बहुत बारीक अंतर से विजेता बनने से चूके आवेदकों को जूरी स्पेशल मेंशन अवार्ड के तहत प्रमाण पत्र और ट्रॉफी से सम्मानित किया गया।
‘आईआईएमसी एलुमनी एसोसिएशन’ (IIMCAA) ने रविवार को इमका अवार्ड्स 2024 के विजेताओं के नाम का ऐलान और सम्मान किया। दिल्ली में आयोजित पुरस्कार समारोह में अनूप पांडेय को ‘जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर’ का पुरस्कार मिला, जिसके तहत उन्हें ट्रॉफी और प्रमाण पत्र के अलावा डेढ़ लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया। कृषि पत्रकारिता का अवार्ड शगुन कपिल को मिला, जिन्हें एक लाख रुपये का पुरस्कार मिला। बाकी विजेताओं को ट्रॉफी और प्रमाण पत्र के अलावा 50-50 हजार रुपये का नकद पुरस्कार दिया गया।
पब्लिशिंग रिपोर्टिंग कैटेगरी में रजत मिश्रा, ब्रॉडकास्ट रिपोर्टिंग में अभिनव गोयल, प्रोड्यूसर में सुरभि सिंह, भारतीय भाषाओं की पब्लिशिंग रिपोर्टिंग में मोहम्मद साबिथ यू एम, भारतीय भाषाओं की ब्रॉडकास्ट रिपोर्टिंग में सतरूपा सामांतरे, विज्ञापन में सारांश जैन, पीआर में शिल्पी सिंह, एड एजेंसी में ओफैक्टर और पीआर एजेंसी में काइजन को विजेता का पुरस्कार मिला।
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इनके अलावा बहुत बारीक अंतर से विजेता बनने से चूके आवेदकों को जूरी स्पेशल मेंशन अवार्ड के तहत प्रमाण पत्र और ट्रॉफी से सम्मानित किया गया। जूरी स्पेशल अवार्ड की जर्नलिस्ट ऑफ द ईयर कैटेगरी में अभिषेक अंगद, ऋत्विका मित्रा, आशुतोष मिश्रा, मनीष मिश्रा और निधि तिवारी, कृषि पत्रकारिता में दिवाश गहटराज, ब्रॉडकास्ट रिपोर्टिंग में परिमल कुमार और विष्णुकांत तिवारी, प्रोड्यूसर में रोहन कथपालिया, पीआर में सुप्रिया सुंद्रियाल और निखिल स्वामी को पुरस्कार मिला।
समारोह में पीआईबी के पूर्व प्रमुख महानिदेशक कुलदीप सिंह धतवालिया, एडीजी राज कुमार, दिल्ली सरकार के विशेष आयुक्त सुशील सिंह, भारत अमेरिका व्यापार परिषद के एमडी राहुल शर्मा, पत्रकार प्रो. गोविंद सिंह, नीलेश मिसरा, रूपा झा, अपर्णा द्विवेदी, लोला नायर, ज्ञानेश्वर, नितिन प्रधान, राजेश प्रियदर्शी, प्रभाष झा, आलोक कुमार, प्रियदर्शन, अनुपम श्रीवास्तव, सुमित अवस्थी, मनोज मलयानिल, प्रमोद चौहान, मिहिर रंजन, प्रसाद सान्याल, मनोज रूरकीवाल, हरवीर सिंह, एसपी सिंह, शिशिर सिन्हा, ओमप्रकाश, पीआर विशेषज्ञ समीर कपूर, हर्षेंद्र वर्धन, मार्केटिंग विशेषज्ञ श्रुति जैन, कल्याण रंजन, रोहित दुबे, सोनिया सरीन समेत अन्य लोग मौजूद रहे। इनमें ज्यादातर विजेता चुनने वाली जूरी का हिस्सा थे।
समरोह की अध्यक्षता इमका अध्यक्ष सिमरत गुलाटी ने की जबकि संचालन कार्यकारी अध्यक्ष गायत्री श्रीवास्तव ने किया। अवार्ड के ऑडिटर उन्नी राजन शंकर, संयोजक विनीत हांडा, समन्वयिका पूजा मिश्रा और महासचिव दीक्षा सक्सेना ने समारोह को संबोधित किया। इस अवसर पर स्मारिका का भी विमोचन किया गया।
इमका अवॉर्ड्स के विजेताओं की लिस्ट आप यहां देख सकते हैं।
Journalist of the Year – Mr. Anup Pandey
Agriculture Reporter of the Year – Ms. Shagun Kapil
Reporter of the Year (Publishing) – Mr. Rajat Mishra
Reporter of the Year (Broadcast) – Mr. Abhinav Goel
Producer of the Year (Broadcast) – Mr. Surabhi Singh
Indian Language Reporter of the Year (Publishing) - Muhammad Sabith U M
Indian Language Reporter of the Year (Broadcast) – Ms. Shatarupa Samantaraya
Ad Person of the Year – Mr. Saransh Jain
PR Person of the Year – Ms. Shillpi A Singh
Ad Agency of the Year - Ofactor
PR Agency of the Year – Kaizzen
JURY SPECIAL MENTION
Journalist of the Year – Mr. Abhishek Angad
Journalist of the Year – Ms. Ritwika Mitra
Journalist of the Year – Mr. Ashutosh Mishra
Journalist of the Year – Mr. Manish Mishra
Journalist of the Year – Ms. Nidhi Tiwary
Agriculture Reporter of the Year – Mr. Diwash Gahatraj
Reporter of the Year (Broadcast) – Mr. Parimal Kumar
Reporter of the Year (Broadcast) – Mr. Vishnukant Tiwari
Producer of the Year (Broadcast) - Mr. Rohan Kathpalia
PR Person of the Year – Ms. Supriya Sundriyal
PR Person of the Year – Mr. Nikhil Swami
विजयवाड़ा उत्सव की सफलता के बाद श्रेयस मीडिया ने यह निर्णय लिया है कि वह बिहू, ओनम, गणेश चुतर्थी, पोंगल, लोहड़ी, दुर्गा पूजा और सक्रांति जैसे क्षेत्रीय त्योहारों को भी देशभर में बड़े स्तर पर मनाएगी।
श्रेयस मीडिया (Shreyas Media) द्वारा हाल ही में आयोजित विजयवाड़ा उत्सव (Vijayawada Utsav) न केवल गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हुआ, बल्कि इसे दुनिया का सबसे बड़ा कार्निवल माना गया और इसने वैश्विक ध्यान भी आकर्षित किया। भारत, अमेरिका, कनाडा और UAE में 3,500 से ज्यादा मूवी प्रमोशन और अन्य कार्यक्रम आयोजित करने वाले Shreyas Media ने इस उत्सव के जरिए लाखों लोगों को जोड़कर अपनी संगठन क्षमता और कलाकारी का प्रदर्शन किया। विजयवाड़ा उत्सव की सफलता के बाद कंपनी ने यह निर्णय लिया है कि वह बिहू, ओनम, गणेश चुतर्थी, पोंगल, लोहड़ी, दुर्गा पूजा और सक्रांति जैसे क्षेत्रीय त्योहारों को भी देशभर में बड़े कार्निवल के रूप में मनाएगी।
श्रेयस मीडिया (Shreyas Media) ने यह भी योजना बनाई है कि वह साल भर अराकू और गांदीकोटा जैसे पर्यटन स्थलों पर विदेशी कलाकारों के साथ समारोह आयोजित करे। इस सैंक्रांति, कृषि को नए आयाम देने के लिए कंपनी एक बड़े किसान उत्सव का आयोजन भी करने जा रही है। इसके अलावा, Visakhapatnam और Tirupati में नए साल और सैंक्रांति के जश्न का आयोजन विजयवाड़ा उत्सव की तरह होगा। विजयवाड़ा में भी दिवाली, नया साल और सैंक्रांति बड़े पैमाने पर मनाई जाएगी। कंपनी पूरे साल आंध्र प्रदेश में 30 बड़े संगीत समारोह आयोजित करेगी और अराकू कॉफी फेस्टिवल भी भव्य रूप से मनाया जाएगा।
Shreyas Media के संस्थापक Gandra Srinivas Rao ने कहा कि विजयवाड़ा उत्सव एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में आयोजित किया गया और इसने कार्निवल क्षेत्र में कंपनी की इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी बनाई। उन्होंने कहा कि भारत अपनी विविध संस्कृति और त्योहारों के लिए जाना जाता है। ऐसे कार्निवल आयोजित करके त्योहारों को मीठी यादों में बदला जा सकता है। यह प्लेटफॉर्म न केवल देश के लोगों को बल्कि विदेशियों को भी जोड़ता है और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है।
उन्होंने याद दिलाया कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू ने विजयवाड़ा उत्सव की सफलता और गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल होने पर खुशी व्यक्त की थी। विजयवाड़ा उत्सव को Society for Vibrant Vijayawada और आंध्र प्रदेश टूरिज्म के सहयोग से 22 सितंबर से 11 दिनों तक आयोजित किया गया। इस दौरान कुल 284 कार्यक्रम हुए और 3,000 से अधिक कलाकारों ने दर्शकों का मनोरंजन किया।
विजयवाड़ा की सड़कों को रंगीन बनाने के लिए 11 कॉन्सर्ट और 11 ड्रोन शो का आयोजन किया गया, साथ ही चार दिनों में भव्य आतिशबाजी का भी प्रदर्शन किया गया। इस उत्सव ने केवल तेलुगु लोगों को ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों के लोगों को भी आकर्षित किया।
सामान्य दशहरा के अवसर पर विजयवाड़ा में लगभग 15 लाख लोग आते हैं, लेकिन विजयवाड़ा उत्सव के दौरान लगभग 50 लाख लोग पहुंचे। अनुमान है कि इस दौरान स्थानीय व्यापार लगभग 1,000 करोड़ रुपये का हुआ। 15 लाख से अधिक लोग उत्सव में शामिल हुए और 25,000 लोगों को सीधे या असल सीधे रोजगार मिला। विजयवाड़ा एक्सपो (Vijayawada Expo) में 600 स्टॉल लगाए गए।
Srinivas ने बताया कि अगले पांच साल में विजयवाड़ा उत्सव के माध्यम से 5,000 करोड़ रुपये का व्यापार करने का लक्ष्य रखा गया है। यदि राज्य सरकारें सहयोग करें तो Shreyas Media पूरे देश में ऐसे कार्निवल आयोजित करने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि ब्रांड्स ऐसे कार्निवल को सपोर्ट कर रहे हैं। उन्होंने महा कुंभ मेले के विज्ञापन अधिकार भी हासिल किए और हजारों ब्रांड्स को करोड़ों लोगों के करीब लाया। Shreyas Media इसी सफलता को देशभर के कार्निवल में दोहरा सकता है।
दोनों पत्रकारों को 12 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कुछ दिनों बाद मजिस्ट्रेट अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को तेलंगाना की दो महिला पत्रकारों की उस विशेष अनुमति याचिका पर तत्काल सुनवाई करने के लिए सहमति जताई, जिन्होंने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने और साझा करने के मामले में गिरफ्तारी का डर जताया है।
ये दोनों पत्रकार — पोगडदांडा रेवती, जो पल्स न्यूज की मैनेजिंग डायरेक्टर हैं और थन्वी यादव, जो उसी चैनल की रिपोर्टर हैं, सुप्रीम कोर्ट में तेलंगाना हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने पहुंचीं, जिसमें सत्र न्यायालय के उस निर्देश को बरकरार रखा गया था जिसमें उन्हें पुलिस हिरासत में भेजने को कहा गया था।
दोनों को 12 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कुछ दिनों बाद मजिस्ट्रेट अदालत ने उन्हें जमानत दे दी थी। हालांकि सोमवार को हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब उन्हें दोबारा गिरफ्तारी का डर सताने लगा है।
दोनों पत्रकारों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश वकील ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की अध्यक्षता वाली पीठ से तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए कहा कि सात महीने तक जमानत पर रहने के बाद अब उन्हें गिरफ्तारी और दफ्तर सील किए जाने का खतरा है, क्योंकि हाई कोर्ट ने पुलिस हिरासत का आदेश बरकरार रखा है।
इन दोनों पत्रकारों को कांग्रेस की राज्य सोशल मीडिया इकाई के प्रमुख की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया था। उन पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं — अश्लील सामग्री प्रकाशित करने से लेकर संगठित अपराध और आपराधिक साज़िश रचने, नफरत फैलाने वाली अफवाहें फैलाने और शांति भंग करने तक के।
दिल्ली में शुक्रवार की शाम आयोजित एक समारोह में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने डॉ. महेंद्र मधुकर को यह सम्मान प्रदान किया।
साहित्यिक कृति 'वक्रतुण्ड' के लेखक डॉ. महेंद्र मधुकर को जागरण साहित्य सृजन सम्मान से सम्मानित किया गया है। दिल्ली में शुक्रवार की शाम आयोजित एक समारोह में केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने डॉ. महेंद्र मधुकर को यह सम्मान प्रदान किया।
उन्होंने डॉ. मधुकर को शाल ओढ़ाया, प्रशस्ति पत्र और प्रतीक चिह्न भेंट किया। इसके साथ ही उन्हें 11 लाख रुपये की सम्मान राशि भी दी गई।डॉ. मधुकर ने भी इस दौरान शाह को अपनी तीन पुस्तकें भेंट की तथा उनके कार्य की सराहना की।
इस दौरान डॉ. मधुकर ने धर्मवीर भारती की पंक्ति 'सृजन की थकन भूल जा देवता..' का जिक्र करते हुए कहा कि लेखक साहित्यकार के लिए रचना सृजन आत्मिक अभिव्यक्ति और आत्मा की संतुष्टि जैसा है।’
'वक्रतुण्ड' को पुरस्कृत करने का निर्णय जूरी ने सर्वसम्मति से किया। इस समिति में जाने-माने गीतकार और कवि प्रसून जोशी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी व वरिष्ठ साहित्यकार डा. शरण कुमार लिंबाले शामिल रहे।
बता दें कि इस पुस्तक को ‘राजकमल प्रकाशन’ ने पब्लिश किया है। दैनिक जागरण के पूर्व प्रधान संपादक स्वर्गीय नरेन्द्र मोहन जी की स्मृति में शुरू किया गया यह पहला जागरण साहित्य सृजन सम्मान है। यह सम्मान उन लेखकों को दिया जाता है जिनकी कृति ने अपनी पठनीयता, गुणवत्ता और विषय की गहराई से वर्षभर पाठकों और समीक्षकों — दोनों का ध्यान आकर्षित किया।
दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें सरकार द्वारा वित्तपोषित प्रसारक प्रसार भारती को BCCI की टीम को “टीम इंडिया” या “भारतीय राष्ट्रीय टीम” कहने से रोकने की मांग की गई थी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने हाल ही में उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें सरकार द्वारा वित्तपोषित प्रसारक प्रसार भारती, जो दूरदर्शन और आकाशवाणी संचालित करता है, को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की टीम को “टीम इंडिया” (Team India) या “भारतीय राष्ट्रीय टीम” (Indian National Team) कहने से रोकने की मांग की गई थी।
याचिका में कहा गया था कि प्रसार भारती द्वारा एक निजी टीम को भारतीय राष्ट्रीय टीम के रूप में पेश करना गलत प्रस्तुतीकरण (misrepresentation) है।
मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की खंडपीठ ने अधिवक्ता रीपक कंसल द्वारा दायर इस याचिका को अदालत के समय की पूर्ण बर्बादी बताया।
कंसल ने अपनी याचिका में कहा था कि BCCI एक निजी संस्था है, जो तमिलनाडु सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट के तहत पंजीकृत है। ऐसे में सार्वजनिक प्रसारकों द्वारा इसे “राष्ट्रीय टीम” के रूप में पेश करना गलत छवि बनाना है और इससे BCCI को अनुचित व्यावसायिक लाभ मिलता है। याचिका में दोहराया गया कि “प्रसार भारती द्वारा एक निजी टीम को राष्ट्रीय टीम के रूप में दिखाना भ्रामक है।”
याचिका के अनुसार, BCCI अपने आयोजनों और मैचों में भारत नाम, राष्ट्रीय ध्वज और अन्य राष्ट्रीय प्रतीकों का उपयोग करती है और दूरदर्शन व आकाशवाणी द्वारा इनके प्रसारण से Emblems and Names (Prevention of Improper Use) Act, 1950 तथा Flag Code of India, 2002 का उल्लंघन होता है, जो राष्ट्रीय नाम, झंडे और प्रतीकों के उपयोग को नियंत्रित करते हैं। याचिका में कहा गया था, “किसी निजी संस्था द्वारा ‘India’ नाम का मनमाना उपयोग, बिना किसी वैधानिक अधिकार या अधिसूचना के, निष्पक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन है।”
अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि BCCI द्वारा अपने आयोजनों में भारतीय ध्वज का उपयोग करना और सार्वजनिक प्रसारकों द्वारा उसका प्रसारण करना किसी कानून का उल्लंघन नहीं है।
पीठ ने टिप्पणी की, “आज कोई भी व्यक्ति निजी तौर पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है। यदि आप अपने घर में झंडा फहराना चाहें तो क्या आपको रोका गया है? Emblems and Names Act, 1950 की धारा 3 का उल्लंघन कहां है? क्या आप यह कह रहे हैं कि यह टीम भारत का प्रतिनिधित्व नहीं करती? यह टीम जो हर जगह जाकर भारत का प्रतिनिधित्व कर रही है, आप कह रहे हैं कि यह भारत की टीम नहीं है? यदि यह ‘टीम इंडिया’ नहीं है तो बताइए क्यों नहीं है?”
न्यायाधीशों ने आगे कहा, “क्या आपको पता है कि खेलों का पूरा ढांचा कैसे काम करता है? क्या आपके अनुसार केवल वही टीम ‘भारत’ का प्रतिनिधित्व करेगी जिसे खेल मंत्रालय के अधिकारी चुनें? यह अदालत के समय की बर्बादी है। आपको इससे बेहतर जनहित याचिकाएं दाखिल करनी चाहिए। हम इसे खारिज करने के पक्ष में हैं।”
कार्यक्रम के दौरान फंडिंग का फ्यूचर सत्र में एसबीआई के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि सरकार के सपोर्ट की बात करें तो एमएसएमई क्षेत्र में बेहतर इकोसिस्टम को बनाने में इससे मदद मिलती है।
देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को नई दिशा देने, उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए सशक्त बनाने और “वोकल फॉर लोकल” के विजन मजबूती देने के उद्देश्य से अमर उजाला की ओर से भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव, एक्सपो व अवार्ड्स 2025 का आयोजन हुआ।
कार्यक्रम के दौरान फंडिंग का फ्यूचर सत्र में एसबीआई के पूर्व चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि सरकार के सपोर्ट की बात करें तो एमएसएमई क्षेत्र में बेहतर इकोसिस्टम को बनाने में इससे मदद मिलती है। कैपेक्स के लिए क्रेडिट फॉर्मल बैंकिंग सिस्टम से मिलती है। केवल बैंकों को डिपॉजिट लेने की मंजूरी है।
ऐसे में वे संसाधनों को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। आज 2.5 मिलियन लैंडेबल मर्चेंट हैं। कैश भारपे पर दिखता है। हम पार्टनरशिप मॉडल पर काम कर रहे है। वे पैसे मुहैया करवा रहे हैं। वे ऋण मुहैया कराने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
देश में एमएसएमई को ऋण मुहैया कराने के लिए बहुत बढ़िया इकोसिस्टम तैयार हुआ है। आज यदि किसी को मशीन खरीदना हो चाहे वह 20 लाख का हो तो लोन आसानी से उपलब्ध है। दुनिया पिछले 30-40 वर्षेों में पूरी तरह से बदल गई है।
ऐसा मैनुअल बैंकिंग से डिजिटल बैंकिंग की ओर बढ़ने से संभव हो पाया। सरकारी स्कीमों मुद्रा स्क्रीम, स्ट्रीट वेंटर स्कीमों के जरिए भी ऋण मुहैया कराने में मदद मिली है। हमें वेंचर कैपिटल को बढ़ाने की जरूरत है। हमें नई स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की जरूरत है चाहे वे सफल हों या नहीं। इसके लिए वेंचर कैपिटल को बढ़ाना पड़ेगा। यह हाई रिस्क कैपिटल है। इसके लिए इसके लिए बैंक आगे नहीं आते। इसे मुहैया कराने के लिए हमें कदम बढाने होंगे।
एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव के दौरान अभिनेता परेश रावल ने कहा कि एक्टिंग का फॉर्मूला बिजनेस की दुनिया में नहीं चल सकता है। मनुष्य हर आपदा और अवसर में ढल जाता है।
देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को नई दिशा देने, उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए सक्षम बनाने और “वोकल फॉर लोकल” के विजन को मजबूत करने के मकसद से अमर उजाला द्वारा आयोजित एमएसएमई फॉर भारत कार्यक्रम में अभिनेता परेश रावल ने कहा कि एक्टिंग का फॉर्मूला बिजनेस की दुनिया में नहीं चल सकता है। मनुष्य हर आपदा और अवसर में ढल जाता है।
मरते दम तक एक एक्टर को स्टूटेंड बने रहना होता है। यह बात बिजनेस लीडर्स भी सीख सकते हैं। हमें जीना है तो हम हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठक सकते हैं। हमें सर्वाइव करना ही पडे़गा। हम बड़े शुक्रगुजार हैं कि हमें नरेंद्र मोदी जैसे लीडर मिले हैं। वे अमेरिका से टक्कर ले सकते हैं।
वे इसलिए ऐसा कर सकते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि हम किसी पर डिपेंड नहीं करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि वोकल फॉर लोकल वाले का हमेशा समर्थन करना चाहिए। वोकल फॉर लोकल एमएसएमई क्षेत्र का भी मंत्र होना चाहिए। किसी चीज पर पर्दा डालो तो अलग-अलग धारणाएं बन जाती है। उन्होंने अपनी आने वाली फिल्म पर कहा कि यह रिसर्च से बनी है।
एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमनें मौजूद उद्योगों से सुझाव मांगे। उन्होंने बहुत सारे सुझाव दिए। वे खुश नहीं रहेंगे तो नए रास्ते नहीं खुलेंगे।
अमर उजाला एमएसएमई फॉर भारत कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी पहुंचे। यहां उन्होंने अमर उजाला की ओर से आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे लोगों का आभार जताया। उन्होंने कहा, 'समाचार के क्षेत्र के अलावा, विभिन्न क्षेत्रों में काम करना अमर उजाला की कार्य संस्कृति बन गई है।
इसके लिए पूरे समूह को बहुत बधाई। सभी को बहुत शुभकामनाएं।' उन्होंने कहा, देवभूमि उत्तराखंड (पूर्व प्रधानमंत्री) अटल बिहारी वाजपेयी के समय में नया राज्य बना। 2003 में मिले एक पैकेज के बाद राज्य में बुनियादी संरचनाओं का निर्माण शुरू हुआ।
इसमें उद्योगों का अहम योगदान रहा। पहले रोजगार के बहुत कम अवसर थे। पर वाजपेयी के समय में औद्योगीकरण का नया दौर शुरू हुआ। बाद में नीतियों में कई बदलाव किए गए। धामी ने अमर उजाला के मंच पर विजेताओं को अवार्ड भी प्रदान किए, जिसमें बरेली की वानरेती क्राफ्ट्स को सिल्वर अवार्ड, गाजियाबाद की ब्रेनटेक इंजीनियर्स को गोल्ड अवार्ड और डीके फिल्म्स को ब्रॉन्ज अवार्ड से सम्मानित किया गया।
एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव के दौरान केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा ने कहा कि जिस शक्ति के साथ स्वदेशी अपनाने के लिए अपील की है, उससे देश को बहुत फायदा मिलेगा।
अमर उजाला की ओर से आयोजित एमएसएमई फॉर भारत कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा भी पहुंचे। एमएसएमई क्षेत्र के उद्यमियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि देश में छोटे और मंझोले उद्योगों का विस्तार हो रहा है। अजय टम्टा ने कहा कि परिवहन क्षेत्र के विस्तार और स्वदेशी अपनाने से देश की अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी।
कार्यक्रम के दौरान राज्य मंत्री अजय टम्टा ने अमर उजाला एमएसएमई फॉर भारत अवार्ड के विजेताओं को भी सम्मानित किया। टम्टा ने कहा कि पीएम ने जिस शक्ति के साथ स्वदेशी अपनाने के लिए अपील की है, उससे देश को बहुत फायदा मिलेगा। आज छोटे-छोटे उत्पाद घर-घर तक पहुंच रहे हैं।
आज छोटे-छोटे उद्योग लगाने के क्षमतावान लोग थे उन्हें पहले कठिनाइयां होती थी। आज महिला समूहों को 15 लाख रुपये तक के लोन दिए जा रह हैं। देश में स्वदेशी मेले का कार्यक्रम चल रहा है। अमर उजाला का एमएसएमई फॉर भारत एक बहुत अच्छा आयोजन है।
अमर उजाला के एमएसएमई फॉर भारत कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए अनुराग सिंघी ने इंस्पायरिंग एमएसएमई सत्र दौरान एसमएसएमई क्षेत्र के उद्यमियों को संबोधित किया।
देश के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को नई दिशा देने, उन्हें वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए सशक्त बनाने और 'वोकल फॉर लोकल' के विजन को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से अमर उजाला नई दिल्ली के भारत मंडपम में एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव, एक्सपो व एवं अवार्ड्स 2025 का आयोजन किया।
इस समारोह में उद्योग, मनोरंजन और एमएसएमई जगत की कई हस्तियां शामिल हुईं। अमर उजाला के एमएसएमई फॉर भारत कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए मूर सिंघी एवाइजर्स के मैनेजिंग पार्टनर अनुराग सिंघी ने इंस्पायरिंग एमएसएमई सत्र दौरान एसमएसएमई क्षेत्र के उद्यमियों को संबोधित किया।
360 वन वेल्थ की हेड ऑफ स्ट्रेटेजी आरती रामकृष्णन ने कार्यक्रम के दौरान अपने विचार साझा किए। आरती रामकृष्णन ने कहा कि देश के एमएसएमई क्षेत्र में विभिन्न मोर्चों पर कई तरह के सुधार हो रहे हैं। तकनीक का क्षेत्र हो या अनुकूल सरकारी नीतियों का- बीते वर्षों में एमएसएमई के लिहाज बड़े सकारात्मक बदलाव हुए हैं। सिंघी ने कहा कि आज के युवा उद्यमियों को रतन टाटा जैसे महान उद्यमी से प्रेरणा लेनी चाहिए। उनसे प्रेरणा लेकर वे अपने उद्यम और देश की अर्थव्यवस्था को एक नया आकार दे सकेंगे।
बेंगलुरु पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शांति भंग करने वाले पोस्ट करने वालों के खिलाफ 37 मामले दर्ज किए और 18 लोगों को गिरफ्तार किया।
बेंगलुरु पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शांति भंग करने वाले पोस्ट करने वालों के खिलाफ 37 मामले दर्ज किए और 18 लोगों को गिरफ्तार किया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये कंटेंट कथित रूप से सांप्रदायिक नफरत फैलाने, झूठी जानकारी देने, मानहानि करने या ऐसा कोई प्रलोभक मैसेज था जो सार्वजनिक शांति भंग कर सकता था।
बेंगलुरु सिटी के पुलिस कमिश्नर कार्यालय द्वारा जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, आरोपियों द्वारा साझा किए गए 41 सोशल मीडिया अकाउंट और 19 आपत्तिजनक पोस्ट्स को विभिन्न प्लेटफॉर्म्स से हटा दिया गया है।
शहर की सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल्स- जो सभी थानों से संचालित होती हैं, ऑनलाइन ऐसे कंटेंट पर नजर रख रही हैं जो तनाव भड़का सकता है या गलत जानकारी फैला सकता है। नियमित निगरानी के दौरान अधिकारियों ने कई ऐसे पोस्ट्स की पहचान की, जिनके आधार पर कानूनी कार्रवाई की गई।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी अविश्वसनीय या भड़काऊ कंटेंट का समर्थन, शेयर या समर्थन न करें। नागरिकों से कहा गया है कि कोई भी जानकारी साझा करने या उस पर टिप्पणी करने से पहले उसकी सत्यता जरूर जांचें।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, "जो लोग झूठी या भड़काऊ जानकारी फैलाकर कानून का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"