हिंदी दैनिक ‘हिन्दुस्तान’ के प्रधान संपादक शशि शेखर के परिवार से एक दुखद खबर सामने आई है...
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
हिंदी दैनिक ‘हिन्दुस्तान’ के प्रधान संपादक शशि शेखर के परिवार से एक दुखद खबर सामने आई है। दरअसल, उनके पिता जगत प्रकाश चतुर्वेदी का निधन हो गया। वे 90 साल के थे और देहरादून के सिनर्जी चिकित्सा संस्थान में भर्ती थे।
दरअसल, 6 अक्टूबर को उन्हें उनके निवास स्थल मैनपुरी से कूल्हे की हड्डी टूटने के बाद सर्जरी के लिए देहरादून लाया गया था, जहां उनका इलाज सिनर्जी चिकित्सा संस्थान में चल रहा था। अस्पताल में उनके कूल्हे की सर्जरी हो गई थी, लेकिन बाद में उनके फेफड़े भी संक्रमित हो गए। उन्हें स्वस्थ करने के सारे प्रयास विफल रहे और इसके बाद वे चिरनिद्रा में लीन हो गए। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार सुबह करीब 10 बजे देहरादून के लक्खीबाग में किया जाएगा।
वे अपने पीछे नाती-पोतों से भरापूरा परिवार छोड़ गए हैं। पिताजी के चले जाने से शशि शेखर और उनका परिवार बेहद दुखी है और घर पर सांत्वना देने वालों का तांता लगा हुआ है।
गौरतलब है कि जगत प्रकाश चतुर्वेदी आगरा विश्वविद्यालय के संस्थान कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी हिंदी तथा भाषाविज्ञान विद्यापीठ के पूर्व निदेशक थे। इसके पूर्व उन्होंने काशी-हिन्दू विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी सहित तमाम राजकीय पदों पर कार्य किया।
वे प्रखर वक्ता, कवि और लेखक भी थे। उनके लिखे गीत और कविताएं काव्य गोष्ठियों और कई मंचों पर काफी लोकप्रिय हुए हैं। उनके निर्देशन में कई नामचीन कवि जैसे सोम ठाकुर, चौधरी सुखराम, प्रताप दीक्षित जैसे लोगों ने बड़ा मुकाम पाया। उनकी साहित्यिक विरासत उनके पुत्र शशि शेखर में भी झलकती है।
वे नव गीत आंदोलन के सशक्त हस्ताक्षर थे। उनकी पहली काव्य-कृति ‘दीपवेला’ 1950 के दशक में खासी चर्चित रही थी। ताजमहल पर उनकी कविता को अंतरराष्ट्रीय ख्याति भी मिली।
उनकी
प्रसिद्ध रचनाओं में 'बदली भी धूप भी’, ‘मेरे वन पाखी’ भी हैं। उनके द्वारा लिखे गए संस्मरण,
रिपोर्ताज और यात्रा वृतान्त हिंदी की लोकप्रिय पत्रिकाओं में
प्रकाशनोपरांत पठनीय ही नहीं संग्रहणीय भी हैं।
मैनपुरी के स्वतंत्रता आंदोलन में उनके परिवार का और स्वयं उनका विशिष्ट योगदान आज भी प्रेरक है। उनकी धर्मपत्नी किरण चतुर्वेदी समाज सेवा में अग्रणी हैं। उनके ज्येष्ठ पुत्र शशि शेखर हिन्दुस्तान समूह के प्रधान संपादक और हिंदी पत्रकारिता व लेखन के बहुप्रसिद्व नाम हैं। कनिष्ठ पुत्र शशि राजन ओएनजीसी, अंकलेश्वर में जनरल मैनेजर हैं। उनकी पुत्री डॉ. अपर्णा चतुर्वेदी लेखन, समाज सेवा और संगीत निर्देशन के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान रखती हैं।