तीन अमेरिकी पत्रकारों को किया देश से बाहर, लिया बदला

एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ने का उपचार खोज रही है, तो वहीं दूसरी ओर अमेरिका और चीन अभी भी आपसी मतभेद में उलझे हुए हैं।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 18 March, 2020
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Wednesday, 18 March, 2020
Journalist

एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना वायरस से लड़ने का उपचार खोज रही है, तो वहीं दूसरी ओर अमेरिका और चीन अभी भी आपसी मतभेद में उलझे हुए हैं। दरअसल, चीन ने तीन अमेरिकी अखबारों के पत्रकारों को देश से बाहर कर दिया है।  

फिलहाल, चीन ने जिन तीन अमेरिकी अखबार के पत्रकारों को बाहर रास्ता दिखाया है, उनमें ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’, ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ और ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ शामिल है।

अमेरिकी मीडिया की मानें तो, चीन के विदेश मंत्रालय ने आधी रात को एक बयान जारी कर यह जानकारी दी है, जिसमें कहा गया है कि ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’, ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ और ‘वॉशिंगटन पोस्ट’ के पत्रकार, जिनके 2020 में क्रिडेंशियल समाप्त होने वाले हैं, वे सभी 10 दिन के अंदर अपने प्रेस कार्ड जमा करा दें, उन्हें अब चीन, हांगकांग (Hong Kong) या मकाऊ ( Macao) में काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

मंत्रालय ने चीन में उनके संचालन के बारे में जानकारी की भी मांग की है। अमेरिका में ‘चीनी मीडिया एजेंसियों पर अनुचित प्रतिबंध’ के जवाब में चीन ने ये कदम उठाया है। बयान के मुताबिक, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’, ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’‘वॉशिंगटन पोस्ट’, वॉयस ऑफ अमेरिका और टाइम मैगजीन को चीन में अपने स्टाफ, फाइनेंस, ऑपरेशन और रियल स्टेट के बारे में जानकारी भी घोषित करनी होगी।

बता दें कि फरवरी में ट्रंप प्रशासन ने चीन की पांच बड़ी मीडिया एजंसियों को चीन सरकार की कठपुतली बताया था। इतना ही नहीं सरकार ने इन संस्थानों में काम करने के लिए अमेरिका आने वाले चीन के कर्मचारियों की संख्या को भी सीमित कर दिया था, जिसके जवाब में चीन ने यह कदम उठाया है।

चीनी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका ने जो किया है वह विशेष रूप से चीनी मीडिया संगठनों को टारगेट करने के लिए था। वैचारिक पूर्वाग्रह और कोल्ड वार मानसिकता के कारण ये सब किया गया है।

मालूम हो कि इससे पहले अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो (Mike Pompeo) ने चीन को चेतावानी दी थी कि वो कोरोना (COVID-19) पर अफवाह और गलत खबरें फैलाना बंद करे। पिछले हफ्ते चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक ट्वीट कर कहा था कि हो सकता है इस वायरस को अमेरिकी सेना (US Army) ने वुहान (Wuhan) में छोड़ा हो। उनके इस बयान पर ही पोंपियो ने चीन को चेताया था।

इतना ही नहीं पोंपियो ने विशेषज्ञों और डॉक्टरों को सलाह दी है कि वे इस महामारी को COVID-19 की जगह वुहान वायरस (Wuhan Virus) कह कर संबोधित करें।

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PTI में लंबे समय तक कार्यरत रह चुके वरिष्ठ पत्रकार सुजीत चटर्जी का निधन

प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) के लिए चार दशकों तक सेवाएं देने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुजीत चटर्जी का संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया

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Published - Wednesday, 29 November, 2023
Last Modified:
Wednesday, 29 November, 2023
SUJIT87451

प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया (PTI) के लिए चार दशकों तक सेवाएं देने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुजीत चटर्जी का संक्षिप्त बीमारी के बाद निधन हो गया। वह 65 वर्ष के थे।

चटर्जी ने मंगलवार रात दिल्ली के पीएसआरआई मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल में अंतिम सांस ली, जहां उनका निमोनिया का इलाज चल रहा था। उनके परिवार में उनकी मां, पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं।

वर्ष 2018 में ‘सीनियर एसोसिएट एडिटर’ के पद से सेवानिवृत्त होने से पहले उन्होंने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के दिल्ली स्थित मुख्यालय में ब्यूरो प्रमुख के रूप में भी काम किया था।

राष्ट्रीय ब्यूरो में एक विशेष संवाददाता के तौर पर चटर्जी ने गृह और रक्षा मंत्रालयों सहित कई विभागों को कवर किया था। उन्होंने शीर्ष अदालत की कार्यवाहियों की भी रिपोर्टिंग की थी। वह दिल्ली में 1982 के एशियाई खेलों को कवर करने वाली टीम का हिस्सा थे।

अच्छे संपर्क और विश्वसनीयता रखने वाले चटर्जी संसदीय कार्यवाही कवर करने वाली ‘पीटीआई’ की टीम का भी हिस्सा रहे। उन्होंने विदेश में कई असाइनमेंट किये और प्रधानमंत्री के साथ विदेश दौरे पर भी गये।

चटर्जी का अंतिम संस्कार बुधवार को ग्रीन पार्क स्थित विद्युत शवदाह गृह में किया गया, जहां बड़ी संख्या में पत्रकार और उनके मित्र मौजूद थे।

दिल्ली स्थित पीटीआई न्यूज़ रूम में चटर्जी की याद में एक मिनट का मौन रखा गया।

पीटीआई के सीईओ व प्रधान संपादक विजय जोशी ने चटर्जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह न केवल उनके परिवार, बल्कि पीटीआई परिवार के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है।

जोशी ने एक शोक संदेश में कहा कि ऐसा महसूस हो रहा है जैसे मैंने एक भाई खो दिया है। हम न केवल सहकर्मी थे, बल्कि दोस्त भी थे। पीटीआई में युवाओं का मार्गदर्शन करने के लिए मैं हमेशा उन पर भरोसा कर सकता था। जिस दयालुता के साथ उन्होंने अपने सहयोगियों के साथ व्यवहार किया उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है। 

उन्होंने कहा कि चटर्जी की मधुर आवाज को पीटीआई न्यूज रूम में याद किया जाता रहेगा। उनका निधन न केवल उनके परिवार, बल्कि पीटीआई परिवार के लिए भी एक अपूरणीय क्षति है। 

चटर्जी ने 1980 में पीटीआई के दिल्ली मुख्यालय में ‘सेंट्रल न्यूज डेस्क’ पर अपनी सेवा शुरू की थी। वह पीटीआई की उस तीन-सदस्यीय टीम का हिस्सा थे, जिसने इंदिरा गांधी हत्याकांड की 1985 में तिहाड़ जेल परिसर के अंदर हुई ऐतिहासिक सुनवाई को कवर किया था। टीम के अन्य सदस्य जी सुधाकर नायर और एम शकील अहमद थे। नायर वर्तमान में पीटीआई के कार्यकारी संपादक हैं।

नायर ने 23 जनवरी 1986 के फैसले के दिन को याद करते हुए कहा, ‘तीनों दोषियों को मौत की सजा की खबर देने के लिए हमने तिहाड़ जेल स्थित अदालत कक्ष से एक किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक प्रोविजन स्टोर तक रिले दौड़ लगाई, क्योंकि वही सबसे नजदीक जगह थी, जहां लैंडलाइन फोन मौजूद था।’’

चटर्जी प्रोविजन स्टोर तक पहुंचने के लिए आखिरी पड़ाव पर दौड़े। स्टोर के मालिक को पहले ही बता दिया गया था कि वह चटर्जी को टेलीफोन उपलब्ध करा दे।

एक अन्य पूर्व सहकर्मी अमिता शाह ने कहा कि चटर्जी एक संपूर्ण पेशेवर व्यक्ति थे, जो युवाओं को भी प्रोत्साहित करते थे।

वर्ष 2018 में अपनी सेवानिवृत्ति के बाद चटर्जी ने एएनआई और यूएनआई के साथ कुछ समय तक काम किया।

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इस बीमारी ने निगल ली वरिष्ठ पत्रकार चंद्रिका मागो की जिंदगी

‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ (TOI) और ‘द मिंट’ (The Mint) में अपनी भूमिका निभा चुकीं चंद्रिका मागो इन दिनों ‘मिंट लाउंज’ (Mint Lounge) के साथ जुड़ी हुई थीं।

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Published - Wednesday, 29 November, 2023
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Wednesday, 29 November, 2023
Chandrika Mago

वरिष्ठ पत्रकार चंद्रिका मागो (Chandrika Mago) का निधन हो गया है। वह लंबे समय से कैंसर से जूझ रही थीं।

‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ (TOI) और ‘द मिंट’ (The Mint) में अपनी भूमिका निभा चुकीं चंद्रिका मागो इन दिनों ‘मिंट लाउंज’ (Mint Lounge) के साथ जुड़ी हुई थीं। यहां वह कॉपी एडिटर्स की टीम का नेतृत्व कर रही थीं।  

चंद्रिका मागो के निधन पर तमाम पत्रकारों ने शोक जताते हुए उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी है। बता दें कि चंद्रिका मागो जाने-माने आर्टिस्ट प्रो. प्राण नाथ मागो की बेटी थीं।

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जाने-माने फोटो जर्नलिस्ट जवेरीलाल मेहता का निधन

साहित्य, शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए जवेरीलाल मेहता को वर्ष 2018 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

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Published - Tuesday, 28 November, 2023
Last Modified:
Tuesday, 28 November, 2023
javerilal Mehta

जाने-माने फोटो जर्नलिस्ट जवेरीलाल मेहता का निधन हो गया है। करीब 97 वर्षीय जवेरीलाल मेहता उम्र संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे।

उन्होंने सोमवार को अहमदाबाद में अपनी एक पुत्री के यहां आखिरी सांस ली। उनके परिवार में पत्नी, एक पुत्र और तीन पुत्रियां हैं। जवेरीलाल मेहता का अंतिम संस्कार मंगलवार को होगा।

सुरेंद्रनगर जिले के हलवद के मूल निवासी जवेरीलाल मेहता ने कई दशक तक प्रमुख दैनिक ‘गुजरात समाचार’ (Gujarat Samachar) के लिए काम किया था।

साहित्य, शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए वर्ष 2018 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।

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‘लाउड इंडिया टीवी’ अब लाया ‘The Great Stars Of India’, यूं होगा खास

इस कार्यक्रम का पहला एपिसोड 26 नवंबर को दोपहर दो बजे प्रसारित होगा, प्रस्तोता और प्रश्नकर्ता की भूमिका में नजर आएंगे वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय

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Published - Thursday, 23 November, 2023
Last Modified:
Thursday, 23 November, 2023
Loud India TV

डिजिटल चैनल ‘लाउड इंडिया टीवी’ (Loud India TV) 26 नवंबर से 'द ग्रेट स्टार्स ऑफ इंडिया' नाम से एक नए तरह का कार्यक्रम लेकर आ रहा है। इसका पहला एपिसोड रविवार की दोपहर दो बजे प्रसारित होगा। इसके बाद प्रत्येक शनिवार और रविवार को इसी समय पर यह कार्यक्रम प्रसारित होगा।

इस कार्यक्रम के प्रस्तोता और प्रश्नकर्ता वरिष्ठ पत्रकार संतोष भारतीय हैं। कार्यक्रम में पहले अतिथि पद्मश्री डॉ. मोहसिन वली हैं, जिन्होंने पहली बार अपनी जिंदगी को लेकर तथा राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से जुड़े संस्मरण साझा किए हैं। संतोष भारतीय ने बताया कि प्रसिद्ध लेखिका ममता कालिया और वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोक दीप तमाम जाने-माने नाम इस कड़ी में जुड़ने वाले हैं।

बता दें कि ‘लाउड इंडिया टीवी’ ऐसा डिजिटल चैनल है, जिसने यूटूब पर देश-विदेश के मुद्दों पर लाइव कार्यक्रम कर देश में एक नए ट्रेंड की शुरुआत की।

संतोष भारतीय के अनुसार, ‘लाउड इंडिया टीवी’ के शुरुआती कार्यक्रमों में से एक, 'द ग्रेट जर्नलिस्ट ऑफ इंडिया' था, जिसके तहत वर्ष 2021 में देश के 69 प्रमुख पत्रकारों और संपादकों से बातचीत बहुत ज्यादा चर्चित रही। पहली बार लोगों को लगा कि जर्नलिस्ट भी स्टार हो सकते हैं।’ इस कार्यक्रम की कल्पना भी संतोष भारतीय ने ही की थी।

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जानिए, क्यों सूर्यकुमार यादव बतौर कप्तान अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस को देख रह गए हैरान

सूर्यकुमार यादव ने बतौर कप्तान अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसे शायद ही वह कभी भूल पाएं।

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Published - Thursday, 23 November, 2023
Last Modified:
Thursday, 23 November, 2023
SuryaKumar85120

भारत और ऑस्ट्रेलिया का विश्व कप 2023 के फाइनल के बाद एक बार फिर से सामना होगा। भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच 23 नवंबर यानी आज से पांच मैचों की टी20 सीरीज खेली जाएगी। सीरीज का पहला मैच विशाखापट्टनम में आयोजित होगा। इस सीरीज के लिए भारत ने सूर्यकुमार यादव को कप्तान बनाया है। इसके साथ ही पूरी टीम बदल दी है। वर्ल्ड कप के बाद इस टी20 सीरीज के लिए सीनियर प्लेयर्स को आराम दिया गया है।  

वहीं, इस मैच से पहले सूर्यकुमार यादव ने बतौर कप्तान अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसे शायद ही वह कभी भूल पाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिर्फ दो पत्रकार ही पहुंचे और इस वजह से महज 3.32 मिनट में खत्म करनी पड़ी। वैसे यहां आपको बता दें कि वर्ल्ड कप के फाइनल की आखिरी कॉन्फ्रेंस में करीब 200 पत्रकार पहुंचे थे।

बतौर कप्तान सूर्यकुमार यादव भी प्रेस कॉन्फ्रेंस को देखकर हैरान रह गए। इस प्रेस कॉन्‍फ्रेंस को अटेंड करने वाले एक पत्रकार ने खुद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी शेयर की है। वहीं जियो सिनेमा ने भी आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर 3.32 मिनट पीसी के बारे में बताया है। 

इस दौरान सूर्यकुमार यादव ने कहा कि ये सीरीज टी20 वर्ल्ड कप के नजरिये से बहुत महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने बताया कि मैंने साफ शब्दों में खिलाडि़यों से कहा है कि निडर होकर खेलो और टीम की मदद के लिए सब करो। वह आईपीएल में कर चुके हैं और काफी घरेलू क्रिकेट भी खेला है। सपोर्ट स्‍टाफ से सुना है कि वे अच्छे फॉर्म में हैं। मैंने उनसे सिर्फ एक बात कही है कि बीच में एन्जॉय करो, कुछ अलग मत करो। 

वर्ल्ड कप हारने को लेकर सूर्यकुमार ने कहा कि फाइनल में हारना स्पष्ट रूप से निराशाजनक है। हालांकि जब आप पीछे के सफर पर नजर डालेंगे तो वह वाकई में शानदार था। हमने जिस तरह खेला, उस पर हर खिलाड़ी, स्टाफ और पूरे भारत को गर्व है। वर्ल्ड कप में हमने जैसा क्रिकेट खेला, हम वास्तव में उस पर गर्व कर सकते हैं। हालांकि अभी इस हार से उबरने में वक्त लगेगा।

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SC ने 'द वायर' के संपादकों के खिलाफ मानहानि याचिका पर सुनवाई 13 फरवरी तक की स्थगित

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 'द वायर' के संपादक और उप संपादक के खिलाफ समन को रद्द करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ जेएनयू की पूर्व प्रोफेसर अमिता सिंह की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है।

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Published - Wednesday, 22 November, 2023
Last Modified:
Wednesday, 22 November, 2023
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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 'द वायर' के संपादक और उप संपादक के खिलाफ समन को रद्द करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ जेएनयू की पूर्व प्रोफेसर अमिता सिंह की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी है। याचिका में कथित तौर पर दावा किया गया था कि अमिता सिंह ने एक डोजियर तैयार किया था, ज‍िसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) को 'संगठित सेक्स रैकेट का अड्डा' कहा गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने यह कहते हुए सुनवाई 13 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी कि इस मुद्दे पर सुनवाई के लिए समय की जरूरत है।

अमिता सिंह ने 2016 में शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया गया था कि अप्रैल 2016 में 'द वायर' के उप संपादक अजॉय आशीर्वाद महाप्रस्थ द्वारा लिखे गए एक लेख का शीर्षक था 'डोजियर कॉल जेएनयू 'डेन ऑफ ऑर्गेनाइज्ड सेक्स रैकेट'; स्टूडेंट्स, प्रोफेसर्स एलीज हेट कैंपेन', इसमें कहा गया कि उन्होंने एक डोजियर तैयार किया है, जिसमें जेएनयू को संगठित सेक्स रैकेट के अड्डे के रूप में दर्शाया गया है।

अमिता सिंह ने अपनी मानहानि शिकायत में आरोप लगाया कि संपादक ने डोजियर की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं की और इसका इस्तेमाल अपनी पत्रिका के मौद्रिक लाभ के लिए किया।

उन्‍होंने आरोप लगाया है कि आरोपियों ने उसके खिलाफ घृणा अभियान शुरू कर दिया है। 2017 में, उनकी शिकायत के बाद, दिल्ली की एक अदालत द्वारा 'द वायर' के संपादक सिद्धार्थ भाटिया और उप संपादक अजॉय आशीर्वाद के खिलाफ एक समन आदेश जारी किया गया था।

हालांकि, मार्च 2023 में, दिल्ली हाई कोर्ट ने समन आदेश को यह कहते हुए रद्द कर दिया कि ऐसा कुछ भी नहीं है, जिसे सिंह के खिलाफ मानहानिकारक माना जा सके।

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मुख्य सूचना आयुक्त ने दी जानकारी, 90% RTI शिकायतों का हुआ निपटारा

सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर अपील और शिकायतों के निस्तारण की दर इस वित्त वर्ष में 90 प्रतिशत से अधिक हो गई है

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Published - Monday, 20 November, 2023
Last Modified:
Monday, 20 November, 2023
DrJitendraKumar5120

सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत दायर अपील और शिकायतों के निस्तारण की दर इस वित्त वर्ष में 90 प्रतिशत से अधिक हो गई है। छह नवंबर को मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) पद की शपथ लेने वाले हीरालाल सामरिया ने रविवार को केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के साथ बैठक के दौरान यह बात कही।

कार्मिक मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, एक घंटे की बैठक के दौरान सामरिया ने मंत्री जितेंद्र सिंह को सूचित किया कि सूचना का अधिकार (आरटीआई) अपील और शिकायतों की निस्तारण दर चालू वित्त वर्ष में पहली बार 90 प्रतिशत से अधिक हो गई है।

सिंह ने आरटीआई अपील के निस्तारण में वृद्धि के साथ लंबित मामलों में लगातार गिरावट के लिए केंद्रीय सूचना आयोग की सराहना की।

बयान के अनुसार, 9 नवंबर, 2023 तक उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, 11,499 आरटीआई अपील/शिकायतों का निस्तारण किया गया, जबकि कुल 12,695 आवेदन प्राप्त हुए थे। इस प्रकार निस्तारण दर 90.5 प्रतिशत हो गई है।

इसमें कहा गया कि 2022-23 में कुल 19,018 अपील, 2021-22 में कुल 19,604 अपील और 2020-21 में कुल 19,183 आरटीआई अपील दायर की गई थीं। बयान में कहा गया कि 2022-23 में निस्तारित की गईं आरटीआई अपील का आंकड़ा 29,210 था, 2021-22 में 28,793 अपील का निस्तारण किया गया और 2020-21 में कुल 17,017 अपील का निस्तारण किया गया।

इसमें कहा गया कि सिंह ने आरटीआई के अध्ययन, विश्लेषण और स्वरूप के साथ ही आरटीआई आवेदकों की साख की जांच करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का उपयोग करने वाला पहला सरकारी निकाय होने के लिए मुख्य सूचना आयोग के कार्यालय की सराहना भी की।

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जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट से न्यूज पोर्टल ‘कश्मीर वाला’ के एडिटर को मिली राहत

जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट से न्यूज पोर्टल ‘कश्मीर वाला’ के एडिटर फहाद शाह को जमानत मिल गई है।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Monday, 20 November, 2023
Last Modified:
Monday, 20 November, 2023
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जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट से न्यूज पोर्टल ‘कश्मीर वाला’ के एडिटर फहाद शाह को जमानत मिल गई है। साथ ही कोर्ट ने उनके खिलाफ आतंकी साजिश रचने समेत कई आरोपों को भी खारिज कर दिया है। एडिटर फहाद शाह बीते 21 महीने से जेल में बंद हैं।

हाई कोर्ट के समक्ष एडिटर का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता पी. एन. रैना ने कहा कि हम जमानत में निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन कर रहे हैं। फहद शाह को जेल से बाहर आने में कुछ समय लगेगा। 

उन्होंने कहा कि शाह के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 18 (आतंकवादी साजिश) एवं धारा 121 (देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने) और भारतीय दंड संहिता की धारा 153-बी (राष्ट्रीय-एकीकरण पर प्रतिकूल प्रभाव डालने) के आरोपों को खारिज कर दिया गया।

रैना ने कहा कि जम्मू शाखा की न्यायमूर्ति श्रीधरन और न्यायमूर्ति एम. एल. मन्हास वाली पीठ ने शुक्रवार को इस मामले पर सुनवाई की। उन्होंने कहा कि शाह को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13 (गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देना) के तहत मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। एडिटर के खिलाफ अवैध रूप से विदेशी धन प्राप्त करने के आरोप में भी मुकदमा चलाया जाएगा।

हाई कोर्ट ने अप्रैल में विवादास्पद सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत शाह की हिरासत को रद्द कर दिया था।

शाह को फरवरी 2022 में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में एक मुठभेड़ की कथित तौर पर रिपोर्टिंग के लिए गिरफ्तार किया गया था।

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PM से मिले वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप भंडारी, सौंपी ‘मोदी विजयगाथा’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस खास मुलाकात को लेकर प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर अपने अनुभव शेयर किए हैं।

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Published - Sunday, 19 November, 2023
Last Modified:
Sunday, 19 November, 2023
Pradeep Bhandari PM Modi

वरिष्ठ पत्रकार, लेखक और ‘जन की बात’ (JanKiBaat) के फाउंडर प्रदीप भंडारी ने अपने परिजनों संग पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस बातचीत के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री को अपनी लिखी किताब ‘मोदी विजयगाथा’ (Modi Vijayagatha) 2019 की प्रति भी भेंट की।  

इस मुलाकात को लेकर प्रदीप भंडारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर अपने अनुभव शेयर किए हैं। प्रदीप भंडारी ने 15 नवंबर को अपनी इस पोस्ट में लिखा है, ‘अपने गृह नगर इंदौर में कल शाम मुझे अपने परिवार के साथ माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मिलने का सौभाग्य मिला। अपने बहुत ही व्यस्त कार्यक्रम और व्यापक रोड शो के बावजूद पीएम ने हमें मुलाकात का समय दिया।

इस बातचीत के दौरान उनकी बातों से मुझे काफी प्रेरणा मिली। मैंने पीएम के साथ अपने अनुभव शेयर किए और उन्हें अपनी चुनाव संबंधी पुस्तक 'मोदी विजयगाथा' भेंट की। व्यक्तिगत संबंध स्थापित करने की पीएम की असाधारण क्षमता ही उन्हें दूसरों से अलग करती है। उन्होंने हम सभी के साथ बातचीत की। मैं राष्ट्र के प्रति अपने दृष्टिकोण से मुझे प्रेरित करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त करता हूं।’

गौरतलब है कि देश में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के तहत मध्य प्रदेश में शुक्रवार (17 नवंबर) को वोटिंग हुई। इससे पहले पीएम ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रचार के बीच 14 नवंबर को इंदौर में खुली जीप में जबर्दस्त रोड शो किया था। रोड शो के दौरान बड़ा गणपति से लेकर राजवाड़ा तक बड़ी संख्या में लोग उमड़े थे। 

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दुनिया को अलविदा कह गए ‘The Week’ के पूर्व एडिटर-इन-चार्ज टीआर गोपालकृष्णन

वह 72 वर्ष के थे। ‘टीआरजी’ के नाम से लोकप्रिय टीआर गोपालकृष्णन इस पब्लिकेशन से वर्ष 1983 से 2018 में अपनी सेवानिवृत्ति तक जुड़े रहे थे।

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Published - Wednesday, 15 November, 2023
Last Modified:
Wednesday, 15 November, 2023
TR Gopalakrishnan

'द वीक' (The Week) मैगजीन के पूर्व एडिटर-इन-चार्ज टीआर गोपालकृष्णन का बुधवार की तड़के निधन हो गया है। वह 72 वर्ष के थे।

‘टीआरजी’ के नाम से लोकप्रिय टीआर गोपालकृष्णन इस पब्लिकेशन से वर्ष 1983 से 2018 में अपनी सेवानिवृत्ति तक जुड़े रहे थे। 'द वीक' में अपने करीब 34 साल के कार्यकाल के दौरान इस अंग्रेजी न्यूज मैगजीन को शीर्ष स्थान पर पहुंचाने में उनका अहम योगदान रहा।

‘टीआरजी’ का जन्म दिल्ली में हुआ था और उन्होंने आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। इसके बाद वर्ष 1974 में वह पत्रकारिता के क्षेत्र में आ गए थे। उन्होंने जन संघ पार्टी (अब बीजेपी) द्वारा संचालित ‘मदरलैंड’ (Motherland) अखबार में रिपोर्टर/सब एडिटर के रूप में पहली नौकरी की। इसके बाद उन्होंने ‘This Fortnight’ और ‘Real India’ पब्लिकेशंस के साथ भी काम किया और कुछ समय तक मायानगरी मुंबई को भी कवर किया।  

‘टीजीआर’ पत्रकारिता जगत से जुड़े परिवार से थे। उनके पिता टीवी राजगोपालन एक पत्रकार थे और उनकी मां विजयलक्ष्मी दिल्ली में ‘यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया’ (UNI) में लाइब्रेरियन थीं। बता दें कि ‘टीजीआर’ की पत्नी गीता श्रीनिवासन का भी इसी साल सितंबर में निधन हो गया था।

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