सकी है, लेकिन केंद्र का कहना है कि मामले में अहम सुराग हाथ लगे हैं। इनके अलावा, पेज पर मात्र दो अन्य खबरें हैं। पहली, शेल्टर होम में बच्चियों की हत्या पर सीबीआई का बयान, दूसरी निर्भया के दोषियों को जल्लाद पवन देंगे फांसी।
आज अमर उजाला के फ्रंट पेज पर ‘नवभारत टाइम्स’ की तरह काफी विज्ञापन है। लीड ईरान-अमेरिकी विवाद है। ईरान ने अमेरिकी ठिकानों पर 22 मिसाइलें दागीं और 80 अमेरिकियों को मारने का दावा किया, लेकिन अमेरिका ने मामूली नुकसान होने की बात कही है। लीड खबर में ही क्रैश विमान, भारत के एहतियातन कदम का भी जिक्र है। बर्फबारी और बारिश से उत्तर भारत में बढ़ी ठंड की खबर फोटो के साथ पेज पर है।
जेएनयू हिंसा पर पुलिस के खाली हाथ और छात्रों के प्रदर्शन को भी बड़ी जगह मिली है। मुजफ्फरपुर बालिका गृह में किसी बच्ची की हत्या नहीं हुई है, सीबीआई ने यह बात सुप्रीम कोर्ट को बताई है, इस समाचार को भी प्रमुखता के साथ लगाया गया है। इसके अलावा पेज पर एक सिंगल, 16 देशों के राजनयिकों का कश्मीर दौरा आज से और कुछ संक्षिप्त खबरें हैं।
अब दैनिक भास्कर की बात करें तो लीड ईरान-अमेरिका विवाद है। इसमें क्रैश विमान सहित भारत की तैयारी को भी विस्तार से बताया गया है। सेकंड लीड का दर्जा जेएनयू हिंसा पर पुलिस के खाली हाथों को मिला है। खबर में सोशल मीडिया पर दीपिका के खिलाफ हो रहे विरोध को भी रखा गया है। दीपिका जेएनयू क्या गईं, उन्हें देश-विरोधी ही करार दिया जाने लगा है। मुजफ्फरपुर बालिका गृह पर सीबीआई का कोर्ट में दिया बयान प्रमुखता के साथ पेज पर है। इसके अलावा तीन खबरों को डेढ़-डेढ़ कॉलम में रखा गया है। एंकर में पवन कुमार की बाईलाइन है। खबर में बताया गया है कि निर्भया की मां चाहती हैं कि उनकी आंखों के सामने उनकी बेटी के दोषियों को सूली पर चढ़ाया जाए।
वहीं, हिन्दुस्तान के फ्रंट पेज पर आज कोई विज्ञापन नहीं है। लीड ईरान-अमेरिका विवाद है। ईरान द्वारा अमेरिकी ठिकानों पर किये गए हमलों को ग्राफिक्स के जरिये समझाया गया है। दूसरी बड़ी खबर दीपिका के जेएनयू जाने पर शुरू हुए विवाद पर सरकार की सफाई है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर का कहना है कि कलाकार देश में कहीं भी जाने के लिए पूरी तरह आजाद हैं। ईरान में हुए विमान हादसे को अखबार ने लीड का हिस्सा न बनाकर अलग से जगह दी है। इस हादसे में 176 यात्रियों की मौत हो गई है।
भारत बंद के असर को भी प्रमुखता से पाठकों के समक्ष रखा गया है। गणतंत्र दिवस की तैयारियों को दर्शाती फोटो से पेज बेहद सुंदर नजर आ रहा है। एंकर में मदन जैड़ा की बाईलाइन स्टोरी है। उन्होंने अपनी खबर में जवानों को बर्फीली तूफान से बचाने की डीआरडीओ की तैयारी पर प्रकाश डाला है। इसके अलावा, पेज पर पांच सिंगल समाचार हैं।
दैनिक जागरण में आज एक ही फ्रंट पेज है। लीड ईरान-अमेरिकी विवाद है। इसी के पास ईरान में हुए विमान हादसे को प्रमुखता से रखा गया है। इस तरह से यह पूरा सात कॉलम का पैकेज हो गया है। अखबार ने सबसे अलग जेएनयू हिंसा पर पुलिस के हाथों को थोड़ा भरा दिखाया है। यानी खबर के मुताबिक छह नकाबपोशों की पहचान कर ली गई है। एंकर में कोयला उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकारी फैसले को जगह मिली है। इसके अलावा पेज पर चार सिंगल खबरों सहित कुछ संक्षिप्त समाचार हैं।
सबसे आखिरी में बात करते हैं राजस्थान पत्रिका की। फ्रंट पेज पर कोई विज्ञापन न होने से काफी खबरों की गुंजाइश बन सकी है। लीड ईरान-अमेरिकी विवाद है। ईरान में हुए विमान हादसे को अलग से तीन कॉलम में रखा गया है। भारत बंद को फोटो के रूप में जगह मिली है, जिसकी हेडलाइन में अच्छा प्रयोग किया गया है। मौसम के तेवर, बालिका गृह पर सीबीआई का बयान सहित कुछ अन्य खबरें पेज पर हैं। जिनमें, देश के शीर्ष सरकारी स्कूलों में दिल्ली के तीन, कार मालिक पर 27.68 लाख का जुर्माना, गडकरी के गढ़ में भाजपा को जिला परिषद् चुनाव में मिली हार और नए संसद भवन को लेकर लोकसभा अध्यक्ष का बयान प्रमुख हैं। एंकर में दिल के दौरे की आशंका को कम करने वाली डिवाइस के बारे में बताया गया है।
आज का ‘किंग’ कौन?
1: लेआउट के मामले में आज हिन्दुस्तान सबसे आगे है। फ्रंट पेज बेहद संतुलित एवं आकर्षक नजर आ रहा है।
2: खबरों की प्रस्तुति में हिन्दुस्तान और दैनिक भास्कर अव्वल हैं। दोनों ही अखबारों ने खासतौर पर लीड को बेहतरीन ढंग प्रस्तुत किया है।
3: कलात्मक शीर्षक का ताज आज राजस्थान पत्रिका के सिर सजेगा। अखबार ने लीड की हेडिंग में प्रयोग किया है, जबकि बाकी अखबारों ने सीधा-सपाट शीर्षक दिया है। राजस्थान पत्रिका की हेडलाइन है ‘ईरान का 80 अमेरिकी आतंकी मारने का दावा, ट्रम्प बोले ऑल इज वेल’।
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जाने-माने लेखक, प्रखर वक्ता और वरिष्ठ पत्रकार अरुण आनंद की नवीनतम दो किताबों 'द तालिबान: वॉर एंड रिलीजन इन अफगानिस्तान' (The Taliban: War and Religion in Afghanistan) और ‘द फॉरगॉटन हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ (The Forgotten History of India) ने मार्केट में दस्तक दे दी है।
इन दोनों किताबों की लॉन्चिंग एक जुलाई को दिल्ली में रफी मार्ग स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के डिप्टी स्पीकर हॉल में हुई। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे से होने वाले कार्यक्रम में ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ (RSS) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने इन किताबों को लॉन्च किया।
‘प्रभात प्रकाशन‘ की ओर से आयोजित किए जाने वाले इस कार्यक्रम में ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ (Guest of Honour) के रूप में ‘इंडिया फाउंडेशन’ के डायरेक्टर कैप्टन आलोक बंसल, और ‘सुप्रीम कोर्ट’ के सीनियर एडवोकेट अमन सिन्हा शामिल रहे। कार्यक्रम में लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) कंवल जीत सिंह ढिल्लों भी शामिल रहे।
इस किताब के बारे में पुस्तक के लेखक अरुण आनंद ने बताया कि 'द तालिबान: वॉर एंड रिलीजन इन अफगानिस्तान' तालिबान के बनने, उसके सफाए और फिर से सिर उठाने के बारे में है जबकि ‘द फॉरगॉटन हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ में इतिहास के उन तथ्यों के बारे में बताया गया है, जो कभी सामने ही नहीं आए और जिनके बारे में लोगों को जानने की जरूरत है।
देश के कई प्रमुख समाचार-पत्रों, समाचार एजेंसियों व टी.वी. समाचार चैनलों में वरिष्ठ पदों पर काम कर चुके अरुण भारतीय राजनीति के विविध पक्षों के गहन विश्लेषण के लिए जाने जाते हैं। भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कई पक्षों पर उनके शोधपरक लेख प्रकाशित हुए हैं। अंग्रेजी, हिंदी व फ्रेंच पर समान अधिकार रखने वाले अरुण अंग्रेजी में एक उपन्यास व भारतीय मूल के नोबल पुरस्कार विजेताओं की जीवनियों का संकलन प्रकाशित कर चुके हैं।
इसके अलावा तीन पुस्तकों का अनुवाद अंग्रेजी से हिंदी में कर चुके हैं, जिसमें पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की पुस्तक ‘ऑडेसिटी ऑफ होप’ का हिंदी अनुवाद ‘आशा का सवेरा’ भी शामिल है। अरुण आनंद को करीब तीन दशक का अनुभव है। पूर्व में उन्होंने दो पुस्तकें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर तथा एक किताब रामजन्मभूमि पर लिखी है। फिलहाल उनकी दो नई पुस्तकें चर्चा में हैं, जिनकी एक जुलाई को लॉन्चिंग हुई है।
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जानी-मानी पत्रकार सांत्वना भट्टाचार्य को अंग्रेजी अखबार ‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ (The New Indian Express) का नया एडिटर नियुक्त किया गया है। बता दें कि वह इस समूह से करीब 12 साल से जुड़ी हुई हैं। वह दिसंबर 2020 से कर्नाटक में रेजिडेंट एडिटर के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं। इससे पहले वह ‘इंडियन एक्सप्रेस’ (Indian Express) में बतौर पॉलिटिकल एडिटर कार्यरत थीं।
भट्टाचार्य को प्रिंट मीडिया में काम करने का 25 साल से ज्यादा का अनुभव है। पूर्व में वह करीब दो साल तक ‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह में भी अपनी पारी खेल चुकी हैं। इसके अलावा भी वह तमाम प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं।
सांत्वना भट्टाचार्य मूल रूप से पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं। उनका जन्म और पढ़ाई-लिखाई कोलकाता में हुई है। पत्रकारिता में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने कोलकाता में ‘द फाइनेंसियल’ (The Financial Express) से की थीं। हालांकि, वह यहां करीब एक साल तक ही कार्यरत रहीं और इसके बाद दिल्ली शिफ्ट हो गईं।
समाचार4मीडिया से बातचीत में सांत्वना भट्टाचार्य ने बताया कि बाल श्रम (चाइल्ड लेबर) पर की गई उनकी स्टोरी काफी चर्चित रही थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया था। उनकी यह स्टोरी बाल श्रम के खिलाफ मुहिम में मील का पत्थर साबित हुई। उन्होंने नीतिगत मामलों, संसद, राजनीति व चुनावों को भी लंबे समय तक कवर किया है। इसके अलावा उन्होंने कई बड़ी स्टोरी भी ब्रेक की हैं।
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जाने माने लेखक, प्रखर वक्ता और वरिष्ठ पत्रकार अरुण आनंद की नवीनतम दो किताबें 'द तालिबान: वॉर एंड रिलीजन इन अफगानिस्तान' (The Taliban: War and Religion in Afghanistan) और ‘द फॉरगॉटन हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ (The Forgotten History of India) लॉन्चिंग के लिए तैयार हैं।
इन दोनों किताबों की लॉन्चिंग एक जुलाई को दिल्ली में रफी मार्ग स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के डिप्टी स्पीकर हॉल में की जाएगी। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे से होने वाले कार्यक्रम में ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ (RSS) के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर इन किताबों को लॉन्च करेंगे।
‘प्रभात प्रकाशन‘ की ओर से आयोजित किए जाने वाले इस कार्यक्रम में ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ (Guest of Honour) के रूप में ‘इंडिया फाउंडेशन’ के डायरेक्टर कैप्टन आलोक बंसल और ‘सुप्रीम कोर्ट’ के सीनियर एडवोकेट अमन सिन्हा शामिल रहेंगे।
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साप्ताहिक पत्रिका ‘कुमुदम’ के संपादक व वरिष्ठ पत्रकार प्रिया कल्याणरमन का चेन्नई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
साप्ताहिक पत्रिका ‘कुमुदम’ के संपादक व वरिष्ठ पत्रकार प्रिया कल्याणरमन का चेन्नई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 56 साल के थे। वे कुमुदम समूह को तीन दशकों से भी अधिक समय से अपनी सेंवाए दे रहे थे। प्रिया कल्याणरमन को ‘रामचंद्रन’ के नाम से भी जाना जाता है।
प्रिया कल्याणरमन नागपट्टिनम जिले के रहने वाले हैं और उनकी पत्नी राजा सियामाला एक लेखिका हैं। प्रिया कल्याणरमन का एक बेटा और एक बेटी है। उन्होंने अपना उपनाम अपने पिता और माता के नाम पर रखा। कॉलेज से स्नातक होने के बाद, उन्होंने सरकारी नौकरी को ठुकरा दिया और 21 साल की उम्र में कुमुथम साप्ताहिक पत्रिका में एक पत्रकार के रूप में अपना करियर शुरू किया। बाद में वे इस पत्रिका के संपादक बनें और कई वर्षों तक सेंवाएं दी।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने वरिष्ठ पत्रकार प्रिया कल्याणरमन यानी कि ‘रामचंद्रन’ के निधन पर शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि रामचंद्रन (55) ने कुमुदम समूह में तीन दशकों से अधिक समय तक काम किया है।
स्टालिन ने कहा, ‘आज दिल का दौरा पड़ने से प्रिया कल्याणरमन के आकस्मिक निधन पर मुझे गहरा दुख हुआ है। उनका निधन पत्रकारिता के लिए एक बड़ी क्षति है।’
उन्होंने यहां एक बयान में कहा, ‘मैं शोक संतप्त परिवार, मीडिया मित्रों और कुमुदम के कर्मचारियों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं।’
अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (एएमएमके) के नेता टी.टी.वी दिनाकरन ने भी रामचंद्रन के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘मुझे यह जानकर दुख हुआ कि कुमुदम के संपादक प्रिया कल्याणरमन का निधन हो गया है। मैं उनके परिवार, दोस्तों और मीडिया समुदाय के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।’
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पंजाब के मोहाली जिले के अधीन आने वाले कुछ क्षेत्रों में रसूखदार और नेताओं के बड़े-बड़े फार्म हाउस जांच के दायरे में हैं। पंजाब की आप सरकार इन इलाकों में वन विभाग के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है कि आखिरकार जंगलात विभाग यानी वन विभाग की जमीन और पहाड़ों को काटकर कैसे इन इलाकों में बड़े-बड़े फार्म हाउस बनाए गए। इसी कड़ी में पूर्व वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, फारेस्ट विभाग के अधिकारी (डीएफओ) गुरमनप्रीत सिंह, एक पत्रकार कमलजीत सिंह व कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ (TOI) की एक रिपोर्ट की मानें तो गिरफ्तार संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) गुरमनप्रीत सिंह ने 15 टीवी और प्रिंट पत्रकारों को नामजद किया है, जिन्होंने घोटाले के तहत मोहाली जिले के अधीन आने वाले क्षेत्र करोरान, मिर्जापुर और सिसवान गांवों में वन भूमि खरीदी।
पंजाब के विजिलेंस ब्यूरो से जुड़े सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि गिरफ्तार पंजाब के पूर्व वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत से पूछताछ में इस घोटाले में कई आईएएस, आईएफएस और पीसीएस अधिकारियों के शामिल होने बात सामने आयी थी। साथ ही पूछताछ में यह भी पता चला कि पत्रकारों और प्रशासनिक अधिकारियों दोनों ने या तो फॉर्महाउस के लिए सस्ती वन भूमि खरीदी या इसकी जंगल की लकड़ी को लाखों रुपए में बेच दिया।
विजिलेंस ब्यूरो ने पूछताछ में सामने आए पत्रकारों व अधिकारियों के नामों को फिलहाल अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है, क्योंकि वह इनके खिलाफ और अधिक सबूत जुटा रही है।
विजिलेंस ब्यूरो से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर TOI को बताया कि चंडीगढ़ के प्रतिष्ठित टीवी और प्रिंट मीडिया हाउस के ये पत्रकार यहां के अधिकारियों के साथ मिलकर वन भूमि की खरीद-फरोख्त के साथ-साथ जंगल की लकड़ियों की बिक्री से लाभ कमा चुके हैं। सिसवान, मिर्जापुर और करोरान में कई मामलों की जांच चल रही है। सिसवान, मिर्जापुर और करोरान में इससे जुड़े कई मामलों की जांच चल रही है।
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युवा पत्रकार सिलवेस्टर तमांग (Sylvester Tamang) ने ‘टाइम्स ग्रुप’ (Times Group) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह करीब साढ़े तीन साल से इस ग्रुप की डिजिटल बिजनेस कंपनी ‘टाइम्स इंटरनेट’ (Times Internet) में अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
सिलवेस्टर तमांग ने अब अपनी नई पारी की शुरुआत ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ (Hindustan Times) से की है। उन्होंने दिल्ली में बतौर असिस्टेंट एडिटर जॉइन किया है।
तमांग को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब नौ साल का अनुभव है। इस दौरान उन्होंने प्रिंट, टीवी और डिजिटल तीनों में काम किया है। उन्होंने पत्रकारिता में अपने करियर की शुरुआत अंग्रेजी अखबार ‘मिलेनियम पोस्ट’ (Millennium Post) से की थी। अब तक वह ‘डीडी न्यूज’ (DD News), ‘सीएनएन-न्यूज18’ (CNN-News 18), ‘जी’ (Zee) और ‘एनडीटीवी’ (NDTV) जैसे प्रमुख मीडिया प्रतिष्ठानों में अपनी भूमिकाएं निभा चुके हैं।
मूल रूप से दार्जिलिंग के रहने वाले सिलवेस्टर तमांग का जन्म और पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएट सिलवेस्टर तमांग ने ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन’ (IIMC) से ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म की पढ़ाई की है।
समाचार4मीडिया की ओर से सिलवेस्टर तमांग को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
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200 सालों से लगातार प्रकाशित होने वाले गुजराती दैनिक अखबार ‘मुंबई समाचार’ के द्विशताब्दी महोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए। यह कार्यक्रम मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के जियो वर्ल्ड सेंटर में आयोजित किया गया।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मुंबई समाचार जब शुरू हुआ था, तब गुलामी का अंधेरा घना हो रहा था। ऐसे कालखंड में गुजराती जैसी भारतीय भाषा में अखबार निकालना इतना आसान नहीं था। मुंबई समाचार ने उस दौर में भाषाई पत्रकारिता को विस्तार दिया।
वहीं, मुंबई समाचार की 200वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में पीएम मोदी ने विशेष डाक टिकट लॉन्च किया। इस दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी शामिल रहे। यहां एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जहां आगंतुक 18वीं सदी की अखबार छपाई मशीन देखने पहुंचे।
इस दौरान पीएम मोदी ‘मुंबई समाचार’ के 200 साल के सफर पर एक किताब और वीडियो फिल्म का भी विमोचन किया।
‘मुंबई समाचार’ ने दो महामारियों, दो विश्व युद्धों, कपड़ा और व्यापारिक केंद्र से वित्तीय व फिल्म उद्योग की राजधानी तक कई अवतारों में बदले इस शहर के विकास को देखा है। ‘मुंबई समाचार’ के निदेशक होर्मुसजी कामा ने कहा कि 20 साल पहले अखबार ने शोध किया और पाया कि यह भारत का सबसे पुराना सक्रिय प्रकाशन और दुनिया का चौथा सबसे पुराना प्रकाशन है।
‘बॉम्बे समाचार’ (पूर्व का नाम) 1822 में एक साप्ताहिक के रूप में शुरू हुआ था। शुरुआत में पाठकों को इस अखबार के जरिए जहाजों की आवाजाही और वस्तुओं के बारे में जानकारी दी जाती थी। धीरे-धीरे व्यापार पर ध्यान देने के साथ शहर के बारे में अन्य जानकारी दी जाने लगी।
पारसी विद्वान फरदुनजी मर्जबान ने बांग्ला अखबार ‘समाचार दर्पण’ शुरू होने के चार साल बाद इसका प्रकाशन शुरू किया, जो भारत में प्रकाशित होने वाला दूसरा गैर-अंग्रेजी समाचार पत्र बन गया। फिर इसका नाम ‘मुम्बिना समाचार’ रखा गया। शुरुआती 10 वर्षों में यह साप्ताहिक था, फिर यह द्वि-साप्ताहिक बना और 1855 से दैनिक अखबार बन गया। वर्ष 1933 में कामा परिवार के पास इस अखबार का मालिकाना हक आया।
वीडियो के जरिए देखें क्या कुछ कहा पीएम मोदी ने-
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हिंदी दैनिक ‘अमर उजाला’ (Amar Ujala) से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। दरअसल, खबर यह है कि यहां कई संपादकों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया है। इन बदलावों के तहत आगरा संस्करण में संपादक विनोद पुरोहित का तबादला कानपुर किया गया है। जल्द ही वह वहां जॉइन करेंगे। देहरादून के न्यूज एडिटर कुमार अतुल को अलीगढ़ में संपादक बना कर भेजा गया है। अभी तक अलीगढ़ यूनिट की जिम्मेदारी विनोद पुरोहित ही संभाल रहे थे।
इसके साथ ही बतौर संपादक कानपुर में अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे विजय त्रिपाठी को लखनऊ में राजीव सिंह की जगह संपादक बनाकर भेजा गया है। उन्होंने वहां जॉइन भी कर लिया है। बता दें कि लखनऊ के संपादक राजीव सिंह सेवानिवृत्त हो गए हैं। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार, सेवानिवृत्ति के बाद भी राजीव सिंह अमर उजाला समूह से जुड़े रहेंगे और उन्हें नोएडा में नई जिम्मेदारी दी जा सकती है।
पिछले दिनों हिंदी दैनिक ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagran) की आगरा यूनिट में न्यूज एडिटर पद से इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ पत्रकार नवीन पटेल को अमर उजाला, प्रयागराज का नया एडिटर नियुक्त किया गया है। नई व्यवस्था के तहत उन्होंने अपना कार्यभार ग्रहण भी कर लिया है।
इसके अलावा खबर यह भी है कि अमर उजाला, नोएडा के स्थानीय संपादक भूपेंद्र कुमार को आगरा भेजा जा रहा है। अंदरखाने के सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार, इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के संपादक मनोज मिश्रा को नोएडा में भूपेंद्र कुमार की जगह भेजा जा रहा है। हालांकि, प्रबंधन की ओर से आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
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देश में पत्रिकाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले ‘द एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ (AIM) के खाते में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। दरअसल, पुर्तगाल के Cascais शहर में ‘इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ पीरियोडिकल पब्लिशर्स’ (FIPP) द्वारा आयोजित किए जा रहे वर्ल्ड मीडिया कांग्रेस, 2022 के पहले दिन ‘द एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई और दमदार प्रस्तुति दी।
इस दौरान ‘द एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ ने मैगजींस के डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए अपनी महत्वपूर्ण पहलों (initiatives) की प्रस्तुति दी और इसके साथ ही ‘दास्तान हब’ (Dastaan Hub) नामक अपनी तरह के पहले मेगा ब्रैंडेड कंटेंट स्टूडियो का शुभारंभ किया।
दुनिया भर के सबसे बड़े मैगजीन पब्लिशर्स का प्रतिनिधित्व करने वाले 300 से अधिक कांग्रेस प्रतिनिधियों के सामने 'आनंदा विकतन' (Ananda Vikatan) के एमडी बी श्रीनिवासन, दिल्ली प्रेस के एग्जिक्यूटिव पब्लिशर अनंत नाथ और इंडिया टुडे के सीईओ मनोज शर्मा ने उस सहयोगात्मक पहलों के बारे में चर्चा की, जो कि इंडियन मैगजीन पब्लिशर्स ने महामारी के दौरान अपनाई थीं।
सत्र का शुभारंभ करते हुए बी. श्रीनिवासन, जो ‘एआईएम’ के प्रेजिडेंट भी हैं, ने कहा कि महामारी के दौरान भारतीय पब्लिशर्स ने डिस्ट्रीब्यूशन और एडवर्टाइजिंग से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए आपस में मिलकर एक फ्रेमवर्क तैयार किया। उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह से महत्वपूर्ण सूचनाओं को शेयर करने के लिए पब्लिशर्स के बीच विश्वास का माहौल बनाया गया था और विभिन्न मॉडलों पर काम करते रहने के लिए व्यावहारिक और उचित समाधान न मिलने तक एक साझा प्रतिबद्धता (shared commitment) को अपनाया गया था।
एआईएम’ के महासचिव अनंत नाथ ने डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़ीं समस्याओं को दूर करने के लिए अपनाई गई तीन चरणों वाली स्ट्रैटेजी के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि सबसे पहले वर्षों से कमजोर हो रहे असंगठित एजेंसी नेटवर्क की समस्या का समाधान करने के लिए एजेंसी की मान्यता का सिस्टम शुरू किया गया, ताकि उन कार्यों और एजेंट्स की पहचान हो सके, जो मार्केट में बेहतर और प्रभावी तरीके से अपनी सेवा दे सकें। इसके पीछे विचार यह था कि पब्लिशर्स इन एजेंट्स के साथ सामूहिक रूप से काम करते हैं, उन्हें काफी काम देते हैं और उनके लिए वित्तीय प्रोत्साहन देते हैं और बदले में अपने लिए बड़े भौगोलिक क्षेत्रों में बेहतर मार्केट कवरेज सुनिश्चित करते हैं।
दूसरे, खराब सब्सक्रिप्शन डिलीवरी की समस्या को हल करने के लिए, एसोसिएशन ने 'मैगजीन पोस्ट' नामक नई डिलीवरी सर्विस शुरू करने के लिए भारतीय डाक विभाग के साथ हाथ मिलाया। इससे सबस्क्राइबर्स को लाइव ट्रैकिंग और एसएमएस अलर्ट जैसी सुविधाएं मिलती हैं।
तीसरा, शहरी भारत में 11,000 से अधिक केंद्रों में 600,000 से अधिक समाचार पत्र डिलीवरी ब्वॉयज के विशाल नेटवर्क के लिए एसोसिएशन एक तकनीकी कार्यक्रम पर काम कर रही है, ताकि इन विक्रेताओं और डिलीवरी ब्वॉयज को पत्रिका बेचने और सबस्क्रिप्शन की डिलीवरी के लिए नामांकित किया जा सके।
एआईएम के कोषाध्यक्ष (treasurer) मनोज शर्मा ने विश्व मंच पर ‘दास्तान हब’ नाम से मेगा ब्रैंडेड कंटेंट स्टूडियो का अनावरण किया, जिसे एसोसिएशन ने वर्ष की शुरुआत में लॉन्च किया था। स्टूडियो ने 100 से अधिक मैगजींस, 50 वेबसाइट्स और सोशल मीडिया चैनल्स की एडिटोरियल स्ट्रेंथ और पब्लिशिंग एसेट्स को एक साथ रखा है, ताकि मार्केटर्स को 10 भाषाओं में 150 मिलियन से अधिक पाठकों को इन दमदार ब्रैंड्स की स्टोरीज सुनाने का अवसर मिल सके। शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि यह विश्व स्तर पर अपनी तरह की अनूठी पहल है, जिसका उद्देश्य नवीनत और दमदार ब्रैंड की स्टोरीज को ऐसे बताना है, जैसे कि पहले कभी न बताई गई हो।
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‘कारवां’ पत्रिका के लिए काम कर रहे मल्टी मीडिया पत्रकार शाहिद तांत्रे ने आरोप लगाया है कि सेना से संबंधित उनके लेख को लेकर जम्मू-कश्मीर पुलिस उन्हें परेशान कर रही है।
पत्रकार शाहिद तांत्रे के मुताबिक, कश्मीर में दैनिक घटनाक्रम पर लिखने के कारण पुलिस उन्हें और उनके परिवार को धमका रही है। हालांकि पुलिस ने इस आरोप को खारिज किया और कहा कि उसे कुछ प्रमुख व्यक्तियों का जीवन खतरे में डालने को लेकर पत्रकार के बारे में शिकायत मिली थी।
मिली जानकारी के मुताबिक, तांत्रे ने इस साल पत्रिका में एक लेख लिखा था, जिसमें दावा किया गया था कि सेना घाटी में हालात सामान्य बताने के लिए शांति मार्च निकाल रही है। साथ ही उन्होंने सेना के साथ काम कर रहे पार्षदों और शांति कार्यकर्ताओं का भी जिक्र किया था।
तांत्रे ने मीडिया को जारी बयान में कहा, 'पुलिस ने पर्याप्त दस्तावेजों के बिना मुझे तलब किया है। लिहाजा मुझे सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत उचित तरीके से नोटिस जारी करें। नोटिस प्राप्त करने के बाद ही मैं जांच में शामिल होउंगा और पूरा सहयोग करूंगा।'
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, 'कई प्रमुख व्यक्तियों ने कारवां के शाहिद तांत्रे नामक पत्रकार के लेख ''फॉल्स फ्लैग्स'' को लेकर उनके खिलाफ शिकायत की थी। आरोप है कि लेख में उनके नाम दिए गए हैं, जो आतंकी समूहों को उन्हें निशाना बनाने का मौका देने और उनकी जान खतरे में डालने जैसा है।’
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि लेख में जिन लोगों के नाम हैं, वे अपने घरों से बाहर निकलने में खतरा महसूस कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि वे आतंकवादी समूहों का अगला लक्ष्य हो सकते हैं।
वहीं दूसरी तरफ, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने पत्रकार शाहिद तांत्रे को जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा प्रताडि़त करने की कड़ी निंदा की है। प्रेस क्लब ने कहा है कि पुलिस की ओर से तांत्रे को ऐसी रिपोर्टिंग न करने या फिर कार्रवाई का सामना करने की धमकी 1975 के आपातकाल की याद दिलाई है।
प्रेस क्लब के अध्यक्ष उमाकांत लखेड़ा और महासचिव विनय कुमार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस मामले की तुरंत जांच की जाए और तांत्रे को श्रीनगर में बेरोकटोक काम करने दिया जाए।
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