उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बुधवार को सुबह से शाम तक टाइम्स नाउ नवभारत का 'नवभारत नवनिर्माण' मंच सजा रहा। सुबह से एक के बाद एक राजनीतिक दिग्गज इस मंच पर आए।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बुधवार को सुबह से शाम तक टाइम्स नाउ नवभारत का 'नवभारत नवनिर्माण' मंच सजा रहा। सुबह से एक के बाद एक राजनीतिक दिग्गज इस मंच पर आए। राज्य के वर्तमाल मामलों को संबोधित करते हुए और उत्तर प्रदेश के लिए प्रगति के लिए एक रोडमैप तैयार करते हुए इस कॉन्क्लेव में उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ, समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व सीएम अखिलेश यादव, केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य, एआईएमआईएम के अध्यक्ष और सांसद लोकसभा (हैदराबाद निर्वाचन क्षेत्र) असदुद्दीन ओवैसी, बाबा रामदेव और आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद रावण सहित अन्य प्रमुख नेताओं के साथ सहयोगात्मक चर्चा हुई।
स्वागत भाषण देते हुए ‘टाइम्स नेटवर्क’ के एमडी और सीईओ एमके आनंद ने कहा, ‘भारत के सबसे प्रभावशाली समाचार प्रसारण नेटवर्क के रूप में हमने देश के विकास में योगदान देने वाली पहलों का लगातार समर्थन किया है। टाइम्स नाउ नवभारत में हमारा मानना है कि बड़े बदलाव का समय आ गया है। भारत एक लंबी छलांग के लिए तैयार है। हमारा मानना है कि समाचार एक बेहतर समाज के लिए बदलाव ला सकते हैं। एक नया भारत तभी उभरेगा जब महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए जाएंगे और लोगों और उनकी सरकार के बीच संचार का एक भरोसेमंद चैनल स्थापित होगा। नवभारत नवनिर्माण मंच इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है। सम्मेलनों की एक श्रृंखला के माध्यम से, यह मंच विभिन्न राज्यों के लिए पुनरुत्थान के एजेंडे को आकार देने में उत्प्रेरक होगा। हम इस मेगा कॉन्क्लेव की शुरुआत उत्तर प्रदेश चैप्टर के साथ कर रहे हैं, एक ऐसा राज्य जिसने हाल के वर्षों में अपनी आर्थिक उत्पादकता को उन्नत बनाने के प्रयासकिये हैं और मुझे विश्वास है कि यह मंच राज्य की प्रगति के लिए स्थायी समाधान लाने और एक निर्णायक कार्ययोजना को तैयार करने में मदद करेगा।‘

टाइम्स नाउ नवभारत के नवभारत नवनिर्माण मंच से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘2022 में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएंगे। दोबारा चुनकर आउंगा। नोट कर लीजिए। 350 से कम सीटें नहीं आएंगी। अखिलेश 400 सीटों पर पीछे हैं। इसलिए उन्होंने 400 सीट बोल दिया।‘ इस बार के चुनावी मुद्दों पर योगी ने कहा कि विकास और राष्ट्रवाद दोनों मुद्दों को लेकर चुनावी मैदान में जाएंगे। किसानों के मुद्दों पर योगी ने कहा कि 2022 में जब चुनाव में जाएंगे तो यूपी में किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी। विकास के दावों पर उठे विपक्ष के सवालों के बीच मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ‘2017 तक सिर्फ दो एक्सप्रेस-वे बने थे। समाजवादी पार्टी का चेहरा विकास का नहीं था। बहनजी अब सफाई दे रही हैं कि अवसर मिलेगा तो मूर्ति नहीं लगाउंगी। विकास इनके एजेंडे का पार्ट नहीं था। अभी यूपी में पांच एक्सप्रेस-वे पर काम चल रहा है। काम अब बोल रहा है तो विपक्ष को पच नहीं रहा है। पहले के सीएम 11 बजे सो कर उठते थे। हफ्ते में दस मिनट सीएम ऑफिस जाते थे। जनता पर ध्यान नहीं देते थे।‘
मनमाने तरीके से काम करने के अखिलेश के आरोप पर योगी ने कहा, ‘अनैतिक कमाई पर सरकार का बुलडोजर चल रहा है। ताज्जुब होता है कि समाजवादी पार्टी की हमदर्दी जनता के प्रति नहीं है, गुंडे और माफियाओं के प्रति हैं। इसलिए इलेक्शन का एजेंडा उन्होंने सेट कर दिया है। हमारी सहानभूति जनता के प्रति है।‘ अब्बाजान वाले बयानों को लेकर विपक्ष के हमलों पर योगी ने कहा, ‘मुस्लिम वोट चाहिए, लेकिन अब्बाजान से परहेज है। अब्बाजान शब्द असंसदीय नहीं है। किसी को इससे परेशानी नहीं होनी चाहिए। मेरा मैसेज साफ है। जनता समझ रही है। मुझे सिर्फ जनता को समझाना है।‘
यूपी चुनाव में ओवैसी की एंट्री पर सीएम योगी ने कहा, ‘ओवैसी भाग्यनगर से आए हैं तो अपना भाग्य आजमा लें। ओवैसी जैसे लोगों के बोलने से कुछ नहीं होने वाला है। जो तय हो चुका है वही होने वाला है।‘

पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, ‘जनता ने मन बनाया है कि जो पार्टी किसानों का सम्मान करेगी, रोजगार देगी, पिछड़ों दलितों का सम्मान करेगी, सभी को साथ लेकर चलेगी, ऐसे दल को जनता इस बार मौका देने जा रही है। हो सकता है कि जनता 400 सीटें समाजवादी पार्टी को दे दे। समाजवादी पार्टी ने यूपी में नई दिशा दिखाई है। नया यूपी बनाना चाहता हूं। नौजवानों के हाथ में लैपटॉप देना चाहता हूं। अभी नहीं बताएंगे कि क्या करेंगे, घोषणापत्र में लिखेंगे।‘
चुनावी गठबंधन पर अखिलेश यादव ने कहा, ‘मुझे अनुभव मिला है कि बड़े दलों से गठबंधन नहीं करना है, छोटे दलों को साथ लाने की कोशिश होगी। यूपी में अब्बाजान वाले विवाद पर अखिलेश ने कहा कि ये योगी जी के संस्कार हैं। लेकिन उन्हें अलग संस्कार मिले हैं। इसलिए ऐसी भाषा का प्रयोग वो नहीं करते।‘
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, ‘दो सालों में अमेठी में 500 करोड़ रुपये की लागत से सड़कें बनाई गईं। जनता विपक्ष से सवाल पूछेगी कि अगर योगी सरकार विकास कर सकती है तो विपक्षी पार्टियों ने सत्ता में रहते इसे क्यों नहीं किया।‘ स्मृति ईरानी ने यूपी में विकास के दावों को खोखला बता रहे विपक्ष को जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘यूपी में योगी सरकार ने दो करोड़ परिवारों को टॉयलेट दिए। टोटी और टॉयलेट में फंसकर अखिलेश राजनीति कर रहे हैं। हाथ और साइकिल की जोड़ी ने क्या कहर ढाए थे। इसका उदाहरण अमेठी में है।‘ योगी आदित्यनाथ पर राहुल गांधी के हमले का भी स्मृति ईरानी ने जवाब दिया और कहा कि जो देश को तोड़ने की बात कहे। भारत मां के टुकड़े-टुकड़े का ऐलान करे। वो देश के योगियों को निर्देश न ही दे तो अच्छा है।
‘एआईएमआईएम‘ के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, ‘दूसरी पार्टियां मुस्लिमों के वोट लेती थीं। लेकिन मुस्लिमों को फेल कर देती थीं। लेकिन अब मुस्लिम फेल नहीं होंगे, मेरिट में पास भी होंगे।‘ मुस्लिम वोटों की दावेदारी कर रहे ओवैसी ने कहा कि यूपी में अगर किसी समाज के वोट की वैल्यू नहीं है, वो मुसलमान है। यूपी में 19 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है। 9 प्रतिशत यादव आबादी है। लेकिन यादवों का सीएम बन जाता है। मुस्लिम वोट बांटने वाले आरोप पर ओवैसी ने कहा कि मुस्लिम वोट किसी का बंधक नहीं है। ओवैसी ने कहा कि वो यूपी में गठबंधन करने पर चर्चा कर रहे हैं। पार्टी 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। ओवैसी ने यूपी में अपने दो चुनावी टारगेट बताए। पहला टारगेट ज़्यादा से ज़्यादा पार्टी के कैंडिडेट को जिताना और दूसरा टारगेट दोबारा बीजेपी की सरकार ना बने और योगी आदित्यनाथ दोबारा सीएम ना बनें।

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘2014 को 2017 में दोहराया था। एसपी-बीएसपी के गठबंधन के बावजूद 2019 में जीते। 2022 में भी 300 से ज़्यादा सीटें जीतेंगे। सारे विरोधी एक साथ हो जाएंगे तब भी 300 के आंकड़े को पार करेंगे।‘ किसान आंदोलन पर मौर्य ने कहा कि ये किसान आंदोलन नहीं, विपक्ष का आंदोलन है। विपक्ष के आंदोलन का सामना साढ़े चार साल किया और चुनाव में भी कर लेंगे। जिन्हें लगता है कि हम किसान विरोधी हैं तो न घोड़ा दूर है, न मैदान दूर है। सीएम पद की दावेदारी पर मौर्य ने कहा कि योगी आदित्यनाथ जी मुख्यमंत्री हैं और आगे पार्टी तय करेगी तो योगी आदित्यनाथ ही मुख्यमंत्री होंगे। किसी नाराजगी का कोई सवाल नहीं है।
इस प्रक्रिया में पत्रकार, विश्लेषक और तथाकथित विचारक दो हिस्सों में बँटते नज़र आते हैं। कुछ खुलेआम बिक चुके हैं और कुछ व्यूज़, लाइक्स और कमाई की अंधी दौड़ में सेंसेशनलिज़्म के गुलाम बन चुके हैं।
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Samachar4media Bureau
अजय कुमार, वरिष्ठ पत्रकार।
जब इलॉन मस्क के एक्स (X) प्लेटफ़ॉर्म पर यूज़र्स की लोकेशन सार्वजनिक रूप से सामने आई, तब यह भ्रम पूरी तरह टूट गया कि सोशल मीडिया स्वतंत्र विचारों का निष्पक्ष मंच है। उस एक खुलासे ने दिखा दिया कि यह दुनिया कितनी बनावटी, प्रायोजित और खतरनाक हो चुकी है।
चुनाव अमेरिका का था, लेकिन बहस को दिशा देने वाले अकाउंट पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य देशों से संचालित हो रहे थे। अमेरिकी मतदाता इस पूरी डिजिटल बहस से लगभग गायब थे। यही खेल भारत में भी दिखा। बिहार में एसआईआर के पक्ष और विरोध में आवाज़ें म्यांमार, नेपाल और पाकिस्तान से उठती रहीं, जबकि ज़मीनी बिहारी जनता की उपस्थिति नदारद रही।
साफ है कि बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों ने तथाकथित मुक्त अभिव्यक्ति के मंचों पर अपना शिकंजा कस लिया है। जो प्लेटफ़ॉर्म पत्रकारिता को जन-जन तक पहुँचाने का दावा करते थे, वही अब उसे अपने एल्गोरिदम में दबा चुके हैं। इस प्रक्रिया में पत्रकार, विश्लेषक और तथाकथित विचारक दो हिस्सों में बँटते नज़र आते हैं।
कुछ खुलेआम बिक चुके हैं और कुछ व्यूज़, लाइक्स और कमाई की अंधी दौड़ में सेंसेशनलिज़्म के गुलाम बन चुके हैं। यह प्रवृत्ति 2025 की कोई अचानक पैदा हुई बीमारी नहीं है। पिछले एक दशक से टीवी स्टूडियो में चीख-पुकार, टकराव, मारपीट और एंकरों के कुतर्क को ही पत्रकारिता का नाम दिया जाता रहा है।
फर्क बस इतना है कि अब सोशल मीडिया के करोड़ों फ़ॉलोअर्स वाले स्वघोषित पत्रकारों और इंफ्लुएंसर्स ने टीवी के इन पुराने योद्धाओं को भी पीछे छोड़ दिया है। तभी तो टीवी एंकर और संपादक सोशल मीडिया के इन नए सितारों से असहज नज़र आते हैं।
उनकी रोज़ी-रोटी पर सीधी चोट जो पड़ी है। लेकिन 2026 और उसके बाद का दौर और भी दिलचस्प होने वाला है। खबरें पीछे छूट जाएँगी, विश्लेषण बोझ लगेंगे और मंच पर रह जाएगा आत्मप्रचार। बड़े नामों के साथ सेल्फ़ियाँ, महंगी पार्टियाँ, इफ़्तार और शादियों की चमक, रंगीन शामें और खुद का ढिंढोरा पीटती पत्रकारिता- यही नया कंटेंट बनेगा। क्योंकि अब खबर नहीं बिकती, चेहरा बिकता है। आने वाला समय इसी कड़वे सच पर खड़ा होगा।
( यह लेखक के निजी विचार हैं )
iTV नेटवर्क ने 16 और 17 दिसंबर को नई दिल्ली के इम्पीरियल होटल में अपने सालाना राजनीतिक सम्मेलन 'इंडिया न्यूज मंच 2025' का आयोजन किया।
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iTV नेटवर्क ने 16 और 17 दिसंबर को नई दिल्ली के इम्पीरियल होटल में अपने सालाना राजनीतिक सम्मेलन 'इंडिया न्यूज मंच 2025' का आयोजन किया। यह दो दिन का बड़ा राजनीतिक कार्यक्रम था, जिसमें देश की राजनीति से जुड़े कई बड़े नेता एक ही मंच पर नजर आए।
इस कॉन्क्लेव में केंद्र सरकार के 11 केंद्रीय मंत्री और राज्यपाल शामिल हुए। इसके अलावा सभी राजनीतिक दलों से जुड़े 30 से ज्यादा सांसद, कई राज्यों के मंत्री और जाने-माने राजनीतिक प्रवक्ता भी कार्यक्रम का हिस्सा बने। कार्यक्रम में नितिन गडकरी, किरेन रिजिजू, अर्जुन राम मेघवाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, भूपेंद्र यादव, जितेंद्र सिंह, गजेंद्र सिंह शेखावत, रामदास आठवले, मनोहर लाल, मनसुख मांडविया, शांतनु ठाकुर जैसे केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस, सपा प्रमुख अखिलेश यादव, सचिन पायलट, अनुराग ठाकुर, अभिषेक मनु सिंघवी, सुधांशु त्रिवेदी, स्मृति ईरानी, संजय सिंह, रणदीप सुरजेवाला, मनीष तिवारी, कार्ति चिदंबरम, बैजयंत पांडा और दिल्ली सरकार के मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और पंकज सिंह भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
दो दिनों तक चले इस कॉन्क्लेव में 30 से ज्यादा सत्र हुए, जिनमें SIR, दिल्ली का प्रदूषण, जी राम जी बिल और पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। iTV नेटवर्क के संस्थापक और राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा ने कहा कि इंडिया न्यूज और न्यूज X के दर्शकों के लिए पिछले 48 घंटे नेटवर्क की विश्वसनीयता और गंभीर पत्रकारिता का प्रमाण हैं। उन्होंने कहा कि 2025 में यह देश का सबसे बड़ा राजनीतिक कॉन्क्लेव रहा, जिसमें अलग-अलग दलों के केंद्रीय मंत्री, सांसद, राज्यपाल और पूर्व मुख्यमंत्री शामिल हुए।
इंडिया न्यूज मंच का सीधा प्रसारण iTV नेटवर्क के प्रमुख चैनलों इंडिया न्यूज और न्यूज X के साथ-साथ उसके क्षेत्रीय चैनलों पर भी किया गया। कार्यक्रम के सभी सत्र इंडिया न्यूज और न्यूज X के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध हैं। प्रिंट कवरेज के लिए पाठक आज समाज, द डेली गार्जियन, द संडे गार्जियन और newsx.com पर भी खबरें पढ़ सकते हैं।
प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने बुधवार को एक यूट्यूब चैनल को फर्जी खबर फैलाने के लिए नोटिस किया।
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प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो (PIB) की फैक्ट चेक यूनिट ने बुधवार को एक यूट्यूब चैनल को फर्जी खबर फैलाने के लिए नोटिस किया। इस चैनल ने दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक अपना इस्तीफा दे दिया है। PIB ने लोगों से सचेत रहने और ऐसे सनसनीखेज वीडियो या खबरों में न फंसने की अपील की।
PIB फैक्ट चेक यूनिट ने X पर लिखा, "यूट्यूब चैनल '4PMNewsNetwork' के वीडियो थंबनेल में यह दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक इस्तीफा दे दिया है।" फैक्ट चेक यूनिट ने स्पष्ट किया, "यह दावा पूरी तरह से झूठा है। कृपया सतर्क रहें और ऐसी सनसनीखेज खबरों में न फंसें।"

लोगों से अपील की गई कि अगर उन्हें केंद्र सरकार से जुड़ी कोई संदिग्ध जानकारी, वीडियो या फोटो मिले तो वे तुरंत @PIBFactCheck पर भेजें। PIB ने अपना व्हाट्सऐप नंबर (+91 8799711259) और ईमेल (factcheck@pib.gov.in) भी साझा किया है।
? यू-ट्यूब चैनल “4PMNewsNetwork” के एक वीडियो थंबनेल में यह दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।#PIBFactCheck:
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 17, 2025
❌ यह दावा पूर्णतः फर्जी है।
⚠️ कृपया सतर्क रहें। ऐसी सनसनीखेज खबरों के झांसे में न आएं।
? केंद्र सरकार से… pic.twitter.com/MLOjWNa0Rk
साथ ही, PIB ने उसी चैनल की एक और झूठी खबर को भी खारिज किया, जिसमें दावा किया गया था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई इस्तीफों के बाद आपात बैठक बुलाई थी।
अमर उजाला के ‘हरियाणा संवाद’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य के विकास मॉडल, सुधारों और भविष्य की योजनाओं पर खुलकर बात की। आम लोगों में सरकार को लेकर भरोसा बढ़ा है।
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अमर उजाला की ओर से बुधवार को गुरुग्राम के होटल क्राउन प्लाजा में ‘हरियाणा संवाद’ का आयोजन किया गया। ‘हरियाणा स्वर्णिम शताब्दी की ओर’ विषय पर आधारित इस संवाद में देश के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी कई जानी-मानी हस्तियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के पहले सत्र ‘विकसित हरियाणा, स्वर्णिम भविष्य का दृष्टिकोण’ में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने मंच से राज्य के विकास, नीतिगत सुधारों और भविष्य की योजनाओं को विस्तार से रखा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते वर्षों में शासन की कार्यशैली में बड़ा बदलाव आया है। हरियाणा में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के समय से सुधारों की नींव रखी गई, जिससे योजनाएं सीधे अंतिम व्यक्ति तक पहुंचीं और लोगों को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं लगाने पड़े।
सीएम सैनी ने कहा कि पहले सरकारों की घोषणाएं कागजों तक सीमित रह जाती थीं, लेकिन अब योजनाएं जमीन पर दिखाई देती हैं। महिला, किसान, युवा और गरीब सभी वर्गों को इनका लाभ मिला है। उन्होंने बताया कि आज लोगों को यह महसूस होने लगा है कि सरकार वास्तव में उनकी है।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि दुष्प्रचार के जरिए भ्रम फैलाने की कोशिश की गई, लेकिन समय के साथ सच्चाई सामने आ रही है। उन्होंने दावा किया कि आने वाले वर्षों में जनता तथ्यों के आधार पर निर्णय लेगी। नौकरियों के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने बिना पर्ची और बिना खर्चे के युवाओं को सरकारी नौकरी देने का वादा निभाया है।
आचार संहिता के बावजूद योजनाबद्ध तरीके से नियुक्ति प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई और हजारों युवाओं को नियुक्ति पत्र सौंपे गए। उन्होंने भरोसा जताया कि विकास और पारदर्शिता की यह नीति आगे भी जारी रहेगी।
इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2025 में टाइम्स ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर विनीत जैन ने कहा कि भू-राजनीतिक बदलावों के बीच भारत एक स्थिर, निर्णायक और भविष्य उन्मुख शक्ति के रूप में उभर रहा है।
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इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2025 में अपने मुख्य संबोधन के दौरान टाइम्स ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर विनीत जैन ने भारत की मजबूत आर्थिक स्थिति और वैश्विक रणनीतिक भूमिका को रेखांकित किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, नीति-निर्माताओं, उद्योग जगत के प्रमुख नेताओं और अंतरराष्ट्रीय रणनीतिकारों की मौजूदगी में उन्होंने कहा कि आज की दुनिया केवल आपस में जुड़ी हुई नहीं है, बल्कि तेजी से परस्पर निर्भर और प्रतिस्पर्धात्मक भी हो रही है।
विनीत जैन ने कहा कि इस बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत एक ऐसी शक्ति के रूप में उभरा है, जो न केवल स्थिरता प्रदान करता है, बल्कि भविष्य की दिशा भी तय कर रहा है। उन्होंने कहा कि ताजा जीडीपी आंकड़े यह साबित करते हैं कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।
उन्होंने भारत की आर्थिक मजबूती के पीछे संरचनात्मक सुधारों, विनिर्माण क्षेत्र की गति, मजबूत वित्तीय प्रणाली, तेजी से विकसित हो रहे बुनियादी ढांचे और सशक्त उद्यमशीलता को प्रमुख कारण बताया। साथ ही उन्होंने संरक्षणवादी टैरिफ, कच्चे माल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक तनाव जैसे वैश्विक दबावों का जिक्र करते हुए कहा कि इन सबके बावजूद भारत ने स्पष्टता और दृढ़ संकल्प के साथ अपनी आर्थिक दिशा बनाए रखी है।
विनीत जैन ने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति को इसकी बड़ी ताकत बताया, जो देश को सभी प्रमुख वैश्विक शक्तियों के साथ संतुलित संबंध बनाए रखने में सक्षम बनाती है। उन्होंने कहा कि आर्थिक दूरदर्शिता और भू-राजनीतिक समझ का संयोजन ही आने वाले समय की वैश्विक व्यवस्था को परिभाषित करेगा, और भारत इस भूमिका के लिए पूरी तरह तैयार है।
इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2025 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क और परिवहन क्षेत्र से जुड़े कई बड़े फैसलों की घोषणा की। दिल्ली–गुरुग्राम के बीच जाम खत्म करने के लिए 6 लेन टनल बनेगी।
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केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2025 में देश के इंफ्रास्ट्रक्चर और परिवहन सेक्टर को लेकर कई अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि दिल्ली–गुरुग्राम के बीच लगने वाले भीषण जाम से राहत दिलाने के लिए सरकार ने 6 लेन की अत्याधुनिक टनल बनाने का फैसला लिया है।
इस परियोजना के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है और जल्द ही काम शुरू होगा। यह टनल तालकटोरा रोड से गुरुग्राम के बाहर तक निकलेगी।नितिन गडकरी ने यह भी बताया कि दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे का काम पूरा हो चुका है और अगले 15 दिनों में इसे पूरी तरह खोल दिया जाएगा।
इसके बाद दिल्ली से देहरादून का सफर महज 2 घंटे में पूरा हो सकेगा। इससे न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि ट्रैफिक जाम और प्रदूषण में भी बड़ी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि बेहतर हाइवे और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर से पर्यटन, व्यापार, उद्योग और कृषि को जबरदस्त बढ़ावा मिला है।
भारतमाला परियोजना पूरी हो चुकी है और अब देशभर में ग्रीन एक्सप्रेसवे विकसित किए जा रहे हैं। गडकरी ने बताया कि अटल टनल के जरिए लद्दाख–लेह को सालभर कनेक्टिविटी मिली है, जबकि देश में 8 नई टनलों पर काम जारी है। जोजिला टनल का 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है और श्रीनगर क्षेत्र में कुल 36 टनल बनाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे नेटवर्क के विस्तार से लॉजिस्टिक्स लागत 16 प्रतिशत से घटकर 10 प्रतिशत रह गई है। सरकार का लक्ष्य दिसंबर तक रोजाना 60 किलोमीटर सड़क निर्माण का है। साथ ही घटिया काम करने वाले ठेकेदारों और अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई।
परंपरागत पत्रकारिता और नए मीडिया के बीच बहुत अंतर आ चुका है। प्रिंट और टीवी मीडिया गहरे दबाव में हैं। ओटीटी, यू-ट्यूब चैनल और एआई आधारित न्यूज एग्रीगेटर ही चर्चा में हैं।
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Samachar4media Bureau
प्रो.संजय द्विवेदी, माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में जन संचार विभाग के अध्यक्ष और भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक।
2025 का साल डिजिटल ट्रांसफारमेशन के लिए जाना जाएगा। एआई के आगमन ने इन तीव्र परिर्वतनों की आहट दी है। न्यूजरूम में एआई की आमद ने बहुत कुछ बदल दिया है। मीडिया में एआई के बढ़ते प्रयोगों को यह साल दर्ज कर रहा है। पत्रकारों के एक वर्ग में इस परिदृश्य को लेकर गहरी चिंताएं हैं। परंपरागत पत्रकारिता और नए मीडिया के बीच बहुत अंतर आ चुका है।
प्रिंट और टीवी मीडिया गहरे दबाव में हैं। सोशल मीडिया, ओटीटी, यू-ट्यूब चैनल और एआई आधारित न्यूज एग्रीगेटर ही चर्चा में हैं। क्या रहेगा और क्या बचेगा, कहना मुश्किल है। इस साल के आंकड़े बताते हैं कि प्रिंट के पाठक और विज्ञापन दोनों घटे हैं।
2025 में रील,शॉर्ट्स, क्लिक- बेट ने आज की पत्रकारिता को ढंक लिया है। गहराई, शोध और संदर्भ पर केंद्रित पत्रकारिता सहमी हुई नजर आई। व्याख्या, विश्लेषण के दिन ठहरे से नजर आए। हां, ये पॉडकास्ट के दिन हैं, इसमें दो राय नहीं है। क्या चलेगा, क्या नहीं कह नहीं सकते। कुछ भी वायरल हो सकता है।
तथ्य और नैतिकता के मुद्दे लगभग लुप्त होते दिखे। हमारे जैसे मीडिया शिक्षकों के लिए चुनौती है कि वे विद्यार्थियों को किस मीडिया के लिए तैयार करें। मैं लंबे समय से मूल्य आधारित और समाधान परक पत्रकारिता की पैरवी करता रहा हूं। इस वक्त मुझे एल्गोरिदम पर केंद्रित कंटेट क्रिएशन से जूझना होगा।
इस समय पत्रकारिता का वैचारिक और दार्शनिक आधार तथा नए बाजार के मूल्य आमने-सामने हैं। जाहिर है नया साल-2026 इन सवालों के सही और ठोस उत्तरों का साल बनेगा। चीजें ठहरेंगीं और विकल्प सामने आएंगें। मुझे लगता है तथ्यात्मक, संतुलित और जनता के सवालों को उठाने वाली पत्रकारिता की जरूरत तो बनी रहनी चाहिए।
इस हाहाकार में सरकारी नियमन आएंगें और आने भी चाहिए। एआई के साथ एक संतुलित रिश्ता और सहअस्तित्व कायम होगा, इसमें दो राय नहीं है। संभव है कि सारे रूटीन काम एआई के जिम्मे चले जाएं किंतु पत्रकारिता और विचार का क्षेत्र बचा ही रहेगा।
एआई अंततः एक टूल की तरह हमारा सेवक बनकर काम करेगा, ऐसी उम्मीद 2026 से करनी चाहिए। यह साल तय करेगा कि हम बाजार के अनुचर बनेंगें या समाज के मार्गदर्शक। उम्मीद की जानी चाहिए कि इस समुद्र मंथन से अमृत निकलेगा जो पत्रकारिता को संभावनाओं का साल बनाएगा। ऐसे में भारतीय पत्रकारिता के लिए यह समय परीक्षा की घड़ी भी है। मीडिया संपादकों- प्रबंधकों का विवेक सही मायने में कसौटी पर है।
( यह लेखक के निजी विचार हैं )
यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी। इस कदम के साथ ही मार्च 2025 के राज्य बजट में की गई घोषणा को अब औपचारिक रूप मिल गया है।
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Samachar4media Bureau
छत्तीसगढ़ सरकार ने वरिष्ठ मीडिया कर्मियों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें दी जाने वाली सम्मान निधि की मासिक राशि 10 हजार रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दी है। जनसंपर्क विभाग की संशोधित अधिसूचना 1 दिसंबर 2025 को छत्तीसगढ़ राजपत्र (असाधारण) में प्रकाशित हो चुकी है।
यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2025 से प्रभावी होगी। इस कदम से मार्च 2025 के राज्य बजट में की गई घोषणा को अब औपचारिक रूप मिल गया है, जब वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने निधि दोगुनी करने का ऐलान किया था।
अधिसूचना में वरिष्ठ मीडिया कर्मी सम्मान निधि नियम-2019 के नियम 4 और 7 में संशोधन किया गया है। आदेश राज्यपाल के नाम से जारी हुआ है और जनसंपर्क सचिव रोहित यादव ने इसे प्रमाणित किया है।
पत्रकार संगठनों ने इस फैसले को वरिष्ठ मीडिया कर्मियों की सामाजिक-आर्थिक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया है। माना जा रहा है कि प्रदेश के तमाम पात्र पत्रकारों को अब बढ़ी हुई राशि का लाभ जल्द मिलना शुरू हो जाएगा।
श्वेता सिंह की टीम को बिहार चुनाव की ग्राउंड कवरेज, जिसमें उनकी पदयात्रा शामिल थी, के लिए इंडिया टुडे ग्रुप की ओर से यह सम्मान मिला है।
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Samachar4media Bureau
हिंदी न्यूज चैनल ‘आजतक’ (AajTak) की प्रोग्रामिंग हेड और ‘गुड न्यूज़ टुडे’ (Good News Today) की मैनेजिंग एडिटर श्वेता सिंह ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट शेयर की है, जिसमें उन्होंने अपनी टीम को इंडिया टुडे ग्रुप का प्रतिष्ठित चेयरमैन अवॉर्ड मिलने पर खुशी जताई है। ग्रुप के 50वें वर्ष के जश्न के बीच यह पोस्ट वायरल हो रही है।
श्वेता सिंह ने फेसबुक पर लिखा, ‘अभी से पांव के छाले ना देखो, अभी यारों सफ़र की इब्तिदा है।’ उन्होंने आगे लिखा, ’इंडिया टुडे ग्रुप के 50वें साल में दो दशक से ज्यादा समय से इस ग्रुप का हिस्सा होने पर गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। पिछले एक साल की शानदार परफॉर्मेंस के लिए मेरी टीम को चेयरमैन अवॉर्ड मिलने पर बहुत खुशी है। बिहार चुनाव कवरेज के लिए 'पदयात्रा' में मैं तो चली, लेकिन पसीना मेरी पूरी टीम ने बहाया।’
बता दें कि इंडिया टुडे ग्रुप अपने 50 वर्ष पूरे होने पर ऐसे आंतरिक सम्मानों के जरिये एंप्लॉयीज की मेहनत को सराह रहा है। यह अवॉर्ड चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी द्वारा व्यक्तिगत रूप से प्रदान किया जाता है। अवॉर्ड में ट्रॉफी, सर्टिफिकेट और राशि शामिल होती है।
श्वेता सिंह लंबे समय से ग्रुप से जुड़ी हुई हैं और स्पेशल प्रोग्रामिंग में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से श्वेता सिंह की टीम को बिहार चुनाव की ग्राउंड कवरेज, जिसमें उनकी पदयात्रा शामिल थी, के लिए यह सम्मान मिला है।
श्वेता सिंह की इस फेसबुक पोस्ट को आप यहां देख सकते हैं।
कार्यक्रम में ‘पहल’ के प्रकाशन से जुड़े विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. पी. शशिकला, विभागाध्यक्ष और शिक्षकगण भी उपस्थित रहे।
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‘बांग्लादेश विजय दिवस’ की पूर्व संध्या पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के जनसंचार विभाग के प्रायोगिक पत्र ‘पहल’ के बांग्लादेश विशेषांक का लोकार्पण विश्वविद्यालय परिसर स्थित भारत रत्न लता मंगेश्कर सभागार में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर बीबीसी के पूर्व वरिष्ठ पत्रकार सलमान रावी, बंगाली एसोसिएशन कालीबाड़ी के महासचिव सलिल चटर्जी और विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. विजय मनोहर तिवारी ने विद्यार्थियों को संबोधित किया। कुलगुरु प्रो. तिवारी ने अध्ययनशीलता और प्रयोगधर्मिता को पत्रकारिता की बुनियाद बताते हुए कहा कि बांग्लादेश का अनुभव यह सिखाता है कि जब लोकतांत्रिक विकल्प कमजोर पड़ते हैं, तब आतंकवाद अपनों को भी नहीं बख्शता।
उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि पत्रकारिता को केवल सूचना का माध्यम नहीं, बल्कि समाज के प्रति उत्तरदायी हस्तक्षेप के रूप में देखें। बीबीसी के पूर्व वरिष्ठ संवाददाता सलमान रावी ने कहा कि आज पत्रकारिता का सबसे बड़ा संकट सतही और सरोकार-विहीन कंटेंट की बाढ़ है। ऐसे समय में शोध, संदर्भ और गहराई ही पत्रकार की विश्वसनीयता तय करेगी।
सलिल चटर्जी ने बांग्लादेश के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद की उम्मीदें कैसे धीरे-धीरे कट्टरता में बदलीं। उन्होंने वहां बंगाली समुदाय के साथ हो रहे अन्याय पर चिंता जताई। कार्यक्रम में ‘पहल’ के प्रकाशन से जुड़े विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए। विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. पी. शशिकला, विभागाध्यक्ष और शिक्षकगण भी उपस्थित रहे। संचालन महक पवानी और मानसी ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन शांतनु सिंह ने प्रस्तुत किया।