वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी अब अपनी संभावित बिक्री के बेहद अहम पड़ाव में पहुंच गई है। ग्लोबल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Netflix, Comcast और Paramount Skydance ने नई और अपडेटेड बिड्स जमा की हैं।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
वार्नर ब्रदर्स डिस्कवरी (Warner Bros Discovery) अब अपनी संभावित बिक्री के बेहद अहम पड़ाव में पहुंच गई है। ग्लोबल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Netflix, Comcast और Paramount Skydance ने नई और अपडेटेड बिड्स जमा की हैं। इनमें Netflix की ज्यादातर कैश आधारित पेशकश शामिल है, जो बताती है कि नीलामी प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है और जल्दी ही इसका फैसला हो सकता है।
रिपोर्ट्स के अनुसार Comcast, Netflix और Paramount Skydance के बैंकर्स ने सप्ताहांत में अपने ऑफर्स को मजबूत किया है। ये बिड्स पूरी कंपनी को खरीदने या इसके कुछ खास डिविजन को लेने के विकल्प को कवर करती हैं। ये सब बिड्स फाइनल नहीं मानी गई हैं, लेकिन Warner Bros Discovery बोर्ड के पास अगर शर्तें सही हुईं तो तुरंत निर्णय लेने की सुविधा है।
यह नया राउंड कंपनी द्वारा 1 दिसंबर तक बेहतर ऑफर मांगने के बाद आया है। इससे पहले Paramount ने लगभग $60 बिलियन (लगभग $24 प्रति शेयर) वाली ज्यादातर कैश ऑफर दी थी, जिसे बोर्ड ने ठुकरा दिया था। इसके बाद कंपनी ने साफ किया कि सभी रणनीतिक विकल्प खुले हैं।
Warner Bros Discovery, जो HBO और CNN का पैरेंट कंपनी है, ने अक्टूबर में बताया था कि वह संभावित बिक्री के विकल्पों पर विचार कर रही है, क्योंकि पारंपरिक मीडिया कंपनियों को आज संरचनात्मक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। अगर यह लेन-देन होगा, तो यह मीडिया सेक्टर में $8.4 बिलियन की Skydance–Paramount Global मर्जर के बाद एक और बड़ी कंसॉलिडेशन होगी, जिसे निवेशकों और नियामकों ने गहराई से देखा।
कंपनी ने अपनी आंतरिक पुनर्गठन योजना भी पेश की है, जिसके तहत अगले साल इसका काम दो हिस्सों में बंट जाएगा- स्टूडियो-फोकस्ड बिजनेस और केबल-लीड डिविजन। इसका मकसद तेजी से बढ़ते स्ट्रीमिंग हिस्से को घटते हुए लीनियर टीवी से अलग करना है।
व्हाइट हाउस ने एक नई आधिकारिक वेबसाइट शुरू की है, जिसमें कई बड़े मीडिया संगठनों और पत्रकारों पर पक्षपात और खबरों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया गया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
व्हाइट हाउस ने एक नई आधिकारिक वेबसाइट शुरू की है, जिसमें कई बड़े मीडिया संगठनों और पत्रकारों पर पक्षपात और खबरों को तोड़-मरोड़कर पेश करने का आरोप लगाया गया है। वेबसाइट के शीर्ष पर बड़ी हैडलाइन लिखी है- 'Misleading. Biased. Exposed.' यानी 'भ्रामक, पक्षपाती और बेनकाब'।
वेबसाइट पर बोस्टन ग्लोब, CBS न्यूज और द इंडिपेंडेंट को 'इस हफ्ते के मीडिया अपराधी' बताया गया है। आरोप है कि इन संस्थानों ने ट्रंप के उन बयानों को गलत तरीके से दिखाया, जो उन्होंने छह डेमोक्रेटिक सांसदों के बारे में दिए थे। ये वही सांसद हैं जिन्होंने हाल ही में एक वीडियो जारी कर सेना के जवानों से कहा था कि वे किसी भी 'गैर-कानूनी आदेश' का पालन न करें।
इस वीडियो में कई डेमोक्रेटिक नेता शामिल थे, जिनका सैन्य या खुफिया पृष्ठभूमि रहा है। वीडियो में उन्होंने कहा कि संविधान की रक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है और कोई भी जवान गैर-कानूनी आदेश मानने के लिए बाध्य नहीं है।
इस पर ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर कड़े शब्दों में हमला किया। उन्होंने डेमोक्रेट्स पर 'देशद्रोह' का आरोप लगाया और यहां तक कहा कि ऐसे लोगों को गिरफ्तार कर ट्रायल चलना चाहिए। एक अन्य पोस्ट में उन्होंने लिखा कि ऐसा व्यवहार 'डेथ पेनल्टी' यानी मौत की सजा तक के दायरे में आता है।
व्हाइट हाउस की वेबसाइट पर दावा किया गया है कि मीडिया और डेमोक्रेटिक पार्टी ने मिलकर यह गलत नैरेटिव फैलाया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने सैनिकों को गैर-कानूनी आदेश दिए। वेबसाइट का कहना है कि ट्रंप के सभी आदेश कानूनी रहे हैं और सांसदों का इस तरह सेना में असंतोष फैलाना 'खतरनाक' है।
वेबसाइट पर 'Hall of Shame' नाम का एक सेक्शन भी है, जिसमें वॉशिंगटन पोस्ट, CNN, MSNBC, CBS और अन्य मीडिया हाउस शामिल हैं। यहां एक डेटाबेस दिया गया है जिसमें रिपोर्टें, उनके लेखक और हर खबर पर 'बायस', 'मैलप्रैक्टिस' या 'लेफ्ट विंग लूनेसी' जैसे टैग लगाए गए हैं।
सिर्फ इतना ही नहीं, लंबे आरोपों की सूची में एसोसिएटेड प्रेस, न्यूयॉर्क टाइम्स, वॉल स्ट्रीट जर्नल, पॉलिटिको और Axios जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं।
यह कदम पत्रकारों के खिलाफ ट्रंप की लगातार बढ़ती नाराज़गी का हिस्सा माना जा रहा है। इससे पहले भी ट्रंप कई अखबारों पर मुकदमे कर चुके हैं, कुछ मामलों में समझौते हुए हैं और वे कई बार मीडिया को 'enemy of the people' यानी 'जनता का दुश्मन' कह चुके हैं।
हाल ही में एक घटना में ट्रंप ने ब्लूमबर्ग के एक पत्रकार को एयर फोर्स वन में 'piggy' कह दिया था, जब पत्रकार ने एप्सटीन फाइल्स को लेकर उनसे सवाल पूछ लिया था।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर एक महिला पत्रकार पर निजी हमला किया है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर एक महिला पत्रकार पर निजी हमला किया है। इस बार उन्होंने 'न्यूयॉर्क टाइम्स' (NYT) की रिपोर्टर केटी रोजर्स को 'ugly' कहकर उनकी शक्ल-सूरत पर टिप्पणी की। यह हाल के हफ्तों में तीसरी बार है जब ट्रंप ने किसी महिला पत्रकार पर ऐसी निजी टिप्पणी की है।
ट्रंप ने 'ट्रुथ' सोशल पर लिखते हुए रोजर्स को 'थर्ड रेट रिपोर्टर' और 'अंदर और बाहर, दोनों से बदसूरत' बताया। यह पोस्ट तब आई जब रोजर्स और उनके एक सहयोगी ने मिलकर एक रिपोर्ट लिखी थी, जिसमें कहा गया था कि ट्रंप के ऊपर उम्र का असर दिख रहा है। ट्रंप ने इस रिपोर्ट को 'गलत' बताया।
ट्रंप ने अपनी पोस्ट में दूसरे रिपोर्टर का जिक्र नहीं किया और न्यूयॉर्क टाइम्स को 'सस्ता अखबार' और 'लोगों का दुश्मन' तक कहा।
न्यूयॉर्क टाइम्स ने ट्रंप की आलोचना करते हुए अपनी पत्रकार का बचाव किया। अखबार के प्रवक्ता ने कहा, 'हमारी रिपोर्टिंग तथ्यों पर आधारित है। नाम रख देने या गाली देने से सच नहीं बदलता। हमारे पत्रकार ऐसी धमकियों से डरकर रिपोर्टिंग बंद नहीं करेंगे।'
उन्होंने आगे कहा कि केटी रोजर्स जैसे पत्रकार ही बताते हैं कि स्वतंत्र और आजाद प्रेस जनता के लिए कितनी जरूरी है।
यह पहली बार नहीं है कि ट्रंप ने महिला पत्रकार पर हमला किया हो। कुछ दिन पहले ही उन्होंने ABC News की रिपोर्टर मैरी ब्रूस को ओवल ऑफिस में एक सवाल पूछने पर 'terrible reporter' और 'terrible person' कहा था। ब्रूस ने ट्रंप से जेफ्री एप्स्टीन मामले पर सवाल पूछा था।
उससे पहले, ब्रूस ने ट्रंप और सऊदी क्राउन प्रिंस से पत्रकार जमाल खाशोगी की हत्या पर सवाल किया था, जिस पर ट्रंप ने नाराज होकर कहा, 'हमें अपने मेहमानों को शर्मिंदा नहीं करना चाहिए।'
इसके अलावा, कुछ दिन पहले ब्लूमबर्ग की रिपोर्टर कैथरीन लूसी के सवाल पर ट्रंप ने उन्हें 'Quiet, piggy' कहकर चुप कराने की कोशिश की थी।
व्हाइट हाउस प्रेस सेक्रेटरी कैरोलीन लेविट ने कहा कि ट्रंप 'सीधे, साफ और ईमानदार' हैं और लोग उन्हें इसी वजह से पसंद करते हैं।
एक इंटरनेट राइट्स ग्रुप ने ऑस्ट्रेलिया सरकार के उस नियम के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू की है, जिसमें 16 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया से पूरी तरह हटाने की तैयारी की जा रही है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
एक इंटरनेट राइट्स ग्रुप ने ऑस्ट्रेलिया सरकार के उस नियम के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू की है, जिसमें 16 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया से पूरी तरह हटाने की तैयारी की जा रही है।
यह नया कानून 10 दिसंबर से लागू होने वाला है। इसके बाद फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक जैसी कंपनियों को अपने सभी अंडर-16 यूजर्स को हटाना पड़ेगा, वरना उन्हें भारी जुर्माना भरना पड़ेगा।
डिजिटल फ्रीडम प्रोजेक्ट नाम के इस ग्रुप ने ऑस्ट्रेलिया की हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा कि यह कानून “नाइंसाफी” है और बच्चों की अभिव्यक्ति की आजादी का उल्लंघन है।
ग्रुप ने दो 15 साल के किशोरों के साथ मिलकर यह केस दाखिल किया है। उनका कहना है कि इस नियम से लाखों युवा ऑस्ट्रेलियाई अपनी डिजिटल दुनिया से कट जाएंगे।
एक याचिकाकर्ता नोआ जोन्स ने कहा,
“हम असली डिजिटल नेटिव्स हैं। हमें अपनी डिजिटल दुनिया में एक्टिव और समझदार बने रहने का हक है। सरकार को बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए बेहतर ट्रेनिंग और प्रोग्राम्स पर निवेश करना चाहिए, न कि ऐसे सीधे बैन लगाना चाहिए।”
दुनिया भर की नजर इसके फैसले पर है, क्योंकि कई देश सोशल मीडिया के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए ऐसे ही नियम बनाने पर विचार कर रहे हैं।
न्यूयॉर्क में हुए 35वें इंटरनेशनल प्रेस फ्रीडम अवॉर्ड्स (IPFA) में कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (CPJ) ने दुनियाभर के पांच बहादुर पत्रकारों को सम्मानित किया।
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न्यूयॉर्क में हुए 35वें इंटरनेशनल प्रेस फ्रीडम अवॉर्ड्स (IPFA) में कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट्स (CPJ) ने दुनियाभर के पांच बहादुर पत्रकारों को सम्मानित किया। इस मौके पर प्रेस की सुरक्षा और आजादी के लिए रिकॉर्ड 2.925 मिलियन डॉलर की राशि जुटाई गई। खास बात यह रही कि इस बार जिन पांच पत्रकारों को अवॉर्ड मिला, उनमें से एक भी कार्यक्रम में मौजूद नहीं हो सके, क्योंकि कुछ जेल में हैं, कुछ देश छोड़ने को मजबूर हो गए हैं।
इस साल जिन पत्रकारों को सम्मान मिला, उनमें चीन के वरिष्ठ पत्रकार डॉन्ग युयू शामिल हैं, जो जासूसी के आरोप में जेल में हैं। इक्वाडोर के पत्रकार दंपति एल्वीरा नोल और जुआन कार्लोस टिटो कनाडा में शरण लेकर निर्वासन में रिपोर्टिंग कर रहे हैं। किर्गिस्तान के इन्वेस्टिगेटिव पत्रकार बोलोट तेमीरोव यूरोप के किसी गुप्त स्थान से अपना काम संभाल रहे हैं। वहीं ट्यूनीशिया की वकील और पत्रकार सोनिया दहमानी भी अपने देश में जेल में बंद हैं।
कार्यक्रम की मेजबानी CNN की मशहूर पत्रकार क्रिस्टियान अमनपोर ने की। उन्होंने कहा कि इन पत्रकारों की हिम्मत दुनियाभर के उन हजारों रिपोर्टर्स का प्रतिनिधित्व करती है, जो हर दिन सरकारों के दबाव और सेंसरशिप से लड़ते हैं।
CPJ की CEO जोडी गिंसबर्ग ने कहा कि दुनिया भर में प्रेस की आजादी खतरे में है और पत्रकारों को एकजुट होकर खड़ा होना होगा। उन्होंने कहा, “यह वक्त मजाक का नहीं है। अगर हम सब साथ खड़े हों, तो हिम्मत जुटाना थोड़ा आसान हो जाता है।”
अवॉर्ड उन लोगों ने अपने परिजनों की तरफ से लिया। डॉन्ग युयू की जगह उनके बेटे ने सम्मान ग्रहण किया। तेमीरोव, नोल और टिटो की गैरहाजिरी में उनके योगदान को मंच पर मौजूद वरिष्ठ पत्रकारों ने याद किया। दहमानी का अवॉर्ड उनकी बहन ने लिया, और बताया कि उनकी गिरफ्तारी ट्यूनीशिया में बिगड़ती प्रेस आजादी की स्थिति की ओर इशारा करती है।
कार्यक्रम में 2024 में प्रेस पर हुए सबसे घातक हमलों का भी जिक्र हुआ। गाजा से रिपोर्टिंग कर रहीं फिलिस्तीनी पत्रकार श्रूक अल ऐला के संदेश को पढ़कर सुनाया गया, जिसमें उन्होंने लिखा कि पत्रकारिता ने उन्हें डर और विनाश के बीच जीने की ताकत दी।
इस मौके पर द न्यूयॉर्क टाइम्स के वरिष्ठ कानूनी सलाहकार डेविड मैक्रॉ को ग्वेन इफिल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। उन्होंने कहा, “स्वतंत्र और तथ्य आधारित पत्रकारिता आज भी उतनी ही जरूरी है जितनी पहले थी।”
न्यूयॉर्क में हुए इस डिनर में जुटाई गई राशि को दुनिया भर में प्रेस फ्रीडम की रक्षा और खतरे में पड़े पत्रकारों की मदद के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
ग्लोबल मीडिया मीजरमेंट और एनालिटिक्स कंपनी कंटार मीडिया (Kantar Media) ने अपने नए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के लिए मार्क रीड (Mark Read) को चेयरमैन नियुक्त किया है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
ग्लोबल मीडिया मीजरमेंट और एनालिटिक्स कंपनी कंटार मीडिया (Kantar Media) ने अपने नए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के लिए मार्क रीड (Mark Read) को चेयरमैन नियुक्त किया है। मार्क रीड पहले WPP के CEO रह चुके हैं और 2018 से 2025 तक WPP का नेतृत्व किया।
मार्क रीड ने विज्ञापन और मीडिया इंडस्ट्री में लंबा करियर किया है। उन्होंने डिजिटल मीडिया में WPP की शुरुआती पहल की और WPP के AI निवेशों को बढ़ावा दिया, जैसे WPP Open और ब्रिटेन की प्रमुख AI कंपनी Satalia का अधिग्रहण।
मार्क रीड ने कहा, "कंटार मीडिया विज्ञापनदाताओं, एजेंसियों और मीडिया प्लेटफॉर्म्स को यह समझने में मदद करता है कि लोग मीडिया का उपयोग कैसे कर रहे हैं और अपने निवेश को सबसे सही जगह कैसे लगाएं। मैं कंटार मीडिया के बोर्ड से जुड़कर इस बदलते मीडिया परिदृश्य में कंपनी की मदद करने के लिए उत्साहित हूं।"
कंटार मीडिया के सीईओ पैट्रिक बेहर (Patrick Béhar) ने कहा, "हमें गर्व है कि मार्क ने हमारे बोर्ड में शामिल होने का निर्णय लिया। उनकी रणनीतिक सोच और AI, डेटा और ट्रांसफॉर्मेशन का अनुभव कंपनी के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा।"
हाल ही में कंटार मीडिया को Kantar Group और Bain Capital से H.I.G. Capital ने खरीदा है। यह नया बोर्ड कंपनी का पहला पूरी तरह से स्वतंत्र बोर्ड है। H.I.G. Capital के निशांत नैय्यर ने कहा कि मार्क की नियुक्ति से कंपनी को मजबूत नेतृत्व मिलेगा और यह उनके अगले विकास चरण में मददगार साबित होगा।
ऑस्ट्रेलिया के इंटरनेट रेगुलेटर का अनुमान है कि करीब 3.5 लाख Instagram और 1.5 लाख Facebook यूजर्स 13–15 साल की उम्र के हैं।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
ऑस्ट्रेलिया में अब 16 साल से कम उम्र के बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर रोक लगाई जा रही है। इसी के तहत इंस्ट्राग्राम (Instagram) ने 13–15 साल के यूजर्स के अकाउंट 4 दिसंबर से बंद करना शुरू कर देगा। BBC की रिपोर्ट के मुताबिक Meta (इंस्ट्राग्राम, फेसबुक, थ्रेड्स की पैरेंट कंपनी) ऐसे बच्चों को नोटिफिकेशन भेज रही है कि उनका अकाउंट जल्द ही डिएक्टिवेट कर दिया जाएगा।
नई ऑस्ट्रेलियाई कानून के मुताबिक, यह नियम TikTok, YouTube, X, Reddit और कई दूसरे बड़े प्लेटफॉर्म्स पर भी लागू होगा।
Meta बच्चों को मैसेज, ईमेल और ऐप के अंदर अलर्ट भेजकर बता रही है कि वे उम्र की शर्त पूरी नहीं करते। 4 दिसंबर से 16 साल से कम उम्र के बच्चे नए अकाउंट भी नहीं बना पाएंगे। कंपनी ने कहा कि बच्चे चाहें तो अकाउंट बंद होने से पहले अपने फोटो, वीडियो और मैसेज डाउनलोड कर सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया के इंटरनेट रेगुलेटर का अनुमान है कि करीब 3.5 लाख Instagram और 1.5 लाख Facebook यूजर्स 13–15 साल की उम्र के हैं।
यदि किसी बच्चे की उम्र सही है, तो वह कैसे करे अपील
Meta ने कहा कि जो बच्चे खुद को 16 साल से ऊपर बताते हैं, वे उम्र साबित करने के लिए या तो ‘वीडियो सेल्फी’ अपलोड कर सकते हैं या फिर सरकार द्वारा जारी कोई पहचान पत्र- जैसे ड्राइविंग लाइसेंस दे सकते हैं।
हालांकि ऑस्ट्रेलिया की रिपोर्ट कहती है कि कोई भी तरीका पूरी तरह सही साबित नहीं हुआ है।
नियम तोड़ने पर भारी जुर्माना
अगर कोई सोशल मीडिया कंपनी 16 साल से कम उम्र के बच्चों को प्लेटफॉर्म से दूर रखने में नाकाम रही, तो उस पर 5 करोड़ ऑस्ट्रेलियन डॉलर तक का जुर्माना लग सकता है। Meta का कहना है कि यह प्रक्रिया लगातार चलने वाली है और इसे कई स्तरों पर लागू किया जाएगा।
Meta चाहती है कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों को अकाउंट बनाने के लिए माता-पिता की अनुमति जरूरी हो। कंपनी का कहना है कि बच्चे काफी होशियार होते हैं और नियमों को चकमा देने की कोशिश कर सकते हैं, लेकिन फिर भी वे कानून का पालन करेंगे।
जानिए, सरकार ने क्यों लगाया यह बैन
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने इसे “दुनिया में सबसे आगे बढ़कर उठाया गया कदम” बताया। सरकार का कहना है कि इसका मकसद बच्चों को सोशल मीडिया पर मौजूद दबावों और खतरों से बचाना है।
इसी बीच, गेमिंग प्लेटफॉर्म Roblox ने भी घोषणा की है कि वह 16 साल से कम उम्र के बच्चों को वयस्क यूजर्स के साथ चैट करने नहीं देगा। दिसंबर से ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और नीदरलैंड में सख्ती शुरू होगी और जनवरी से यह नियम दुनिया भर में लागू होगा।
इस बीच, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने भी संसद की एक कमेटी को मेटा की जांच करने के आदेश दिए हैं, ताकि पता चल सके कि कंपनी ने यूज़र्स की प्राइवेसी का उल्लंघन किया है या नहीं।
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स्पेन की एक अदालत ने फेसबुक व इंस्टाग्राम की पैरेंट कंपनी मेटा (Meta) को 479 मिलियन यूरो (551.76 मिलियन डॉलर) यानी करीब 4,500 करोड़ रुपये स्पेन के डिजिटल मीडिया कंपनियों को भुगतान करने का आदेश दिया है।
अदालत ने कहा कि मेटा ने यूजर्स का डेटा गलत तरीके से इस्तेमाल किया और इसी वजह से उसे ऑनलाइन विज्ञापन बाजार में “अनुचित फायदा” मिला। यह मुआवजा 87 डिजिटल न्यूज वेबसाइट्स और एजेंसीज को दिया जाएगा।
मामला फेसबुक और इंस्टाग्राम पर यूजर्स के निजी डेटा का इस्तेमाल करके टारगेटेड ऐड चलाने से जुड़ा है। अदालत का कहना है कि यह EU के डेटा प्रोटेक्शन नियमों का उल्लंघन है।
मेटा की तरफ से इस फैसले पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
इस बीच, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने भी संसद की एक कमेटी को मेटा की जांच करने के आदेश दिए हैं, ताकि पता चल सके कि कंपनी ने यूज़र्स की प्राइवेसी का उल्लंघन किया है या नहीं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बीते दिनों दो महिला पत्रकारों पर भड़क गए थे, जिसके बाद इस मामले पर व्हाइट हाउस उनका बचाव करता नजर आया।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बीते दिनों दो महिला पत्रकारों पर भड़क गए थे, जिसके बाद इस मामले पर व्हाइट हाउस उनका बचाव करता नजर आया। व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप बस उन चैनलों और पत्रकारों को जवाब दे रहे थे जो पिछले 8 साल से उनके खिलाफ “झूठ फैलाने की कोशिश” कर रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप हाल ही में ABC News की पत्रकार मैरी ब्रूस और Bloomberg की रिपोर्टर कैथरीन लूसी से सवालों पर नाराज हो गए थे।
ABC News को तो व्हाइट हाउस ने “डेमोक्रेट्स का प्रचार चलाने वाला नेटवर्क” तक कह दिया। तो वहीं, Bloomberg की रिपोर्टर को ट्रंप ने एयर फोर्स वन में “Quiet, Piggy” कहकर टोका। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि रिपोर्टर अपने साथी पत्रकारों के साथ “नॉन-प्रोफेशनल तरीके” से पेश आ रही थीं।
बुधवार को व्हाइट हाउस ने अपने बचाव को और मजबूत करते हुए एक फैक्ट शीट जारी की। इसमें पिछले 8 साल के कई उदाहरण दिए गए हैं, जिनके बारे में उनका दावा है कि मीडिया ने जानबूझकर ट्रंप के खिलाफ गलत जानकारी फैलाई और उन करोड़ों अमेरिकियों को निशाना बनाया जिन्होंने उन्हें कई बार राष्ट्रपति चुना।
यह विवाद उस वक्त तेज हुआ जब ट्रंप ने सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की व्हाइट हाउस यात्रा के दौरान ABC की मैरी ब्रूस से कहा कि वह “मेहमान को शर्मिंदा न करें।” ब्रूस ने सऊदी पत्रकार की 2018 में हत्या और ट्रंप परिवार के बिजनेस डील से जुड़े सवाल पूछे थे। ट्रंप ने उन्हें “terrible reporter” कहकर ABC की लाइसेंसिंग तक रद्द करने की धमकी दे दी।
Bloomberg की रिपोर्टर लूसी से जुड़े एक और वीडियो में दिखा कि विमान में कई रिपोर्टर एक साथ सवाल पूछने की कोशिश कर रहे थे। इसी दौरान ट्रंप ने उन्हें “Quiet, Piggy” कह दिया।
व्हाइट हाउस का कहना है कि अगर पत्रकार “तीखे सवाल” पूछ सकते हैं, तो उन्हें “कठोर जवाब” सुनने के लिए भी तैयार रहना चाहिए।
अमेरिका की अदालत ने उस हाई-प्रोफाइल केस को पूरी तरह खारिज कर दिया, जिसमें सरकार चाहती थी कि Meta Instagram और WhatsApp को अलग कर दे।
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Meta के CEO मार्क जुकरबर्ग के लिए यह बड़ी राहत की खबर है। अमेरिका की अदालत ने उस हाई-प्रोफाइल केस को पूरी तरह खारिज कर दिया, जिसमें सरकार चाहती थी कि Meta Instagram और WhatsApp को अलग कर दे। कोर्ट ने साफ कहा कि Meta ने एक दशक पहले जो खरीदारी की थी, वह सोशल मीडिया बाजार में गलत तरीके से एकाधिकार बनाने जैसा नहीं है। इसका मतलब यह है कि Instagram और WhatsApp अब पूरी तरह Meta के साथ ही रहेंगे।
यह फैसला अमेरिका में बिग टेक कंपनियों पर चल रही कड़ी जांच में Meta के लिए पहली बड़ी जीत है। फेडरल ट्रेड कमीशन (FTC) चाहता था कि Meta इन कंपनियों को बेच दे या अलग करे ताकि बाजार में प्रतिस्पर्धा बनी रहे। FTC का कहना था कि Meta ने इन्हें खरीदकर नए और छोटे प्रतियोगियों को खत्म कर दिया।
Meta के शेयरों पर यह खबर हल्का असर ही दिखा और वे $599.95 पर बंद हुए। Meta के प्रवक्ता ने कहा, "हमारे प्रोडक्ट लोगों और व्यवसायों के लिए फायदेमंद हैं और अमेरिकी नवाचार और आर्थिक विकास का उदाहरण हैं। हम आगे भी अमेरिका में निवेश जारी रखेंगे।"
FTC ने फैसले पर निराशा जताई और कहा कि अब वे सभी विकल्पों पर विचार कर रहे हैं।
फेसबुक ने 2012 में Instagram और 2014 में WhatsApp खरीदा था। उस समय FTC ने इन डील्स को नहीं रोका, लेकिन 2020 में FTC ने दावा किया कि Meta के पास अमेरिकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स में मोनोपोली है।
Meta ने जवाब दिया कि TikTok, YouTube और Apple जैसी कंपनियों से उसे बहुत प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। जज जेम्स बोसबर्ग ने Meta की बात मानी और कहा कि सोशल मीडिया का परिदृश्य अब पहले जैसा नहीं है। लोग YouTube और TikTok का भी इस्तेमाल करते हैं और आउटेज के समय इन्हें अधिक पसंद करते हैं। जज ने यह भी कहा कि TikTok जैसी कंपनियों के कारण Meta को अपने शॉर्ट वीडियो फीचर Reels में 4 बिलियन डॉलर खर्च करने पड़े।
यह केस अमेरिका में बिग टेक कंपनियों पर बढ़ते कड़े कानून और जांच का हिस्सा है। इसी तरह Google और Apple के खिलाफ भी अलग-अलग केस चल रहे हैं।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सभी प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन मीडिया को चेतावनी दी है कि वे पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बयान प्रकाशित या प्रसारित न करें।
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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सभी प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और ऑनलाइन मीडिया को चेतावनी दी है कि वे पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बयान प्रकाशित या प्रसारित न करें। सरकार ने यह कदम राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक शांति बनाए रखने के हवाले से उठाया है।
नेशनल साइबर सिक्योरिटी एजेंसी (NCSA) ने सोमवार को जारी प्रेस रिलीज में कहा कि हसीना के बयान हिंसा, अव्यवस्था और अपराध को भड़काने वाले निर्देश या आह्वान हो सकते हैं, जो समाज में शांति बिगाड़ सकते हैं।
रिलीज में मीडिया से कहा गया, 'हम राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में मीडिया से जिम्मेदारी से काम करने की अपील करते हैं।'
एजेंसी ने बताया कि कुछ मीडिया संगठन 'दोषी और भगोड़े' हसीना के कथित बयान प्रसारित कर रहे हैं। ऐसे बयान साइबर सिक्योरिटी आदेश के तहत अवैध माने जाते हैं और सरकार को अधिकार है कि ऐसा कंटेंट हटाया या ब्लॉक किया जाए, जो राष्ट्रीय अखंडता, सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या जातीय/धार्मिक नफरत को बढ़ावा देता हो या सीधे हिंसा भड़का सकता हो।
NCSA ने यह भी कहा कि गलत पहचान का उपयोग या सिस्टम में गैरकानूनी तरीके से घुसकर नफरत फैलाना या हिंसा के लिए बुलावा देना सजा योग्य अपराध है। इसके लिए अधिकतम दो साल की जेल और/या 10 लाख टका का जुर्माना हो सकता है।
एजेंसी ने यह भी जोर दिया कि प्रेस की स्वतंत्रता का सम्मान किया जाता है, लेकिन मीडिया को दोषी व्यक्तियों के हिंसक या उत्तेजक बयान प्रसारित करने से बचना चाहिए और अपने कानूनी दायित्वों का ध्यान रखना चाहिए।
सोमवार को बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने शेख हसीना को मौत की सजा सुनाई है। यह सजा उनके द्वारा पिछले साल छात्र-प्रदर्शनों पर की गई कठोर कार्रवाई के 'मानवता के खिलाफ अपराध' के लिए दी गई।
इसी फैसले में पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल को भी समान आरोपों पर मौत की सजा दी गई। हसीना पिछले साल 5 अगस्त से भारत में रह रही हैं, जब बड़े विरोध प्रदर्शनों के बीच उन्हें बांग्लादेश छोड़ना पड़ा। उन्हें पहले अदालत ने भगोड़ा घोषित किया था।
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह साबित करता है कि 'कोई भी, चाहे कितना भी शक्तिशाली हो, कानून से ऊपर नहीं है'।
इस फैसले पर हसीना ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आरोप 'पक्षपाती और राजनीतिक रूप से प्रेरित' हैं और यह निर्णय 'निराधारित सरकार द्वारा स्थापित, धोखाधड़ीपूर्ण ट्रिब्यूनल' ने दिया है।