अमेरिका के सबसे बड़े न्यूज चैनलों में से एक ‘फॉक्स न्यूज’ इन दिनों सुर्खियों में है और वह भी दो वजहों से और यह दोनों वजह एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं।
अमेरिका के सबसे बड़े न्यूज चैनलों में से एक ‘फॉक्स न्यूज’ इन दिनों सुर्खियों में है और वह भी दो वजहों से और यह दोनों वजह एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। दरअसल, पहली वजह जानें, इससे पहले आपको दूसरी वजह पहले बता देते हैं और वह है इस चैनल के प्राइम टाइम शो एंकर टकर कार्लसन का इस्तीफा।
दरअसल कार्लसन का इस्तीफा इसलिए बड़ी वजह बन गया, क्योंकि ‘फॉक्स न्यूज’ से अलग होते ही चैनल की पेरेंट कंपनी के शेयरों में एक दिन में ही 5.4% की गिरावट दर्ज की गई, यानी उसे एक दिन में 41 हजार करोड़ का घाटा हुआ है। बीते शुक्रवार को ‘फॉक्स न्यूज’ पर उन्होंने अपना आखिरी शो होस्ट किया था।
वहीं, चैनल के सुर्खियों में बने रहने की अब पहली वजह जान लीजिए। पहली वजह इसलिए क्योंकि यह इस्तीफे से पहले की कहानी है, जोकि ‘फॉक्स न्यूज’ पर ठोके गए एक मानहानि के मुकदमे से जुड़ी है, जिसके सेटलमेंट के लिए चैनल 64 हजार करोड़ रुपए गंवाने पड़े। यह मामला भी टकर कार्लसन की एक न्यूज से जुड़ा हुआ है।
फॉक्स न्यूज को टकर कार्लसन की वजह से पिछले दिनों काफी मुश्किल दौर का सामना करना पड़ा। दरअसल, कार्लसन को डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी का समर्थक माना जाता है और इस समय अमेरिका में जो बाइडन की सरकार है। फॉक्स न्यूज ने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान धोखाधड़ी होने के दावे किए थे, जिनमें वोटिंग मशीन में गड़बड़ी के आरोप लगे थे। कहा जाता है कि टकर कार्लसन के इन दावों के ही बाद डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थकों ने 6 जनवरी 2020 को व्हाइट हाउस पर हमला किया था। इसके बाद वोटिंग मशीन कंपनी डोमिनियन ने ‘फॉक्स न्यूज’ पर मानहानि का मामला दर्ज कर दिया था। इस मामले के सेटेलमेंट के लिए ‘फॉक्स न्यूज’ को लगभग 64 हजार करोड़ रुपए देने पड़े।
वैसे बताया यह जा रहा है कि यही मामला टकर कार्लसन के फॉक्स न्यूज से अलग होने की वजह बना।
माना जाता है कि टकर कार्लसन को षड्यंत्र की कहानियों (कॉन्सिपैरिसी थ्योरीज) को विश्वसनीयता देने में महारथ हासिल है। उन पर अपने ऐसे शो के जरिए समाज के एक तबके के खिलाफ गुस्सा भड़काने के भी आरोप लगते रहे हैं। दरअसल, एक रिपोर्ट की मानें तो टकर कार्लसन के शो को औसतन रोज रात को 30 लाख से ज्यादा दर्शक देखते थे। वहीं, फॉक्स के प्रतिद्वंद्वी न्यूज चैनलों के उस टाइम स्लॉट में औसत दर्शक संख्या 10 लाख से भी कम रहती थी। इसी वजह से ही टकर कार्लसन की शैली को दूसरे न्यूज चैनलों को भी अपनाना पड़ा।
पाकिस्तान के प्रसिद्ध पत्रकार और राजनीतिक टिप्पणीकार इमरान रियाज खान का आखिरकार चार महीने बाद पता चल ही गया
पाकिस्तान के प्रसिद्ध पत्रकार और राजनीतिक टिप्पणीकार इमरान रियाज खान का आखिरकार अपने घर लौट आए हैं। सियालकोट पुलिस ने सोमवार सुबह सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी।
सियालकोट पुलिस ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि पत्रकार/एंकर इमरान रियाज खान को सुरक्षित बरामद कर लिया गया है। वह अब अपने परिवार के साथ हैं। पंजाब के महानिरीक्षक उस्मान अनवर और सियालकोट के जिला पुलिस अधिकारी हसन इकबाल ने इसकी पुष्टि की है कि इमरान अब 'घर पर सुरक्षित' है। वहीं, रियाज खान के वकील मियां अली अशफाक ने भी सोशल मीडिया पर पुष्टि की। उन्होंने कहा कि कई कठिनाइयों के बाद भी अल्लाह की रहम से वह अपने राजकुमार को वापस ले आए।
बता दें कि रियाज चार महीने से अधिक समय से लापता थे। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान की नौ मई को गिरफ्तारी के बाद देशभर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के दो दिन बाद 47 वर्षीय एंकर को कथित तौर पर गिरफ्तार कर लिया गया था।
इमरान रियाज खान पाकिस्तान के नामचीन न्यूज एंकर्स में शुमार हैं और तमाम बड़े न्यूज चैनलों के साथ काम कर चुके हैं। इमरान खान जब सत्ता में थे तो वो काफी ताकतवर माने जाते थे। कई विवादों में उनका नाम भी सामने आया था।
पिछले साल अप्रैल में इमरान की सरकार गिरी तो रियाज ने अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया। वो लगातार शाहबाज शरीफ की हुकूमत और फौज को ललकारते रहे। उन्हें दो महीने पहले भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कुछ ही घंटे बाद इस्लामाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर छोड़ दिया गया था।
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को नौ मई को गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उनके समर्थकों ने जिन्ना हाउस समेत फौज के कई ठिकानों पर जबरदस्त हमले किए थे, जिनमें कई लोग मारे गए थे। उस दौरान रियाज ने फौज और आईएसआई पर तंज कसे थे। इसके बाद 11 मई की रात सियालकोट एयरपोर्ट से उन्हें गिरफ्तार किया गया था। 15 मई को एक अधिकारी ने लाहौर हाई कोर्ट को बताया था कि इमरान रियाज से लिखित हलफनामा लेने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया था, तब से ही वह लापता थे।
16 मई को इमरान रियाज खान के पिता मुहम्मद रियाज ने सियालकोट सिविल लाइंस पुलिस में उनके कथित अपहरण की प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
पाकिस्तान पत्रकारों के लिए असुरक्षित देश रहा है। पाकिस्तान के खिलाफ लिखने वाले एक पत्रकार को दो दिनों के लिए अदालत ने हिरासत में भेज दिया है
पाकिस्तान पत्रकारों के लिए असुरक्षित देश रहा है। पाकिस्तान के खिलाफ लिखने वाले एक पत्रकार को दो दिनों के लिए अदालत ने हिरासत में भेज दिया है। पत्रकार का नाम खालिद जमील है और वह एबीएन न्यूज चैनल में कार्यरत हैं।
उन पर पाकिस्तानी संस्थाओं के खिलाफ कथित रूप से भड़काऊ लेख लिखने का आरोप है। खालिद जमील को गुरुवार को एआईए ने गिरफ्तार किया था।
एफआईए ने पत्रकार के खिलाफ दर्ज एफआईआर में कहा है कि जमील ट्विटर पर डराने वाले फोटो-वीडियो और ट्वीट पोस्ट करता था। आरोपी गलत और भ्रामक जानकारियां साझा करता था। वह जान-बूझकर गलत व्याख्या करता था और राज्य विरोधी लेख लिखता था, जिससे नागरिकों में डर पैदा होता था।
पत्रकार एबीएन न्यूज चैनल के खालिद जमील को गुरुवार को इस्लामाबाद में गिरफ्तार कर लिया गया। इस्लामाबाद जिला एवं सत्र अदालत ने उन्हें दो दिन की एफआइए हिरासत में भेज दिया।
इससे पहले सेना के आलोचक पत्रकार अरशद शरीफ की पिछले अक्टूबर में केन्या में हत्या कर दी गई थी, क्योंकि वह सुरक्षा एजेंसियों से अपनी जान को खतरा बताकर देश छोड़कर चले गए थे। एक अन्य टीवी एंकर, इमरान रिया खान, जो सत्ता की आलोचना कर रहे थे, मई से लापता हैं।
तेजी से वायरल हो रहे इस वीडियो में दिखाया गया है कि कार में आगे की सीट पर ही बैठे हुए थे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ
पत्रकारों को अपने काम के दौरान तमाम तरह की अप्रिय स्थिति का सामना करना पड़ता है। आए दिन इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती हैं। कुछ इसी तरह का एक और मामला और सामने आया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।
इस वायरल वीडियो में दिखाया गया है कि एक महिला पत्रकार द्वारा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से सवाल पूछे जाने पर उनकी कार का चालक नाराज हो गया और महिला पत्रकार के चेहरे पर थूक दिया। यही नहीं, इसके बाद वह तेजी से गाड़ी चलाता हुआ वहां से निकल गया। महिला पत्रकार किस मीडिया संस्थान से जुड़ी थी, फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह घटना कथित तौर पर 16 सितंबर को लंदन के हाइड पार्क इलाके में हुई। बता दें कि नवाज शरीफ भ्रष्टाचार मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद से कई साल से यूनाइटेड किंगडम में स्व निर्वासन में रह रहे हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में दिखाया गया है कि महिला पत्रकार ने उस कार की ओर हाथ हिलाकर रोकने को कहा, जिसमें नवाज शरीफ ड्राइवर के बगल वाली सीट पर बैठे हुए थे। महिला के हाथ के इशारे को देखकर कार रुक गई और ड्राइवर ने खिड़की से सिर निकाला। इस दौरान महिला पत्रकार इस पूरी घटना को रिकॉर्ड कर रही थी। बताया जाता है कि उसने कथित तौर पर नवाज शरीफ से पूछा कि क्या वह भ्रष्ट हैं? इसके बाद नवाज शरीफ की कार के ड्राइवर ने महिला पत्रकार के चेहरे पर कथित तौर पर थूक दिया और खिड़की का शीशा चढ़ाकर तेजी से वहां से चला गया।
पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी से जुड़ी डॉ. फातिमा ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर इसका वीडियो शेयर किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, 'नवाज शरीफ के ड्राइवर ने सवाल पूछने वाली पत्रकार के चेहरे पर थूका! इसके खिलाफ कोई भी उदारवादी, बुद्धिजीवी या नारीवादी नहीं बोलेगा। इस तरह की चयनात्मक नैतिकता से तंग आ गई हूं! घृणित'
Nawaz Sharif's driver spits on the face of a journalist who asked a question!
— Dr Fatima K - PTI (@p4pakipower1) September 16, 2023
None of the liberals, intellectuals or feminists will speak against it.
Sick of this selective morality!!
Disgusting ? pic.twitter.com/fsKdgVu5vm
यह मामला स्पेन का है, जहां पर लाइव कार्यक्रम के दौरान उस शख्स ने महिला रिपोर्टर को गलत तरीके से स्पर्श किया। मामला सामने आते ही पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।
लाइव रिपोर्टिंग के दौरान महिला पत्रकार के साथ एक व्यक्ति द्वारा शर्मनाक हरकत करने का मामला सामने आया है। यह मामला स्पेन का है, जहां पर लाइव कार्यक्रम के दौरान उस शख्स ने महिला रिपोर्टर को गलत तरीके से स्पर्श किया। मामला सामने आते ही पुलिस ने आरोपी शख्स को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पत्रकार ईसा बालाडो 12 सितंबर को मैड्रिड में डकैती की एक घटना की रिपोर्टिंग कर रही थीं। तभी एक शख्स पीछे से आया और उनके नितंबों पर हाथ दे मारा और पूछा कि किस चैनल के लिए काम करती हो। हालांकि ईसा बालाडो ने अपनी रिपोर्टिंग जारी रखी।
वहीं, जब उस शख्स ने ईसा का हाथ पकड़ा, उस दौरान शो होस्ट कर रहे नाचो अबाद ने कहा कि ईसा क्षमा करें, आपसे मेरा सवाल है कि क्या उस शख्स ने आपके नितंबों को छूआ? इस सवाल के जवाब में ईसा ‘हां’ कहती है। नाचो अबाद फिर ईसा से उस आदमी को कैमरे पर लाने के लिए कहते हैं, ताकि उसकी पहचान की जा सके। इसके बाद ईसा उस शख्स से बात करती है और उसकी हरकत पर सवाल उठाती है। हालांकि शख्स इस बात से इनकार कर देता है कि उसने किसी तरह की गंदी हरकत की है।
ईसा के साथ हुई इस हरकत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ईसा के साथ छेड़छाड़ को लेकर तमाम लोग गुस्से में हैं और सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं। स्टेफन सिमानोवित्ज नामक ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) यूजर द्वारा शेयर किए गए वीडियो को आप यहां देख सकते हैं। मामला सामने आते ही पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
"Do you really have to touch my ass?”
— Stefan Simanowitz (@StefSimanowitz) September 13, 2023
Yesterday, journalist Isa Balado was in the middle of a live report in Madrid when a man approached her from behind & sexually assaulted her, grabbing her bottom
He was arrested soon after?#MeToo #TimesUp #SeAcabópic.twitter.com/fZaS1gXGmo https://t.co/eGr8EtwfXS
पाकिस्तान में एक पत्रकार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से सवाल पूछना इस कदर भारी पड़ गया, उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ा
पाकिस्तान में एक पत्रकार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से सवाल पूछना इस कदर भारी पड़ गया, उसे नौकरी से हाथ धोना पड़ा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पीटीवी के पत्रकार आजम चौधरी ने आरोप लगाया कि उन्हें प्रेस कांफ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री से सवाल पूछने के कुछ घंटों के बाद ही नौकरी से निकाल दिया गया।
यह प्रेस कांफ्रेंस 30 जून को पंजाब गर्वनर हाउस में हुई थी। इस दौरान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ वहां के दो मंत्री इशाक डार और मरियम औरंगजेब भी थे। इस दौरान पाकिस्तानी पत्रकार ने देश के प्रधानमंत्री से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में सवाल पूछा था।
आजम चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम से कहा था कि मीडिया स्वतंत्र रूप से अपना काम नहीं कर पा रहा है। उन्होंने कहा कि मौजूदा दौर प्रतिबंधों के मामले में सबसे खराब दौर है। उन्होंने पीएम से सवाल करते हुए पूछा कि मीडिया पर प्रतिबंध कब और कैसे खत्म होंगे। शहबाज शरीफ ने सवाल टाल दिया, हालांकि उनके चेहरे से पता चल रहा था कि उन्हें यह सवाल बिल्कुल भी पसंद नहीं आया।
वहीं इस मामले पर सरकार का पक्ष रखते हुए सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि मैं आजम चौधरी को जानती हूं और उनके विचारों से वाकिफ हूं, लेकिन इसके बावजूद, उन्हें पीएम शहबाज की प्रेस वार्ता में आमंत्रित किया गया और एक सवाल पूछने की इजाजत दी गई। उन्होंने दावा किया कि उन्हें पीटीवी ने कभी भी स्थाई या अनुबंध कर्मचारी के रूप में काम पर नहीं रखा था।
गूगल ने ऐलान किया है कि वह कनाडा के मीडिया हाउस को अब ब्लॉक कर देगा।
गूगल ने ऐलान किया है कि वह कनाडा के मीडिया हाउस को अब ब्लॉक कर देगा। गूगल ने कहा है कि वह सर्च इंजन पर अब देश की मीडिया हाउस की खबरों को नहीं दिखाएगा। कनाडा सरकार ने देश में एक नया कानून पेश किया है, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है।
कनाडा में खबरों को लेकर यह कानून अगले छह महीनों में लागू हो जाएगा, जिसके तहत कनाडा में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को अब कंटेंट के लिए न्यूज पब्लिसर्स को पैसे चुकाने पड़ेंगे। यह कानून ऑस्ट्रेलिया में साल 2021 में लागू किया गया था।
गूगल ने गुरुवार को कहा कि वह गूगल न्यूज और गूगल डिस्कवर से कनाडा से जुड़ी सभी खबरों के लिंक हटाएगा। ये दोनों ही मंच लोगों को अपनी पसंद के हिसाब से स्थानीय खबरें व अन्य ऑनलाइन कंटेंट हासिल करने की सुविधा प्रदान करते हैं।
गूगल ने कहा कि उसने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली लिबरल पार्टी की सरकार को अपने फैसले से अवगत करा दिया है। हालांकि, उसने यह नहीं बताया कि वह अपने मंचों से कनाडा से जुड़ी खबरों के लिंक हटाना कब शुरू करेगा। उसने कहा कि साल के अंत में उक्त कानून के प्रभाव में आने से पहले ऐसा कर दिया जाएगा। यह कानून पिछले हफ्ते पारित हुआ था।
गूगल ने स्पष्ट किया कि उसके मंचों पर सिर्फ कनाडा से जुड़ी खबरें ब्लॉक की जाएंगी, जिसका मतलब है कि कनाडाई उपयोगकर्ता फॉक्स न्यूज और बीबीसी सहित अन्य वैश्विक मीडिया संगठनों द्वारा जारी सामग्री को देखने-पढ़ने में सक्षम होंगे।
फेसुबक ने भी इसी तरह का फैसला पिछले सप्ताह लिया है। कनाडा में बिल सी-18 पास हुआ है जो कि समाचार को लेकर सोशल मीडिया कंपनियों के लिए है। कनाडा के कई मीडिया हाउस का कहना है कि फेसबुक और गूगल जैसे प्लेटफॉर्म उनकी खबरों से कमाई कर रहे हैं, लेकिन उन्हें पैसे नहीं दे रहे।
फेसबुक और गूगल ने कहा कि यह प्रस्ताव उनके व्यवसायों के लिए अस्थिर थे और जब तक अधिनियम में संशोधन नहीं किया जाएगा, तब तक कनाडा में खबरों को गूगल या मेटा प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध नहीं कराया जाएगा।
कनाडा ने ये अनुमान लगाया है कि पिछले साल न्यूज बिजनेस को कानून के तहत 330 मिलियन डॉलर यानि लगभग 20,436 करोड़ रुपए प्राप्त हो सकते थे। हेरिटेज मंत्री पाब्लो रोड्रिग्ज ने पिछले साल बिल पेश किया था और कहा था कि इंटरनेट प्लेटफॉर्म के पास अधिनियम के तहत तुरंत कोई दायित्व नहीं है और सरकार नियामक और कार्यान्वयन प्रक्रिया पर उनके साथ परामर्श करने के लिए तैयार है।
कानूनी फाइलिंग का हवाला देते हुए कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कंपनी को इस डील के तहत 225 मिलियन डॉलर का भुगतान किया जाएगा।
मीडिया कंपनी ‘वाइस मीडिया’ (Vice Media) के बारे में खबर है कि ‘फोर्ट्रेस इन्वेस्टमेंट ग्रुप’ (Fortress Investment Group) समेत खरीदारों के एक समूह द्वारा इसका अधिग्रहण जल्द किया जा सकता है।
कानूनी फाइलिंग का हवाला देते हुए कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कंपनी को इस डील के तहत 225 मिलियन डॉलर का भुगतान किया जाएगा। यह राशि कंपनी की लगभग सभी संपत्तियों और कुछ देनदारियों के लिए दी जाएगी।
गुरुवार को मैनहट्टन में अमेरिकी अदालत में दायर एक फाइलिंग के अनुसार, वाइस मीडिया की बिक्री को मंजूरी देने के मामले में सुनवाई शुक्रवार को होने वाली है। लंबे समय से वित्तीय कठिनाइयों से जूझ रही और शीर्ष नेतृत्व के यहां से जाने के बाद कंपनी ने पिछले महीने दिवालियापन संरक्षण (bankruptcy protection) के लिए आवेदन किया था।
बता दें कि वाइस मीडिया में गिरावट वर्ष 2017 के बाद शुरू हुई थी, उस समय कंपनी का मूल्यांकन अपने चरम पर बढ़कर 5.7 बिलियन डॉलर पहुंच गया था। कंपनी को तब जेम्स मर्डोक के ‘लूपा सिस्टम्स’ (Lupa Systems), ‘टीपीजी’ (TPG), ‘टेक्नोलॉजी क्रॉसओवर वेंचर्स’ (Technology Crossover Ventures) और ‘एंटीना ग्रुप’ (Antenna Group) से फंडिंग मिली थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह फैसला इसलिए लिया गया है, क्योंकि रूस और यूक्रेन युद्ध में पश्चिमी देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे।
रूस ने सेंट पीटर्सबर्ग में 14 से 17 जून तक होने वाले ‘इंटरनेशनल इकोनमिक फोरम’ (International Economic Forum) में पश्चिमी देशों के पत्रकारों के शामिल होने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यह फैसला इसलिए लिया गया है, क्योंकि रूस और यूक्रेन युद्ध में पश्चिमी देशों ने रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए थे। रूस इसके बाद से संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, यूरोपीय संघ के सदस्यों और ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों को ‘अमित्र’ के रूप में मानता है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता ने शनिवार को बताया कि जिन देशों को रूस अपना मित्र नहीं मानता है, उन देशों के पत्रकारों पर इस साल सेंट पीटर्सबर्ग में होने वाले इकोनमिक फोरम की रिपोर्टिंग करने पर बैन लगा दिया गया है।
बता दें कि सेंट पीटर्सबर्ग में 14-17 जून तक इंटरनेशनल इकोनमिक फोरम का आयोजन किया जाएगा। इकोनमिक फोरम रूस के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है। इसे वैश्विक निवेशकों के लिए रूस की आर्थिक उपलब्धियों को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया गया था। यह पहली बार है, जब पश्चिमी देशों के पत्रकारों को फोरम में प्रवेश करने से प्रतिबंधित किया गया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को ‘रेडियो पाकिस्तान’ की ऐतिहासिक इमारत के जीर्णोद्धार का काम तत्काल शुरू करने की घोषणा कर दी है
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को ‘रेडियो पाकिस्तान’ की ऐतिहासिक इमारत के जीर्णोद्धार का काम तत्काल शुरू करने की घोषणा कर दी है। बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद नौ मई को भड़की हिंसा के दौरान इस इमारत को आग लगा दी गई थी।
शरीफ ने पाकिस्तान में राष्ट्रीय सार्वजनिक प्रसारक की इमारत का दौरा किया और वहां की गई आगजनी की घटना पर अफसोस जताया।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के अध्यक्ष खान की गिरफ्तारी के बाद नौ मई को हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे और इस दौरान कई लोगों की मौत हो गई थी। खान के समर्थकों द्वारा कई सैन्य तथा सरकारी प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी। इस दौरान पेशावर में ‘रेडियो पाकिस्तान’ के मुख्यालय में भी आगजनी की गई थी।
शरीफ ने ‘रेडियो पाकिस्तान’ में रखे कीमती और ऐतिहासिक अभिलेखीय रिकॉर्ड के नुकसान पर निराशा व्यक्त की, जिसे हिंसक भीड़ ने पूरी तरह से नष्ट कर दिया। ‘रेडियो पाकिस्तान’ के महानिदेशक ताहिर हसन ने प्रधानमंत्री को हिंसक भीड़ द्वारा ढांचे को पहुंचाए गए नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
ट्विटर के नए सीईओ की तलाश अब पूरी हो गई है। एलन मस्क ने आखिरकार यह घोषणा कर दी है कि कौन होगा ट्विटर का अगला सीईओ।
ट्विटर के नए सीईओ की तलाश अब पूरी हो गई है। एलन मस्क ने आखिरकार यह घोषणा कर दी है कि कौन होगा ट्विटर का अगला सीईओ। एलन मस्क ने ट्वीट कर बताया कि लिंडा याकारिनो (Linda Yaccarino) ट्विटर की नई सीईओ होंगी। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि वह छह हफ्ते में अपना कार्यभार संंभाल लेंगी।
मस्क ने बताया कि लिंडा मुख्यतौर पर बिजनेस ऑपरेशन्स पर ध्यान देंगी, जबकि वह खुद प्रॉडक्ट डिजाइन और नई तकनीक पर फोकस करेंगे।
मस्क ने शुक्रवार शाम को ट्वीट कर बताया कि मैं ट्विटर के नए सीईओ के तौर पर लिंडा याकारिनो का स्वागत कर उत्साहित हूं। वह मुख्य तौर पर बिजनेस ऑपरेशन्स पर फोकस करेंगी, जबकि मैं प्रॉडक्ट डिजाइन और नई तकनीक पर फोक करूंगा। इस प्लेटफॉर्म को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए आपके साथ काम करने का इंतजार रहेगा।
I am excited to welcome Linda Yaccarino as the new CEO of Twitter!@LindaYacc will focus primarily on business operations, while I focus on product design & new technology.
— Elon Musk (@elonmusk) May 12, 2023
Looking forward to working with Linda to transform this platform into X, the everything app. https://t.co/TiSJtTWuky
लिंडा 2011 से एनबीसी यूनिवर्सल के साथ हैं। वह अभी ग्लोबल ऐडवरटाइजिंग और पार्टनरशिप की चेयरपर्सन के तौर पर कार्यरत हैं। लिंडा साल 2011 में एनबीसी यूनिवर्सल में बतौर केबल एंटरटेनमेंट और डिजिटल एडवर्टाइजमेंट सेल्स की चेयरमैन शामिल हुई थीं। इसके एक साल बाद उनको प्रमोट कर के एडवरटाइजिंग एंड क्लाइंट पार्टनरशिप चेयरपर्सन बना दिया गया। अक्टूबर 2020 में, वह एनबीसी यूनिवर्सल में ग्लोबल ऐडवर्टाइजिंग एंड पार्टनरशिप की चेयरपर्सन बनीं।
एनबीसी यूनिवर्सल में शामिल होने से पहले, याकारिनो ने 19 सालों तक टर्नर एंटरटेनमेंट एडवरटाइजिंग सेल्स एंड मार्केटिंग एंड एक्विजिशन के एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट और COO के रूप में कार्य किया।
याकारिनो ने पेन स्टेट यूनिवर्सिटी में टेलीकम्युनिकेशन की पढ़ाई की है।