प्रसिद्ध यूट्यूबर ध्रुव राठी एक नए वीडियो को लेकर विवादों में घिर गए हैं, जिसमें उन्होंने सिख इतिहास और गुरुओं पर आधारित एआई विज़ुअल्स का प्रयोग किया था।
प्रसिद्ध यूट्यूबर ध्रुव राठी एक नए वीडियो को लेकर विवादों में घिर गए हैं, जिसमें उन्होंने सिख इतिहास और गुरुओं पर आधारित एआई विज़ुअल्स का प्रयोग किया था। वीडियो का शीर्षक था "The Sikh Warrior Who Terrified the Mughals" (वह सिख योद्धा, जिसने मुगलों को आकंतिक किया)। वीडियो में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की मदद से तैयार किए गए दृश्य शामिल किए गए थे, जिन्हें लेकर सिख समुदाय ने कड़ी आपत्ति जताई है।
इस वीडियो के वायरल होने के बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने इसकी सख्त निंदा की। SGPC के एक सदस्य गुरचरण सिंह ग्रेवाल ने कहा कि सिख इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर उसे एआई के ज़रिये प्रस्तुत करना न केवल अनुचित है बल्कि इससे धार्मिक भावनाएं भी आहत होती हैं।
SGPC के साथ ही शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने भी वीडियो को लेकर नाराज़गी जताई। उन्होंने कहा कि इस तरह का चित्रण 'सिख रहत मर्यादा' के नियमों का उल्लंघन करता है, जो गुरु साहिबान के दृश्य रूप में प्रदर्शन पर रोक लगाता है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वीडियो में कई तथ्य भ्रामक हैं और भाषा का स्तर भी मर्यादित नहीं था।
Strongly condemn a recent video by Youtuber Dhruv Rathee titled “The Sikh Warrior Who Terrified the Mughals” for its inappropriate use of AI-generated visuals depicting our Guru Sahiban besides historical inaccuracies.
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) May 19, 2025
Such portrayals violate Sikh rehat maryada which prohibits… pic.twitter.com/NsEmtZQYXH
दिल्ली सरकार में मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी इस वीडियो को लेकर अपनी असहमति जताई। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि वीडियो में श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को एक बच्चे के रूप में रोते हुए दिखाना सिख धर्म की आत्मा और चढ़दी कला की भावना के विपरीत है। उन्होंने इसे "सिख इतिहास और भावनाओं का गहरा अपमान" करार दिया।
I condemn Dhruv Rathee’s recent video on “The Sikh Warrior Who Terrified the Mughals” that is not only factually flawed but blatantly disrespectful to Sikh history and sentiments. Showing Sri Guru Gobind Singh Ji, the embodiment of courage and divinity, crying as a child is an… https://t.co/Hf4aiB6pNC pic.twitter.com/e9p5Sd75N8
— Manjinder Singh Sirsa (@mssirsa) May 19, 2025
बढ़ते विरोध के बीच, ध्रुव राठी ने अंततः अपने यूट्यूब चैनल से यह वीडियो हटा दिया है। हालांकि, इसे लेकर अभी भी सोशल मीडिया पर बहस जारी है और सिख समुदाय वीडियो बनाने की प्रक्रिया और इसके पीछे की मंशा पर सवाल उठा रहा है।
कार्यक्रम में मीडिया की भूमिका, संवाद की जरूरत और सरकार के 11 वर्षों के दौरान हुए सामाजिक-आर्थिक बदलावों पर चर्चा हुई।
मोदी सरकार के 11 वर्ष पूरे होने के अवसर पर 10 जून को दिल्ली स्थित भारत मंडपम में एक विशेष संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर केंद्र सरकार की प्रमुख उपलब्धियों पर एक विस्तृत प्रेजेंटेशन प्रस्तुत किया गया, जिसके बाद मीडिया प्रतिनिधियों और सरकार के शीर्ष नेताओं के बीच अनौपचारिक चर्चा और लंच का आयोजन हुआ।
इस संवाद कार्यक्रम में देश के प्रमुख टीवी एंकर, संपादक और वरिष्ठ पत्रकार शामिल हुए। चर्चा के केंद्र में मीडिया की भूमिका, जन संवाद की आवश्यकता, और बीते 11 वर्षों में देश में हुए सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन रहे।
कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, रेलवे, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव, भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राज्यसभा सांसद और पार्टी प्रवक्ता अनिल बलूनी, बीजेपी के मीडिया विभाग प्रभारी संजय मयूख, और आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय की उपस्थिति रही।
‘गुड न्यूज टुडे’ व ‘इंडिया टुडे’ के न्यूज डायरेक्टर सुप्रिय प्रसाद; ‘प्रसार भारती’ के कंसल्टिंग एडिटर सुधीर चौधरी; ‘टीवी9 नेटवर्क’ के न्यूज डायरेक्टर हेमंत शर्मा; ‘द लल्लनटॉप’ के एडिटर सौरभ द्विवेदी; ‘टीवी9’ भारतवर्ष के सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर निशांत चतुर्वेदी; ‘नेटवर्क18’ समूह के कंसल्टिंग एडिटर शमशेर सिंह, ‘गुड न्यूज टुडे’ की मैनेजिंग एडिटर श्वेता सिंह, ’ न्यूज18 इंडिया’ के कंसल्टिंग एडिटर रुबिका लियाकत; ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ के कंसल्टिंग एडिटर सुशांत सिन्हा; 'एनडीटीवी इंडिया' में एडिटर/एंकर आशुतोष चतुर्वेदी;‘इंडिया टीवी’ की न्यूज एंकर मीनाक्षी जोशी; ‘आजतक’ की एंकर नेहा बाथम और ‘एएनआई’ की एडिटर-इन-चीफ स्मिता प्रकाश समेत मीडिया जगत के तमाम जाने-माने चेहरे शामिल थे।
इस अवसर की खास झलकियां आप यहां देख सकते हैं, जिनमें सरकार और मीडिया के बीच खुले संवाद की झलक देखने को मिली।
'टीम एम्प्लिफाई' का प्रोजेक्ट इसलिए खास रहा क्योंकि उसमें स्थायित्व (sustainability), डिजाइन और यूजर्स की भागीदारी का बहुत ही सहज और प्रभावशाली मेल देखने को मिला।
दिल्ली स्थित वसंत वैली स्कूल की कक्षा 11 के तीन विद्यार्थियों- प्रसन्न बत्रा, अवनी गांधी और मेहर रहमत होरा ने IIT खड़गपुर द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित यंग इनोवेटर्स प्रोग्राम में तीसरा स्थान हासिल कर राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय सफलता पाई है। इस प्रतियोगिता में देशभर से 3,500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया था। विजेता टीम को ₹5,000 की पुरस्कार राशि से भी सम्मानित किया गया।
'टीम एम्प्लिफाई' का प्रोजेक्ट इसलिए खास रहा क्योंकि उसमें स्थायित्व (sustainability), डिजाइन और यूजर्स की भागीदारी का बहुत ही सहज और प्रभावशाली मेल देखने को मिला। उनके प्रोजेक्ट KinetiKick ने यह दिखाया कि सोच-समझकर किया गया इनोवेशन किस तरह से इंसानी रोजमर्रा की गतिविधियों (जैसे चलना-फिरना) को नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy) के स्रोत में बदल सकता है। इस तरह यह प्रोजेक्ट जागरूकता और वास्तविक कार्रवाई के बीच की दूरी को पाटने का काम करता है। इस प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर आना सिर्फ उनकी तकनीकी कुशलता को नहीं दर्शाता, बल्कि यह भी दिखाता है कि उनकी सोच ऐसी समस्याओं के हल की ओर है, जिनकी आज दुनिया को जरूरत है- यानी स्थानीय, सबके लिए सुलभ और नई पीढ़ी द्वारा संचालित समाधान।
"यंग इनोवेटर्स प्रोग्राम" में मूल्यांकन के मानदंड मूल विचार (originality), व्यावहारिकता (feasibility) और वास्तविक दुनिया में उपयोग (real-world application) पर आधारित थे। इस कार्यक्रम ने छात्रों को प्रतिष्ठित शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं से बातचीत करने का मौका भी दिया, जिससे उन्हें व्यवहारिक समस्याओं को हल करने की गहरी समझ और उपयोगी सुझाव मिले।
'टीम एम्प्लिफाई' की सफलता यह दर्शाती है कि अगली पीढ़ी के युवा न केवल समस्याएं समझते हैं, बल्कि उनके समाधान भी ऐसी दृष्टि से गढ़ते हैं जो व्यवहारिक और पर्यावरण-संवेदनशील हो। KinetiKick जैसे प्रोजेक्ट न केवल इनोवेशन को दिशा देते हैं, बल्कि जागरूकता और क्रियान्वयन के बीच की दूरी को पाटने में भी सहायक होते हैं।
यह उपलब्धि न सिर्फ टीम के तकनीकी कौशल की परिचायक है, बल्कि यह दिखाती है कि भारत की युवा प्रतिभाएं वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए कितनी सक्षम और तत्पर हैं।
नोएडा के सेक्टर 58 थाने में दर्ज एफआईआर में दोनों पर कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। गौतम बुद्ध नगर की अदालत ने दोनों आरोपितों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
नोएडा पुलिस ने सोमवार को दो पत्रकारों को ‘भारत24’ की एंकर शाजिया निसार औऱ ‘अमर उजाला’ डिजिटल के आदर्श झा को कथित तौर पर वसूली और ब्लैकमेलिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है। नोएडा के सेक्टर 58 थाने में दर्ज एफआईआर में दोनों पर कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं। गौतम बुद्ध नगर की अदालत ने दोनों आरोपितों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स में पुलिस के हवाले से बताया गया है कि शाजिया निसार के आवास से 34.5 लाख रुपये नकद बरामद किए गए हैं। इसके साथ ही, मोबाइल फोन, लैपटॉप और एक स्कॉर्पियो गाड़ी भी जब्त की गई है। पुलिस ने यह भी बताया कि उनके पास ऑडियो और वीडियो साक्ष्य हैं, जिनमें दोनों आरोपी कथित रूप से चैनल प्रबंधन से पैसे की मांग करते और धमकी देते हुए नजर आते हैं।
इस पूरे मामले में 'भारत24' के प्रबंधन की ओर से तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई गई हैं।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि आरोपितों ने ‘भारत24’ के एक वरिष्ठ संपादक को यौन उत्पीड़न के झूठे आरोप में फंसाने की धमकी दी और 65 करोड़ की मांग की, जिसकी शुरुआत 5 करोड़ रुपये से हुई थी।
वहीं, नोएडा पुलिस का कहना है कि जांच अभी शुरुआती चरण में है और यह संभावना है कि इस प्रकरण से जुड़ा कोई बड़ा ब्लैकमेल सिंडिकेट भी सक्रिय हो सकता है। पुलिस अन्य संबंधित लोगों की भूमिका की भी जांच कर रही है। फिलहाल दोनों पत्रकार न्यायिक हिरासत में हैं और आगे की पूछताछ के लिए पुलिस कोर्ट से रिमांड की मांग कर सकती है।
1992 में स्नातक करने के बाद पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से 1995 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री की और एक नामी कंपनी में नौकरी शुरू की थी।
अमर उजाला के प्रतिष्ठित कार्यक्रम संवाद का आयोजन राजधानी देहरादून में किया गया। इस मंच से मोटिवेशनल स्पीकर गौर गोपाल दास ने कहा, उम्मीद ही एक रिश्ते का सबसे बड़ा आधार है, चाहे वो किसी तरह का रिश्ता हो। ये उम्मीद हर तरफ है, पढ़ाई, करियर में यहां तक की अध्यात्म में भी उम्मीद है कि, एक दिन ईश्वर का दर्शन हो जाएगा और उम्मीद है कि मोक्ष की प्राप्ति हो जाएगी।
उम्मीद पर ही सारी दुनिया टिकी है। चाहे कुछ भी हो जाए, एक चीज कभी नहीं छूटनी चाहिए- उम्मीद। इस को जीतने की मानसिकता कहते हैं। एक बात तो पक्की है, सभी लड़ाई मन में लड़ी जाती है और वहीं जीतना मायने रखा है। अगर मन में हार गए तो हर जगह हार जाएंगे।
सोशल मीडिया में 51 लाख से अधिक अनुयायी वाले गौर गोपाल दास जाने-माने प्रेरक वक्ता व लाइफ कोच हैं। इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ने के बाद वे इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) से जुड़ गए। महाराष्ट्र में जन्मे गौर गोपाल दास ने कुसरो वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पुणे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया। 1992 में स्नातक करने के बाद पुणे के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से 1995 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिग्री की और एक नामी कंपनी में नौकरी शुरू की थी।
रक्षा मंत्री ने कश्मीर के विषय पर कहा कि पाकिस्तान चाहकर भी कश्मीर में विकास के पहिये को नहीं रोक पा रहा है। इसके लिए उसने पहलगाम का हमला कराया।
अमर उजाला के संवाद कार्यक्रम के मंच पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एक दिन पूरा कश्मीर एक होगा। जल्द पीओके भी कहेगा कि मैं भी भारत हूं। यह सब कैसे होगा इस पर अभी बात नहीं करूंगा। कार्यक्रम में मौजूद लोगों से उन्होंने दावे के रूप में कहा कि उन्हें विश्वास है कि आप सब कश्मीर को एक होता अपनी आंखों से देखेंगे।
इस दौरान उन्होंने भारत की आतंकवाद की लड़ाई में सरकार के दृढ़ संकल्प को भी दोहराया। साथ ही रक्षा क्षेत्र में भारत किस तरह आत्मनिर्भर होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है इसका रोडमैप भी उन्होंने मंच से बताया। इसमें आने वाले दिनों में घरेलू कंपनियों पर ही दारोमदार रहेगा कि वह रक्षा उपकरणों की अधिक से अधिक आपूर्ति करेंगी।
रक्षा मंत्री ने कश्मीर के विषय पर कहा कि पाकिस्तान चाहकर भी कश्मीर में विकास के पहिये को नहीं रोक पा रहा है। इसके लिए उसने पहलगाम का हमला कराया। धर्म पूछकर लोगों को मारा। यह हमला केवल उन 26 लोगों पर नहीं था बल्कि यह भारत की एकता पर हमला था।
मगर, भारत सरकार का आतंकवाद के खिलाफ दृष्टिकोण और कार्रवाई दोनों पहले से अलग है। यह सभी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देख भी लिया है। उन्होंने मंच से फिर दोहराया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है बल्कि स्थगित है।
सीएम धामी ने कहा कि भू-कानून से निवेशकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। लोग यहां जमीन लेकर दुरुपयोग करते थे। हमने उसे रोकने, राज्य के अस्तित्व को बनाये रखने के लिए ये कानून लाए हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अमर उजाला संवाद में यूसीसी पर कहा कि देश में पिछले कई माह से इस पर चर्चा हो रही है। समान नागरिक संहिता का प्रावधान भारत के संविधान में किया गया है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 में इसका प्रावधान किया गया है कि राज्य इसको लागू कर सकते हैं। हमने संविधान सम्मत काम किया है।
अमर उजाला संवाद में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मैं आप सभी लोगों का स्वागत करता हूं। नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के 11 वर्ष पूरे हो रहे हैं। स्वर्णिम कालखंड के ग्यारह वर्ष पूरे हो रहे है। ऐसे में मैं प्रधानमंत्री का हृदय से अभिनंदन करता हूं, उनको बधाई देता हूं। उन्होंने जो विकसित भारत की बात की है, उसके लिए यह जरूरी है कि राज्य भी विकसित हों।
लेकिन यह तभी संभव है जब उस राज्य के सभी विकासखंड, सभी जनपत, सभी पंचायत अपनी भूमिका का निर्वाहन करेंगे। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री का गंगा मैया से एक रिश्ता है। मैं उनको गंगा पुत्र भी कह सकता हूं। जैसे गंगा मैया ने उन्हें बनारस बुलाया, वैसे ही अपने मायके बुलाया।
इतिहास में छुपे ज्योतिष के राज पर पर्दा उठाने की कोशिश की जाएगी। इसके अलावा भाग्य, ग्रहों की दशा, कुंडली, टैरो कार्ड, अंक ज्योतिष, वैदिक ज्योतिष जैसे कई विषयों पर भी विमर्श होगा।
अमर उजाला और माय ज्योतिष की तरफ से एक बार फिर 'ज्योतिष महाकुंभ' का आयोजन किया जा रहा है। इस बार 'ज्योतिष महाकुंभ' का आयोजन 14 जून को दिल्ली में किया जा रहा है। इसमें देश के प्रतिष्ठित ज्योतिषाचार्य हिस्सा लेंगे। इस महाकुंभ में ज्योतिष शास्त्र के विभिन्न पहलुओं पर संवाद होगा।
ज्योतिषाचार्यों की ओर से ज्योतिष और विज्ञान के बीच संबंध पर बात होगी। इस दौरान इतिहास में छुपे ज्योतिष के राज पर पर्दा उठाने की कोशिश की जाएगी। इसके अलावा भाग्य, ग्रहों की दशा, कुंडली, टैरो कार्ड, अंक ज्योतिष, वैदिक ज्योतिष जैसे कई विषयों पर भी विमर्श होगा।
उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत रहेंगे, जबकि समापन समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के मुख्य अतिथि होंगी। जाने-माने ज्योतिषाचार्य पंडित केए दुबे पद्मेश, पंडित लेखराज, अजय भांबी, जीडी वशिष्ठ, जय प्रकाश शर्मा, चंद्रशेखर शास्त्री, रमेश सेमवाल, डॉ. संजीव श्रीवास्तव, जय मदान और शैलेंद्र पांडेय महाकुंभ में हिस्सा लेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के दो पत्रकारों को अंतरिम गिरफ्तारी से राहत दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के दो पत्रकारों को अंतरिम गिरफ्तारी से राहत दी है। पत्रकारों ने आरोप लगाया है कि भिंड जिले के एसपी असित यादव और उनके मातहतों ने उन्हें अवैध हिरासत में लेकर शारीरिक हिंसा की, जातीय टिप्पणियां कीं और जान से मारने की धमकी दी।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस मनमोहन की पीठ ने की। हालांकि कोर्ट ने फिलहाल अन्य राहत देने से इनकार करते हुए पत्रकारों को सलाह दी कि वे इस मामले में उचित राहत के लिए मध्य प्रदेश हाई कोर्ट का रुख करें।
कोर्ट ने आदेश में कहा, "हम याचिका पर विचार नहीं कर रहे हैं, लेकिन लगाए गए आरोपों को देखते हुए, याचिकाकर्ता को आज से दो हफ्ते के भीतर हाईकोर्ट जाने की छूट दी जाती है। इस दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।"
पत्रकार शशिकांत जाटव और अमरकांत सिंह चौहान ने सुरक्षा की गुहार लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। दोनों का कहना है कि उन्होंने चंबल नदी क्षेत्र में अवैध रेत खनन की खबर प्रकाशित की थी, जिसे रेत माफिया कथित रूप से पुलिस की शह पर चला रहे हैं। इसी के बाद उन्हें निशाना बनाया गया।
याचिका में दावा किया गया है कि 1 मई को दोनों पत्रकारों का पहले अपहरण किया गया, फिर उन्हें हिरासत में लेकर मारपीट की गई और जातिगत गालियां दी गईं।
इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) भी सक्रिय हो चुका है। आयोग ने इस प्रकरण पर स्वतः संज्ञान लेते हुए मध्य प्रदेश पुलिस के डीजी को नोटिस भेजा था और दो हफ्ते के भीतर पूरी रिपोर्ट मांगी है।
कश्मीर की साइबर पुलिस ने सोशल मीडिया पर फर्जी और बिना पुष्टि की खबरें फैलाने वालों को सख्त चेतावनी दी है।
कश्मीर की साइबर पुलिस ने सोशल मीडिया पर फर्जी और बिना पुष्टि की खबरें फैलाने वालों को सख्त चेतावनी दी है। पुलिस ने कहा है कि ऐसी भ्रामक सूचनाएं शांति भंग कर सकती हैं और इन्हें जानबूझकर फैलाया जा रहा है ताकि इलाके में अशांति फैले।
रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर लगातार कई पोस्ट में साइबर पुलिस कश्मीर ने कहा, “हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ मीडिया संस्थान और सोशल मीडिया यूजरस फर्जी और अपुष्ट रिपोर्ट्स फैला रहे हैं, जिससे शांति और सार्वजनिक व्यवस्था को भंग करने की कोशिश हो रही है।”
पुलिस ने स्पष्ट किया कि ऐसे व्यक्तियों और संगठनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी जो दुर्भावनापूर्ण इरादे से झूठी या भ्रामक सूचनाएं प्रसारित करते हैं।
पुलिस ने लिखा, “ऐसे लोगों और संस्थाओं के खिलाफ कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी जो झूठी जानकारी या गलत सूचना दुर्भावनापूर्ण इरादे से फैला रहे हैं।”
इसके साथ ही साइबर पुलिस ने आम नागरिकों, मीडिया प्लेटफॉर्म्स और सोशल मीडिया यूज़र्स से अपील की कि वे किसी भी तरह के फर्जी प्रचार का हिस्सा न बनें और कोई भी संवेदनशील जानकारी साझा करने से पहले उसकी पुष्टि जरूर कर लें।
पुलिस ने कहा, “हम सभी नागरिकों, मीडिया संस्थानों और सोशल मीडिया यूजर्स से अपील करते हैं कि वे फर्जी प्रचार का शिकार न बनें और किसी भी संवेदनशील सामग्री को साझा करने से पहले तथ्यों की अच्छी तरह से जांच कर लें, जिससे सार्वजनिक शांति और सौहार्द बना रहे।”
कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मीडिया इंटरैक्शन को “स्क्रिप्टेड” यानी पहले से तयशुदा बताते हुए उन पर पारदर्शिता और जवाबदेही से बचने का आरोप लगाया।
कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर मीडिया इंटरैक्शन को “स्क्रिप्टेड” यानी पहले से तयशुदा बताते हुए उन पर पारदर्शिता और जवाबदेही से बचने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा कि प्रधानमंत्री में बिना एडिटिंग या स्क्रिप्टिंग के प्रेस कॉन्फ्रेंस करने का साहस नहीं है।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, "दुनिया भर के नेता समय-समय पर खुली और स्वतःस्फूर्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री ने पिछले 11 वर्षों में एक भी ऐसी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की है।"
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में मीडिया की भूमिका बेहद अहम है, लेकिन पीएम मोदी ने अब तक कभी बिना स्क्रिप्ट के पत्रकारों के सवालों का सामना नहीं किया। “पिछले चुनाव अभियान के दौरान नरेंद्र मोदी ने अपने मीडिया इंटरव्यू खुद प्रोड्यूस, डायरेक्ट और स्क्रिप्ट किए — उन्हीं में से एक में उन्होंने खुद को 'नॉन-बायोलॉजिकल' बताया था। लेकिन उन्होंने कभी भी बिना संपादन वाली प्रेस मीट करने का साहस नहीं दिखाया,” रमेश ने लिखा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह रवैया उनके सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों से बिल्कुल अलग है। “उनके प्रियतम टारगेट ने तो हर महीने बेधड़क प्रेस कॉन्फ्रेंस कीं, जहां उनसे तीखे सवाल पूछे जाते थे और वे धैर्यपूर्वक जवाब देते थे। इसी तरह हमारी लोकतांत्रिक नींव मजबूत हुई।”
जयराम रमेश ने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री संसद में सवालों का जवाब नहीं देते और न ही सर्वदलीय बैठकों में भाग लेते हैं। जयराम रमेश ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा, “लोकतंत्र में प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति को मीडिया से स्वतंत्र रूप से संवाद करना चाहिए। लेकिन प्रधानमंत्री न तो विपक्ष के सवालों का जवाब देते हैं, न संसद में पूरी तरह मौजूद रहते हैं और न ही सर्वदलीय बैठकों में हिस्सा लेते हैं।”
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी अक्सर संसद की अनदेखी करते हैं और जब भी विपक्ष कोई सवाल उठाता है, तो उसका ठीकरा जवाहरलाल नेहरू पर फोड़ देते हैं। जयराम रमेश ने कटाक्ष किया, “यदि कोई उपलब्धि है तो श्रेय नरेंद्र मोदी को, लेकिन जब भी हम सवाल पूछते हैं तो दोष नेहरू का।”
उन्होंने कहा, “मोदी केवल चुनावी भाषण देते हैं, साल में एक बार संसद में बोलते हैं। उनके निशाने पर होते हैं नेहरू और कांग्रेस- न कि अर्थव्यवस्था, विदेश नीति या पड़ोसी देशों से जुड़ी मौजूदा चुनौतियां।”
कांग्रेस 2014 से ही प्रधानमंत्री मोदी की प्रेस कॉन्फ्रेंस न करने की आदत को लेकर सवाल उठाती रही है और अब चुनावी माहौल में उसने इस मुद्दे को फिर से केंद्र में ला दिया है।