टाइम्स ड्राइव ग्रीन कॉनक्लेव 2024 दिल्ली में कल, नितिन गडकरी होंगे मुख्य अतिथि

‘Driving the future: Accelerating India’s Electric Mobility Revolution’ की थीम पर होने जा रहे इस कार्यक्रम में 20 से अधिक श्रेणियों के विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 26 November, 2024
Last Modified:
Tuesday, 26 November, 2024
Times Drive


टाइम्स नेटवर्क डिजिटल 27 नवंबर को नई दिल्ली में टाइम्स ग्रीन कॉनक्लेव एंड अवॉर्ड्स का आयोजन करने जा रहा है। ‘Driving the future: Accelerating India’s Electric Mobility Revolution’ की थीम पर होने जा रहे इस कार्यक्रम में 20 से अधिक श्रेणियों के विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा। इसमें ग्रीन मोबिलिटी सॉल्यूशन के ग्लोबल ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स, एनर्जी प्रोवाइडर्स, टेक इनोवेटर्स और पॉलिसी मेकर्स शामिल होंगे।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे और इलेक्ट्रिक वाहनों के भविष्य और स्केलेबल ग्रीन मोबिलिटी पर बात करेंगे। इसमें भारत में टिकाउ और भविष्य के लिए तैयार ट्रांसपोर्ट ईकोसिस्टम पर चर्चा की जाएगी।

टाइम्स ड्राइव ग्रीन कॉनक्लेव एंड अवॉर्ड्स 2024 में एक्सपर्ट पैनल डिस्कशन की पूरी सीरीज होगी। इसके अंतर्गत नए जमाने के इनोवेशन और फ्यूचर ट्रेंड्स में ईवी से हाइड्रोजन और हाइब्रिड विकल्पों पर फोकस होगा। पॉलिसी और वित्तीय सब्सिडी के तहत रेगुलेटरी और वित्तीय रोडमैप के अलावा मुख्य चुनौतियों और आने वाली संभावनाओं पर भी बात होगी।  टाइम्स ड्राइव ग्रीन कॉनक्लेव एंड अवॉड्स 2024 को टाइम्स नाउ के यूट्यूब चैनल पर 27 नवंबर शाम छह बजे लाइव टेलिकास्ट किया जाएगा।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह की किताब का विमोचन 10 सितंबर को

इस अवसर पर 'एक्सचेंज4मीडिया' के फाउंडर व 'BW बिजनेसवर्ल्ड' के चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 09 September, 2025
Last Modified:
Tuesday, 09 September, 2025
Book7845

फरीदाबाद स्थित मानव रचना इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड स्टडीज के विभाग स्कूल ऑफ मीडिया स्टडीज एंड ह्यूमैनिटीज में 10 सितंबर 2025 को एक विशेष कार्यक्रम होगा। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार और राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह की किताब ‘Harivansh’s Experiment with AD-Vocacy Journalism — From Ads to Action, Words to Change’ का विमोचन किया जाएगा। इसके साथ ही इस पर चर्चा का आयोजन भी किया जाएगा।

इस अवसर पर 'एक्सचेंज4मीडिया' के फाउंडर व 'BW बिजनेसवर्ल्ड' के चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा विशेष अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम के दौरान "Advocacy Journalism" विषय पर एक संवाद सत्र भी होगा, जिसमें पत्रकारिता की सामाजिक जिम्मेदारियों और जनहित में विज्ञापन की भूमिका पर विचार रखे जाएंगे। 

इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति और डीन भी मंच साझा करेंगे। इसके अलावा, डॉ. अनुराग बत्रा छात्रों और संकाय को “The Role of Public Service Advertising in Media as a Catalyst for Social Change” विषय पर 10 मिनट का संबोधन देंगे।

यह किताब हरिवंश जी के पत्रकारिता सफर को दर्शाती है, जिसमें उन्होंने रिपोर्टिंग से आगे बढ़कर जनसरोकारों के मुद्दों को केंद्र में रखते हुए पत्रकारिता को एक सामाजिक बदलाव के साधन के रूप में प्रस्तुत किया है। 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

पत्रकारों को डिजिटल मीडिया व AI में प्रशिक्षित करेगी Infosys

कर्नाटक मीडिया एकैडमी (Karnataka Media Academy) ने सोमवार को इंफोसिस लिमिटेड (Infosys Ltd.) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 09 September, 2025
Last Modified:
Tuesday, 09 September, 2025
Karnataka CM

कर्नाटक मीडिया एकैडमी (Karnataka Media Academy) ने सोमवार को इंफोसिस लिमिटेड (Infosys Ltd.) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए, जिसके तहत पत्रकारों को डिजिटल शिक्षा, कौशल विकास और क्षमता निर्माण में सहायता दी जाएगी।

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी एक नोट में कहा गया कि यह प्रशिक्षण इंफोसिस के CSR प्रोग्राम स्प्रिंगबोर्ड के तहत किया जाएगा और यह देश में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है। यह समझौता मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की उपस्थिति में हुआ।

इंफोसिस के सीनियर वाइस-प्रेजिडेंट और हेड ऑफ एजुकेशन, ट्रेनिंग एंड असेसमेंट, सतीशा बी. नंजप्पा ने कहा, “मीडिया एकैडमी को स्प्रिंगबोर्ड के डिजिटल कंटेंट तक पहुंच मिलेगी और पत्रकार सॉफ्ट स्किल्स, पर्सनैलिटी डेवलपमेंट और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसी नवीनतम तकनीकों की जानकारी से संबंधित लर्निंग कंटेंट से लाभान्वित हो सकेंगे। यह कार्यक्रम टियर 2 और टियर 3 शहरों के पत्रकारों की मदद करेगा।”

इस कार्यक्रम का लक्ष्य इस साल 150 पत्रकारों को प्रशिक्षित करना है और इसमें तीन दिवसीय प्रशिक्षण शामिल होगा, जिसमें डिजिटल मीडिया स्किल्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग और पर्सनालिटी डेवलपमेंट कवर किया जाएगा। वहीं, एक बैच विशेष रूप से महिला पत्रकारों को प्रशिक्षित करने के लिए जेंडर बजट के तहत समर्पित होगा।

एकैडमी की चेयरपर्सन आयशा खानम ने कहा कि यह प्रशिक्षण पत्रकारों को तकनीकी विशेषज्ञता और स्टोरीटेलिंग की उस दक्षता से लैस करेगा, जो आज के तेजी से बदलते मीडिया परिदृश्य में आवश्यक है।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने संकर्षण ठाकुर के निधन पर जताया शोक

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने वरिष्ठ पत्रकार और 'द टेलीग्राफ' के एडिटर संकर्षण ठाकुर के निधन पर शोक व्यक्त किया है।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 08 September, 2025
Last Modified:
Monday, 08 September, 2025
EGI45

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने द टेलीग्राफ के एडिटर और गिल्ड के वरिष्ठ सदस्य संकर्षण ठाकुर के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। 63 वर्षीय ठाकुर का सोमवार को गंभीर बीमारी के कारण निधन हो गया।

गिल्ड ने शोक संदेश में ठाकुर को “एक सशक्त पत्रकार और लेखक” बताया और कहा कि वे अपनी निडर रिपोर्टिंग और पैनी लेखनी के लिए जाने जाते थे। एडिटर्स गिल्ड ने बयान में कहा, “संकर्षण ठाकुर का निधन भारतीय पत्रकारिता के लिए अपूरणीय क्षति है। हालांकि, उनके लेखन और पेशेवर उत्कृष्टता की गूंज आगे भी बनी रहेगी और यह आने वाले पत्रकारों के लिए हमेशा एक मानक बनी रहेगी।”

दिग्गज पत्रकार जनार्दन ठाकुर के पुत्र संकर्षण ठाकुर ने भारतीय पत्रकारिता में अपनी अलग राह बनाई। उन्होंने कई चर्चित किताबें लिखीं, जिनमें The Brothers Bihari (लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार पर आधारित), Subaltern Saheb: Bihar and the Making of Laloo Yadav और Single Man: The Life and Times of Nitish Kumar शामिल हैं।

संकर्षण ठाकुर ने अपने करियर की शुरुआत Sunday मैगजीन से की और बाद में The Telegraph, The Indian Express और The Hindu से जुड़े। बाद में वे The Telegraph लौटे और इसके एडिटर बने। जमीनी रिपोर्टिंग के लिए प्रसिद्ध ठाकुर ने भारत की कई अहम घटनाओं को कवर किया, जिनमें कारगिल युद्ध, भोपाल गैस त्रासदी, 1984 के सिख विरोधी दंगे, इंदिरा गांधी की हत्या, कश्मीर और श्रीलंका के जटिल हालात, बिहार और पाकिस्तान की सामाजिक-राजनीतिक परिस्थितियां शामिल थीं।

पत्रकारिता में उनके योगदान के लिए उन्हें 2001 में प्रेम भाटिया अवॉर्ड (राजनीतिक रिपोर्टिंग) और 2003 में अप्पन मेनन फैलोशिप से सम्मानित किया गया।

एडिटर्स गिल्ड के अध्यक्ष आनंद नाथ, महासचिव रुबेन बनर्जी और कोषाध्यक्ष के. वी. प्रसाद ने इस संदेश पर हस्ताक्षर करते हुए संकर्षण ठाकुर को ऐसे पत्रकार के रूप में याद किया, जिनकी पेशेवर प्रतिबद्धता और लेखन आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

वरिष्ठ पत्रकार संकर्षण ठाकुर के निधन पर भूपेंद्र चौबे ने जताया शोक

जाने-माने पत्रकार और अंग्रेजी अखबार 'द टेलीग्राफ' के एडिटर संकर्षण ठाकुर का निधन हो गया है।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 08 September, 2025
Last Modified:
Monday, 08 September, 2025
Sankarshanthakur7845

जाने-माने पत्रकार और अंग्रेजी अखबार 'द टेलीग्राफ' के एडिटर संकर्षण ठाकुर का निधन हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार करीब 63 वर्षीय ठाकुर कुछ समय से गंभीर रूप से बीमार थे। उन्हें पहले डेंगू हुआ, जिसके बाद फेफड़ों के कैंसर का पता चला। मेदांता अस्पताल में उनका ऑपरेशन किया गया, लेकिन सर्जरी के 48 घंटे बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा और अंततः उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।

संकर्षण ठाकुर लंबे समय से द टेलीग्राफ से जुड़े रहे और वर्तमान में एडिटर (नेशनल अफेयर्स) के रूप में जिम्मेदारी निभा रहे थे। उनके निधन पर वरिष्ठ पत्रकार भूपेंद्र चौबे ने गहरा दुख व्यक्त किया। चौबे ने ट्वीट में लिखा, “संकर्षण ठाकुर के निधन की खबर से बेहद आहत हूं। वे कई सालों से मेरे मित्र थे। उनका ज्ञान, गंभीरता और हाजिरजवाबी हमेशा याद रखी जाएगी। उनके द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लिखा गया मशहूर हेडलाइन—‘A man who has conscience on call’—हमेशा मेरी पसंदीदा रहेगी।” 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

वरिष्ठ पत्रकार और ‘The Telegraph’ के एडिटर संकर्षण ठाकुर का निधन

राजनीतिक पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए वर्ष 2001 में उन्हें ‘प्रेम भाटिया’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। वर्ष 2003 में कश्मीर पर एक किताब पर काम करने के लिए उन्हें अप्पन मेनन फ़ेलोशिप भी मिली थी।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 08 September, 2025
Last Modified:
Monday, 08 September, 2025
Sankarshan Thakur

जाने-माने पत्रकार और अंग्रेजी अखबार ‘द टेलिग्राफ’ (The Telegraph) के एडिटर संकर्षण ठाकुर का निधन हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, करीब 63 वर्षीय संकर्षण ठाकुर कुछ दिनों से गंभीर रूप से बीमार थे।

संकर्षण ठाकुर को पहले डेंगू हुआ, फिर पता चला कि उन्हें फेफड़ों का कैंसर था। उनका इलाज (ऑपरेशन) मेदांता अस्पताल में हुआ, लेकिन ऑपरेशन के 48 घंटे बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा, फिर भी उन्हें बचाया न जा सका।

संकर्षण ठाकुर करीब दो साल से इस पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। संकर्षण ठाकुर इससे पहले इस अखबार में एडिटर (नेशनल अफेयर्स) के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।

संकर्षण ठाकुर को मीडिया में काम करने का करीब चार दशक का अनुभव था। संकर्षण ठाकुर ने वर्ष 1984 में ‘संडे’ मैगजीन के साथ मीडिया में अपने करियर की शुरुआत की थी। पूर्व में वह ‘द टेलिग्राफ’ और ‘इंडियन एक्सप्रेस’ (Indian Express) में एसोसिएट एडिटर रह चुके थे। इसके अलावा वह बतौर एग्जिक्यूटिव एडिटर वर्ष 2004 में ‘तहलका’ साप्ताहिक की लॉन्चिंग टीम में भी शामिल रहे थे। इसके बाद वह ‘द टेलिग्राफ’ में वापस लौट आए थे।

संकर्षण ठाकुर ने बिहार और कश्मीर को व्यापक रूप से कवर किया था। राजनीतिक पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए वर्ष 2001 में उन्हें ‘प्रेम भाटिया’ अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इसके साथ ही वर्ष 2003 में कश्मीर पर एक किताब पर काम करने के लिए उन्हें अप्पन मेनन फ़ेलोशिप भी मिली थी।

संकर्षण ठाकुर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर ‘The Making of Laloo Yadav, The Unmaking of Bihar’ नाम से किताब लिख चुके थे। उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आत्मकथा ‘Single Man: The Life & Times of Nitish Kumar of Bihar’ भी लिखी है। इसके अलावा उन्होंने एक किताब ‘The Brothers Bihari’ में संयुक्त रूप से लालू यादव और नीतीश कुमार की बायोग्राफी लिखी है। उन्होंने कारगिल युद्ध, पाकिस्तान और उत्तर प्रदेश में ऑनर किलिंग (Honour Killing) पर मोनोग्राफ प्रकाशित किए थे।

मूल रूप से पटना के रहने वाले संकर्षण ठाकुर ने दिल्ली विश्वविद्यालय के ‘द हिंदू’ कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस की पढ़ाई की। वह देश में संपादकों की शीर्ष संस्था ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ (Editors Guild of India) के मेंबर भी थे।

इस दुखद समाचार के बाद मीडिया जगत, मित्रों और शुभचिंतकों ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। सभी ने ईश्वर से प्रार्थना की है कि दिवंगत आत्मा को शांति मिले और शोकाकुल परिवार को इस अपूरणीय क्षति को सहने की शक्ति प्राप्त हो।

 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

‘Rediffusion’ के पूर्व चेयरमैन दीवान अरुण नंदा का निधन

दीवान अरुण नंदा ने लगभग 50 वर्षों तक रेडिफ्यूजन का नेतृत्व किया। वर्ष 2023 में बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य के कारण उन्होंने एजेंसी की जिम्मेदारी छोड़ दी थी।

Samachar4media Bureau by
Published - Saturday, 06 September, 2025
Last Modified:
Saturday, 06 September, 2025
Diwan Aurn Nanda

विज्ञापन जगत के दिग्गज और जानी-मानी विज्ञापन एजेंसी ‘रेडिफ्यूजन’ (Rediffusion) के पूर्व चेयरमैन दीवान अरुण नंदा का निधन हो गया है। वह 76 वर्ष के थे। दीवान अरुण नंदा ने लगभग 50 वर्षों तक रेडिफ्यूजन का नेतृत्व किया। वर्ष 2023 में बढ़ती उम्र और खराब स्वास्थ्य के कारण उन्होंने एजेंसी की जिम्मेदारी छोड़ दी थी।

इसके बाद एजेंसी के बोर्ड की चेयरमैनशिप डॉ. संदीप गोयल को सौंपी गई थी, जिन्होंने कई वर्षों तक सीधे दीवान अरुण नंदा के अधीन काम किया था। बता दें कि दीवान अरुण नंदा 1966 में IIM-A के पहले बैच के पहले गोल्ड मेडलिस्ट रहे थे।

वह ‘हिंदुस्तान लीवर’ (Hindustan Lever) द्वारा भर्ती किए गए प्रबंधन प्रशिक्षुओं (मैनेजमेंट ट्रेनी) के पहले बैच में भी शामिल थे। इसके बाद वह वर्ष 1973 में ‘रेडिफ्यूजन’ की स्थापना के लिए उस समय की सबसे क्रिएटिव शॉप ‘एमसीएम’ (MCM) में चले गए।

दो बार ‘एडवर्टाइजिंग एजेंसीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (AAAI) के प्रेजिडेंट और वर्ष 2000 के दशक की शुरुआत में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड हासिल कर चुके दीवान अरुण नंदा ‘एयर इंडिया‘, ‘एवररेडी‘, ‘किंगफिशर एयरलाइंस‘, ‘यस बैंक‘ समेत कई जानी-मानी कंपनियों के बोर्ड में भी शामिल रहे थे।

वर्ष 1983 से 1991 तक वह पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सलाहकार रह चुके थे। इसके अलावा वह दो विज्ञापन दिग्गज के एशियन जॉइंट वेंचर ‘Dentsu Young & Rubicam’ के चेयरमैन भी रह चुके थे

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

हैप्पी बर्थडे अमेय वेलणकर: ब्रैंड्स को स्टोरीज में बदलने वाले मार्केटिंग लीडर हैं आप

देश की बदलती कॉरपोरेट और मार्केटिंग दुनिया में अमेय वेलणकर सिर्फ एक मार्केटर नहीं, बल्कि ब्रैंड्स के कहानीकार, विरासत गढ़ने वाले और बदलाव को दिशा देने वाले नेता के रूप में पहचाने जाते हैं।

Samachar4media Bureau by
Published - Saturday, 06 September, 2025
Last Modified:
Saturday, 06 September, 2025
Ameya Velankar

देश की बदलती कॉरपोरेट और मार्केटिंग दुनिया में अमेय वेलणकर सिर्फ एक मार्केटर नहीं, बल्कि ब्रैंड्स के कहानीकार, विरासत गढ़ने वाले और बदलाव को दिशा देने वाले नेता के रूप में पहचाने जाते हैं।

मारिको (Marico) और एससी जॉनसन (SC Johnson) जैसे दिग्गज FMCG ब्रैंड्स के साथ अपने शुरुआती करियर में उन्होंने नई कैटेगरीज को आकार दिया। इसके बाद उन्होंने Uber India & South Asia में मार्केटिंग की कमान संभाली और वहां अपनी दूरदर्शिता और रणनीतिक सोच का शानदार उदाहरण पेश किया।

उनकी यात्रा विजन और एग्जिक्यूशन के बेहतरीन मेल का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने हर मोड़ पर बेहतरीन रणनीति जोड़ी और ऐसे कैंपेन तैयार किए जो केवल सर्विसेज देने तक सीमित नहीं रहे, बल्कि लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बन गए।

Uber में उनका नेतृत्व इस बात का उदाहरण है कि कैसे एक वैश्विक ब्रैंड को देश के शहरों की नब्ज से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने मोबिलिटी को सुलभ और आकांक्षापूर्ण (aspirational) बनाने में अहम भूमिका निभाई। उनके लिए मार्केटिंग केवल मार्केट शेयर तक सीमित नहीं रही, यह भरोसा कायम करने और ऐसी कहानियां गढ़ने की रही जो लंबे समय तक याद रहें।

आज, जब अमेय वेलणकर अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं, तो उनकी यात्रा हमें याद दिलाती है कि सच्ची मार्केटिंग शोर मचाने से नहीं, बल्कि बारीकी और प्रासंगिकता (relevance) से होती है। साहस, रचनात्मकता और स्पष्ट दृष्टिकोण से बनी यह यात्रा आने वाले समय में और भी प्रेरणादायी पड़ाव तय करेगी।

समाचार4मीडिया की ओर से अमेय वेलणकर को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

हैप्पी बर्थडे मनीष सिंघल: जुनून और दूरदर्शिता से आपने TV इंडस्ट्री में बनाई खास जगह

‘एंटरटेनमेंट 10 टेलीविजन’ (Enterr10 Television) और इसके प्रमुख ब्रैंड ‘दंगल टीवी’ (Dangal TV) के संस्थापक मनीष सिंघल की इंदौर से शुरू हुई यह कहानी आज वैश्विक मंच तक पहुंच चुकी है।

Samachar4media Bureau by
Published - Friday, 05 September, 2025
Last Modified:
Friday, 05 September, 2025
Manish Singhal

देश की बदलती मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कुछ यात्राएं ऐसी रही हैं, जिन्होंने इतिहास रचा है। ऐसी ही एक प्रेरणादायी यात्रा है ‘एंटरटेनमेंट 10 टेलीविजन’ (Enterr10 Television) और इसके प्रमुख ब्रैंड ‘दंगल टीवी’ (Dangal TV) के संस्थापक मनीष सिंघल की।

आज, पांच सितंबर को जब वह अपना जन्मदिन मना रहे हैं। इस दिन पूरी इंडस्ट्री सिर्फ उनके जीवन का ही नहीं, बल्कि उस दूरदर्शी सोच का भी जश्न मना रही है, जिसने एक क्षेत्रीय प्रयोग को राष्ट्रीय और अब वैश्विक पहचान दिलाई।

साल 2004 में इंदौर से शुरू हुआ एंटर10 टेलीविजन, मुंबई या दिल्ली जैसे बड़े मीडिया हब से काफी दूर था। मनीष सिंघल ने इसे अपने सफल टेलीकॉमर्स और शॉपिंग बिजनेस का विस्तार भर समझकर शुरू किया था, लेकिन उनकी दूरदर्शिता और मेहनत ने इसे जल्द ही भारतीय ब्रॉडकास्टिंग क्षेत्र का बड़ा नाम बना दिया।

वर्ष 2009 में ‘दंगल टीवी’ की शुरुआत एक भोजपुरी मूवी चैनल के रूप में हुई थी। लेकिन 2015 में मनीष सिंघल ने दर्शकों की नब्ज को पहचानते हुए इसे हिंदी जनरल एंटरटेनमेंट चैनल (GEC) में बदलने का साहसिक कदम उठाया। यह फैसला गेमचेंजर साबित हुआ। पारिवारिक ड्रामा, पौराणिक कथाओं और क्राइम शोज के मिश्रण ने ‘दंगल’ को न सिर्फ जगह दिलाई, बल्कि कई बार दर्शक संख्या के मामले में इसे शीर्ष पर पहुंचा दिया। उनकी फिलॉसफी हमेशा रही—“दंगल बनाम दंगल।”

डिजिटल क्रांति के दौर में भी उन्होंने अवसर पहचाना और 2022 में ‘दंगल प्ले’ (Dangal Play) नाम से अपना ओटीटी प्लेटफॉर्म लॉन्च किया। आज इसे उनके बेटे अक्षत सिंघल आगे बढ़ा रहे हैं। इस तरह पारंपरिक टीवी और नए डिजिटल दौर का संतुलन मनीष सिंघल की सोच में साफ झलकता है।

दंगल टीवी का हर ओरिजिनल शो इन-हाउस तैयार होता है। यही वजह है कि यह अकेला फ्री-टू-एयर (FTA) चैनल है, जो इतने बड़े स्तर पर नया कंटेंट खुद बनाता है। इस स्वतंत्रता ने चैनल को तेजी, क्रिएटिविटी और दर्शकों से सीधा जुड़ाव दिया है। मनीष सिंघल की अगुवाई में एंटरटेनमेंट 10 ने पिछले साल 600 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार किया और इस साल 15% वृद्धि का लक्ष्य तय किया है।

आज दंगल टीवी न केवल भारत में बल्कि ब्रिटेन, अमेरिका (Sling TV समेत) और लगभग 45 देशों तक पहुंच बना चुका है। इसके अलावा तेलुगु और बांग्ला जैसे क्षेत्रीय चैनलों और ‘दंगल HD’ की योजनाओं के साथ कंपनी भविष्य की ओर बढ़ रही है। FMCG कंपनियों के लिए दंगल एक पसंदीदा प्लेटफॉर्म बन चुका है। करीब 60% विज्ञापन खर्च FMCG सेक्टर से आता है। वहीं यूट्यूब और सोशल मीडिया पर भी इसकी पकड़ मजबूत है, जहां पिछले एक साल में कंटेंट की ग्रोथ ढाई गुना से ज्यादा रही है।

पारंपरिक सत्ता केंद्रों से दूर रहकर भी मनीष सिंघल ने अपने साहस, जुनून और दूरदर्शिता के दम पर भारतीय टीवी इतिहास में खास जगह बनाई है। इंदौर से शुरू हुई यह कहानी आज वैश्विक मंच तक पहुंच चुकी है। समाचार4मीडिया की ओर से मनीष सिंघल जी को उनके जन्मदिन पर ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

‘जी राजस्थान’ के चैनल हेड आशीष दवे पर कंपनी ने लगाए गंभीर आरोप, दर्ज कराई FIR

इस मामले को लेकर समाचार4मीडिया ने आशीष दवे से संपर्क करने का काफी प्रयास किया, लेकिन खबर लिखे जाने तक उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया था।

Samachar4media Bureau by
Published - Friday, 05 September, 2025
Last Modified:
Friday, 05 September, 2025
FIR

‘जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड’ (ZMCL) ने अपने चैनल हेड (जी राजस्थान/जी 24 घंटा) आशीष दवे के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए जयपुर के अशोक नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। 

कंपनी की ओर से अधिकृत प्रतिनिधि संजू राजू (निवासी नोएडा, उत्तर प्रदेश) ने यह शिकायत 4 सितंबर 2025 को दर्ज कराई। एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि आशीष दवे ने अपने पद और कंपनी के नाम का दुरुपयोग कर बाहरी कारोबारियों और वेंडर्स से पैसों की मांग की। आरोप है कि पैसों की मांग पूरी न होने पर उन्होंने चैनल के जरिए उनके खिलाफ नकारात्मक और मानहानिकारक खबरें चलाने की धमकी दी।

शिकायत में कहा गया है कि दवे ने कई मौकों पर कंपनी के नाम से दबाव बनाकर अनैतिक लेन-देन किए और व्यक्तिगत फायदे के लिए चैनल के प्लेटफॉर्म का गलत इस्तेमाल किया। कंपनी का कहना है कि इन गतिविधियों से उसकी साख, विश्वसनीयता और प्रतिष्ठा को गहरी क्षति पहुंची है।

पुलिस ने शिकायत का संज्ञान लेते हुए आशीष दवे के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS), 2023 की धारा 308(2), 318(4) और 351(2) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

एफआईआर में यह भी उल्लेख किया गया है कि कंपनी ने इस संबंध में मिली शिकायतों और साक्ष्यों को पुलिस के समक्ष प्रस्तुत किया है। फिलहाल पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। इस बीच यह भी खबर है कि कंपनी ने आशीष दवे से इस्तीफा ले लिया है।

इस मामले को लेकर समाचार4मीडिया ने आशीष दवे से संपर्क करने का काफी प्रयास किया, लेकिन खबर लिखे जाने तक उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया था।  

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

बच्चों ने किया 'क्लियर कट' मैगजीन के पहले संस्करण का विमोचन

भारत के सामाजिक विकास क्षेत्र पर केंद्रित स्वतंत्र प्रिंट और डिजिटल प्लेटफॉर्म 'क्लियर कट' मैगजीन का पहला संस्करण नई दिल्ली स्थित जयशंकर मेमोरियल सेंटर (JMC) में लॉन्च किया गया।

Samachar4media Bureau by
Published - Thursday, 04 September, 2025
Last Modified:
Thursday, 04 September, 2025
ClearCut7845

मशहूर हस्तियों की चकाचौंध से हटकर एक अलग पहल के तहत, भारत के सामाजिक विकास क्षेत्र पर केंद्रित स्वतंत्र प्रिंट और डिजिटल प्लेटफॉर्म 'क्लियर कट' मैगजीन का पहला संस्करण नई दिल्ली स्थित जयशंकर मेमोरियल सेंटर (JMC) में लॉन्च किया गया। इस अवसर पर मंच पर मशहूर शख्सियतें नहीं, बल्कि JMC के रेमेडियल एजुकेशन प्रोग्राम से जुड़े बच्चों ने नेतृत्व किया, जिससे यह आयोजन यादगार बन गया। मंच पर उनकी मौजूदगी ने याद दिलाया कि भारत का भविष्य उसके युवाओं और उन आवाजों में है, जिन्हें अक्सर हाशिये पर डाल दिया जाता है।

इस कार्यक्रम में JMC प्रबंधन टीम से विद्या राघवन और राघवन श्रीनिवासन, साथ ही JMC का स्टाफ, शुभचिंतक और आर्थिक रूप से कमजोर तबके के बच्चे शामिल हुए, जो JMC के परिवर्तनकारी कार्यों के केंद्र में हैं।

लॉन्च पर बोलते हुए विद्या राघवन ने इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा, “क्लियर कट मैगजीन अपनी यात्रा शुरू करने का इससे अधिक सार्थक तरीका नहीं चुन सकती थी। बच्चों को इस लॉन्च के केंद्र में रखना बेहद सोच-समझकर किया गया कदम है। यह पल JMC और क्लियर कट मैगजीन दोनों की आत्मा को दर्शाता है—एक ऐसा भारत, जहां सामाजिक प्रभाव केवल एक आकांक्षा नहीं बल्कि जीती-जागती हकीकत है।”

क्लियर कट मैगजीन के प्रबंध संपादक परेश कुमार ने JMC का आभार जताते हुए कहा, “हमारे पहले अंक को इतने प्रेरणादायी संस्थान से लॉन्च करना वास्तव में सम्मान की बात है।” उन्होंने आगे कहा कि यह स्थान उनके लिए और भी खास है, क्योंकि यही वह जगह है, जहां से उन्होंने अपने करियर के शुरुआती चरण में अपनी यात्रा शुरू की थी। उन्होंने कहा, “बच्चों द्वारा इस लॉन्च का नेतृत्व करना केवल प्रतीकात्मक नहीं था, बल्कि यह हमारे मिशन और उन मूल्यों को पूरी तरह दर्शाता है, जिन्हें हम आगे बढ़ाना चाहते हैं।”

कुमार ने दोनों संगठनों के साझा दृष्टिकोण पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा, “शिक्षा और सामुदायिक विकास के जरिए सामाजिक बदलाव लाकर जयशंकर की विरासत का सम्मान करने का मिशन हमारे दिल के बहुत करीब है। क्लियर कट में हम मानते हैं कि कहानियों की ताकत ही असली बदलाव ला सकती है, और JMC में रोज जी जा रही और लिखी जा रही कहानियां अब तक की सबसे प्रभावशाली हैं, जिन्हें हमने देखा है।”

'क्लियर कट' मैगजीन के बारे में

'क्लियर कट' एक स्वतंत्र प्रिंट और डिजिटल मैगजीन है, जिसे भारत के सामाजिक विकास क्षेत्र से जुड़े शोध और मीडिया पेशेवरों ने बनाया है। क्लियर कट की स्थापना एक सरल उद्देश्य के साथ हुई: उन कहानियों को सामने लाना जो वास्तव में मायने रखती हैं। ऐसी कहानियां जो डेटा, साक्ष्यों और जीते-जागते अनुभवों पर आधारित हों। डेटा दिशा दिखा सकता है, लेकिन कार्रवाई के लिए प्रेरित करने का काम कहानियां ही करती हैं।

क्लियर कट बदलाव के उदाहरणों को बढ़ाने, जमीनी अनुभवों से सीखों को सामने लाने और वहां सवाल खड़े करने की कोशिश करता है जहां नीतियां और व्यवस्थाएं कमजोर पड़ जाती हैं। हर संस्करण शोध, अनुभव और मानवीय कहानियों को जोड़कर भारत की सामाजिक यात्रा को गहराई से समझने में मदद करता है- शार्प एनालिसिस। क्लियर वॉयस। यही क्लियर कट का वादा है।

हर अंक को एक केंद्रीय थीम के इर्द-गिर्द तैयार किया जाता है और इसमें शोधकर्ताओं, प्रैक्टिशनर्स, स्टोरीटेलर्स और वास्तविक अनुभवों से जुड़े लोगों के नए दृष्टिकोण शामिल होते हैं। स्लो जर्नलिज्म की अपनी प्रतिबद्धता के साथ, जो सोच-समझकर, समावेशी और उद्देश्यपूर्ण कहानी कहने पर आधारित है, क्लियर कट का लक्ष्य है- महत्वपूर्ण बातचीत की शुरुआत करना, जमीनी आवाजों को सामने लाना और पाठकों को भारत की सामाजिक वास्तविकताओं की परतों से गहराई से जोड़ना।

जैसा कि परेश कुमार ने कहा, “हम मानते हैं कि असली बदलाव साफ और साहसी बातचीत से शुरू होता है। क्लियर कट के जरिए हम ऐसा मंच बनाना चाहते हैं, जो सिर्फ जानकारी ही न दे बल्कि प्रेरित भी करे; उन आवाजों को आगे लाए जो भारत को और न्यायपूर्ण और संवेदनशील बना रही हैं।”

एक प्रतीकात्मक शुरुआत

JMC के बच्चों को लॉन्च का नेतृत्व सौंपकर, क्लियर कट मैगजीन ने यह साफ संदेश दिया कि भारत का भविष्य युवाओं का है। उनकी आवाजें ही बदलाव की वे कहानियां गढ़ेंगी, जिन्हें आने वाला कल याद रखेगा।


क्या आप चाहेंगे कि मैं इस न्यूज का एक संक्षिप्त संस्करण भी तैयार कर दूँ, जो अख़बार या वेबसाइट पर छोटी खबर की तरह इस्तेमाल किया जा सके?

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए