सूचना:
मीडिया जगत से जुड़े साथी हमें अपनी खबरें भेज सकते हैं। हम उनकी खबरों को उचित स्थान देंगे। आप हमें mail2s4m@gmail.com पर खबरें भेज सकते हैं।

मैगजीन बिजनेस मुख्य रूप से इन तीन शब्दों के इर्द-गिर्द घूमता है: डॉ. अनुराग बत्रा

‘बिजनेसवर्ल्ड’ समूह के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ और ‘एक्सचेंज4मीडिया’ समूह के फाउंडर व एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा का कहना है कि आने वाले दौर में मैगजीन प्लेयर्स के हाथों में होगी मीडिया बिजनेस की कमान

Last Modified:
Monday, 27 March, 2023
Dr Annurag Batra

देश में पत्रिकाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले ‘द एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ (AIM) के प्रमुख इवेंट ‘इंडियन मैगजीन कांग्रेस’ (IMC) का 24 मार्च को वृहद आयोजन किया गया। दिल्ली में हुए इस आयोजन में एडिटर्स, पब्लिशर्स, मीडिया संस्थानों के डिजिटल हेड्स, पॉलिसीमेकर्स, मीडिया संस्थानों के मालिक, मार्केटर्स और मीडिया प्लानर्स के साथ ही रिसर्चर और इंडस्ट्री से जुड़े विश्लेषक शामिल हुए और अपनी बात रखी।

कार्यक्रम में चर्चा हुई कि पिछले कुछ वर्षों में मैगजीन बिजनेस का किस तरह जबरदस्त विकास हुआ है और मैगजीन बिजनेस के लिए नए प्रतिमान क्या हैं। इसके साथ ही इस बात पर भी चर्चा हुई कि किस तरह तमाम मैगजींस कम्युनिटीज को आगे बढ़ाने के लिए कॉरपोरेट स्ट्रक्चर तैयार किया जा सकता है और मैगजींस किस तरह से अपनी कम्युनिटीज के बीच ब्रैंड इंगेजमेंट बढ़ा सकती हैं।

कार्यक्रम के दौरान ‘बिजनेसवर्ल्ड’ समूह के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ और ‘एक्सचेंज4मीडिया’ समूह के फाउंडर व एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत में मैगजीन बिजनेस भविष्य के मल्टीमीडिया प्लेटफॉर्म्स में तब्दील हो गया है। उन्होंने एक मैगजीन बिजनेस को परिभाषित करते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की, जो मुख्य रूप से तीन शब्दों- कंटेंट, कम्युनिटी और कॉमर्स (Content, Community and Commerce) के इर्द-गिर्द घूमता है। उन्होंने उल्लेख किया कि जब बाजार में प्रत्येक प्लेयर व्यक्तिगत रूप से या सहयोगी रूप से आगे बढ़ता है, तो किस तरह से इंडस्ट्री का विस्तार होता है।

पिछले दो दशक में ‘एक्सचेंज4मीडिया’ ने किस तरह सहज रूप से मीडिया इंडस्ट्री के लिए बी2बी मार्केटप्लेस बनाया है, इस बारे में विस्तार से बताते हुए डॉ. बत्रा ने यह भी उल्लेख किया कि कैसे उन्होंने मीडिया प्लेटफॉर्म को आगे बढ़ाने के लिए कंटेंट पर ध्यान केंद्रित करना शुरू किया, जो बहुत ही महत्वपूर्ण है।

स्पष्ट रूप से एक मीडिया प्लेटफॉर्म जो मार्केटिंग, एडवर्टाइजिंग और मीडिया कम्युनिकेशन कम्युनिटी में एक महत्वपूर्ण प्लेयर है, अपनी उच्च विश्वसनीयता वाले कंटेंट और दर्शकों के मजूबत आधार पर मार्केट में मजबूती से खड़ा है।

डॉ. अनुराग बत्रा के अनुसार, ‘एक्सचेंज4मीडिया मार्केटिंग और एडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री से जुड़े सभी लोगों के लिए एक होम पेज है, हम B2B स्पेस में होने वाली हर चीज पर विविध कंटेंट प्रदान करते हैं। इसके अलावा, हमारे बिजनेस के चार प्रमुख स्तंभ हैं-एक्सचेंज4मीडिया, मासिक पत्रिका ‘पिच’, साप्ताहिक पत्रिका ‘इम्पैक्ट’ और करीब 14 साल पहले हमने हिंदी में मीडिया पर एक न्यूज वेबसाइट ‘समाचार4मीडिया’ शुरू की थी। एक्सचेंज4मीडिया ने 72 से अधिक इवेंट्स आयोजित किए हैं। इसके अलावा बिजनेसवर्ल्ड ने 27 कम्युनिटीज तैयार की हैं, जिनमें होटल कम्युनिटी टॉप पर है। वहीं, बिजनेसवर्ल्ड आने वाले वर्षों में अन्य निवेशों के साथ सबस्क्रिप्शन मॉडल अपनाने के साथ-साथ 12 से 14 नई मैगजींस इस लिस्ट में जोड़ने की योजना बना रहा है।’

इसके साथ ही यह जानकारी देते हुए कि देश में मैगजीन बिजनेस किस तरह से भविष्य के मल्टीमीडिया प्लेटफॉर्म्स में रूपांतरित हो गए हैं, डॉ. बत्रा ने यह भी शेयर किया कि कैसे बिजनेसवर्ल्ड और एक्सचेंज4मीडिया ने अपने पंख फैलाए हैं और प्रिंट, इवेंट्स व रिसर्च से परे नई चीजें तलाश की हैं। ओटीटी और वीडियो अगले चरण हैं, जिन्हें कंपनी आने वाले वर्षों में शुरू करने की तैयारी में है। डॉ. बत्रा के अनुसार, ‘हम ब्रैंड और कंटेंट के बिजनेस में हैं। अपने बिजनेस को कैसे परिभाषित किया जाए कि लाभप्रदता मिल सके, इसका बेहतर उदाहरण इंडिया टुडे के साथ दिया जा सकता है, जिसने एक मैगजीन कंपनी के रूप में शुरुआत की और बाद में ब्रॉडकास्ट क्षेत्र में प्रवेश किया। इससे पता चलता है कि आने वाले वर्षों में शीर्ष मीडिया प्लेयर्स वे होंगे, जिन्होंने मैगजीन बिजनेस के साथ शुरुआत की है।’

इस कार्यक्रम के दौरान डॉ. बत्रा ने यह भी उल्लेख किया कि बिजनेस का विस्तार करने के लिए स्केल, बाजार की गहराई से समझ और मार्केट की क्षमता आदि प्वॉइंट्स पर फोकस करना जरूरी है। इसके साथ ही डॉ. बत्रा ने उन सभी कार्यों का जिक्र किया, जिनका पालन बिजनेस के समग्र विकास के लिए करना चाहिए। इनमें कंटेंट, इनसाइट्स, कनेक्टिविटी, एडवर्टाइजिंग, स्पॉन्सरशिप और सबस्क्रिप्शन मॉडल्स आदि शामिल हैं।

समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।
न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

‘BW बिजनेसवर्ल्ड’ ने कुछ यूं बयां किया मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के नौ सालों का सफर

भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार 30 मई, 2023 को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में निर्णायक जीत हासिल करने के नौ साल पूरे करने जा रही है।

Last Modified:
Monday, 29 May, 2023
Modi Government

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार 30 मई, 2023 को वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में निर्णायक जीत हासिल करने के नौ साल पूरे करने जा रही है। राजनीति ऐसा परिदृश्य है, जिस पर किसी देश के विकास के लिए समय-समय पर निरंतर ध्यान देने और तमाम उपाय करने की आवश्यकता होती है। आज के दौर में भारत को वैश्विक शक्ति के रूप में व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है। हालांकि, ऐसा रातोंरात नहीं हुआ है, बल्कि इसके लिए सही दिशा में सतत प्रयास किए गए हैं और तमाम बड़े कदम उठाए गए हैं। पिछले नौ वर्षों के दौरान पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा इसे गति दी गई है।

इसके अलावा, अपनी नौवीं वर्षगांठ समारोह के हिस्से के रूप में सत्तारूढ़ पार्टी ने नरेंद्र मोदी प्रशासन के कल्याणकारी कार्यों को प्रदर्शित करने के लिए कई कार्यक्रमों की योजना बनाई है, जिन्होंने विभिन्न प्रकार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभों के माध्यम से लाखों भारतीयों के जीवन स्तर में सुधार किया है।

बिजनेस मैगजीन ‘बिजनेसवर्ल्ड’ (BW Businessworld) ने एक खास पेशकश के जरिये प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के इन नौ सालों के सफर को प्रस्तुत किया है। ‘बिजनेसवर्ल्ड’ की इस खास पेशकश में एनडीए सरकार के कार्यकाल में उल्लेखनीय उपलब्धियों, नवाचारों (innovations), विकास और कुछ चूकों पर प्रकाश डाला गया है। इसमें इंडस्ट्री के कुछ विशेषज्ञों की राय भी शामिल है।

इस पेशकश के एक लेख में सड़क, राजमार्ग, रेलवे, विमानन, विदेशी मुद्रा भंडार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की भूमिका सहित बैंकिंग, शेयर बाजारों सहित तमाम क्षेत्रों में मोदी सरकार की महत्वपूर्ण प्रगति पर प्रकाश डाला गया है। इसमें ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (BSE) और ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ (NSE) का प्रदर्शन भी शामिल है। अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और पांच ट्रिलियन डॉलर जीडीपी के महत्वाकांक्षी स्तर तक पहुंचने के लिए तमाम  उपायों के कार्यान्वयन पर भी इसमें प्रकाश डाला गया है। हालांकि, इस लेख में कृषि और किसान कल्याण, रोजगार सृजन, बेरोजगारी, शिक्षा और कौशल विकास व स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों की बात भी की गई है, जिनमें और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

बिजनेसवर्ल्ड के लिए अपने एक ओपिनियन कॉलम में श्रीनाथ श्रीधरन ने मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के सफर और इसके नौ वर्षों के साथ-साथ इसके विकास और पहलों को वर्णानुक्रम (alphabetical order) में शामिल किया गया है।

इनमें 'आयुष्मान भारत', डिजिटल इंडिया, ग्लोबल लीडरशिप, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना समेत मोदी सरकार के कार्यकाल में शुरू की गई 22 अन्य विकास योजनाएं और पहल शामिल हैं। इसमें बताया गया है कि कैसे मोदी प्रशासन और पार्टी के समर्पण ने कई महत्वपूर्ण पहलों के माध्यम से एक रचनात्मक समस्या-समाधान पद्धति का प्रदर्शन किया, जिसने भारत को समृद्धि और विकास के एक नए युग की ओर ले जाने का काम किया।

इस पेशकश में मोदी सरकार के नौ साल के सफर की उन पहलों और निर्णयों के बारे में भी बताया गया है, जिन्हें एक बेहतर और सहज रूप में लागू किया जा सकता था। इनमें से कुछ घटनाओं में 2016 की नोटबंदी, 2019 में सीएए और एनआरसी का कार्यान्वयन, 2020 में कृषि कानूनों व 2021 में इसकी फिर से अपील और 2020 में कोविड-19 लॉकडाउन की पहली लहर और 2021 में दूसरी लहर को शामिल किया गया है। इसमें पीएम केयर्स (PMCARES) की लॉन्चिंग और सरकार द्वारा उपयोग या आवंटित की गई भारी मात्रा में राशि की पारदर्शिता और जवाबदेही की कमी पर भी प्रकाश डाला गया है।

एक अन्य कॉलम में एस. रवि ने देश के विकास में प्रधानमंत्री के योगदान पर प्रकाश डाला है। इस कॉलम में उन्होंने ‘प्रधानमंत्री जनधन योजना’ का जिक्र किया है, जिसमें जीरो बैलेंस पर बैंकों में खाते खुलवाए गए। बीमा सेवाओं, क्रेडिट कार्ड और पेंशन का भी इसमें जिक्र है। इस योजना के तहत 47 करोड़ से अधिक खाते खोले गए हैं। टैक्स लीकेज को रोकने और सिस्टम में सुधार के लिए 2017 में जीएसटी की शुरुआत और इसे परिणामस्वरूप वित्त वर्ष 2022-23 के लिए कुल ग्रॉस कलेक्शन 18 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा, के बारे में भी इस कॉलम में लिखा गया है। इस कॉलम में नोटबंदी और डिजिटलीकरण के साथ-साथ अन्य पहलों जैसे कोविड-19 महामारी के दौरान वैक्सीन की 'मेक इन इंडिया' पहल के बारे में भी जिक्र किया गया है।

मोदी सरकार के दौर में बढ़ते विदेशी संबंधों पर एक फीचर स्टोरी भी इस पेशकश में शामिल है। इस फीचर स्टोरी में सबसे तेजी से बढ़ती वैश्विक अर्थव्यवस्था के रूप में भारत के बढ़ते कद के साथ इसने देश को कई रूपों में कैसे लाभान्वित किया (जैसे- रूस और यूक्रेन संकट हो या G20 की मेजबानी) उस बारे में भी जिक्र किया गया है। इस फीचर स्टोरी में भारत के अपने पड़ोसी देशों के साथ बढ़ते संबंधों पर भी प्रकाश डाला गया है।

इस खास पेशकश के तहत ‘जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी’ (JNU) के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. ब्रजेश कुमार तिवारी के गेस्ट कॉलम को भी जगह दी गई है। इस कॉलम में उन्होंने वैश्विक अनिश्चितता के इस दौर में एनडीए सरकार के लिए बड़ी चुनौतियों पर प्रकाश डाला है। इसके अलावा एक अन्य फीचर स्टोरी ने मोदी सरकार की पिछले नौ वर्षों की प्रमुख योजनाओं जैसे स्टैंड अप इंडिया स्कीम, पीएमयूवाई, अटल पेंशन योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के बारे में बात की गई है।

समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।
न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

भारत से निकलने वाला यह चीनी अखबार हुआ बंद, जानें इसके पीछे की वजह

इस अखबार को ली युन चिन ने 1969 में शुरू किया था। कोविड-19 के दौरान इसका पब्लिकेशन बंद कर दिया गया था।

Last Modified:
Thursday, 25 May, 2023
Newspaper

भारत से निकलने वाला संभवत: इकलौता चाइनीज अखबार ‘द ओवरसीज चाइनीज कॉमर्स ऑफ इंडिया’ करीब 50 साल के बाद बंद हो गया है। इसे ‘सियोंग पाउ’ (Seong Pow) के नाम से भी जाना जाता था। कोलकाता से निकलने वाले इस अखबार को मंदारिन भाषा में छापा जाता था, जो चीन की प्रमुख और आधिकारिक भाषा है।

इस अखबार को ली युन चिन ने वर्ष 1969 में शुरू किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, इसका आखिरी संस्करण मार्च 2020 में निकला। बताया जा रहा है कि भारत में मंदारिन जानने वालों की कमी इस अखबार के बंद होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है।

दरअसल, कोलकाता के टंगरा इलाके में चीनी लोगों की ज्यादा आबादी रहती है, उनके लिए यह अखबार निकाला जाता था। कोविड-19 की पहली वेब के दौरान जब लॉकडाउन लगा तो इस अखबार के दफ्तर पर भी ताला लग गया। इसी बीच उसी साल जुलाई में अखबार के संपादक कू साइ चांग (Kuo Tsai Chang) की भी मौत हो गई। उनकी मौत के बाद अखबार पूरी तरह से बंद हो गया। लॉकडाउन के दौरान इसके बंद होने से पहले चार पन्नों के इस अखबार की रोजाना लगभग 200 कॉपियां छपा करती थीं।

मीडिया रिपोर्ट्स में चाइनीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष चेन याओ हुआ के हवाले से कहा गया है कि अखबार का ऑफिस जिस टंगरा क्षेत्र में है, वहां पर चीनी आबादी घट रही है। टंगरा में जो थोड़े-बहुत युवा हैं, वे ठीक से मंदारिन पढ़-लिख नहीं सकते हैं। यही वजह है कि सियोंग पाउ के प्रकाशन को जारी रखना असंभव हो गया था।

समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।
न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

अखबारी कागज की कीमतों में आयी कमी, प्रिंट कंपनियों का बढ़ेगा मुनाफा

सूत्रों के मुताबिक, कागज की कीमत, जो पिछले वित्त वर्ष के दौरान 1000 डॉलर प्रति टन के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गई थी, अब घटकर लगभग 700 डॉलर रह गई है।

Last Modified:
Wednesday, 24 May, 2023
Print Media

अदिति गुप्ता, असिसटेंट एडिटर, एक्सचेंज4मीडिया ।।

प्रिंट सेक्टर को एक बड़ी राहत मिली है। दरअसल, कागज की कीमत लगभग 30% तक गिर गई है, जोकि पिछले वित्त वर्ष में यह चिंता का कारण थी। इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का मानना है कि कागज की कम वैश्विक मांग के कारण इसकी कीमत में कमी आयी  है।

सूत्रों के मुताबिक, कागज की कीमत, जो पिछले वित्त वर्ष के दौरान 1000 डॉलर प्रति टन के सर्वकालिक उच्च स्तर को छू गई थी, अब घटकर लगभग 700 डॉलर रह गई है।

डीबी कॉर्प लिमिटेड ने चौथी तिमाही (Q4) के दौरान अपने आधिकारिक बयान में कहा था कि न्यूजप्रिंट की कीमतों में वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में गिरावट जारी रही, जिससे उसे लाभ पहुंचने में मदद मिली और आने वाली तिमाहियों में इससे और अधिक लाभ होने की संभावना है।

कंंपनी ने आगे कहा कि अखबारी कागज की कीमतें, वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में 63,500 रुपए प्रति टन के उच्च स्तर से घटकर वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में 60,000 रुपए प्रति टन तक पहुंच गईं हैं। हमारा मिश्रित खरीद मूल्य वर्तमान में लगभग 55000 रुपए प्रति टन है। 

'एक्सचेंज4मीडिया' से बात करते हुए मातृभूमि ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर श्रेयम्स कुमार ने कहा, 'कीमतों में कमी आने की वजह कोविड के कारण दुनियाभर में कम खपत का स्तर रहा है और यह अभी भी पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ है, लेकिन अब यह ठीक होने की राह पर है।'

उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि भारत में अखबारी कागज की खपत कोविड के दौरान 40% कम हो गई। कस्टम ड्यूटी वही है, लेकिन अफवाहें हैं कि सरकार इसे कम करने की योजना बना रही है।

इसी तरह की राय रखते हुए, पंजाब केसरी के जॉइंट एमडी अमित चोपड़ा ने कहा कि कागज की कीमत में आयी कमी वैश्विक मांग में कमी और लॉजिस्टिक स्थिति में सुधार के चलते है और इससे प्रॉफिटिबिलिटी में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि कीमत में कमी पिछले साल के मध्य से चली आ रही है और इस वजह से छपाई की लागत में तो कमी आयी है, लेकिन रेवेन्यू नहीं बढ़ा है। लिहाजा, प्रॉफिटिबिलिटी में सुधार होगा।

चोपड़ा ने कहा, 'अखबार की कीमत घटने की वजह वैश्विक मांग में कमी और बेहतर लॉजिस्टिक स्थिति के कारण है। इससे पहले कोविड व्यवधानों के कारण माल ढुलाई की लागत बहुत बढ़ गई थी। सीमा शुल्क वही है, लेकिन डॉलर पिछले साल के मुकाबले और अधिक महंगा हो गया है।' 

हालांकि श्रेयम्स कुमार ने कहा कि कीमतों में इस गिरावट का असर अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही महसूस किया जाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान में कीमत 700 अमेरिकी डालर प्रति टन है। अखबारी कागज की कीमत घटने से रेवेन्यू में वृद्धि नहीं होती है, यह केवल छपाई की लागत को कम करता है। हम आम तौर पर अखबारी कागज का आयात करते हैं और उसको स्टॉक करते हैं।

उन्होंने कहा, 'कीमतें पिछली तिमाही में ही कम हो गईं थी, इसलिए कीमतों में इस गिरावट का असर अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ही दिखेगा।' 

रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अखबारी कागज की आपूर्ति श्रृंखला मेंआयी दिक्कतें और रीसाइक्लिंग के लिए उपयोग किए जाने वाले कागज के रॉ मटेरियल में आयी कमी के कारण 2022 में अखबारी कागज की कीमतें 1000 डॉलर प्रति टन तक पहुंच गईं। 

कीमतें में अब धीरे-धीरे 1000 डॉलर से घटकर 850-900 डॉलर और अब लगभग 700 डॉलर तक पहुंच गई हैं।

हालांकि, मलयाला मनोरमा में मार्केटिंग एंड सेल्स के वाइस प्रेजिडेंट वर्गीज चांडी का इस परिदृश्य पर अलग ही विचार है। उन्होंने कहा कि पिछले चार-पांच वर्षों में, अखबारी कागज की कीमत में लगभग 90% की वृद्धि हुई है और रुपए के मुकाबले डॉलर की मजबूती के चलते अखबारी कागज की कीमत में कमी के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।   

उन्होंने कहा, 'पिछले साल यह 1050 डॉलर प्रति टन था और अब यह केवल 900 डॉलर है। पिछले चार से पांच वर्षों में अखबारी कागज की कीमत में लगभग 90% की वृद्धि हुई है। लागत कम होने का कोई आसार नहीं है। इसकी कीमत अभी भी बहुत ऊपर है।' 

उन्होंने कहा कि डॉलर विनिमय दर भी काफी बढ़ गई है। मुझे नहीं लगता कि अखबारों के पास सरप्लस फंड है। लिहाजा अखबारी कागज की कीमत कम होने का कोई सवाल ही नहीं है।'

सूत्रों की मानें तो अखबारी कागज की कीमत इस साल अक्टूबर तक और कम हो सकती है, जोकि 600 डॉलर प्रति टन तक पहुंचने की उम्मीद है।

वहीं, चोपड़ा ने कहा कि पंजाब केसरी, जो हर साल लगभग 30000-32000 टन अखबारी कागज की खपत करता है, कवर प्राइस में एक रुपए की कमी करके पाठकों को कटौती का लाभ देगा। 

उन्होंने एक्सचेंज4मीडिया को बताया कि अखबारी कागज की बढ़ी कीमतों के परिणामस्वरूप कवर की कीमतों में बढ़ोतरी हुई। पंजाब केसरी समूह कुछ दिनों में कवर मूल्य को 5 रुपए से घटाकर 4 रुपए करके पाठकों को कमी का लाभ देगा।

इंडस्ट्री प्लेयर के मुताबिक, 2021 में जनवरी से मार्च के बीच अखबारी कागज की कीमतें 450 डॉलर प्रति टन थी, जोकि 2022 में 1000 डॉलर प्रति टन के साथ शीर्ष पर पहुंच गई थी।

समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।
न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

Times Group में MoU को लेकर आई ये बड़ी खबर

सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक इस MoU के तहत समीर जैन को समूह के सभी अखबारों के साथ-साथ उनके ऑनलाइन एडिशन का पूरा कारोबार मिलेगा, जबकि विनीत जैन को टीवी-रेडियो बिजनेस और 3,500 करोड़ रुपये मिलेंगे।

Last Modified:
Saturday, 20 May, 2023
Time Group

‘टाइम्स ग्रुप’ (Times Group) में MoU (memorandum of understanding) से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। सूत्रों के हवाले से मिली खबर के मुताबिक, माना जा रहा है कि लंबे समय से चल रही इस प्रक्रिया को गुरुवार को अंतिम रूप दे दिया गया है।

सूत्रों का यह भी कहना है कि इस MoU के तहत समीर जैन को समूह के सभी अखबारों जैसे- ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’, ‘इकनॉमिक टाइम्स’, ‘नवभारत टाइम्स’ और ‘विजय कर्नाटक’ के साथ-साथ उनके ऑनलाइन एडिशन का पूरा कारोबार मिलेगा। वहीं, उनके छोटे भाई विनीत जैन को ब्रॉडकास्ट, रेडियो मिर्ची, एंटरटेनमेंट (ENIL) और अन्य बिजनेस जैसे फिल्मफेयर, फेमिना के साथ-साथ उनके ऑनलाइन एडिशन भी मिलेंगे। ‘ईटी मनी’ और ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘एमएक्स प्लेयर’ भी उनके पास बना रहेगा। वर्तमान में, एमएक्स प्लेयर के साथ सभी ऑनलाइन एडिशंस ‘टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड’ का हिस्सा हैं, जो जैन भाइयों के बीच विवाद का एक प्रमुख कारण था।

सूत्रों का यह भी कहना है कि चूंकि समूह का प्रिंट व्यवसाय रेवेन्यू के मामले में काफी बड़ा है, इसलिए विनीत जैन को इस MoU के तहत अपने बड़े भाई से कम से कम 3,500 करोड़ रुपये भी मिलेंगे। हालांकि, विभिन्न कारकों के आधार पर यह राशि 5,000 करोड़ रुपये तक भी जा सकती है।

सूत्रों का कहना है, ‘बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड (BCCL) समूह के बीच MoU गुरुवार को दिल्ली में जैन भाइयों के लुटियन बंगले में हुआ। दोनों भाइयों ने इस MoU पर हस्ताक्षर किए, इसके बाद एक पारिवारिक पूजा हुई और दोनों भाइयों ने एक नई शुरुआत के तहत एक पौधे को मिलकर रोपा।’

एमओयू को एक कानूनी दस्तावेज में बदलने की जरूरत होती है और माना जा रहा है कि शीर्ष कानूनी फर्म सिरिल अमरचंद मंगलदास इस पहलू पर काम कर रही है।

मामले से जुड़े लोगों ने बताया, 'कंपनी से संबंधित अचल संपत्ति, जिसमें देशभर में विभिन्न संपत्तियां और प्रिंटिंग प्रेस शामिल हैं, का भी मूल्यांकन किया गया है और इसे दोनों भाइयों के बीच समान रूप से विभाजित किया जाएगा।'

बता दें कि इस बारे मे समीर जैन, विनीत जैन और समूह की तरफ से किसी तरह की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

हालांकि, नाम न छापने की शर्त पर टाइम्स समूह के अधिकारियों ने बताया कि समीर जैन पहले से ही प्रिंट और विनीत जैन टीवी, रेडियो व टाइम्स इंटरनेट का कारोबार संभाल रहे थे। 

यूनिवर्सिटी और निवेश शाखा का मूल्यांकन बाद में किया जाएगा

बेनेट यूनिवर्सिटी की अधिकांश संस्थाओं को एक स्वतंत्र ट्रस्ट में रखा जाएगा व ट्रस्टियों द्वारा चलाया जाएगा और बाद में उनका मूल्यांकन व विभाजन किया जाएगा। टाइम्स ग्रुप की रणनीतिक निवेश शाखा ब्रैंड कैपिटल का अभी तक मूल्यांकन नहीं किया गया है। इसे बाद में विभाजित किया जाएगा।

ये निवेशक होंगे शामिल

माना जा रहा है कि समीर जैन ने MoU के तहत भुगतान के लिए धन की तलाश शुरू कर दी थी, ताकि वह अपने छोटे भाई को 3,500 करोड़ रुपये का भुगतान कर सकें। सूत्रों के अनुसार, दोनों भाई अपनी-अपनी संस्थाओं के लिए और निवेशकों को भी अपने साथ जोड़ सकते हैं।

पांच इकाइयों का विलय

‘नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल’ (NCLT) के आदेश के क्रम में कंपनी के स्ट्रक्चर को नए सिरे से व्यवस्थित करने के तहत ‘BCCL’ अपनी पांच सहायक कंपनियों- माइंड गेम्स शो प्राइवेट (MGSPL), अनंत प्रॉपर्टीज प्राइवेट (APPL), अमृता एस्टेट्स प्राइवेट (AEPL), टाइम्स डिजिटल (TDL) टाइम्स जर्नल (TJIL) और विनाबेला मीडिया एंड एंटरटेनमेंट प्राइवेट (VMEPL) का भी विलय कर रही है। ‘नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल’ ने चार मई को विलय को मंजूरी दे दी थी और यह अप्रैल 2021 से प्रभावी होगी।

जटिल प्रक्रिया

देश की सबसे पुरानी और सबसे प्रभावशाली मीडिया कंपनियों में से एक टाइम्स ग्रुप (बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड या बीसीसीएल) कारोबार चलाने के तरीकों पर भाइयों के बीच बढ़ते मतभेदों के कारण लंबे समय से अनिश्चितता का सामना कर रही है। करीब दो साल से इस MoU की बात चल रही थी।

समीर जैन अपने भाई विनीत जैन से 10 साल बड़े हैं और BCCL के वाइस चेयरमैन के रूप में कार्य करते हैं, जबकि विनीत मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। लेकिन जब व्यापार कौशल, लाइफ स्टाइल और कंपनी के लिए विजन की बात आती है तो जैन बंधु कथित तौर पर एक-दूसरे से अलग दिखाई देते हैं।

मामले से जुड़े लोगों का दावा है कि कंपनी की संपत्ति को 70 से अधिक इकाइयों को विभाजित करने के लिए एक विस्तृत मूल्यांकन प्रक्रिया से गुजरना पड़ा, जिसमें सबसे जटिल में से एक टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड (टीआईएल) भी शामिल रही।

इस नीलामी की देखरेख के लिए दो मध्यस्थ नियुक्त किए गए थे। इसमें टेलीकॉम ऑपरेटर ‘भारती एयरटेल’ के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल और डालमिया परिवार के एक सदस्य शामिल थे, जो 1950 के दशक में कंपनी को जैन परिवार को सौंपने से पहले ‘BCCL’ के मालिक थे।

व्यवसायों की बिक्री

‘टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड’ पिछले दो वर्षों से अपने बिजनेस को मजबूत करने और घाटे में चल रही संस्थाओं को बंद करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।

कंपनी ने वर्ष 2022 की शुरुआत में रेस्टोरेंट बुकिंग ऐप ‘डाइनआउट’ (Dineout) के साथ-साथ शॉर्ट वीडियो प्लेटफॉर्म ‘एमएक्स टकाटक’ (MX TakaTak) को बेच दिया था। इसने हाल ही में अपनी दो कंटेंट वेबसाइट्स-MensXP और iDiva- और इसके क्रिएटर मैनेजमेंट वर्टिकल Hypp को Mensa Brands को बेच दिया था।

यह ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘एमएक्स प्लेयर’ को भी बेचने की प्रक्रिया में है। कंपनी अब इसे ऐसी कीमत पर बेचने के लिए ‘एमेजॉन’ के साथ बातचीत कर रही है जो कथित तौर पर इसकी अधिग्रहण लागत से कम है।

टाइम्स इंटरनेट ने एमएक्स प्लेयर को 2018 में अनुमानित 140 मिलियन डॉलर या लगभग 1,000 करोड़ रुपये में खरीदा था। सूत्रों का दावा है कि एमेजॉन ने लगभग 60 मिलियन डॉलर की पेशकश की है, जो इसकी खरीद लागत का लगभग आधा है। यह इस तथ्य के बावजूद है कि Data.ai की स्टेट ऑफ मोबाइल 2023 रिपोर्ट के अनुसार, MX प्लेयर को भारत में सबसे अधिक डाउनलोड किया जाने वाला ऐप और 2022 में दुनिया में तीसरा सबसे अधिक डाउनलोड किया जाने वाला ऐप माना गया है।

इसकी फाइनेंसियल रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी की इकाई ‘ग्रेडअप’ (Gradeup) को पहले ही ‘एनसीएलटी’ की मंजूरी के जरिये ‘बायजू’ (Byju’s) के साथ मिला दिया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टाइम्स इंटरनेट की शेयरहोल्डिंग में भी बदलाव हुआ है और टाइम्स ग्रुप की अलग-अलग संस्थाओं और परिवार के सदस्यों की हिस्सेदारी 2021-22 में बीसीसीएल को ट्रांसफर कर दी गई थी।

 

समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।
न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

‘मदर्स डे’ पर दैनिक भास्कर ने किया ये अनूठा प्रयोग

हर साल मई के दूसरे रविवार को ‘मदर्स डे’ मनाते हैं। इस दिन तमाम लोग अपनी मां को विश करके उन्हें फूल या गिफ्ट देते हैं और पूरा दिन उनके साथ बिताने की कोशिश करते हैं।

Last Modified:
Sunday, 14 May, 2023
Dainik Bhaskar

दुनियाभर के तमाम देशों में आज मदर्स डे मनाया जा रहा है। ऐसे में हिंदी दैनिक ‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) ने एक अनूठा प्रयोग किया है। दरअसल, ‘दैनिक भास्कर’ ने मदर्स डे के स्पेशल एडिशन में रिपोर्टर के नाम के साथ बाईलाइन में पहले मां का नाम भी लिखा है।

बता दें कि यह दिन हर मां के लिए समर्पित है। हर साल मई के दूसरे रविवार को ‘मदर्स डे’ मनाते हैं। इस दिन तमाम लोग अपनी मां को विश करके उन्हें फूल या गिफ्ट देते हैं और पूरा दिन उनके साथ बिताने की कोशिश करते हैं।

दैनिक भास्कर ने किस तरह खबरों में अपने रिपोर्टर की बाईलाइन से पहले उनकी मां का नाम दिया है, इसे आप यहां देख सकते हैं।

समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।
न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

‘मन की बात‘ पर शशि शेखर वेम्पती ने लिखी किताब, उपराष्ट्रपति ने किया विमोचन

नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में इस किताब का विमोचन हुआ। इस किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को विस्तृत रूप से परिभाषित किया गया है।

Last Modified:
Thursday, 27 April, 2023
Book Launch

नेशनल पब्लिक ब्रॉडकास्टर ‘प्रसार भारती’ (Prasar Bharati) के पूर्व सीईओ शशि शेखर वेम्पती की किताब ‘Collective Spirit, Concrete Action-Mann’ का बुधवार को विमोचन किया गया।

दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने इस किताब का विमोचन किया। ‘रूपा’(Rupa) पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित इस किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम को विस्तृत रूप से परिभाषित किया गया है।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो पर प्रसारित होने वाले ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 30 अप्रैल को 100 एडिशन पूरे हो रहे हैं। ऐसे में इस किताब के 15 अध्यायों में उन मुद्दों की गहराई से पड़ताल की गई है, जिन्हें ‘मन की बात’ कार्यक्रम में उठाया गया है। इनमें स्वास्थ्य और शिक्षा से लेकर इनोवेशन और उद्यमिता तक जैसे विषय शामिल हैं।

बताया जाता है कि इस किताब में शामिल स्टोरीज और तमाम लोगों के अनुभवों के माध्यम से पाठक आसानी से समझ सकेंगे कि कैसे इस कार्यक्रम ने सामाजिक परिवर्तन को प्रेरित किया है और लोगों के जीवन को प्रभावित किया है।

किताब के विमोचन के मौके पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अलावा उनकी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ और सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर समेत तमाम गणमान्य लोग मौजूद रहे।

समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।
न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

अमर उजाला ने प्रकाशन के पूरे किए 75 वर्ष, राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने दी बधाई

जन-सरोकार से जुड़े विषयों को प्रमुखता से उठाने और समाज को नई दिशा दिखाने के लिए 'समाचार4मीडिया' भी अमर उजाला को स्थापना के 75 वर्ष पूरे करने पर बधाई व शुभकामनाएं देता है।

Last Modified:
Tuesday, 18 April, 2023
Amar Ujala

अमर उजाला ने अपने प्रकाशन के गौरवशाली 75 वर्ष पूरे कर लिए हैं और 76वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। देश की आजादी के सिर्फ 8 माह के भीतर यानी 18 अप्रैल, 1948 को ताजनगरी आगरा से पत्रकारिता के उच्चतर मूल्यों को प्रस्थापित करने के दृढ़ निश्चय के साथ 'अमर उजाला' के रूप में एक नए संकल्प का शुभारंभ हुआ।  

अमर उजाला नाम से प्रारंभ यह संकल्प आज छह राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों से प्रकाशित 22 संस्करणों और करोड़ों पाठकों के परिवार के विशाल वटवृक्ष में परिवर्तित हो चुका है।

बता दें कि संस्थापक श्री डोरीलाल अग्रवाल और श्री मुरारीलाल माहेश्वरी ने पत्रकारिता के उच्चतर मूल्यों के साथ इस उपक्रम को आरंभ किया था। नवोन्मेषक श्री अतुल माहेश्वरी ने इसे नई ऊंचाइयां दीं। इसके प्रथम संपादकीय में ही स्पष्ट किया गया था - 'अमर उजाला को राष्ट्रीय उद्देश्यों के लिए निर्भीकता के साथ चलाया जाएगा। उस पर किसी दलगत राजनीति को हावी नहीं होने दिया जाएगा।' संकल्प के इस उजाले में प्रशस्त हुए मार्ग पर चलते हुए ही आज अमर उजाला का 75 वर्ष का एक अहम पड़ाव पूर्ण हो चुका है। अमर उजाला के पास मूल्यों की शक्ति तो है ही, तकनीकी नवाचार, नए युग के आयामों और श्रेष्ठ मानव संसाधन विकास के आधार पर हम 100 साल की ओर संकल्प के साथ बढ़ने की शुरुआत भी कर रहे हैं।

अमर उजाला को स्थापना के 75 वर्ष पूरे करने पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई और पाठकों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने आशा जताई है कि अमर उजाला राष्ट्र की आकांक्षाओं को अभिव्यक्त करने का काम करता रहेगा। 

अमर उजाला को दिए अपने बधाई संदेश में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, 'यह हर्ष का विषय है कि ‘अमर उजाला’ अपने 75 वर्ष पूरे करके हीरक जयंती में प्रवेश कर रहा है। लोकतंत्र में एक जागरूक समाज के निर्माण में समाचार पत्रों की महती भूमिका रही है। ‘अमर उजाला’ ने अपनी गौरवशाली परंपरा में अपनी विशेष कार्य संस्कृति और सामाजिक सरोकारों से सफलता के नए आयाम स्थापित किए हैं। आजादी के इस अमृतकाल में, विश्व में श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को प्रतिष्ठापित करने के लिए ‘अमर उजाला’ अपने दायित्व में पहले की तरह समर्पित रहेगा, ऐसा मेरा विश्वास है। ‘अमर उजाला’ की हीरक जयंती के अवसर पर मैं, ‘अमर उजाला’ परिवार और इसके सुधी पाठकों को हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करती हूं।'

वहीं उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि देश के प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक ‘अमर उजाला’ की हीरक जयंती के अवसर पर आपके सुधी पाठकों, वर्तमान तथा पूर्व में इस दैनिक से जुड़े पत्रकार बंधुओं एवं अमर उजाला परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। विगत 75 वर्षों में अपने 22 मुख्य संस्करणों के माध्यम से आपने भारतीय पत्रकारिता जगत और विशेषकर हिंदी पत्रकारिता की प्रशंसनीय सेवा की है। जागरूक प्रेस, जागृत लोकतंत्र का अभिन्न हिस्सा होती है जो लोकतंत्र को जन सरोकारों से जोड़े रखती है। आज जब भारत आजादी के अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है, राष्ट्र नई अपेक्षाओं और ऊर्जा के साथ अपनी प्रगति यात्रा पर अग्रसर हो रहा है। मुझे विश्वास है कि अमर उजाला हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में प्रामाणिकता के नए प्रतिमान स्थापित करता रहेगा और राष्ट्र की आकांक्षाओं को अभिव्यक्ति देने हेतु कार्य करता रहेगा।'

इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'हिंदी दैनिक समाचार पत्र ‘अमर उजाला’ को स्थापना के 75 वर्ष पूरे करने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। इस अवसर पर विशेष संस्करण के बारे में जानकर प्रसन्नता हुई। देश आज जिस विकास यात्रा पर तेजी से अग्रसर है, मीडिया उसका साक्षी और भागीदार दोनों है। पाठकों तक सूचनाएं पहुंचाने, जन-सरोकार से जुड़े विषयों को प्रमुखता से उठाने और समाज में जागरूकता फैलाने में मीडिया महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। चाहे स्वच्छ भारत को जन-अभियान बनाना हो या फिर डिजिटल लेन-देन को लेकर लोकशिक्षा का अभियान चलाना हो, मीडिया ने अपने सकारात्मक प्रयासों से राष्ट्रहित से जुड़े विषयों को गति प्रदान की है। स्वस्थ बहस, स्वस्थ चर्चा हमारी संस्कृति का हिस्सा रही है।

उन्होंने कहा, 'विविधता में एकता की हमारी संस्कृति में विभिन्न विचारों का सम्मान हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती प्रदान करते हैं। आजादी के अमृत कालखंड में हम एक भव्य और विकसित भारत के निर्माण का प्रण लेकर आगे बढ़ रहे हैं। मुझे विश्वास है कि इस अमृत काल में ‘अमर उजाला’ समेत देश के मीडिया संस्थान अपनी सकारात्मक भूमिका निभाते हुए हमारे संकल्प को मजबूती प्रदान करेंगे और सामूहिक सामर्थ्य की शक्ति से उर्जित राष्ट्र प्रगति की नई ऊंचाइयों को छुएगा। एक बार फिर से ‘अमर उजाला’ से जुड़े सभी लोगों और पाठकों को हीरक जयंती वर्ष की बधाई और भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं।'  

जन-सरोकार से जुड़े विषयों को प्रमुखता से उठाने और समाज को नई दिशा दिखाने के लिए 'समाचार4मीडिया' भी अमर उजाला को स्थापना के 75 वर्ष पूरे करने पर बधाई व शुभकामनाएं देता है।

 

समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।
न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

9 मई को 'दैनिक भास्कर' का मुंबई संस्करण होगा लॉन्च, इन चीजों पर रहेगा फोकस

देश के अग्रणी हिंदी दैनिक अखबारों में शामिल दैनिक भास्कर समूह के स्वामित्व वाला समाचार पत्र 'दैनिक भास्कर' अपना मुंबई संस्करण लॉन्च करने जा रहा है

Last Modified:
Tuesday, 18 April, 2023
Dainik Bhaskar

देश के अग्रणी हिंदी दैनिक अखबारों में शामिल दैनिक भास्कर समूह के स्वामित्व वाला समाचार पत्र 'दैनिक भास्कर' 9 मई को अपना मुंबई संस्करण लॉन्च करने जा रहा है। इसकी पूरी तैयारी हो गई है। कंपनी के एक अधिकारी ने इस खबर की पुष्टि की है। लॉन्चिंग समारोह मुंबई के एक पांच सितारा होटल में होने की संभावना है।

दैनिक भास्कर (पश्चिम) के बिजनेस हेड विलफ्रेड परेरा ने हमारी सहयोगी वेबसाइट एक्सचेंज4मीडिया को बताया, 'हमारा पूरा फोकस बिना किसी समझौते की खबरों पर होगा। हम अपने अन्य संस्करणों की तरह ही निडर पत्रकारिता के ध्वजवाहक होंगे।' 

इस प्रकाशन के मुंबई संस्करण का इंतजार लंबे समय से किया  रहा है।  वैसे बता दें कि मुंबई में, 'नवभारत टाइम्स' (NBT) पिछले सात दशकों से मार्केट लीडर है।

दैनिक भास्कर की कीमत 5 रुपए होगी और इसमें 14 पेज होंगे। कंपनी पहले ही लोअर परेल में 2,000 वर्ग फुट का कार्यालय किराए पर ले चुकी है। परेरा बताते हैं कि मुंबई संस्करण के लिए 40 से अधिक पत्रकारों को काम पर रखा गया है।

वरिष्ठ पत्रकार, लेखक व कवि भुवेंद्र त्यागी, जो पहले एनबीटी के साथ थे, वह अब एग्जिक्यूटिव एडिटर के तौर पर टीम का नेतृत्व करेंगे।

परेरा का कहते हैं, 'उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़  व कुछ अन्य हिंदी भाषी राज्यों की तरह ही मुंबई भी है, जहां बड़ी संख्या में हिंदी भाषी लोग रहते हैं, फिर भी यहां एक बेहतर क्वॉलिटी वाले हिंदी दैनिक का अभाव है।'

परेरा के मुताबिक, 'ग्रुप शुरुआत में एक लाख सर्कुलेशन का लक्ष्य बना रहा है। हम इसे अगले तीन वर्षों में तीन लाख तक ले जाने की योजना बना रहे हैं।'

जब उनसे यह पूछा गया कि क्या कंपनी बाजार को बाधित करने के लिए सस्ते सब्सक्रिप्शन प्लान की पेशकश करेगी? तो इस सवाल पर परेरा इसका 'ना' में जवाब देते हैं। वह कहते हैं, 'कम कीमत वाली सदस्यता हमारे कार्ड में नहीं है। यह अखबार की पवित्रता को नष्ट कर देती है। वैसे भी, अखबारी कागज की लागत बहुत अधिक है।'

ऑनलाइन संस्करण और सब्सक्रिप्शन ऑफर के बारे में पूछे जाने पर परेरा ने कहा कि भास्कर का ई-पेपर सब्सक्रिप्शन पर उपलब्ध होगा और जो लोग इसे मुफ्त में पढ़ना चाहते हैं उन्हें दोपहर 12 बजे तक इंतजार करना होगा।

समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।
न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

45 साल का हुआ ये अंग्रेजी अखबार

वर्ष 1978 में आज ही के दिन यानी 16 अप्रैल को इस अखबार की लॉन्चिंग हुई थी और यह संयुक्त अरब अमीरात का सबसे लंबे समय तक चलने वाला अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्र है।

Last Modified:
Sunday, 16 April, 2023
Newspaper

‘संयुक्त अरब अमीरात’ (UAE) का पहला अंग्रेजी अखबार ‘खलीज टाइम्स’ (Khaleej Times) 16 अप्रैल को 45 साल का हो गया है। बता दें कि वर्ष 1978 में 16 अप्रैल को इस अखबार की लॉन्चिंग हुई थी और यह संयुक्त अरब अमीरात का सबसे लंबे समय तक चलने वाला अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्र है।

दुबई से संचालित इस अखबार में दुनिया भर की न्यूज और ओपिनियन शामिल रहते हैं और इसमें यूएई व यहां के लोगों पर विशेष ध्यान दिया जाता है। पूरे देश में इसका डिस्ट्रीब्यूशन किया जाता है।

गौरतलब है कि संयुक्त अरब अमीरात सरकार, गलादरी ब्रदर्स और पाकिस्तान में डॉन मीडिया समूह के बीच एक साझेदारी के माध्यम से 16 अप्रैल 1978 को संयुक्त अरब अमीरात के इस अंग्रेजी अखबार की शुरुआत हुई थी।

समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।
न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

‘दैनिक भास्कर’ में धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया का कद बढ़ा, अब मिली यह बड़ी जिम्मेदारी

इससे पहले धर्मेन्द्र सिंह वर्ष 2021 से ग्वालियर में बतौर रेजिडेंट एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। वह दिल्ली में दैनिक भास्कर के नेशनल ब्यूरो में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं।

Last Modified:
Thursday, 13 April, 2023
Dharmendra Singh Bhadoriya

‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) समूह ने वरिष्ठ पत्रकार धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया को प्रमोशन का तोहफा देते हुए उन्हें एडिटर, हरियाणा के पद पर नियुक्त किया है। इससे पहले धर्मेन्द्र सिंह वर्ष 2021 से ग्वालियर में बतौर रेजिडेंट एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। वह दिल्ली में दैनिक भास्कर के नेशनल ब्यूरो में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं। वह वर्ष 2011 से लगातार इस अखबार के साथ जुड़े हुए हैं। 

मूल रूप से भिंड (मध्य प्रदेश) के रहने वाले धर्मेन्द्र सिंह को मीडिया के क्षेत्र में काम करने का करीब दो दशक का अनुभव है। पत्रकारिता में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने वर्ष 2005 में ‘अमर उजाला’ मेरठ से की थी। इसके बाद वह इसी अखबार में नोएडा आ गए और बिजनेस पेज ‘कारोबार’ की कमान संभालने लगे। वर्ष 2008 में वह दैनिक भास्कर आ गए और इस समूह के बिजनेस अखबार ‘बिजनेस भास्कर’ में कॉरपोरेट इंचार्ज के तौर पर दिल्ली में अपनी पारी शुरू कर दी। यहां से उन्हें बिजनेस भास्कर का मध्य प्रदेश/छत्तीसगढ़ का प्रिंसिपल करेसपॉन्डेंट/ब्यूरो हेड बनाकर भोपाल भेज दिया गया।

इसके बाद उन्होंने यहां से बाय बोलकर ‘राजस्थान पत्रिका’ के समाचार पत्र ‘पत्रिका’ ग्वालियर में सिटी चीफ के रूप में अपनी नई पारी शुरू कर दी। हालांकि, यहां वह करीब एक साल तक ही कार्यरत रहे और वर्ष 2011 में फिर से ‘बिजनेस भास्कर’ लौट आए। करीब दो साल बाद इसी अखबार में इंदौर चले गए और फिर वर्ष 2014 में नेशनल आइडिएशन न्यूज रूम में ‘आ गए और वर्ष 2020 तक राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय खबरों पर काम किया। इसके बाद वह दिल्ली में दैनिक भास्कर के नेशनल ब्यूरो में आ गए और फिर कुछ समय बाद वर्ष 2021 में उन्होंने रेजिडेंट एडिटर के तौर पर ग्वालियर की जिम्मेदारी संभाली। अब समूह ने उन्हें एडिटर (हरियाणा) की जिम्मेदारी सौंपी है।

पिछले करीब सात वर्षों में उन्होंने ग्राउंड रिपोर्टिंग के लिए राष्ट्रीय स्तर पर देश के विभिन्न हिस्सों के साथ ही विदेश यात्राएं भी कीं। इसमें वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले की ‘महाभारत-2019 भारत यात्रा’ के अलावा कोरोना काल के दौरान जून 2020 से अगस्त 2020 तक ‘कोरोना काल, देश का आंखों देखा हाल’ (उत्तर प्रदेश-बिहार की यात्रा) प्रमुख रहीं।

पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया ने भोपाल स्थित ‘माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय‘ से पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। समाचार4मीडिया की ओर से धर्मेन्द्र सिंह भदौरिया को ढेर सारी बधाई और शुभकामनाएं।

समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।
न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए