Tiger 21 ने मनोज गुरसहानी को मुंबई-2 का चेयर किया नियुक्त

उद्यमी और लेखक मनोज गुरसहानी को Tiger 21 ने मुंबई-2 का चेयर नियुक्त किया है।

Last Modified:
Friday, 16 May, 2025
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उद्यमी और लेखक मनोज गुरसहानी को Tiger 21 ने मुंबई-2 का चेयर नियुक्त किया है। यह एक प्रतिष्ठित पियर लर्निंग ग्रुप है, जिसमें दुनिया भर के सफल उद्यमी, निवेशक और कारोबारी लीडर्स शामिल होते हैं।

Tiger 21 का मकसद है- धन प्रबंधन, व्यवसायिक विकास, उत्तराधिकार योजना और उद्देश्यपूर्ण जीवन जैसे विषयों पर गहन और गोपनीय चर्चा की एक सुरक्षित जगह बनाना।

अपनी नई भूमिका में गुरसहानी ग्रुप की खास मेंबर मीटिंग्स का नेतृत्व करेंगे, जहां सदस्य खुलकर अपने अनुभव साझा कर सकें और एक-दूसरे को निजी और पेशेवर फैसलों में मार्गदर्शन दे सकें।

गुरसहानी ने कहा, “मैं एक ऐसा मंच तैयार करने के लिए उत्साहित हूं जहां सदस्य एक-दूसरे का समर्थन करें, विचार साझा करें और मिलकर उद्देश्य और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ें।”

मनोज गुरसहानी की पहचान एक बिज़नेस कैटलिस्ट के रूप में है। उनका करियर हेल्थकेयर, हॉस्पिटैलिटी, ई-कॉमर्स और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है। वह फिलहाल ग्लोबल चेम्बर के मुंबई चैप्टर के एग्जिक्युटिव डायरेक्टर हैं और अंतरराष्ट्रीय व्यापार सहयोग को बढ़ावा देते हैं।

वह Vera Healthcare के सह-संस्थापक भी हैं। यह एक हेल्थटेक वेंचर है जो AI तकनीक की मदद से डायबिटीज़ और हृदय रोगों की जांच को ज्यादा सटीक बनाता है। यह उनकी सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

गुरसहानी नेटवर्किंग के क्षेत्र में भी एक जाना-पहचाना नाम हैं। उनकी किताब The Human Connect का मुख्य संदेश है – रिश्तों को “देने वाले सोच” से बनाना। वह 115 से ज़्यादा रोटरी क्लब्स में इसी सोच पर अपनी बात रख चुके हैं।

भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने और साइबर सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने में उनके योगदान को अमेरिकी दूतावास और अन्य संस्थाओं ने भी सराहा है।

Tiger 21 – Mumbai 2 में उनके नेतृत्व में यह मंच ऐसे प्रभावशाली भारतीय उद्यमियों के लिए एक जगह बनेगा, जहां वे अपने अनुभव साझा कर सकें, विरासत बना सकें और उद्देश्यपूर्ण नेतृत्व को नई दिशा दे सकें।

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‘बांग्लादेश विजय दिवस’ पर ‘पहल’ के विशेषांक का विमोचन

कार्यक्रम में ‘पहल’ के प्रकाशन से जुड़े विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. पी. शशिकला, विभागाध्यक्ष और शिक्षकगण भी उपस्थित रहे।

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Tuesday, 16 December, 2025
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‘बांग्लादेश विजय दिवस’ की पूर्व संध्या पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के प्रायोगिक पत्र ‘पहल’ के बांग्लादेश विशेषांक का लोकार्पण विश्वविद्यालय परिसर स्थित भारत रत्न लता मंगेश्कर सभागार में संपन्न हुआ।

इस अवसर पर बीबीसी के पूर्व वरिष्ठ पत्रकार सलमान रावी, बंगाली एसोसिएशन कालीबाड़ी के महासचिव सलिल चटर्जी और विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. विजय मनोहर तिवारी ने विद्यार्थियों को संबोधित किया। कुलगुरु प्रो. तिवारी ने अध्ययनशीलता और प्रयोगधर्मिता को पत्रकारिता की बुनियाद बताते हुए कहा कि बांग्लादेश का अनुभव यह सिखाता है कि जब लोकतांत्रिक विकल्प कमजोर पड़ते हैं, तब आतंकवाद अपनों को भी नहीं बख्शता।

उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि पत्रकारिता को केवल सूचना का माध्यम नहीं, बल्कि समाज के प्रति उत्तरदायी हस्तक्षेप के रूप में देखें। बीबीसी के पूर्व वरिष्ठ संवाददाता सलमान रावी ने कहा कि आज पत्रकारिता का सबसे बड़ा संकट सतही और सरोकार-विहीन कंटेंट की बाढ़ है। ऐसे समय में शोध, संदर्भ और गहराई ही पत्रकार की विश्वसनीयता तय करेगी।

सलिल चटर्जी ने बांग्लादेश के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद की उम्मीदें कैसे धीरे-धीरे कट्टरता में बदलीं। उन्होंने वहां बंगाली समुदाय के साथ हो रहे अन्याय पर चिंता जताई। कार्यक्रम में ‘पहल’ के प्रकाशन से जुड़े विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. पी. शशिकला, विभागाध्यक्ष और शिक्षकगण भी उपस्थित रहे। संचालन महक पवानी और मानसी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन शांतनु सिंह ने प्रस्तुत किया।

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दिल्ली में फिर सजेगा ‘इंडिया न्यूज़ मंच’ : होगा बड़ा राजनीतिक मंथन

आईटीवी नेटवर्क का सालाना राजनीतिक कॉन्क्लेव ‘इंडिया न्यूज़ मंच’ एक बार फिर लौट रहा है। नौवें संस्करण में देश की राजनीति से जुड़े बड़े चेहरे, नीति निर्माता और सांसद एक मंच पर नजर आएंगे।

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Tuesday, 16 December, 2025
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आईटीवी नेटवर्क का प्रतिष्ठित राजनीतिक कॉन्क्लेव ‘इंडिया न्यूज़ मंच’ एक बार फिर देश की सियासत के केंद्र में चर्चा का मंच बनने जा रहा है। यह मंच भारत की प्रभावशाली आवाज़ों, नीति निर्माताओं और राजनीतिक नेतृत्व को एक साथ लाकर समसामयिक राष्ट्रीय मुद्दों पर गंभीर संवाद और विचार-विमर्श के लिए जाना जाता है।

‘इंडिया न्यूज़ मंच’ का यह नौवां संस्करण 16 और 17 दिसंबर 2025 को आयोजित किया जाएगा। इस बार आयोजन स्थल दिल्ली के जनपथ स्थित होटल इम्पीरियल को चुना गया है। दो दिवसीय इस मेगा कॉन्क्लेव का सीधा प्रसारण आईटीवी नेटवर्क के सभी चैनलों पर किया जाएगा, जिसमें इंडिया न्यूज़, न्यूज़एक्स और नेटवर्क के क्षेत्रीय चैनल शामिल होंगे।

आयोजन में देश की राजनीति से जुड़ी बड़ी हस्तियां एक ही मंच पर दिखाई देंगी। जानकारी के अनुसार, इस बार के मंच पर 9 केंद्रीय मंत्री, 3 मुख्यमंत्री और 17 से अधिक सांसद शिरकत करेंगे। इसके अलावा, कुल 20 से ज्यादा सत्र आयोजित किए जाएंगे, जिनमें राजनीति, शासन, सुधार और देश की भविष्य की दिशा जैसे अहम विषयों पर चर्चा होगी।

‘इंडिया न्यूज़ मंच’ को राष्ट्रीय विमर्श का अहम मंच माना जाता है, जहां गहन पैनल चर्चाएं और आमने-सामने के साक्षात्कार दर्शकों को देश की राजनीति को समझने का अवसर देते हैं। इससे पहले जुलाई 2024 में आयोजित मंच में कई केंद्रीय मंत्री, सांसद और प्रमुख राजनीतिक नेता शामिल हुए थे। इस बार भी यह कॉन्क्लेव राष्ट्रीय मुद्दों पर सार्थक संवाद का केंद्र बनने जा रहा है।

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डिजिटल क्रांति के बावजूद टीवी अभी जिंदा, शक्तिशाली: आलोक मेहता

उद्योग रिपोर्टों में बताया गया है कि टीवी के कुल स्क्रीन-काउंट 2024 में लगभग 190 मिलियन के स्तर पर था और 2026 तक इसे 214 मिलियन तक पहुँचने का प्रोजेक्शन दिया गया।

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Monday, 15 December, 2025
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आलोक मेहता, पद्मश्री, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक।

दिल्ली-मुंबई में कई प्रभावशाली लोगों को यह ग़लतफ़हमी है कि अब कौन टीवी देखता है या कौन अख़बार या किताब पढ़ता है? खासकर बड़े सरकारी अफ़सर और कुछ ज़मीन की सच्चाई से कटे हुए कॉर्पोरेट प्रबंधकों को मैंने भी यह कहते सुना-देखा है। मैं उनसे असहमत रहता हूँ। मेरे जमीनी अनुभव के बजाय कोई सरकार या अधिकृत कॉर्पोरेट मार्केटिंग के तथ्य को ही विश्वास करना चाहे तो अधिकृत आँकड़े इस बात के प्रमाण हैं कि 2025 की आवाज़ है। टीवी अभी जिंदा है, 230 मिलियन घरों और 900 मिलियन दर्शक इससे जुड़े हुए हैं।

तभी तो विश्व के शीर्ष नेताओं में से एक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत यात्रा के एक दिन पहले भारत के टीवी न्यूज़ चैनल आज तक और इंडिया टुडे को इंटरव्यू दिया। वैसे 2002 में भी उन्होंने भारत के टीवी चैनल एनडीटीवी (विष्णु सोम) और 2007 में भारतीय दूरदर्शन के लिए (राघव बहल को) इंटरव्यू दिए थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रेडियो पर मन की बात कार्यक्रम भारत के अधिकांश न्यूज़ चैनल प्रसारित करते हैं। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले नेशनल और रीजनल टीवी चैनल्स को इतने अधिक इंटरव्यू दिए, जो एक रिकॉर्ड है। फिर वह न्यूज़ चैनल्स के इवेंट्स में अपनी बातें लगातार रखते हैं। जनता पर सीधे संवाद का इससे अच्छा तरीका और कुछ नहीं हो सकता।

सरकारी और कॉर्पोरेट प्रबंधकों को इस तथ्य पर भी विचार करना चाहिए कि मीडिया और इंटरटेनमेंट सेक्टर की बढ़ती आय 2.5 लाख करोड़ से बढ़कर 2.7 लाख करोड़ रुपये इस बात का संकेत देती है कि आर्थिक मॉडल बदला पर मजबूत बना हुआ है। उसी समय, प्रिंट मीडिया ने भी 2025 की पहली छमाही में 2.77% सर्कुलेशन में वृद्धि दिखाकर लाभ दिया कि भरोसा अभी भी मौजूद है।

इन सब के बीच सबसे बड़ा खतरा और अवसर दोनों डिजिटल में हैं। जहाँ नियम, टेक्नोलॉजी और नागरिक-साक्षरता यह तय करेंगे कि अगला दशक मीडिया-स्वास्थ्य और लोकतंत्र के लिए सकारात्मक बनेगा या नहीं। वर्ष 2025 ने मीडिया-इकोसिस्टम के उस परिवर्तन को और स्पष्ट कर दिया जिसे कई लोग पिछले दशक से देख रहे थे। एक ओर पारंपरिक टेलीविजन (टीवी) की पहुँच और भरोसेमंदता बरकरार है, दूसरी ओर डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म ओटीटी, सोशल मीडिया, न्यूज़ ऐप्स भी दर्शक और विज्ञापन की कमाई खींच रहे हैं। यही द्वैत न केवल दर्शक-व्यवहार बदलता है बल्कि मीडिया हाउसों के राजस्व, विज्ञापन मॉडल और नियंत्रण के स्वरूप को भी बदल रहा है।

उद्योग रिपोर्टों में बताया गया है कि टीवी के कुल स्क्रीन-काउंट 2024 में लगभग 190 मिलियन के स्तर पर था और 2026 तक इसे 214 मिलियन तक पहुँचने का प्रोजेक्शन दिया गया। इस वृद्धि से अनुमानित नई खरीद हर साल कई करोड़ स्क्रीन-वृद्धि के अनुरूप दिखती है। सरकारी रिपोर्ट्स के अनुसार 2025 में भारत में लगभग 230 मिलियन हाउसहोल्ड्स टीवी-नेटवर्क से जुड़े हुए हैं और कुल दर्शकों की पहुँच लगभग 900 मिलियन तक बताई गई है।

यानी टीवी की बेस-लाइन्स पहुँच विशाल है। यह ग्रामीण-अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक जानकारी पहुँचाने का सबसे किफ़ायती और प्रभावी माध्यम बना हुआ है। खासकर जहाँ इंटरनेट-पेनिट्रेशन या ब्रॉडबैंड-गति सीमित है। यह ऊँचा दर्शक-आधार टीवी को विशेषकर समाचार और राज्य/क्षेत्रीय सूचनाओं के लिए एक निर्णायक माध्यम बनाता है, भले ही युवा दर्शक अधिकतर डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर जा रहे हों। टीवी की पारंपरिक सामग्री न्यूज़ बुलेटिन, क्षेत्रीय सीरियल्स, धार्मिक और ग्रामीण कार्यक्रम अभी भी उस जनसमूह को सबसे पहले पहुँचाती है जिसका डिजिटल पहुँच सापेक्ष कम है।

बड़े लोग भूल जाते हैं कि मोबाइल फोन देश के गरीब वर्ग तक पहुँचा है। बताते हैं कि 100 करोड़ मोबाइल सेट लोगों के पास हैं। लेकिन दिल्ली-मुंबई में सब्ज़ी-फल बेचने वाले या रिक्शा चालक या घरों में काम करने वाली महिलाएँ मोबाइल फोन सामान्यतः घर-परिवार या काम की बात करने-सुनने के लिए करती हैं, उस पर न्यूज़ या उससे जुड़े प्रोग्राम नहीं देखतीं। बच्चों की पढ़ाई में कुछ सहायक है।

इसी तरह विश्वास करना कठिन लग सकता है पर एबीसी सर्कुलेशन के प्रामाणिक आँकड़ों के अनुसार जनवरी-जून 2025 ऑडिट-पीरियड में दैनिक अख़बारों की औसत-क्वालिफ़ाइंग-सेल्स 29,744,148 (29.74 मिलियन) प्रतियाँ रहीं, जो कि जुलाई-दिसंबर 2024 के 28,941,876 (28.94 मिलियन) से 2.77% (लगभग 8.02 लाख प्रतियाँ) की वृद्धि थी।

इस वृद्धि का कारण कई क्षेत्रों में पाठक आज भी स्थानीय खबर, -सूचना, रोज़गार-सूचना और क्षेत्रीय भाषा की रिपोर्टिंग के लिए अख़बार पर भरोसा रखते हैं। कस्बों और गाँवों में ही नहीं, महानगरों में भी सामान्य लोग अख़बारों को विश्वसनीय और उपयोगी मानते हैं। हाँ, पाठकों या दर्शकों की बदलती रुचियों और उपयोगिता को प्राथमिकता ही सफलता देता है।

राहुल गांधी जैसे नेता डिजिटल क्रांति के भरोसे हैं। याद कीजिए राहुल गांधी ने केवल अर्नब गोस्वामी को एक टीवी इंटरव्यू दिया। फिर केवल डिजिटल यूट्यूब चैनल कर्ली टेल्स (ट्रैवल फूड इत्यादि के लिए प्रसिद्ध) को इंटरव्यू दिया। हाँ, भाषण प्रेस कॉन्फ्रेंस करते रहे और मीडिया कर्मियों की जातियों, मालिकों के नाम पूछकर अपमानित करते रहे। बहरहाल, उनका शौक बॉक्सिंग रहा है। इसी तरह उन्हें मांसाहार प्रिय है। भारत में अब भी शाकाहारी और धर्मप्राण आबादी की संख्या सर्वाधिक है। वह पारंपरिक मीडिया से अधिक जुड़ी हुई है।

यों डिजिटल पर नई पीढ़ी का समाचार देखना/पढ़ना बढ़ा है, पर भरोसा घट रहा है। रॉयटर्स इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट्स के अनुसार डिजिटल-न्यूज़ की पहुँच विशेषकर शहरी तथा युवा-वर्ग में व्यापक है, पर फेक-न्यूज़ और हेट-स्पीच का खतरा साथ में बढ़ रहा है। सोशल-मीडिया, मैसेजिंग-ऐप्स और वायरल वीडियो के माध्यम से ग़लत सूचनाएँ तेज़ी से फैलती हैं।

मैसेजिंग-ग्रुप्स (जैसे वॉट्सऐप): निजी/चैनल मैसेजिंग में वायरल अफवाहें सहजता से फैलती हैं—मॉडरेशन-ऐंड-टेकडाउन जैसी कार्रवाई अक्सर लागू नहीं होती। 2025 तक एआई-सक्षम ऑडियो/वीडियो एडिटिंग ने धोखे और गलत पहचान की घटनाएँ बढ़ा दी हैं। उनके लिए नियमों में -विशेष प्रावधान की कमी चिंता का मुद्दा है।

अब नियंत्रित कंटेंट और सत्यापन डिटेक्शन, ऑटोमेटेड सत्यापन टूल और स्टैंडर्ड-मेट्रिक्स की आवश्यकता बढ़ेगी। वर्तमान नियम इन नए जोखिमों के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं। क़ानूनी संतुलन जैसे-जैसे डिजिटल पर नियंत्रण बढ़ेगा, अभिव्यक्ति-स्वतंत्रता और सेंसरशिप के बीच संतुलन करना होगा। नियमन के पारदर्शी और अपील-मेकैनिज़्म बेहद आवश्यक होंगे।

( यह लेखक के निजी विचार हैं )

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'प्रेस क्लब ऑफ इंडिया' की पहली महिला अध्यक्ष बनीं संगीता बरुआ पिशारोटी

चुनाव परिणामों की घोषणा पीसीआई के मुख्य चुनाव अधिकारी एमएमसी शर्मा और उनकी टीम ने रविवार शाम प्रेस क्लब के लॉन में तमाम पत्रकारों की मौजूदगी में की।

Last Modified:
Sunday, 14 December, 2025
PCI Election Voting

पत्रकारों के प्रमुख संगठन ‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ (PCI) ने अपने इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोटी को क्लब की पहली महिला अध्यक्ष के रूप में चुना है। 13 दिसंबर को हुए इस चुनाव को ‘PCI’ के लिए एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।

अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में संगीता बरुआ पिशारोटी ने 1,019 वोट हासिल कर शानदार जीत दर्ज की। उनके मुकाबले अतुल मिश्रा को 129 और अरुण शर्मा को 89 वोट मिले। पिशारोटी के पैनल ने चुनाव में जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए पदाधिकारियों और प्रबंध समिति की सभी सीटों पर जीत हासिल की और 21-0 से क्लीन स्वीप किया।

महासचिव पद के लिए अफजल इमाम ने 948 वोट प्राप्त कर ज्ञान प्रकाश (290 वोट) को पराजित किया। उपाध्यक्ष पद पर जतिन गांधी ने 1,029 वोट हासिल कर अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी प्रह्लाद सिंह राजपूत को 900 से अधिक मतों के अंतर से हराया। वहीं कोषाध्यक्ष पद पर अदिति राजपूत और संयुक्त सचिव पद पर पी.आर. सुनील निर्विरोध चुने गए।

16 सदस्यीय प्रबंध समिति का गठन

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया की 16 सदस्यीय प्रबंध समिति के चुनाव में नीरज कुमार 932 वोटों के साथ शीर्ष स्थान पर रहे। उनके बाद अभिषेक कुमार सिंह (911), जहानवी सेन (903), अशोक कौशिक (892), कल्लोल भट्टाचार्य (882), प्रवीण जैन (878), अग्रज प्रताप सिंह (865), मनोज शर्मा (861), न्यानीमा बसु (851), पीबी सुरेश (838), वीपी पांडे (833), प्रेम बहुखंडी (831), स्नेहा भूरा (829), जावेद अख्तर (823), रेजाउल हसन लस्कर (781) और सुनील कुमार (780) को प्रबंध समिति का सदस्य चुना गया।

चुनाव परिणामों की घोषणा पीसीआई के मुख्य चुनाव अधिकारी एमएमसी शर्मा और उनकी टीम ने रविवार शाम प्रेस क्लब के लॉन में तमाम पत्रकारों की मौजूदगी में की।

परिणाम घोषित होने के बाद नवनिर्वाचित अध्यक्ष संगीता बरुआ पिशारोटी ने कहा कि यह जीत प्रेस क्लब के सदस्यों के उस विश्वास को दर्शाती है, जो उनके पैनल की सोच और स्वतंत्र, निष्पक्ष तथा जिम्मेदार पत्रकारिता के मूल्यों के प्रति दीर्घकालिक प्रतिबद्धता पर है।

पीसीआई के निवर्तमान अध्यक्ष गौतम लाहिड़ी ने क्लब के सदस्यों का आभार जताते हुए कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि नई टीम प्रेस क्लब को और अधिक समावेशी, उत्तरदायी और समय की चुनौतियों के अनुरूप बनाएगी।

वहीं, निवर्तमान महासचिव नीरज ठाकुर ने कहा कि प्रेस क्लब ऑफ इंडिया हमेशा देश और विदेश के पत्रकारों के लिए एक महत्वपूर्ण संस्था रहा है। क्लब की पहली महिला अध्यक्ष का चुनाव न केवल प्रगति का प्रतीक है, बल्कि यह समानता, विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति पीसीआई की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।

 

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SABT नेटवर्क ने तेलंगाना सरकार के साथ किया बड़ा समझौता, 4,000 करोड़ का करेगी निवेश

श्री अधिकारी ब्रदर्स टेलीविजन लिमिटेड (Sri Adhikari Brothers Television Network Limited) जिसे जल्द ही Aqylon Nexus Limited के नाम से जाना जाएगा

Last Modified:
Friday, 12 December, 2025
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श्री अधिकारी ब्रदर्स टेलीविजन लिमिटेड (Sri Adhikari Brothers Television Network Limited) जिसे जल्द ही Aqylon Nexus Limited के नाम से जाना जाएगा, ने तेलंगाना सरकार के साथ एक MoU (Memorandum of Understanding) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के तहत कंपनी तेलंगाना में 50 मेगावाट क्षमता वाला AI और Hyperscale ग्रीन डेटा सेंटर कैंपस विकसित करेगी।

कंपनी के मुताबिक, इस परियोजना में लगभग 4,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा और यह करीब 20 एकड़ जमीन पर Fab City, Tukkuguda में बनेगा। MoU का हस्ताक्षर 9 दिसंबर 2025 को किए गए।

कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस परियोजना में तेलंगाना सरकार के साथ कोई शेयरधारिता नहीं है और इसका कंपनी के प्रमोटर या ग्रुप कंपनियों से कोई संबंध नहीं है। परियोजना के लिए कोई विशेष शेयर या बोर्ड पर नामांकन का अधिकार भी नहीं है।

MoU की वैधता दो साल की होगी और इसे किसी भी पक्ष द्वारा 30 दिन के लिखित नोटिस के साथ समाप्त किया जा सकता है। कंपनी ने कहा कि यह परियोजना आधुनिक तकनीक और पर्यावरण के अनुकूल उपायों के साथ तैयार की जाएगी।

यह बड़ा कदम SABT के लिए AI और डेटा सेंटर क्षेत्र में विस्तार का संकेत है और तेलंगाना में डिजिटल और ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देगा।

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‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ में बजा चुनावी बिगुल, 13 दिसंबर को होगा मतदान

एमएमसी शर्मा को मुख्य चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है। चुनाव अधिकारियों में सुभाष चंदर, विनोद सेठी, विजय लक्ष्मी, जेआर नौटियाल, नीरज कुमार रॉय, मनीष बेहड़, ई कृष्णा राव व अभिषेक प्रसाद शामिल हैं।

Last Modified:
Thursday, 11 December, 2025
PCI Election

‘प्रेस क्लब ऑफ इंडिया’ (पीसीआई) ने अपने पदाधिकारियों और प्रबंधन समिति के सदस्यों के लिए वार्षिक चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। क्लब की ओर से जारी नोटिस के अनुसार, चुनाव 13 दिसंबर 2025 को सुबह 10 बजे से शाम 6:30 बजे तक 1, रायसीना रोड, नई दिल्ली स्थित प्रेस क्लब परिसर में आयोजित किया जाएगा।

‘पीसीआई’ के महासचिव नीरज ठाकुर द्वारा हस्ताक्षरित नोटिस में कहा गया है कि चुनाव प्रक्रिया 15 नवंबर 2025 को प्रबंधन समिति की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार होगी।

एमएमसी शर्मा को मुख्य चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया है, जबकि अन्य चुनाव अधिकारियों में सुभाष चंदर, विनोद सेठी, विजय लक्ष्मी, जेआर नौटियाल, नीरज कुमार रॉय, मनीष बेहड़, ई कृष्णा राव और अभिषेक प्रसाद शामिल हैं।

चुनाव में कुल 5 पदाधिकारियों और 16 प्रबंधन समिति सदस्यों का चयन किया जाएगा। पदाधिकारियों में शामिल हैं- अध्यक्ष (1), उपाध्यक्ष (1), महासचिव (1), संयुक्त सचिव (1) और कोषाध्यक्ष (1)।

- नामांकन दाखिल करने की तिथि: 24 नवंबर 2025 से 3 दिसंबर 2025 तक (सुबह 11 बजे से शाम 5:30 बजे तक)

- नामांकन की जांच: 3 दिसंबर 2025 (शाम 5:30 बजे)

- नामांकन वापसी: 3 दिसंबर 2025 से 6 दिसंबर 2025 तक (शाम 5:30 बजे तक)

- मतदान: 13 दिसंबर 2025 (सुबह 10 बजे से शाम 6:30 बजे तक)

- मतगणना: 14 दिसंबर 2025 (सुबह 10:30 बजे से)

इस नोटिस में कहा गया है कि केवल वे सदस्य मतदान कर सकेंगे जिन्होंने मतदान के समय तक अपने बकाया का भुगतान चेक या नकद से कर दिया हो। प्रस्तावक और अनुमोदक को भी नामांकन पर हस्ताक्षर करने से पहले अपना बकाया साफ करना होगा।

पीसीआई ने स्पष्ट किया है कि क्लब का कोई भी सदस्य चुनाव में भाग ले सकता है, बशर्ते वह क्लब के ज्ञापन और अनुच्छेदों तथा कंपनियां अधिनियम 2013 के प्रावधानों का पालन करे। चुनाव बैलट पेपर से होगा, जैसा कि क्लब की पूर्व परंपराओं में रहा है।

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PM मोदी से कार्तिकेय शर्मा व डॉ. ऐश्वर्या पंडित की मुलाकात, कई मुद्दों पर हुई सार्थक बात

आईटीवी फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ. ऐश्वर्या पंडित ने इस दौरान पीएम को अपनी पुस्तक ‘Indian Renaissance–The Modi Decade’ भेंट की।

Last Modified:
Thursday, 11 December, 2025
PM Meeting

‘आईटीवी नेटवर्क’ के फाउंडर और राज्य सभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने हाल ही में अपनी पत्नी और ‘आईटीवी फाउंडेशन’ (ITV Foundation) की चेयरपर्सन डॉ. ऐश्वर्या पंडित शर्मा के साथ संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।

मिली जानकारी के अनुसार, नौ दिसंबर को हुई यह बैठक बहुत सकारात्मक रही और कई महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई। कार्तिकेय शर्मा ने क्षेत्र की प्राथमिकताओं, चल रही पहलों और आगामी योजनाओं के बारे में प्रधानमंत्री को अवगत कराया।

यह मुलाक़ात आगे के कार्यों के लिए नई दिशा और प्रेरणा देने वाली रही। इस दौरान ऐश्वर्या पंडित शर्मा ने अपनी लिखी पुस्तक ‘Indian Renaissance–The Modi Decade’ प्रधानमंत्री को भेंट की।

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19 दिसंबर को घोषित होंगे ‘इंडियन ऑफ द ईयर 2025’ विजेता: NDTV करेगा सम्मान

‘इंडियन ऑफ द ईयर 2025’ के विजेताओं की घोषणा 19 दिसंबर को की जाएगी। दो दशकों से यह मंच देश के उन व्यक्तियों को सम्मानित करता आ रहा है, जिन्होंने अपने विचारों, नवाचार और प्रभाव से भारत की दिशा बदली है।

Last Modified:
Tuesday, 09 December, 2025
ndtvmanch

भारत की उत्कृष्ट प्रतिभाओं और असाधारण योगदान देने वाले व्यक्तियों को सम्मानित करने वाला प्रतिष्ठित मंच NDTV एक बार फिर ‘इंडियन ऑफ द ईयर 2025’ अवॉर्ड्स के ज़रिए देश के श्रेष्ठतम चेहरों का उत्सव मनाने जा रहा है, जिसके विजेताओं की घोषणा 19 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली में आयोजित विशेष कार्यक्रम में की जाएगी।

पिछले दो दशकों से अधिक समय से यह सम्मान उन लोगों को दिया जाता रहा है, जिनके विचार, कर्म और नेतृत्व भारत की बदलती पहचान को नई दिशा देते हैं। इस वर्ष पुरस्कारों की थीम ‘आइडियाज़, इंस्पिरेशन, इम्पैक्ट’ रखी गई है, जो उन व्यक्तियों की यात्रा को दर्शाती है, जिन्होंने कल्पनाशीलता, साहस और उद्देश्य के साथ समाज को प्रभावित किया है।

इस बार 14 अलग-अलग श्रेणियों में विजेताओं के चयन के लिए एक प्रतिष्ठित जूरी पैनल ने मंथन किया। उद्योग जगत के दिग्गज संजीव गोयनका के अलावा जूरी में राजीव मेमानी, शर्मिला टैगोर, पी. गोपीचंद, सिरिल श्रॉफ और राजीव कुमार जैसे नाम शामिल रहे, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों से आए नामांकनों की गहन समीक्षा की।

जूरी ने ऐसे व्यक्तियों का चयन किया है जिनका योगदान नवोन्मेष, राष्ट्र निर्माण, खेल, संस्कृति, व्यापार और सार्वजनिक जीवन में मिसाल बना है। एनडीटीवी नेटवर्क के सीईओ और एडिटर-इन-चीफ राहुल कंवल ने कहा कि ‘इंडियन ऑफ द ईयर’ केवल सफलता का नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सोच और सामाजिक संवाद को ऊंचा उठाने वालों का सम्मान है।

उन्होंने बताया कि यह मंच उन लोगों को पहचान देता है जो भारत के भविष्य को आकार दे रहे हैं। जैसे-जैसे देश नई संभावनाओं की ओर आगे बढ़ रहा है, यह पुरस्कार उन प्रेरणाओं का उत्सव बनेगा जो भारत की प्रगति के मार्ग को मजबूत कर रही हैं।

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दिल्ली पुलिस के पॉडकास्ट ‘किस्सा खाकी का’ ने पूरे किए 200 एपिसोड

यह पॉडकास्ट आम लोगों और पुलिस के बीच की दूरी कम करने की दिशा में एक प्रभावी कम्युनिकेशन माध्यम साबित हुआ है।

Last Modified:
Monday, 08 December, 2025
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दिल्ली पुलिस के पॉडकास्ट ‘किस्सा खाकी का’ ने 200 एपिसोड पूरे कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। जनवरी 2022 में शुरू हुई इस पहल ने पॉडकास्टिंग की दुनिया में एक महत्वपूर्ण स्थान बना लिया है। यह पॉडकास्ट आम लोगों और पुलिस के बीच की दूरी कम करने की दिशा में एक प्रभावी कम्युनिकेशन माध्यम साबित हुआ है।

‘किस्सा खाकी का’ उन सच्ची कहानियों को सामने लाता है, जिन्हें अक्सर मीडिया में जगह नहीं मिलती—जैसे किसी बच्चे को अपहरण से बचाना, साइबर ठगी रोकना, अपराधियों को पकड़ना या मानवीयता पर आधारित प्रकरण।  इसने पुलिस की छवि को सिर्फ कानून-व्यवस्था से जोड़ने के बजाय एक संवेदनशील और जनसेवा वाली संस्था के रूप में भी प्रस्तुत किया है।

यह पॉडकास्ट दिल्ली पुलिस की सोशल मीडिया टीम द्वारा तैयार किया जाता है। पूरी परियोजना पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा, विशेष पुलिस आयुक्त (क्राइम) देवेश श्रीवास्तव और अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संजय त्यागी के निर्देशन में चल रही है।

इस पॉडकास्ट की शुरुआत उस समय हुई थी जब दिल्ली पुलिस का नेतृत्व राकेश अस्थाना के पास था। बाद में यह पहल संजय अरोड़ा के कार्यकाल में आगे बढ़ी और वर्तमान पुलिस आयुक्त सतीश गोलचा के नेतृत्व में एक मजबूत पहचान बना चुकी है।

पॉडकास्ट की कहानियां लेडी श्रीराम कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में पत्रकारिता विभाग की प्रमुख और मीडिया शिक्षिका प्रोफेसर (डॉ.) वर्तिका नंदा की आवाज में पेश की जाती हैं। वह जेल सुधार कार्यों और अपने ‘ तिनका तिनका जेल रेडियो’ के लिए भी जानी जाती हैं। हर रविवार दोपहर 2 बजे दिल्ली पुलिस के आधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इसका नया एपिसोड जारी होता है। 5 से 10 मिनट के इन एपिसोड्स में सच्ची घटनाओं पर आधारित कहानियां सुनने को मिलती हैं।

यह पॉडकास्ट सिर्फ अपराधों की कहानी नहीं बताता, बल्कि उन अनकही इंसानी भावनाओं और प्रयासों को भी सामने लाता है, जिनमें पुलिस कर्मी अपने कर्तव्य से आगे बढ़कर लोगों की मदद करते हैं।

डॉ. वर्तिका नंदा के अनुसार, आज जब ‘ट्रू क्राइम’ कंटेंट तेजी से लोकप्रिय हो रहा है, ऐसे समय में ‘किस्सा खाकी का’ एक सकारात्मक विकल्प के रूप में उभरा है। यह सिर्फ घटनाएं बयान नहीं करता, बल्कि भरोसा, संवाद और पारदर्शिता को भी बढ़ावा देता है। कई लोग इसे कंस्ट्रक्टिव जर्नलिज़्म का उदाहरण मानते हैं, जो समाज में सकारात्मक बदलाव और जागरूकता का संदेश देता है। इन पॉडकास्ट पर अकादमिक शोध किए जाने चाहिए।

अतिरिक्त पुलिस आयुक्त संजय त्यागी के अनुसार, ‘यह पॉडकास्ट जनता में पुलिस के प्रति विश्वास मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस श्रृंखला को बनाने में एसआई नीलम तोमर और उनकी टीम का भी अहम योगदान है, जो हर सप्ताह नए एपिसोड तैयार करवाती है। 200 एपिसोड पूरा होने के साथ ही ‘किस्सा खाकी का’ सिर्फ एक पॉडकास्ट नहीं, बल्कि दिल्ली पुलिस की पारदर्शिता, संवेदनशीलता और जनसंवाद का प्रतीक बन चुका है।’

दिल्ली पुलिस शुरू के 50 अंकों पर एक सुंदर कॉफी टेबल बुक का प्रकाशन कर चुकी है। इससे पुलिस स्टाफ का मनोबल खूब बढ़ा है। नेशनल बुक ट्रस्ट से प्रकाशित डॉ. वर्तिका नंदा की किताब - रेडियो इन प्रिजन- में भी उन्होंने किस्सा खाकी का वर्णन किया है। 

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अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशताब्दी पर 'अटल संग्राम' पुस्तक का विमोचन

कार्यक्रम में राजनीतिक हस्तियां, साहित्यकार और वाजपेयी जी के प्रशंसक उपस्थित होंगे। प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक जननायक अटल जी की परिस्थितियों से उपजी प्रेरणा को दर्शाती है।

Last Modified:
Monday, 08 December, 2025
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भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशताब्दी के अवसर पर उनकी स्मृति को समर्पित एक महत्वपूर्ण पुस्तक 'अटल संग्राम' का विमोचन 17 दिसंबर को होने जा रहा है। वरिष्ठ पत्रकार अशोक टंडन द्वारा रचित यह पुस्तक वाजपेयी जी के जीवन, संघर्षों और राजनीतिक यात्रा का जीवंत चित्रण प्रस्तुत करती है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी तथा इंडिया टीवी के अध्यक्ष रजत शर्मा के विशेष आतिथ्य में यह समारोह संपन्न होगा। यह पुस्तक वाजपेयी जी के काव्य, वाक्पटुता और राष्ट्रनिष्ठा को विशेष रूप से उजागर करती है, जो पाठकों को प्रेरित करेगी। विमोचन समारोह कमला देवी सभागार (मल्टीपरपज हॉल), इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, लोधी रोड, नई दिल्ली में शाम 6 बजे आयोजित होगा।

कार्यक्रम में राजनीतिक हस्तियां, साहित्यकार और वाजपेयी जी के प्रशंसक उपस्थित होंगे। प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक जननायक अटल जी की परिस्थितियों से उपजी प्रेरणा को दर्शाती है। संपादक श्री अशोक टंडन ने कहा, 'यह पुस्तक अटल जी के संग्राम को लोकप्रिय बनाने का प्रयास है।' इच्छुक पाठक प्रभात प्रकाशन से संपर्क कर सकते हैं। यह आयोजन वाजपेयी जी की विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने में मील का पत्थर साबित होगा।

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