विज्ञापनों की अधिकता के कारण नवभारत टाइम्स, अमर उजाला और हिन्दुस्तान में तीसरा जबकि दैनिक जागरण में पांचवा पेज फ्रंट पेज बनाया गया है
दिल्ली से प्रकाशित होने वाले प्रमुख अखबारों में आज भी काफी विज्ञापन है। हालांकि देशबंधु और नवोदय टाइम्स के पाठकों के लिए फ्रंट पेज पर काफी खबरें हैं। सबसे पहले आज बात करते हैं नवोदय टाइम्स की। फ्रंट पेज की शुरुआत प्रियंका गांधी की बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की फोटो से हुई है। इसके पास सिंगल कॉलम में अयोध्या की सुरक्षा से जुड़ा समाचार है और लीड जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी की गिरफ्तारी है। मुंबई में पेड़ों की कटाई के खिलाफ छात्रों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, इस खबर को प्रमुखता के साथ फर्स्ट हाफ में लगाया गया है। इसके अलावा पेज पर विमान दुर्घटना में दो ट्रेनी पायलटों की मौत, झारखण्ड में मॉब लिंचिंग,जींस-टीशर्ट पहनने पर दिया तीन तलाक और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के हलफनामे पर विवाद की खबर भी है। एंकर में फिर एक बार कांग्रेस को जगह मिली है। खबर के अनुसार, राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से हटते ही कांग्रेस में युवा भागीदारी में कमी आई है।
वहीं, देशबंधु के फ्रंट पेज पर नजर डालें तो सबसे अलग राफेल को लीड बनाया गया है। दरअसल, विवादित लड़ाकू विमान जल्द ही भारतीय बेड़े में शामिल होने वाले हैं और देशबंधु ने उसकी खूबियों पर प्रकाश डाला है। दक्षिण अफ्रीका पर टीम इंडिया की जीत बड़ी फोटो के साथ पेज पर है। घाटी में नजरबंद नेताओं की बैठक को भी फ्रंट पेज पर जगह मिली है। करीब दो महीने बाद नजर आये फारुख अब्दुल्ला ने नेशनल कांफ्रेंस के नेताओं से पंचायत चुनावों को लेकर बातचीत की। कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की बांग्लादेश की प्रधानमंत्री से मुलाकात और महाराष्ट्र चुनाव को लेकर भाजपा एवं शिवसेना की रस्साकशी से जुड़े समाचार को भी प्रमुखता मिली है। इसके अलावा, पेज पर विमान हादसे में दो ट्रेनी पायलटों की मौत, पेड़ों की कटाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका की खबर को भी लगाया गया है। एंकर में अयोध्या मामला है। राम जन्मभूमि पर अगले महीने फैसला आ सकता है, इसी के मद्देनजर शहर की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।
आज नवभारत टाइम्स में तीसरा पेज फ्रंट पेज है। अखबार ने पेड़ों की कटाई के खिलाफ छात्रों की मुहिम को लीड का दर्जा दिया है। छात्रों की अपील के बाद सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए स्पेशल बेंच बनाई गई है। वहीं टीम इंडिया की दक्षिण अफ्रीका पर जीत को भी बेहद खूबसूरत अंदाज में पेश किया गया है। रंगीन बैकग्राउंड में फोटो के साथ लगाई गई खबर का शीर्षक ‘अष्टमी पर विराट सेना ने मनाई विजयदशमी’ आकर्षक है। कश्मीर में नजरबंद नेताओं की मुलाकात को भी तीन कॉलम में प्रमुखता के साथ पेज पर जगह मिली है। राफेल की जिस खबर को देशबंधु ने लीड लगाया है, वह नवभारत टाइम्स में सिंगल में है। इसके अलावा, मेट्रो की स्थानीय महत्व की खबर को भी पेज पर लगाया गया है।
इनके अलावा, अमर उजाला की बात करें तो आज तीसरा पेज फ्रंट पेज बनाया गया है। इस पेज पर केवल एक विज्ञापन है, जिसके चलते कई खबरों को जगह मिली है। टॉप बॉक्स में राफेल की खबर है। देशबंधु की तरह अमर उजाला ने भी राफेल की खूबियों को रेखांकित किया है। इसके पास ही एयरफोर्स डे के लिए फुल ड्रेस रिहर्सल का फोटो है। लीड पाकिस्तान की नई पैंतरेबाजी है। हमरा पड़ोसी घुसपैठ के लिए ‘एलओसी मार्च’ का ‘खेल’ खेल रहा है। लीड बॉक्स में जम्मू कश्मीर के डीजीपी के बयान और इमरान खान की प्रस्तावित चीन यात्रा का भी जिक्र है।
टीम इंडिया की जीत को फोटो के रूप में पेज पर जगह मिली है। इसके ठीक नीचे तीन कॉलम में संवेदनहीनता दर्शाती खबर है। दिल्ली के दरियागंज इलाके में एक व्यक्ति रात भर घायल अवस्था में पड़ा रहा, लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली, जिसके चलते उसकी मौत हो गई। ट्रेनी पायलटों की मौत की खबर सिंगल कॉलम में है, जबकि सेना का अफसर बनकर लोगों को ठगने वाले की गिरफ्तारी से जुड़ी खबर को प्रमुखता से लगाया गया है। एंकर में रोचक खबर को स्थान मिला है। सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन के बाद रेलवे नया प्रयोग करने जा रहा है। ट्रेनों में जल्द ही खुद नष्ट होने वाली बोतलों में पानी दिया जाएगा। अमर उजाला ने मुंबई में पेड़ों की कटाई से जुड़ी खबर को तवज्जो नहीं दी है, जो कि चौंकाने वाला फैसला है।
अब दैनिक जागरण का रुख करें तो भारी विज्ञापनों के चलते पांचवें पेज को फ्रंट पेज बनाया गया है। लीड अरविंद पाण्डेय की बाईलाइन स्टोरी है। उन्होंने बताया है कि किस तरह सरकारी और निजी स्कूलों में चल रहे फर्जीवाड़े को खत्म किया जाएगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की नई फजीहत को भी दैनिक जागरण ने प्रमुखता से जगह दी है। खबर के मुताबिक, इमरान से नाराज सऊदी प्रिंस ने अपना विमान वापस ले लिया था। मुंबई में पेड़ों की कटाई के मामले को तीन कॉलम में लगाया गया है, इसके अलावा चौथी और आखिरी बड़ी खबर के रूप में बिहार में डेंगू की आफत है। राज्य में डेंगू के 980 मरीजों की पहचान हुई है।
आखिर में हिन्दुस्तान की बात करें तो अखबार में आज तीसरा पेज फ्रंट पेज है। लीड सबसे अलग घाटी के नजरबंद नेताओं की खबर है, जिसे ‘फारुख 63 दिन बाद नजर आये’ शीर्षक के साथ पांच कॉलम में लगाया गया है। लीड में घाटी से जुड़ी अन्य खबरों को भी जगह मिली है। दक्षिण अफ्रीका पर टीम इंडिया की जीत की खबर सिंगल कॉलम में है और एयरफोर्स डे के लिए फुल ड्रेस रिहर्सल का फोटो टॉप में लगाया गया है। पेज पर दूसरी बड़ी खबर ट्रेन हादसा है। लखनऊ-दिल्ली डबल डेकर ट्रेन के पटरी से उतरने के चलते हजारों यात्री फंसे रहे। ये समाचार केवल हिन्दुस्तान के फ्रंट पेज पर है।
मदन जैड़ा और अभिजीत की बाईलाइन खबरों को भी पेज पर जगह मिली है। मदन ने बताया है कि पीजी कर रहे डॉक्टरों को जिला अस्पताल में इलाज करना होगा, जबकि अभिजीत ने ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों को आगाह किया है। यदि आप भी ऑनलाइन खरीदारी को तवज्जो देते हैं तो ये खबर आपके लिए है। इसके अलावा, पेज पर मुंबई में पेड़ो की कटाई के साथ ही स्थानीय अपराध से जुड़ा समाचार भी है। राजौरी गार्डन में उधारी के पैसे मांगने पर 12वीं के छात्र की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
आज का ‘किंग’ कौन?
1: लेआउट और खबरों की प्रस्तुति के लिहाज से अमर उजाला आज बाकी अखबारों से आगे है. फ्रंट पेज खुला-खुला और आकर्षक नजर आ रहा है।
2: कलात्मक शीर्षक की बात करें तो नवभारत टाइम्स आज भी किंग है। ‘अष्टमी पर विराट सेना ने मनाई विजयदशमी’ ये शीर्षक रचनात्मकता का खूबसूरत उदाहरण है।
3: खबरों के लिहाज से आज हिन्दुस्तान को अव्वल कहा जा सकता है। फ्रंट पेज पर राष्ट्रीय के साथ-साथ स्थानीय खबरों को भी प्रमुखता के साथ लगाया गया है। इसके अलावा, ट्रेन हादसे का समाचार सिर्फ हिन्दुस्तान में ही है। हालांकि रफाल से जुड़ी खबर पेज पर नहीं है, लेकिन उसे लगाने के आगे भी मौके मिलेंगे।
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प्रमुख हिन्दी समाचार पत्र ‘दैनिक जागरण’ का प्रकाशन करने वाली प्रिंट मीडिया कंपनी ‘जागरण प्रकाशन’ ने मंगलवार को कहा कि उसके निदेशक मंडल ने निवेशकों से 118 करोड़ रुपए के शेयर वापस खरीदने को मंजूरी दी है।
शेयर बाजार को भेजी गई नियामकीय सूचना में उसने कहा है, ‘कंपनी के निदेशक मंडल ने... कंपनी के पूर्ण चुकता दो रुपए के अंकित मूल्य वाले कुल 118 करोड़ रुपए तक के इक्विटी शेयरों को वापस खरीदने को मंजूरी दी है। यह खरीद कंपनी के शेयरधारकों, उनके लाभार्थी स्वामियों से 60 रुपए प्रति शेयर तक के दाम पर नकद भुगतान के साथ होगी। शेयरों की यह खरीद कंपनी के प्रवर्तकों, प्रवर्तक समूह के सदस्यों और नियंत्रण वाले व्यक्तियों को छोड़कर अन्य शेयरधारकों से की जाएगी। शेयर खरीद की प्रक्रिया खुले बाजार से स्टॉक एक्सचेंज प्रणाली के जरिए होगी।’
कंपनी के मुताबिक, खुले बाजार से होने वाली इस खरीद में 1,96,66,666 शेयरों की खरीद होने का अनुमान है जो कि कंपनी के चुकता शेयरों का 6.99 प्रतिशत होगा। जागरण प्रकाशन ने कहा है कि इस खरीद प्रक्रिया के बारे में समयसीमा और अन्य सांविधिक ब्यौरा आने वाले समय में जारी किया जाएगा।
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शीना बोरा मर्डर केस में चार साल की सजा काट चुके मीडिया टाइकून पीटर मुखर्जी ने टेलिविजन इंडस्ट्री में अपने दिनों को याद करते हुए एक संस्मरण जारी किया है। ‘Starstruck: Confessions of a TV Executive’ नाम से जारी इस संस्मरण में ‘स्टार इंडिया’ (Star India) के पूर्व सीईओ मुखर्जी ने इंडस्ट्री में अपने अनुभवों और तमाम उथल-पुथल के बारे में बताया है। हालांकि, इस किताब से ऐसे लोगों को कुछ निराशा हो सकती है, जो उम्मीद कर रहे थे कि मुखर्जी अपनी सौतेली बेटी शीना बोरा हत्याकांड में जेल में बिताए गए समय के बारे में जानकारी शेयर करेंगे। इसके बजाय मुखर्जी ने इस संस्मरण में इंडस्ट्री में अपनी तीन दशक लंबी यात्रा का जिक्र किया है, जिसने तमाम उतार-चढ़ाव देखे हैं। मीडिया मुगल रूपर्ट मर्डोक द्वारा अधिग्रहीत किए जाने के एक दिन बाद मुखर्जी ने स्टार इंडिया जॉइन किया था।
अपने संस्मरण में मुखर्जी लिखते हैं कि 90 के दशक की शुरुआत में अमेरिकी शो ‘बेवॉच’ (Baywatch) जैसे शोज का बोलबाला था। लेकिन यह सोच भारत में काम नहीं कर रही थी। उस समय मर्डोक ने मुखर्जी को एक छोटे टीवी चैनल को दुनिया के बड़े चैनल के रूप में विकसित करने का काफी मुश्किल काम सौंपा। मुखर्जी के इस संस्मरण के अनुसार, वास्तविकता में न तो मर्डोक और न ही स्टार के संस्थापक रिचर्ड ली ने भारत से बहुत उम्मीद की थी, क्योंकि उनकी नजर में यह उनके व्यापार मॉडल के लिए उपयुक्त बाजार नहीं था।
अपनी किस किताब में स्टार इंडिया से जुड़ी आकांक्षाओं और इसे ऊंचाई तक ले जाने के दौरान अपने संघर्षों का जिक्र किया है। मुखर्जी के अनुसार, ’मैं चाहता था कि स्टार टीवी को मीडिया इंडस्ट्री में पसंदीदा नियोक्ता के रूप में देखा जाए, खासकर भारत में।’ कर्मचारियों की नजर में स्टार की प्रतिष्ठा मुखर्जी के लिए महत्वपूर्ण थी। उनका मानना था कि कर्मचारियों का सम्मान देश में एक शानदार ब्रैंड के रूप में स्टार इंडिया के निर्माण के दीर्घकालिक कार्य में मदद करेगा।
अपनी किताब में मुखर्जी लिखते हैं कि प्रतिष्ठित शो कौन बनेगा करोड़पति को शुरू में एक लाख के पुरस्कार के साथ कौन बनेगा लखपति का नाम दिया गया था, लेकिन दर्शकों की रुचि बढ़ाने के लिए मर्डोक ने खुद इस राशि को एक करोड़ बढ़ा दिया था। मुखर्जी ने स्टार के साथ एकता कपूर के दिनों को भी याद किया जिन्होंने अपने धारावाहिकों के द्वारा भारतीय टेलिविजन इंडस्ट्री में क्रांति ला दी थी। अपने इस संस्मरण में मुखर्जी ने अपने कुछ पूर्व साथियों का भी जिक्र किया है, जो आज इंडस्ट्री में काफी ऊंचाइयों पर हैं। इनमें राज नायक, मोनिका टाटा, अजय विद्यासागर, सिद्धार्थ रॉय कपूर, विकास खनचंदानी जैसे नाम शामिल हैं।
एक मीडिया टाइकून के रूप में मुखर्जी के बीते दिनों पर इस किताब को वेस्टलैंड ने पब्लिश किया है। 296 पेज के इस संस्मरण को पिछले दिनों जारी किया गया है।
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मणिपुर में शनिवार 13 फरवरी की शाम दैनिक ‘पोकनाफाम’ के स्थानीय कार्यायल पर एक हथगोला फेंका गया, लेकिन कोई विस्फोट नहीं हुआ और उसे सुरक्षित तरीके से नष्ट कर दिया गया। बताया जा रहा है कि इस बीच कार्यालय में एक अज्ञात बदमाश ने लूटपाट भी की। इस घटना के संबंध में फिलहाल अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।
वहीं, दूसरी तरफ मणिपुर के पत्रकारों ने इस घटना का विरोध किया और कार्य बहिष्कार कर दिया, जिसके चलते मणिपुर में रविवार को कोई अखबार प्रकाशित नहीं हुआ और न ही टीवी पर खबरें प्रसारित हुईं।
ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन (AMWJU) और एडिटर्स गिल्ड मणिपुर (EGM) ने हमले की निंदा की, जिसके बाद दोनों ही संगठनों ने कार्य बहिष्कार का फैसला किया था।
उधर, पुलिस ने बताया कि यह घटना शाम 6.30 बजे इम्फाल पश्चिम जिले के केशिमपत थियाम लेइकाई स्थित समाचार पत्र ‘पोकनाफाम’ के कार्यालय में हुई। पुलिस ने कहा कि ग्रेनेड का सेफ्टी पिन बरकरार पाया गया। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि ग्रेनेड एक महिला द्वारा फेंका गया था, जो मोपेड पर आई थी। राज्य पुलिस के बम विशेषज्ञों ने विस्फोटक हथियार को मौके से हटा दिया।
घटना के पीछे अपराधियों को पकड़ने के लिए मणिपुर पुलिस द्वारा तलाशी अभियान चलाया गया है। क्षेत्र के सभी मीडिया हाउसों के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पोकनाफम के संपादक अरीबम रोबिन्द्रो शर्मा ने कहा कि उन्हें किसी से भी तरह की धमकी या कुछ ऐसा नहीं मिला है, जो संदिग्ध हो।
इस हमले के विरोध में कीशामपाट थियाम लीकाई में पत्रकारों ने धरना दिया। बाद में मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह को एक ज्ञापन सौंपा गया और उनसे यह सुनिश्चित करने की अपील की गई कि राज्य में प्रेस स्वतंत्र रूप से काम कर पाए।
पुलिस के अनुसार हमले की वजह पता नहीं चल पाई है। किसी संगठन ने भी इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
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पिछले काफी समय से रुकी हुई भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे गति पकड़ रही है। तमाम अन्य बिजनेस के साथ भारतीय भाषाई अखबारों की ग्रोथ भी बढ़ रही है। ऐसे में अब सात प्रमुख भाषाई अखबार अपने स्टेकहोल्डर्स (stakeholders) के लिए एक कॉमन लेटर के जरिये एक साथ आगे आए हैं। इस लेटर में कहा गया है कि कोविड-19 से पहले की तुलना में सर्कुलेशन 80 से 90 प्रतिशत तक पहुंच गया है और 80 प्रतिशत से ज्यादा एडवर्टाइजिंग रिकवरी हो चुकी है।
लेटर में कहा गया है, ‘भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छी रिकवरी कर रही है। वैक्सीन अभियान गति पकड़ रहा है और जीएसटी कलेक्शन भी अच्छी ग्रोथ दिखा रहा है। देश के टियर-दो और टियर-तीन मार्केट इस ग्रोथ में अहम भूमिका निभा रहे हैं। अखबारों का सर्कुलेशन भी बढ़ रहा है और यह जितना कोविड-19 से पहले था, उसके 80-90 प्रतिशत लेवल तक पहुंच गया है, इसके साथ ही एडवर्टाइजिंग रेवेन्यू भी कोविड-19 से पहले की तुलना में 80 प्रतिशत ग्रोथ प्राप्त कर चुका है।’
इस लेटर पर हस्ताक्षर करने वालों में ‘अमर उजाला’ के राजुल माहेश्वरी, ‘ईनाडु’ के आई वेंकट, ‘हिन्दुस्तान’ के राजीव बेओत्रा, ‘साक्षी’ के विनय माहेश्वरी, ‘दैनिक जागरण’ के शैलेष गुप्ता, ‘दैनिक भास्कर’ के गिरीश अग्रवाल और ‘मलयाला मनोरमा’ के जयंत मैमन मैथ्यू शामिल हैं।
इस रिकवरी के बारे में ‘दैनिक भास्कर ग्रुप’ के प्रमोटर डायरेक्टर गिरीश अग्रवाल का कहना है, ‘टियर दो और टियर तीन शहरों की ग्रोथ की वजह से भारतीय भाषाई अखबार पूरे मार्केट की ग्रोथ में अहम भूमिका निभा रहे हैं। अब जब मार्केट्स सामान्य स्थिति में पहुंचे हैं और तेजी से खुल रहे हैं, अखबारों का सर्कुलेशन स्तर भी कोविड-19 से पहले की तुलना में लगभग 85-87 प्रतिशत तक पहुंच गया है। इसके अलावा समाचार पत्रों की विश्वसनीयता और भरोसा एक प्रमुख प्लस पॉइंट के रूप में उभरा है। खासकर फेक न्यूज के माहौल के बीच जिस तरह अखबारों ने अपनी विश्वसनीयत बनाए रखी है, ऐसे में अखबारों की संपादकीय शक्ति को मार्केट्स और पाठकों द्वारा सराहा जा रहा है।’
इस लेटर में अखबारों की ग्रोथ के साथ ही उसके कारणों पर भी बात की गई है। इस लेटर को आप यहां पढ़ सकते हैं।
प्रिंट मीडिया इंडस्ट्री इस बजट में न्यूजप्रिंट पर कस्टम ड्यूटी में पांच प्रतिशत छूट मिलने का इंतजार कर रही थी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा सोमवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट 2021 के दौरान न्यूजपेपर पब्लिशर्स को कुछ राहत नहीं मिली है। कोरोनावायरस (कोविड-19) के मद्देनजर इस साल प्रिंट मीडिया इंडस्ट्री का सर्कुलेशन काफी प्रभावित हुआ है और इससे मुनाफे में कमी आई है। ऐसे में प्रिंट इंडस्ट्री इस बजट में अखबारों और मैगजींस में इस्तेमाल होने वाले कागज यानी न्यूजप्रिंट पर कस्टम ड्यूटी में पांच प्रतिशत छूट मिलने का इंतजार कर रही थी। हालांकि, बजट में इस तरह की कोई घोषणा नहीं की गई है।
बता दें कि पिछली साल प्रिंट मीडिया प्लेयर्सन ने उस समय राहत की सांस ली थी, जब न्यूजप्रिंट पर कस्टम ड्यूटी दस प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दी गई थी। कस्टम ड्यूटी में कटौती से पब्लिशर्स के लिए लागत में भारी कमी आई थी।
हालांकि, जुलाई 2019 से पहले न्यूजपेपर बिजनेस में इस कैटेगरी के लिए किसी तरह की कस्टम ड्यूटी नहीं थी। ऐसे में पिछले साल कस्टम ड्यूटी में की गई कटौती की घोषणा का स्वागत किया गया था, क्योंकि इससे न्यूजप्रिंट में प्रति टन 1500 से 1700 रुपये की बचत हुई थी। देश में वर्तमान में सालाना रूप से 2.5 मिलियन टन न्यूजप्रिंट की मांग है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।इससे पहले वह एडिटोरियल डायरेक्टर और उससे पहले अखबार के एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
एके भट्टाचार्य को ‘बिजेनस स्टैंडर्ड प्राइवेट लिमिटेड’ (Business Standard Private Limited) में एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और एडिटोरियल डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। इससे पहले वह एडिटोरियल डायरेक्टर और उससे पहले अखबार के एडिटर थे।
इसके साथ ही कंपनी ने अपने बोर्ड में कुछ नए बदलाव भी किए हैं। इसके तहत ‘स्टार इंडिया’ (Star India) के पूर्व चेयरमैन और चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर व ‘द वॉल्ट डिज्नी कंपनी, एशिया पैसिफिक’ के पूर्व प्रेजिडेंट उदय शंकर को बतौर नॉन एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर कंपनी बोर्ड में शामिल किया गया है।
वहीं, शिवेंद्र गुप्ता को कंपनी का मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर नियुक्त किया गया है। इससे पहले वह कंपनी के सीईओ थे।
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‘बिजनेस स्टैंडर्ड प्राइवेट लिमिटेड’ (Business Standard Private Limited) ने शिवेंद्र गुप्ता को मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर के पद पर नियुक्त किया है। नई जिम्मेदारी मिलने से पहले वह कंपनी में सीईओ के पद पर काम कर रहे थे।
इसके साथ ही कंपनी ने अपने बोर्ड में कुछ नए बदलाव भी किए हैं। इसके तहत ‘स्टार इंडिया’ (Star India) के पूर्व चेयरमैन और चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर व ‘द वॉल्ट डिज्नी कंपनी, एशिया पैसिफिक’ के पूर्व प्रेजिडेंट उदय शंकर को बतौर नॉन एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर कंपनी बोर्ड में शामिल किया गया है।
वहीं, एके भट्टाचार्य को कंपनी का एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर और एडिटोरियल डायरेक्टर नियुक्त किया गया है। इससे पहले वह एडिटोरियल डायरेक्टर और उससे पहले अखबार के एडिटर थे।
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हिंदी अखबार ‘दैनिक भास्कर’ पाठकों के लिए कुछ न कुछ नया और अलग करने का प्रयास करता रहता है। इसी कवायद के तहत उसने 25 जनवरी को भीलवाड़ा में एक कीर्तिमान रचा है। बताया जा रहा है कि ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी अखबार का फ्रंट पेज बाकायदा कपड़े से ही तैयार किया गया है। कपड़े पर ही खबरों का प्रकाशन हुआ है। यह अंक 204 पेजों का प्रकाशित किया गया है।
ऐसा इसलिए, क्योंकि राजस्थान का भीलवाड़ा शहर ‘टेक्सटाइल सिटी’ के नाम से पूरे विश्व में मशहूर है। दरअसल ‘दैनिक भास्कर’ ने अपने भीलवाड़ा संस्करण के 15वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में पाठकों के लिए यह गौरवशाली अंक तैयार किया है। वस्त्रनगरी के रूप में ख्यात भीलवाड़ा के पाठकों को यह सौगात सोमवार के अंक में मिली। दैनिक भास्कर के मुताबिक, इस अंक की थीम गौरवशाली इसलिए रखी गई, क्योंकि ये भीलवाड़ा के संपूर्ण गौरव को बताने का प्रयास किया गया है।
बता दें कि इस विशेष अंक में ग्राउंड रिपोर्ट के अलावा ऐसी कहानियों का समावेश किया गया है, जिसने यह महसूस कराया कि भीलवाड़ा कितना गौरवशाली और वैभवशाली है। साथ ही ऐसी खबरें प्रकाशित की गई, जिससे पाठकों को यह पता चला कि भीलवाड़ा की पहुंच दुनिया में कहां-कहां तक है।
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प्रसिद्ध भारतीय उद्यमी और ‘ब्रिटिश हेराल्ड’ (British Herald) और ‘कोचीन हेराल्ड’ (Cochin Herald) मैगजीन के मालिक अंसिफ अशरफ अब हमारे बीच नहीं रहे।
प्रसिद्ध भारतीय उद्यमी और ‘ब्रिटिश हेराल्ड’ (British Herald) और ‘कोचीन हेराल्ड’ (Cochin Herald) मैगजीन के मालिक अंसिफ अशरफ अब हमारे बीच नहीं रहे। उनका निधन संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के शाहजाह में बुधवार सुबह हुआ।
दुबई में बिजनेस कर रहे अंसिफ में दो दिन पहले ही कोविड की पुष्टि हुई थी, लेकिन उन्हें पहले स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या नहीं थी। सांस लेने में तकलीफ के बाद बुधवार सुबह अस्पताल ले जाते समय उनकी मौत हो गई।
अवॉर्ड विजेता रहे बिजनेसमैन अंसिफ ने 2017 में ‘ब्रिटिश हेराल्ड’ का अधिग्रहण किया था और बाद में इसे एक ऑनलाइन न्यूज व इंफॉर्मेशन प्लेटफॉर्म के तौर पर लॉन्च किया। 2018 में, उन्होंने इस एक द्वि-मासिक ई-पत्रिका के तौर पर भी लॉन्च किया, जिसमें दुनिया के प्रमुख नेताओं को कवर किया जाता है। वे लंदन प्रेस क्लब (London Press Club) के सदस्य भी रहे हैं।
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पत्रकार डॉ. अतुल मोहन सिंह ने ‘अमर उजाला’ में करीब साढ़े तीन साल पुरानी अपनी पारी को विराम दे दिया है। उन्होंने अपना नया सफर दैनिक ‘स्वदेश’ के साथ शुरू किया है। उन्होंने लखनऊ में बतौर रेजीडेंट एडिटर जॉइन किया है।
मूल रूप से हूंसेपुर (हरदोई) के रहने वाले डॉ. अतुल मोहन सिंह को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का करीब 12 साल का अनुभव है। उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत लखनऊ से पब्लिश होने वाले अखबार ‘स्पष्ट आवाज’ से की थी। इसके बाद ‘वॉयस ऑफ मूवमेंट’ ‘जनसंदेश’, ‘जन एक्सप्रेस’, ‘जनमत न्यूज’ और ‘अमर उजाला’ समेत तमाम अखबारों में विभिन्न जिम्मेदारी निभाने के बाद उन्होंने अब नई शुरुआत की है।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो 12वीं तक स्थानीय स्तर पर शिक्षा ग्रहण करने के बाद उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए लखनऊ का रुख कर लिया था। खास बात यह है कि उच्च शिक्षा के लिए लखनऊ जाने वाले वह अपने गांव के पहले छात्र रहे हैं।
डॉ. अतुल मोहन सिंह पत्रकारिता की पढ़ाई करा रहे तमाम शिक्षण संस्थानों में समय-समय पर अतिथि अध्यापक के रूप में अध्यापन कार्य भी कराते रहते हैं। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के प्रकाशनों के लिए विगत चार वर्षों से कंटेंट राइटर/कॉपी राइटर के रूप में नियमित लेखन के अलावा वह देश के विभिन्न स्थानों से प्रकाशित होने वाली विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए नियमित लेखन भी करते रहते हैं।
समाचार4मीडिया की ओर से डॉ. अतुल मोहन सिंह को उनकी नई पारी के लिए ढेरों शुभकामनाएं।
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