वॉशिंगटन पोस्ट की भारतीय ब्यूरो चीफ एनी गोवेन के उस ट्वीट के बाद अब राजनीति शुरू हो गई है...
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
वॉशिंगटन पोस्ट की भारतीय ब्यूरो चीफ एनी गोवेन के उस ट्वीट के बाद अब राजनीति शुरू हो गई है, जिसमें उन्होंने मंगलवार को ट्वीट कर कहा था कि वे अपनी दोस्त की शादी के लिए कश्मीर में हैं। लेकिन वह रिपोर्टिंग नहीं कर सकतीं, क्योंकि विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय द्वारा विदेशी पत्रकारों के दी जानी वाली आवश्यक विशेष मंजूरी उन्हें नहीं दी गई है। उन्होंने 22 जून को इसके लिए आवेदन किया था, जिसमें आवंछनीय देरी हो रही है।
I am in Kashmir for a day to attend a friend's wedding. I am not reporting here because @MEAIndia and @HMOIndia have not granted the special permit now required for foreign correspondents. I applied June 22. Unacceptable delay. @rcfp @CJR @hrw @RSF_en
— Annie Gowen (@anniegowen) July 31, 2018
हालांकि इस ट्वीट के बाद से कश्मीर की राजनीति में विदेशी मीडिया की आजादी की आबोहवा चल पड़ी है। नेशनल कांफ्रेंस के नेता ने गोवेन को मंजूरी नहीं दिए जाने को लेकर आपत्ति जताई है।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने बुधवार को आश्चर्य प्रकट किया कि क्या जम्मू एवं कश्मीर के हालात इतने बिगड़ गए हैं कि सरकार विदेशी संवाददाताओं को राज्य में स्वतंत्र रूप से पत्रकारिता करने की इजाजत देने से डर रही है। भाजपा की कश्मीर नीति की एक और उपलब्धि, जिसमें पीडीपी ने पूर्ण रूप से सहयोग किया।
Has the situation in Kashmir deteriorated to such an extent that we are now afraid to let foreign correspondents report freely from Kashmir? Another crowning achievement of BJP’s Kashmir policy ably assisted by it’s partners in crime the PDP. https://t.co/ihOGQnfaGI
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) July 31, 2018
वहीं हुर्रियत कॉन्फ्रेंस (एम) ने भी बुधवार को
प्रेस रिलीज जारी कर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता ने कहा कि यह
दिल्ली की निराशा को दर्शाता है कि वह कश्मीर की सच्चाई को लेकर की जाने वाली सही रिपोर्ट से विदेशी मीडिया दूर को
रखना चाहता है, विशेषकर
तब जब सबसे खराब दमनकारी राज्य कश्मीर के लोगों पर खुलासा किया जा रहा हो।
प्रेस रिलीज में कहा गया है कि कश्मीर की रिपोर्टिंग करने से विदेशी मीडिया को रोकना प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रत्यक्ष रूप से हमला करने की एक चाल है और इस पर अंतरराष्ट्रीय मीडिया को ध्यान देना चाहिए और इसका विरोध करना चाहिए।
गौरतलब है कि विदेशी पत्रकारों को जम्मू-कश्मीर में रिपोर्टिंग करने के लिए 1990 के दशक की शुरुआत से गृह मंत्रालय की अनुमति लेनी होती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 22 मई 2018 को विदेश मंत्रालय ने सभी विदेशी समाचार संस्थानों को आदेश एक पत्र भेजा था, जिसमें कहा गया था कि भारत में विदेशी मीडिया संस्थानों के पत्रकारों को अब से जम्मू कश्मीर जाने से 8 हफ्ते पहले लिखित में आवेदन करना होगा, जिसके बाद ही वे जम्मू कश्मीर के किसी हिस्से में जा सकते हैं।
इस पत्र में लिखा था, ‘विदेश मंत्रालय द्वारा ऐसा देखा गया है कि भारत में रह रहे विदेशी पत्रकार अपने पत्रकारिता के काम के लिए यात्राएं करते समय ऐसी प्रतिबंधित/संरक्षित (प्रोटेक्टेड) जगहों पर जा रहे हैं, जहां जाने के लिए पूर्व अनुमति/विशेष परमिट लेने की आवश्यकता होती है। ऐसे क्षेत्रों में बिना पूर्व अनुमति/विशेष परमिट के जाने से पत्रकार के लिए अनावश्यक रूप से असुविधा खड़ी हो सकती है।’
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की वजह एक और पत्रकार की जान चली गई। कोरोना के कारण बॉलीवुड पत्रकार आरती शेजवलकर का निधन हो गया।
महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की वजह एक और पत्रकार की जान चली गई। कोरोना के कारण बॉलीवुड पत्रकार आरती शेजवलकर का निधन हो गया। कोरोना के संक्रमण का पता चलने के बाद उनका इलाज मुंबई के नायर अस्पताल में चल रहा था।
बताया जा रहा है कि वह छह महीने की गर्भवती थीं, लेकिन कोरोना संक्रमण के बाद प्रेग्नेंसी में उन्हें काफी समस्याएं आईं और उनका निधन हो गया।
आरती के निधन की खबर मशहूर सेलिब्रेटी फोटोग्राफर विरल भयानी ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक तस्वीर शेयर कर दी है। श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वे कहते हैं, ‘बॉलीवुड पत्रकार आरती के निधन के बारे में सुनकर मैं दुखी हूं। वह बहुत ईमानदार थीं और अपने काम के लिए समर्पित थीं। वह एक फाइटर थीं और मनोरंजन की दुनिया में 24 घंटे काम करती थीं। वो फील्ड पर काम कर रहे लड़कों के लिए मां की तरह थीं और उनका काफी ध्यान रखती थीं। एक युवा रिपोर्टर को उन्होंने शराब पीने की लत छुड़वा दी थी। आरती प्रेग्नेंट थीं और कोविड के चलते हुई दिक्कतों की वजह से उनकी मौत हो गईं। जिंदगी कभी कभी बहुत ज्यादा निर्दयी होती है। ओम शांति।’
कोरोना अवधि के दौरान कई पत्रकार कोरोना से संक्रमित हो गए, जिनमें से यहां अब तक 25 से ज्यादा पत्रकारों की मौत हो चुकी है।
आरती के निधन की खबर सुन बॉलीवुड स्टार्स को भी बड़ा झटका लगा है और वे सोशल मीडिया के जरिए आरती को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। वरूण धवन ने आरती के साथ एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा कि वो अपने काम के प्रति बहुत मेहनती और ईमानदार थीं। वरूण ने उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। इसके अलावा करिश्मा तन्ना, सोफी चौधरी, फिल्मफेयर के एडिटर जीतेश पिल्लई ने भी आरती की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
दैनिक जागरण समेत तमाम मीडिया संस्थानों में वरिष्ठ पदों पर कार्यरत रहे थे
दैनिक जागरण के पूर्व संपादक एवं वरिष्ठ पत्रकार दिलीप अवस्थी का मंगलवार को लखनऊ में निधन हो गया है। बताया जाता है कि वह उम्र जनित तमाम समस्याओं से जूझ रहे थे।
लखनऊ के मूल निवासी दिलीप अवस्थी को विभिन्न मीडिया संस्थानों में काम करने का 40 साल से ज्यादा का अनुभव था। उन्हें कुछ महीनों पूर्व ही ‘आउटलुक’ (Outlook) समूह में बतौर कंसल्टिंग एडिटर नियुक्त किया गया था।
दिलीप अवस्थी ने लखनऊ में ‘पॉयनियर’ अखबार के साथ अपने करियर की शुरुआत की थी। पूर्व में लगभग 13 साल तक वह ‘इंडिया टुडे’ के साथ जुड़े रहे थे। वह ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’, लखनऊ में डिप्टी रेजिडेंट एडिटर के तौर पर भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके थे।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य समेत तमाम लोगों ने दिवंगत आत्मा को सद्गति और शोकाकुल परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति देने की ईश्वर से प्रार्थना की है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।देश के प्रमुख मीडिया शिक्षण संस्थान ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) ने महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार के साथ मंगलवार को एक समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
देश के प्रमुख मीडिया शिक्षण संस्थान ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) ने महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिहार के साथ मंगलवार को एक समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस एमओयू का उद्देश्य पत्रकारिता और जनसंचार शिक्षा को प्रोत्साहन देना और मौलिक, शैक्षणिक एवं व्यावहारिक अनुसंधान के क्षेत्रों को परिभाषित करना है। आईआईएमसी की ओर से महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी एवं महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय की ओर से कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
प्रो. संजय द्विवेदी ने बताया कि इस एमओयू के माध्यम से दोनों संस्थान टीवी, प्रिंट मीडिया, डिजिटल मीडिया, जनसंपर्क और विज्ञापन जैसे विषयों पर शोध को बढ़ावा देंगे। उन्होंने कहा कि इस समझौते से हमें एक-दूसरे की कार्यप्रणालियों एवं अनुभवों को जानने एवं समझने का मौका मिलेगा। यह एमओयू अनुसंधान और शैक्षिक डेटा के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करेगा और संयुक्त कार्यक्रमों को आयोजित करने के अवसरों का भी जरिया बनेगा।
प्रो. द्विवेदी के मुताबिक, ‘आईआईएमसी का उद्देश्य आज की जरूरतों के अनुसार ऐसा मीडिया पाठ्यक्रम तैयार करना है जो छात्रों के लिए रोजगापरक हो। इस दिशा में हम महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के साथ मिलकर कार्य करने के लिए अग्रसर हैं। आईआईएमसी का उद्देश्य छात्रों और संकाय सदस्यों को देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से संपर्क प्रदान करना भी है। हमने आने वाले वर्षों में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करने और अनुसंधान व शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देने का लक्ष्य रखा है।’
वहीं, महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने कहा, ’आईआईएमसी देश का सबसे प्रतिष्ठित जनसंचार संस्थान है। इस समझौते के माध्यम से हमें आईआईएमसी के पत्रकारिता एवं शोध अध्ययन के लंबे अनुभव का लाभ मिलेगा।’
इस अवसर पर आईआईएमसी के डीन (अकादमिक) प्रो. गोविंद सिंह, डीन (छात्र कल्याण) प्रो. प्रमोद कुमार, प्रो. सुनेत्रा सेन नारायण, प्रो. वीरेंद्र कुमार भारती, प्रो. सुरभि दहिया, प्रो. अनुभूति यादव, प्रो. संगीता प्रणवेंद्र, प्रो. राजेश कुमार एवं महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष डॉ. प्रशांत कुमार भी मौजूद थे।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।आईआईएमसी में आयोजित 'शुक्रवार संवाद' में पद्मश्री से सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने पत्रकारिता की लक्ष्मण रेखा विषय पर अपने विचार व्यक्त किए
‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (आईआईएमसी) द्वारा शुक्रवार को 'शुक्रवार संवाद' (Friday Dialogue) का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में पद्मश्री से सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार और ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ के पूर्व अध्यक्ष आलोक मेहता ने ‘पत्रकारिता की लक्ष्मण रेखा’ विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। आलोक मेहता का कहना था,‘पत्रकारिता की लक्ष्मण रेखा को पवित्र मानकर उसका पालन कीजिए। यह मार्ग कांटों भरा भले ही हो, लेकिन यदि आपके पास पूरे तथ्य और प्रमाण हैं और आपको अपने कानूनी अधिकारों की जानकारी है, तो आपको बेबाक होकर अपनी बात रखनी चाहिए।’
मेहता ने कहा कि पत्रकारिता करते समय किसी के प्रति कोई दुराग्रह नहीं रखना चाहिए। मौजूदा दौर में अधिकतर लोग जिम्मेदारी से अपना काम कर रहे हैं, लेकिन कहीं-कहीं लोग अपनी लक्ष्मण रेखा को पार भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में आचार संहिता का सख्ती से पालन किया जाता है, लेकिन भारत में अब तक हम आचार संहिता को अनिवार्य रूप से लागू करने में सफल नहीं हो पाए हैं।
मेहता ने युवा पीढ़ी के पत्रकारों को आगाह करते हुए कहा कि उन्हें ध्यान रखना होगा कि वे सदैव सुनने को तैयार रहें। दूसरों को भी सुनिए। आप लोगों के प्रति पूर्वाग्रह न रखिए। धर्म, जाति आदि का उल्लेख करने से बचिए। अपराधी की कोई धर्म या जाति नहीं होती। एक व्यक्ति के कारण पूरे समुदाय को दोषी नहीं ठहरा सकते हैं। पहले लिखा जाता था कि दो समुदायों के बीच कोई मामला हुआ, लेकिन अब हालात बदल गए हैं। आप इतनी सावधानी तो बरत ही सकते हैं कि किसी वर्ग और समुदाय को चोट न पहुंचे।
उनका कहना था कि पत्रकार अपनी आचार संहिता स्वयं तय कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम अपने अधिकारों का अतिक्रमण करते हैं, यहीं से गड़बड़ होती है। मीडिया को अपने अधिकारों का अतिक्रमण नहीं करना चाहिए।’
आलोक मेहता के अनुसार, ‘मीडिया को पारदर्शिता भी बरतनी होगी। आप यदि पत्रकारिता का पेशा चुनते हैं तो आपको भविष्य का ख्याल रखना होगा। आपको देखना होगा कि आने वाली पीढ़ियों को क्या मिलेगा। पत्रकारिता के मूल्यों का पालन कीजिए। आप ऐसे लिखिए कि लोगों को लगे कि यदि अमुक व्यक्ति ने लिखा है तो सही लिखा होगा। मीडिया का काम समाज में निराशा पैदा करना नहीं है।’
कार्यक्रम में आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी विशेष तौर पर उपस्थित थे। आईआईएमसी के डीन अकादमिक प्रो. (डॉ.) गोविंद सिंह ने आलोक मेहता का स्वागत किया। डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. (डॉ.) प्रमोद कुमार ने कार्यक्रम का संचालन किया तथा धन्यवाद ज्ञापन विकास पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) राजेश कुमार ने किया।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।मई 2012 से लेकर तीन साल तक ट्राई के चेयरमैन रहे थे खुल्लर
‘भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण’ (TRAI) के पूर्व चेयरमैन राहुल खुल्लर का मंगलवार की सुबह निधन हो गया है। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। 1975 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी खुल्लर को मई 2012 में ट्राई का चेयरमैन नियुक्त किया गया था। वह करीब तीन साल तक इस पद पर रहे।
खुल्लर ने ऐसे समय में ट्राई के मुखिया का पद संभाला था, जब दूरसंचार आपरेटरों ने स्पेक्ट्रम नीलामी पर नियामक की सिफारिशों के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ था। दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से पोस्ट ग्रेजुएट खुल्लर ट्राई का चीफ नियुक्त होने से पहले वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में सेक्रेटरी के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने राज्यपाल के अभिभाषण के बाद पूछा कि विधानसभा में पत्रकार दीर्घा से पत्रकारों को क्यों दूर रखा गया है
उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के अभिभाषण के बाद विपक्षी दलों ने विधानसभा की पत्रकार दीर्घा में कवरेज के लिए मीडिया को नहीं बैठने देने का मुद्दा उठाया, जिसके जवाब में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कोरोना काल के कारण पत्रकारों के लिए अलग व्यवस्था की गई थी और इस बारे में जल्द ही कोई फैसला लिया जाएगा।
नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने राज्यपाल के अभिभाषण के बाद पूछा कि विधानसभा में पत्रकार दीर्घा से पत्रकारों को क्यों दूर रखा गया है और क्या कोविड-19 केवल पत्रकारों को ही प्रभावित करता है, विधायकों, विधान परिषद सदस्यों, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और नेता विपक्ष को नहीं?
चौधरी की इस बात का समर्थन बहुजन समाज पार्टी के विधानमंडल दल के नेता लालजी वर्मा और कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता अराधना मिश्रा ने भी किया। इस पर विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि कोरोना काल में पत्रकारों की सहमति से यह निर्णय लिया गया था कि मीडिया के लिए बैठने की अलग व्यवस्था कर दी जाए और उसी हिसाब से अलग व्यवस्था की गई थी।
उन्होंने कहा कि पत्रकारों ने कोई आपत्ति नहीं जताई है। लालजी वर्मा और अराधना मिश्रा ने इस पर कहा कि कुछ पत्रकारों को अनुमति दी जानी जाए, जिससे कि वे सदन की कार्यवाही सही ढंग से देखें और उसकी रिपोर्टिंग करें। विधानसभा अध्यक्ष ने इसके जवाब में कहा कि इस पर कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में विचार कर लिया जाएगा।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।मध्यप्रदेश का स्टेट प्रेस क्लब हर साल की तरह पत्रकारिता पर केंद्रित अपना सालाना जलसा ‘भारतीय पत्रकारिता महोत्सव’ 19 फरवरी यानी आज से आयोजित कर रहा है
मध्यप्रदेश का स्टेट प्रेस क्लब हर साल की तरह पत्रकारिता पर केंद्रित अपना सालाना जलसा ‘भारतीय पत्रकारिता महोत्सव’ 19 फरवरी यानी आज से आयोजित कर रहा है, जोकि तीन दिनों तक चलेगा। मध्यप्रदेश का यह बहुप्रतिष्ठित का आयोजन रविन्द्र नाट्यगृह इंदौर में आयोजित किया जा रहा हैं। तीन दिनी इस बौद्धिक अनुष्ठान में पत्रकारिता, शिक्षा और सामाजिक सरोकारों से जुड़े ज्वलंत मुद्दों पर रोजाना टॉक-शो, परिचर्चा, परिसंवाद आदि कार्यक्रम होंगे। रोजाना रात्रि को 8 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।
इस जलसे में गुजरात, दिल्ली,जम्मू कश्मीर, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और अन्य राज्यों से तीन सौ से अधिक पत्रकार शिरकत करेंगे। इस बार का आयोजन भारत के महान शब्द शिल्पियों और संपादकों- राहुल बारपुते, राजेंद्र माथुर, शरद जोशी, प्रभाष जोशी और माणिक चन्द्र वाजपेई जी को समर्पित है। इन सभी ने इंदौर को अपनी कर्मस्थली बनाया।
19 से 21 फरवरी 2021 तक चलने वाले इस आयोजन में प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार और विभिन्न महाविद्यालयों में अध्ययनरत् शोधार्थी छात्र शामिल होंगे। पत्रकारिता महोत्सव के तहत रोजाना मीडिया की लक्ष्मण रेखा, देश की प्रगति और मीडिया, टूटता भरोसा, बढ़ता गुस्सा, महिला मुद्दे और मीडिया, भविष्य की मीडिया शिक्षा एवं कोरोना काल और पत्रकारिता विषय पर टॉक शो होंगे।
इस प्रतिष्ठित आयोजन में जहां मीडियाकर्मियों का सम्मान समारोह होगा, वहीं फैशन फोटोग्राफी पर वर्कशॉप भी होगी। तीनों दिन तीसरे प्रेस आयोग की मांग पर विभिन्न पत्रकार संगठन गंभीर चिंतन करेंगे। इस मौके पर ‘मीडिया की लक्ष्मण रेखा’ विषय पर केन्द्रित स्मारिका का प्रकाशन भी होगा।
असम के मंत्री हेमंत बिस्व सरमा की छवि खराब करने की कोशिश करने के आरोप में बुधवार को चार पत्रकारों समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया
असम के मंत्री हेमंत बिस्व सरमा की छवि खराब करने की कोशिश करने के आरोप में बुधवार को चार पत्रकारों समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसमें एक महिला पत्रकार भी शामिल है। इन पर ‘गलत मंशा’ से मंत्री की अपनी बेटी के साथ फोटो शेयर करने का आरोप है।
मंत्री की पत्नी ने पॉक्सो कानून के तहत गुवाहाटी के दिसपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।
गुवाहाटी शहर के पुलिस आयुक्त मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने बताया कि स्थानीय समाचार वेबसाइट ‘प्रतिबिंब लाइव’ के प्रधान संपादक तौफीकुद्दीन अहमद और समाचार संपादक आसिफ इकबाल हुसैन को साजिश की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा दो अन्य कर्मचारियों नजमुल हुसैन और नुरुल हुसैन को हिरासत में लिया गया, जिसके बाद उन्हें मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
पुलिस ने कहा कि दो अन्य पत्रकारों शिवसागर में 'स्पॉटलाइट अस' के नांग नोयोनमोनी गोगोई और 'बोडोलैंड टाइम्स' की पुली मुचाहेरी को भी इस सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।
वहीं, मंत्री सरमा ने पत्रकारों से कहा कि यह राजनीतिक साजिश का एक स्पष्ट मामला है, लेकिन इस हद तक नीचे जाने से संबंधित लोगों की घटिया मानसिकता झलकती है। यह फोटो गलत इरादे से पोस्ट किया गया। यह बड़ा ही परेशान करने वाला है, जिससे वह रात भर सो नहीं सके।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) जीपी सिंह ने कहा कि पुलिस यौन अपराध से बच्चों की सुरक्षा (पॉक्सो) अधिनियम के सख्त प्रावधानों के तहत ऐसे सभी प्रयासों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।‘भारतीय जनता युवा मोर्चा’ (बीजेवाईएम), दिल्ली के पूर्व सचिव मनीष मिश्रा ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ‘ट्विटर’ (Twitter) पर अपना अकाउंट सस्पेंड करने का आरोप लगाया है।
‘भारतीय जनता युवा मोर्चा’ (बीजेवाईएम), दिल्ली के पूर्व सचिव मनीष मिश्रा ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ‘ट्विटर’ (Twitter) पर अपना अकाउंट सस्पेंड करने का आरोप लगाया है। मनीष मिश्रा का आरोप है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के गांधी परिवार पर अपने विचारों को सोशल मीडिया पर व्यक्त करने पर उनके ट्विटर अकाउंट पर प्रतिबंध लगा दिया है।
एक लिखित बयान में मिश्रा का कहना है कि इस तरह का निलंबन लोकतंत्र का अपमान करता है और बोलने की आजादी पर सवाल उठाता है। मिश्रा के अनुसार, ‘अगर किसी राजनीतिक दल के एक प्रमुख व्यक्ति के खिलाफ ट्वीट किया जाता है तो यह कैसे गलत है? यदि राजनीतिक बल पर लोगों को निशाना बनाया जा रहा है तो लोकतंत्र की दुनिया कैसे चलेगी?’
बता दें कि मिश्रा ने हाल ही में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को लेकर एक ट्वीट किया था। भारत के संविधान का हवाला देते हुए मिश्रा ने कहा, ‘अनुच्छेद 19 (1) (ए) ने हमें वह अधिकार दिया है जो वैचारिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हक देता है। हम एक लोकतांत्रिक देश में रहते हैं, फिर भी हमने जो दृष्टिकोण हासिल किया है वह अत्याचार के काफी करीब है।’
मिश्रा ने हाल की स्थिति की तुलना वर्ष 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल से करते हुए कहा, ‘इस बार भी सिर्फ उनके खिलाफ उठाने वाली आवाज़ को दबाने की कोशिश की जा रही है। गांधी परिवार के खिलाफ आवाज उठाने पर इस तरह के कदम उठाए जाते हैं, विशेषकर जब कोई उनसे सही सवाल करता है। उन्हें वास्तव में लोकतंत्र की परिभाषाएं सीखने की जरूरत है।’
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।वरिष्ठ पत्रकार और नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के अध्यक्ष रास बिहारी ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भेंट कीं अपनी तीन पुस्तकें
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) के अध्यक्ष और लेखक रास बिहारी ने नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को बंगाल के सियासी परिदृश्य को को केंद्रबिंदु बनाकर लिखी गई अपनी तीन पुस्तकें 'रक्तांचल-बंगाल की रक्तचरित्र राजनीति', 'रक्तरंजित बंगाल लोकसभा चुनाव-2019' और 'बंगाल-वोटों का खूनी लूटतंत्र' भेंट कीं।
इस मौके पर नरेंद्र सिंह तोमर ने इन पुस्तकों को पठनीय बताते हुए कहा कि लेखक रास बिहारी ने कई वर्षों की मेहनत और तथ्यात्मक खोजपरक के उपरांत हर उस मुद्दे की गहराई से पड़ताल की है, जो बंगाल की सियासत पर असर डालता है। इस मौके पर रास बिहारी के साथ प्रेस कांउसिल ऑफ इंडिया के सदस्य तथा एनयूजे के संगठन सचिव आनंद राणा, एनयूजे के उपाध्यक्ष तथा वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप तिवारी, एनयूजे के कोषाध्यक्ष अरविंद सिंह, कार्यकारिणी सदस्य तथा पत्रकार विवेक जैन और पत्रकार डीआर सोलंकी भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि वरिष्ठ पत्रकार रास बिहारी की इन तीनों पुस्तकों का विमोचन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले महीने विक्टोरिया हॉल, कोलकाता में किया था। तीनों पुस्तकों को यश पब्लिकेशन ने प्रकाशित किया है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।