दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने गुरुवार देर रात एक बड़ा ऐलान किया है
दुनिया के दूसरे सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क ने गुरुवार देर रात एक बड़ा ऐलान किया है। दरअसल, उन्होंने ट्विटर के सीईओ पद से इस्तीफा देने की बात कही है।उन्होंने ऐलान किया कि ट्विटर या एक्स कॉर्प के लिए नया सीईओ मिल चुका है। उन्होंने उस व्यक्ति की पहचान उजागर नहीं की, लेकिन जानकारी दी कि वह करीब छह सप्ताह में नए सीईओ को चुन लेंगे।
गौरतलब है कि एलन मस्क के ट्विटर खरीदने के बाद ही सीईओ की तलाश जारी थी, लेकिन अभी तक सीईओ नहीं मिल पाया था। हालांकि अब एलन मस्क के इस एलान के बाद लगता है सीईओ की तलाश पूरी हो चुकी है। एलन मस्क के ट्वीट से ऐसा प्रतीत होता है कि माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के सीईओ पद के लिए उन्होंने महिलाकर्मी का चयन किया है।
एलन मस्क ने ट्विटर पर लिखा, 'मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मैंने ट्विटर के नए सीईओ का चयन कर लिया है। वह छह सप्ताह में अपनी जिम्मेदारी संभालेंगी। अब मेरी भूमिका ट्विटर के कार्यकारी अध्यक्ष और सीटीओ के रूप में परिवर्तित होगी।'
इसके साथ ही उन्होंने ट्वीट में अपनी भूमिका भी स्पष्ट कर दी है। उन्होंने कहा इसके बाद मेरी भूमिका प्रॉडक्ट, सॉफ्टवेयर और sysops की देखरेख करने वाले कार्यकारी अध्यक्ष और CTO के रूप में होगी।
Excited to announce that I’ve hired a new CEO for X/Twitter. She will be starting in ~6 weeks!
— Elon Musk (@elonmusk) May 11, 2023
My role will transition to being exec chair & CTO, overseeing product, software & sysops.
एलन मस्क ने पिछले साल अक्टूबर में ट्विटर को खरीदा था और तभी से इसके सीईओ के पद पर बने हुए हैं। उनका कहना है कि ट्विटर का स्थायी सीईओ नहीं है। उन्होंने कहा था कि नए सीईओ के आने के बाद उनकी भूमिका बदल जाएगी।
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार को ‘रेडियो पाकिस्तान’ की ऐतिहासिक इमारत के जीर्णोद्धार का काम तत्काल शुरू करने की घोषणा कर दी है। बता दें कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद नौ मई को भड़की हिंसा के दौरान इस इमारत को आग लगा दी गई थी।
शरीफ ने पाकिस्तान में राष्ट्रीय सार्वजनिक प्रसारक की इमारत का दौरा किया और वहां की गई आगजनी की घटना पर अफसोस जताया।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के अध्यक्ष खान की गिरफ्तारी के बाद नौ मई को हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे और इस दौरान कई लोगों की मौत हो गई थी। खान के समर्थकों द्वारा कई सैन्य तथा सरकारी प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ और आगजनी की गई थी। इस दौरान पेशावर में ‘रेडियो पाकिस्तान’ के मुख्यालय में भी आगजनी की गई थी।
शरीफ ने ‘रेडियो पाकिस्तान’ में रखे कीमती और ऐतिहासिक अभिलेखीय रिकॉर्ड के नुकसान पर निराशा व्यक्त की, जिसे हिंसक भीड़ ने पूरी तरह से नष्ट कर दिया। ‘रेडियो पाकिस्तान’ के महानिदेशक ताहिर हसन ने प्रधानमंत्री को हिंसक भीड़ द्वारा ढांचे को पहुंचाए गए नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
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ट्विटर के नए सीईओ की तलाश अब पूरी हो गई है। एलन मस्क ने आखिरकार यह घोषणा कर दी है कि कौन होगा ट्विटर का अगला सीईओ। एलन मस्क ने ट्वीट कर बताया कि लिंडा याकारिनो (Linda Yaccarino) ट्विटर की नई सीईओ होंगी। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि वह छह हफ्ते में अपना कार्यभार संंभाल लेंगी।
मस्क ने बताया कि लिंडा मुख्यतौर पर बिजनेस ऑपरेशन्स पर ध्यान देंगी, जबकि वह खुद प्रॉडक्ट डिजाइन और नई तकनीक पर फोकस करेंगे।
मस्क ने शुक्रवार शाम को ट्वीट कर बताया कि मैं ट्विटर के नए सीईओ के तौर पर लिंडा याकारिनो का स्वागत कर उत्साहित हूं। वह मुख्य तौर पर बिजनेस ऑपरेशन्स पर फोकस करेंगी, जबकि मैं प्रॉडक्ट डिजाइन और नई तकनीक पर फोक करूंगा। इस प्लेटफॉर्म को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए आपके साथ काम करने का इंतजार रहेगा।
I am excited to welcome Linda Yaccarino as the new CEO of Twitter!@LindaYacc will focus primarily on business operations, while I focus on product design & new technology.
— Elon Musk (@elonmusk) May 12, 2023
Looking forward to working with Linda to transform this platform into X, the everything app. https://t.co/TiSJtTWuky
लिंडा 2011 से एनबीसी यूनिवर्सल के साथ हैं। वह अभी ग्लोबल ऐडवरटाइजिंग और पार्टनरशिप की चेयरपर्सन के तौर पर कार्यरत हैं। लिंडा साल 2011 में एनबीसी यूनिवर्सल में बतौर केबल एंटरटेनमेंट और डिजिटल एडवर्टाइजमेंट सेल्स की चेयरमैन शामिल हुई थीं। इसके एक साल बाद उनको प्रमोट कर के एडवरटाइजिंग एंड क्लाइंट पार्टनरशिप चेयरपर्सन बना दिया गया। अक्टूबर 2020 में, वह एनबीसी यूनिवर्सल में ग्लोबल ऐडवर्टाइजिंग एंड पार्टनरशिप की चेयरपर्सन बनीं।
एनबीसी यूनिवर्सल में शामिल होने से पहले, याकारिनो ने 19 सालों तक टर्नर एंटरटेनमेंट एडवरटाइजिंग सेल्स एंड मार्केटिंग एंड एक्विजिशन के एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट और COO के रूप में कार्य किया।
याकारिनो ने पेन स्टेट यूनिवर्सिटी में टेलीकम्युनिकेशन की पढ़ाई की है।
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संयुक्त राष्ट्र ने ‘सच्चाई और जवाबदेही के प्रति प्रतिबद्धता के लिए’ दिये जाने वाले अपने प्रमुख पुरस्कार को जेल में बंद तीन ईरानी महिला पत्रकारों को दिए जाने की घोषणा की है। यह घोषणा प्रेस स्वतंत्रता दिवस के मौके पर की गई है।
विजेताओं में नीलोफर हमीदी, एलाहेह मोहम्मदी व नरगिस मोहम्मदी शामिल हैं। नीलोफर ने एक खबर के जरिये गत वर्ष हिजाब के खिलाफ पुलिस हिरासत में मौत का शिकार हुई 22 वर्षीय महसा अमीनी के बारे में लोगों को अवगत कराया था, जिनकी पिछले साल सितंबर में मृत्यु हो गई थी। अमीनी को ठीक से हेडस्कार्फ न पहनने के लिए नैतिकता पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।
वहीं एलाहेह मोहम्मदी ने अमीनी के अंतिम संस्कार के बारे में लिखा था। अमीनी की मौत की वजह से ईरान के शहरों में कई महीनों तक विरोध प्रदर्शनों हुआ था और कई लोग सड़कों पर उतर आये थे
तीसरी विजेता नरगिस मोहम्मदी ने एक पत्रकार के रूप में कई वर्षों तक काम किया और ईरान की सबसे प्रमुख कार्यकर्ताओं में से एक हैं।
संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन विश्व प्रेस स्वतंत्रता पुरस्कार के लिए गिलर्मो कैनो को चुना गया है, जो एक कोलम्बियाई पत्रकार थे। कैनो की 17 दिसंबर, 1986 को बोगोटा में उनके अखबार एल एस्पेक्टाडोर के कार्यालय के सामने हत्या कर दी गई थी। यूनेस्को ने 1997 से तीन मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पुरस्कार प्रदान करना शुरू किया।
यूनेस्को के महानिदेशक ऑड्रे अजोले ने न्यूयॉर्क में एक समारोह में विजेताओं की घोषणा करते हुए कहा, “अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी है कि उन सभी महिला पत्रकारों का समर्थन किया जाए जिन्हें अपना काम करने से रोका जाता है और जिन्हें खतरों और हमलों का सामना करना पड़ता है।”
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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के जनक माने जाने वाले जेफ्री हिंटन (Geoffrey Hinton) ने गूगल से इस्तीफा दे दिया है। 'गॉडफादर ऑफ एआई' कहे जाने वाले हिंटन ने 'न्यूयॉर्क टाइम्स' से गूगल छोड़ने की पुष्टि की और बताया कि कैसे वह अपने काम को लेकर चिंतित थे।
हिंटन ने जिस तकनीक को विकसित करने में मदद की, उसके 'खतरों' को लेकर आगाह करते हुए उन्होंने पिछले सप्ताह गूगल में अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
उन्होंने कहा, 'मैं खुद को सांत्वना देता हूं कि यदि मैंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम नहीं किया होता तो कोई और करता। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम इस तकनीक का गलत इस्तेमाल होने या गलत हाथों में पड़ने से कैसे रोक सकते हैं।'
हिंटन ने आगे कहा कि एआई के क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा को रोकना असंभव हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप इतनी नकली इमेज और टेक्स्ट वाली दुनिया होगी कि कोई भी यह नहीं बता पाएगा कि सच क्या है जो कि काफी भयानक हो सकता है।
एआई आधारित कई प्रॉडक्ट को विकसित करने में हिंटन की अग्रणी भूमिका रही है। उन्होंने गूगल के एआई विकसित करने के प्रोजेक्ट पर करीब एक दशक तक काम किया, लेकिन तब से उन्हें प्रौद्योगिकी और इसे आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका के बारे में चिंता होने लगी है। एक रिपोर्ट के अनुसार हिंटन ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने गूगल इसलिए छोड़ा, ताकि वे एआई के जोखिमों के बारे में खुलकर बात कर सकें।
जेफ्री हिंटन अपने बेहतरीन कार्य के लिए कंप्यूटिंग का नोबेल पुरस्कार पा चुके हैं।
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डिजिटल मीडिया कंपनी वाइस मीडिया जल्द ही दिवालिया होने की अर्जी दाखिल करने की कगार पर पहुंच गई है। दिवालिया होने की अर्जी दाखिल करने से बचने के लिए कंपनी पिछले कुछ महीनों से खरीदार की तलाश कर रही है, जो कंपनी को खरीद सके। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यदि उसे कोई खरीदार नहीं मिले तो वह आने वाले हफ्तो में फाइलिंग की जा सकती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पांच कंपनियों ने वाइस को हासिल करने में दिलचस्पी दिखाई है।
रिपोर्ट की मानें तो यदि कंपनी दिवालियापन के लिए आवेदन करती है, तो ऋण-धारक फोर्ट इन्वेस्टमेंट ग्रुप कंपनी को नियंत्रित कर सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दिवालियापन की स्थिति में डिज्नी और फॉक्स सहित वाइस के अन्य निवेशकों को निवेश रिटर्न नहीं मिलेगा।
गौरतलब है कि हाल ही में वाइस मीडिया अपने वाइस न्यूज टुनाइट प्रसारण को बंद करने के साथ-साथ अपने वैश्विक संगठनों के पुनर्गठन के हिस्से के रूप में 100 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी करने की बात कही थी।
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पाकिस्तान में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर नजर रखने वाली संस्था पाकिस्तान इलेक्ट्रोनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (PEMRA) ने भारतीय चैनलों व भारतीय कंटेंट को अवैध रूप से प्रसारित करने के मामले में 50 से अधिक केबल ऑपरेटर्स के खिलाफ कार्रवाई की है और उनके उपकरण जब्त कर लिये हैं।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही PEMRA ने देशभर के स्थानीय केबल टीवी ऑपरेटर्स को चेतावनी दी थी कि वह भारतीय चैनलों का प्रसारण बंद कर दें और यदि कोई इसका उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
PEMRA ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में लाहौर, मुल्तान, फैसलाबाद, सरगोधा, गुजरांवाला, कराची और हैदराबाद में 50 से अधिक केबल ऑपरेटर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई है।
PEMRA ने गुरुवार को एक बयान में कहा कि उसके दलों ने सात शहरों में औचक दौरे किए। PEMRA ने पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के साथ-साथ उसके द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों का उल्लंघन कर अवैध तरीके से भारतीय चैनल और कंटेंट प्रसारित करने के लिए 50 केबल ऑपरेटर्स के उपकरण जब्त कर लिये हैं।
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अमेरिका के सबसे बड़े न्यूज चैनलों में से एक ‘फॉक्स न्यूज’ इन दिनों सुर्खियों में है और वह भी दो वजहों से और यह दोनों वजह एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं। दरअसल, पहली वजह जानें, इससे पहले आपको दूसरी वजह पहले बता देते हैं और वह है इस चैनल के प्राइम टाइम शो एंकर टकर कार्लसन का इस्तीफा।
दरअसल कार्लसन का इस्तीफा इसलिए बड़ी वजह बन गया, क्योंकि ‘फॉक्स न्यूज’ से अलग होते ही चैनल की पेरेंट कंपनी के शेयरों में एक दिन में ही 5.4% की गिरावट दर्ज की गई, यानी उसे एक दिन में 41 हजार करोड़ का घाटा हुआ है। बीते शुक्रवार को ‘फॉक्स न्यूज’ पर उन्होंने अपना आखिरी शो होस्ट किया था।
वहीं, चैनल के सुर्खियों में बने रहने की अब पहली वजह जान लीजिए। पहली वजह इसलिए क्योंकि यह इस्तीफे से पहले की कहानी है, जोकि ‘फॉक्स न्यूज’ पर ठोके गए एक मानहानि के मुकदमे से जुड़ी है, जिसके सेटलमेंट के लिए चैनल 64 हजार करोड़ रुपए गंवाने पड़े। यह मामला भी टकर कार्लसन की एक न्यूज से जुड़ा हुआ है।
फॉक्स न्यूज को टकर कार्लसन की वजह से पिछले दिनों काफी मुश्किल दौर का सामना करना पड़ा। दरअसल, कार्लसन को डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी का समर्थक माना जाता है और इस समय अमेरिका में जो बाइडन की सरकार है। फॉक्स न्यूज ने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान धोखाधड़ी होने के दावे किए थे, जिनमें वोटिंग मशीन में गड़बड़ी के आरोप लगे थे। कहा जाता है कि टकर कार्लसन के इन दावों के ही बाद डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थकों ने 6 जनवरी 2020 को व्हाइट हाउस पर हमला किया था। इसके बाद वोटिंग मशीन कंपनी डोमिनियन ने ‘फॉक्स न्यूज’ पर मानहानि का मामला दर्ज कर दिया था। इस मामले के सेटेलमेंट के लिए ‘फॉक्स न्यूज’ को लगभग 64 हजार करोड़ रुपए देने पड़े।
वैसे बताया यह जा रहा है कि यही मामला टकर कार्लसन के फॉक्स न्यूज से अलग होने की वजह बना।
माना जाता है कि टकर कार्लसन को षड्यंत्र की कहानियों (कॉन्सिपैरिसी थ्योरीज) को विश्वसनीयता देने में महारथ हासिल है। उन पर अपने ऐसे शो के जरिए समाज के एक तबके के खिलाफ गुस्सा भड़काने के भी आरोप लगते रहे हैं। दरअसल, एक रिपोर्ट की मानें तो टकर कार्लसन के शो को औसतन रोज रात को 30 लाख से ज्यादा दर्शक देखते थे। वहीं, फॉक्स के प्रतिद्वंद्वी न्यूज चैनलों के उस टाइम स्लॉट में औसत दर्शक संख्या 10 लाख से भी कम रहती थी। इसी वजह से ही टकर कार्लसन की शैली को दूसरे न्यूज चैनलों को भी अपनाना पड़ा।
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पाकिस्तान में मीडिया पर नजर रखने वाली संस्था पाकिस्तान इलेक्ट्रोनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण (PEMRA) ने शुक्रवार को देशभर के स्थानीय केबल टीवी ऑपरेटर्स को यह आदेश जारी किए हैं कि वह भारतीय चैनलों का प्रसारण बंद कर दें। साथ ही यह भी कहा कि यदि कोई इसका उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
PEMRA ने एक बयान में कहा कि कई ऑपरेटर्स पहले भी उसके और देश के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित नियमों का उल्लंघन करते हुए पाए गए हैं।
शुक्रवार को प्राधिकरण ने अपने स्थानीय कार्यालयों को आदेश दिया था कि वे केबल ऑपरेटर्स द्वारा भारतीय चैनलों का प्रसारण कर नियमों का उल्लंघन किए जाने की खबरों की पड़ताल करें।
प्राधिकरण ने बयान में कहा है कि PEMRA के लाइसेंस प्राप्त चैनलों के अलावा किसी भी चैनल को केबल टीवी नेटवर्क पर प्रसारण की अनुमति नहीं दी जाएगी और यदि कोई ऑपरेटर आदेशों की उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ प्राधिकरण के कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कराची क्षेत्रीय कार्यालय ने विभिन्न क्षेत्रों में औचक निरीक्षण किया और डिजिटल केबल नेटवर्क, होम मीडिया कम्युनिकेशंस (प्राइवेट) लिमिटेड, शाहजेब केबल नेटवर्क और स्काई केबल विजन जैसे केबल ऑपरेटर्स पर छापा मारा। बयान में कहा गया है कि प्राधिकरण की प्रवर्तन टीमों ने सिंध के हैदराबाद और पंजाब के मुल्तान क्षेत्र में इसी तरह छापे मारकर अवैध उपकरण जब्त किए और उल्लंघनकर्ताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए।
गौरतलब है कि पाकिस्तान पहले भी कई बार भारतीय फिल्मों और टीवी चैनलों पर प्रतिबंध लगा चुका है। पहली बार, इसने 1965 के युद्ध के बाद भारतीय फिल्मों पर प्रतिबंध लगाया था, जो दशकों तक जारी रहा। हालांकि 2008 में द्विपक्षीय संबंधों में सुधार के बाद इसे हटा लिया गया। कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशों के बीच तनाव के बाद 2016 में पाकिस्तान में भारतीय कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। लाहौर उच्च न्यायालय ने 2018 में प्रतिबंध के खिलाफ फैसला दिया, लेकिन अक्टूबर 2018 में उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय का फैसला पलट दिया और फिर से प्रतिबंध लगा दिया।
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एमेजॉन के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट (advertising, IMDb and Grand Challenge) पॉल कोटस ने अमेरिका और कनाडा में कार्यरत एंप्लॉयीज को इस बारे में ई-मेल भेज दिया है।
जानी-मानी ई-कॉमर्स कंपनी ‘एमेजॉन’ (Amazon) में एक बार फिर छंटनी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस बार छंटनी की तलवार कंपनी की एडवर्टाइजिंग यूनिट पर चल रही है। बताया जा रहा है कि कंपनी ने यह फैसला कॉस्ट कटिंग के तहत लिया है।
एमेजॉन के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट (advertising, IMDb and Grand Challenge) पॉल कोटस ने अमेरिका और कनाडा में कार्यरत एंप्लॉयीज को इस बारे में ई-मेल भेज दिया है। इस मेल में कहा गया है कि कंपनी अपने कस्टमर्स को अधिकतम लाभ और अपने बिजनेस के दीर्घकालिक स्वास्थ्य की दिशा में संसाधनों को प्राथमिकता दे रही है।
इस मेल के अनुसार, विज्ञापन यूनिट में छंटनी के बाद कंपनी अपनी टीमों में फेरबदल करेगी और कुछ प्रोग्राम्स को रोक भी सकती है। कोटस ने अपने मेल में यह भी लिखा है कि कंपनी का ध्यान छंटनी से प्रभावित टीम के सदस्यों की मदद करना है। निकाले गए एंप्लॉयीज की उनकी टीम के लीडर के साथ एक बैठक होगी, जिसमें अगले चरण के बारे में बताया जाएगा। उन्हें पूरी सैलरी और अगले दो से तीन महीने के तमाम लाभ दिए जाएंगे। इसके अलावा नई नौकरी तलाशने में भी उन्हें सपोर्ट दिया जाएगा।
माना जा रहा है कि एडवर्टाइजिंग यूनिट में छंटनी एमेजॉन के सीईओ एंडी जेसी के उस प्लान का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने कुछ समय पूर्व कॉस्ट कटिंग की बात कही थी। जेसी का कहना था कि कंपनी अपने खर्च को कम करने के लिए लगातार अपनी सभी टीमों के कार्य का मूल्यांकन करेगी और काम व रिजल्ट के हिसाब से ही आगे का निर्णय लेगी।
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अमेरिकी न्यूज चैनल 'फॉक्स न्यूज' (Fox News) को गलत खबर का प्रसारण करना भारी पड़ गया है। दरअसल अमेरिका में वोटिंग मशीन बनाने वाली कंपनी डोमिनियन ने न्यूज चैनल पर मानहानि का केस कर दिया था, जिसे अब करीब तीन साल बाद सुलझा लिया गया है। फॉक्स न्यूज ने मंगलवार को कोर्ट जाने से कुछ मिनट पहले ही मामले को सुलझा लिया और अपनी गलती को स्वीकार कर ली।
हालांकि इस मामले को लेकर अब न्यूज चैनल पर भारी जुर्माना लगाया गया है। कंपनी और न्यूज चैनल के बीच लास्ट मिनट में सेटलमेंट हुआ। वोटिंग मशीन बनाने वाली कंपनी ने 1.6 बिलियन डॉलर की मानहानि का दावा किया था, लेकिन बात इसके आधे पर ही बन गई, लिहाजा फॉक्स न्यूज को अब 787.5 (₹58,059 करोड़) मिलियन डॉलर देने होंगे।
मामला 2020 का है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में उपयोग होने वाली वोटिंग मशीन बनाने वाली कंपनी डोमिनियन को लेकर फॉक्स न्यूज ने एक रिपोर्ट दी थी, जिसे कंपनी ने गलत बताया था। कंपनी का आरोप है कि न्यूज चैनल ने जानबूझ कर और लापरवाही से 2020 के राष्ट्रपति चुनावों के बारे में कंपनी के मशीन से संबंधित गलत दावों को प्रसारित किया।
इसके बाद डोमिनियन ने न्यूज चैनल पर मानहानि का केस कर दिया था। कोर्ट में इस मामले की बहस मंगलवार को होनी थी। मामले में लगातार देरी हो रही थी। सुपीरियर कोर्ट के जज एरिक डेविस ने एनाउंस किया कि मुकदमा कुछ घंटे बाद शुरू होगा। लेकिन इस मामले में कोर्ट कोई फैसला करती, इससे पहले ही दोनों के बीच सेटलमेंट हो गया। शाम चार बजे के आसपास कार्यवाही बंद हो गई और काफी समय बाद जज यह घोषणा करने के लिए लौटे कि दोनों पक्षों का समझौता हो गया है।
कंपनी ने दावा किया था कि फॉक्स न्यूज चैनल ने धांधली की झूठी खबर दिखाई थी, जिसकी वजह से उसके बिजनेस को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है।
फॉक्स ने इसके बाद बयान दिया कि अमेरिका के इतिहास में ये सबसे प्रत्याशित मानहानि का मामला था। वहीं, डोमिनियन ने कहा इससे ये साबित हो जाता है कि फॉक्स न्यूज ने गलत रिपोर्टिंग की थी। इसीलिए उनको समझौता करना पड़ा. कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि इस खबर से हमारी साख खराब हुई। हमारी एक मार्केट में इमेज थी, उस इमेज का नुकसान हुआ है।
डोमिनियन अटॉर्नी जस्टिन नेल्सन ने इसे अपनी जीत करार देते हुए कहा कि कुछ भी हो मगर सच सच ही होता है और सच्चाई मायने रखती है।
सुलह के लेकर जो तथ्य सामने आए हैं उसके अनुसार, फॉक्स को सार्वजनिक माफी मांगने या अपने झूठे होने या झूठे तथ्य प्रसारित करने की जरूरत नहीं होगी। फॉक्स न्यूज ने 2020 में चुनावी धोखाधड़ी के दावों को प्रसारित किया, जो ज्यादातर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा किए गए थे। उन्होंने बिना किसी सबूत के आरोप लगाया था कि 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में धांधली की गई है और परिणाम को पलट दिया जाना चाहिए।
फॉक्स को एक अन्य वोटिंग टेक्नोलॉजी कंपनी स्मार्टमैटिक की तरफ से भी 2.7 बिलियन डॉलर की मानहानि का सामना करना पड़ रहा है। स्मार्टमैटिक के एक प्रवक्ता ने बयान में कहा, डोमिनियन के मुकदमे ने फॉक्स के गलत सूचना अभियान के कारण हुए कुछ कदाचार और नुकसान को उजागर किया है, स्मार्टमैटिक बाकी को उजागर करेगा।
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