प्रियदर्शन गर्ग इससे पहले ZEE5 में बतौर वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज) कार्यरत थे, ZEE5 में उनके कार्यकाल के दौरान प्लेटफॉर्म ने डिजिटल न्यूज के क्षेत्र में कई नवाचार देखे।
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Vikas Saxena
मीडिया और डिजिटल कंटेंट की दुनिया में दो दशकों से अधिक का अनुभव रखने वाले वरिष्ठ मीडिया प्रोफेशनल प्रियदर्शन गर्ग ने 'जी मीडिया' (ZEE Media) के नए हाइपरलोकल न्यूज ऐप Pinewz में बतौर चीफ बिजनेस ऑफिसर (CBO) अपनी नई पारी की शुरुआत की है। यह जिम्मेदारी उन्होंने अप्रैल 2025 से संभाली है। Pinewz, जी मीडिया का यूजर जेनरेटेड कंटेंट (UGC) आधारित प्लेटफॉर्म है, जो भारत के छोटे शहरों और कस्बों की खबरों को सामने लाने की दिशा में एक नया प्रयोग है।
प्रियदर्शन गर्ग इससे पहले ZEE5 में बतौर वाइस प्रेजिडेंट (न्यूज) कार्यरत थे, ZEE5 में उनके कार्यकाल के दौरान प्लेटफॉर्म ने डिजिटल न्यूज के क्षेत्र में कई नवाचार देखे। उन्होंने कंटेंट प्लानिंग, व्युअर इंगेजमेंट और डिजिटल कैंपेनिंग जैसे अहम क्षेत्रों में नेतृत्व किया, जिससे ZEE5 की व्युअरशिप को नई ऊंचाइयां मिलीं।
ZEE5 से पहले प्रियदर्शन गर्ग ने UC Browser के साथ काम किया। यहां उन्होंने डिजिटल कंटेंट ऑपरेशंस, पब्लिशर पार्टनरशिप और कंटेंट क्यूरेशन के क्षेत्र में काम करते हुए UC न्यूज को भारत के टियर-2 और टियर-3 दर्शकों तक पहुंचाने में भूमिका निभाई।
इसके पहले वह MY FM के साथ बतौर नेशनल कंटेंट हेड जुड़े रहे। रेडियो इंडस्ट्री में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने नेटवर्क के सभी शहरों में कंटेंट की गुणवत्ता, विविधता और लोकल कनेक्ट को मजबूत करने का काम किया।
पत्रकारिता की शुरुआत उन्होंने दैनिक भास्कर इंदौर से की। इसके बाद वह आजतक से जुड़े और मुंबई में बतौर प्रिंसिपल करेस्पॉन्डेंट कई बड़ी और चर्चित खबरों की रिपोर्टिंग की। उनकी रिपोर्टिंग स्टाइल, जमीनी पकड़ और न्यूज सेंस के लिए उन्हें इंडस्ट्री में खास पहचान मिली।
Pinewz में उनकी भूमिका को ZEE Media के डिजिटल विस्तार के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि उनके नेतृत्व में Pinewz भारत के हर छोटे-बड़े हिस्से तक पहुंच बनाकर हाइपरलोकल न्यूज के नए मानक तय करेगा।
इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से कहा है कि OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए ड्राफ्ट एक्सेसिबिलिटी गाइडलाइन लागू करने से पहले इसे पायलट या सैंडबॉक्स तरीके से टेस्ट किया जाए।
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Samachar4media Bureau
इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) से कहा है कि OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए ड्राफ्ट एक्सेसिबिलिटी गाइडलाइन लागू करने से पहले इसे पायलट या सैंडबॉक्स तरीके से टेस्ट किया जाए। IAMAI ने चेताया कि मौजूदा ड्राफ्ट छोटे और रीजनल प्लेटफॉर्म्स के लिए भारी नुकसानदेह हो सकता है।
IAMAI ने सुझाव दिया है कि MIB और प्रसार भारती मिलकर पहले सीमित स्तर पर एक्सेसिबिलिटी स्टैंडर्ड्स का परीक्षण करें और इसके नतीजों को स्टेटस रिपोर्ट के रूप में प्रकाशित करें। इससे प्लेटफॉर्म्स को तकनीकी, ऑपरेशनल और वित्तीय असर समझने में मदद मिलेगी।
एसोसिएशन ने कहा कि डिजिटल एंटरटेनमेंट को विकलांग लोगों के लिए और ज्यादा इनक्लूसिव बनाने का सरकार का उद्देश्य सही है, लेकिन वर्तमान ड्राफ्ट छोटे और रीजनल OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए व्यावसायिक रूप से मुश्किल बना सकता है। कई मामलों में, एक्सेसिबिलिटी नियमों का पालन करने की लागत उनके राजस्व से ज्यादा हो सकती है।
IAMAI ने ड्राफ्ट को “निर्देशात्मक और पिछड़ा हुआ” बताया और कहा कि हज़ारों घंटे के पुराने कंटेंट पर सबटाइटल्स, ऑडियो डिस्क्रिप्शन या साइन लैंग्वेज जैसी सुविधाएं जोड़ना और लगातार चेक करना प्लेटफॉर्म्स के लिए भारी खर्चा साबित होगा। इसके अलावा, पुराने लाइसेंस एग्रीमेंट्स की समीक्षा करना भी जरूरी होगा, जो पुराने कंटेंट को होस्ट करने से प्लेटफॉर्म्स को हतोत्साहित कर सकता है।
IAMAI ने यह भी कहा कि पूरे बैक कैटलॉग के लिए एक्सेसिबिलिटी अनिवार्य करना सही नहीं है, क्योंकि पुराने कंटेंट की व्युअरशिप सीमित होती है। इसलिए पुराने कंटेंट पर नियम “बेस्ट-एफर्ट बेसिस” पर लागू होने चाहिए, अनिवार्य नहीं।
टेक्निकल नियम जैसे कैप्शन का फॉन्ट साइज, रंग और पोज़िशन बहुत सख्त हैं और RPwD एक्ट के तहत भी इतने सख्त नहीं हैं। इसके अलावा, कई OTT लाइब्रेरी में लाइसेंस्ड रीजनल, विदेशी या सिंडिकेटेड कंटेंट होता है, जिसके लिए प्लेटफॉर्म्स के पास एक्सेसिबिलिटी जोड़ने के अधिकार नहीं होते।
अंतरराष्ट्रीय फ्रेमवर्क जैसे EU Accessibility Act 2025 और UK Media Act 2024 में कंटेंट प्रोड्यूसर और प्लेटफॉर्म की जिम्मेदारियों में फर्क किया गया है। वहां प्लेटफॉर्म्स को सिर्फ तकनीकी क्षमता सुनिश्चित करनी होती है, पुराने कंटेंट में बदलाव करने की बाध्यता नहीं होती।
इसलिए IAMAI ने सुझाव दिया है कि MIB “वन-साइज़-फिट्स-ऑल” नियम छोड़कर एक फ्लेक्सिबल और चरणबद्ध लागू करने का तरीका अपनाए। प्लेटफॉर्म्स को अपने कैटलॉग, राइट्स और ऑडियंस प्रोफाइल के अनुसार एक्सेसिबिलिटी सर्विस चुनने की अनुमति दी जाए और धीरे-धीरे सरकार के समावेशन के लक्ष्य की ओर बढ़ा जाए।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने देश में डिजिटल पाइरेसी पर लगाम लगाने के लिए एक बड़ी पहल शुरू की है।
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Samachar4media Bureau
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने देश में डिजिटल पाइरेसी पर लगाम लगाने के लिए एक बड़ी पहल शुरू की है। मंत्रालय ने मीडिया व एंटरटेनमेंट सेक्टर से जुड़े सभी प्रमुख हितधारकों से सुझाव आमंत्रित करते हुए एक सार्वजनिक नोटिस जारी किया है। यह नोटिस 7 नवंबर 2025 को जारी किया गया, जिसमें फिल्म, प्रसारण और ओटीटी कंटेंट की लगातार बढ़ती चोरी को लेकर उद्योग जगत की चिंताओं को दर्शाया गया है।
मंत्रालय ने कहा है कि वह मौजूदा एंटी-पाइरेसी सिस्टम की पूरी समीक्षा करेगा, ताकि डिजिटल उल्लंघन से प्रभावित सभी क्षेत्रों- जैसे फिल्म प्रड्यूसर, स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म, ब्रॉडकास्टर, इंटरमीडियरी प्लेटफॉर्म, टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रवर्तन एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय बन सके।
इस प्रक्रिया के तहत मंत्रालय ने हितधारकों से कई बिंदुओं पर सुझाव मांगे हैं। इनमें शामिल है- पाइरेटेड कंटेंट की पहचान और उसे हटाने में आने वाली दिक्कतें, मौजूदा तकनीकी या प्रक्रियागत कमियां, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाए जाने योग्य सफल उपाय, और सरकारी एजेंसियों व उद्योग के बीच बेहतर तालमेल के तरीके।
मंत्रालय ने कहा है कि इच्छुक लोग इस नोटिस के जारी होने के 20 दिनों के भीतर अपने सुझाव ईमेल के जरिए भेज सकते हैं। जवाब भेजने के लिए ईमेल पता है: digital-mediamib@gov.in। सरकार का कहना है कि वह उद्योग से नजदीकी सहयोग के साथ मिलकर एक प्रभावी निगरानी और कंटेंट हटाने की प्रणाली तैयार करना चाहती है।
इस नोटिस पर मंत्रालय के डिप्टी डायरेक्टर (डिजिटल मीडिया) क्षितिज अग्रवाल के हस्ताक्षर हैं और इसकी प्रति अंडर सेक्रेटरी (फिल्म्स) को भी भेजी गई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि मंत्रालय के विभिन्न विभाग मिलकर इस मुद्दे पर समन्वित कार्रवाई करेंगे।
निखिल शर्मा इससे पहले ‘टाइम्स इंटरनेट’ में हेड (Business Development) के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे।
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‘टाइम्स इंटरनेट’ (Times Internet) ने निखिल शर्मा को प्रमोशन का तोहफा देते हुए उन्हें ‘न्यूजप्वॉइंट’ (Newspoint) ऐप का बिजनेस हेड बनाया है। उनकी यह नियुक्ति नवंबर से प्रभावी होगी।
निखिल शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘लिंक्डइन’ (LinkedIn) पर खुद यह जानकारी शेयर की है। अपनी पोस्ट में निखिल शर्मा ने लिखा है, ‘विकास सिर्फ़ आंकड़ों की बात नहीं है, यह ऐसे इकोसिस्टम (परिस्थितियों) को बनाने की प्रक्रिया है जो लोगों को आगे बढ़ाते हैं और ऐसे लोग जो इकोसिस्टम को आगे बढ़ाते हैं। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मैंने टाइम्स इंटरनेट के न्यूजपॉइंट ऐप में बिजनेस हेड के रूप में नई ज़िम्मेदारी संभाली है।’
इसके साथ ही उन्होंने यह भी लिखा है, ‘पिछले कुछ वर्षों में ग्रोथ की कमान संभालने से लेकर अब भारत के सबसे बड़े कंटेंट डिस्कवरी प्लेटफॉर्म्स में से एक का नेतृत्व करने तक का सफर बेहद संतोषजनक रहा है। यह यात्रा सहयोग, प्रयोग और इस विश्वास से बनी है कि पैमाना (स्केल) और उद्देश्य साथ-साथ चल सकते हैं।’
बता दें कि निखिल शर्मा इससे पहले ‘टाइम्स इंटरनेट’ में हेड (Business Development) के पद पर अपनी भूमिका निभा रहे थे। उन्होंने फरवरी 2017 में ‘Times Internet’ जॉइन किया था।
भारत में ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाते हुए PW (Physics Wallah) ने अपना नया OTT प्लेटफॉर्म ‘PW Pi OTT’ लॉन्च किया है।
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देश में ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाते हुए PW (Physics Wallah) ने अपना नया OTT प्लेटफॉर्म ‘PW Pi OTT’ लॉन्च किया है। इसका मकसद देशभर के छात्रों को कम दाम में, बेहतर और बिना किसी बाधा के पढ़ाई का मौका देना है।
PW के मुताबिक, भारत में अच्छी शिक्षा हमेशा महंगी रही है। PW पहले से ही IIT-JEE, NEET, UPSC, CA जैसे एग्जाम्स के लिए सस्ते कोर्सेज देता रहा है, जिनकी कीमत आम तौर पर ₹4,000 से ₹6,000 तक होती है। लेकिन अभी भी लगभग 70% छात्र ऐसे हैं जो ये फीस नहीं दे पाते। इसी कमी को पूरा करने के लिए PW ने PW Pi OTT पेश किया है, जिसमें सब्सक्रिप्शन की कीमत है:
मासिक प्लान: ₹300
6 महीने का प्लान: ₹1,500
वार्षिक प्लान: ₹2,400
PW का कहना है कि इस मॉडल से छोटे शहरों, गांवों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्र भी अब गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक आसानी से पहुंच सकेंगे। विज्ञापन, नोटिफिकेशन और रिकमेंडेड वीडियो की वजह से फ्री लर्निंग प्लेटफॉर्म जैसे यूट्यूब या सोशल मीडिया पर छात्रों का ध्यान आसानी से भटक जाता है। PW Pi OTT इन सब परेशानियों को दूर करता है, क्योंकि यह एक ऐड-फ्री प्लेटफॉर्म है जहां छात्र सिर्फ पढ़ाई पर फोकस कर सकते हैं।
कंपनी का कहना है कि यह OTT प्लेटफॉर्म छात्रों को स्मार्ट और इंटरएक्टिव लर्निंग का अनुभव प्रदान करेगा। इसमें कई आधुनिक फीचर्स दिए गए हैं जैसे- AI की मदद से लाइव डाउट सॉल्विंग, प्रैक्टिस क्विज और होमवर्क असाइनमेंट, पॉकेट कोर्स जिनसे किसी खास टॉपिक पर फोकस किया जा सकता है, रिकॉर्डेड लेक्चर्स, ताकि छात्र अपनी गति से पढ़ सकें। इससे छात्र किसी भी समय और कहीं से भी अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं, बिना लाइव क्लास के दबाव के और PW Pi OTT पर छात्रों के लिए हर तरह की परीक्षा का कोर्स मौजूद है।
इसके साथ ही, प्लेटफॉर्म पर डाउनलोडेबल PDF, पिछले वर्षों के प्रश्नपत्र (PYQs), प्रैक्टिस टेस्ट, और शिक्षक, विषय या टॉपिक के अनुसार लेक्चर सर्च करने की सुविधा भी दी गई है। यह प्लेटफॉर्म कम डेटा उपयोग और ऑफ़लाइन डाउनलोड की सुविधा के साथ ग्रामीण छात्रों के लिए भी सुलभ है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने एक बार फिर ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और उनकी स्वयं-नियामक संस्थाओं को सलाह जारी की है।
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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने एक बार फिर ओटीटी प्लेटफॉर्म्स और उनकी स्वयं-नियामक संस्थाओं को सलाह जारी की है। मंत्रालय ने कहा है कि किसी भी फिल्म, वेब सीरीज या डॉक्यूमेंट्री को रिलीज करने से पहले खास सतर्कता और समझदारी से काम लिया जाए, खासतौर पर यदि वह गैंगस्टर्स या क्राइम पर आधारित हो।
मंत्रालय ने अपने पुराने दिशा-निर्देश (संख्या A-50013/123/2021-DM, दिनांक 22 अक्टूबर 2021) का हवाला देते हुए कहा है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को ऐसे कंटेंट से बचने की सलाह दी गई थी जो भारत की संप्रभुता और एकता को नुकसान पहुंचा सकता है, राज्य की सुरक्षा को खतरे में डाल सकता है, देश के विदेशी रिश्तों को प्रभावित कर सकता है या फिर हिंसा या सार्वजनिक अव्यवस्था को भड़का सकता है।
नए नोटिस में मंत्रालय ने साफ कहा है कि “गैंगस्टरों और अपराधियों पर आधारित किसी भी फिल्म, वेब सीरीज, बायोपिक या डॉक्यूमेंट्री को रिलीज या प्रसारित करने से पहले ऊपर दिए गए दिशा-निर्देशों का ध्यान रखा जाए।”
सरकार का यह कदम इस बात का संकेत है कि वह अब स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर आने वाले क्राइम-ड्रामा कंटेंट पर और सख्ती से नजर रख रही है। इससे उम्मीद है कि ओटीटी कंपनियां और उनकी नियामक संस्थाएं अपने अंदरूनी कंटेंट अप्रूवल सिस्टम और कम्प्लायंस प्रक्रियाओं की समीक्षा करेंगी, ताकि भविष्य में किसी विवाद या नियम उल्लंघन से बचा जा सके।
नितिन नीरा चंद्रा द्वारा निर्देशित और अभिनेत्री एवं निर्माता नीतू चंद्रा द्वारा निर्मित ‘छठ’ फिल्म बिहार की मिट्टी, लोगों और उनकी परंपराओं को सशक्त रूप में प्रस्तुत करती है।
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सार्वजनिक प्रसारक ‘प्रसार भारती’ (Prasar Bharati) के ओटीटी प्लेटफार्म ‘वेव्स’ (Waves) पर 24 अक्टूबर से बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘छठ’ का एक्सक्लूसिव वर्ल्डवाइड प्रीमियर होने जा रहा है। यह फिल्म बिहार की संस्कृति, आस्था और जीवन मूल्यों को समर्पित एक भावनात्मक सिनेमाई अनुभव है।
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक नितिन नीरा चंद्रा द्वारा निर्देशित और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री एवं निर्माता नीतू चंद्रा द्वारा निर्मित ‘छठ’ फिल्म बिहार की मिट्टी, लोगों और उनकी परंपराओं को सशक्त रूप में प्रस्तुत करती है। फिल्म देश के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक छठ पूजा की भक्ति, अनुशासन और पवित्रता को खूबसूरती से दर्शाती है।

फिल्म की निर्माता नीतू चंद्रा के अनुसार, ‘छठ सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि बिहार के प्रत्येक व्यक्ति के दिल की भावना है। यह हमारी पहचान, हमारी आस्था और हमारी जड़ों से जुड़ाव की कहानी है। इस फिल्म के ज़रिए हम चाहते हैं कि दुनिया बिहार की संस्कृति, सादगी और शक्ति को महसूस करे। हमें खुशी है कि वेव्स ओटीटी इस फिल्म को वैश्विक दर्शकों तक पहुंचा रहा है।’
वहीं, ‘प्रसार भारती’ के सीईओ गौरव द्विवेदी का इस बारे में कहना है, ’छठ हमें याद दिलाती है कि भारत की सबसे सशक्त कहानियां उसकी मिट्टी से जन्म लेती हैं। यह फिल्म हमारी सांस्कृतिक गहराई और भावनात्मक समृद्धि को उजागर करती है। वेव्स ओटीटी के माध्यम से हम देश की ऐसी कहानियों को वह मंच दे रहे हैं, जिसकी वे सच्चे अर्थों में हकदार हैं।’
प्रसार भारती के अनुसार, 24 अक्टूबर से वेव्स ओटीटी पर ‘छठ’ को देख सकते हैं और महसूस कर सकते हैं आस्था, संस्कृति और सिनेमा का अनोखा संगम, जो बिहार की आत्मा से जुड़ी एक प्रेरक कहानी को जीवंत करता है।
अपने OTT प्लेटफॉर्म WAVES की गुणवत्ता और आकर्षण बढ़ाने के लिए प्रसार भारती ने नया Pay-Per-View (पे-पर-व्यू) कंटेंट सोर्सिंग पॉलिसी शुरू की है।
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अपने OTT प्लेटफॉर्म WAVES की गुणवत्ता और आकर्षण बढ़ाने के लिए प्रसार भारती ने नया Pay-Per-View (पे-पर-व्यू) कंटेंट सोर्सिंग पॉलिसी शुरू की है। इस पहल का मकसद स्वतंत्र फिल्म निर्माताओं, प्रोडक्शन हाउस और डिजिटल क्रिएटर्स को जोड़ना है, ताकि एक मजबूत और डेटा-आधारित कंटेंट इकोसिस्टम तैयार किया जा सके।
इस नई व्यवस्था के तहत, कंटेंट क्रिएटर्स को उनके कंटेंट के वैलिडेटेड व्यूज के आधार पर भुगतान किया जाएगा। वैलिडेटेड व्यू का मतलब है- जब कोई दर्शक किसी फिल्म या एपिसोड का कम से कम 30% हिस्सा देखता है। इस तरह से भुगतान सीधे दर्शकों की एंगेजमेंट यानी जुड़ाव से जुड़ा रहेगा, जिससे पूरी प्रक्रिया पारदर्शी बनेगी।
पायलट फेज, जो मार्च 2026 तक चलेगा, के दौरान WAVES पर मौजूद सारा कंटेंट दर्शकों के लिए पूरी तरह मुफ्त रहेगा। यानी दर्शकों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, बल्कि प्रसार भारती कंटेंट के व्यूज के हिसाब से निर्माताओं को भुगतान करेगी।
अधिकारियों के मुताबिक, यह पहल WAVES को और प्रतिस्पर्धी और कंटेंट से भरपूर बनाने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा, 'हमारे पास अच्छा कंटेंट है, लेकिन प्लेटफॉर्म अभी बाकी सेवाओं जितना मजबूत नहीं है। इसलिए हमने यह नई व्यवस्था शुरू की है ताकि WAVES की गुणवत्ता और दायरा बढ़ाया जा सके।'
WAVES प्लेटफॉर्म, जो पिछले साल नवंबर 2024 में लॉन्च हुआ था, इस समय अलग-अलग भारतीय भाषाओं और विधाओं में ऑन-डिमांड कंटेंट और लाइव स्ट्रीमिंग उपलब्ध कराता है। अपने पहले साल की सालगिरह के मौके पर शुरू की गई यह नई पॉलिसी उच्च गुणवत्ता वाले, एक्सक्लूसिव और क्षेत्रीय विविधता से भरे कंटेंट को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।
पॉलिसी दस्तावेज के अनुसार, 'यह पॉलिसी कंटेंट ऑनबोर्डिंग और क्रिएटर्स के भुगतान के लिए एक न्यायसंगत और डेटा-आधारित मॉडल तैयार करती है।' इसके जरिए यह भी देखा जाएगा कि क्या यह परफॉर्मेंस-लिंक्ड मॉडल पब्लिक सर्विस OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए लंबे समय तक कारगर रह सकता है।
प्लेटफॉर्म पर डाले जाने से पहले हर कंटेंट को तकनीकी गुणवत्ता जांच, राइट्स वेरिफिकेशन और कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा।
एक इवैल्यूएशन कमेटी हर महीने कंटेंट के एनालिटिक्स, वित्तीय आंकड़ों और दर्शक रुझानों की समीक्षा करेगी। यह समिति कॉस्ट-पर-व्यू, कंटेंट की विविधता और प्रभाव का भी मूल्यांकन करेगी, ताकि नीति में समय-समय पर सुधार और दरों में समायोजन किए जा सकें।
उन्होंने सीधे वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह साफ कर दिया कि Netflix अपने उद्देश्यों के लिए बड़ी खरीदारी पर निर्भर नहीं है।
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Samachar4media Bureau
ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स (Netflix) के को-सीईओ टेड सारांडोस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि स्ट्रीमिंग दिग्गज को वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी (Warner Bros. Discovery यानी WBD) में खरीदारी करने में कोई खास दिलचस्पी नहीं है।
सारांडोस ने यह बात Netflix के तीसरे तिमाही के वित्तीय नतीजों के बाद निवेशकों के साथ हुई अर्निंग कॉल में कही। उन्होंने सीधे वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह साफ कर दिया कि Netflix अपने उद्देश्यों के लिए बड़ी खरीदारी पर निर्भर नहीं है।
उन्होंने कहा कि Netflix के लिए ऑर्गेनिक ग्रोथ यानी अपनी ताकत से बढ़ना, बड़ी कंपनियों को खरीदने से बेहतर है। उन्होंने जोड़ा, “जब हम M&A यानी Merger (विलय) और Acquisition (अधिग्रहण) के मौके देखते हैं, तो हम सभी पर ध्यान देते हैं और वही फ्रेमवर्क अपनाते हैं जो हम निवेश के फैसले में अपनाते हैं। क्या यह बड़ा अवसर है? क्या इसमें अतिरिक्त मूल्य है?”
सारांडोस ने यह भी कहा कि Netflix मुख्य रूप से आर्गेनिक ग्रोथ, जिम्मेदारी से निवेश और शेयरधारकों को लाभ वापस करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने बताया कि बड़े अधिग्रहण से कंपनी की रणनीति में कोई बदलाव नहीं होगा।
वैसे बता दें कि संभावित खरीदारों में Paramount Skydance, Comcast और Netflix का नाम सामने आया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, WBD के पास रणनीतिक विकल्प है कंपनी को दो हिस्सों में बांटना (Warner Bros. और Discovery Global), पूरी कंपनी के लिए कोई लेनदेन करना या अलग-अलग लेनदेन करना। मंगलवार को CNBC ने बताया कि Warner Bros. ने Paramount Skydance के पहले ऑफर को ठुकरा दिया, जिससे Netflix और Comcast जैसी कंपनियों के लिए रास्ता खुल गया।
वहीं अब Netflix के को-सीईओ टेड सारांडोस ने भी स्पष्ट कर दिया और निवेशकों से कहा, “हमने हमेशा स्पष्ट किया है कि हमें परंपरागत मीडिया नेटवर्क में कोई दिलचस्पी नहीं है। हमारी रणनीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। हम चुनिंदा तरीके से ही आगे बढ़ेंगे।”
प्रसार भारती अपने ओवर द टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म WAVES को लेकर उत्साहित प्रतिक्रिया से प्रेरित होकर अब इसे देश और दुनिया में अग्रणी डिजिटल कंटेंट प्लेटफॉर्म बनाने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार कर रहा है।
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Samachar4media Bureau
सार्वजनिक प्रसारक प्रसार भारती अपने ओवर द टॉप (OTT) प्लेटफॉर्म WAVES को लेकर उत्साहित प्रतिक्रिया से प्रेरित होकर अब इसे देश और दुनिया में अग्रणी डिजिटल कंटेंट प्लेटफॉर्म बनाने के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार कर रहा है।
नवंबर 2024 में लॉन्च हुए WAVES ने पहले ही शुरुआती सफलता हासिल कर ली है। प्लेटफॉर्म को अब तक 3.8 मिलियन से अधिक डाउनलोड और 2.3 मिलियन रजिस्टर्ड यूजर्स मिल चुके हैं। इस सफलता से उत्साहित होकर प्रसार भारती अब प्लेटफॉर्म की वृद्धि और पहुंच को और तेज करने के लिए नए कदम उठा रहा है।
'द न्यू इंडियन एक्सप्रेस' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, नई रणनीति के तहत वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन, ऐप बंडलिंग डील, ऐप-इन-ऐप इंटीग्रेशन और कंटेंट सिंडिकेशन व अंतरराष्ट्रीय साझेदारियां हासिल करने पर ध्यान दिया जाएगा। एजेंसी का लक्ष्य दो साल के भीतर ऑपरेशनल और वित्तीय स्थिरता स्थापित करना है, जिसके लिए संसाधनों का बेहतर उपयोग, कंटेंट पाइपलाइन को व्यवस्थित करना और राजस्व स्रोतों में विविधता लाना शामिल है।
अधिकारियों के अनुसार, प्रसार भारती एक एक्सपर्ट टीम को शामिल करेगा जो कंटेंट, टेक्नोलॉजी, मार्केटिंग, यूजर अधिग्रहण, डिस्ट्रीब्यूशन और राजस्व क्षेत्रों में रणनीतिक, संचालन और विश्लेषणात्मक समर्थन प्रदान करेगी। इसका मुख्य उद्देश्य WAVES की सतत और स्केलेबल वृद्धि सुनिश्चित करना है।
टीम आने वाले कंटेंट प्रस्तावों का OTT के लिहाज से मूल्यांकन करेगी, जिसमें अनुपालन और दर्शक जुड़ाव की क्षमता देखी जाएगी। इन विशेषज्ञों की मदद से प्रसार भारती भाषा, शैली और डेमोग्राफिक के हिसाब से कंटेंट में मौजूद अंतर को भी पहचानेगा।
अधिकारियों ने कहा, “यूनिट शीर्ष OTT प्लेटफॉर्म से कंटेंट क्यूरेशन, शैली विविधता और मेटाडेटा ऑप्टिमाइजेशन की वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन और सिफारिश करेगी। यह मार्केटिंग एजेंसियों और क्रिएटिव पार्टनर्स को मास मीडिया, कम्युनिटी आउटरीच और डिजिटल प्लेटफॉर्म सहित इन्फ्लुएंसर साझेदारी, त्योहारी कैंपेन और इवेंट-आधारित एक्टिवेशन जैसी व्यापक प्रचार रणनीति विकसित करने में मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करेगी।”
वर्तमान में WAVES कम से कम 65 चैनल उपलब्ध कराता है, जिनमें 40 लाइव सर्विसेज हैं, जो न्यूज, एंटरटेनमेंट नेटवर्क, मूवीज, टीवी शो और गेम्स को हिंदी, अंग्रेजी, मराठी, तमिल और असमिया जैसी 10 भाषाओं में पेश करती हैं। इसमें दूरदर्शन और आवाज़ भारत के क्लासिक्स के साथ-साथ एप्लिकेशन पर उपलब्ध नई प्रोग्रामिंग भी शामिल है।
ब्लूमबर्ग मीडिया ने JioTV और JioTV+ के साथ साझेदारी की है, जिससे अब उसका प्रीमियम ग्लोबल बिजनेस न्यूज और वीडियो कंटेंट पूरे देश में लाखों दर्शकों तक पहुंच सकेगा।
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Samachar4media Bureau
ब्लूमबर्ग मीडिया (Bloomberg Media) ने JioTV और JioTV+ के साथ साझेदारी की है, जिससे अब उसका प्रीमियम ग्लोबल बिजनेस न्यूज और वीडियो कंटेंट पूरे देश में लाखों दर्शकों तक पहुंच सकेगा।
ब्लूमबर्ग टीवी+ और ब्लूमबर्ग ओरिजिनल्स के कंटेंट अब दोनों JioTV स्ट्रीमिंग सर्विसेज पर उपलब्ध हैं। इससे Jio के 500 मिलियन से अधिक यूजर्स अब ब्लूमबर्ग की ग्लोबल बिजनेस और फाइनेंशियल न्यूज, साथ ही इसके पुरस्कार विजेता डॉक्यूमेंट्रीज देख सकते हैं। JioTV पर 16 भाषाओं में 200 से अधिक ब्रॉडकास्टर्स के 1,000 से ज्यादा चैनल उपलब्ध हैं, जबकि JioTV+ कनेक्टेड टीवी पर JioFiber और AirFiber के माध्यम से देखा जा सकता है।
अब भारतीय दर्शक ब्लूमबर्ग का पूरा टीवी लाइनअप स्ट्रीम कर सकते हैं, जिसमें The Asia Trade, Bloomberg Tech, The Future with Hannah Fry और Insight with Haslinda Amin जैसे शो शामिल हैं। इस कदम से भारत के डिजिटल दर्शकों को मार्केट, अर्थव्यवस्था और इनोवेशन पर विशेषज्ञ विश्लेषण और गहन कवरेज मिलेगा।
ब्लूमबर्ग मीडिया के चीफ इंफॉर्मेशन ऑफिसर रोमन मैकिविज ने कहा, “भारत ब्लूमबर्ग मीडिया के लिए सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है। हमें खुशी है कि JioTV के साथ मिलकर हम अपने भरोसेमंद ग्लोबल बिजनेस न्यूज और वीडियो कंटेंट को व्यापक दर्शकों तक पहुंचा पा रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “यह साझेदारी Jio TV की विशाल पहुंच का इस्तेमाल करके ब्लूमबर्ग के भरोसेमंद पत्रकारिता को लाखों नए दर्शकों तक पहुँचाती है और निवेशकों को आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था में सफलता के लिए जरूरी इनसाइट्स प्रदान करने में हमारी क्षमता को मजबूत करती है।”
इस डील के साथ ब्लूमबर्ग ने भारत में अपनी मौजूदगी को और मजबूत किया है। इस साल की शुरुआत में कंपनी ने मुंबई में अपना अपग्रेडेड टीवी स्टूडियो लॉन्च किया था, जिससे भारतीय दर्शकों को समय पर और विश्वसनीय बिजनेस कवरेज प्रदान करना आसान हो गया है।