यौन दुर्व्यवहार आम जिंदगी का एक ऐसा हिस्सा बन चुका है जो हर जगह दिखाई देता है...
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
आए दिन छोटे-बड़े मीडिया घरानों में किसी न किसी महिला के साथ दुर्व्यवहार की बातें सामने आती रही हैं। हालांकि ज्यादातर मामलों में इस तरह की बातें दबी जुबान में बाहर निकलती हैं, लेकिन कुछ ही मामलों में महिला पत्रकार हिम्मत दिखाते हुए आगे बढ़ पाती हैं। अब सोशल मीडिया पर #MeToo कैंपेन के जरिए कई महिलाओं ने अपने साथ हुए यौन दुर्व्यवहार के बारे में खुलकर लिखना शुरू कर दिया है।
ताजा मामले में अब ऐसी महिला पत्रकार सामने आई हैं, जो या तो प्रतिष्ठित मीडिया घरानों में कार्यरत हैं या फिर फ्रीलांस जर्नलिज्म कर रही हैं और जिन पर उन्होंने आरोप लगाए हैं, वे भी अच्छी जगहों पर कार्यरत हैं। इनमें 'टाइम्स ऑफ इंडिया' के हैदराबाद में रेजिडेंट एडिटर के.आर श्रीनिवासन, मुंबई में 'डीएनए' के एडिटर-इन-चीफ रहे गौतम अधिकारी, 'द क्विंट' के सीनियर रिपोर्ट मेघनाद बोस, ‘हॉफिंगटन पोस्ट’ में काम करने वाले अनुराग वर्मा, लोकप्रिय लेखक चेतन भगत और कॉमेडियन उत्सव चक्रवर्ती का नाम शामिल है।
I have a similar story to tell about @MeghnadBose93. But first, disclaimers: I was good friends with him in ACJ. I'd heard first-person instances of incidents of the times he'd bullied, harassed, and was emotionally abusive to the women in the TV module and not done anything https://t.co/aBn1dOB8ZP
— Poulomi (@PouloCruelo) October 6, 2018
महिला पत्रकार संध्या मेनन ने ट्वीट कर 'टाइम्स ऑफ इंडिया' के हैदराबाद में रेजिडेंट एडिटर के.आर श्रीनिवासन पर आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा, 'मैं के.आर श्रीनिवासन के बारे में बताना चाहूंगी, जो इन दिनों टाइम्स ऑफ इंडिया के हैदराबाद में रेजिडेंट एडिटर है। उन्होंने एक बार मुझे घर छोड़ने की पेशकश की थी। यह साल 2008 की घटना है जब हम बेंगलुरु में अखबार के एक संस्करण के लॉन्च के लिए पहुंचे थे।'
Since I'm calling them out.
Let me tell you about @KRSreenivas who is currently resident editor @toi Hyderabad (I think) who offered to drop me back after a day's work.
We were about to launch Bangalore mirror back in 2008 and I had just moved to this city.
— Sandhya Menon (@TheRestlessQuil) October 5, 2018
हालांकि इसके जवाब में के.आर श्रीनिवास ने लिखा, ‘टाइम्स ऑफ इंडिया की सेक्सुअल हरासमेंट
कमेटी ने इसकी जांच शुरू कर दी है और एक वरिष्ठ महिला के नेतृत्व वाली मजबूत कमेटी
इसकी जांच कर रही है। मैं इस जांच में पूरा सहयोग कर रहा हूं।’
वहीं महिला पत्रकार संध्या मेनन ने डीएनए के एडिटर इन चीफ रहे गौतम अधिकारी पर भी इसी तरह का आरोप लगाया है। उन्होंने लिखा कि उनकी सहमति के बगैर गौतम अधिकारी ने उन्हें किस किया था।
And finally, one more calling out and I'm done.
Gautam Adhikari who was the editor in chief of DNA Bombay. His exec assistant and I were think friends and we'd go out a lot. Once he told her you girls are always going out, I'm new to the city show me some sights
— Sandhya Menon (@TheRestlessQuil) October 5, 2018
So I gave him a hug to say goodnight. He took my face in that moment, held right and kissed my mouth; tongue and all.
It was all I could do to not jump out of the window and fly home.
I scrambled for the door, muttered a goodnight and ran.
— Sandhya Menon (@TheRestlessQuil) October 5, 2018
वहीं इस मामले पर गौतम अधिकारी ने आरोप के जवाब में कहा है कि उन्हें बिल्कुल याद नहीं है। उन्होंने 'द संडे एक्सप्रेस' को बताया कि इस घटना के बारे में मुझे कुछ भी याद नहीं है। मुझे वह महिला एक सहयोगी के रुप में याद है जिसके साथ मैंने अन्य सहयोगियों की तरह सम्मान और विनम्रता के साथ व्यवहार किया। उन्होंने कहा कि मैं अब मीडिया जगत से सेवानिवृत हो चुका हूं लेकिन कभी-कभी लिखता भी हूं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर लगाए गए इस तरह के आरोपों का कानून के माध्यम से शायद ही कभी सामना किया जा सकता है। इसलिए वे इस पर कानूनी कार्रवाई करने पर भी विचार नहीं कर रहे।
कॉमेडियन उत्सव चक्रवर्ती पर भी एक महिला ने
यौन दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है। महिला ने गुरुवार को ट्वीट कर उत्सव पर आरोप
लगाए कि उत्सव ने उन्हें अपनी न्यूड तस्वीरें भेजने की बात कही थी, साथ ही अपने
जननांग की तस्वीर भी उन्हें भेजी थी।
इसी तरह कुछ समय पहले तक ‘हॉफिंगटन पोस्ट’ में काम करने वाले अनुराग वर्मा पर भी
बहुत सी महिलाओं ने आपत्तिजनक मेसेज भेजने के आरोप लगाए हैं। महिलाओं ने लिखा कि
अनुराग उन्हें स्नैपचैट पर गंदे-गंदे मेसेज भेजते थे।
इसकी सफाई में अनुराग ने माफी मांगते हुए ट्वीट
किया है कि उन्होंने वो तमाम मेसेज मजाकिया लहजे में भेजे थे। अनुराग ने लिखा है
कि उन्हें इस बात का अंदेशा नहीं था कि इससे किसी की भावनाएं आहत हो जाएंगी।
उन्होंने यह भी माना है कि उन्होंने कुछ महिलाओं को उनकी न्यूड तस्वीरें भेजने के
मेसेज भेजे थे।
Hello. My snapchats have been problematic. I have been problematic. The content that I thought was "funny" at the time was actually not. I'm sorry, I have made many of you uncomfortable with my crass photos and videos that I thought would pass as a humour.
— Anurag Verma (@kitAnurag) October 4, 2018
इस संबंध में हॉफिगंटन पोस्ट ने भी अपनी तरफ से
एक बयान जारी किया है। इस बयान में लिखा गया है कि उनके दो पूर्व कर्मचारी अनुराग
वर्मा और उत्सव चक्रवर्ती पर बहुत सी महिलाओं ने यौन दुर्व्यवहार के आरोप लगाए हैं।
वेबसाइट ने लिखा, 'हम इस तरह के कृत्य को किसी भी तरह से सही नहीं ठहराते। चक्रवर्ती ने
तीन साल पहले हॉफिंगटन पोस्ट छोड़ दिया था, जबकि अनुराग वर्मा ने अक्टूबर 2017 में हॉफिंगटन पोस्ट छोड़ा। जब तक ये
दोनों हमारे साथ काम कर रहे थे तब तक हमें इन पर लगाए गए आरोपों के बारे में कुछ
पता नहीं था। हम इस बात का पता लगा रहे हैं कि क्या यहां काम करते हुए भी इन पर इस
तरह के कोई आरोप लगे थे।’
महिला पत्रकारों के इस तरह से सामने आने के बाद, सुप्रीम कोर्ट की वकील इंदिरा जयसिंह ने उनकी तारीफ की है और ट्वीट किया है, ‘मैं मीडिया की उन महिलाओं को सलाम करती हूं जो अपने साथ हुए यौन शोषण के अनुभवों को लेकर मुखर हुई हैं। न्यायपालिका में भी ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जो इस तरह के मामलों से लड़ रही हैं। आप सभी को मेरा समर्थन है।’
I salute women in the media for coming out with their experiences of sexual harassment in the industry. Women in the judiciary are also fighting sexual harassment with their heads held high. You will be heard with an open mind in the spirit of seeking the truth , my full support
— indira jaising (@IJaising) October 5, 2018
गौरतलब सोशल मीडिया पर इस तरह की घटनाओं की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है और खुलकर महिला पत्रकार अपनी बात रख रही हैं। इनमें से कुछ घटनाएं काम की जगहों पर बिना सहमति से किए सेक्सुअल बर्ताव के बारे में हैं, तो कई यौन संबंध बनाने की मांग के बारे में, कई पोर्नोग्राफी दिखाने के बारे में, तो कई में साथ काम करने वाले मर्दों या बॉस के गलत बर्ताव का उल्लेख है। द क्विंट के सीनियर रिपोर्टर मेघनाद बोस के मामले में संस्थान ने संज्ञान लिया है और इस पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
इस सीरीज के तहत आज हम बताएंगे कि विनीत जैन के विजन और नेतृत्व में ‘टाइम्स ग्रुप’ ने किस तरह अपने ‘पंख’ फैलाए हैं और किस तरह इसे एक अग्रणी मल्टीमीडिया मीडिया समूह बनाने में उनकी अहम भूमिका रही है।
'समाचार4मीडिया' की सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (exchange4media) ने पिछले हफ्ते ‘Leading From The Front’ नाम से कॉलम की एक सीरीज शुरू की है। इस सीरीज में देश के उन टॉप बिजनेस लीडर्स को शामिल किया गया है, जिन्होंने देश की मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में खास मुकाम हासिल किया है और उसे नई ऊंचाइंयों पर ले जाने में अपनी अहम भूमिका अदा कर रहे हैं। इस सीरीज के तहत आज हम बताएंगे कि विनीत जैन के विजन और नेतृत्व में ‘टाइम्स ग्रुप’ ने किस तरह अपने ‘पंख’ फैलाए हैं और किस तरह इसे एक अग्रणी मल्टीमीडिया मीडिया समूह बनाने में उनकी अहम भूमिका रही है।
विनीत जैन ने वर्ष 1987 में ‘द टाइम्स’ (The Times) समूह जॉइन किया था। इसके बाद प्रिंट को आगे बढ़ाने के अलावा मीडिया में समूह को विविधता प्रदान करने के लिए एक दूरदर्शी रणनीतिकार के रूप में उन्होंने समूह के अखबारों, टीवी, रेडियो और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स में तमाम नई पहल कीं, जो बाद में इंडस्ट्री के लिए एक खास पहचान बन गईं। वर्ष 1993 में डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर और उसके करीब पांच साल बाद मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में नियुक्ति के बाद से वह समूह के दिन-प्रतिदिन के कार्यों, जैसे-मार्केटिंग, कॉस्ट फंक्शंस, एचआर और ब्रैंड मैनेजमेंट आदि को संभाल रहे हैं।
जब विनीत जैन टाइम्स समूह में शामिल हुए थे, तो उन्होंने शुरू में ओवरऑल कंटेंट स्ट्रैटेजी और इसके निष्पादन (execution) का काम देखा, जिसमें समूह के प्रमुख समाचार पत्रों यानी ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’, ‘द इकनॉमिक टाइम्स’ और ‘नवभारत टाइम्स’ के पेजिनेशन, डिजाइन और एडिटोरियल इनोवेशन शामिल था। इसमें उन्होंने ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ के कई शहरों में एडिशन शुरू कराए और पेजों की संख्या बढ़ाने के साथ ही उन शहरों की कवरेज पर फोकस किया, जिसने एक राष्ट्रीय अखबार में स्थानीय खबरों की प्रमुखता मिलने लगी, जिसने इंडस्ट्री में एक नया ट्रेंड सेट कर दिया।
यह पहली बार था जब किसी राष्ट्रीय अखबार के लिए इतने बड़े पैमाने पर ऐसा किया गया था। विनीत जैन ने समय को परखते हुए अखबार के तमाम सेक्शंस को बेहतर बनाने और उन्हें स्थापित करने में भी मदद की। एक दूरदर्शी के तौर पर उन्होंने कई दशक पहले, जब इंटरनेट आगे बढ़ने लगा था, यह भी महसूस कर लिया था कि पाठकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए छोटे न्यूज आर्टिकल्स को अधिक विविधता में शामिल किया जा सकता है। इसके तहत उन्होंने ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ और ‘इकनॉमिक टाइम्स’ में न्यूज पेजों में एक पैराग्राफ के बॉक्स की शुरुआत की, ताकि न्यूज और व्यूज की सीमा को बनाए रखते हुए न्यूज के बारे में पाठकों के विश्लेषण को शामिल किया जा सके।
ऐसे में अखबार की वास्तुकला और इसकी कंटेंट स्ट्रैटेजी का आधुनिकीकरण विनीत जैन द्वारा किया गया था, जो 1990 के दशक के अंत तक समूह के चीफ कंटेंट स्ट्रैटेजिस्ट के रूप में उभरे थे। कंटेंट स्ट्रैटेजी और आर्किटेक्चर में मूलभूत परिवर्तनों के माध्यम से आधुनिक समाचार पत्र के लिए ये इनोवेशंस (वाइस चेयरमैन समीर जैन द्वारा संचालित आमंत्रण/कवर मूल्य निर्धारण और सदस्यता योजनाओं जैसे नवाचारों के साथ), टाइम्स ऑफ इंडिया दिल्ली में हिन्दुस्तान टाइम्स से आगे निकलने के लिए जिम्मेदार थे।
इसी तरह उनके विस्तार-उन्मुख दृष्टिकोण ने पाठकों की अधिक समाचारों की आवश्यकता को समझा और टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार में मुख्य रूप से स्टॉक लिस्टिंग, क्रॉसवर्ड और रीडर एंगेजमेंट सेक्शन, फिल्म समीक्षा आदि जैसी अधिक पाठक-अनुकूल सामग्री पेश की।
विनीत जैन को देश में अग्रणी लाइफस्टाइल और एंटरटेनमेंट जर्नलिज्म का श्रेय भी दिया जाता है। उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया के एडिशन वाइस सप्लीमेंट्स जैसे- दिल्ली टाइम्स, बॉम्बे टाइम्स आदि की कल्पना की और उन्हें मूर्त रूप दिया, जो लाखों युवा पाठकों और नए ऑडियंस सेगमेंट में स्वास्थ्य, फैशन, फिटनेस, फिल्मों, मनोरंजन आदि पर ध्यान केंद्रित करने वाले थे। ये विज्ञापनदाताओं के साथ हिट थे और विशेष रूप से न्यूजपेपर इंडस्ट्री में कॉपी किए गए हैं। इसके अलावा सामान्य रूप से टीवी और डिजिटल जैसे अन्य प्लेटफार्म्स में संशोधित रूप में इस्तेमाल किए गए हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि उदारीकरण के बाद के भारत में नए पाठकों के तहत भारतीय समाचार पत्रों के लिए फैशन, डिजाइन, स्वास्थ्य, फिटनेस, कल्याण आदि के लिए विज्ञापनदाताओं की नई शैलियों के लिए ये एक तरह से एंट्री प्वॉइंट्स बन गए हैं।
इंडस्ट्री के विशेषज्ञ बताते हैं कि विनीत जैन युवाओं और शहरी संस्कृति को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं। वास्तव में, उनके नेतृत्व में मीडिया में लाइफस्टाइल जर्नलिज्म के निर्माण ने पूरी तरह से नए दर्शकों और विज्ञापनदाताओं के साथ एक बड़ी नई इवेंट इंडस्ट्री शुरू की। यहां एक बार फिर से टाइम्स ग्रुप नेतृत्व की भूमिका में नजर आया। शुरुआत में टाइम्स के लाइफस्टाइल सप्लीमेंट्स विज्ञापनदाताओं के लिए इवेंट्स को प्रायोजित करने के लिए प्रेरक का काम करते, क्योंकि इस समूह ने पूरी इंडस्ट्री को परिपक्व और प्रोफेशनल बनाने में मदद की। इसके बाद ये मॉडल सभी शैलियों के इवेंट राजस्व का एक अलग प्रमुख स्रोत बन गए, और इस मॉडल को बाद में पूरे मीडिया जगत में चुना गया।
पब्लिकेशन में इस विरासत के अलावा विनीत जैन ने समूह को प्रिंट के अलावा अन्य सभी संभावित मीडिया क्षेत्रों में विविधता प्रदान की है। उन्होंने शुरुआत में ही इंटरनेट की मौलिक चुनौती को पहचान लिया और इसलिए टाइम्स ऑफ इंडिया वर्ष 1997 में वेबसाइट शुरू करने वाले पहले समाचार पत्रों में से एक था। इसके साथ वर्ष 2000 में टाइम्स इंटरनेट लिमिटेड की स्थापना की गई, जिसने बड़ी संख्या में डिजिटल संस्थाओं को जन्म दिया और जिसने इसे देश का सबसे बड़ा डिजिटल मीडिया हाउस बना दिया।
लेकिन इससे पहले 1990 के दशक के मध्य में विनीत जैन शायद एकमात्र ऐसे भारतीय मीडिया मालिक थे, जिन्होंने रेडियो की शक्ति को पहचाना। ‘टाइम्स एफएम’ (Times FM) आकाशवाणी पर प्रसारण करने वाली पहली निजी संस्था थी और सरकार द्वारा निजी एफएम रेडियो स्टेशनों को अनुमति दिए जाने के बाद इसे ‘रेडियो मिर्ची’ (अब मिर्ची) में तब्दील कर दिया गया। ‘मिर्ची’ आज भी मार्केट लीडर बनी हुई है Qj भारतीय एफएम रेडियो इंडस्ट्री के गॉडफादर के रूप में अपनी जगह पक्की कर रही है।
विनीत जैन ने भी टीवी की दुनिया में कदम बढ़ाए, लेकिन बुद्धिमानी से तब तक दूर रहे जब तक कि कुछ अन्य इसमें नहीं आ गए। लेकिन टाइम्स नाउ (टाइम्स नेटवर्क के अन्य अग्रणी चैनलों के समूह) के प्रवेश के साथ भारतीय न्यूज टेलीविजन का पहले जैसा दौर फिर नहीं आएगा। इसलिए, टाइम्स समूह को एक प्रिंट अखबार और मैगजीन पब्लिशर से एशिया के सबसे बड़े मीडिया समूहों में से एक में बदलने में विनीत जैन की काफी बड़ी भूमिका है। उन्होंने अपनी पहलों में पाठकों, दर्शकों और श्रोताओं को सबसे पहले रखा है। हर बदलाव को समझते हुए टेक्नोलॉजी उद्योग-व्यापी सर्वोत्तम प्रथाओं का उपयोग करके विश्व स्तरीय टीम का निर्माण किया है।
एक बड़े इंडस्ट्री लीडर के रूप में, जिन्होंने भारतीय मीडिया के लिए कई नियम फिर से लिखे हैं और देश की मीडिया वैल्यू चेन को कंटेंट, स्ट्रैटेजी व मुनाफे में बदलकर प्रिंट व मीडिया इंडस्ट्री के अन्य क्षेत्रों के लिए एक बड़ी विरासत छोड़ी है। इंडस्ट्री के लिए उन्होंने जो अगला चैप्टर लिखा है, वह देखना काफी दिलचस्प होगा, जो अभी सामने आना बाकी है। वर्ष 2013 में ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (exchange4media) समूह ने इन तमाम कारणों और इंडस्ट्री को ऊंचाइयों पर ले जाने में उनकी अग्रणी भूमिका के कारण विनीत जैन को ‘इंपैक्ट पर्सन ऑफ द ईयर’ (IPOY) का खिताब दिया।
हालांकि लोकप्रिय धारणा बनी हुई है कि विनीत जैन ने ही टाइम्स ग्रुप में टीवी, डिजिटल और रेडियो जैसे नए बिजनेस का निर्माण किया है और यह कहना सही है कि विनीत जैन 1987 में 21 साल की उम्र में TOI में शामिल हुए थे और तीन दशकों से भी ज्यादा समय तक उन्होंने प्रिंट के बिजनेस में महत्वपूर्ण योगदान दिया। जब विनीत जैन अपने पिता अशोक जैन और बड़े भाई समीर जैन के साथ जुड़े, तो बिजनेस का मुख्य आधार प्रिंट व न्यूजपेपर था।
जबकि समीर जैन को पिछले तीन दशकों से भी अधिक समय तक लीड करने, रणनीति बनाने, रिस्पॉन्स, मॉनेटाइजिंग, इनविटेशन प्राइजिंग का श्रेय दिया जाता है और अब पिछले 15 वर्षों में ब्रैंड कैपिटल के साथ युवा जैन ने अपने बड़े भाई समीर जैन के साथ प्रिंट बिजनेस और न्यूजपेपर बिजनेस में भी जबरदस्त योगदान दिया है।
वरिष्ठ अधिकारी विनीत जैन को याद करते हुए कहते हैं कि वह न्यूजपेपर व प्रिंट ऑर्गनाइजेशंस का नेतृत्व करने और उसे चलाने में पूरी तरह से जुड़े हुए थे। वह पूरी तरह से HR व हायरिंग और लीडरशिप मेंटरिंग और सुवरविजन में भी जुड़े रहते थे। जैन न्यूजपेपर व प्रिंट बिजनेस के प्रॉडक्ट व मार्केटिंग में भी शामिल रहते थे। विनीत जैन प्रिंट प्रॉडक्ट्स के एडिटोरियल को लेकर भी निर्णय लेते थे। उन्होंने नए एंटरटेनमेंट सप्लीमेंट्स शुरू किए, जिसकी पहले तो काफी आलोचना हुई फिर पूरी मीडिया इंडस्ट्री ने इसे अपना लिया।
विनीत जैन ने सिटी सप्लीमेंट और अखबारों में स्थानीय खबरों पर भी जोर दिया और यह सुनिश्चित किया कि ये सप्लीमेंट एडिटोरियल के साथ-साथ रेवेन्यू में योगदान देने वाले भी बनें। टाइम्स ग्रुप में सक्रिय होने के चलते पिछले 36 वर्षों से विनीत जैन की एडमिनिस्ट्रेशन, प्रिंटिंग और मैनेजमेंट के सभी पहलुओं में सक्रिय भागीदारी रहती थी। ढाई दशक पहले विनीत जैन इन अखबारों को इंटरनेट से जोड़ने में मदद की थी। उनके नेतृत्व में समाचार पत्रों की साइटों का शुभारंभ किया गया।
विनीत जैन को टीवी बिजनेस, रेडियो बिजनेस, डिजिटल व इंटरनेट बिजनेस और टाइम्स ग्रुप के एजुकेशन बिजनेस के निर्माण का श्रेय दिया जाता है। अपने नेतृत्व में पहले के 18-20 वर्षों में उन्होंने न्यूजपेपर व प्रिंट बिजनेस के अधिक क्षेत्रों में जबरदस्त योगदान दिया और कई स्ट्रैटजिक एडिटोरियल, मार्केटिंग और प्रॉडक्ट इनिशिएटिव्स का नेतृत्व किया, जिसकी छाप टाइम्स ग्रुप के बिजनेस पर अभी भी है। टाइम्स ग्रुप पर विनीत जैन की छाप जबरदस्त रही, जोकि प्रिंट से शुरू हुई। लेकिन अपने गहरे दृष्टिकोण से उन्होंने एक भविष्यवादी समूह बनाने की प्रक्रिया का नेतृत्व किया।
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इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप ‘वॉट्सऐप’ (WhatsApp) इंडिया की कम्युनिकेशंस डायरेक्टर विदिशा चटर्जी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
वह करीब तीन साल से वॉट्सऐप से जुड़ी हुई थीं। इससे पहले विदिशा चटर्जी ‘कोलगेट पामोलिव’ (Colgate-Palmolive) में कम्युनिकेशंस हेड (इंडिया) के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।
वह ‘Hill+Knowlton Strategies’ कंपनी में भी अपनी भूमिका निभा चुकी हैं। इसके अलावा पूर्व में वह ‘Genesis Burson-Marsteller’, ‘इंडिया टुडे’ (India Today), ‘ईएसपीएन स्टार स्पोर्ट्स’ (ESPN Star Sports) और ‘बीबीसी’ (BBC) के साथ भी काम कर चुकी हैं।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।राजीव मखनी ने 20 साल के लंबे कार्यकाल के बाद NDTV से इस्तीफा दे दिया है
राजीव मखनी ने 20 साल के लंबे कार्यकाल के बाद NDTV से इस्तीफा दे दिया है। वह यहां मैनेजिंग एडिटर के पद पर कार्यरत थे।
हमारी सहयोगी वेबसाइट एक्सचेंज4मीडिया से उन्होंने इस खबर की पुष्टि की है उन्होंने कहा कि वह जल्द ही अपने अगले वेंचर के बारे में घोषणा करेंगे।
राजीव मखनी ने कहा, ‘मेरे पास तीन प्रस्ताव हैं, जिनका मैं मूल्यांकन कर रहा हूं। मैं कुछ दिनों के भीतर घोषणा करूंगा कि मैं किसे स्वीकार करता हूं।‘
मखनी को एनडीटीवी नेटवर्क पर प्रसारित ‘गैजेट गुरु’, ‘सेल गुरु’, ‘न्यूजनेट 3.0’ और ‘वॉक द टेक टॉक’ जैसे शो की मेजबानी के लिए जाना जाता है।
सूत्रों के मुताबिक, यू-ट्यूबर गौरव चौधरी एनडीटीवी में मखनी की जगह लेंगे।
समाचार4मीडिया की नवीनतम खबरें अब आपको हमारे नए वॉट्सऐप नंबर (9958894163) से मिलेंगी। हमारी इस सेवा को सुचारु रूप से जारी रखने के लिए इस नंबर को आप अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट में सेव करें।एचवी सुब्बा राव और मधु सिन्हा की अध्यक्षता वाली बेंच मामले की सुनवाई अब 16 जून को करेगी।
‘नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल’ (NCLAT) ने जी-सोनी विलय (Zee-Sony merger) के मामले में ‘नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल’ (NCLT) के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ (NSE) और ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (BSE) को अपनी प्रारंभिक मंजूरी की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए थे।
‘जी’ ने NCLT के इस आदेश के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिसमें ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ और ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ को 16 जून 2023 से पहले अपडेटेड एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी करने के लिए कहा गया था। ‘जी’ का कहना था कि उसे अपनी बात रखने का अवसर नहीं मिला।
जस्टिस राकेश कुमार और टेक्निकल मेंबर डॉ. आलोक श्रीवास्तव ने आज NCLT के आदेश को खारिज कर दिया। NCLAT ने कहा कि एनओसी की समीक्षा करने के लिए दोनों एक्सचेंजों ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ और ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ को निर्देश देने से पहले NCLT द्वारा ‘जी’ का पक्ष सुना जाना चाहिए था। इसके साथ ही यह कहते हुए कि ‘जी’ को इस मामले में उठाई गई चिंताओं पर प्रतिक्रिया देने का कोई अवसर नहीं मिला, NCLAT ने मामले को वापस NCLT के पास भेज दिया है।
अपीलीय न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों के तहत दोनों पक्षों को सुना जाना चाहिए था। अब NCLT द्वारा इस मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाया जाएगा। एचवी सुब्बा राव और मधु सिन्हा की अध्यक्षता वाली बेंच मामले की सुनवाई अब 16 जून को करेगी।
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‘सोनी’ (SONY) के साथ विलय (Merger) के मामले में ‘जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ (ZEEL) की याचिका पर ‘नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल’ (NCLAT) शुक्रवार को यानी आज सुनवाई कर सकता है।
अपीलीय निकाय ने इससे पहले ‘नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल’ (NCLT) के आदेश के खिलाफ ZEEL की याचिका पर सुनवाई टाल चुका है। वहीं, अपनी याचिका में नेटवर्क का कहना था कि उसे अपनी दलीलें पेश करने का मौका नहीं मिला।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 11 मई को ‘नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल’ ने ‘नेशनल स्टॉक एक्सचेंज’ (NSE) और ‘बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज’ (BSE) से कथित तौर पर विलय के लिए अपनी प्रारंभिक मंजूरी पर पुनर्विचार करने के लिए कहा था, जिसे पूर्व में ‘भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड’ (SEBI) से स्वीकृति मिल चुकी है।
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‘इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ (IAMAI) ने ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म ‘ड्रीम11’ (Dream11) के सीईओ हर्ष जैन को एसोसिएशन का नया चेयरपर्सन चुना है। इस पद पर उनका कार्यकाल दो साल (2023-2025) तक होगा। हर्ष जैन ने IAMAI में ‘गूगल इंडिया’ (Google India) के वाइस प्रेजिडेंट और कंट्री मैनेजर संजय गुप्ता की जगह ली है।
इसके साथ ही ‘मेकमाईट्रिप’ (MakeMyTrip) के को-फाउंडर और ग्रुप के सीईओ राजेश मागो को IAMAI का वाइस चेयरमैन और ‘टाइम्स इंटरनेट’ (Times Internet) के वाइस चेयरमैन सत्यन गजवानी को कोषाध्यक्ष चुना गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 2023-2025 के कार्यकाल के लिए नवनिर्वाचित 24 सदस्यीय गवर्निंग काउंसिल में ‘गूगल’ (Google), ‘फेसबुक’ (Facebook), ‘एमेजॉन’ (Amazon) और ‘माइक्रोसॉफ्ट’ (Microsoft) जैसी बड़ी टेक कंपनियों का कोई भी सदस्य शामिल नहीं है।
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‘रिपब्लिक टीवी’ (Republic TV) के मैनेजिंग डायरेक्टर और एडिटर-इन-चीफ अरनब गोस्वामी ने अवमानना से जुड़े वर्ष 2016 के एक मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष बिना शर्त माफी मांगी है।
‘टेरी’ (TERI) के पूर्व एग्जिक्यूटिव वाइस चेयरमैन आर.के पचौरी ने वर्ष 2016 में अरनब गोस्वामी और अन्य के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की थी। कोर्ट के आदेश के बावजूद आर.के पचौरी के खिलाफ मीडिया रिपोर्टिंग पर अवमानना याचिका दायर की गई थी।
28 अप्रैल को हाई कोर्ट में पेश किए गए गोस्वामी के हलफनामे में कहा गया है, ‘मैं माननीय अदालत से माफी मांगता हूं और अनुरोध करता हूं कि यह माननीय अदालत माफी स्वीकार करने और उनके खिलाफ तत्काल कार्यवाही को बंद करने की कृपा करे।’
हलफनामे में यह भी कहा गया है कि अरनब गोस्वामी कानून का पालन करने वाले और देश के सम्मानित नागरिक हैं। वह दिल्ली हाई कोर्ट समेत सभी अदालतों को उच्च सम्मान देते हैं।
हलफनामे के अनुसार, ‘न्यायालय के आदेशों की जानबूझकर अवज्ञा करने का मेरा कोई इरादा नहीं था। यह कथित प्रसारण इस विश्वास के तहत किया गया था कि माननीय न्यायालय द्वारा 18.02.2015 को पारित आदेश के संदर्भ में इसे प्रतिबंधित नहीं किया गया था। यह कथित प्रसारण भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) के तहत मिली स्वतंत्रता के मद्देनजर निष्पक्ष रिपोर्टिंग के हिस्से के रूप में किया गया था।’
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‘शेमारू’ (Shemaroo) मीडिया नेटवर्क अपने ब्रॉडकास्ट और ओटीटी बिजनेस का विस्तार करेगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इसके लिए नेटवर्क की ओर से 75 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।
नेटवर्क के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) हिरेन गडा के मुताबिक इस राशि का उपयोग ओटीटी प्लेटफॉर्म ‘शेमारूमी’ (ShemarooMe) के लिए किया जाएगा।
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह नेटवर्क नई पेशकशों के साथ-साथ वित्तीय वर्ष 2024 (FY24) में अपने टीवी और ओटीटी बिजनेस का विस्तार करना चाहता है।
नेटवर्क ने पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में 31 मार्च 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष में डिजिटल मीडिया में 23.3 प्रतिशत और ट्रेडिशनल मीडिया में 66.5 प्रतिशत की वार्षिक बढ़ोतरी दर्ज की है। ‘शेमारूमी’ ने चौथी तिमाही में 14 टाइटल्स जारी किए हैं।
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डिश टीवी इंडिया लिमिटेड के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) ने कंपनी के वर्तमान चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) मनोज डोभाल को चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नामित करने का प्रस्ताव रखा है और साथ ही उनकी नियुक्ति के संबंध में मैनेजमेंट को सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) से मंजूरी लेने की सलाह दी है।
वहीं डिश टीवी (Dish TV) के सीईओ पद पर तैनात अनिल कुमार दुआ ने कंपनी की वर्तमान जिम्मेदारियों से मुक्त करने के लिए निदेशक मंडल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है और यह प्रस्ताव इसी का परिणाम है। दुआ मई 2017 में डिश टीवी में सीईओ के तौर पर कार्यरत हैं।
6 साल के सफल कार्यकाल के बाद, दुआ ने अब कंपनी के निदेशक मंडल से जाने का अनुरोध किया। दुआ मई 2017 में डिश टीवी और डी2एच मर्जर के शुरुआती दौर में कंपनी में शामिल हुए थे और मर्जर के बाद कंपनी को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उनके पास मैनेजमेंट के कई पदों और भारत के साथ-साथ विदेशों में काम करने का लगभग 24 वर्षों का अनुभव है। उन्होंने 2006 से 2014 तक हीरो मोटोकॉर्प (पूर्व में हीरो होंडा) में सेल्स, मार्केटिंग और कस्टमर सर्विस के वाइस प्रेजिडेंट के रूप में भी काम किया। इसके अलावा डोभाल ने कोलगेट, डाबर, रिलायंस कम्युनिकेशन, टाटा प्ले और इंडियाकास्ट मीडिया जैसे ब्रैंड्स के साथ भी काम किया है।
अपने पत्र में अनिल दुआ ने कहा कि पिछले 6 साल से शानदार टीम के साथ काम करना मेरे लिए खुशी की बात है। मैनें निदेशक मंडल को अपना इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा कि मैं अगले तीन महीने आप लोगों के साथ काम करूंगा। मुझे उम्मीद है कि आप मनोज डोभाल को भी मेरी तरह सपोर्ट करेंगे और कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे।
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बुटीक टैलेंट मैनेजमेंट फर्म YRF टैलेंट (YRF Talent) ने आकांक्षा मल्होत्रा को टैलेंट का एवीपी नियुक्त किया है।
इस नई भूमिका में, आकांक्षा YRF टैलेंट में फिल्म डिवीजन की अगुवाई करेंगी, साथ ही आर्टिस्ट व स्टूडियो, प्रड्यूसर्स व प्लेटफॉर्म्स के बीच एक्टर्स के लिए प्रोजेक्ट पैकेज करने के लिए स्ट्रैटजिक रिलेशनशिप का नेतृत्व करेंगी।
आकांक्षा को फिल्म इंडस्ट्री में 13 सालों से भी ज्यादा का अनुभव है।
टैलेंट एंड कम्युनिकेशंस स्ट्रैटेजी के वाइस प्रेसिडेंट पृथ्वीश गांगुली ने कहा कि एजेंसी में आकांक्षा मल्होत्रा जैसी शख्स के शामिल होने पर हमें खुशी है। आज के मूवी-बिजनेस के प्रतिस्पर्धी परिदृश्य को देखते हुए आकांक्षा का अनुभव हमें तेजी से विकसित होते कंटेंट प्रॉडक्शन को नेविगेट करने में मदद करेगा। उनकी विशेषज्ञता हमारे लिए होमग्रोन टैलेंट बताने और स्ट्रैटजिक करियर डिसीजन लेने की सलाह देने के लिए महत्वपूर्ण होगी।
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