डॉ. अनुराग बत्रा की मां श्रीमती ऊषा बत्रा को प्रार्थना सभा में दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

‘BW बिजनेसवर्ल्ड’ के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ और ‘e4m’ ग्रुप के फाउंडर व चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा की माताजी श्रीमती ऊषा बत्रा की याद में दिल्ली में 28 अक्टूबर को प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Tuesday, 29 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 29 October, 2024
Prayer Meeting


‘BW बिजनेसवर्ल्ड’ के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ और ‘एक्सचेंज4मीडिया’ ग्रुप के फाउंडर व चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा की माताजी श्रीमती ऊषा बत्रा की याद में दिल्ली में 28 अक्टूबर को प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया।

दिल्ली में लोदी रोड स्थित ‘इंडिया इंटरनेशनल सेंटर’ (IIC) के मल्टीपर्पज हॉल में 28 अक्टूबर (सोमवार) को अपराह्न तीन बजे से आयोजित इस प्रार्थना सभा में श्रीमती ऊषा बत्रा को श्रद्धांजलि दी गई और उन्हें याद किया गया।

इस प्रार्थना सभा में डॉ. अनुराग बत्रा के परिजन, शुभचिंतक और तमाम मित्र शामिल हुए, जिन्होंने श्रीमती ऊषा बत्रा को याद करते हुए अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और उनकी जिंदगी से जुड़ी कई घटनाओं व यादों का जिक्र किया।

बता दें कि श्रीमती ऊषा बत्रा का 25 अक्टूबर 2024 को देहांत हो गया था। वह लगभग साढ़े 83 वर्ष की थीं और पिछले कुछ दिनों से वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों से जूझ रही थीं। उनका इलाज दिल्ली के एक निजी अस्पताल में चल रहा था, जहां शुक्रवार की सुबह करीब छह बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। 25 अक्टूबर को ओल्ड गुरुग्राम के मदनपुरी स्थित श्मशान घाट में दोपहर करीब 12:30 बजे उनका अंतिम संस्कार किया गया।

श्रीमती ऊषा बत्रा लंबे समय तक शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत रहीं। उन्होंने शिक्षा और शिक्षकों के प्रशिक्षण से संबंधित महत्वपूर्ण संस्थान ‘राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद’ (SCERT), हरियाणा में अपनी जिम्मेदारी निभाई। वह सरकारी स्कूल में प्रधानाचार्य के पद से सेवानिवृत्त हुई थीं। श्रीमती ऊषा बत्रा को उनके स्नेह, दयालुता और आत्मीय व्यक्तित्व के लिए जाना जाता था।

श्रीमती ऊषा बत्रा की श्रद्धांजलि सभा की कुछ तस्वीरें आप यहां देख सकते हैं।

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'पांचजन्य डिजिटल' से जुड़े लेखक और पत्रकार ललित फुलारा

ललित फुलारा पिछले 12 सालों से मीडिया में सक्रिय हैं। वह प्रिंट, टीवी और डिजिटल तीनों माध्यमों में काम कर चुके हैं। साल 2022 में उनका पहला उपन्यास प्रकाशित हुआ था।

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Published - Thursday, 10 July, 2025
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Thursday, 10 July, 2025
lalitfulara

लेखक और पत्रकार ललित फुलारा ने अपने नए सफर की शुरुआत 'पांचजन्य डिजिटल' से की है। यहां उन्हें 'असिस्टेंट एडिटर डिजिटल' पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ललित फुलारा पिछले 12 सालों से मीडिया में सक्रिय हैं। वह प्रिंट, टीवी और डिजिटल तीनों माध्यमों में काम कर चुके हैं। साल 2022 में उनका पहला उपन्यास 'घासी: लाल कैंपस का भगवाधारी' प्रकाशित हुआ था जिसे साहित्य आज तक ने युवा श्रेणी की शीर्ष 10 पुस्तकों में शामिल किया था।

ललित फुलारा ने अपने पत्रकारीय करियर की शुरुआत दैनिक भास्कर के साथ बतौर ट्रेनी सब एडिटर की थी। इसके बाद वह ‘ज़ी न्यूज’ डिजिटल का हिस्सा बन गए और सब एडिटर के तौर पर अपनी सेवाएं दीं। ‘ज़ी न्यूज’ के बाद ललित ने बतौर सीनियर सब एडिटर ‘राजस्थान पत्रिका’ का दामन थाम लिया और इसके नेशनल न्यूज रूम से जुड़ गए।

‘राजस्थान पत्रिका’ के बाद ललित फुलारा ‘नेटवर्क 18’ आ गए। वहां से उन्होंने फिर ‘जी ग्रुप’ में वापसी की। फिर ‘अमर उजाला’ के साथ अपनी नई शुरुआत की और यहां साल 2019 का चुनाव कवर करते हुए, एजुकेशन सेक्शन लीड किया। इसके बाद उन्होंने तीसरी बार 'ज़ी मीडिया' का दामन थामा और यहां तीन साल काम किया।

उत्तराखंड के मूल निवासी ललित फुलारा ने माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय, भोपाल के नोएडा कैंपस से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर किया है। साल 2024 में उन्हें 'समाचार4मीडिया' ने '40 अंडर 40 पुरस्कार' से सम्मानित भी किया था। समाचार4मीडिया की ओर से ललित को अनेक बधाई।

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18 जुलाई को होगा इंडियन एक्सप्रेस का 'एक्सप्रेसो' कार्यक्रम

'एक्स्प्रेसो' का यह सातवां संस्करण राजधानी दिल्ली के ताज महल होटल (लॉन्ग शैम्प, खान मार्केट के सामने) में शाम 6:30 बजे से शुरू होगा।

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Published - Thursday, 10 July, 2025
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Thursday, 10 July, 2025
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इंडियन एक्सप्रेस समूह द्वारा आयोजित बहुप्रतीक्षित ‘एक्स्प्रेसो’ (Expresso) कार्यक्रम, जिसे पहले 13 मई 2025 को आयोजित किया जाना था लेकिन स्थगित कर दिया गया था, अब 18 जुलाई 2025 को आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन HSBC द्वारा प्रस्तुत किया गया है और ताज के सहयोग से आयोजित होगा।

'एक्स्प्रेसो' का यह सातवां संस्करण राजधानी दिल्ली के ताज महल होटल (लॉन्ग चैम्प, खान मार्केट के सामने) में शाम 6:30 बजे से शुरू होगा। इस बार के कार्यक्रम में दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और भारत के पूर्व G20 शेरपा और नीति आयोग के पूर्व चेयरमैन अमिताभ कांत प्रमुख वक्ता होंगे।

बता दें कि ‘एक्स्प्रेसो’ सीरीज अपने विचारोत्तेजक संवाद, नीति-निर्माण पर प्रभाव और देश के वरिष्ठ नेताओं के साथ खुले विमर्श के लिए जानी जाती है। पहले यह कार्यक्रम अप्रत्याशित कारणों से स्थगित कर दिया गया था, लेकिन अब नई तारीख घोषित होने के साथ इसे लेकर एक बार फिर उत्साह देखा जा रहा है।

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WPP Media South Asia की लीडरशिप टीम में उपाली नाग कुमार को मिली बड़ी जिम्मेदारी

WPP अब दक्षिण एशिया में अपने नेटवर्क के भीतर GroupM से WPP Media South Asia में बदलाव को औपचारिक रूप दे रहा है। इस बदलाव के तहत दक्षिण एशिया के लिए विशेष रूप से एक नई लीडरशिप टीम की घोषणा की गई है

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Published - Tuesday, 08 July, 2025
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Tuesday, 08 July, 2025
Upali Nag Kumar

WPP अब दक्षिण एशिया में अपने नेटवर्क के भीतर GroupM से WPP Media South Asia में बदलाव को औपचारिक रूप दे रहा है। यह कदम इस क्षेत्र में कंपनी की रणनीतिक दिशा में बड़े बदलाव का संकेत है।

इस बदलाव के तहत दक्षिण एशिया के लिए विशेष रूप से एक नई लीडरशिप टीम की घोषणा की गई है, जिसका मकसद संचालन में दक्षता बढ़ाना, विभिन्न मार्केट्स में सहयोग को मजबूती देना और WPP की वैश्विक रणनीति के अनुरूप संगठन को ढालना है। इस बदलाव के तहत एग्जिक्यूटिव कमेटी (Executive Committee) में नए लीडर्स को जोड़ा गया है और एक नई WPP Media Leadership Council (WLC) का भी गठन किया गया है।

नई एग्जिक्यूटिव कमेटी में जिन सीनियर लीडर्स को शामिल किया गया है, उनमें उपाली नाग कुमार भी शामिल हैं। वे Wavemaker India और Motivator की चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर (Chief Strategy Officer) हैं और कंज्यूमर इनसाइट्स (consumer insights) तथा मार्केट इंटेलीजेंस के आधार पर स्ट्रैटेजी तैयार करने का काम देखती हैं।

उपाली के पास मीडिया और कम्युनिकेशंस इंडस्ट्री में 25 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने अपने करियर में कंसल्टिंग, स्ट्रैटेजी, डेटा, बिजनेस एनालिटिक्स और मीडिया जैसे क्षेत्रों में काम किया है। उन्होंने Titan Company, Starcom MediaVest, Times Television, UTV और Lowe Lintas जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों में नेतृत्वकारी भूमिकाएं निभाई हैं। साथ ही, करियर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा उन्होंने कंसल्टिंग के क्षेत्र में भी बिताया है।

उपाली का करियर प्रभावशाली रणनीतिक दिशा देने पर केंद्रित रहा है। वे सुनिश्चित करती हैं कि क्लाइंट का मार्केटिंग निवेश सिर्फ कुशल न हो, बल्कि दीर्घकालिक विकास भी सुनिश्चित करे और यह सब डेटा, कंज्यूमर इनसाइट्स और मापन योग्य परिणामों पर आधारित हो।

Wavemaker में उपाली एक विविध ब्रैंड पोर्टफोलियो के लिए रणनीतिक सोच का नेतृत्व करती हैं। वे नवोन्मेषी कम्युनिकेशन फ्रेमवर्क को गहराई से की गई कंज्यूमर रिसर्च के साथ जोड़ती हैं ताकि हर बिजनेस की असली जरूरत को समझा जा सके और उसका असर मार्केट में दिखे। उनका मुख्य फोकस यही रहता है कि क्लाइंट्स की मार्केटिंग रणनीति बिजनेस की असल जरूरतों के अनुरूप हो और स्पष्ट व प्रभावशाली परिणाम दे।

उपाली शिक्षा के क्षेत्र में भी सक्रिय भूमिका निभा रही हैं। वे MICA (Mudra Institute of Communications, Ahmedabad) के Academic Advisory Board की सदस्य हैं। यहां वे अपने इंडस्ट्री अनुभव से भावी मार्केटिंग लीडर्स को दिशा देने का कार्य करती हैं। उपाली खुद भी MICA की पूर्व छात्रा (alumna) हैं और अब संस्थान की रणनीति और मार्केटिंग शिक्षा को दिशा देने में योगदान दे रही हैं।

 

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डॉ. अनुराग बत्रा: जैसे मैंने देखा, जैसे मैंने जाना

उनकी ये भी विशेषता है कि जितनी समृद्ध उनकी अंग्रेजी भाषा है, उतनी ही हिंदी जो उनके लेवल के एंटरप्रेन्योर्स में बिरले ही होती है।

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Published - Tuesday, 08 July, 2025
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Tuesday, 08 July, 2025
Dr Annurag Batra

साल 2006 की एक सुबह मेरी पहली बॉस जयंती रंगनाथन(फीचर एडिटर, अमर उजाला) ने मुझे अपने केबिन में बुलाया और एक विजिटिंग कार्ड दिया, जिस पर लिखा था Anurag Batra, Founder & Editor in Chief, exchange4media.

मैंने उनसे पूछा कि क्या करना है तो बोलीं अतुल जी (अतुल माहेश्वरी, मालिक अमर उजाला) ने दिया है, उनके दोस्त हैं, इनको तुम अपने कॉलम करियर यात्रा में कवर कर लेना।

मैने कॉल कर अनुराग जी से मिलने टाइम लिया और फिर एक दोपहर जब मैं दिल्ली के Connaught Place स्थित एक्सचेंज4मीडिया के ऑफिस पहुंचा तो देखा अनुराग जी कई मैगजीन के साथ अपनी सीट पर बैठे थे। मुझे पसीने से तरबतर देख पहले peon से बोले कि इनको ठंडा पानी पिलाओ। फिर जब मैं उनसे बातचीत करने लगा तो बीच में बोले कि लंच तो किया नहीं होगा अभी, मैंने सिर हिला दिया, तुरंत उन्होंने अपने साथ लंच कराया।

अब यही से शुरू होगी उनकी शख्सियत की बात। मैं एक ट्रेनी पत्रकार था उस वक्त और वो मेरे अखबार के मालिक के खास दोस्त, पर उन्होंने कहीं से भी झलकने नहीं दिया कि वो अतुल जी को जानते हैं, पहले मेरा आतिथ्य किया, फिर हम लोग की करीब दो घंटे लंबी बातचीत। ये मैं दो दशक पुरानी बात कर रहा हूं तब अनुराग जी 40 प्लस थे, वो बातचीत दस दिन बाद उस वक्त के नंबर 1 अखबार अमर उजाला में छपी तो अनुराग जी के पास फोन कॉल्स का अंबार लग गया, एक आम आदमी की तरह वो उस दौरान बहुत खुश हुए और उन्होंने बाकायदा मुझे फोन कर Thank You कहा। इसका उल्लेख इसलिए किया ताकि ये समझा जा सके कि बड़ी हस्ती होने के बावजूद उनमें Gratitude अदा करना हमेशा से रहा है। कई बार IIC में लंच- डिनर के बाद जिस तरह वो वेटर्स का शुक्रिया करते हैं, उससे मैंने भी सीखा कि जीवन में लोगों को Thanks कहना कितनी अच्छी बात है।

उनके एक बड़प्पन का जिक्र और करूंगा, वो हार्ड वर्क और डेडीकेशन का बड़ा सम्मान करते हैं। मुझे याद है कि जब मैंने समाचार4मीडिया में अपना पहला साल पूरा किया और उनसे इंक्रीमेंट की बात की तो उन्होंने मुझे अपने GK वाले घर पर बुलाया और देर रात जब HR को मेरे अप्रेजल की मेल लिख रहे थे तो मुझसे बोले कि मेल मैंने लिख दी है, तुम इंक्रीमेंट अमाउंट खुद फिल कर दो, ऐसा दिल बहुत कम मालिकों पास होता है। मैने उनके साथ दो पारीयों में कुल 6 साल काम किया है पर उनसे दो दशक पुराने मेरे रिश्ते अब परिवारिक है।

कई बार मैं उनसे इस बात से भी नाराज हुआ कि कुछ लोग उन्हें इमोशनल कर पैसा ऐंठ लेते हैं, इस पर वो मुस्कुराते हुए जवाब देते हैं कि मैं तो सिर्फ माध्यम हूं, दिलाने वाला तो ऊपर बैठा है।

उनकी ये भी विशेषता है कि जितनी समृद्ध उनकी अंग्रेजी भाषा है, उतनी ही हिंदी जो उनके लेवल के एंटरप्रेन्योर्स में बिरले ही होती है। हंसमुख और मजाक करने की आदत से युक्त अनुराग जी का सेंस ऑफ ह्यूमर जबरदस्त हे, कई बार स्ट्रेस भरे माहौल को वो अपने सेंस ऑफ ह्यूमर से सुकून भरा बना देते हैं।

नीति जी, प्रार्थना और प्रसन्ना के प्रति उनका असीमित स्नेह कई बार देखा है, आज भी याद है कि प्रार्थना की बुक लॉन्च इवेंट में जब मेरी रिक्वेस्ट पर सुधीर चौधरी जी आए और उस इवेंट को चार चांद लग गए तो इवेंट के बाद उन्होंने मेरे बॉस होने के बावजूद प्रार्थना के  पिता के तौर पर मुझे ढेरों शुक्रिया का व्हाट्सएप मैसेज देर रात भेजा था।

उनकी एक विशेषता और है कि उन्हें दस हजार से भी अधिक लोगों की बर्थडे डेट याद है, वो जिससे भी मिलते है, उससे उसकी जन्मतिथि पूछते हैं और फिर वो उनके दिमाग की हार्ड डिस्क में हमेशा के लिए सेव हो जाती है।

एक बात का उल्लेख जरूरी है, कई बात उन्होंने हार्ड टाइम देखा, कभी आर्थिक तौर पर तो कभी व्यक्तिगत संबंधों के चलते, पर उनकी ऑप्टिमिस्टिक एप्रोच कभी कम नहीं हुई, भगवान पर उन्हें अटूट भरोसा रहता है

आज मीडिया में उनके 25 साल होने पर मैं इतना आश्वस्त होकर कह सकता हूं कि इस दौरान उनकी मेहनत, Ideation और डेडीकेशन ने सब रिकॉर्ड तोड़े हैं, इस मामले में उनका कोई सानी नहीं है। उनके आलोचक जो थोड़े हैं, वो भी आश्वस्त रहे कि वो उन सबको एक दिन खुश कर देंगे और उनके दिमाग में रह भी रहता है कि कैसे वो किसी का कोई भी किसी भी तरह उधार रखेंगे नहीं, समय समय पर वो अपनी भरपूर कोशिश करते हैं कि जिसका जो वाजिब हक है वो उसको मिल जाए।

अंत में मैं यहीं कहूंगा कि सर आप अपनी हेल्थ का ध्यान जरूर रहिए, अब आपको डांटने वाली ऊषा आंटी नहीं है और आप उनको हर दिन मिस भी करते हैं। यारों के यार और मीडिया सर्किल के सबसे दयालु बॉस के तौर पर आपकी ये छवि सदैव बनी रहे। ॐ साईं राम।

(लेखक अभिषेक मेहरोत्रा वरिष्ठ पत्रकार हैं)

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MP Tak की ‘बैठक’ में मध्य प्रदेश की प्रमुख राजनीतिक हस्तियों के साथ संवाद

यह मंच मध्य प्रदेश की राजनीतिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से जुड़ी प्रमुख हस्तियों को एक साथ लाकर शासन, विकास और क्षेत्रीय मुद्दों पर स्पष्ट और सार्थक संवाद स्थापित करने का अवसर प्रदान करता है।

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Published - Tuesday, 08 July, 2025
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Tuesday, 08 July, 2025
MP Tak Channel

‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह का डिजिटल-फर्स्ट न्यूज प्लेटफॉर्म ‘MP Tak’ भोपाल में आठ जुलाई को अपने प्रमुख कार्यक्रम ‘MP Tak बैठक’ का आयोजन कर रहा है। ‘MP Tak’ के अनुसार, यह बैठक ऐसा मंच है जो मध्य प्रदेश की राजनीतिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि से जुड़ी प्रमुख हस्तियों को एक साथ लाकर शासन, विकास और क्षेत्रीय मुद्दों पर स्पष्ट और सार्थक संवाद स्थापित करने का अवसर प्रदान करता है।

इस कार्यक्रम में जिन प्रमुख वक्ताओं को आमंत्रित किया गया है, उनमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल, नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार, उपमुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, खेल और सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग शामिल हैं।

इनके अलावा ओबीसी एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री कृष्णा गौर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता लक्ष्मण सिंह, कांग्रेस विधायक विक्रांत भूरिया, और ओलंपिक हॉकी कांस्य पदक विजेता विवेक सागर भी इस संवाद में भाग लेंगे। बैठक को सांस्कृतिक रंग देने के लिए प्रसिद्ध कवि जानी बैरागी और महेंद्र मधुर भी मंच की शोभा बढ़ाएंगे।

‘Tak चैनल्स’ के मैनेजिंग एडिटर मिलिंद खांडेकर ने इस पहल पर कहा, ‘MP Tak बैठक हमारे उस संकल्प का प्रतीक है, जिसमें हम मध्य प्रदेश के हृदय से उठती आवाज़ों को सामने लाने की कोशिश करते हैं। यह मंच राज्य की राजनीतिक और सांस्कृतिक ज़मीन से जुड़ा है। हमारा उद्देश्य है कि हम सीधे तौर पर प्रमुख नीति निर्माताओं से वे संवाद करें जो आम जनता के लिए मायने रखते हैं। दर्शकों से मिले भरपूर समर्थन से हमें और भी ऐसे मंच बनाने की प्रेरणा मिलती है जो नीति और जनता के बीच सेतु बनें और विश्वसनीय डिजिटल पत्रकारिता के माध्यम से स्थानीय मुद्दों को उजागर करें।’

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मीडिया पर बरसे तेजस्वी यादव, बोले- सरकार के मुखपत्र बन गए हैं अखबार

बिहार में आपराधिक घटनाओं पर हो रही राजनीतिक बयानबाज़ी के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने इस बार मीडिया और अखबारों को सीधे निशाने पर लिया है।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 07 July, 2025
Last Modified:
Monday, 07 July, 2025
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बिहार में आपराधिक घटनाओं पर हो रही राजनीतिक बयानबाज़ी के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने इस बार मीडिया और अखबारों को सीधे निशाने पर लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया ने निष्पक्षता छोड़कर सरकार का मुखपत्र बनना स्वीकार कर लिया है और विपक्ष की आवाज़ को दबाया जा रहा है।

सोशल मीडिया पर वीडियो साझा कर बोला हमला

तेजस्वी ने अपने भाषण का एक 5 मिनट 56 सेकंड का वीडियो एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया और लिखा, "सरकार के मुखपत्र बन गए हैं मीडिया और अखबार! सत्ता के सामने नतमस्तक हो चुकी मीडिया से सच्चाई की अपेक्षा नहीं की जा सकती!" यह बयान उस वक्त आया जब पटना में कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या के बाद राज्य की कानून-व्यवस्था पर सवाल उठने लगे।

मीडिया पर तीखा हमला: "टीटीएम कर रहे हैं कुछ पत्रकार"

पटना में एक सभा के दौरान तेजस्वी ने कहा, "अफसोस है कि कुछ मीडिया संस्थान सत्ता का टीटीएम कर रहे हैं। लगातार तेल मालिश में लगे हुए हैं। ये एजेंडा सेट करते हैं, प्रोपेगेंडा फैलाते हैं। ऐसे ही लोगों ने बिहार और देश को बर्बाद किया है।" उन्होंने स्पष्ट आरोप लगाया कि कुछ अखबार विपक्ष की बातों को जगह नहीं देते।

कायर और पक्षपाती कहे पत्रकार

तेजस्वी ने मीडिया को "कायर" तक कह दिया और याद दिलाया कि लालू और राबड़ी देवी के शासनकाल में विपक्ष की खबरें अखबारों के पहले पन्ने पर छपती थीं, "कहीं चींटी मर जाती थी तो भी खबर बनती थी। लेकिन आज जब बिहार में अपराध बढ़ रहा है, तो ये लोग चुप हैं। ये कायर हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि अगर यही हाल रहा तो वे अपने समर्थकों से कहेंगे कि ऐसे अखबारों का बहिष्कार करें और गांवों में इन अखबारों को पढ़ना बंद कर दें।

पत्रकारिता पर सवाल: “अब पत्रकार नहीं, सत्ता के दलाल”

तेजस्वी यादव ने कहा कि पत्रकारिता अब निष्पक्ष नहीं रही। “अब जर्नलिज्म खत्म हो चुका है। अब पत्रकारों को पत्रकार कहना भी ठीक नहीं, इनके लिए नया नाम सोचना होगा और जब इनका बहिष्कार होगा, तब सच्चाई सामने आएगी।” उन्होंने ये बातें राजद की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कहीं।

मीडिया को चेतावनी: “समझ जाइए, नहीं तो आप भी नहीं बचेंगे”

मीडिया को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा, “मैं आज भी कहता हूं कि सुधर जाइए। अभी लोग सिर्फ मजा ले रहे हैं, लेकिन जब सच्चे सवाल पूछे जाएंगे, जब कोई नहीं बचेगा, तब आप भी नहीं बचेंगे।" उन्होंने नीतीश कुमार पर भी तंज कसते हुए कहा कि जब वे 17 महीने राजद के साथ थे, तब खुद कहते थे कि अखबार में क्या छपता है, सब तो ‘वहीं’ से तय होता है।

विज्ञापन छापने से इनकार पर भी जताई नाराजगी

तेजस्वी ने यह भी दावा किया कि जब उन्होंने विज्ञापन के लिए पैसे दिए, तो कुछ अखबारों ने उनके शब्दों पर आपत्ति जताते हुए विज्ञापन तक छापने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, “जब मोदी जी और उनके आकाओं से लालू यादव नहीं डरे, तो उनका बेटा अखबार वालों से डर जाएगा क्या?”

सियासी लड़ाई में अब मीडिया भी निशाने पर

तेजस्वी यादव का यह हमला ऐसे वक्त पर आया है जब राज्य में कानून-व्यवस्था पर विपक्ष पहले से हमलावर है। लेकिन अब उन्होंने सियासी जंग को मीडिया की निष्पक्षता और पत्रकारिता की जिम्मेदारी पर भी केंद्रित कर दिया है। सवाल यही है- क्या ये बयान एक रणनीतिक दबाव है या एक गंभीर लोकतांत्रिक चिंता?

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मशहूर एंकर और पत्रकार चित्रा त्रिपाठी को मिला ‘बिहार गौरव अस्मिता अवॉर्ड’

चित्रा त्रिपाठी बीते दो दशक से टीवी पत्रकारिता से जुड़ी हुई हैं। बिहार पर की गई उनकी कवरेज अक्सर चर्चा का विषय बनती है। समाचार4मीडिया की ओर से चित्रा त्रिपाठी को अनेक बधाई।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 07 July, 2025
Last Modified:
Monday, 07 July, 2025
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एबीपी न्यूज़ की वाइस प्रेसिडेंट और सीनियर एंकर चित्रा त्रिपाठी को बिहार गौरव अस्मिता अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह अवार्ड राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने दिया। चित्रा त्रिपाठी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट कर इस बात की जानकारी दी है।

उन्होंने लिखा, पटना के ऊर्जा स्टेडियम में 'BIHAR INTERNATIONAL TRADE ORGANISATIONS' के बिहार गौरव कार्यक्रम में बिहार के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान जी द्वारा बिहार गौरव अस्मिता अवॉर्ड पाकर अभिभूत हूँ। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री चिराग़ पासवान और 18 अलग अलग देशों में रहकर बिहार का गौरव बढ़ाने वाले BITO के सदस्य मौजूद रहे। सभी का आभार।

आपको बता दें, चित्रा त्रिपाठी बीते दो दशक से टीवी पत्रकारिता से जुड़ी हुई हैं। बिहार पर की गई उनकी कवरेज अक्सर चर्चा का विषय बनती है। समाचार4मीडिया की ओर से चित्रा त्रिपाठी को अनेक बधाई।

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नोएडा के सेक्टर 18 में टाइम्स स्क्वायर की झलक: लगा शहर का पहला एनामॉर्फिक बिलबोर्ड

नोएडा के सेक्टर-18 में उत्तर भारत का पहला टाइम्स स्क्वायर-प्रेरित एनामॉर्फिक बिलबोर्ड स्थापित किया गया है।

Samachar4media Bureau by
Published - Saturday, 05 July, 2025
Last Modified:
Saturday, 05 July, 2025
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शालिनी मिश्रा, स्पेशल कॉरेस्पोंडेंट, एक्सचेंज4मीडिया ।।

नोएडा के सेक्टर-18 में उत्तर भारत का पहला टाइम्स स्क्वायर-प्रेरित एनामॉर्फिक बिलबोर्ड स्थापित किया गया है। शहर के सबसे व्यस्त व्यावसायिक इलाकों में से एक में लगे इस डिजिटल होर्डिंग को ब्रैंड्स के लिए एक प्रभावशाली, 3D और इमर्सिव कैंपेन लॉन्च जोन के रूप में विकसित किया जा रहा है।

32 फीट X 32 फीट आकार का यह एलईडी स्क्रीन खास तौर पर एनामॉर्फिक फॉर्मेट में डिजाइन किया गया है, जो पारंपरिक आउटडोर विज्ञापन (OOH) से अलग हटकर थ्री-डायमेंशनल इल्यूजन देता है।

फिलहाल यह स्क्रीन टेस्ट मोड में है और उस पर एनिमेटेड भारतीय झंडा लहराते हुए दिखाया जा रहा है, लेकिन कमर्शियल स्लॉट्स की बुकिंग पहले ही शुरू हो चुकी है। सबसे पहले इसका इस्तेमाल 'आईरिस' ब्रैंड ने किया, जिसने अपने प्रीमियम ऑफिस स्पेस के 'मॉनसून कार्निवल' कैंपेन के लिए डिजिटल क्रिएटिव्स दिखाए। जल्द ही एयरटेल और एक प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी अपने कैंपेन इसी स्क्रीन पर लॉन्च करने वाली हैं।

ज्वेलरी, टेक, ऑटो और ओटीटी जैसे सेक्टर्स दिखा रहे रुचि

इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ज्वेलरी, टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल और ओटीटी जैसे सेगमेंट इस फॉर्मेट में सबसे पहले प्रयोग करेंगे। नोएडा अथॉरिटी के एक अधिकारी ने पुष्टि की है कि कई विज्ञापनदाताओं ने दिलचस्पी दिखाई है और जुलाई के मध्य से कैंपेन शुरू होने की संभावना है।

बिलबोर्ड इकोनॉमिक्स: नया फॉर्मेट, नई दरें

एक स्थानीय पब्लिसिटी एजेंसी ने इस स्क्रीन पर एक महीने के स्लॉट के लिए ₹4 लाख की शुरुआती कीमत बताई है, जिसमें हर तीन मिनट पर 15 सेकंड का विज्ञापन शामिल है। हालांकि, लिमिटेड इन्वेंटरी और हाई डिमांड के चलते विज्ञापनदाताओं को तय समय से अधिक बार विज्ञापन दिखने की संभावना है। मीडिया प्लानर्स का मानना है कि जब साइट पर फुटफॉल डेटा स्पष्ट हो जाएगा और मांग बढ़ेगी, तो दरें और भी तेजी से बढ़ सकती हैं।

परंपरागत होर्डिंग्स जैसे डीएनडी फ्लाईवे या सेक्टर 62 के पास आमतौर पर ₹3 लाख से ₹10 लाख प्रति माह तक किराया होता है, जो लोकेशन और साइज पर निर्भर करता है। लेकिन इस डिजिटल स्क्रीन की स्केल और इंटरऐक्टिविटी को देखते हुए इसकी शुरुआती कीमतें काफी प्रतिस्पर्धात्मक रखी गई हैं। मीडिया बायर्स का मानना है कि स्क्रीन को 15 और 30 सेकंड की ब्लॉक्स में मॉनेटाइज किया जाएगा, जिसमें शाम और वीकेंड जैसे पीक ऑवर्स के दौरान प्रीमियम चार्ज लिया जाएगा। लंबे समय के लिए अधिकार लेने की प्रक्रिया नोएडा अथॉरिटी के मीडिया सेल द्वारा संचालित एक औपचारिक टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से की जा रही है।

नोएडा का नया सांस्कृतिक हॉटस्पॉट बनने की तैयारी

जहां अधिकतर आउटडोर विज्ञापन स्थिर और पारंपरिक फॉर्मेट में होते हैं, वहीं यह एनामॉर्फिक एलईडी स्क्रीन डिजिटल स्टोरीटेलिंग और 3D विजुअल्स का अनूठा मिश्रण है, जो आउटडोर मीडिया में नया बेंचमार्क सेट कर रही है। इसे न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर या सियोल के गंगनम डिस्ट्रिक्ट की तर्ज पर बनाया गया है, जो दुनियाभर में इमर्सिव पब्लिक मीडिया अनुभवों के लिए प्रसिद्ध हैं।

यह स्क्रीन नोएडा अथॉरिटी की ₹10 करोड़ की रीडेवलपमेंट परियोजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य 6,500 वर्ग फीट के क्षेत्र को एक पैदल-केवल सांस्कृतिक और मनोरंजन क्षेत्र में बदलना है। इस क्षेत्र में 150 से अधिक लोगों के बैठने की जगह, इंटरऐक्टिव अनुभवों के लिए क्रोमा और वीडियो वॉल, और विशेष प्ले जोन जैसी सुविधाएं शामिल होंगी। अथॉरिटी इस स्थान को सिर्फ ब्रैंडिंग डेस्टिनेशन के रूप में नहीं, बल्कि विजिटर्स के लिए एक सामाजिक जुड़ाव क्षेत्र के तौर पर देख रही है।

शॉपिंग हब्स से घिरे सेक्टर 18 की लोकेशन, मेट्रो कनेक्टिविटी और युवाओं की बढ़ती आवाजाही के चलते यह एनामॉर्फिक बिलबोर्ड भारत के सबसे आकर्षक आउटडोर विज्ञापन स्थलों में से एक बन सकता है।

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कंटेंट क्रिएटर्स के लिए क्रिएटिविटी के साथ नियमों की समझ भी जरूरी: सी. सेंथिल राजन

‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ द्वारा ‘भारतीय विज्ञापन मानक परिषद’ (एएससीआई) के साथ मिलकर मेगा फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया गया।

Samachar4media Bureau by
Published - Friday, 04 July, 2025
Last Modified:
Friday, 04 July, 2025
IIMC FDP

‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (आईआईएमसी) द्वारा शुक्रवार को ‘भारतीय विज्ञापन मानक परिषद’ (एएससीआई) के साथ मिलकर मेगा फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (एफडीपी) का आयोजन किया गया। आईआईएमसी के नई दिल्ली परिसर में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य मीडिया, विज्ञापन, विपणन, कानून और प्रबंधन में विशेषज्ञता रखने वाले विभिन्न संस्थानों के संकाय सदस्यों को जिम्मेदार विज्ञापन, स्व-नियमन और उभरते मीडिया परिदृश्य के सिद्धांतों के प्रति संवेदनशील बनाना था।

कार्यक्रम के शुभारंभ सत्र में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव सी. सेंथिल राजन, आईआईएमसी की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर, एएससीआई की सीईओ और महासचिव मनीषा कपूर और नेस्ले के निदेशक एवं वरिष्ठ उपाध्यक्ष (रणनीति, विपणन एवं संचार) चंदन मुखर्जी ने उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित किया। इस अवसर पर आईआईएमसी के कुलसचिव डॉ. निमिष रुस्तगी भी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सी. सेंथिल राजन ने कंटेंट क्रिएटर्स को विज्ञापन संहिताओं और नैतिक नियमों के आवश्यक ज्ञान से लैस करने के लिए नियमित रूप से ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया । उन्होंने कहा, ‘प्रत्येक कंटेंट क्रिएटर को विज्ञापन को नियंत्रित करने वाले नियमों और विनियमों को समझना चाहिए। आईआईएमसी भारत के सर्वश्रेष्‍ठ संस्‍थानों में से हैं, जो विज्ञापन एवं संचार के क्षेत्र में ग्‍लोबल लीडर्स तैयार कर रहा है और इस तरह की कार्यशाला ऐसे क्रिएटिव माइंड्स के कौशल को निखारती है और उनकी जागरूकता बढ़ाती है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय इस तरह की और अधिक कार्यशालाओं और कार्यक्रमों का समर्थन करते हुए प्रसन्नता अनुभव करेगा, ताकि छात्रों और प्राध्यापकों को विज्ञापन उद्योग की नैतिकता से अवगत कराया जा सके।’ उन्होंने प्रतिभागियों को रचनात्मक क्षेत्रों में उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा मुंबई में Indian Institute of Creative Technology की स्थापना के बारे में भी जानकारी दी।

डॉ. अनुपमा भटनागर ने अपने संबोधन में नैतिक विज्ञापन की शिक्षा पर बल देते हुए प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे इन सीखों को अपनी शिक्षण पद्धति में शामिल करें। उन्होंने कहा, ’हम अपने विद्यार्थि‍यों की रचनात्मक क्षमताओं को निखारने के साथ-साथ उनमें नैतिक मूल्यों की समझ भी विकसित करना चाहते हैं। विद्यार्थि‍यों को यह समझना चाहिए कि अच्छा विज्ञापन क्या होता है और भ्रामक प्रचार से कैसे बचा जाए।’

मनीषा कपूर ने स्व-नियमन की भूमिका और डिजिटल युग में इसके महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ’यह संयुक्त एफडीपी विज्ञापन में उपभोक्ता विश्वास सुनिश्चित करने की दिशा में एएससीआई की प्रतिबद्धता का परिचायक है। प्रशिक्षित प्राध्यापक इन शिक्षाओं को विद्यार्थि‍यों तक पहुंचाएंगे, जो भविष्य के विज्ञापन पेशेवर बनेंगे। हम आईआईएमसी और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ साझेदारी कर गौरवान्वित हैं।’

चंदन मुखर्जी ने जिम्मेदार विज्ञापन और ब्रैंड की विश्वसनीयता बनाए रखने में नैतिकता की भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा, ’विज्ञापन केवल उत्पाद बेचने का माध्यम नहीं है, यह समाज के साथ विश्वास का रिश्ता बनाने का माध्यम है।’

डॉ. निमिष रुस्तगी ने कहा, ’डिजिटल युग में विज्ञापन में नैतिकता की भूमिका पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। उपभोक्ता व्यवहार के आंकड़ों का विश्लेषण कर विज्ञापनदाता जो शक्ति प्राप्त करते हैं, वह उन्हें और अधिक जवाबदेह बनाती है। नैतिकता ही एकमात्र मूल्य है, जो उपभोक्ता कल्याण को बनाए रख सकती है और उनकी स्वायत्तता का सम्मान कर सकती है।’

दिन भर चले इस कार्यक्रम में ’जिम्मेदार विज्ञापन की आवश्यकता’, ’एएससीआई कोड’, ’उत्तरदायी से जिम्मेदार विज्ञापन की ओर’  और ’एएससीआई की उभरती भूमिका’ जैसे विषयों पर ज्ञानवर्धक सत्र आयोजित किए गए, जिससे प्रतिभागियों को विज्ञापन उद्योग में नैतिक मानकों और स्व-नियमन की व्यापक समझ मिली। इन ज्ञानवर्धक सत्रों का संचालन भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) में निदेशक (ऑपरेशंस) डॉ. सहेली सिन्हा ने किया, जिन्होंने प्रतिभागियों को विज्ञापन में स्व-नियमन के सिद्धांतों और प्रथाओं की गहरी समझ प्रदान की।

कार्यक्रम के संबंध में एएससीआई अकादमी की निदेशक नम्रता बचानी ने कहा, ’यह संयुक्त मेगा एफडीपी विज्ञापन में विश्वास बनाए रखने के प्रति एएससीआई की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। कार्यशाला में प्रशिक्षित प्राध्यापक इस ज्ञान को विद्यार्थि‍यों तक पहुंचाएंगे, जो भविष्य के विज्ञापन पेशेवर बनेंगे। हमें इस पहल के लिए आईआईएमसी और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ साझेदारी कर प्रसन्नता हो रही है।’

कार्यक्रम के शुभारंभ सत्र का संचालन आईआईएमसी की सह प्राध्‍यापक डॉ. मीता उज्जैन ने किया और धन्यवाद ज्ञापन एफडीपी के संयोजक प्रो. (डॉ.) प्रमोद कुमार ने दिया। इस कार्यक्रम में भारत के विभिन्न संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले 98 संकाय सदस्यों ने भाग लिया।

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‘IIMC’ और ‘ASCI’ का फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम चार जुलाई को

यह कार्यक्रम विज्ञापन एवं मीडिया शिक्षा में नैतिक अनुशासन, जवाबदेही तथा नियामक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

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Published - Wednesday, 02 July, 2025
Last Modified:
Wednesday, 02 July, 2025
IIMC

‘भारतीय जनसंचार संस्थान’ (IIMC) एवं ‘भारतीय विज्ञापन मानक परिषद’ (ASCI)  द्वारा 4 जुलाई, 2025 को नई दिल्ली स्थित आईआईएमसी परिसर में एक दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया जा रहा है। यह कार्यक्रम विज्ञापन एवं मीडिया शिक्षा में नैतिक अनुशासन, जवाबदेही तथा नियामक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। यह एफडीपी, आईआईएमसी और एएससीआई की उस व्यापक पहल का हिस्सा है, जिसके तहत शिक्षकों को सशक्त किया जाएगा, ताकि वे भावी विज्ञापन पेशेवरों को वैचारिक रूप से सजग, ज़िम्मेदार और नैतिक मूल्यों से परिपूर्ण मार्गदर्शन दे सकें।

कार्यक्रम में भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के संयुक्त सचिव सी. सेन्थिल राजन, आईआईएमसी की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर, एएससीआई की मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं महासचिव मनीषा कपूर सहित कई विशिष्ट अतिथि एवं वरिष्ठ संकाय सदस्य उपस्थित रहेंगे। दिल्ली एवं एनसीआर क्षेत्र के विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों में मीडिया, संचार, विज्ञापन, विधि, प्रबंधन एवं विपणन विषयों का शिक्षण करने वाले लगभग 100 संकाय सदस्य इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।

आईआईएमसी की कुलपति डॉ. अनुपमा भटनागर ने बताया, ‘मीडिया एवं संचार शिक्षा के क्षेत्र में देश का सबसे अग्रणी संस्थान होने के नाते, आईआईएमसी भावी संप्रेषकों में नैतिक जागरूकता एवं सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति प्रतिबद्धता विकसित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। वर्तमान मीडिया परिदृश्य में यह आवश्यक हो गया है कि विज्ञापन पेशेवर न केवल रचनात्मक दृष्टि से समृद्ध हों, बल्कि नैतिक दृष्टिकोण से भी संतुलित हों। एएससीआई के साथ इस साझेदारी के माध्यम से हम शिक्षकों को ऐसे उपकरण एवं ज्ञान प्रदान करना चाहते हैं, जो अगली पीढ़ी में जिम्मेदार विज्ञापन मूल्यों को स्थापित करने के लिए आवश्यक हैं। यह कार्यक्रम शैक्षणिक विमर्श में औद्योगिक मानकों एवं नियामक संरचनाओं के एकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’

’एएससीआई’ की सीईओ एवं महासचिव मनीषा कपूर ने कहा, ’पिछले कुछ दशकों में भारत के मीडिया परिदृश्य का अत्यंत तीव्र विस्तार हुआ है, जिसके साथ-साथ विज्ञापन की मात्रा एवं विविधता में भी व्यापक वृद्धि हुई है। ऐसे समय में उपभोक्ताओं को भ्रामक अथवा गुमराह करने वाली प्रचार सामग्री से सुरक्षित रखने के लिए प्रभावी नियमन आवश्यक है। एएससीआई कोड समय के साथ इंडस्ट्री और उपभोक्ता हितों को ध्यान में रखते हुए विकसित होता रहा है। इस क्रम में हम भारतीय जन संचार संस्थान के साथ मिलकर प्रशिक्षकों को प्रशिक्षण प्रदान करने की इस पहल में सहभागी बनकर अत्यंत प्रसन्न हैं, ताकि वे भावी विज्ञापन विशेषज्ञों एवं नेतृत्वकर्ताओं को तैयार कर सकें।’

कार्यक्रम के संयोजक प्रो. प्रमोद कुमार के अनुसार, ’इस फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में विज्ञापन की नैतिकता, स्वनियमन तंत्र, एएससीआई संहिता, तथा विज्ञापन विमर्श के निर्माण में मीडिया शिक्षकों की भूमिका जैसे विषयों पर विविध सत्र आयोजित किए जाएंगे।’ उन्होंने कहा कि यह आयोजन आईआईएमसी की उस कार्यनीति को सुदृढ़ करता है, जिसके अंतर्गत शैक्षणिक और औद्योगिक सहयोग के माध्यम से विद्यार्थियों को केवल व्यावसायिक उत्कृष्टता ही नहीं, बल्कि नैतिक नेतृत्व के लिए भी तैयार किया जाता है।’

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