इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (INS) ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी की सराहना की और उन्हें धन्यवाद भी दिया
इस मुश्किल घड़ी में संकटों से जूझ रहे प्रिंट मीडिया की बकाया राशि स्वीकृत कर मदद में आगे आने के लिए इंडियन न्यूजपेपर सोसायटी (INS) ने गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी की सराहना की और उन्हें धन्यवाद भी दिया।
इंडियन न्यूज पेपर सोसायटी के प्रेजिडेंट शैलेष गुप्ता ने कहा, ‘गुजरात सरकार का यह कदम स्वागत योग्य है और प्रिंट मीडिया इंडस्ट्री के लिए बहुत ही ज्यादा राहत प्रदान करने वाला है, क्योंकि इस इंडस्ट्री को मार्च और अप्रैल के दौरान लगभग 4,500 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है।’
शैलेष गुप्ता ने कहा कि गुजरात सरकार ने उल्लेखनीय कदम उठाया है। मुख्यमंत्री रूपानी ने प्रिंट मीडिया के प्रयासों की सराहना भी की है और इस संकट काल में अखबार को सच्ची, सटीक और विश्वसनीय जानकारी का सबसे बड़ा और सर्वश्रेष्ठ स्रोत बताया है। यह समाज के फेक न्यूज से बचाता है। रूपानी ने यह भी आश्वासन दिया है कि उनकी सरकार अप्रैल 2020 तक प्रकाशित हो चुके सरकारी विज्ञापनों के लिए लंबित पड़े सभी भुगतानों को मंजूरी देकर प्रिंट मीडिया का समर्थन कर रही है।
इंडियन न्यूज पेपर सोसायटी के अध्यक्ष शैलेष गुप्ता ने गुजरात सरकार की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी सहायता की उम्मीद की हैं, क्योंकि पिछले दिनों आईएनएस ने विशेष पैकेज के लिए प्रधानमंत्री से आग्रह किया था। इसके अलावा सभी राज्य सरकारों के साथ-साथ केंद्र सरकार से संबद्ध विभागों और सार्वजनिक उपक्रमों से भी अप्रैल 2020 तक की बकाया राशि भुगतान का आग्रह किया है।
आईएनएस की ओर से जारी बयान में शैलेष गुप्ता ने गुजरात सरकार के कदम की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री को बताया कि प्रिंट मीडिया अब तक के सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है। यह उद्योग लगभग 30 लाख लोगों को रोजगार देता है। भारी वित्तीय संकट और बढ़ते बोझ और कोई कमाई न होने के बावजूद यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि अखबार हर सुबह पूरे देश में लोगों तक पहुंचे और उन्हें जानकार बनाए। ऐसे में सरकार से मदद की जरूरत है। लिहाजा प्रिंट मीडिया को हुए लगभग 4500 करोड़ के नुकसान की जानकारी देते हुए एक बार फिर पीएम मोदी से विशेष पैकेज और बकाया राशि के भुगतान का आग्रह किया गया है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने लखनऊ में विशाल खंड गोमती नगर स्थित सीएमएस के सभागार में राष्ट्रधर्म मासिक पत्रिका के विशेषांक 'राष्ट्रोन्मुख विकास' का लोकार्पण किया
‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ’ (RSS) के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने 25 नवंबर को लखनऊ में विशाल खंड गोमती नगर स्थित सीएमएस के सभागार में राष्ट्रधर्म मासिक पत्रिका के विशेषांक 'राष्ट्रोन्मुख विकास' का लोकार्पण किया।
इस मौके पर डॉ. कृष्ण गोपाल का कहना था, ‘एक हजार वर्ष की पराधीनता काल में हमारी संस्कृति का क्षरण होता रहा। संस्कार भी खोने लगे। ऐसे में राष्ट्र की अखंडता के मूल को जीवित रखने की आवश्यकता पड़ने लगी। देश की आजादी के समय में अंग्रेजों ने देश की संस्कृति को जिस प्रकार से खंडित करने का षड्यंत्र रचा था, उसे निष्प्रयोज्य करने के लिए ‘राष्ट्रधर्म’ पत्रिका की 76 वर्ष पूर्व शुरुआत की गई थी। बीते 9 वर्षों से जब देश को एक नई दिशा मिलने लगी है तो राज्यों में हो रहे विकास कार्यों और राष्ट्र में हो रहे समुचित विकास को जन-जन तक पहुंचाने के लिए राष्ट्रधर्म पत्रिका के ‘राष्ट्रोन्मुख विकास’ अंक का प्रकाशन किया गया है।’
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. कृष्णगोपाल का कहना था, ‘इस पत्रिका में योग्य और विद्वान लोगों के विचार प्रकाशित किए जाते रहे हैं। देश में पहले कई पत्रिकाओं का प्रकाशन किया जाता था, जो अब दिखती नहीं हैं। ऐसे में पाठकों को वैचारिक सामग्री देने का दायित्व ’राष्ट्रधर्म’ पत्रिका उठा रही है।’ उन्होंने कहा कि इस पत्रिका के प्रकाशन में भी कई तरह की परेशानियां आयीं। आरम्भ के समय में ही गांधीजी की हत्या और उसके बाद आपातकाल में प्रकाशन करना काफी दुरूह था। इसके बाद भी प्रकाशन का कार्य कुशलता से किया गया। आज देश में जब पठनीयता की समस्या दिख रही है। लोगों की पढ़ने की प्रवृत्ति कम होती जा रही है, तब भी इस पत्रिका के माध्यम से विचारों का संयोजन लगातार किया जा रहा है। आवश्यकता है कि हर घर में हिंदी या स्थानीय भाषा के साहित्य का एक कोना होना चाहिए। ऐसा न होने पर पठनीयता की आदत खत्म होते ही देश की संस्कृति भी प्रभावित हो जायेगी।
उन्होंने हिन्दुत्व पर कहा कि हजार वर्षों की पराधीनता काल में देश की संस्कृति प्रभावित हुई। तमाम लोगों ने हमारे देश को आर्थिक रूप से लूटने के साथ ही सांस्कृतिक रूप से विकृत करने का प्रयास किया परन्तु हिन्दुओं ने अपनी जीवनीशक्ति से खुद को और देश की संस्कृति को बचाये रखा। ऐसे में राष्ट्रधर्म पत्रिका ने भी अपना विशेष योगदान दिया है।
मुगल काल में तीर्थयात्राओं पर लगने वाले कर (टैक्स) के बारे बताते हुए डॉ. कृष्णगोपाल ने कहा कि जजिया के साथ ही तीर्थयात्रा एवं गंगा स्नान के टैक्स का बोझ उठाने के बाद भी हिंदुओं ने न तो तीर्थाटन छोड़ा और न ही गंगा स्नान। एक समय में मधुसूदन सरस्वती जी ने आगरा जाकर मुगल बादशाह से अपील की कि वह तीर्थयात्रा पर लगने वाला कर हटा दें। ऐसे में दारा शिकोह और उनकी बहन ने इसका समर्थन किया। अन्त में तीर्थयात्रा पर लगने वाला कर हटा दिया गया। उन्होंने कहा कि संस्कृति का संरक्षक हिंदू मुगलों द्वारा बार-बार मंदिरों को तोड़े जाने के बाद भी मंदिरों का पुनर्निर्माण करता रहा क्योंकि मुगल हम हिंदुओं की मंदिर बनाने की भावना को तोड़ने में असफल रहे थे। उन्होंने अंत में कहा कि इस पत्रिका के माध्यम से देश में ऐसे विचारों को ही जीवंत रखने का प्रयास किया जा रहा है।
पत्रिका के विशेष अंक के विमोचन कार्यक्रम का आरम्भ घनानन्द पाण्डेय के भारत माता तेरी जय हो...गीत से हुआ। इसके बाद पत्रिका के राष्ट्रोन्मुख विकास अंक की विशेषता के बारे में विस्तार से बताते हुये निदेशक मनोजकान्त ने कहा, ‘राष्ट्रधर्म पत्रिका का राष्ट्रोन्मुख विकास अंक देश के राज्यों में हो रहे विकास कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने और उसके लिये विचार प्रकट करने के लिए पब्लिश किया गया है।’ उन्होंने कहा कि वर्ष 1947 में राष्ट्रधर्म पत्रिका का प्रकाशन आरम्भ किया गया था। इसमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय, प्रो राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया, भाऊराव देवरस जी, नानाजी देशमुख एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने अपना योगदान दिया। इसमें महान विचारकों के लेख एवं साहित्य का संकलन कर देश के पाठकगणों का वैचारिक विकास करने का सफल प्रयास किया गया। उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल से ही अवधारणा रही है कि राष्ट्र जब तक राज्य की आवश्यकताओं के अनुरूप आचरण करता है, तब तक देश विकास की राह पर चलता है। ऐसा न होने पर अवरोध आते हैं। ऐसे में इस पत्रिका के माध्यम से वैचारिकता को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है।
इसके बाद पत्रिका के संपादक प्रो. ओमप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि ‘राष्ट्रधर्म का यह विशेषांक उस परम्परा का समर्थन करता है, जिसमें राष्ट्रीयता को बढ़ावा मिले। जिस प्रकार सिंह अवलोकन करके यह देखता है कि अब कितना लक्ष्य शेष है, ठीक उसी प्रकार राष्ट्र का अब तक कितना विकास हुआ है और कितना शेष बचा है, उसका निर्धारण करने के लिये राष्ट्रोन्मुख विकास अंक का प्रकाशन किया गया है।’ उन्होंने आगे कहा कि स्वतंत्रता के ठीक बाद देश में अच्छा माहौल नहीं था किन्तु अब परिवर्तन दिखने लगा है। इस पत्रिका के माध्यम से देश में सामाजिक, आर्थिक और वैचारिक क्षेत्रों में हो रहे परिवर्तन को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष की भूमिका में उपस्थित वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. सूर्यप्रसाद दीक्षित ने बताया, ‘राष्ट्रधर्म का प्रतिपादन करती यह पत्रिका अपने 75 वर्ष पूर्ण कर चुकी है। इस अवसर पर मुझे बताते हुए हर्ष हो रहा है कि यह पत्रिका पाठकों को सूचना, ज्ञान और मनोरंजन देने के साथ ही विचारपरक पठनीय सामग्री भी दे रही है। यह एक विचार परक पत्रिका है।’ उन्होंने कहा, ‘इतिहास, भूगोल, नागरिकता और संस्कृति का परिचायक राष्ट्र होता है। यह पत्रिका उसी धर्म का पालन कर रही है। बीते 9 वर्ष में देश को एक नयी दिशा मिली है। हमें भारत शब्द भी अब जाकर मिला है। चंद्रयान के समान ही हम भी उन्नत हुए हैं। देश का पुनरुत्थान हो रहा है। कोरोना काल में भी हमारे देश ने वैश्विक उदारता का परिचय दिया है। आयात घट रहा है और निर्यात बढ़ रहा है। यह गौरव काल है। ऐसे में यह राष्ट्रधर्म पत्रिका देशवासियों को प्रेरित कर रही है।’
कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रधर्म प्रकाशन लिमिटेड के प्रबंधक डॉ. पवनपुत्र बादल ने 75 वर्षों के प्रकाशन काल के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन संपादक मण्डल के सदस्य डॉ. अमित उपाध्याय ने एवं आभार ज्ञापन प्रभारी निदेशक सर्वेश चन्द्र द्विवेदी ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से क्षेत्र प्रचारक अनिल, प्रान्त प्रचारक कौशल, राज्यसभा सांसद अशोक बाजपेयी, क्षेत्र बौद्धिक प्रमुख मिथलेश नारायण, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राजशरण शाही, राष्ट्रधर्म के निदेशक हरजीवन लाल, सुनील शुक्ल, सहक्षेत्र सम्पर्क प्रमुख मनोज, सहक्षेत्र सेवा प्रमुख युद्धवीर, संयुक्त क्षेत्र कुटुम्ब प्रबोधन प्रमुख ओमपाल, प्रान्त प्रचार प्रमुख अशोक दूबे, पूर्व विधायक सुरेश चन्द्र त्रिपाठी, प्रचारक रामजी भाई, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के क्षेत्र संगठन मंत्री घनश्याम शाही समेत समाज के सैकड़ों गणमान्य जन उपस्थित रहे।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार लिलेश सातनकर अब नहीं रहे। बताया जा रहा है कि पत्रकार ने मंगलवार देर रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार लिलेश सातनकर अब नहीं रहे। बताया जा रहा है कि पत्रकार ने मंगलवार देर रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, सुबह 8 बजे उनके भाई ने इस घटना की सूचना दी। हालांकि आत्महत्या की वजह अभी साफ नहीं हो पाई है।
वरिष्ठ पत्रकार लिलेश सातनकर 'सच एक्सप्रेस' अखबार में भोपाल के सिटी हेड के तौर पर जुड़े हुए थे और वह राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार थे। पुलिस ने शव के पोस्टमार्टम के बाद जांच शुरू कर दी है।
मुख्यमंत्री शिवराज सहित भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद ने लिलेश सातनकर के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि भोपाल के वरिष्ठ पत्रकार श्री लीलेश सातनकर जी का पूरा जीवन पत्रकारिता के माध्यम से कमजोर वर्ग के हितों की रक्षा में व्यतीत हुआ। आज उनके रूप में पत्रकारिता जगत ने अपने एक अमूल्य रत्न को खो दिया। परमपिता परमात्मा से दिवंगत आत्मा की शांति और परिजनों को यह गहन दुःख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना करता हूं।
लिलेश सातनकर ने अपना पूरा जीवन बौद्ध समाज के लिए समर्पित कर दिया था। वे एक समर्पित पत्रकार होने के साथ ही बेहद सरल और सहज व्यक्ति थे।
परिजनों ने बताया कि उन्होंने 2002 में इंजीनियरिंग छोड़कर पत्रकारिता पर फोकस किया और उसे ही अपना करियर बना लिया। निलेश कमजोर वर्ग की आवाज और मदद करने में हमेशा आगे रहे।
शुक्रवार को हुई ‘AIM’ की वार्षिक आम बैठक में यह घोषणा की गई। अनंत नाथ को प्रेजिडेंट, मनोज शर्मा को वाइस प्रेजिडेंट, धवल गुप्ता को जनरल सेक्रेट्री और डॉ. अनुराग बत्रा को कोषाध्यक्ष चुना गया है।
देश में पत्रिकाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले प्रमुख संगठन ‘द एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ (AIM) ने अपनी नई एग्जिक्यूटिव कमेटी की घोषणा कर दी है। शुक्रवार को हुई ‘द एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ की वार्षिक आम बैठक (AGM) में यह घोषणा की गई।
इसके तहत देश के प्रमुख मैगजीन पब्लिशर्स में शुमार ‘दिल्ली प्रेस’ (Delhi Press) के एग्जिक्यूटिव पब्लिशर अनंत नाथ को ‘द एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ का नया प्रेजिडेंट चुना गया है। ‘इंडिया टुडे ग्रुप’ के सीईओ (पब्लिशिंग) मनोज शर्मा को वाइस प्रेजिडेंट और ‘Cyber Media’ के मैनेजिंग डायरेक्टर धवल गुप्ता को जनरल सेक्रेट्री नियुक्त किया गया है।
वहीं, ‘एक्सचेंज4मीडिया’ और ‘BW बिजनेसवर्ल्ड’ के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा को ‘AIM’ का कोषाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बता दें कि ‘AIM’ के निवर्तमान प्रेजिडेंट ‘आनंद विक्तान’ (Ananda Vikatan) ग्रुप के एमडी बी श्रीनिवासन पिछले तीन साल से इसकी कमान संभाले हुए थे।
इस दौरान ‘द एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ की गवर्निंग बॉडी की घोषणा भी की गई। इस गवर्निंग बॉडी में 11 सदस्यों- बी श्रीनिवासन (आनंद विक्तान); आर राजमोहन (मलयाला मनोरमा); प्रदीप गुप्ता (साइबरमीडिया); परेश नाथ (दिल्ली प्रेस); महेश पेरी (पाथफाइंडर पब्लिशिंग); रियाद मैथ्यू (मलयाला मनोरमा), गिरीश माल्या (नेक्स्ट जेन पब्लिशिंग); मानेक डावर (स्पेंटा मल्टीमीडिया); दीपक लांबा (वर्ल्डवाइड मीडिया); मनन कोटक (चित्रलेखा) और इंद्रनील रॉय (आउटलुक पब्लिशिंग) को शामिल किया गया है।
वार्षिक आमसभा के मौके पर ‘द एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस’ के सदस्यों ने मैगजींस के डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम में सुधार के लिए पिछले तीन वर्षों में एसोसिएशन द्वारा किए गए व्यापक प्रयासों की सराहना की। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण 'मैगजीन पोस्ट' की शुरुआत थी, जो इंडियन पोस्ट द्वारा शुरू की गई एक्सप्रेस डिलीवरी सेवा थी, जो विशेष रूप से पत्रिका प्रकाशकों की तेज और सटीक डिलीवरी की जरूरतों को पूरा करने के लिए शुरू की गई थी।
देश की प्रतिष्ठित बिजनेस मैगजीन 'बिजनेसवर्ल्ड' (BW BusinessWorld) का नवीनतम अंक (Latest Issue) 18 नवंबर को मार्केट में दस्तक देने वाला है।
देश की प्रतिष्ठित बिजनेस मैगजीन 'बिजनेसवर्ल्ड' (BW BusinessWorld) का नवीनतम अंक (Latest Issue) 18 नवंबर 2023 को मार्केट में दस्तक देने वाला है। पिछले तमाम एडिशंस की तरह इस बार का एडिशन भी कई मायनों में बहुत खास है। दरअसल, इस एडिशन में भारत में स्टॉक मार्केट के बारे में व्यापक अंतर्दृष्टि प्रदान की गई है। इसमें बताया गया है कि कैसे प्रमुख ब्याज दरों पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व का लंबे समय तक उच्च रुख बना हुआ है और वैश्विक बॉन्ड बाजार कैसे मंदी का संदेश दे रहे हैं। इस इश्यू में इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के कॉलम्स, विशेष साक्षात्कारों और उन खास फीचर्स को शामिल किया गया है, जो देश के व्यापार परिदृश्य पर प्रकाश डालते हैं।
स्टॉक मार्केट ट्रेंड्स (Stock Market Trends): इस इश्यू की कवर स्टोरी देश में स्टॉक की कीमतों की दिशा के दिलचस्प सवाल पर प्रकाश डालती है। तेल की कीमतों में झटके, भू-राजनीतिक तनाव और प्राकृतिक आपदाओं जैसी चुनौतियों के बावजूद देश के प्रमुख शेयर बाजारों-‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (BSE) और ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ (NSE) में अक्टूबर में अचानक गिरावट देखी गई। यह आर्टिकल वर्ष 2020 में शुरू हुई तेजी के संभावित अंत की पड़ताल करता है और प्रारंभिक सार्वजनिक पेशकश (आईपीओ) की आगामी लहर के भविष्य के बारे में बात करता है। इस अंक में मार्केट के रुझानों का विश्लेषण करने के साथ ही यह भी बताया गया है कि तेजी के मार्केट में ठहराव क्यों हो सकता है। भू-राजनीतिक परिदृश्य, जिसमें चल रहे क्षेत्रीय संघर्ष और मुद्रास्फीति से निपटने के लिए संयुक्त राज्य फेडरल रिजर्व की रणनीति शामिल है, को मार्केट की गतिशीलता को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण कारकों के रूप में चर्चा की गई है।
शहरी परिवहन में बदलाव (Transforming Urban Travel): वित्तीय बाजार विश्लेषण के अलावा मैगजीन का यह अंक देश में शहरी परिवहन (हवाई, सड़क और रेल यात्रा) पर इसके परिवर्तनकारी प्रभाव पर भी प्रकाश डालता है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ एक विशेष साक्षात्कार के माध्यम से विमानन बाजार की संभावनाओं पर प्रकाश डाला गया है। इसके साथ ही राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह के विचारों को शामिल करते हुए अक्टूबर में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन की गई नमो भारत ट्रेन के द्वारा हुए बदलावों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गई है।
वित्तीय उत्कृष्टता की पहचान (Recognising Financial Excellence): मैगजीन के एक स्पेशल सेक्शन में होनहार युवा मुख्य वित्तीय अधिकारियों (सीएफओ) की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया गया है। फाइनेंस के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रदर्शन करने और अहम योगदान देने वाले 40 साल से कम उम्र वाले फाइनेंसियल लीडर्स को The BW CFO World Finance 40 Under 40 Awards के तहत सम्मानित किया जाता है। ऐसे फाइनेसियल लीडर्स के बारे में भी इस इश्यू में जानकारी दी गई है।
इसके साथ ही ‘Last Word’ कॉलम में ‘एक्सॉनमोबिल लुब्रिकेंट्स इंडिया’ (ExxonMobil Lubricants India) के सीईओ विपिन राणा ने लुब्रिकेंट इंडस्ट्री और देश की आर्थिक गतिविधियों के बीच घनिष्ठ संबंध पर विस्तार से चर्चा की है। इस चर्चा को भी मैगजीन के इस स्पेशल इश्यू में शामिल किया गया है। राणा ने इस बात पर जोर दिया है कि जैसे-जैसे भारतीय अर्थव्यवस्था विकास का अनुभव कर रही है, लुब्रिकेंट इंडस्ट्री को विस्तार के तमाम अवसर दिखाई दे रहे हैं।
समाचार4मीडिया से बातचीत में आयुष गंगवार ने बताया वह जल्द ही अपनी नई पारी शुरू कर उस बारे में बताएंगे।
युवा पत्रकार आयुष गंगवार ने हिंदी दैनिक ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagran) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह करीब छह साल से दैनिक जागरण के गाजियाबाद ब्यूरो में बतौर रिपोर्टर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। दैनिक जागरण के साथ उनकी यह दूसरी पारी थी। इससे पहले वह दैनिक जागरण, मेरठ में अपनी सेवाएं दे चुके थे।
समाचार4मीडिया से बातचीत में आयुष गंगवार ने बताया वह जल्द ही अपनी नई पारी शुरू कर उस बारे में बताएंगे। मूल रूप से कायमगंज (फर्रुखाबाद) के रहने वाले आयुष गंगवार को मीडिया में काम करने का करीब नौ साल का अनुभव है।
पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से की थी। इसके बाद वह प्रिंट मीडिया में आ गए। आयुष गंगवार 'नवभारत टाइम्स' ()NBT दिल्ली में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो आयुष गंगवार ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के आंबेडकर कॉलेज से पत्रकारिता में ग्रेजुएशन किया है। समाचार4मीडिया की ओर से आयुष गंगवार को उनकी आगामी पारी के लिए अग्रिम शुभकामनाएं।
एचटी मीडिया ग्रुप (HT Media Group) ने चंडीगढ़ और लखनऊ में अपने बिजनेस और फाइनेंशियल दैनिक अखबार 'मिंट' (Mint) के दो नए प्रिंट संस्करण लॉन्च किए हैं।
एचटी मीडिया ग्रुप (HT Media Group) ने चंडीगढ़ और लखनऊ में अपने बिजनेस और फाइनेंशियल दैनिक अखबार 'मिंट' (Mint) के दो नए प्रिंट संस्करण लॉन्च किए हैं। इससे 'मिंट' की पहुंच 9 संस्करणों के साथ 65 शहरों तक हो गई है।
मिंट का चंडीगढ़ संस्करण पंचकुला, मोहाली और चंडीगढ़ के ट्राइ-सिटी क्षेत्र में पाठकों को सेवा प्रदान करेगा, जबकि लुधियाना, अमृतसर, पटियाला और जालंधर में भी यह पाठकों तक पहुंचेगा। लखनऊ संस्करण लखनऊ, कानपुर और गोरखपुर (पूर्वी उत्तर प्रदेश) में पाठकों के लिए उपलब्ध होगा। वहीं, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शहरों को पहले से ही ग्रुप के ग्रेटर नोएडा प्रिंटिंग सेंटर से सेवा प्रदान की जाती है।
मिंट के एडिटर-इन-चीफ रवि कृष्णन ने लोगों के जीवन में अखबार की भूमिका के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का हमारा सिग्नेचर ब्रैंड, जिसमें विशेष न्यूज ब्रेक, गहन रिपोर्ताज और स्मार्ट कमेंट्री शामिल है, दिन पर दिन नए पाठक ढूंढ रहा है। यह बहुत उत्साहवर्धक है, लेकिन कुछ स्तर पर यह आश्चर्यजनक भी है। जैसे-जैसे अधिक लोग वित्तीय साक्षरता, ऊर्ध्वगामी सामाजिक गतिशीलता चाहते हैं और भारत की विकास गाथा में भाग लेना चाहते हैं, उन्हें अपनी यात्रा में एक विश्वसनीय न्यूज पार्टनर की जरूरत होती है और मिंट ने 16 वर्षों से अधिक समय से लगातार यह प्रदान किया है। इसलिए हम जिज्ञासु लोगों के लिए यह एक अच्छा विकल्प हैं।
कृष्णन ने आगे कहा कि हमारा नवीनतम ब्रैंड कैंपेन (#AskBetterQuestions) जिज्ञासा के विचार पर केंद्रित है जो बदलाव लाता है, जो हमारे न्यूजरूम और हमारी पत्रकारिता के भीतर बार-बार आने वाला विषय है। यह कुछ ऐसा है जिस पर हम अपने सब्सक्राइबर्स की कम्युनिटी के लिए भी विश्वास करते हैं, जिन्हें हम निर्णय-निर्माता और इससे भी महत्वपूर्ण रूप से परिवर्तन-निर्माता के रूप में देखते हैं, ”
मिंट ने इंडियन ड्रीम के इतिहासकार के रूप में काम करने के लिए द वॉल स्ट्रीट जर्नल के साथ एक विशेष सहयोग के साथ फरवरी 2007 में अपनी यात्रा शुरू की। इसकी 'द इकोनॉमिस्ट' (The Economist) के साथ भी साझेदारी है।
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए चुनाव की तारीख का ऐलान हो चुका है। इस बीच चुनाव आयोग ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों के निर्देश जारी किए हैं
राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के लिए चुनाव की तारीख का ऐलान हो चुका है। मतदान 25 नवंबर को होगा। चुनाव की तारीख आने के बाद पार्टियों ने कमर कस ली है। सभी पार्टियां लगातार अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर रही हैं। वहीं चुनाव आयोग भी सतर्क हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आयोग ने आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों के निर्देश जारी किए हैं कि यदि उनका आपराधिक रिकॉर्ड है तो उन्हें इसकी जानकारी 3 बार अलग-अलग तय समयावधि में समाचार पत्रों में प्रकाशित व टीवी चैनल्स में प्रसारित कराना होगा।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनुपालना में आयोग ने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड (यदि कोई हो तो) के बारे में जानकारी प्रसारित करने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी राजनैतिक दलों को जिनके द्वारा आपराधिक पूर्वावृत रखने वाले व्यक्तियों को उम्मीदवार बनाया गया है, उन्हें भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित नवीन प्रारूप सी-7 में ऐसे अभ्यर्थी के चयन से 48 घंटे के भीतर यह प्रकाशित करना होगा कि उनके द्वारा आपराधिक पूर्वावृत्त रखने वाले व्यक्ति को ही उम्मीदवार क्यों चुना गया है?
उक्त प्रकाशन की सूचना ऐसे राजनैतिक दलों को प्रारूप सी-8 में 72 घंटे के भीतर भारत निर्वाचन आयोग को भी प्रेषित किया जाना आवश्यक होगा। आपराधिक मामलों के प्रचार-प्रसार के लिए उन्हें फॉर्म सी-1 व सी-2 के द्वारा राष्ट्रीय व स्थानीय समाचार पत्रों एवं टीवी चौनल्स में प्रसारित करवाना होगा। वहीं अभ्यर्थी द्वारा भरे गए नामांकन पत्र में यदि स्वयं के संबंध में कोई आपराधिक मामला दर्ज होने की सूचना दी जाती है, तो अभ्यर्थी एवं संबंधित राजनीतिक दल को विहित प्रारूप में सूची के अनुसार जानकारी प्रकाशित व प्रसारित करवानी होगी।
आयोग के अनुसार विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों में यदि किसी का आपराधिक रिकॉर्ड है, तो प्रथम प्रचार नामांकन वापसी की अवधि के प्रथम चार दिनों के भीतर, दूसरा प्रचार अगले पांच से 8 दिनों के बीच और तीसरा प्रचार 9 वें दिन से प्रचार अभियान के अंतिम दिन तक (मतदान दिवस से दो दिन पूर्व तक) विज्ञापन समाचार पत्रों व टीवी चौनल पर प्रकाशित व प्रसारित करने होंगे।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रदेश में चुनाव हेतु निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अभ्यर्थियों एवं राजनैतिक दलों को सी-1 एवं सी-2 प्रारूप में प्रकाशन की समयावधि इस प्रकार होगी।
1. प्रथम प्रकाशन दिनांक 10.11.2023 से दिनांक 13.11.2023 के बीच,
2. द्वितीय प्रकाशन दिनांक 14.11.2023 से दिनांक 17.11.2023 के बीच एवं
3. तृतीय प्रकाशन दिनाकं 18.11.2023 से चुनाव प्रचार की अंतिम तिथि तक (दिनांक 23.11.2023 तक)
ऐसे राष्ट्रीय स्तर के समाचार पत्र जिनकी प्रसार संख्या 75 हजार प्रतिदिन हो तथा स्थानीय समाचार पत्र जिसकी प्रतिदिन 25 हजार प्रतियां प्रकाशित होती हो, में उक्त विहित सी-1 एवं सी-2 प्रारूप प्रकाशित करवाने होंगे। इसी प्रकार विभिन्न टीवी चौनल में भी इनका प्रसारण करवाना होगा, जिसकी समयावधि प्रातः 8 से रात्रि 10 बजे के बीच न्यूनतम 7 सैकंड के लिए की जानी आवश्यक होगी।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने आगे बताया कि आयोग के निर्देशानुसार फॉर्मेट सी-1 उम्मीदवारों के लिये होगा तथा सी-2 राजनीतिक दलों के लिए होगा। निर्धारित प्रपत्र के अनुसार पूरी जानकारी भरकर समाचार पत्रों व न्यूज चौनल पर प्रकाशित-प्रसारित करवाना होगा।
फॉर्मेट सी-1 उम्मीदवार के लिए होगा, जिसमें आपराधिक मामलों संबंधी घोषणा करते समय निम्न बातों का ध्यान रखना होगा-
1. उम्मीदवार के विरूद्ध लंबित आपराधिक मामलों से संबंधित विवरण मोटे अक्षरों में होगें,
2. समाचार पत्रों में सूचना न्यूनतम 12 फॉन्ट के आकार में प्रकाशित कराई जाएगी,
3. प्रत्येक मामले के लिए विवरण अलग-अलग पंक्तियों में अलग-अलग दिया जाना चाहिए,
4. यदि कोई उम्मीदवार किसी दल विशेष के टिकट पर चुनाव लड़ रहा है, तो उसे अपने विरुद्ध लंबित आपराधिक मामलों के बारे में अपने दल को सूचना देनी अपेक्षित होगी,
5. जैसे ही आपराधिक मामलों के संबंध में घोषणा प्रकाशित हो जाती है, उम्मीदवार तत्काल इसकी सूचना रिटर्निंग अधिकारी को देंगे।
इसके अतिरिक्त, निर्वाचन परिणाम की घोषणा के 30 दिनों के भीतर वे निर्वाचन व्ययों के लेखा सहित फॉर्मेट सी-4 में मामलों के संबंध में घोषणा के प्रकाशन के बारे में एक रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
फॉर्मेट सी-2 के तहत राजनैतिक दलों द्वारा वेबसाइट्स, न्यूज चैनल्स तथा अखबारो में दल द्वारा खड़े किये गए उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड के बारे में जानकारी देनी होगी। साथ ही राजनैतिक दल आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों से संबंधित सूचना दल की ऑफिसियल वेबसाइट के होमपेज पर डालने के लिए भी बाध्य होंगे।
इस इश्यू में यह भी बताया गया है कि एमेजॉन किस तरह से भारत में अपनी 10 साल की विरासत को आगे बढ़ा रही है, ताकि ऐसे सॉल्यूशंस तैयार किए जा सकें जो उसके विकास और बड़े ई-कॉमर्स सेक्टर को प्रभावित करें।
देश की प्रतिष्ठित बिजनेस मैगजीन 'बिजनेसवर्ल्ड' (BW BusinessWorld) का 21 अक्टूबर, 2023 को मार्केट में दस्तक देने वाला नवीनतम अंक (Latest Issue) पिछले तमाम अंकों की तरह इस बार भी काफी खास है।
दरअसल, इस इश्यू में देश में तेजी से बढ़ते ई-कॉमर्स सेक्टर और इस फील्ड के ‘एमेजॉन इंडिया’ (Amazon India) व ‘फ्लिपकार्ट’ (Flipkart) जैसे दिग्गज प्लेयर्स की उल्लेखनीय यात्रा पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है।
देश के ई-कॉमर्स परिदृश्य में अभूतपूर्व उछाल देखा गया है, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को अपनाने, प्रॉडक्ट्स की विविध रेंज और छोटे शहरों से लेकर बड़े महानगरों तक उपभोक्ताओं की बढ़ती प्राथमिकताओं के कारण है। यह गतिशील विकास भारतीय बाजारों की उल्लेखनीय सफलता को रेखांकित करता है।
भारत में एमेजॉन का सफर (Amazon's India Game Face): इस इश्यू की कवर स्टोरी में देश की अग्रणी टेक और ई-कॉमर्स कंपनियों में शुमार ‘एमेजॉन इंडिया’ पर विस्तार से प्रकाश डाला गया है। इसमें बताया गया है कि 100,000 से अधिक एंप्लॉयीज के वर्कफोर्स का दावा करते हुए एमेजॉन भारत के निजी क्षेत्र के रोजगार में किस तरह से एक महत्वपूर्ण योगदानकर्ता है। कंपनी 10 मिलियन छोटे व्यवसायों को डिजिटल बनाने, 20 बिलियन डॉलर के ई-कॉमर्स निर्यात की सुविधा प्रदान करने और देश में 20 लाख प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
मैगजीन के इस अंक में ‘एमेजॉन इंडिया’ के वाइस प्रेजिडेंट और कंट्री मैनेजर (कंज्यूमर बिजनेस) मनीष तिवारी ने बताया है कि कंपनी ने इन लक्ष्यों की दिशा में पहले ही काफी प्रगति कर ली है। कंपनी ने 6.2 मिलियन से अधिक छोटे व्यवसायों को डिजिटल बनाया है। आठ बिलियन डॉलर के कम्युलेटिव एक्सपोर्ट को सक्षम किया है और भारत में 1.3 मिलियन से अधिक प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा की हैं।
उन्होंने बताया है कि एमेजॉन ग्राहक-केंद्रित नई पहलों पर विशेष रूप से छोटे शहरों के लगभग 80 प्रतिशत नए ग्राहकों के लिए खरीदारी अनुभव और डिलीवरी सेवाओं को बढ़ाने में यह ध्यान केंद्रित करना जारी रखे हुए है।
मैगजीन के नए अंक में इस बात पर भी प्रकाश डाला गया है कि भारत का ई-कॉमर्स क्षेत्र विकसित और परिपक्व हो रहा है, जो बिजनेस और कंज्यूमर्स दोनों के लिए तमाम अवसर और चुनौतियां पेश कर रहा है। यह इंडस्ट्री आने वाले वर्षों में नीति निर्माताओं (policymakers) और विश्लेषकों (analysts) का ध्यान आकर्षित करने के लिए तैयार है।
इस त्योहारी सीजन में सकल व्यापारिक मूल्य (जीएमवी) पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है। भारतीय ई-कॉमर्स परिदृश्य में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, इस वर्ष वार्षिक लेनदेन करने वाले यूजर्स की संख्या 15 गुना बढ़कर 230 मिलियन तक पहुंच गई है। आगामी त्योहारी सीजन के दौरान कम से कम 140 मिलियन ऑनलाइन खरीदारी का अनुमान है।
बिजनेसवर्ल्ड मैगजीन का कवर फीचर देश की ई-कॉमर्स इंडस्ट्री की यात्रा में इन उल्लेखनीय मील के पत्थरों पर गहराई से प्रकाश डालता है। इशमें तमाम उपलब्धियों और नई पहलों का जिक्र किया गया है, जिन्होंने इस क्षेत्र को नया आकार दिया है।
सामाजिक प्रभाव तैयार करना (Creating Social Impact): मैगजीन का दूसरा कवर पैकेज उन व्यक्तियों पर केंद्रित है जो अपनी सामाजिक कल्याण पहलों और विभिन्न माध्यमों से सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन ला रहे हैं। इस दिशा में अपनी सराहनीय पहलों और उपलब्धियों के लिए इन लीडर्स को बीडब्ल्यू सोशल इम्पैक्ट समिट 2023 में सम्मानित किया गया था। मैगजीन का यह इश्यू आदित्य बिड़ला सेंटर फॉर कम्युनिटी इनिशिएटिव्स एंड रूरल डेवलपमेंट की चेयरपर्सन राजश्री बिड़ला के परोपकारी कार्यों पर भी प्रकाश डालता है। पिछले कुछ वर्षों में शिक्षा, रोजगार, पेयजल और महिला सशक्तिकरण में उनके काम के लिए राजश्री बिड़ला को इस समिट में लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
कार्यस्थल पर एआई का प्रभाव (AI's Influence At Workplace): मैगजीन के नए इश्यू में कार्यस्थल के भीतर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के बढ़ते प्रभाव के बारे में भी बताया गया है। इसमें माइक्रोसॉफ्ट की परिवर्तनकारी एआई यात्रा पर प्रकाश डाला गया है। इसके साथ ही इसमें माइक्रोसॉफ्ट की ओपेन एआई सेवा ‘Azure’ को लेकर तमाम लोगों की राय भी शामिल की गई है।
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इस बारे में एक स्टेटमेंट जारी कर अडानी समूह ने कहा है कि उनकी वैश्विक प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए निहित स्वार्थों के तहत जानबूझकर पुराने आरोपों को दोहराया जा रहा है।
‘अडानी’ (Adani) समूह का कहना है कि यूके स्थित अखबार ‘फाइनेंशियल टाइम्स’ और उसके सहयोगियों द्वारा उनके नाम और प्रतिष्ठा को खराब करने के लिए पुराने और निराधार आरोपों को फिर से दोहराने का नया प्रयास किया जा रहा है। यह जनहित की आड़ में जानबूझकर निहित स्वार्थों को आगे बढ़ाने के उनके विस्तारित अभियान का हिस्सा है।
‘अडानी’ समूह की ओर से इस बारे में एक स्टेटमेंट भी जारी किया गया है। इस स्टेटमेंट में ‘अडानी’ समूह का कहना है, ‘अपने इस अभियान के तहत, अगला हमला फाइनेंशियल टाइम्स के पत्रकार ‘डैन मैक्रम’ (Dan McCrum) द्वारा किया जा रहा है, जिन्होंने ऑर्गेनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट (OCCRP) के साथ मिलकर 31 अगस्त 2023 को अडानी समूह के खिलाफ झूठी कहानी पेश की। ‘OCCRP’ को जॉर्ज सोरोस (George Soros) द्वारा फंड दिया जाता है, जिन्होंने खुले तौर पर अडानी समूह के खिलाफ अपनी अदावत की घोषणा की है।‘
इस स्टेटमेंट में यह भी कहा गया है, ‘पूर्व में विफल होने के बाद, ‘फाइनेंसियल टाइम्स’ कोयला आयात के अधिक बिलिंग के पुराने और निराधार आरोप को उछालकर अडानी समूह को वित्तीय रूप से अस्थिर करने का एक और प्रयास कर रहा है। फाइनेंसियल टाइम्स की प्रस्तावित कहानी डीआरआई के जनरल अलर्ट सर्कुलर नंबर 11/2016/सीआई दिनांक 30 मार्च 2016 पर आधारित है। फाइनेंसियल टाइम्स का एजेंडा इसी बात से उजागर होता है कि उन्होंने अडानी समूह को अलग कर दिया है, जबकि डीआरआई के इस सर्कुलर में अडानी समूह की कंपनियों सहित 40 से अधिक आयातकों का उल्लेख किया गया है। इस सूची में न केवल भारत के कुछ प्रमुख निजी बिजली जनरेटर जैसे रिलायंस इंफ्रा, जेएसडब्ल्यू स्टील्स और एस्सार शामिल हैं, बल्कि कर्नाटक, गुजरात, हरियाणा, तमिलनाडु आदि की राज्य बिजली उत्पादक कंपनियां और एनटीपीसी और एमएसटीसी भी शामिल हैं।’
इस स्टेटमेंट में कहा गया है, ‘जनरल अलर्ट सर्कुलर में उल्लिखित 40 आयातकों में से एक, नॉलेज इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में, कोयले के आयात में अधिक मूल्यांकन का आरोप लगाने वाले डीआरआई के कारण बताओ नोटिस को अपीलीय न्यायाधिकरण (CESTAT) द्वारा रद्द कर दिया गया था। इसके अलावा, डीआरआई की अपील को भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 24 जनवरी 2023 को इस टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया कि हम व्यर्थ मुकदमेबाजी में शामिल न होने के सरकार के रुख की सराहना करते हैं। स्पष्ट है कि कोयले के आयात में अधिक मूल्यांकन का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्णायक रूप से सुलझाया गया था।’
‘फाइनेंसियल टाइम्स’ की प्रस्तावित स्टोरी पूर्व निर्धारित निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए न्यायिक निर्णयों के जानबूझकर और शरारती दमन के साथ सार्वजनिक रूप से उपलब्ध तथ्यों और सूचनाओं को चतुर तरीके से पेश करना और चयनात्मक गलतबयानी है। यह भारत की नियामक और न्यायिक प्रक्रियाओं व अधिकारियों के प्रति बहुत कम सम्मान दर्शाता है। यह स्टोरी जानबूझकर इस तथ्य को भी नजरअंदाज करती है कि भारत में दीर्घकालिक आपूर्ति के आधार पर कोयले की खरीद एक खुली, पारदर्शी और वैश्विक बोली प्रक्रिया के माध्यम से की जाती है, जिससे मूल्य में हेरफेर की कोई भी आशंका नहीं रहती है। केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (CERC) द्वारा टैरिफ निर्धारण एक खुली, पारदर्शी, स्वतंत्र प्रक्रिया है जहां सभी कारकों (variables) का सावधानीपूर्वक मूल्यांकन करने और डिस्ट्रीब्यूटर्स व रिटेल कंज्यूमर्स के साथ परामर्श के बाद टैरिफ तय किए जाते हैं। ऐसे में स्पष्ट रूप से तमाम शेयरहोल्डर्स के पास कोयले के आयात मूल्य सहित टैरिफ निर्धारित करने वाले सभी पहलुओं को देखने के लिए कई मौके हैं। इसलिए ओवर इनवॉयसिंग या कीमत में हेराफेरी का सवाल ही नहीं उठता है।
इस बारे में जारी स्टेटमेंट के अनुसार, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विदेशी मीडिया, शॉर्ट-सेलर्स और घरेलू सहयोगियों के एक वर्ग द्वारा समर्थित ओसीसीआरपी जैसी कुछ विदेशी संस्थाओं ने इसकी मार्केट वैल्यू को कम करने के इरादे से अडानी समूह के खिलाफ हमलों की एक सीरीज शुरू की है। असल में, अडानी समूह को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से इन व्यक्तियों और समूहों ने एक योजना तैयार की है, जिसे भारत और विदेश दोनों में समन्वय से काम करने वाली एक कुशल और प्रोफेशनल मशीनरी द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। यह महज संयोग नहीं है कि ऐसी स्टोरीज भारत की अदालतों में महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई की तारीखों से ठीक पहले सामने आ जाती हैं।’
इस स्टेटमेंट में यह भी कहा गया है, ‘हम ऐसे सभी आरोपों से इनकार करते हैं, जो झूठे और निराधार हैं। हम अडानी समूह को अस्थिर करने के ऐसे प्रयासों की भी निंदा करते हैं। हम कानून का पालन करने वाली कंपनी हैं, जो कानून के शासन का पूरा सम्मान करते हुए सभी नियमों, विनियमों और प्रकटीकरण आवश्यकताओं का पूरी तरह से अनुपालन करती है।’
प्रांशु मिश्रा इससे पहले ‘सीएनएन न्यूज18’ लखनऊ में करीब सात साल से कार्यरत थे। उन्होंने इसी साल जून में इस चैनल के यूपी ब्यूरो चीफ पद से इस्तीफा देकर ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ जॉइन किया था।
अंग्रेजी अखबार ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ (HT) ने वरिष्ठ पत्रकार प्रांशु मिश्रा को रेजिडेंट एडिटर, लखनऊ के पद पर प्रमोट किया है। अपनी इस भूमिका में प्रांशु मिश्रा एचटी के मैनेजिंग एडिटर कुणाल प्रधान को रिपोर्ट करेंगे।
बता दें कि प्रांशु मिश्रा इससे पहले अंग्रेजी न्यूज चैनल ‘सीएनएन न्यूज18’ (CNN News18) लखनऊ में करीब सात साल से कार्यरत थे। उन्होंने इसी साल जून में इस चैनल के यूपी ब्यूरो चीफ पद से इस्तीफा देकर ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ के साथ डिप्टी रेजिडेंट एडिटर (यूपी) के पद पर अपना सफर शुरू किया था।
अब ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ लखनऊ में रेजिडेंट एडिटर सुनीता एरोन के सेवानिवृत्त होने के बाद मैनेजमेंट ने प्रांशु मिश्रा को प्रमोशन का तोहफा देते हुए रेजिडेंट एडिटर पद की जिम्मेदारी सौंपी है।
प्रांशु मिश्रा को प्रिंट और टीवी मीडिया में काम करने का 20 साल से ज्यादा का अनुभव है। प्रांशु मिश्रा ने मीडिया के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत वर्ष 2001 में ‘अमर उजाला’ (Amar Ujala) से की थी। इसके बाद वह ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagran) और ‘टाइम्स नाउ’ (Times Now) में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
प्रांशु मिश्रा मूल रूप से लखनऊ (उत्तर प्रदेश) के रहने वाले हैं। उन्होंने लखनऊ यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी की है। समाचार4मीडिया की ओर से प्रांशु मिश्रा को इस नई और बड़ी भूमिका के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।