नवभारत टाइम्स में आज दो फ्रंट पेज बनाए गए हैं, जबकि अमर उजाला और दैनिक जागरण के फ्रंट पेज पर दो बड़े विज्ञापन हैं
‘एनआरसी’ पर हंगामा मचाने वाले विपक्ष को एक और मौका मिल गया है। केंद्रीय कैबिनेट ने पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आये गैर-मुस्लिमों को भारत की नागरिकता देने वाले विधेयक पर मुहर लगा दी है। यह बिल जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा। इस खबर के साथ ही जेल की सलाखों से बाहर निकले चिदंबरम से जुड़ी खबर को आज सभी अखबारों ने प्रमुखता से लगाया है। सबसे पहले बात करते हैं ‘दैनिक भास्कर’ की। लीड नागरिकता विधेयक है, जिसे खूबसूरत शीर्षक ‘गैर मुस्लिम हैं...तो स्वागत!’ शीर्षक के साथ विस्तार से लगाया गया है।
कैबिनेट ने डेटा संरक्षण विधेयक को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत डेटा चोरी अपराध की श्रेणी में आएगा। इस खबर को भी लीड के हिस्से के रूप में रखा गया है। वहीं, 106 दिनों के बाद तिहाड़ से बाहर निकले पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम को फोटो के साथ पेज पर जगह मिली है। दिल्ली में 65 साल के डॉक्टर ने अपनी 51 वर्षीय प्रेमिका के साथ खुदकुशी कर ली, इस समाचार को अखबार ने प्रमुखता से लगाया है। एंकर में सऊदी अरब की तेल पर निर्भरता खत्म करने की तैयारी है। सऊदी अरब 37 लाख करोड़ रुपए से दुनिया की पहली स्पोर्ट्स सिटी बना रहा है। इसके अलावा, पेज पर तीन सिंगल खबरों सहित कुछ संक्षिप्त समाचार हैं।
आज हिन्दुस्तान ने ‘नागरिकता बिल कैबिनेट से पास’ शीर्षक तले लीड को पांच कॉलम में रखा है और शेष तीन कॉलम में चिदंबरम को जगह मिली है। अखबार के हिसाब से चिदंबरम ने 105 दिन जेल में गुजारे, जबकि ‘दैनिक भास्कर’ में यह संख्या 106 है।
वहीं, चुनावी मौसम में केजरीवाल सरकार ने एक और सौगात दिल्लीवासियों को दी है। अब राजधानी में रहने वाले 16 दिसंबर से मुफ्त वाईफाई इस्तेमाल कर पाएंगे। इसके लिए 11 हजार हॉटस्पॉट लगाने पर काम चल रहा है। इस खबर को अखबार ने प्रमुखता से पेज पर रखा है।इस मामले में ‘दैनिक भास्कर’ से चूक हो गई है। अखबार ने इसे संक्षिप्त में जगह दी है, जबकि इसे बड़ा स्थान मिलना चाहिए था। सूडान में 18 भारतीयों की मौत के साथ ही आईटीबीपी जवान की गोलीबारी भी पेज पर है। जवान छुट्टी न मिलने से इतना नाराज हो गया कि उसने अपने पांच साथियों को गोलियों से भून डाला। एंकर में जलवायु परिवर्तन को रेखांकित करती मदन जैड़ा की स्टोरी है। इस स्टोरी के अनुसार बाढ़-तूफान के सबसे खतरे वाले देशों में भारत पांचवें स्थान पर है।
अब दैनिक जागरण की बात करें तो अखबार के फ्रंट पेज पर दो बड़े विज्ञापन हैं। अखबार ने नागरिकता विधेयक को लीड रखा है, हालांकि इसकी प्रस्तुति बेहद सामान्य है। दूसरी बड़ी खबर के रूप में आईटीबीपी जवान की गोलीबारी है। ‘दैनिक जागरण’ की खबर बताती है कि चिदंबरम 106 दिन बाद जेल से बाहर निकले, जबकि ‘हिन्दुस्तान’ इसे 105 बता रहा है। केजरीवाल सरकार की मुफ्त वाईफाई सौगात को भी पेज पर प्रमुखता से लगाया गया है। इसके अलावा पेज पर कुछ संक्षिप्त समाचार हैं। हालांकि, डॉक्टर की आत्महत्या को किसी भी रूप में जगह नहीं मिली है।
वहीं, अमर उजाला के फ्रंट पेज पर 'दैनिक जागरण' की तरह दो बड़े विज्ञापन हैं। लीड नागरिकता विधेयक है, जिसे काफी विस्तार में पाठकों के समक्ष परोसा गया है। चिदंबरम को ऊपर तीन कॉलम में जगह मिली है और इसके ठीक नीचे दिल्लीवासियों को मिली वाईफाई की सौगात है। ‘अमर उजाला’ भी चिदंबरम के जेल में काटे दिनों की संख्या 106 बता रहा है। सूडान में 18 भारतीयों की मौत के साथ ही पेज पर 18 भारतीयों के अपहरण के समाचार को भी रखा गया है। समुद्री डाकुओं ने नाइजीरिया के तट से हांगकांग के जिस जहाज का अपहरण किया, उसमें 18 भारतीय भी सवार थे। यह खबर दूसरे अखबारों में नहीं है।
नवभारत टाइम्स की बात करें तो आज पाठकों को दो फ्रंट पेज मिले हैं। पहले पेज की लीड दिल्लीवासियों को मुफ्त वाईफाई की सौगात है। दूसरी बड़ी खबर के रूप में चिदंबरम की रिहाई को रखा गया है। इस अखबार के हिसाब से भी चिदंबरम 106 दिन जेल में गुजारकर बाहर आये हैं। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर धरने पर बैठीं स्वाति मालीवाल आज भी फोटो के रूप में पेज पर हैं। एंकर में प्रेमिका सहित डॉक्टर की आत्महत्या को जगह मिली है। अखबार ने इस खबर को काफी विस्तार से बताया है।
दूसरे पेज की लीड नागरिकता विधेयक है। आईटीबीपी जवान की गोलीबारी को भी प्रमुखता से साथ रखा गया है। इसके अलावा पेज पर दो सिंगल खबरें भी हैं। पहली राजनाथ सिंह का बयान है, जो कह रहे हैं कि हमारे सैनिक भी सीमा लांघते हैं और दूसरी एलओसी के पास आये बर्फीले तूफान से जुड़ी है, जिसमें 4 जवान शहीद हो गए। नवभारत टाइम्स के पहले फ्रंट पेज पर आधा पेज विज्ञापन होने के कारण खबरों वाला भाग ही शो हो रहा है, इसलिए यहां पर खबरों वाले भाग को ही लगाया गया है जबकि दूसरा फ्रंट पेज पूरा शो हो रहा है।
सबसे आखिरी में आज ‘राजस्थान पत्रिका’ पर नजर डालते हैं। लीड नागरिकता विधेयक है, जिसे काफी विस्तार से रखा गया है। दूसरी बड़ी खबर सबसे अलग सुंदर पिचाई से जुड़ी है, जिन्हें गूगल की मूल कंपनी अल्फाबेट का भी सीईओ बनाया गया है। चिदंबरम की रिहाई को ज्यादा तवज्जो न देते हुए पेज के सेकंड हाफ में जगह दी गई है, जबकि आईटीबीपी के जवान की गोलीबारी ऊपर चार कॉलम में है। इसरो ने ‘विक्रम’ की खोज पर नासा के दावे को खारिज कर दिया है। उसका कहना है कि तीन दिन बाद ही विक्रम को खोज लिया गया था। इस खबर को पेज पर प्रमुखता के साथ रखा गया है। एलओसी पर बर्फीले तूफान सहित कुछ अन्य समाचार भी पेज पर हैं, जबकि एंकर में शिक्षा खर्च से जुड़ा समाचार है।
आज का ‘किंग’ कौन?
1: लेआउट के लिहाज से आज ‘दैनिक जागरण’ और ‘राजस्थान पत्रिका’ को छोड़कर सभी अखबार अच्छे नजर आ रहे हैं।
2: खबरों की प्रस्तुति में केवल ‘दैनिक जागरण’ का पक्ष कमजोर है, जबकि अन्य अखबारों ने अपने फ्रंट पेज पर खबरों के प्रेजेंटेशन में काफी मेहनत की है।
3: कलात्मक शीर्षक की बात करें तो आज की बाजी ‘दैनिक भास्कर’ के नाम है। लीड के शीर्षक में केवल ‘दैनिक भास्कर’ ने प्रयोग किया है, जबकि बाकियों ने सीधी-सपाट हेडिंग दी है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।साप्ताहिक पत्रिका ‘कुमुदम’ के संपादक व वरिष्ठ पत्रकार प्रिया कल्याणरमन का चेन्नई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया।
साप्ताहिक पत्रिका ‘कुमुदम’ के संपादक व वरिष्ठ पत्रकार प्रिया कल्याणरमन का चेन्नई में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वे 56 साल के थे। वे कुमुदम समूह को तीन दशकों से भी अधिक समय से अपनी सेंवाए दे रहे थे। प्रिया कल्याणरमन को ‘रामचंद्रन’ के नाम से भी जाना जाता है।
प्रिया कल्याणरमन नागपट्टिनम जिले के रहने वाले हैं और उनकी पत्नी राजा सियामाला एक लेखिका हैं। प्रिया कल्याणरमन का एक बेटा और एक बेटी है। उन्होंने अपना उपनाम अपने पिता और माता के नाम पर रखा। कॉलेज से स्नातक होने के बाद, उन्होंने सरकारी नौकरी को ठुकरा दिया और 21 साल की उम्र में कुमुथम साप्ताहिक पत्रिका में एक पत्रकार के रूप में अपना करियर शुरू किया। बाद में वे इस पत्रिका के संपादक बनें और कई वर्षों तक सेंवाएं दी।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने वरिष्ठ पत्रकार प्रिया कल्याणरमन यानी कि ‘रामचंद्रन’ के निधन पर शोक व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना और सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि रामचंद्रन (55) ने कुमुदम समूह में तीन दशकों से अधिक समय तक काम किया है।
स्टालिन ने कहा, ‘आज दिल का दौरा पड़ने से प्रिया कल्याणरमन के आकस्मिक निधन पर मुझे गहरा दुख हुआ है। उनका निधन पत्रकारिता के लिए एक बड़ी क्षति है।’
उन्होंने यहां एक बयान में कहा, ‘मैं शोक संतप्त परिवार, मीडिया मित्रों और कुमुदम के कर्मचारियों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं।’
अम्मा मक्कल मुनेत्र कड़गम (एएमएमके) के नेता टी.टी.वी दिनाकरन ने भी रामचंद्रन के निधन पर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा, ‘मुझे यह जानकर दुख हुआ कि कुमुदम के संपादक प्रिया कल्याणरमन का निधन हो गया है। मैं उनके परिवार, दोस्तों और मीडिया समुदाय के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं।’
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।पंजाब के मोहाली जिले के अधीन आने वाले कुछ क्षेत्रों में रसूखदार और नेताओं के बड़े-बड़े फार्म हाउस जांच के दायरे में हैं।
पंजाब के मोहाली जिले के अधीन आने वाले कुछ क्षेत्रों में रसूखदार और नेताओं के बड़े-बड़े फार्म हाउस जांच के दायरे में हैं। पंजाब की आप सरकार इन इलाकों में वन विभाग के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है कि आखिरकार जंगलात विभाग यानी वन विभाग की जमीन और पहाड़ों को काटकर कैसे इन इलाकों में बड़े-बड़े फार्म हाउस बनाए गए। इसी कड़ी में पूर्व वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत, फारेस्ट विभाग के अधिकारी (डीएफओ) गुरमनप्रीत सिंह, एक पत्रकार कमलजीत सिंह व कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ (TOI) की एक रिपोर्ट की मानें तो गिरफ्तार संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) गुरमनप्रीत सिंह ने 15 टीवी और प्रिंट पत्रकारों को नामजद किया है, जिन्होंने घोटाले के तहत मोहाली जिले के अधीन आने वाले क्षेत्र करोरान, मिर्जापुर और सिसवान गांवों में वन भूमि खरीदी।
पंजाब के विजिलेंस ब्यूरो से जुड़े सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि गिरफ्तार पंजाब के पूर्व वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत से पूछताछ में इस घोटाले में कई आईएएस, आईएफएस और पीसीएस अधिकारियों के शामिल होने बात सामने आयी थी। साथ ही पूछताछ में यह भी पता चला कि पत्रकारों और प्रशासनिक अधिकारियों दोनों ने या तो फॉर्महाउस के लिए सस्ती वन भूमि खरीदी या इसकी जंगल की लकड़ी को लाखों रुपए में बेच दिया।
विजिलेंस ब्यूरो ने पूछताछ में सामने आए पत्रकारों व अधिकारियों के नामों को फिलहाल अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है, क्योंकि वह इनके खिलाफ और अधिक सबूत जुटा रही है।
विजिलेंस ब्यूरो से जुड़े एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर TOI को बताया कि चंडीगढ़ के प्रतिष्ठित टीवी और प्रिंट मीडिया हाउस के ये पत्रकार यहां के अधिकारियों के साथ मिलकर वन भूमि की खरीद-फरोख्त के साथ-साथ जंगल की लकड़ियों की बिक्री से लाभ कमा चुके हैं। सिसवान, मिर्जापुर और करोरान में कई मामलों की जांच चल रही है। सिसवान, मिर्जापुर और करोरान में इससे जुड़े कई मामलों की जांच चल रही है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।युवा पत्रकार सिलवेस्टर तमांग ने ‘टाइम्स ग्रुप’ में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह करीब साढ़े तीन साल से इस ग्रुप की डिजिटल बिजनेस कंपनी ‘टाइम्स इंटरनेट’ में अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
युवा पत्रकार सिलवेस्टर तमांग (Sylvester Tamang) ने ‘टाइम्स ग्रुप’ (Times Group) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह करीब साढ़े तीन साल से इस ग्रुप की डिजिटल बिजनेस कंपनी ‘टाइम्स इंटरनेट’ (Times Internet) में अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
सिलवेस्टर तमांग ने अब अपनी नई पारी की शुरुआत ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ (Hindustan Times) से की है। उन्होंने दिल्ली में बतौर असिस्टेंट एडिटर जॉइन किया है।
तमांग को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब नौ साल का अनुभव है। इस दौरान उन्होंने प्रिंट, टीवी और डिजिटल तीनों में काम किया है। उन्होंने पत्रकारिता में अपने करियर की शुरुआत अंग्रेजी अखबार ‘मिलेनियम पोस्ट’ (Millennium Post) से की थी। अब तक वह ‘डीडी न्यूज’ (DD News), ‘सीएनएन-न्यूज18’ (CNN-News 18), ‘जी’ (Zee) और ‘एनडीटीवी’ (NDTV) जैसे प्रमुख मीडिया प्रतिष्ठानों में अपनी भूमिकाएं निभा चुके हैं।
मूल रूप से दार्जिलिंग के रहने वाले सिलवेस्टर तमांग का जन्म और पढ़ाई-लिखाई दिल्ली से हुई है। दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से ग्रेजुएट सिलवेस्टर तमांग ने ‘इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन’ (IIMC) से ब्रॉडकास्ट जर्नलिज्म की पढ़ाई की है।
समाचार4मीडिया की ओर से सिलवेस्टर तमांग को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
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200 सालों से लगातार प्रकाशित होने वाले गुजराती दैनिक अखबार ‘मुंबई समाचार’ के द्विशताब्दी महोत्सव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए। यह कार्यक्रम मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के जियो वर्ल्ड सेंटर में आयोजित किया गया।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मुंबई समाचार जब शुरू हुआ था, तब गुलामी का अंधेरा घना हो रहा था। ऐसे कालखंड में गुजराती जैसी भारतीय भाषा में अखबार निकालना इतना आसान नहीं था। मुंबई समाचार ने उस दौर में भाषाई पत्रकारिता को विस्तार दिया।
वहीं, मुंबई समाचार की 200वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में पीएम मोदी ने विशेष डाक टिकट लॉन्च किया। इस दौरान महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी शामिल रहे। यहां एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई, जहां आगंतुक 18वीं सदी की अखबार छपाई मशीन देखने पहुंचे।
इस दौरान पीएम मोदी ‘मुंबई समाचार’ के 200 साल के सफर पर एक किताब और वीडियो फिल्म का भी विमोचन किया।
‘मुंबई समाचार’ ने दो महामारियों, दो विश्व युद्धों, कपड़ा और व्यापारिक केंद्र से वित्तीय व फिल्म उद्योग की राजधानी तक कई अवतारों में बदले इस शहर के विकास को देखा है। ‘मुंबई समाचार’ के निदेशक होर्मुसजी कामा ने कहा कि 20 साल पहले अखबार ने शोध किया और पाया कि यह भारत का सबसे पुराना सक्रिय प्रकाशन और दुनिया का चौथा सबसे पुराना प्रकाशन है।
‘बॉम्बे समाचार’ (पूर्व का नाम) 1822 में एक साप्ताहिक के रूप में शुरू हुआ था। शुरुआत में पाठकों को इस अखबार के जरिए जहाजों की आवाजाही और वस्तुओं के बारे में जानकारी दी जाती थी। धीरे-धीरे व्यापार पर ध्यान देने के साथ शहर के बारे में अन्य जानकारी दी जाने लगी।
पारसी विद्वान फरदुनजी मर्जबान ने बांग्ला अखबार ‘समाचार दर्पण’ शुरू होने के चार साल बाद इसका प्रकाशन शुरू किया, जो भारत में प्रकाशित होने वाला दूसरा गैर-अंग्रेजी समाचार पत्र बन गया। फिर इसका नाम ‘मुम्बिना समाचार’ रखा गया। शुरुआती 10 वर्षों में यह साप्ताहिक था, फिर यह द्वि-साप्ताहिक बना और 1855 से दैनिक अखबार बन गया। वर्ष 1933 में कामा परिवार के पास इस अखबार का मालिकाना हक आया।
वीडियो के जरिए देखें क्या कुछ कहा पीएम मोदी ने-
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हिंदी दैनिक ‘अमर उजाला’ (Amar Ujala) से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। दरअसल, खबर यह है कि यहां कई संपादकों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया है। इन बदलावों के तहत आगरा संस्करण में संपादक विनोद पुरोहित का तबादला कानपुर किया गया है। जल्द ही वह वहां जॉइन करेंगे। देहरादून के न्यूज एडिटर कुमार अतुल को अलीगढ़ में संपादक बना कर भेजा गया है। अभी तक अलीगढ़ यूनिट की जिम्मेदारी विनोद पुरोहित ही संभाल रहे थे।
इसके साथ ही बतौर संपादक कानपुर में अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे विजय त्रिपाठी को लखनऊ में राजीव सिंह की जगह संपादक बनाकर भेजा गया है। उन्होंने वहां जॉइन भी कर लिया है। बता दें कि लखनऊ के संपादक राजीव सिंह सेवानिवृत्त हो गए हैं। सूत्रों से मिली खबर के अनुसार, सेवानिवृत्ति के बाद भी राजीव सिंह अमर उजाला समूह से जुड़े रहेंगे और उन्हें नोएडा में नई जिम्मेदारी दी जा सकती है।
पिछले दिनों हिंदी दैनिक ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagran) की आगरा यूनिट में न्यूज एडिटर पद से इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ पत्रकार नवीन पटेल को अमर उजाला, प्रयागराज का नया एडिटर नियुक्त किया गया है। नई व्यवस्था के तहत उन्होंने अपना कार्यभार ग्रहण भी कर लिया है।
इसके अलावा खबर यह भी है कि अमर उजाला, नोएडा के स्थानीय संपादक भूपेंद्र कुमार को आगरा भेजा जा रहा है। अंदरखाने के सूत्रों के हवाले से मिली खबर के अनुसार, इलाहाबाद (अब प्रयागराज) के संपादक मनोज मिश्रा को नोएडा में भूपेंद्र कुमार की जगह भेजा जा रहा है। हालांकि, प्रबंधन की ओर से आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
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देश में पत्रिकाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले ‘द एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ (AIM) के खाते में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ गई है। दरअसल, पुर्तगाल के Cascais शहर में ‘इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ पीरियोडिकल पब्लिशर्स’ (FIPP) द्वारा आयोजित किए जा रहे वर्ल्ड मीडिया कांग्रेस, 2022 के पहले दिन ‘द एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई और दमदार प्रस्तुति दी।
इस दौरान ‘द एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ ने मैगजींस के डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़ी समस्याओं को हल करने के लिए अपनी महत्वपूर्ण पहलों (initiatives) की प्रस्तुति दी और इसके साथ ही ‘दास्तान हब’ (Dastaan Hub) नामक अपनी तरह के पहले मेगा ब्रैंडेड कंटेंट स्टूडियो का शुभारंभ किया।
दुनिया भर के सबसे बड़े मैगजीन पब्लिशर्स का प्रतिनिधित्व करने वाले 300 से अधिक कांग्रेस प्रतिनिधियों के सामने 'आनंदा विकतन' (Ananda Vikatan) के एमडी बी श्रीनिवासन, दिल्ली प्रेस के एग्जिक्यूटिव पब्लिशर अनंत नाथ और इंडिया टुडे के सीईओ मनोज शर्मा ने उस सहयोगात्मक पहलों के बारे में चर्चा की, जो कि इंडियन मैगजीन पब्लिशर्स ने महामारी के दौरान अपनाई थीं।
सत्र का शुभारंभ करते हुए बी. श्रीनिवासन, जो ‘एआईएम’ के प्रेजिडेंट भी हैं, ने कहा कि महामारी के दौरान भारतीय पब्लिशर्स ने डिस्ट्रीब्यूशन और एडवर्टाइजिंग से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए आपस में मिलकर एक फ्रेमवर्क तैयार किया। उन्होंने यह भी बताया कि किस तरह से महत्वपूर्ण सूचनाओं को शेयर करने के लिए पब्लिशर्स के बीच विश्वास का माहौल बनाया गया था और विभिन्न मॉडलों पर काम करते रहने के लिए व्यावहारिक और उचित समाधान न मिलने तक एक साझा प्रतिबद्धता (shared commitment) को अपनाया गया था।
एआईएम’ के महासचिव अनंत नाथ ने डिस्ट्रीब्यूशन से जुड़ीं समस्याओं को दूर करने के लिए अपनाई गई तीन चरणों वाली स्ट्रैटेजी के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि सबसे पहले वर्षों से कमजोर हो रहे असंगठित एजेंसी नेटवर्क की समस्या का समाधान करने के लिए एजेंसी की मान्यता का सिस्टम शुरू किया गया, ताकि उन कार्यों और एजेंट्स की पहचान हो सके, जो मार्केट में बेहतर और प्रभावी तरीके से अपनी सेवा दे सकें। इसके पीछे विचार यह था कि पब्लिशर्स इन एजेंट्स के साथ सामूहिक रूप से काम करते हैं, उन्हें काफी काम देते हैं और उनके लिए वित्तीय प्रोत्साहन देते हैं और बदले में अपने लिए बड़े भौगोलिक क्षेत्रों में बेहतर मार्केट कवरेज सुनिश्चित करते हैं।
दूसरे, खराब सब्सक्रिप्शन डिलीवरी की समस्या को हल करने के लिए, एसोसिएशन ने 'मैगजीन पोस्ट' नामक नई डिलीवरी सर्विस शुरू करने के लिए भारतीय डाक विभाग के साथ हाथ मिलाया। इससे सबस्क्राइबर्स को लाइव ट्रैकिंग और एसएमएस अलर्ट जैसी सुविधाएं मिलती हैं।
तीसरा, शहरी भारत में 11,000 से अधिक केंद्रों में 600,000 से अधिक समाचार पत्र डिलीवरी ब्वॉयज के विशाल नेटवर्क के लिए एसोसिएशन एक तकनीकी कार्यक्रम पर काम कर रही है, ताकि इन विक्रेताओं और डिलीवरी ब्वॉयज को पत्रिका बेचने और सबस्क्रिप्शन की डिलीवरी के लिए नामांकित किया जा सके।
एआईएम के कोषाध्यक्ष (treasurer) मनोज शर्मा ने विश्व मंच पर ‘दास्तान हब’ नाम से मेगा ब्रैंडेड कंटेंट स्टूडियो का अनावरण किया, जिसे एसोसिएशन ने वर्ष की शुरुआत में लॉन्च किया था। स्टूडियो ने 100 से अधिक मैगजींस, 50 वेबसाइट्स और सोशल मीडिया चैनल्स की एडिटोरियल स्ट्रेंथ और पब्लिशिंग एसेट्स को एक साथ रखा है, ताकि मार्केटर्स को 10 भाषाओं में 150 मिलियन से अधिक पाठकों को इन दमदार ब्रैंड्स की स्टोरीज सुनाने का अवसर मिल सके। शर्मा ने इस बात पर जोर दिया कि यह विश्व स्तर पर अपनी तरह की अनूठी पहल है, जिसका उद्देश्य नवीनत और दमदार ब्रैंड की स्टोरीज को ऐसे बताना है, जैसे कि पहले कभी न बताई गई हो।
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‘कारवां’ पत्रिका के लिए काम कर रहे मल्टी मीडिया पत्रकार शाहिद तांत्रे ने आरोप लगाया है कि सेना से संबंधित उनके लेख को लेकर जम्मू-कश्मीर पुलिस उन्हें परेशान कर रही है।
पत्रकार शाहिद तांत्रे के मुताबिक, कश्मीर में दैनिक घटनाक्रम पर लिखने के कारण पुलिस उन्हें और उनके परिवार को धमका रही है। हालांकि पुलिस ने इस आरोप को खारिज किया और कहा कि उसे कुछ प्रमुख व्यक्तियों का जीवन खतरे में डालने को लेकर पत्रकार के बारे में शिकायत मिली थी।
मिली जानकारी के मुताबिक, तांत्रे ने इस साल पत्रिका में एक लेख लिखा था, जिसमें दावा किया गया था कि सेना घाटी में हालात सामान्य बताने के लिए शांति मार्च निकाल रही है। साथ ही उन्होंने सेना के साथ काम कर रहे पार्षदों और शांति कार्यकर्ताओं का भी जिक्र किया था।
तांत्रे ने मीडिया को जारी बयान में कहा, 'पुलिस ने पर्याप्त दस्तावेजों के बिना मुझे तलब किया है। लिहाजा मुझे सीआरपीसी की धारा 41ए के तहत उचित तरीके से नोटिस जारी करें। नोटिस प्राप्त करने के बाद ही मैं जांच में शामिल होउंगा और पूरा सहयोग करूंगा।'
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर कहा, 'कई प्रमुख व्यक्तियों ने कारवां के शाहिद तांत्रे नामक पत्रकार के लेख ''फॉल्स फ्लैग्स'' को लेकर उनके खिलाफ शिकायत की थी। आरोप है कि लेख में उनके नाम दिए गए हैं, जो आतंकी समूहों को उन्हें निशाना बनाने का मौका देने और उनकी जान खतरे में डालने जैसा है।’
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि लेख में जिन लोगों के नाम हैं, वे अपने घरों से बाहर निकलने में खतरा महसूस कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि वे आतंकवादी समूहों का अगला लक्ष्य हो सकते हैं।
वहीं दूसरी तरफ, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने पत्रकार शाहिद तांत्रे को जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा प्रताडि़त करने की कड़ी निंदा की है। प्रेस क्लब ने कहा है कि पुलिस की ओर से तांत्रे को ऐसी रिपोर्टिंग न करने या फिर कार्रवाई का सामना करने की धमकी 1975 के आपातकाल की याद दिलाई है।
प्रेस क्लब के अध्यक्ष उमाकांत लखेड़ा और महासचिव विनय कुमार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस मामले की तुरंत जांच की जाए और तांत्रे को श्रीनगर में बेरोकटोक काम करने दिया जाए।
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‘इंडिया टुडे’ (India Today) ने साप्ताहिक पत्रिका के तौर पर सफलतापूर्वक अपने 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं।
इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी ने हाल ही में इस खास मौके पर टीम के बीच केक काटकर जश्न मनाया।
नई दिल्ली स्थित लिविंग मीडिया इंडिया लिमिटेड (Living Media India Limited) द्वारा प्रकाशित ‘इंडिया टुडे’ पत्रिका 1975 से प्रकाशन में है। अंग्रेजी के साथ-साथ इंडिया टुडे हिंदी में भी प्रकाशित होती है।
यह इंडिया टुडे ग्रुप का हिस्सा है, जिसे 1975 में स्थापित किया गया था, जिसके अंतर्गत अब 13 पत्रिकाएं, 3 रेडियो स्टेशन, 4 टीवी चैनल, 1 समाचार पत्र, एक क्लासिक म्यूजिक लेबल (म्यूजिक टुडे), बुक पब्लिशिंग और देश का एकमात्र बुक क्लब शामिल है।
1975 में इस पत्रिका ने 5,000 प्रतियों का सर्कुलेशन कर अपना सफर शुरू किया था और अब वर्तमान में 5.62 मिलियन से अधिक पाठकों के साथ 1.1 मिलियन से अधिक प्रतियों का सर्कुलेशन है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।प्रदीप वर्मा इससे पहले गाजियाबाद से प्रकाशित ‘दैनिक अथाह’ में करीब दस महीने से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
पत्रकार प्रदीप वर्मा ने ‘हिन्दुस्तान’ अखबार के साथ अपनी नई पारी की शुरुआत की है। उन्होंने गाजियाबाद (उत्तर प्रदेश) में बतौर रिपोर्टर जॉइन किया है। प्रदीप वर्मा इससे पहले गाजियाबाद से ही प्रकाशित ‘दैनिक अथाह’ में करीब दस महीने से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
मूल रूप से गाजियाबाद के रहने वाले प्रदीप वर्मा को पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करने का करीब 20 साल का अनुभव है। पूर्व में वह ‘दैनिक जागरण’, ‘अमर उजाला’ और ‘जनसत्ता’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो प्रदीप वर्मा ने गाजियाबाद में एमएमएच कॉलेज से ग्रेजुएशन किया है। समाचार4मीडिया की ओर से प्रदीप वर्मा को उनकी नई पारी के लिए ढेरों शुभकामनाएं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।वर्ष 1991 में ‘आईआईएमसी‘ से पत्रकारिता पढ़कर निकले अवनीश वर्ष 1996 से ‘दैनिक भास्कर‘ जुड़े हुए हैं।
‘दैनिक भास्कर’ दिल्ली में एक बड़ा बदलाव हुआ है। दरअसल, वर्तमान में मध्यप्रदेश में ‘दैनिक भास्कर‘ के राज्य संपादक अवनीश जैन को अब ‘दैनिक भास्कर‘ दिल्ली में राजनीतिक संपादक बना दिया गया है। इसके साथ-साथ वह मध्यप्रदेश में भी अपनी जिम्मेदारी संभालते रहेंगे। दरअसल, अवनीश जैन का सरल व्यवहार, उनकी राजनीतिक पकड़ और अनुभव के चलते अब समूह ने उन्हें दिल्ली जैसे प्रमुख राज्य की जिम्मेदारी दी है।
वर्ष 1991 में ‘आईआईएमसी‘ से पत्रकारिता पढ़कर निकले अवनीश वर्ष 1996 से ‘दैनिक भास्कर‘ जुड़े हुए हैं। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 1992 में ‘राष्ट्रीय सहारा‘ से की, जहां उन्हें नेशनल ब्यूरो की जिम्मेदारी मिली। साल 1994 में ‘दैनिक जागरण‘ में उन्हें इकोनॉमिक ब्यूरो की भूमिका दी गई।
साल 1996 में जब जयपुर में ‘दैनिक भास्कर‘ की लॉन्चिंग की गई तो अवनीश उसका हिस्सा थे। दिसंबर 1997 में उन्हें दिल्ली भेजा गया। साल 2003 तक उन्होंने दिल्ली दैनिक भास्कर के साथ काम किया। उसके बाद उन्हें पॉलिटिकल ब्यूरो चीफ बनाकर फिर जयपुर भेजा गया।
वर्ष 2007 में उन्हें भोपाल दैनिक भास्कर में संपादक के तौर पर जिम्मेदारी दी गई और फिर इंदौर भी भेजा गया। 2011 में अहमदाबाद में ‘दिव्य भास्कर‘ के संपादक की भूमिका में उन्होंने कार्य किया और साल 2015 से वह ‘दैनिक भास्कर‘ के मध्यप्रदेश राज्य के संपादक हैं।
दो दशक से भी अधिक का अनुभव रखने वाले अवनीश ने देश-विदेश की कई बड़ी घटनाओं को कवर किया है। उन्होंने विभिन्न राजनयिकों के साथ कई विदेश यात्राएं की हैं। समाचार4मीडिया की ओर से अवनीश जैन को उनके इस सफर के लिए बधाई और शुभकामनाएं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।