इसी के साथ डोम फिलिप्स की तलाश अब खत्म हो गई है। ब्राजील पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि फिलिप्स के अवशेषों की आधिकारिक तौर पर पहचान कर ली गई है।
कई दिनों से लापता ब्रिटिश पत्रकार डोम फिलिप्स की मौत हो गई है। ब्राजील में अमेजन के वर्षावन क्षेत्र में उनकी लाश के अवशेष मिले हैं। इसी के साथ डोम फिलिप्स की तलाश अब खत्म हो गई है। ब्राजील पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि फिलिप्स के अवशेषों की आधिकारिक तौर पर पहचान कर ली गई है।
बता दें कि पत्रकार डोम फिलिप्स (57) एक आदिवासी विशेषज्ञ ब्रूनो परेरा (41) के साथ पांच जून को अमेजन के वर्षावन क्षेत्र में गायब हो गए थे। उन्हें आखिरी बार जवारी घाटी के प्रवेश के पास जनजातियों के क्षेत्र मेंइटाकोई नदी पर उनकी नाव पर देखा गया था।
दोनों की तलाश के दौरान पुलिस के सामने एक संदिग्ध ने फिलिप्स और परेरा की हत्या की बात कबूली थी। पेलाडो (41) नामक इस मछुआरे का कहना था कि बंदूक से हत्या करने के बाद उसने लाश के टुकड़ों को जंगल में एक दूरस्थ स्थान में दफना दिया था।
गौरतलब है कि ‘द गार्जियन’ और अन्य प्रमुख अंतरराष्ट्रीय समाचार पत्रों में लंबे समय से योगदान देने वाले डोम फिलिप्स एक किताब पर शोध कर रहे थे। वह अमेजन में यहां के आदिवासी लोगों के विकास के बारे में लिख रहे थे।
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संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने शुक्रवार को कहा कि कतर के न्यूज चैनल ‘अल-जजीरा’ की वरिष्ठ संवाददाता शिरीन अबू अक्लेह और उनके साथियों पर इजराइली सैनिकों की ओर से ‘सोच-समझकर लक्षित करके गोलियां’ चलायी गयी थीं और उसने पत्रकार की पिछले महीने हुई हत्या की आपराधिक जांच कराने का अनुरोध किया।
बता दें कि प्रतिष्ठित फलस्तीनी-अमेरिकी रिपोर्टर अबू अक्लेह को वेस्ट बैंक के जेनिन शहर में इजराइली सेना के हमले को कवर करते हुए 11 मई को गोली मारी गयी थी, जिसमें उनकी मौत हो गयी थी।
इजराइल ने पत्रकार को निशाना बनाने से इनकार किया और कहा कि शायद वह फलस्तीन की गोलीबारी की चपेट में आ गयी होंगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैशलेट की प्रवक्ता ने कहा कि उनके कार्यालय ने ‘निगरानी’ की, न कि पूर्ण जांच की, जिसमें उसने गवाहों, विशेषज्ञों और आधिकारिक पत्रों के साथ ही घटनास्थल की तस्वीरों, वीडियो और ऑडियो से सूचना जुटायी है। उसके निष्कर्षों से पता चलता है कि अबू अक्लेह की मौत गोलियां लगने से हुई, जो इजराइली सुरक्षाबलों की ओर से चलायी गयी थीं और सशस्त्र फलस्तीनियों की ओर से की गई अंधाधुंध गोलीबारी से उनकी मौत नहीं हुई थी। गोलीबारी में अक्लेह का एक सहकर्मी भी घायल हो गया था।
प्रवक्ता ने कहा कि यह बहुत निराश करने वाली बात है कि इजराइली प्राधिकारियों ने आपराधिक जांच नहीं की है।
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‘खालसा टेलीविजन लिमिटेड’ ने ब्रिटेन में अपना ब्रॉडकास्ट लाइसेंस सरेंडर कर दिया है। दरअसल, ब्रिटेन में मीडिया पर नजर रखने वाले विभाग ने पाया था कि ‘खालसा टेलीविजन लिमिटेड‘ के चैनल ‘केटीवी’ (KTV) ने खालिस्तानी प्रचार (खालिस्तानी प्रोपेगेंडा) कर प्रसारण नियमों का उल्लंघन किया है। इसके बाद विभाग ने पिछले महीने ‘खालसा टेलीविजन लिमिटेड’ के लाइसेंस के तहत संचालित होने वाले ‘खालसा टीवी‘ (KTV) का लाइसेंस रद करने के लिए एक मसौदा नोटिस जारी किया था।
ब्रिटेन के संचार कार्यालय (Ofcom) ने मंगलवार को कहा कि 26 मई को भेजे गए उसके नोटिस के जवाब में ‘खालसा टेलीविजन लिमिटेड’ ने अपना लाइसेंस सरेंडर कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, संचार कार्यालय ने कहा कि लाइसेंस रद करने से संबंधित नोटिस जारी करने से पहले ‘केटीवी‘ को निलंबन का नोटिस भेजा गया था। यह नोटिस पिछले साल 30 दिसंबर को ‘केटीवी‘ पर प्रसारित 'प्राइम टाइम' कार्यक्रम को लेकर जारी किया गया था।
इस बारे में कार्यालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि नोटिस 'अपराध के लिए प्रोत्साहित करने या उकसाने या अव्यवस्था पैदा करने' की संभावना वाली विषयवस्तु' प्रसारित कर प्रसारण संहिता के उल्लंघन के लिए जारी किया गया था। बयान में कहा गया है, '13 मई 2022 को संचार कार्यालय ने ‘केटीवी‘ चैनल पर हिंसा के लिए उकसाने वाली विषयवस्तु के प्रसारण को लेकर ‘खालसा टेलीविजन लिमिटेड‘ का प्रसारण लाइसेंस रद करने को लेकर एक मसौदा नोटिस जारी किया था। इसके बाद कार्यालय ने लाइसेंस पर रोक लगा दी थी।'
संचार कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, ‘चार साल के भीतर यह तीसरी बार है जब यह चैनल हमारे नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया गया है।‘ बता दें कि ‘केटीवी‘ 31 मार्च से बंद हो गया था, जब संचार कार्यालय ने अपने प्रसारण नियमों के गंभीर उल्लंघन के बाद ‘खालसा टेलीविजन लिमिटेड‘ का लाइसेंस निलंबित कर दिया था।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।रूस ने ब्रिटिश समाचार पत्र ‘द टेलीग्राफ’ की वेबसाइट को एक लेख प्रकाशित करने पर ब्लॉक कर दिया है।
यूक्रेन पर रूस के हमले अभी भी जारी है। इस युद्ध के 115 से अधिक दिन गुजर चुके हैं, लेकिन युद्ध खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस बीच, रूसी अधिकारियों ने ब्रिटिश समाचार पत्र ‘द टेलीग्राफ’ की वेबसाइट को एक लेख प्रकाशित करने पर ब्लॉक कर दिया है। यह जानकारी इंटरनेट अधिकार समूह रोस्कोम्सवोबोदा ने मंगलवार को दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेन के क्षेत्र में रूस के सशस्त्र बलों द्वारा किए गए विशेष सैन्य अभियान के बारे में गलत जानकारी प्रसारित करने के बाद वेबसाइट (Telegraph.co.uk) को बैन कर दिया गया है।
फरवरी में यूक्रेन में सैनिकों को भेजने के बाद से, रूस ने संघर्ष के मीडिया कवरेज पर नकेल कस दी है, विदेशी समाचार आउटलेट्स की वेबसाइटों को अवरुद्ध कर दिया है, जो अपने सैन्य अभियान के बारे में "फर्जी" समाचार फैलाते हैं।
रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण की घोषणा की, जिसे ‘विशेष सैन्य अभियान’ कहा गया। आक्रमण के बाद से ही रूस ने मीडिया कवरेज पर नकेल कसने शुरू दी थी। कई विदेशी न्यूज आउटलेट्स की वेबसाइट्स को बैन कर दिया था। रूस का दावा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय वेबसाइट्स उनके सैन्य अभियान के बारे में ‘फर्जी खबरें’ फैलाते हैं।
हालांकि, ‘द टेलीग्राफ’ ने दावा किया है कि वह पहला ऐसा ब्रिटिश अखबार है, जिसकी वेबसाइट को रूस में बैन किया गया है। लेकिन, बीबीसी की वेबसाइट उन अन्य वेबसाइट्स में से एक थी, जिन्हें यूक्रेन युद्ध के कवरेज के लिए रूस में पहले ही बैन किया जा चुका है।
बैन किए जाने पर द टेलीग्राफ ने कहा कि उसे यूक्रेन पर आक्रमण की अपनी रिपोर्टिंग पर गर्व है और रूस द्वारा प्रेस की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करने के प्रयासों पर खेद है।
इस बीच, रूस के कब्जे वाले यूक्रेन के दक्षिणी क्षेत्र खेरसॉन में एक रूसी टेलीविजन सिग्नल को चालू कर दिया गया, जोकि क्षेत्र पर मास्को के नियंत्रण को मजबूत करने के उद्देश्य से नवीनतम कदम के रूप में प्रतीत होता है।
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नेपाल सरकार ने धनुषा के वरिष्ठ पत्रकार धर्मेंद्र झा को सरकारी न्यूज एजेंसी ‘राष्ट्रीय समाचार समिति’ (RSS) का अध्यक्ष नियुक्त किया है। सोमवार को हुई नेपाल सरकार की मंत्रिपरिषद की एक बैठक में उन्हें अध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला लिया गया है। वे चार तक इस पद पर रहेंगे।
नेपाल में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ज्ञानेंद्र बहादुर कार्की ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी साझा की।
बता दें कि पिछले अध्यक्ष हरिहर अधिकारी 'श्यामल' के चार साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद से यह पद खाली था।
आरएसएस के नवनियुक्त अध्यक्ष धर्मेंद्र झा फेडरेशन ऑफ नेपाली जर्नलिस्ट्स (FNJ) के पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष हैं। पत्रकार झा को मुख्यधारा की नेपाली पत्रकारिता का लंबा अनुभव है और वे नेपाली पत्रकारिता के अनुभवी प्रशिक्षक भी हैं।
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हाल ही में कुछ ऐसी तस्वीरें आई हैं जो कि अफगानिस्तान की हकीकत को दिखाती हैं।
तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पूरे अफगानिस्तान को बहुत ज्यादा आर्थिक और राजनीतिक उथल-पुथल का सामना करना पड़ा है। लगभग एक साल होने को है, लेकिन अफगानिस्तान की स्थिति में कोई सुधार नहीं है। लोग भारी गरीबी का सामना कर रहे हैं। बड़े-बड़े पेशेवरों को तक को अपनी नौकरी के संकट से जूझना पड़ रहा है। हाल ही में कुछ ऐसी तस्वीरें आई हैं जो कि अफगानिस्तान की हकीकत को दिखाती हैं।
दरअसल, जो तस्वीरें सोशल मीडिया के माध्यम से सामने आयी हैं उसके मुताबिक तालिबान शासित अफगानिस्तान में सड़कों पर एक अफगान टीवी एंकर खाना बेचते हुए दिखाया गया है। यह तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है।
हामिद करजई सरकार के साथ काम कर चुके कबीर हकमल ने अपने अधिकारिक ट्विटर अकाउंट से मूसा मोहम्मदी की तस्वीरें साझा की हैं। इन तस्वीरों में नजर आने वाले मूसा मोहम्मदी टीवी एंकर हुआ करते थे, लेकिन अब वो पेट पालने के लिए सड़कों पर स्ट्रीट फूड बेच रहे हैं।
कैप्शन में हकमल ने लिखा कि मोहम्मदी कई सालों से मीडिया इंडस्ट्री का हिस्सा थे, हालांकि, अफगानिस्तान में इस तरह की गंभीर आर्थिक स्थिति है कि उन्हें अब अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए सड़कों पर खाना बेचना पड़ रहा है।
Journalists life in #Afghanistan under the #Taliban. Musa Mohammadi worked for years as anchor & reporter in different TV channels, now has no income to fed his family. & sells street food to earn some money. #Afghans suffer unprecedented poverty after the fall of republic. pic.twitter.com/nCTTIbfZN3
— Kabir Haqmal (@Haqmal) June 15, 2022
आपको बता दें कि मूसा मोहम्मदी ने कई टीवी चैनलों में एक एंकर और रिपोर्टर के रूप में वर्षों तक काम किया है और अब उनके पास अपने परिवार को खिलाने के लिए कोई इनकम नहीं है। वे अब कुछ पैसे कमाने के लिए स्ट्रीट फूड बेचने को मजबूर हैं।
वायरल तस्वीर ने राष्ट्रीय रेडियो और टेलीविजन के महानिदेशक अहमदुल्ला वासिक का ध्यान आकर्षित किया, जिन्होंने ट्वीट किया कि वह अपने विभाग में पूर्व टीवी एंकर को नियुक्त करना चाहते हैं। उनके ट्वीट का जब अनुवाद किया गया तो पता चला कि उन्होंने लिखा, "एक निजी टेलीविजन स्टेशन के प्रवक्ता मूसा मोहम्मदी की बेरोजगारी सोशल मीडिया पर छाई हुई है। वास्तव में राष्ट्रीय रेडियो और टेलीविजन के निदेशक के रूप में मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि हम उन्हें राष्ट्रीय रेडियो और टेलीविजन के ढांचे के भीतर नियुक्त करेंगे। हमें सभी अफगान पेशेवरों की जरूरत है।"
په ټولنیزو رسنیو کې د یوه خصوصي ټلویزیون د ویاند موسی محمدي د بې روزګارۍ انځور ښکته پورته کېږي
— Ahmadullah wasiq (@WasiqAhmadullah) June 15, 2022
چې څومره به رښتیا وي، که واقعيت وي د ملي راډیو ټلوېزیون د رئیس په ټوګه نوموړي ته ډاډ ورکوم چې دملي راډیو ټلويزیون په چوکاټ کې به یې مقرر کړو
موږ ټولو افغان مسلکي کادرونو ته اړتیا لرو pic.twitter.com/w3F2HrVQ1R
बता दें कि जब से तालिबान ने देश पर कब्जा किया है तब से अफगानिस्तान गंभीर आर्थिक, राजनीतिक और मानवीय संकट का सामना कर रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में कई पत्रकारों, विशेषकर महिलाओं ने नौकरी गंवाने के साथ, उन्होंने कई मीडिया संगठनों पर नकेल कसी है। रॉयटर्स के अनुसार, विश्व बैंक ने कहा कि 2021 के अंतिम चार महीनों में अफगानिस्तान की प्रति व्यक्ति आय में एक तिहाई से अधिक की गिरावट आई है।
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रूस-यूक्रेन युद्ध के 100 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक इस युद्ध को लेकर कोई हल नहीं निकल पाया है और रूस यूक्रेन पर लगातार हमले कर रहा है। वहीं, इस बीच खबर है कि यूक्रेन में 3 जून को न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की एक गाड़ी आग की चपेट में आ गई, जिसके चलते उसके दो पत्रकार घायल हो गए और एक ड्राइवर की मौत हो गई।
यह घटना सीविरोडोनेस्क के पास हुई। रॉयटर्स ने बताया है कि फोटोग्राफर अलेक्जेंडर एर्मोचेंको और कैमरामैन पावेल क्लिमोव को सीविरोडोनेस्क के रास्ते में वाहन में आग लगने के बाद मामूली चोटें आई थीं। वे एक रूसी प्रॉक्सी द्वारा प्रदान की गई गाड़ी में यात्रा कर रहे थे। न्यूज एजेंसी ने कहा कि उस ड्राइवर की पहचान नहीं की जा सकी है जिसे रिपोर्टिंग यात्रा के लिए रूसी प्रॉक्सी द्वारा सौंपा गया था।
बतता दें कि इससे पहले 30 मई को पूर्वी यूक्रेन में फ्रांसीसी पत्रकार फ्रेडरिक लेक्लर-इमहॉफ की हत्या कर दी गई थी। मामले को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन ने कहा था कि पत्रकार फ्रेडरिक लेक्लेर-इमहॉफ युद्ध की वास्तविकता दिखाने के लिए यूक्रेन में थे। बस में सवार नागरिकों के साथ रूसी बमों से बचने के लिए उन्हें भागने के लिए मजबूर किया गया, उन्हें घातक रूप से गोली मार दी गई।
करीब 100 दिन पहले रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले शुरू करने बाद से अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की ने एक संबोधन में कहा कि रूसी सेना मौजूदा वक्त में यूक्रेन के 20 फीसदी हिस्से पर कब्जा कर चुकी है। जेलेंस्की ने कहा है कि यूक्रेन के कीव में 50 एंबेसी ने फिर से परिचालन शुरू कर दिया है। उन्होंने इसे प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण खबर बताया है।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।वह करीब 14 साल से फेसबुक की पैरेंट कंपनी में दूसरे नंबर पर अपनी भूमिका निभा रही थीं। हालांकि, वह कंपनी बोर्ड में अपनी जिम्मेदारी निभाती रहेंगी।
लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘फेसबुक’ (Facebook) की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) शेरिल सैंडबर्ग (Sheryl Sandberg) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वह करीब 14 साल से कंपनी में दूसरे नंबर पर अपनी भूमिका निभा रही थीं।
शेरिल सैंडबर्ग ने इस बारे में अपने फेसबुक पेज पर घोषणा की है। अपनी फेसबुक पोस्ट में सैंडबर्ग ने लिखा है, ‘आज मैं आपके साथ यह खबर शेयर कर रही हूं कि मैं 14 साल बाद ‘मेटा’ को छोड़ने जा रही हूं।’ इसके साथ ही उन्होंने इस फेसबुक पोस्ट में अपने कार्यकाल और अनुभवों के बारे में बताया है।
हालांकि, वह कंपनी बोर्ड में अपनी जिम्मेदारी निभाती रहेंगी। बता दें कि सैंडबर्ग ने वर्ष 2008 में ‘गूगल’ (Google) छोड़कर ‘फेसबुक’ जॉइन किया था।
इस बारे में ‘फेसबुक’ के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) का कहना है, ‘एक युग की समाप्ति। 14 वर्षों में हमने एक साथ काम किया है, आपने हमारे एडवर्टाइजिंग बिजनेस को तैयार किया है। बेहतरीन लोगों को काम पर रखा है, हमारी प्रबंधन संस्कृति को गढ़ा है और मुझे सिखाया है कि कंपनी कैसे चलाई जाती है। मुझे अब रोजाना आपके साथ काम करने का मौका नहीं मिलेगा, लेकिन दोस्त बने रहने के लिए आजीवन आभारी रहूंगा। आपने मेरे और मेरे परिवार के लिए, हमारी कंपनी के लिए और दुनिया भर के लाखों लोगों के लिए जो कुछ किया है, उसके लिए धन्यवाद। आप एक सुपरस्टार हैं।‘
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यूक्रेन में युद्ध को कवर करते हुए एक फ्रांसीसी पत्रकार की मौत हो गई। फ्रांस के न्यूज ब्रॉडकास्टर ‘बीएफएम टीवी’ ने जानकारी देते हुए कहा कि पूर्वी यूक्रेन में निकासी अभियान को कवर करते समय गोलाबारी में उसके 32 वर्षीय पत्रकार फ्रेडरिक लेक्लेर-इमहॉफ (Frederic Leclerc-Imhoff) की मौत हो गई।
‘बीएफएम टीवी’ ने कहा कि उसके पत्रकार फ्रेडरिक लेकलेर्क इमहोफ की उस समय मौत हुई, जब वह डोनबास क्षेत्र में सिविएरोदोनेत्सक शहर के पास एक बख्तरबंद वाहन में मानवीय अभियान को कवर कर रहे थे। इस क्षेत्र में यूक्रेन की सेना और रूसी सैनिकों के बीच भीषण जंग जारी है।
वहीं, फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों ने ट्वीट कर पत्रकार इमहोफ को श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की। मैक्रों ने ट्वीट में कहा कि इमहोफ युद्ध की हकीकत दिखाने के लिए यूक्रेन में थे। उन्होंने कहा कि लोगों की निकासी के दौरान रूसी सेना की बमबारी के बीच वह हमले के शिकार हुए।
फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोना ने हमले में पत्रकार की मौत को ‘बेहद दुखद’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘फ्रांस मांग करता है कि इस त्रासदी के हालात पर प्रकाश डालने के लिए जल्द से जल्द एक पारदर्शी जांच शुरू की जाए।’
इससे पहले, लुहांस्क क्षेत्र के गवर्नर सरहेई हैदई ने टेलीग्राम पोस्ट के जरिए हमले में पत्रकार की मौत की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रूसी सैनिकों ने बख्तरबंद वाहन पर हमला किया जिसके जरिए लोगों को वहां से निकाला जा रहा था।
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पाकिस्तान टेलीविजन यानि की पीटीवी ने अपने एक एंकर की सेवा समाप्त कर दी है।
पाकिस्तान टेलीविजन यानि की पीटीवी ने अपने एक एंकर की सेवा समाप्त कर दी है। दरअसल, ऐसा इसलिए क्योंकि वह इस महीने की शुरुआत में इजरायल का दौरा करने वाले पाकिस्तानी-अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। यह जानकारी पाकिस्तान के सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने सोमवार को दी।
मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस महीने पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिकों के एक 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने इजरायली राष्ट्रपति इसाक हरजोग से मुलाकात की। यह मुलाकात मुख्य रूप से मुसलमानों और यहूदियों के बीच अंतर-धार्मिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए की गई थी। यात्रा का आयोजन अमेरिकी मुस्लिम और बहुधर्म महिला परिषद और शारका नामक एक गैर सरकारी संगठन द्वारा किया गया था।
इस प्रतिनिधिमंडल में पाकिस्तान सरकारी न्यूज चैनल पाकिस्तान टेलीविजन कॉरपोरेशन (पीटीवी) के एंकर अहमद कुरैशी भी शामिल थे।
हालांकि यह कोई आधिकारिक यात्रा नहीं थी। एंकर अहमद कुरैशी निजी तौर पर इस यात्रा में गए थे। इसके बावजूद पाकिस्तान के कई कट्टरपंथी नेताओं और दक्षिणपंथी समूहों ने पीटीवी के इस एंकर की इजरायली यात्रा पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी और उन्हें नौकरी से बर्खास्त करने की मांग की थी। उनके दबाव के आगे झुकते हुए सरकार ने सोमवार को उन्हें नौकरी से हटाने का ऐलान कर दिया।
सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि पाकिस्तान टेलीविजन कॉरपोरेशन (पीटीवी) के एंकर अहमद कुरैशी को बर्खास्त कर दिया गया है। वे इस महीने इजराइल की यात्रा करने वाले पाकिस्तानी-अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे।
पाकिस्तानी और कई अन्य देशों के टीवी सीरियल्स का प्रसारण करने वाले चैनल ‘जिंदगी’ (Zindagi) की भारत में एक बार फिर एंट्री हो गई है
पाकिस्तानी और कई अन्य देशों के टीवी सीरियल्स का प्रसारण करने वाले चैनल ‘जिंदगी’ (Zindagi) की भारत में एक बार फिर एंट्री हो गई है।
बता दें कि 23 अप्रैल की रात से, चैनल ने अपने सबसे पॉपुलर शो ‘जिंदगी गुलजार है’ के साथ एक वैल्यू एडेड सर्विस के तौर पर अपनी डायरेक्ट-टू-होम जर्नी शुरू की है। इस सीरियल में पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान (Fawad Khan) और सनम सईद (Sanam Saeed) लीड रोल में है। इस सीरियल का प्रसारण पहले भी किया गया था, जब ये चैनल इंडिया में दिखाया जाता था।
पहले चैनल पर प्रसारित होने वाली कई कहानियां लोगों के दिलों को छू गई थी। इस पर आने वाले सीरियल्स के कलाकारों से भारतीय ऑडियंस को प्यार हो गया था।
कहा जाता है कि चैनल पर प्रसारित होने वाले कई सीरियलों में जिंदगी की सच्चाई और रियल कहानियां दिखाई जाती थी, जो दर्शकों को अपना बना लेती थी। इंडियन ऑडियंस भी इन सीरियलों से काफी जुड़ गए थे।
आपको बता दें कि इस चैनल पर ‘आओं जरा’, ‘सदके तुम्हारे’, ‘मिसेज एंड मिस्टर शमीम’, ‘कितनी गिरहें बाकी हैं’ जैसे कई सीरियलों का प्रसारण भी किया जाएगा।
जी स्पेशल प्रोजेक्ट्स की चीफ क्रिएटिव ऑफिसर शैलजा केजरीवाल ने इस बारे में कहा, ‘कुछ लोगों के बीच एक प्रमुख विचार जो सीमाओं के पार आर्ट पावर में विश्वास करते थे, आज एक फेनोमेनल कंटेंट ब्रैंड बन गए हैं। हमने टेलीविजन और ओटीटी में एक खूबसूरत जर्नी की है और आज हम अपने विजन में लोगों के विश्वास को शामिल करते हुए ‘जिंदगी’ को एक प्रीमियम डी2एच पेशकश के रूप में लॉन्च करते हैं।’
शैलजा केजरीवाल ने कहा कि जिंदगी को देश के कोने-कोने तक ले जाने के लिए टाटा प्ले, डिश टीवी और डी2एच से बेहतर पार्टनर उन्हें नहीं मिल सकता था।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जिंदगी चैनल पर कुछ बॉलीवुड फिल्मों का प्रसारण भी किया जाएगा। इसमें तापसी पन्नू और अमित साध की फिल्म ‘बारिश और चाउमीन’ शामिल है। इस फिल्म को तिग्मांशु धुलिया ने डायरेक्ट किया है। वहीं, केतन मेहता की फिल्म ‘टोबा टेक सिंह’ भी दिखाई जाएगी, जिसमें पंकज कपूर लीड रोल में है। कार्तिक आर्यन की फिल्म ‘सिलवट’ भी दर्शकों को देखने मिलेगी।
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