लंबे समय से बीमार चल रहे अशोक माथुर ने जयपुर में ली अंतिम सांस, बीकानेर के मेडिकल कॉलेज को सौंपी जाएगी उनकी पार्थिव देह
बीकानेर के वरिष्ठ पत्रकार अशोक माथुर का निधन हो गया है। करीब 72 वर्षीय अशोक माथुर लंबे समय से बीमार चल रहे थे। रविवार की देर रात जयपुर में उन्होंने अंतिम सांस ली।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अशोर माथुर ने देहदान का संकल्प लिया हुआ था। ऐसेमेंउनकी पार्थिव देह को बीकानेर के सरदार पटेल मेडिकल कॉलेज को सौंपा जाएगा।
आठ अगस्त 1952 को जन्मे अशोक माथुर लंबे समय तक ‘लोकमत’ अखबार के संपादक रहे थे। बीकानेर के तमाम पत्रकारों ने उनके नेतृत्व में ही मीडिया में अपने करियर की शुरुआत की थी और पत्रकारिता के गुर सीखे थे।
अशोक माथुर के निधन पर तमाम पत्रकारों और शुभचिंतकों ने शोक जताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी है और ईश्वर से शोक संतप्त परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति देने की प्रार्थना की है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाना सिर्फ सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि मीडिया और अखबारों की भी अहम भूमिका है।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाना सिर्फ सरकार की ही जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि मीडिया और अखबारों की भी अहम भूमिका है। उन्होंने मीडिया से अपील की कि यदि सरकार में कोई गड़बड़ी नजर आए, तो उसे बेझिझक उजागर करें, लेकिन साथ ही अच्छे कार्यों को भी सराहना मिलनी चाहिए।
सरकार की आलोचना करें, लेकिन सकारात्मक खबरें भी दिखाएं
रविवार को नागपुर में एक कार्यक्रम में बोलते हुए बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने कहा कि यदि उनके मंत्रालय में कोई गड़बड़ी होती है, तो उसे भी मीडिया को बिना किसी दबाव के उजागर करना चाहिए। उन्होंने कहा, "मान्यता और सम्मान आपके व्यक्तित्व से नहीं, बल्कि आपके चरित्र और गुणों से मिलता है। आजकल अच्छा काम करने के बाद आपको कोई नहीं पूछता। कई बार अच्छा काम होने के बावजूद उसे नजरअंदाज कर दिया जाता है, जबकि नकारात्मक खबरें सुर्खियों में छा जाती हैं।" गडकरी के अनुसार, समाज में बदलाव लाने के लिए यह जरूरी है कि अच्छे कार्यों को भी प्रमुखता मिले। साथ ही जो गलत है उसके बारे में जागरूकता भी होनी चाहिए।
गड़बड़ी करने वालों पर होगी सख्त कार्रवाई
गडकरी ने कहा कि उनके मंत्रालय में यदि कोई ठेकेदार या टोल ऑपरेटर गड़बड़ी करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में दोषियों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा या फिर कानूनी कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया जाएगा।
यदि मेरी भी गलती हो, तो खुलकर आलोचना करें
मीडिया से संवाद करते हुए गडकरी ने कहा, "यदि सरकार में कुछ गलत हो रहा है, तो पत्रकारों को बिना झिझक उसकी आलोचना करनी चाहिए। यदि मेरे मंत्रालय में भी कोई गड़बड़ी मिले, तो खुलकर उजागर करें। यदि गलती मेरी होगी, तो मेरी भी कड़ी आलोचना करें।" उन्होंने कहा कि सरकार की जवाबदेही जनता के प्रति होती है और वही उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है।
वह पुणे में विभिन्न सामाजिक और परोपकारी कार्यों से भी जुड़ी रहीं। विशेष रूप से, वह बाल कल्याण संस्था से सक्रिय रूप से जुड़ी थीं, जो दिव्यांग बच्चों के कल्याण के लिए काम करने वाला एक ट्रस्ट है।
महाराष्ट्र के प्रतिष्ठित पवार परिवार की सम्मानित सदस्य और ‘सकाल मीडिया ग्रुप’ (Sakal Media Group) के चेयरमैन व एमडी प्रताप पवार की पत्नी भारती प्रताप पवार का सोमवार को पुणे में निधन हो गया। वह 77 वर्ष की थीं।
भारती पवार के निधन से न सिर्फ पवार परिवार, बल्कि राज्य के मीडिया और सांस्कृतिक समुदाय में भी शोक की लहर है। उनके निधन को एक अपूरणीय क्षति के रूप में देखा जा रहा है।
भारती पवार को उनकी शालीनता और गरिमामय उपस्थिति के लिए जाना जाता था। उन्होंने सकाल मीडिया ग्रुप की विरासत के निर्माण में पर्दे के पीछे अहम भूमिका निभाई और संगठन की मजबूती में योगदान दिया।
वह पुणे में विभिन्न सामाजिक और परोपकारी कार्यों से भी जुड़ी रहीं। विशेष रूप से, वह बाल कल्याण संस्था से सक्रिय रूप से जुड़ी थीं, जो दिव्यांग बच्चों के कल्याण के लिए काम करने वाला एक ट्रस्ट है। उनके योगदान ने कई जरूरतमंद बच्चों को सहायता और संबल प्रदान किया।
भारती पवार के निधन पर राजनीतिक गलियारे से लेकर सामाजिक जगत से जुड़े तमाम लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। उनका अंतिम संस्कार पुणे में किया गया, जहां परिजन, सहयोगी और शुभचिंतक बड़ी संख्या में शामिल हुए। सभी ने उन्हें एक सशक्त महिला, परिवार की मुखिया और निःशब्द रहकर भी समाज में बदलाव लाने वाली प्रेरणास्रोत के रूप में याद किया।
यह कार्यक्रम 21 मार्च को हार्मनी हॉल में दोपहर 1:00 बजे से 4:00 बजे तक आयोजित किया गया, जिसमें वरिष्ठ पत्रकार एवं मीडिया विशेषज्ञ केजी सुरेश ने एक प्रेरणादायक व्याख्यान दिया।
क्वांटम यूनिवर्सिटी के मीडिया स्टडीज विभाग द्वारा माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल के पूर्व कुलगुरु और भारतीय जनसंचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक प्रो (डॉ) केजी सुरेश के सम्मान में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम 21 मार्च को हार्मनी हॉल में दोपहर 1:00 बजे से 4:00 बजे तक आयोजित किया गया, जिसमें वरिष्ठ पत्रकार एवं मीडिया विशेषज्ञ केजी सुरेश ने एक प्रेरणादायक व्याख्यान दिया।
इसके बाद, विश्वविद्यालय के नए मीडिया लैब का भव्य उद्घाटन किया गया, जिसे उनके सम्मान में समर्पित किया गया है। प्रो सुरेश प्रसिद्ध पत्रकार, मीडिया शिक्षाविद एवं नीति विशेषज्ञ हैं, जिन्होंने पत्रकारिता और जनसंचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
दशकों लंबे अपने करियर में, उन्होंने देश में मीडिया शिक्षा और पत्रकारिता को नई दिशा देने में अहम भूमिका निभाई है। इस कार्यक्रम में क्वांटम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. डॉ. विवेक कुमार, क्वांटम स्कूल ऑफ बिजनेस के निदेशक प्रो. डॉ. मनीष श्रीवास्तव, और मीडिया स्टडीज विभाग के प्रमुख श्री रवि शंकर उपाध्याय ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। छात्रों और संकाय सदस्यों को संबोधित करते हुए, प्रो सुरेश ने आधुनिक मीडिया परिदृश्य, पत्रकारिता में नैतिकता, और सोशल मीडिया के प्रभाव जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि युवा मीडिया पेशेवरों को तकनीक और जिम्मेदार पत्रकारिता के बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए। व्याख्यान के बाद, मीडिया स्टडीज विभाग के छात्रों ने डिजिटल पत्रकारिता, मल्टीमीडिया स्टोरीटेलिंग, डॉक्यूमेंट्री फिल्म निर्माण और न्यू मीडिया तकनीकों से जुड़े अपने नवाचारी प्रोजेक्ट्स प्रस्तुत किए।
इस प्रदर्शनी के माध्यम से छात्रों को प्रो सुरेश और अन्य गणमान्य अतिथियों से बहुमूल्य सुझाव और मार्गदर्शन प्राप्त करने का अवसर मिला। कार्यक्रम का सबसे महत्वपूर्ण क्षण ‘केजी सुरेश मीडिया लैब’ का उद्घाटन रहा, जिसे मीडिया शिक्षा में उनके अपार योगदान के सम्मान में स्थापित किया गया है।
यह अत्याधुनिक लैब छात्रों को ब्रॉडकास्ट पत्रकारिता, वीडियो प्रोडक्शन, डिजिटल कंटेंट क्रिएशन और मीडिया अनुसंधान का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेगी, जिससे वे उद्योग की बदलती आवश्यकताओं के अनुरूप खुद को तैयार कर सकेंगे। उद्घाटन समारोह में, प्रो केजी सुरेश ने अपनी कृतज्ञता व्यक्त की और आलोचनात्मक सोच, पत्रकारिता की सत्यनिष्ठा और तकनीकी अनुकूलन को मीडिया छात्रों के लिए अत्यंत आवश्यक बताया।
इस पहल के साथ, क्वांटम यूनिवर्सिटी ने उद्योग-संबंधित, तकनीकी रूप से उन्नत और नैतिक रूप से सशक्त मीडिया शिक्षा प्रदान करने की अपनी प्रतिबद्धता को पुनः सिद्ध किया। ‘केजी सुरेश मीडिया लैब’ की स्थापना विश्वविद्यालय के मीडिया शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में देखी जा रही है, जो भविष्य के पत्रकारों और मीडिया विशेषज्ञों को तैयार करने में सहायक होगी।
प्रमोद कुमार ने दिल्ली के 'करंट न्यूज़ पेपर' और राजस्थान के 'दा पुलिस पोस्ट' अखबार में भी अपनी सेवाएं दीं और अलवर समेत राजस्थान से जुड़ी अहम खबरों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया।
राजस्थान के अलवर निवासी वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद कुमार ने अपने 15 वर्षों के पत्रकारिता सफर में कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य किया है। हाल ही में उन्होंने राजस्थान के न्यूज़ चैनल "सच बेधड़क" को अलविदा कह दिया, जहां रिपोर्टर के रूप में उन्होंने 7 महीनो तक महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं।
प्रमोद कुमार ने सच बेधड़क न्यूज़ के एडिटर-इन-चीफ विनायक शर्मा के नेतृत्व में काम करते हुए पत्रकारिता के कई अहम पहलू सीखे और डिजिटल हेड रवि मीणा, इनपुट हेड गिरीश उपाध्याय, एसोसिएट एडिटर मनोहर विश्नोई, लाल सिंह फौजदार, विवेक श्रीवास्तव सहित पूरी टीम का आभार व्यक्त किया। राजस्थान मे फरवरी 2025 में लॉन्च हुए सेटेलाइट न्यूज़ चैनल 'नेशन 27' को उन्होंने बतौर विशेष संवाददाता ज्वाइन किया है। इस दौरान अपनी रिपोर्ट एडिटर नीरज मेहरा को करेंगे।
इससे पहले, वे ज़ी न्यूज़ में 6 साल संवाददाता के रूप में कार्यरत रहे और लगभग 5 साल तक TV9 भारतवर्ष में रिपोर्टर के पद पर रहे। इसके अलावा, वे फर्स्ट इंडिया न्यूज़ और न्यूज़ इंडिया से भी जुड़े रहे और राजस्थान की आवाज़ को मुखरता से उठाया। प्रमोद कुमार ने दिल्ली के 'करंट न्यूज़ पेपर' और राजस्थान के 'दा पुलिस पोस्ट' अखबार में भी अपनी सेवाएं दीं और अलवर समेत राजस्थान से जुड़ी अहम खबरों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। उनके नए सफर के लिए ढेरों शुभकामनाएं।
भारत में टेलीविजन और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में हो रहे बदलावों पर चर्चा करने के लिए ‘SATCAB SYMPOSIUM 2025’ का आयोजन दिल्ली स्थित भारत मंडपम में किया गया।
भारत में टेलीविजन और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में हो रहे बदलावों पर चर्चा करने के लिए ‘SATCAB SYMPOSIUM 2025’ का आयोजन नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन ‘जी एंटरटेनमेंट’ (Zee Entertainment) और ‘इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन’ (IBW) द्वारा 20 मार्च 2025 को भारत मंडपम (हॉल नंबर 4, टेक्नोलॉजी स्टेज) में किया गया।
इस कार्यक्रम में ‘भारत एक्सप्रेस’ के सीएमडी एवं एडिटर-इन-चीफ उपेन्द्र राय ने मीडिया के बदलते स्वरूप और AI की भूमिका को लेकर अपने विचार रखे। इस सेशन को लक्ष्य मीडिया ग्रुप के निदेशक अविनाश पांडेय ने मॉडरेट किया।
तकनीक के साथ बदले कालखंड: उपेन्द्र राय ने कहा, ‘सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में आने वाले समय में परिदृश्य बदलने वाला है। 1959 में भारत में टेलीविजन आया, लेकिन 1975 तक केवल सात शहरों तक इसकी पहुंच थी। 1982 में पहली बार भारत ने कलर टीवी पर तस्वीरें देखीं, और इसके बाद तकनीकी बदलाव की गति तेज हो गई।’ उन्होंने मानव सभ्यता के विकास को सात अलग-अलग कालखंडों में विभाजित करते हुए बताया कि कैसे तकनीक और नवाचार ने हमें आगे बढ़ाया।
आठवां कालखंड AI का है: उपेन्द्र राय ने कहा, ‘अब हम आठवें कालखंड में हैं, जो AI का युग है। हमारे पास अनंत संभावनाएं हैं। AI के माध्यम से हजारों डॉट्स को जोड़कर नई चीजों का निर्माण हो सकता है। अमेरिका की टॉप-10 कंपनियों के CEO भारतीय मूल के हैं, जो दिखाता है कि हमारा देश तकनीकी क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।‘
छोटी चिप में बदल जाएगा मोबाइल: AI और डिजिटल तकनीक के भविष्य पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, ‘भविष्य में मोबाइल का स्वरूप पूरी तरह बदल जाएगा। एक छोटी चिप हमारे हाथ में होगी, जिसे जब चाहें लगा सकते हैं और जब चाहें निकाल सकते हैं। यह वर्चुअल इंटरेक्शन को नया आयाम देगा। स्पेसएक्स का स्टारलिंक सैटेलाइट पहले ही वर्चुअल कम्युनिकेशन की दिशा में क्रांति ला रहा है।‘
उन्होंने 90 के दशक का जिक्र करते हुए कहा, ‘जब मैं BBC रेडियो सुनता था, तब बड़े-बड़े टेप हुआ करते थे। आज वही टेक्नोलॉजी चिप में समा गई है। भविष्य में मोबाइल पूरी तरह चिप में बदल जाएगा और यह एक बटन के आकार का होगा।‘
2050 तक उड़ने वाली कारें- एक नई क्रांति: उन्होंने भविष्य के ट्रांसपोर्ट पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा, ‘आज हम इलेक्ट्रिक व्हीकल की बात कर रहे हैं, लेकिन 2050 तक दुनिया में ड्रोन, हाइड्रो और न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी की मदद से उड़ने वाली कारें बन जाएंगी। आने वाले समय में ट्रांसपोर्टेशन पूरी तरह बदल जाएगा।‘ उन्होंने यह भी बताया कि दुनिया की 550 करोड़ आबादी में से 117 करोड़ भारतीय मोबाइल पर टीवी देखते हैं, और 18-25 वर्ष के 86% युवा अपनी स्क्रीन पर टीवी कंटेंट देखते हैं। यह दर्शाता है कि ट्रेडिशनल टीवी धीरे-धीरे कम हो रहा है और डिजिटल स्क्रीन इसका स्थान ले रही हैं।
AI नौकरियां खत्म नहीं करेगा, बल्कि बढ़ाएगा: उपेन्द्र राय ने AI को लेकर लोगों में फैली भ्रांतियों को दूर करते हुए कहा, ‘AI के कारण 80 करोड़ नौकरियां खत्म होंगी, लेकिन 95 करोड़ नई नौकरियां भी पैदा होंगी। यानी AI रोजगार को घटाएगा नहीं, बल्कि 15 करोड़ अतिरिक्त अवसर पैदा करेगा। यह डर गलत है कि AI इंसानों की जगह ले लेगा।‘
सफलता के लिए जोखिम जरूरी: उपेन्द्र राय ने एलन मस्क का उदाहरण देते हुए कहा, ‘एलन मस्क को स्पेस इंजीनियरिंग का 'S' भी नहीं आता था, लेकिन उन्होंने तीन बार असफल होने के बाद भी हार नहीं मानी। चौथे प्रयास में उन्होंने सफलता हासिल की और नासा ने उन्हें 3 बिलियन डॉलर का पहला कॉन्ट्रैक्ट दिया। वह दिवालिया होने की कगार पर थे, लेकिन उन्होंने समय को बदलने का साहस दिखाया। इतिहास में वही लोग याद किए जाते हैं, जो जोखिम लेने का साहस रखते हैं।‘
AI और तकनीकी परिवर्तन को अपनाकर हम एक सशक्त और समृद्ध समाज बना सकते हैं: उपेन्द्र राय ने अपने संबोधन के अंत में कहा, ‘टेक्नोलॉजी का मूल स्वभाव बदलाव है। आने वाले समय में AI और तकनीकी परिवर्तन समाज और रोजगार पर सकारात्मक प्रभाव डालेंगे। हमें इसे स्वीकार करके एक सशक्त, समृद्ध और अधिक समावेशी समाज की ओर बढ़ना होगा।‘
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (EGI) 28 मार्च 2025 को अपना वार्षिक राजेंद्र माथुर स्मृति व्याख्यान आयोजित करने जा रहा है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (EGI) 28 मार्च 2025 को अपना वार्षिक राजेंद्र माथुर स्मृति व्याख्यान आयोजित करने जा रहा है। यह व्याख्यान प्रसिद्ध पत्रकार राजेंद्र माथुर, जो नवभारत टाइम्स के पूर्व संपादक थे, की स्मृति में शुरू किया गया था।
यह आयोजन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC) के मल्टीपर्पज हॉल, कमलादेवी कॉम्प्लेक्स में आयोजित किया जाएगा। इस वर्ष के व्याख्यान में बोधि ट्री सिस्टम्स के को-फाउंडर और जियोस्टार के वाइस-चेयरमैन उदय शंकर मुख्य वक्ता के रूप में शामिल होंगे।
व्याख्यान का विषय: पत्रकारिता, टेक्नोलॉजी, मीडिया बिजनेस और भविष्य पर विचार
तिथि: 28 मार्च 2025 (शुक्रवार)
समय: शाम 6:30 बजे
स्थान: मल्टीपर्पज हॉल, कमलादेवी कॉम्प्लेक्स, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (IIC), नई दिल्ली
पंजीकरण शुल्क: कोई शुल्क नहीं
इस प्रतिष्ठित व्याख्यान के लिए पंजीकरण लिंक: https://forms.gle/nLWUF4wrRKdkomiDA
शिंदे रीजनल एंटरटेनमेंट और म्यूजिक चैनल्स से जुड़ी रही हैं। उन्हें मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में उल्लेखनीय योगदान के लिए यह मानद उपाधि दी गई है।
मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में अपने उल्लेखनीय योगदान के लिए राजी एम. शिंदे को फ्रांस की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी 'École Supérieure Robert de Sorbon' द्वारा ऑनरेरी डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया है।
करीब दो दशकों से अधिक के करियर में शिंदे ने रीजनल एंटरटेनमेंट और म्यूजिक चैनल्स के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह पहले शोबॉक्स की सीईओ और पीटीसी नेटवर्क की सह-संस्थापक रह चुकी हैं, जहां उन्होंने रीजनल टेलीविजन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया।
इसके अलावा, उन्होंने ‘जी’ (ZEE) के ETC पंजाबी चैनल में बतौर बिजनेस हेड काम किया है और फिलहाल साई मेहर मीडिया (Sai Mehar Media) की सीईओ के रूप में अपनी भूमिका निभा रही हैं।
बताया जा रहा है कि यह आयोजन न केवल सफलता का जश्न होगा, बल्कि भविष्य में और अधिक प्रभावशाली पत्रकारिता करने के लिए टीम का मनोबल भी बढ़ाएगा।
हिंदी न्यूज चैनल जी न्यूज (Zee News) ने हाल के महीनों में अपनी लोकप्रियता में खासी बढ़ोतरी दर्ज की है। लगातार बेहतरीन प्रदर्शन और दर्शकों के बीच अपनी पकड़ को मजबूत करने के जज्बे को बनाए रखने के लिए आज 19 मार्च को नोएडा स्थित गार्डन गैलेरिया में एक भव्य सक्सेस पार्टी का आयोजन किया जा रहा है। यह जश्न चैनल की पूरी टीम के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर होगा, जहां सभी सदस्य एक साथ इस उपलब्धि का जश्न मनाएंगे।
चैनल से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, सीईओ करण अभिषेक और मैनेजिंग एडिटर राहुल सिन्हा के नेतृत्व में ‘जी न्यूज’ ने नई ऊंचाइयों को छुआ है और हर डिपार्टमेंट के सामूहिक प्रयास ने इसे एक सफल न्यूज ब्रैंड के रूप में और भी मजबूत बनाया है। इस सक्सेस पार्टी का उद्देश्य टीम के हर सदस्य को उनकी मेहनत और योगदान के लिए सम्मानित करना और भविष्य की चुनौतियों के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना है।
इस खास मौके पर चैनल के तमाम पत्रकार, संपादकीय टीम, तकनीकी विशेषज्ञ और प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। बताया जा रहा है कि यह आयोजन न केवल सफलता का जश्न होगा, बल्कि भविष्य में और अधिक प्रभावशाली पत्रकारिता करने के लिए टीम का मनोबल भी बढ़ाएगा।
मनीष अवस्थी को यह मानद उपाधि नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान की गई।
वरिष्ठ टीवी पत्रकार और जाने-माने न्यूज एंकर मनीष अवस्थी को फ्रांस की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी 'Ecole Supérieure Robert de Sorbon' द्वारा मास कम्युनिकेशन में ऑनरेरी डॉक्टरेट (मानद उपाधि) से सम्मानित किया गया है। यह उपाधि नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह में प्रदान की गई।
मनीष अवस्थी का तीन दशकों से अधिक का शानदार पत्रकारिता करियर रहा है, जिसमें उन्होंने प्रिंट मीडिया से ब्रॉडकास्ट और डिजिटल मीडिया तक के बदलावों को नजदीक से देखा और समझा। अपने करियर में उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था और राजनीतिक परिदृश्य में आए बड़े बदलावों के साक्षी रहते हुए नए लीडर्स और सितारों के उभरने की कहानियों को भी करीब से कवर किया है।
वह देश-विदेश के बड़े राजनीतिक नेताओं के साथ टीवी डिबेट्स होस्ट कर चुके हैं और अपनी बेबाक व सटीक रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते हैं। उनकी खोजी पत्रकारिता, विश्लेषण और गहरी पड़ताल ने इस क्षेत्र में नए मानक स्थापित किए हैं, जिससे पत्रकारों को अधिक सटीक और प्रभावी ढंग से रिपोर्टिंग करने की प्रेरणा मिली है।
अब अपने व्यापक अनुभव के साथ वह कॉरपोरेट कम्युनिकेशन और वैश्विक एविएशन के क्षेत्र में संभावनाओं को तलाश रहे हैं। उनकी उत्कृष्ट पत्रकारिता और मीडिया में दिए गए अमूल्य योगदान के लिए उन्हें यह प्रतिष्ठित डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की गई है।
पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि राज्य में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाकर उसे सख्ती के साथ लागू किया जाए।
पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष जितेन्द्र बच्चन ने पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर बड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश की योगी सरकार आखिर पत्रकारों की सुरक्षा के मामले में कब गंभीर होगी?
सीतापुर में 8 मार्च को हुई युवा पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की हत्या के मामले को उठाते हुए जितेन्द्र बच्चन का कहना था कि पत्रकार सुरक्षा कानून कई राज्यों में बनाया गया है लेकिन उत्तर प्रदेश में इस तरह का कानून नहीं बन पा रहा है। न ही पत्रकारों के मामले में त्वरित कार्रवाई करने का कोई उदाहरण मिलता है। ऐसे में पत्रकारिता के माध्यम से आजीविका चलाने में आज तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
इसके साथ ही जितेन्द्र बच्चन कहा कि दुखद बात यह है कि खुद पत्रकारिता से जुड़े अधिकतर संस्थान भी अपने संवाददाताओं की सुरक्षा की गारंटी नहीं देते। यह बहुत ही चिंताजनक है। उन्होंने सरकार से तत्काल इस दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग करते हुए कहा कि अगर पत्रकार डर गया और उसकी आवाज दबाई गई तो भ्रष्टाचार की जड़ें और गहरी होंगी। समाज में गुंडों-बदमाशों और भ्रष्टाचारियों की ताकत बढ़ेगी।
एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए जितेन्द्र बच्चन ने कहा कि वर्ष 2017 से 2022 के बीच उत्तर प्रदेश में 12 पत्रकारों की हत्या हुई है। इस दौरान 138 पत्रकारों पर हमले भी हुए हैं। पिछले साल अक्टूबर 2024 में फतेहपुर में एक पत्रकार दिलीप सैनी की भी हत्या कर दी गई थी। जबकि 2020 में कुल 7 पत्रकार- राकेश सिंह, सूरज पांडेय, उदय पासवान, रतन सिंह, विक्रम जोशी, फराज़ असलम और शुभम मणि त्रिपाठी को मौत के घाट उतार दिया गया था। अब 8 मार्च को सीतापुर जिले के युवा पत्रकार राघवेंद्र वाजपेयी की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई। उनके परिवार में बूढ़े मां बाप, पत्नी और दो छोटे बच्चे हैं। इस घटना से पूरे देश के पत्रकारों में भारी रोष है। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पत्रकारों ने प्रदर्शन कर अपना विरोध भी दर्ज कराया है, लेकिन एक सप्ताह बाद भी अपराधी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। अब हर तरफ से एक ही आवाज आ रही है- आखिर पत्रकार ईमानदारी की कीमत कब तक चुकाते रहेंगे?
पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि राज्य में पत्रकार सुरक्षा कानून बनाकर उसे सख्ती के साथ लागू किया जाए। पत्रकार उत्पीड़न की घटनाओं पर रोक लगनी चाहिए। पत्रकारों से जुड़े मामलों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में की जाए। सीतापुर के पत्रकार राघवेन्द्र की विधवा पत्नी को एक करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। साथ ही इस मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों को मृत्यु दंड देने की मांग भी की गई है।