राजनीति के चढ़ते पारे के साथ सियासी रिश्तों में घुलती नफरत के बीच ‘आजतक’ ने...
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समाचार4मीडिया ब्यूरो
समाचार4मीडिया ब्यूरो ।।
राजनीति के चढ़ते पारे के साथ सियासी रिश्तों में घुलती नफरत के बीच ‘आजतक’ ने हास्य से लोटपोट एक अनोखी शुरुआत की है। अनोखी इस लिहाज से कि मौजूदा वक़्त में ऐसा कुछ कहीं नज़र नहीं आ रहा, हालांकि इस शुरुआत में 90 के दशक की एक झलक ज़रूर देखने को मिलती है। खास बात ये है कि इस शो को कोई न्यूज़ एंकर या मंझा हुआ पत्रकार नहीं बल्कि कवि के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाकर राजनीति के समंदर में डुबकी लगाने वाले कुमार विश्वास होस्ट कर रहे हैं। शो का नाम भी कुमार विश्वास के नाम पर ‘KV सम्मेलन’ रखा गया है। इस मनहर मंच पर कुमार राजनीति, खेल से लेकर सामाजिक मुद्दों और फिल्मों पर अलग अंदाज़ में अपनी बात रखते हैं और नामी-गिरामी हस्तियों को भी शो पर आमंत्रित किया जाता है।

‘KV सम्मेलन’ में हास्य है, व्यंग्य है, मसालेदार न्यूज का पंच है। बॉलिवुड से लेकर सियासी हस्तियों का, खेल के धुरंधरों से लेकर न्यूज मेकर्स का निराले अंदाज में इंटरव्यू है। राजनीति के दांव-पेंचों को हंसी, ठहाकों और मनोरंजन के माध्यम से जनता को समझाने की कोशिश है। ‘KV सम्मेलन’ न सिर्फ दर्शकों को गुदगुदाता है बल्कि पत्रकारिता की व्यंग्य विधा को जिंदा रखता है। ये शो मौजूदा राजनीतिक हालात पर तंज भी कसता है। कुमार विश्वास की एंकरिंग दर्शकों को रोमांच से भर देती है और कविताएं मंत्रमुग्ध कर देती हैं। कुल मिलाकर ‘KV सम्मेलन’ एक ऐसा मंच है, जहां न्यूज है, म्यूजिक है, मस्ती है, हास्य है, परिहास है, ठहाकों की गूंज है और है राजनीति पर कटाक्ष। जैसा कि कुमार कहते हैं 'जब तक मस्ती ज़िंदा है, तब तक हस्ती ज़िंदा है।', वो ही इस शो की थीम भी लगती है।
‘KV सम्मेलन’ एक बार फिर दर्शकों को 90 के दशक के सुपरहिट शो ‘मूवर्स एंड शेकर्स’ की याद दिलाता है, जिसे नए कलेवर, नए रंग में एक नए मंच पर पेश किया जा रहा है। ‘KV सम्मेलन’ का एक बड़ा पॉजिटिव पॉइंट यह भी है कि मूवर्स एंड शेकर्स को समाप्त हुए एक ज़माना हो चुका है, इसलिए ज़्यादातर यूथ शायद उससे इसको रिलेट न भी कर पाएं।
1997 से 2001 तक सोनी टेलीविज़न पर प्रसारित होने वाले मूवर्स एंड शेकर्स को शेखर सुमन होस्ट करते थे। उस दौर में सियासी हलचल और सामाजिक मुद्दों पर सटीक चोट करने के लिए इस शो को पहचाना जाता था। कुमार विश्वास की अपनी एक अलग शख्सियत ज़रूर है, लेकिन लगता है कि उन्होंने शेखर सुमन को काफी अच्छी तरह से स्टडी किया है। उनका खड़े होने, बोलने का अंदाज़ और बीच-बीच में संगीत मंडली की ओर देखकर कमेंट पास करना अपने आप शेखर सुमन की याद दिला देता है। शेखर न केवल माहिर अभिनेता और होस्ट रहे हैं, बल्कि इस तरह के शो में उन्हें महारत हासिल है। लिहाजा, ये देखने वाली बात होगी कि उनके पदचिन्हों पर चलते हुए क्या कुमार विश्वास उनके जैसी कामयाबी हासिल कर सकते हैं? फ़िलहाल, तो ‘KV सम्मेलन’ का पहला एपिसोड काफी धमाकेदार गया। यहां प्रॉडक्शन टीम भी तारीफ की हक़दार है, जिसने लगभग एक जैसे कंटेंट को नए अंदाज़ में परोसने के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया। स्वेता सिंह के नेतृत्व वाली ये टीम इस उम्दा प्रॉडक्शन और स्क्रिप्टिंग के लिए बधाई की पात्र है।
इस शो
के बारे में ‘आजतक’ के न्यूज डायरेक्टर सुप्रिय
प्रसाद कहते हैं कि ये तो पहला शो था, अभी आगे-आगे देखिए
कितने मजेदार एपिसोड तैयार हो रहे हैं। पीएम मोदी पर इतना करारा व्यंग्य करने के
साहस पर वे तपाक से जवाब देते हैं कि पीएम ने स्वयं ही कई बार कहा है कि वे व्यंग्य
पसंद करते हैं, ऐसे में कहीं कोई दवाब या साहस का सवाल ही
नहीं उठता है। अगले शनिवार आप हमारे शो में राहुल गांधी पर भी वैसे ही करारे
व्यंग्य पाएंगे। शो की टाइमिंग पर सुप्रिय प्रसाद का कहना है कि चूंकि ये इलेक्शन ईयर है, ऐसे में पॉलिटिकल सटायर शो के प्रति दर्शकों की रुचि रहती है। सटायर शो
की स्क्रिप्टिंग बहुत कठिन मानी जाती है, ऐसे में आप ये
रिस्क क्यों लेते हैं, पर सुप्रिय ने जवाब दिया कि स्वेता
सिंह की दमदार टीम इसे प्रड्यूस कर रही है और यही हमारे समूह की ताकत है कि हम
चुनौतियों को पूरी शिद्दत से स्वीकारते हैं। शेखर सुमन के मूवर्स ऐंड शेकर्स की
तुलना पर वे कहते है कि हमने तो पिछली बार शेखर सुमन के साथ ही शो किया था,
इस बार कुमार विश्वास हमारे साथ हैं।
29 सितम्बर को ऑन-एयर हुए पहले एपिसोड की शुरुआत कुमार विश्वास ने अपनी उसी शायरी के साथ की, जिसने उन्हें असल मायनों में प्रसिद्धि दिलाई यानी ‘कोई दीवाना कहता है...कोई पागल समझता है’। इसके बाद उन्होंने देश-दुनिया की कुछ ख़बरों को हास्य का तड़का लगाते हुए पेश किया। विश्वास को भी कहीं न कहीं इस बात का इल्म है कि शायद उनका शो लोगों को ‘मूवर्स एंड शेकर्स’ की झलक दे जाएगा, इसलिए उन्होंने शुरुआत में ही साफ़ कर दिया कि नक़ल के दौर में असल की उम्मीद करना ही बेमानी है। शो के आगाज़ को विस्फोटक बनाने के लिए नोटबंदी, जीएसटी और रुपए की कमजोरी जैसे ज्वलंत मुद्दों को उठाया गया। आम आदमी और विपक्ष की यही शिकायत रहती है कि प्रधानमंत्री ऐसे मुद्दों पर मौन रहते हैं, लेकिन इस शो में उन्हें जवाब मिले। हालांकि ये बात अलग है कि जवाब सीधे पीएम की तरफ से नहीं बल्कि उनके गेटअप में मौजूद कलाकार सिराज खान की ओर से आए। विश्वास के सवालों पर खान ने जिस अंदाज़ में जवाब दिए, उसने दर्शकों को खूब गुदगुदाया। इसके अलावा, मोदी की विदेश यात्राओं और वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी से उनके संबंधों पर भी चुटकी ली गई।
यहां देखें विडियो-
लगभग 45 मिनट
के ‘KV सम्मेलन’ को तीन भागों में विभाजित किया गया है। इसके दूसरे भाग में कवि वेद
प्रकाश, कवयित्री मुमताज़ नसीम और कवि शंभू शिखर को
आमंत्रित किया गया। जिन्होंने कश्मीर के वर्तमान हालात के साथ-साथ राफेल डील जैसे
भारी-भरकम और पेचीदा मुद्दों को बेहद सुलझे और व्यंग्यात्मक तरीके से सबके सामने
रखा। शो के तीसरे और आखिरी भाग में उदासी के पर्वत पर हथौड़ा चलाने के लिए उस शख्स
को बुलाया गया, जिसे ‘माउंटेन मैन’ कहा
जाता है यानी अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी। इस पूरे शो के दौरान कुमार विश्वास आम
आदमी पार्टी पर भी निशाना साधते नज़र आए। कुल मिलाकर कहा जाए तो कुमार और ‘KV सम्मेलन’ के लिए शुरुआत अच्छी रही, लेकिन अमूमन देखा गया है कि एक जैसी स्क्रिप्ट ज्यादा लंबे समय तक
दर्शकों को बांधे नहीं रख पाती।
कुमार को कविता पठन के अलावा अपनी ऑरिजिनल छवि भी विकसित करनी होगी। शेखर के पास लंबा अनुभव था, राजनीतिक कटाक्ष की धार कितनी तेज़ या कुंद रहेगी, वो बेहतर समझते थे, जबकि विश्वास के लिए यह बिल्कुल नया मंच है, लिहाजा कॉपी करने के फेर में वह खुद को और चैनल को नुकसान पहुंचा बैठेंगे। वैसे, इन बातों का फैसला तो वक़्त ही करेगा, लेकिन यदि आप टीवी चैनलों पर बहस के नाम पर होने वाली बेहूदा हरकतों से आजिज़ आ चुके हैं तो ‘KV सम्मेलन’ कुछ वक़्त के लिए ही सही, मगर आपका हाजमा दुरुस्त कर देगा।
हर शनिवार रात 8 बजे और रविवार दोपहर 1 बजे देश के नंबर-1 न्यूज चैनल आजतक पर ‘KV सम्मेलन’ का प्रसारण होता है।
समाचार4मीडिया की ओर से कुमार विश्वास और आजतक को शुभकामनाएं।
ओम्निकॉम ने विनीत बाजपेयी को ओम्निकॉम प्रोडक्शन इंडिया का नया चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नियुक्त किया है।
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Samachar4media Bureau
ओम्निकॉम ने विनीत बाजपेयी को ओम्निकॉम प्रोडक्शन इंडिया का नया चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) नियुक्त किया है। कंपनी ने उन्हें यह जिम्मेदारी दी है कि वो भारत में प्रॉडक्शन, कंटेंट और डिलीवरी से जुड़ी पूरी व्यवस्था को और बड़ा व मजबूत बनाएं, खासकर उस समय जब हाल ही में हुई IPG वाली डील के बाद देश का ऐडवर्टाइजिंग मार्केट तेजी से बदल रहा है।
विनीत बाजपेयी भारतीय ऐड इंडस्ट्री के जाने-माने और सबसे उद्यमी चेहरों में से माने जाते हैं। 22 साल की उम्र में उन्होंने मैग्नॉन सॉल्यूशंस शुरू की थी और इसे देश की शुरुआती डिजिटल एजेंसियों में बदल दिया था। बाद में इसे ओम्निकॉम ने खरीदा। इसी वजह से उन्हें स्टार्टअप सोच और ग्लोबल नेटवर्क के अनुभव का बेहतरीन मेल माना जाता है।
इसके बाद वह TBWA इंडिया के CEO भी रहे, जहां उन्होंने क्रिएटिव कल्चर, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और क्लाइंट सर्विस, तीनों को साथ लेकर आगे बढ़ाने की अपनी क्षमता साबित की।
उनकी नई नियुक्ति इस बात का साफ संकेत है कि ओम्निकॉम भारत को अपने ग्लोबल सेटअप में प्रोडक्शन और कंटेंट का बड़ा हब बनाना चाहता है। अब जब ओम्निकॉम और IPG की कई प्रोडक्शन और स्टूडियो क्षमताएं एक साथ आ रही हैं, ऐसे में बाजाजपी की भूमिका बेहद अहम होगी। उनसे उम्मीद है कि वे पुराने नेटवर्क, टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म और नई टैलेंट टीमों को जोड़कर एक ऐसा एकीकृत प्रोडक्शन मॉडल तैयार करेंगे जो भारत की तेजी से बढ़ती डिजिटल जरूरतों को पूरा कर सके।
परिवर्तन के दौरान स्थिरता बनाए रखने के लिए संगठन ने फैसला लिया है कि मौजूदा पदाधिकारी और प्रबंधन टीम बिना बदलाव के अपनी भूमिका निभाते रहेंगे।
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Samachar4media Bureau
‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स फेडरेशन’ (NBF) ने दिल्ली-एनसीआर में आयोजित अपनी वार्षिक आम बैठक (AGM) में कई अहम फैसले लिए। इसके तहत ‘एनबीएफ’ ने अपने संगठन का विस्तार करने की घोषणा की है। अब यह संगठन ‘न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल मीडिया फेडरेशन’ (NBDF) के रूप में काम करेगा।
इस बारे में जारी प्रेस रिलीज़ के अनुसार, यह एक राष्ट्रीय संगठन होगा, जो टीवी न्यूज चैनलों, डिजिटल न्यूज़ पब्लिशर्स और टेक्नोलॉजी आधारित न्यूज़ संस्थानों को एक प्लेटफॉर्म पर लेकर आएगा। NBDF नीति निर्माण, डिजिटल रेगुलेशन, प्लेटफॉर्म गवर्नेंस और तकनीकी ढांचे पर संवाद की भूमिका निभाएगा। इस बदलाव को भारत में बदलते दर्शक व्यवहार और डिजिटल मीडिया के तेजी से बढ़ते प्रभाव से जोड़कर देखा जा रहा है।
वार्षिक आम बैठक के दौरान टीवी रेटिंग एजेंसी ‘ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल’ (BARC) को लेकर हाल ही में सामने आए भ्रष्टाचार और रेटिंग्स से छेड़छाड़ के आरोपों पर गंभीर चर्चा हुई। खास तौर पर केरल मामले का जिक्र किया गया, जिसमें BARC के मुख्यालय से जुड़े एक एंप्लीय की ओर से कथित कमीशन लेने का आरोप सामने आया है। सदस्यों ने कहा कि इस तरह की घटनाएं टीवी रेटिंग की विश्वसनीयता और ऑडियंस माप प्रणाली की पारदर्शिता पर गंभीर असर डालती हैं।
एक प्रस्ताव में संगठन ने कहा कि इस मुद्दे को औपचारिक रूप से BARC के सामने उठाया जाएगा। संगठन ने पारदर्शी सुधार, सख्त जवाबदेही और संरचनात्मक बदलावों की मांग की है, ताकि रेटिंग सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित, पारदर्शी और छेड़छाड़ मुक्त हो सके। सभी सदस्यों ने माना कि सिस्टम पर भरोसा बहाल करना बेहद जरूरी है।
परिवर्तन के दौरान स्थिरता बनाए रखने के लिए संगठन ने फैसला लिया है कि मौजूदा पदाधिकारी और प्रबंधन टीम बिना बदलाव के अपनी भूमिका निभाते रहेंगे। इससे संगठन को नई व्यवस्था के साथ आगे बढ़ने में निरंतरता और नेतृत्व की मजबूती मिलेगी।
इन सभी निर्णयों के साथ, एनबीएफ ने कहा कि उसका उद्देश्य देश के न्यूज सेक्टर को मजबूत करना, रेटिंग सिस्टम में पारदर्शिता सुनिश्चित करना और टीवी तथा डिजिटल मीडिया के हितों को एक मंच पर लाकर भविष्य के लिए तैयार करना है।
RPG ग्रुप के वाइस चेयरमैन अनंत गोयनका को 2025-2026 के लिए FICCI (फेडरेशन ऑफ इंडियन चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) का नया प्रेजिडेंट चुना गया है।
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Samachar4media Bureau
RPG ग्रुप के वाइस चेयरमैन अनंत गोयनका को 2025-2026 के लिए FICCI (फेडरेशन ऑफ इंडियन चेम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री) का नया प्रेजिडेंट चुना गया है। उन्होंने यह पद इमामी लिमिटेड के वाइस चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर हर्षवर्धन अग्रवाल से लिया है। यह बदलाव FICCI की 98वीं वार्षिक आम बैठक और वार्षिक सम्मेलन में हुआ।
अनंत गोयनका पहले FICCI के वाइस-प्रेजिडेंट रह चुके हैं और ऑटोमोटिव टायर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ATMA) के पूर्व चेयरमैन भी हैं। उन्होंने CEAT के मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ के रूप में 2012 से 2023 तक 10 साल के ट्रांसफॉर्मेशन के दौर में कंपनी का नेतृत्व किया।
साथ ही, The Sanmar Group के चेयरमैन विजय शंकर को FICCI का सीनियर वाइस प्रेजिडेंट बनाया गया है। वहीं, डालमिया भारत लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर व सीईओ पुनीत डालमिया FICCI के वाइस प्रेजिडेंट के रूप में इसकी लीडरशिप टीम में शामिल हुए हैं।
'डेन नेटवर्क' (DEN Networks Limited) ने बताया है कि चीफ टेक्निकल ऑफिसर (CTO) संजय कुमार जैन 30 नवंबर 2025 से कंपनी के सीनियर मैनेजमेंट का हिस्सा नहीं रहे
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Vikas Saxena
केबल टीवी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी 'डेन नेटवर्क' (DEN Networks Limited) ने बताया है कि चीफ टेक्निकल ऑफिसर (CTO) संजय कुमार जैन 30 नवंबर 2025 से कंपनी के सीनियर मैनेजमेंट का हिस्सा नहीं रहे, क्योंकि वे सुपरऐनुएशन आधार पर रिटायर हो गए हैं।
संजय इस इंडस्ट्री के एक अनुभवी विशेषज्ञ हैं और उन्हें केबल, सैटेलाइट कम्युनिकेशन, ब्रॉडबैंड और टेलीकॉम कंपनियों में 35 साल से भी ज्यादा का अनुभव है। संजय कुमार पिछले 10 साल से भी ज्यादा समय से DEN Networks में ग्रुप CTO के पद पर काम कर रहे थे। ग्रेटर दिल्ली क्षेत्र में उन्होंने कंपनी के तकनीकी नेटवर्क को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई।
इससे पहले वे भारती एयरटेल में करीब 6 साल तक काम कर चुके हैं, जहां वे अपर नॉर्थ के CTO थे। यहां उन्होंने चार टेलीकॉम सर्किलों में वायरलेस और वायरलाइन नेटवर्क के तकनीकी ऑपरेशन संभाले। एयरटेल में वे DTH बिजनेस के CTO भी रहे। उनके नेतृत्व में एयरटेल DTH ने तकनीकी इनोवेशन, बेहतर कस्टमर एक्सपीरियंस और मजबूत एक्सिक्यूशन पर फोकस करके बाजार में अपनी मजबूत स्थिति बनाई।
वे Smart Digivision Pvt. Ltd. में CTO और CIO रहे, जहां उन्होंने पूरे देश के 52 शहरों में “MyWay” के नाम से IPTV सर्विस लॉन्च करने की तकनीकी लीडरशिप दी।
संजय जैन ने अपने तीन दशक लंबे करियर में IBM, HFCL Infotel, Reliance Communications, Spectranet और Sahara TV जैसे बड़े संगठनों में भी काम किया है।
कंपनी ने कहा कि यह बदलाव सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा।
कंपनी ने कहा है कि इस कार्रवाई का उसके वित्तीय या ऑपरेशनल कामकाज पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा, जुर्माने की राशि के अलावा कोई अन्य प्रभाव नहीं है।
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Vikas Saxena
बालाजी टेलीफिल्म्स लिमिटेड पर स्टॉक एक्सचेंज BSE और NSE ने रेग्युलेटरी नियमों के पालन में देरी को लेकर जुर्माना लगाया है। यह जानकारी कंपनी ने SEBI के लिस्टिंग नियमों के तहत साझा की है।
कंपनी के मुताबिक, दोनों एक्सचेंज से यह नोटिस 28 नवंबर 2025 को मिला। नोटिस में बताया गया है कि कंपनी ने SEBI के रेग्युलेशन 17(1) का पालन समय पर नहीं किया, जो इंडिपेंडेंट डायरेक्टर की नियुक्ति से जुड़ा है। रिटायर हुए इंडिपेंडेंट डायरेक्टर की जगह नए डायरेक्टर की नियुक्ति में देरी के कारण कंपनी पर कार्रवाई हुई है।
BSE और NSE ने इस देरी पर ₹1,55,000 का जुर्माना (दोनों की ओर से अलग-अलग) और उस पर GST लगाया है।
कंपनी ने कहा है कि इस कार्रवाई का उसके वित्तीय या ऑपरेशनल कामकाज पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा, जुर्माने की राशि के अलावा कोई अन्य प्रभाव नहीं है।
डेन नेटवर्क लिमिटेड (DEN Networks Limited) ने बताया है कि उसकी सब्सिडियरी कंपनी Futuristic Media and Entertainment Limited (FMEL) ने अपनी तीन छोटी कंपनियों में मौजूद पूरी हिस्सेदारी बेच दी है।
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Samachar4media Bureau
डेन नेटवर्क लिमिटेड (DEN Networks Limited) ने बताया है कि उसकी सब्सिडियरी कंपनी Futuristic Media and Entertainment Limited (FMEL) ने अपनी तीन छोटी कंपनियों में मौजूद पूरी हिस्सेदारी बेच दी है। ये सौदा Infomedia and Networking Private Limited (INPL) को सिर्फ 30 रुपये में किया गया।
बेची गई कंपनियां इस प्रकार हैं:
कंपनी ने साफ कर दिया कि अब ये तीनों कंपनियां DEN Networks की सब्सिडियरी नहीं रहीं। जिस कंपनी (INPL) को ये सब्सिडियरी बेची गई हैं, वह केबल और ब्रॉडबैंड का काम करती है और उसका DEN Networks के प्रमोटर या उनकी ग्रुप कंपनियों से कोई संबंध नहीं है। इसी वजह से यह सौदा रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन की श्रेणी में नहीं आता।
कंपनी के मुताबिक, ये तीनों सब्सिडियरी कंपनियां काफी समय से नॉन-ऑपरेटिंग थीं, यानी इनका कोई कारोबार नहीं चल रहा था। वित्त वर्ष 2024-25 में इन कंपनियों का टर्नओवर भी शून्य था, इसलिए इनकी वैल्यू लगभग नहीं के बराबर थी। तीन में से दो कंपनियों की नेटवर्थ निगेटिव थी, यानी उन पर खर्च ज्यादा था और संपत्ति कम। जबकि Den Budaun की नेटवर्थ सिर्फ 5.75 लाख रुपये थी, जो पूरी कंपनी की कुल नेटवर्थ का सिर्फ 0.0016% हिस्सा है।
टेलीकॉम विभाग (DoT) ने 22 अक्टूबर 2025 को टेलीकम्युनिकेशन साइबर सिक्योरिटी (TCS) नियमों में अहम बदलाव किए हैं।
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टेलीकॉम विभाग (DoT) ने 22 अक्टूबर 2025 को टेलीकम्युनिकेशन साइबर सिक्योरिटी (TCS) नियमों में अहम बदलाव किए हैं। ये बदलाव इसलिए किए गए हैं क्योंकि अब मोबाइल नंबर, IMEI और दूसरी टेलीकॉम आईडी डिजिटल सर्विसेज में तेजी से इस्तेमाल हो रही हैं- चाहे बैंकिंग हो, ई-कॉमर्स हो या सरकारी सेवाएं। सरकार का मकसद है कि डिजिटल सिस्टम को सुरक्षित रखा जाए और धोखाधड़ी पर रोक लगे।
सबसे बड़ा अपडेट मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन (MNV) प्लेटफॉर्म से जुड़ा है। कई धोखाधड़ी वाले अकाउंट्स और फर्जी पहचान वाले मामलों में मोबाइल नंबर की गलत या बिना जांच के लिंकिंग सामने आती थी। अब नए नियमों के तहत एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया गया है, जहां सर्विस प्रोवाइडर यह चेक कर सकेंगे कि जिस मोबाइल नंबर से कोई सेवा ली जा रही है, वह सच में उसी व्यक्ति का है या नहीं। इससे डिजिटल ट्रांजेक्शन में भरोसा बढ़ेगा और फर्जीवाड़ा कम होगा।
दूसरा बड़ा बदलाव सेकेंड-हैंड मोबाइल मार्केट के लिए है। देश में पुराने या रिफर्बिश्ड मोबाइल फोन की बिक्री तेजी से बढ़ी है, लेकिन इसी के साथ चोरी, ब्लैकलिस्टेड या क्लोन किए गए फोनों का खतरा भी बढ़ा है। अब नियमों के अनुसार, कोई भी पुराना या रिफर्बिश्ड फोन बेचने से पहले उसके IMEI नंबर को एक सेंट्रल डेटाबेस में चेक करना जरूरी होगा। इससे खरीदार सुरक्षित रहेंगे और पुलिस को चोरी हुए मोबाइल ट्रैक करने में आसानी होगी।
नए नियमों में TIUE (Telecom Identifier User Entity) की जिम्मेदारियां भी तय की गई हैं। कई सेक्टर्स मोबाइल नंबर, IMEI और IP जैसे टेलीकॉम आईडी का इस्तेमाल पहचान और सर्विस देने के लिए करते हैं। अब इन संस्थाओं को जरूरत पड़ने पर सरकार के साथ जरूरी टेलीकॉम-आईडी डेटा साझा करना होगा। इससे साइबर फ्रॉड पर काबू करने में मदद मिलेगी, और डेटा सुरक्षा नियमों का पालन भी सुनिश्चित होगा।
कुल मिलाकर ये संशोधन भारत के डिजिटल इकोसिस्टम को सुरक्षित, पारदर्शी और मजबूत बनाने की दिशा में बड़ा कदम माने जा रहे हैं। सरकार का कहना है कि ये बदलाव धोखाधड़ी को रोकने, डिवाइस ट्रेसिंग को मजबूत करने और टेलीकॉम पहचानियों के जिम्मेदार इस्तेमाल को बढ़ावा देंगे।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि 22 अक्टूबर 2025 को अधिसूचित किए गए TCS Amendment Rules, 2025 (G.S.R. 771(E)) पूरी तरह लागू हैं और मान्य हैं। बाद में एक तकनीकी गलती की वजह से 29 अक्टूबर को यही नियम दोबारा छप गए थे, जिसे अब 25 नवंबर 2025 की नई अधिसूचना के जरिए वापस ले लिया गया है। इससे मूल नियमों की वैधता पर कोई असर नहीं पड़ा है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने अपनी ड्राफ्ट गाइडलाइन्स पर जनता से सुझाव भेजने की आखिरी तारीख आगे बढ़ा दी है।
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सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (MIB) ने अपनी ड्राफ्ट गाइडलाइन्स पर जनता से सुझाव भेजने की आखिरी तारीख आगे बढ़ा दी है। ये गाइडलाइन्स भारत में कॉपीराइट चोरी रोकने और एंटी-पायरेसी सिस्टम मजबूत करने के लिए बनाई जा रही हैं। इससे पहले मंत्रालय ने 7 नवंबर 2025 को इस बारे में नोटिस जारी किया था।
मंत्रालय ने 26 नवंबर को नया नोटिस जारी कर देशभर में इस मुद्दे पर सार्वजनिक राय मांगने की प्रक्रिया फिर से खोली है। नए नोटिस के मुताबिक, अब लोग दो हफ्ते और अपने सुझाव मंत्रालय को ईमेल के जरिए भेज सकते हैं।
नोटिस में कहा गया है कि 7 नवंबर वाले नोटिस में जनता से 20 दिनों के भीतर सुझाव मांगे गए थे, लेकिन अब डेडलाइन दो सप्ताह बढ़ा दी गई है, ताकि और लोग अपनी राय दे सकें।
भारत में फिल्मों, म्यूजिक, OTT कंटेंट और दूसरे डिजिटल मीडिया की गैरकानूनी कॉपी और सर्कुलेशन लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे इंडस्ट्री को भारी नुकसान होता है। इसी वजह से पायरेसी रोकना सरकार के लिए एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है।
इस नए वर्टिकल की कमान रवि कुदेसिया संभालेंगे, जो टीवी, डिजिटल, प्रिंट और रेडियो में 25 साल का अनुभव रखते हैं।
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Samachar4media Bureau
लक्ष्य मीडिया ग्रुप () ने अपने बिजनेस को आगे बढ़ाते हुए नया कंटेंट वर्टिकल ‘Laqshya StoryWorks’ शुरू किया है। इसके जरिए कंपनी ओरिजिनल IP, ब्रैंडेड कंटेंट और डिजिटल-फर्स्ट स्टोरीटेलिंग पर फोकस करेगी।
कंपनी का कहना है कि आज ब्रैंड्स लंबी कहानियों, मल्टी-प्लैटफॉर्म कंटेंट और डिजिटल वीडियो को ज्यादा महत्व दे रहे हैं। इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए यह नया यूनिट बनाया गया है, जो फिक्शन, नॉन-फिक्शन, डिजिटल वीडियो और AI-आधारित स्टोरीटेलिंग जैसे फॉर्मेट्स में काम करेगा। इनका कंटेंट OTT, सोशल मीडिया, टीवी और ऑन-ग्राउंड प्लेटफॉर्म पर भी दिखाया जाएगा।
लक्ष्य मीडिया ग्रुप के CMD अलोक जालान ने कहा कि कंटेंट, टेक्नोलॉजी और ब्रैंडिंग का मिलन आज बड़े अवसर पैदा कर रहा है। उनके मुताबिक, Laqshya StoryWorks के जरिए कंपनी अब लंबे शो, छोटे वीडियो और ऐसे क्रिएटिव फॉर्मेट बना पाएगी जो आज के दर्शकों से बेहतर जुड़ते हैं। यह ब्रैंड्स को भी नए तरीकों से अपनी बात पहुंचाने का मौका देगा।
इस नए वर्टिकल की कमान रवि कुदेसिया संभालेंगे, जो टीवी, डिजिटल, प्रिंट और रेडियो में 25 साल का अनुभव रखते हैं। इससे पहले वह ABP नेटवर्क में स्पेशल प्रोजेक्ट्स और ब्रैंडेड कंटेंट संभाल रहे थे और टाइम्स टेलीविजन नेटवर्क में भी लीडरशिप रोल में काम कर चुके हैं।
अलोक जालान ने कहा कि रवि कुदेसिया का अनुभव इस नए वर्टिकल को तेजी से आगे बढ़ाने में मदद करेगा। कुदेसिया ने भी कहा कि ब्रैंड एंगेजमेंट के लिए कंटेंट अब सबसे अहम हथियार है और Laqshya StoryWorks इसी सही समय पर लॉन्च हुआ है। उनका कहना है कि टीम ऐसा कंटेंट बनाएगी जो क्रिएटिव होने के साथ-साथ डेटा और स्ट्रैटेजी पर आधारित होगा, ताकि ब्रैंड्स को साफ-साफ नतीजे मिल सकें।
रवि कुदेसिया सीधे लक्ष्य मीडिया ग्रुप के CEO अतुल श्रीवास्तव को रिपोर्ट करेंगे। कंपनी का कहना है कि कई कंटेंट प्रोजेक्ट्स अभी तैयारी में हैं।
इस प्रमोशन से पहले वह कंपनी में पब्लिक पॉलिसी हेड के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
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अरवमुदन के (Aravamudhan K) को ‘जियोस्टार’ (JioStar) में एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट (Legal & Regulatory) के पद पर प्रमोट किया गया है।
अरवमुदन के ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘लिंक्डइन’ (Linkedin) पर खुद यह जानकारी शेयर की है। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा है, ‘मुझे यह बताते हुए काफी खुशी हो रही है कि मैं जियोस्टार में एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट (Legal & Regulatory) के पद पर नियुक्त हुआ हूं। इस पद के साथ आने वाली नई चुनौतियों और अवसरों का मैं बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं। अपने वरिष्ठों और टीम का उनके निरंतर समर्थन के लिए बहुत धन्यवाद!’
अरवमुदन के इस प्रमोशन से पहले ‘जियोस्टार’ (पूर्व में Star India) में पब्लिक पॉलिसी हेड के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने ‘वायकॉम18’ (Viacom18) में लगभग दो साल तक पब्लिक पॉलिसी का नेतृत्व किया। इसके साथ ही उन्होंने ‘द वॉल्ट डिज्नी कंपनी इंडिया’ (The Walt Disney Company India) में एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर (Government Relations) के पद पर काम किया और ‘स्टार टीवी नेटवर्क’ (STAR TV Network) में वर्ष 2017 से 2022 तक सीनियर वाइस प्रेजिडेंट के रूप में जिम्मेदारी निभाई।