देश की शिक्षा व्यवस्था में चिंतन और मौलिकता की आवश्यकता: डॉ. मुरली मनोहर जोशी

गांधीवादी चिंतक धर्मपाल की जन्म शताब्दी पर ‘आईआईएमसी’ में आयोजित 'धर्मपाल प्रसंग' में बोले पूर्व केंद्रीय मंत्री

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 18 February, 2022
Last Modified:
Friday, 18 February, 2022
IIMC

पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी का कहना है कि अगर हमें भारत को फिर से विश्व गुरु बनाना है तो विज्ञान को कठिन नहीं, सरल बनाना होगा। उन्होंने कहा कि आज भारतीय शिक्षा व्यवस्था में चिंतन और मौलिकता की आवश्यकता है। हमें विज्ञान ओर तकनीक जैसे विषयों को आम जीवन के उदाहरण से जोड़ना होगा। डॉ. जोशी शुक्रवार को सुप्रसिद्ध गांधीवादी चिंतक, विचारक, स्वतंत्रता सेनानी एवं भारतबोध के संचारक धर्मपाल की जन्म शताब्दी के अवसर पर ‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) एवं समाजनीति समीक्षण केंद्र, चेन्नई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम 'धर्मपाल प्रसंग' को संबोधित कर रहे थे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. जोशी ने कहा कि शिक्षकों को चाहिए कि वे शिक्षण कार्य में सरल भाषा का प्रयोग करें, ताकि विद्यार्थी आसानी से उसे समझ सकें। प्रत्येक वर्ष शिक्षकों को एक नए तरीके से पढ़ाना चाहिए और उसमें हमेशा नवाचार का समावेश करना चाहिए। तभी हम 'इंडिया' को 'इनोवेटिव इंडिया' बना पाएंगे। उन्होंने कहा कि धर्मपाल जी ने अपने लेखों और साहित्य के द्वारा युवाओं को प्रबोधन किया। आज समय है कि भारत खुद को समझे। जब हम स्वयं को समझेंगे, तो विश्व भी भारत को समझेगा।

सनातन परंपरा को समझने का माध्यम: हावर्ड विश्वविद्यालय में डिविनिटी के प्रोफेसर फ्रांसिस एक्स. क्लूनी ने कहा कि अपनी पुस्तक के माध्यम से धर्मपाल जी ने यह समझाने का प्रयास किया कि जब तंत्र और विकास प्रक्रिया भारतीय मानस और काल दृष्टि के अनुकूल होगी, तभी उसमें जनता की भागीदारी होगी। धर्मपाल जी का लेखन और उनका जीवन सनातन धर्म एवं परंपरा को समझने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। उन्होंने कहा कि धर्मपाल जी समग्रता में चीजों को देखते थे। इसी वजह से उनकी भारत और पश्चिम के बारे में एक मौलिक समझ बनी, जिसका प्रमाण उनकी पुस्तक 'भारतीय, चित्त, मानस और काल' में मिलता है।  

पंचायती राज भारतीय जीवन की आधारशिला: इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, नई दिल्ली के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने कहा कि पंचायती राज भारतीय जन जीवन की आधारशिला है। इसी शीर्षक से धर्मपाल जी ने पुस्तक लिखी थी। यह पुस्तक हमें बताती है कि भारत की सनातन परंपरा की कल्पना से ग्राम स्वराज की नींव पर ही पूरा शासन तंत्र खड़ा होना चाहिए। इसी नींव पर ही भारत के पुनर्निर्माण की इमारत भी खड़ी होनी चाहिए।

विज्ञान से प्रभावित होता है समाज: भारत सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजय राघवन ने कहा कि हमें शिक्षकों और छात्रों की एक नई पीढ़ी को प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है, जो आधुनिक तकनीकों से समस्याओं की पहचान और समाधान कर सके। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य विज्ञान को उच्चतम वैश्विक स्तर तक ले जाना और समाज को इससे प्रभावित करना है।

समृद्ध थी भारत की प्राचीन शिक्षा प्रणाली: राष्ट्रीय शिक्षा नीति की प्रारूप समिति के सदस्य प्रो. एमके श्रीधर ने कहा कि धर्मपाल जी द्वारा लिखित महत्तवपूर्ण पुस्तक 'द ब्यूटीफुल ट्री' में उन्होंने बताया कि अंग्रेजों के आगमन के पूर्व भारत में प्रचलित जो प्राचीन शिक्षा पद्धति थी, वह अत्यंत समृद्ध थी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में जिन विषयों को सम्मिलित किया गया है, उनका जिक्र भी इस पुस्तक में कहीं न कहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि लोक विद्या का प्रसार तथा शिक्षा के क्षेत्र में समानता जैसे प्रावधान पूर्व में भी भारत में मौजूद थे। धर्मपाल जी ने इनका प्रमाण सहित उल्लेख अपनी पुस्तक में किया है।

अतीत का किया पुनर्मूल्यांकन: 'तुगलक' के संपादक एस. गुरुमूर्ति ने कहा कि यह जरूरी है कि आज की परिस्थितियों में धर्मपाल जी के सामाजिक अवदान का आकलन किया जाए। उन्होंने हमेशा औपनिवेशीकरण को चुनौती दी है। अतीत का पुनर्मूल्यांकन करने और भारतीय शिक्षा में उनके स्थाई योगदान पर ध्यान दिया जाना चाहिए।

आजीवन गांधी के मार्ग पर चले: इस अवसर पर सुप्रसिद्ध इतिहासकार एवं धर्मपाल जी की पुत्री प्रो. गीता धर्मपाल ने कहा कि महात्मा गांधी के बताए हुए रास्ते पर चलते हुए धर्मपाल जी ने भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश की अस्मिता और सुरक्षा के बीच उत्पन्न होने वाली किसी भी बाधा को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाये।

'कॉपी पेस्ट' नहीं, नवाचार की जरूरत: आईआईटी चेन्नई में प्रोफेसर अशोक झुनझुनवाला ने कहा कि नए भारत के निर्माण के लिए आवश्यक है कि हम धर्मपाल जी के लेखों को पढ़ें। आज जरूरत है नवाचार की, लेकिन हमारा सारा ध्यान 'कॉपी पेस्ट' में लगा हुआ है। इससे बचने की आवश्यकता है।

सत्य और अहिंसा से प्रेरित जीवन: सुप्रसिद्ध योगाचार्य टीएम मुकुंदन ने बताया कि सत्य और अहिंसा का अटूट संबंध ही सत्याग्रह के विचार को जन्म देता है। धर्मपाल जी का पूरा जीवन इसी विचार से प्ररित है। उन्होंने सविनय अवज्ञा और सत्याग्रह जैसे मूल्यों का अपने विचारों में नया विस्तार किया।

भारतीय जनमानस को समझने का प्रयास: सोसाइटी फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हिमालयाज, मसूरी के संस्थापक निदेशक पवन गुप्ता ने कहा कि धर्मपाल जी अपनी पूरी यात्रा में भारतीय जनमानस को समझने का प्रयास कर रहे थे। उन्होंने सनातन भारत तक पहुंचने एवं भारत में अंग्रेजी राज को समझने के लिए भारतीय चित्त, मानस और काल को अपना आधार बनाया।

लोक संस्कृति को समझने की कोशिश: विवेकानंद कॉलेज, चेन्नई के सेवानिवृत्त प्राध्यापक प्रो. केवी वरदराजन ने कहा कि महात्मा गांधी की भारत में की गई स्वराज की साधना के बाद जिनका भी जन्म हुआ, उन्होंने गांधी के साथ प्रत्यक्ष या परोक्ष संवाद अवश्य बनाया। धर्मपाल जी उनमें से एक थे। उन्होंने पूरे जीवन में आम आदमी और लोक संस्कृति को समझने की कोशिश की।

वर्तमान पीढ़ी ले प्रेरणा: समाजनीति समीक्षण केंद्र के निदेशक डॉ. जेके बजाज ने कहा कि धर्मपाल जी द्वारा की गई सामाजिक सेवा एवं उनके द्वारा स्थापित मूल्यों को वर्तमान पीढ़ी के सामने लाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता है।

भारत को भारतीय की नजर से देखने का प्रयास: भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि धर्मपाल जी ने अपने दस्तावेजों और शोधों से प्रमाणित किया कि विदेशियों के हमारी संस्कृति पर अतिक्रमण करने से पहले भारत वैश्विक सिरमौर था। हमारी सांस्कृतिक और सामाजिक बुनावट लोक कल्याणकारी थी। उन्होंने कहा कि धर्मपाल जी की सबसे बड़ी विशेषता थी कि वे भारत को एक भारतीय की नजर से देखते थे, न कि एक अंग्रेज की नजर से।

सकारात्मक दृष्टिकोण पर जोर: समाजनीति समीक्षण केंद्र के अध्यक्ष प्रो. एमडी श्रीनिवास ने कहा कि धर्मपाल जी द्वारा लिखे गए साहित्य को वर्तमान परिदृश्य में उचित एवं अनुकूल माध्यमों से पाठकगणों तक पहुंचाना आवश्यक है, क्योंकि उनके विचार एवं शोध भारतीय शिक्षा पद्धति को एक नए एवं सकारात्मक दृष्टिकोण से परिभाषित करते हैं। उन्होंने धर्मपाल जी के जीवन एवं कृतित्व के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।

कार्यक्रम का संचालन आईआईएमसी में अपना रेडियो, आईटी एवं सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख प्रो. (डॉ.) संगीता प्रणवेन्द्र ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन आउटरीच विभाग के प्रमुख प्रो. (डॉ.) प्रमोद कुमार ने किया।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

दुनिया को अलविदा कह गए लोकप्रिय कार्टूनिस्ट प्रिया राज

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुके कार्टूनिस्ट प्रिया राज का गुरुवार, 28 अक्टूबर को निधन हो गया।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 01 December, 2023
Last Modified:
Friday, 01 December, 2023
PrriyaRaj7841

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुके कार्टूनिस्ट प्रिया राज का गुरुवार, 28 अक्टूबर को निधन हो गया। वह "हप्राज़" (Hpraz) नाम से भी जाने जाते थे।

उन्होंने 1996 में 'द पायनियर' में अपने कॉलम "अंडर द पिरामिड" से भारत में मैनेजमेंट कार्टून का कॉन्सेप्ट शुरू किया। इस कॉलम को बाद में 'द फाइनेंशियल एक्सप्रेस' और फिर बाद में 'हॉन्गकॉन्ग स्टैंडर्ड' में प्रकाशित किया गया, जिससे यह विदेश में प्रकाशित होने वाला पहला कॉलम बन गया।

उन्होंने 1999 और 2003 के बीच 'द हिंदू' के साप्ताहिक कार्टून "आउट ऑफ द बॉक्स" के लिए भी योगदान दिया। राज का दैनिक कॉलम "फनी बिजनेस" 2005 और 2007 के बीच 'डीएनए' में भी प्रकाशित हुआ था।

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के MONIRBA से एमबीए टॉपर रहे राज को ब्रैंड मैनेजमेंट, मार्केटिंग, ऐडवर्जाइजिंग, कम्युनिकेशन और मीडिया (प्रिंट, इंटरनेट और ब्रॉडकास्ट) में विभिन्न नेतृत्व पदों और मैनेजमेंट कंसल्टेेंट के तौर पर तीन दशकों से भी ज्यादा का अनुभव है।

उन्होंने कोर फैकल्टी के रूप में प्रतिष्ठित B स्कूल्स में भी पढ़ाया है। 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

जन की बात एग्जिट पोल 2023: राजस्थान में बन सकती है बीजेपी की सरकार

प्रदीप भंडारी ने जैसे ही एग्जिट पोल जारी किया, उसके बाद सोशल मीडिया पर इसको लेकर चर्चा होने लगी।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 01 December, 2023
Last Modified:
Friday, 01 December, 2023
jankbaatexitpoll

जन की बात के संस्थापक और सीईओ प्रदीप भंडारी ने गुरुवार शाम पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव का एग्जिट पोल जारी किया। नेटवर्क 18 पर उन्होंने आंकड़ों का विश्लेषण किया। प्रदीप भंडारी ने जैसे ही पोल जारी किया, उसके बाद सोशल मीडिया पर इसको लेकर चर्चा होने लगी। पोल जारी होने के कुछ ही मिनटों बाद जन की बात एग्जिट पोल सोशल मीडिया पर नंबर एक पर ट्रेंड करने लगा। तो वहीं प्रदीप भंडारी का नाम भी ट्विटर पर टॉप ट्रेंडिंग बन गया।

गुरुवार को पांच राज्यों में चुनाव सम्पूर्ण हो चुके हैं। तेलंगाना में वोटिंग समाप्त होने के बाद ही राजनैतिक गलियारों में एग्जिट पोल की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। प्रदीप भंडारी ने 5 राज्यों के लिए जन की बात का एग्जिट पोल जारी कर दिया है। मध्य प्रदेश में जन की बात के एग्जिट पोल के मुताबिक इस बार एमपी में काटें की टक्कर नजर आ रही हैं।

मध्य प्रदेश में बीजेपी 100 से 123 सीटें ला सकती है। कांग्रेस 102 से 125 सीटें लाने की उम्मीद है। अन्य को 5 सीटें आ सकती हैं। राजस्थान में जन की बात के एग्जिट पोल के मुताबिक इस बार बीजेपी सरकार बनाती हुई दिख रही है। जन की बात के एग्जिट पोल के हिसाब से इस बार राजस्थान में बीजेपी 100 से 122 सीटें ला सकती है। कांग्रेस 62 से 85 सीटें लाने की उम्मीद है। अन्य को 14 से 15 सीटें आ सकती हैं।

 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

न्यूज 24 टुडेज चाणक्या एग्जिट पोल: एमपी में बीजेपी को मिल सकता है प्रचंड बहुमत

पिछले 15 वर्षों में न्यूज 24-टुडेज चाणक्या की जोड़ी ने एक के बाद एक हर बड़े चुनाव के नतीजे पहले ही बता दिया.

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Friday, 01 December, 2023
Last Modified:
Friday, 01 December, 2023
news24

देश के सबसे सटीक और सबसे भरोसेमंद स्टेट एनालिसिस में शुमार न्यूज 24-टुडेज चाणक्या स्टेट एनालिसिस ने मध्य प्रदेश में बीजेपी को प्रचंड जीत की भविष्यवाणी की है। मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में से न्यूज़ 24-टुडेज चाणक्या स्टेट एनालिसिस में बीजेपी को 151 ± 12 सीटें , कांग्रेस को भी 74 ± 12 सीटें और अन्यों को 5 ± 4 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई है। वहीं, बीजेपी को 45% ± 3%, कांग्रेस को 38% ± 3% और अन्य के खाते में 17% ± 3%  वोटर शेयर दिखाया गया है।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार रिपीट करने की भविष्यवाणी की है। छत्तीसगढ़ की 90 सीटों में से न्यूज 24-टुडेज चाणक्या स्टेट एनालिसिस में कांग्रेस को 57 ± 8 सीटें , बीजेपी को 33 ± 8 सीटें, और अन्यों को 0 ± 3 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। वहीं, वोट शेयर कांग्रेस को 45% ± 3% , बीजेपी को 40% ± 3% और अन्य को 15% ± 3% दिखाया गया है ।  

राजस्थान में कांग्रेस और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। न्यूज 24-टुडेज चाणक्या स्टेट एनालिसिस के मुताबिक कांग्रेस को 101 ± 12 सीटें और बीजेपी को 89 ± 12 सीटें और अन्य को 9 ± 7 सीटें मिलने का भविष्यवाणी की गई है। वहीं, वोट शेयर कांग्रेस को 41% ± 3% , बीजेपी को 39% ± 3% और अन्य को 20% ± 3% दिखाया गया है ।  

तेलंगाना में बीआरएस सरकार को जबरदस्त झटका लगा है। न्यूज 24- टुडेज चाणक्या स्टेट एनालिसिस के मुताबिक सत्ता परिवर्तन कर कांग्रेस सरकार बना रही है। कांग्रेस को 71 ± 9 सीटें , बीआरएस को 33 ± 9 सीटें, बीजेपी को 7 ± 5 सीटें और अन्य को 8 ± 3 सीटें मिल सकती है। वहीं, वोट शेयर कांग्रेस को 41% ± 3%, बीआरएस को 35% ± 3% बीजेपी को 14% ± 3% और अन्य को 10% ± 3% दिखाया गया है ।

न्यूज 24-टुडेज चाणक्या का दावा है कि कर्नाटक, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और पंजाब विधानसभा चुनावों के दौरान भी उनकी भविष्यवाणी सटीक साबित हुई। इस दावे के अनुसार, पिछले 15 वर्षों में न्यूज 24-टुडेज चाणक्या की जोड़ी ने एक के बाद एक हर बड़े चुनाव के नतीजे पहले ही बता दिए, जिन पर ईवीएम खुलने के बाद मुहर लगी। 

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

PTI में लंबे समय तक कार्यरत रह चुके वरिष्ठ पत्रकार सुजीत चटर्जी का निधन

प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) के लिए चार दशकों तक सेवाएं देने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुजीत चटर्जी का संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 29 November, 2023
Last Modified:
Wednesday, 29 November, 2023
SUJIT87451

प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) के लिए चार दशकों तक सेवाएं देने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुजीत चटर्जी का संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 65 वर्ष के थे।

चटर्जी ने मंगलवार रात दिल्ली के पीएसआरआई मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में अंतिम सांस ली, जहां उनका निमोनिया का इलाज चल रहा था। उनके परिवार में उनकी मां, पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं।

वर्ष 2018 में ‘सीनियर एसोसिएट एडिटर’ के पद से सेवानिवृत्त होने से पहले उन्होंने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के दिल्ली स्थित मुख्यालय में ब्यूरो प्रमुख के रूप में भी काम किया था।

राष्ट्रीय ब्यूरो में एक विशेष संवाददाता के तौर पर चटर्जी ने गृह और रक्षा मंत्रालयों सहित कई विभागों को कवर किया था। उन्होंने शीर्ष अदालत की कार्यवाहियों की भी रिपोर्टिंग की थी। वह दिल्ली में 1982 के एशियाई खेलों को कवर करने वाली टीम का हिस्सा थे।

अच्छे संपर्क और विश्वसनीयता रखने वाले चटर्जी संसदीय कार्यवाही कवर करने वाली ‘पीटीआई’ की टीम का भी हिस्सा रहे। उन्होंने विदेश में कई असाइनमेंट किये और प्रधानमंत्री के साथ विदेश दौरे पर भी गये।

चटर्जी का अंतिम संस्कार बुधवार को ग्रीन पार्क स्थित विद्युत शवदाह गृह में किया गया, जहां बड़ी संख्या में पत्रकार और उनके मित्र मौजूद थे।

दिल्ली स्थित पीटीआई न्यूज़ रूम में चटर्जी की याद में एक मिनट का मौन रखा गया।

पीटीआई के सीईओ व प्रधान संपादक विजय जोशी ने चटर्जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह न केवल उनके परिवार, बल्कि पीटीआई परिवार के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है।

जोशी ने एक शोक संदेश में कहा कि ऐसा महसूस हो रहा है जैसे मैंने एक भाई खो दिया है। हम न केवल सहकर्मी थे, बल्कि दोस्त भी थे। पीटीआई में युवाओं का मार्गदर्शन करने के लिए मैं हमेशा उन पर भरोसा कर सकता था। जिस दयालुता के साथ उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ व्यवहार किया उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है। 

उन्होंने कहा कि चटर्जी की मधुर आवाज को पीटीआई न्यूज रूम में याद किया जाता रहेगा। उनका निधन न केवल उनके परिवार, बल्कि पीटीआई परिवार के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है। 

चटर्जी ने 1980 में पीटीआई के दिल्ली मुख्यालय में ‘सेंट्रल न्यूज डेस्क’ पर अपनी सेवा शुरू की थी। वह पीटीआई की उस तीन-सदस्यीय टीम का हिस्सा थे, जिसने इंदिरा गांधी हत्याकांड की 1985 में तिहाड़ जेल परिसर के अंदर हुई ऐतिहासिक सुनवाई को कवर किया था। टीम के अन्य सदस्य जी सुधाकर नायर और एम शकील अहमद थे। नायर वर्तमान में पीटीआई के कार्यकारी संपादक हैं।

नायर ने 23 जनवरी 1986 के फैसले के दिन को याद करते हुए कहा, ‘तीनों दोषियों को मौत की सजा की खबर देने के लिए हमने तिहाड़ जेल स्थित अदालत कक्ष से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक प्रोविजन स्टोर तक रिले दौड़ लगाई, क्योंकि वही सबसे नजदीक जगह थी, जहां लैंडलाइन फोन मौजूद था।’’

चटर्जी प्रोविजन स्टोर तक पहुंचने के लिए आखिरी पड़ाव पर दौड़े। स्टोर के मालिक को पहले ही बता दिया गया था कि वह चटर्जी को टेलीफोन उपलब्ध करा दे।

एक अन्य पूर्व सहकर्मी अमिता शाह ने कहा कि चटर्जी एक संपूर्ण पेशेवर व्यक्ति थे, जो युवाओं को भी प्रोत्साहित करते थे।

वर्ष 2018 में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद चटर्जी ने एएनआई और यूएनआई के साथ कुछ समय तक काम किया।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

इस बीमारी ने निगल ली वरिष्ठ पत्रकार चंद्रिका मागो की जिंदगी

‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ (TOI) और ‘द मिंट’ (The Mint) में अपनी भूमिका निभा चुकीं चंद्रिका मागो इन दिनों ‘मिंट लाउंज’ (Mint Lounge) के साथ जुड़ी हुई थीं।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 29 November, 2023
Last Modified:
Wednesday, 29 November, 2023
Chandrika Mago

वरिष्ठ पत्रकार चंद्रिका मागो (Chandrika Mago) का निधन हो गया है। वह लंबे समय से कैंसर से जूझ रही थीं।

‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ (TOI) और ‘द मिंट’ (The Mint) में अपनी भूमिका निभा चुकीं चंद्रिका मागो इन दिनों ‘मिंट लाउंज’ (Mint Lounge) के साथ जुड़ी हुई थीं। यहां वह कॉपी एडिटर्स की टीम का नेतृत्व कर रही थीं।  

चंद्रिका मागो के निधन पर तमाम पत्रकारों ने शोक जताते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है। बता दें कि चंद्रिका मागो जाने-माने आर्टिस्ट प्रो. प्राण नाथ मागो की बेटी थीं।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

जाने-माने फोटो जर्नलिस्ट जवेरीलाल मेहता का निधन

साहित्य, शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए जवेरीलाल मेहता को वर्ष 2018 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 28 November, 2023
Last Modified:
Tuesday, 28 November, 2023
javerilal Mehta

जाने-माने फोटो जर्नलिस्ट जवेरीलाल मेहता का निधन हो गया है। करीब 97 वर्षीय जवेरीलाल मेहता उम्र संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे।

उन्होंने सोमवार को अहमदाबाद में अपनी एक पुत्री के यहां आखिरी सांस ली। उनके परिवार में पत्नी, एक पुत्र और तीन पुत्रियां हैं। जवेरीलाल मेहता का अंतिम संस्कार मंगलवार को होगा।

सुरेंद्रनगर जिले के हलवद के मूल निवासी जवेरीलाल मेहता ने कई दशक तक प्रमुख दैनिक ‘गुजरात समाचार’ (Gujarat Samachar) के लिए काम किया था।

साहित्य, शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ष 2018 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

‘लाउड इंडिया टीवी’ अब लाया ‘The Great Stars Of India’, यूं होगा खास

इस कार्यक्रम का पहला एपिसोड 26 नवंबर को दोपहर दो बजे प्रसारित होगा, प्रस्तोता और प्रश्नकर्ता की भूमिका में नजर आएंगे वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 23 November, 2023
Last Modified:
Thursday, 23 November, 2023
Loud India TV

डिजिटल चैनल ‘लाउड इंडिया टीवी’ (Loud India TV) 26 नवंबर से 'द ग्रेट स्टार्स ऑफ इंडिया' नाम से एक नए तरह का कार्यक्रम लेकर आ रहा है। इसका पहला एपिसोड रविवार की दोपहर दो बजे प्रसारित होगा। इसके बाद प्रत्येक शनिवार और रविवार को इसी समय पर यह कार्यक्रम प्रसारित होगा।

इस कार्यक्रम के प्रस्तोता और प्रश्नकर्ता वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय हैं। कार्यक्रम में पहले अतिथि पद्मश्री डॉ. मोहसिन वली हैं, जिन्होंने पहली बार अपनी जिंदगी को लेकर तथा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से जुड़े संस्मरण साझा किए हैं। संतोष भारतीय ने बताया कि प्रसिद्ध लेखिका ममता कालिया और वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोक दीप तमाम जाने-माने नाम इस कड़ी में जुड़ने वाले हैं।

बता दें कि ‘लाउड इंडिया टीवी’ ऐसा डिजिटल चैनल है, जिसने यूटूब पर देश-विदेश के मुद्दों पर लाइव कार्यक्रम कर देश में एक नए ट्रेंड की शुरुआत की।

संतोष भारतीय के अनुसार, ‘लाउड इंडिया टीवी’ के शुरुआती कार्यक्रमों में से एक, 'द ग्रेट जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया' था, जिसके तहत वर्ष 2021 में देश के 69 प्रमुख पत्रकारों और संपादकों से बातचीत बहुत ज्यादा चर्चित रही। पहली बार लोगों को लगा कि जर्नलिस्ट भी स्टार हो सकते हैं।’ इस कार्यक्रम की कल्पना भी संतोष भारतीय ने ही की थी।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

जानिए, क्यों सूर्यकुमार यादव बतौर कप्तान अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस को देख रह गए हैरान

सूर्यकुमार यादव ने बतौर कप्तान अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसे शायद ही वह कभी भूल पाएं।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 23 November, 2023
Last Modified:
Thursday, 23 November, 2023
SuryaKumar85120

भारत और ऑस्ट्रेलिया का विश्व कप 2023 के फाइनल के बाद एक बार फिर से सामना होगा। भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच 23 नवंबर यानी आज से पांच मैचों की टी20 सीरीज खेली जाएगी। सीरीज का पहला मैच विशाखापट्टनम में आयोजित होगा। इस सीरीज के लिए भारत ने सूर्यकुमार यादव को कप्तान बनाया है। इसके साथ ही पूरी टीम बदल दी है। वर्ल्ड कप के बाद इस टी20 सीरीज के लिए सीनियर प्लेयर्स को आराम दिया गया है।  

वहीं, इस मैच से पहले सूर्यकुमार यादव ने बतौर कप्तान अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसे शायद ही वह कभी भूल पाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिर्फ दो पत्रकार ही पहुंचे और इस वजह से महज 3.32 मिनट में खत्म करनी पड़ी। वैसे यहां आपको बता दें कि वर्ल्ड कप के फाइनल की आखिरी कॉन्फ्रेंस में करीब 200 पत्रकार पहुंचे थे।

बतौर कप्तान सूर्यकुमार यादव भी प्रेस कॉन्फ्रेंस को देखकर हैरान रह गए। इस प्रेस कॉन्‍फ्रेंस को अटेंड करने वाले एक पत्रकार ने खुद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी शेयर की है। वहीं जियो सिनेमा ने भी आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर 3.32 मिनट पीसी के बारे में बताया है। 

इस दौरान सूर्यकुमार यादव ने कहा कि ये सीरीज टी20 वर्ल्ड कप के नजरिये से बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने बताया कि मैंने साफ शब्दों में खिलाडि़यों से कहा है कि निडर होकर खेलो और टीम की मदद के लिए सब करो। वह आईपीएल में कर चुके हैं और काफी घरेलू क्रिकेट भी खेला है। सपोर्ट स्‍टाफ से सुना है कि वे अच्छे फॉर्म में हैं। मैंने उनसे सिर्फ एक बात कही है कि बीच में एन्जॉय करो, कुछ अलग मत करो। 

वर्ल्ड कप हारने को लेकर सूर्यकुमार ने कहा कि फाइनल में हारना स्पष्ट रूप से निराशाजनक है। हालांकि जब आप पीछे के सफर पर नजर डालेंगे तो वह वाकई में शानदार था। हमने जिस तरह खेला, उस पर हर खिलाड़ी, स्टाफ और पूरे भारत को गर्व है। वर्ल्ड कप में हमने जैसा क्रिकेट खेला, हम वास्तव में उस पर गर्व कर सकते हैं। हालांकि अभी इस हार से उबरने में वक्त लगेगा।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

SC ने 'द वायर' के संपादकों के खिलाफ मानहानि याचिका पर सुनवाई 13 फरवरी तक की स्थगित

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 'द वायर' के संपादक और उप संपादक के खिलाफ समन को रद्द करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ जेएनयू की पूर्व प्रोफेसर अमिता सिंह की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 22 November, 2023
Last Modified:
Wednesday, 22 November, 2023
SC45

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 'द वायर' के संपादक और उप संपादक के खिलाफ समन को रद्द करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ जेएनयू की पूर्व प्रोफेसर अमिता सिंह की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है। याचिका में कथित तौर पर दावा किया गया था कि अमिता सिंह ने एक डोजियर तैयार किया था, ज‍िसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) को 'संगठित सेक्स रैकेट का अड्डा' कहा गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने यह कहते हुए सुनवाई 13 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी कि इस मुद्दे पर सुनवाई के लिए समय की जरूरत है।

अमिता सिंह ने 2016 में शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया गया था कि अप्रैल 2016 में 'द वायर' के उप संपादक अजॉय आशीर्वाद महाप्रस्थ द्वारा लिखे गए एक लेख का शीर्षक था 'डोजियर कॉल जेएनयू 'डेन ऑफ ऑर्गेनाइज्ड सेक्स रैकेट'; स्टूडेंट्स, प्रोफेसर्स एलीज हेट कैंपेन', इसमें कहा गया कि उन्होंने एक डोजियर तैयार किया है, जिसमें जेएनयू को संगठित सेक्स रैकेट के अड्डे के रूप में दर्शाया गया है।

अमिता सिंह ने अपनी मानहानि शिकायत में आरोप लगाया कि संपादक ने डोजियर की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की और इसका इस्तेमाल अपनी पत्रिका के मौद्रिक लाभ के लिए किया।

उन्‍होंने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने उसके खिलाफ घृणा अभियान शुरू कर दिया है। 2017 में, उनकी शिकायत के बाद, दिल्ली की एक अदालत द्वारा 'द वायर' के संपादक सिद्धार्थ भाटिया और उप संपादक अजॉय आशीर्वाद के खिलाफ एक समन आदेश जारी किया गया था।

हालांकि, मार्च 2023 में, दिल्ली हाई कोर्ट ने समन आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसे सिंह के खिलाफ मानहानिकारक माना जा सके।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए

मुख्य सूचना आयुक्त ने दी जानकारी, 90% RTI शिकायतों का हुआ निपटारा

सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर अपील और शिकायतों के निस्तारण की दर इस वित्त वर्ष में 90 प्रतिशत से अधिक हो गई है

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Monday, 20 November, 2023
Last Modified:
Monday, 20 November, 2023
DrJitendraKumar5120

सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर अपील और शिकायतों के निस्तारण की दर इस वित्त वर्ष में 90 प्रतिशत से अधिक हो गई है। छह नवंबर को मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) पद की शपथ लेने वाले हीरालाल सामरिया ने रविवार को केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ बैठक के दौरान यह बात कही।

कार्मिक मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, एक घंटे की बैठक के दौरान सामरिया ने मंत्री जितेंद्र सिंह को सूचित किया कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) अपील और शिकायतों की निस्तारण दर चालू वित्त वर्ष में पहली बार 90 प्रतिशत से अधिक हो गई है।

सिंह ने आरटीआई अपील के निस्तारण में वृद्धि के साथ लंबित मामलों में लगातार गिरावट के लिए केंद्रीय सूचना आयोग की सराहना की।

बयान के अनुसार, 9 नवंबर, 2023 तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, 11,499 आरटीआई अपील/शिकायतों का निस्तारण किया गया, जबकि कुल 12,695 आवेदन प्राप्त हुए थे। इस प्रकार निस्तारण दर 90.5 प्रतिशत हो गई है।

इसमें कहा गया कि 2022-23 में कुल 19,018 अपील, 2021-22 में कुल 19,604 अपील और 2020-21 में कुल 19,183 आरटीआई अपील दायर की गई थीं। बयान में कहा गया कि 2022-23 में निस्तारित की गईं आरटीआई अपील का आंकड़ा 29,210 था, 2021-22 में 28,793 अपील का निस्तारण किया गया और 2020-21 में कुल 17,017 अपील का निस्तारण किया गया।

इसमें कहा गया कि सिंह ने आरटीआई के अध्ययन, विश्लेषण और स्वरूप के साथ ही आरटीआई आवेदकों की साख की जांच करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करने वाला पहला सरकारी निकाय होने के लिए मुख्य सूचना आयोग के कार्यालय की सराहना भी की।

न्यूजलेटर पाने के लिए यहां सब्सक्राइब कीजिए