सबसे बड़ा इंटरव्यू: कुलदीप नैयर की कहानी, उन्हीं की जुबानी....

जाने माने वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैय्यर का 95 वर्ष की आयु में बुधवार देर रात निधन हो गया...

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Thursday, 23 August, 2018
Last Modified:
Thursday, 23 August, 2018
Kuldeep Nayar


जाने माने वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैय्यर का 95 वर्ष की आयु में बुधवार देर रात निधन हो गया। नैय्यर देश के सम्मानित वरिष्ठ पत्रकारों में गिने जाते थे, जिन्हे मीडिया जगत का तकरीबन हर तबका सम्मान की नजर से देखता था। वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने राज्यसभा टीवी पर प्रसारित होने वाले अपने कार्यक्रम ‘कलम गवाह है’ में साल 2016 में खुद उनकी यात्रा से संबंध में कुलदीप नैयर से बातचीत की थी और उनके हर पहलुओं के बारे में जानने की कोशिश की थी, जिसे आप नीचे विडियो के जरिए देख सकते हैं, लेकिन इसके पहले नैयर का पूरा परिचय, जिसे कलम गवाह है कार्यक्रम में दिखाया गया था, आप यहां पढ़ सकते हैं-

आगाज तो किया एक ‘अंजाम’ के साथ, पर पता नहीं था कि अंजाम तक जाने के लिए एक जिंदगी काफी नहीं। जी हां, ‘अंजाम’ अखबार से पत्रकारिता का सफर शुरू करने वाले कुलदीप नैयर का जन्म 14 अगस्त 1929 को अविभाजित भारत के सियालकोट, पंजाब में हुआ था। पिता गुरुबख्श सिंह पेशे से डॉक्टर थे। कुलदीप नैयर ने ग्रेजुएशन और वकालत लाहौर विश्विद्यालय से की।

इसे दुखद संयोग ही कहेंगे कि उनके जन्मदिन 14 अगस्त 1947 को उनकी जन्मभूमि पराई हो गई। विभाजन की लकीरें खिच गईं और नैयर साहब को दिल्ली आना पड़ा। दिल्ली में मुफ़लिसी के दिनों में ही उन्हें ‘अंजाम’ में काम करने का मौका मिला, जिसके लिए उन्होंने गांधीजी की हत्या की रिपोर्टिंग की। लेकिन भारत में उर्दू के धूमिल होते भविष्य को देखते हुए उन्होंने अंग्रेजी माध्यम का दामन थामा और ‘द स्टेट्समैन’ में नौकरी कर ली। इस बीच उन्हें अमेरिका के नॉर्थ-वेस्टर्न यूनिवर्सिटी के मिडिल कॉलेज के जर्नलिज्म कोर्स में दाखिला मिल गया। खराब हालत में उन्होंने अमेरिका जाने का फैसला किया। अमेरिका से आने के बाद वे प्रशासनिक सेवा में आ गए और गोविंद बल्लभ पंत के प्रेस सलाहकार बनें। पंतजी की मृत्यु के बाद नैयर लाल बहादुर शास्त्री जी के प्रेस सलाहकार बनें। उस वक्त शास्त्रीजी गृहमंत्री हुआ करते थे। लेकिन नैयर साहब की पहली पसंद पत्रकारिता थी, लिहाजा उन्होंने सरकारी सेवाओं से विदा ली और न्यूज एजेंसी यूएनआई के संस्थापक सदस्य बन गए।

वे एजेंसी में संपादक भी थे और बड़ी-बड़ी घटनाओं की रिपोर्टिंग भी किया करते थे। जब 1969 में कांग्रेस का विभाजन हुआ तो उन्होंने सिंडिकेट का साथ दिया, जिसका खामियाजा उन्हें आपातकाल में भुगतना पड़ा। उस वक्त वो ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ के संपादक थे उनकी सरकार विरोधियों टिप्पणियों के कारण उन्हें जेल तक जाना पड़ा। 1990 में उन्हें भारत का हाईकमिश्नर नियुक्त किया गया। 1997 में वे राज्यसभा के नामित सदस्य बने। नैयर ने अब तक कई किताबें लिखी हैं, जिनमें कई चर्चित भी रहीं।

यहां देखें उनका पूरा इंटरव्यू-

            

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‘Viacom18’ में इस बड़े पद से रितम चक्रवर्ती ने दिया इस्तीफा

वह यहां करीब दस साल से अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। वह अक्टूबर 2015 में कंपनी से जुड़े थे।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 01 September, 2025
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Monday, 01 September, 2025
Ritam Chakrabarty

‘वायकॉम18’ (Viacom 18) से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। हमारी सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (exchange4media) को विश्वसनीय सूत्रों से मिली इस खबर के मुताबिक रितम चक्रवर्ती ने यहां अपनी करीब दस साल लंबी पारी को विराम दे दिया है।

वह ‘वायकॉम18’ में सीनियर डायरेक्टर (Communications, Corporate Marketing & Sustainability) के पद पर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। वह अक्टूबर 2015 में कंपनी से जुड़े थे।

इससे पहले चक्रवर्ती ‘टाइम्स इंटरनेट’ (Times Internet) और ‘ओएबी स्टूडियोज’ (OAB Studios) के साथ भी काम कर चुके हैं।

इसके अलावा, उन्होंने ‘जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड’ (ZEEL) में भी अपनी सेवाएं दी हैं।

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डाबर रेड ने जगाया स्वदेशी गर्व, वैश्विक टूथपेस्ट ब्रांड्स को दी सीधी चुनौती

डाबर का यह कदम साफ दर्शाता है कि अब भारतीय एफएमसीजी और पर्सनल केयर ब्रांड्स अपने स्थानीय मूल और विरासत को मजबूत आधार बनाकर उपभोक्ताओं तक पहुंचने की रणनीति पर चल रहे हैं।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 01 September, 2025
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Monday, 01 September, 2025
daburred

देश की अग्रणी एफएमसीजी कंपनी डाबर इंडिया ने द टाइम्स ऑफ इंडिया में अपने प्रमुख उत्पाद डाबर रेड टूथपेस्ट के लिए एक पूरे पन्ने का विज्ञापन प्रकाशित कर हलचल मचा दी है। विज्ञापन में टूथपेस्ट को 'The Swadeshi Choice' (स्वदेशी पसंद) के रूप में पेश करते हुए इसे भारतीय उपभोक्ताओं के लिए बना एक शुद्ध भारतीय उत्पाद बताया गया है।

इस विज्ञापन में डाबर रेड की आयुर्वेदिक विशेषताओं और 10 क्लीनिकली प्रूव्ड लाभों का उल्लेख किया गया है। खास बात यह है कि इसमें सीधे किसी ब्रांड का नाम न लेते हुए 'अमेरिकी टूथपेस्ट ब्रांड्स' पर कटाक्ष करते हुए कहा गया है – 'Born there, not here' यानी वहां पैदा हुए, यहां नहीं।

यह संदेश मौजूदा समय की उस भावना को सीधा छूता है, जिसमें उपभोक्ता विदेशी ब्रांड्स की बजाय घरेलू और स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता दे रहे हैं। सरकार की 'वोकल फॉर लोकल' अपील के बीच डाबर ने यह जाहिर किया है कि वह सिर्फ टूथपेस्ट ही नहीं, बल्कि भारतीय परंपरा और आयुर्वेद की धरोहर भी है।

टूथपेस्ट कैटेगरी में अब तक बहुराष्ट्रीय कंपनियों का दबदबा रहा है। ऐसे में डाबर रेड का यह साहसिक और प्रतिस्पर्धी अंदाज उपभोक्ता राष्ट्रवाद की भावना पर सीधा असर डाल सकता है। विज्ञापन में न सिर्फ ब्रांड की भारतीय जड़ों को रेखांकित किया गया है, बल्कि इसे 'Made in India, For Indians' कहकर गर्व की भावना भी जगाई गई है।

इसके साथ ही कंपनी ने उपभोक्ताओं को हेल्पलाइन नंबर और QR कोड के जरिए जुड़ने का मौका देकर इस संवाद को सिर्फ विज्ञापन तक सीमित न रखकर इंटरएक्टिव कैंपेन का रूप भी दिया है। डाबर का यह कदम साफ दर्शाता है कि अब भारतीय एफएमसीजी और पर्सनल केयर ब्रांड्स अपने स्थानीय मूल और विरासत को मजबूत आधार बनाकर उपभोक्ताओं तक पहुंचने की रणनीति पर चल रहे हैं।

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Zee मीडिया ने इन दो निदेशकों की पुनर्नियुक्ति को दी मंजूरी

जी मीडिया (Z Media) ने शनिवार को पोस्टल बैलेट प्रक्रिया के परिणामों की घोषणा करते हुए बताया कि कंपनी के सदस्यों ने दो महत्वपूर्ण पुनर्नियुक्तियों को मंजूरी दी है।

Vikas Saxena by
Published - Monday, 01 September, 2025
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Monday, 01 September, 2025
ZMedia78451

जी मीडिया (Z Media) ने शनिवार को पोस्टल बैलेट प्रक्रिया के परिणामों की घोषणा करते हुए बताया कि कंपनी के सदस्यों ने दो महत्वपूर्ण पुनर्नियुक्तियों को मंजूरी दी है।

नियामकीय प्रावधानों के तहत मिली जानकारी के अनुसार, कंपनी ने स्वतंत्र निदेशक सुशांत कुमार पांडा को दूसरे कार्यकाल के लिए पुनर्नियुक्त किया है। उनका नया कार्यकाल 1 सितंबर 2025 से 31 अगस्त 2030 तक पांच वर्षों का होगा। इसके साथ ही, दिनेश कुमार गर्ग को कंपनी का पूर्णकालिक निदेशक नियुक्त किया गया है, जिनका कार्यकाल 20 सितंबर 2025 से 19 सितंबर 2028 तक तीन वर्षों का रहेगा।

सुशांत कुमार पांडा -   

सुशांत कुमार पांडा 1982 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी रहे हैं। उन्होंने वित्त मंत्रालय के अंतर्गत कस्टम्स, एक्साइज और सर्विस टैक्स विभाग में 37 वर्षों तक सेवाएं दी और अप्रैल 2019 में सेवानिवृत्त हुए। अपने लंबे कार्यकाल के दौरान उन्होंने वित्त मंत्रालय और राजस्व विभाग में कई वरिष्ठ पदों पर कार्य किया। वे केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के सदस्य भी रहे, जो अप्रत्यक्ष कर नीति बनाने वाली सर्वोच्च संस्था है। इसके अलावा, उन्होंने भारत सरकार में विशेष सचिव का पद भी संभाला।

अपने करियर में श्री पांडा ने तमिलनाडु, गुजरात, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर राज्यों, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय में विशेष निदेशक के रूप में विदेशी मुद्रा कानून और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून से जुड़े मामलों की जाँच की। साथ ही, उन्होंने दिल्ली स्थित केंद्रीय उत्पाद शुल्क, कस्टम्स और सेवा कर अपीलीय अधिकरण (CESTAT) में आयुक्त तथा पूर्वी जोन में मुख्य आयुक्त के रूप में भी सेवाएँ दीं। वे राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर और विधि स्नातक हैं।

दिनेश कुमार गर्ग -

दिनेश गर्ग एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और वित्तीय क्षेत्र में उन्हें 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्हें वित्तीय नियंत्रण और रिपोर्टिंग, कॉरपोरेट पुनर्गठन, फंड जुटाने, आंतरिक व प्रबंधन ऑडिट और कानूनी मामलों में गहन विशेषज्ञता हासिल है।

जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड की वृद्धि में वे कंपनी की कोर टीम का हिस्सा रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने अन्य संगठनों में भी वरिष्ठ प्रबंधन स्तर की जिम्मेदारियां निभाई हैं।

कंपनी ने कहा कि दोनों ही नियुक्तियां सभी आवश्यक नियामकीय और सांविधिक अनुमोदनों के बाद प्रभावी होंगी। 

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हैप्पी बर्थडे रक्तिम दास: आप हैं रचनात्मकता और रणनीति के अनूठे शिल्पकार

आज का दिन मीडिया जगत की एक ऐसी शख्सियत को समर्पित है, जिनकी पहचान परंपरा और नवाचार के बीच अद्भुत संतुलन बनाने की क्षमता से होती है। आज रक्तिम दास का जन्मदिन है।

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Published - Monday, 01 September, 2025
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Monday, 01 September, 2025
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आज का दिन मीडिया जगत की एक ऐसी शख्सियत को समर्पित है, जिनकी पहचान परंपरा और नवाचार के बीच अद्भुत संतुलन बनाने की क्षमता से होती है। आज रक्तिम दास का जन्मदिन है। एक ऐसे दिग्गज, जिन्होंने भारत के मीडिया परिदृश्य को अपनी सोच, दृष्टि और नेतृत्व से नई दिशा दी है। 

पिछले दो दशकों में उन्होंने देश के कई प्रभावशाली मीडिया संस्थानों में अपनी छाप छोड़ी है। कभी उनकी रचनात्मक दृष्टि ने कहानियों और कंटेंट को नया आयाम दिया, तो कभी उनकी रणनीतियों ने व्यवसायिक सफलता की राह दिखाई। उनके सफर की यही खासियत है कि वे हर जगह सिर्फ योगदान नहीं देते, बल्कि उस संस्था की आत्मा में अपनी पहचान भी जोड़ जाते हैं।

यह दिन सिर्फ उनके जन्म का नहीं, बल्कि उस यात्रा का भी उत्सव है, जिसने भारतीय मीडिया जगत को और अधिक समृद्ध, सशक्त और प्रगतिशील बनाया।

रक्तिम दास ने अपनी यात्रा इंडिया टुडे ग्रुप से शुरू की, जहां उन्होंने ब्रैंडेड कंटेंट को एक गंभीर व्यावसायिक प्रैक्टिस के रूप में विकसित करने में मदद की- बहुत पहले, जब यह इंडस्ट्री मानक बनी। उन्होंने बिजनेस टुडे इंडिया को एक शीर्ष स्तरीय बिजनेस मैगजीन बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया और बाद में जी बिजनेस को उसकी वृद्धि के एक महत्वपूर्ण चरण में पुनर्जीवित करने की दिशा में अग्रसर किया। जी के साथ अपने दूसरे कार्यकाल में, उन्होंने जी इनोवेशन स्टूडियो की स्थापना की- एक ऐसा केंद्र जो प्रयोग और नए विचारों का घर बना और जिसने कंपनी के रचनात्मक विस्तार को बढ़ाया।

आज, टीवी9 नेटवर्क में ब्रॉडकास्ट और डिजिटल के चीफ ग्रोथ ऑफिसर के रूप में, दास टेलीविजन और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर वृद्धि का नेतृत्व कर रहे हैं, जहां कंटेंट स्ट्रैटेजी, ऐड सेल्स, ब्रैंडेड कंटेंट और नए IP क्रिएशन को एक दृष्टि के तहत जोड़ा गया है। उनका नेतृत्व इंडस्ट्री-फस्ट इनीशिएटिव्स को बनाने, अवॉर्ड-विनिंग प्रॉपर्टीज तैयार करने और इस बात को फिर से परिभाषित करने में केंद्रीय रहा है कि दर्शक और ब्रैंड मीडिया के साथ कैसे जुड़ते हैं।

वे टीवी9 नेटवर्क में डिजिटल बिजनेस की P&L (लाभ और हानि) जिम्मेदारी संभालते हैं। अपने करियर की शुरुआत में ही, उन्हें 2008–10 के दौरान जी बिजनेस की टर्नअराउंड सफलता की कहानी लिखने और उसका नेतृत्व करने का श्रेय जाता है। बाद में, जी में अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान, उन्हें जी इनोवेशन स्टूडियो को अपने कार्यकाल में उद्योग का सर्वश्रेष्ठ बनाने का श्रेय मिला।

उनके करियर में वैश्विक ब्रैंडों को भारतीय पाठकों और दर्शकों तक लाने की उपलब्धि भी शामिल है। हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू साउथ एशिया और टाइम मैगजीन से लेकर साइंटिफिक अमेरिकन और मेंस हेल्थ तक, रक्ति‍म ने भारत में अंतरराष्ट्रीय मीडिया टाइटल्स को लॉन्च करने और बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जहाx वैश्विक मानकों को स्थानीय संवेदनशीलताओं के साथ मिलाया गया।

इस दिन, हम न केवल उनके प्रोफेशनल्स उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं, बल्कि एक ऐसे नवोन्मेषक की भूमिका का भी, जिन्होंने हमेशा दूसरों से पहले मीडिया का भविष्य देखा है। 

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सिद्धार्थ जैन ने IBDF के महासचिव पद से दिया इस्तीफा

सिद्धार्थ जैन ने इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (IBDF) के महासचिव (सेक्रेट्री जनरल) पद से इस्तीफा दे दिया है

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Published - Monday, 01 September, 2025
Last Modified:
Monday, 01 September, 2025
SiddharthJain

सिद्धार्थ जैन ने इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (IBDF) के महासचिव (सेक्रेट्री जनरल) पद से इस्तीफा दे दिया है, जिससे देश के इस शीर्ष निकाय के लिए एक ऐसे कार्यकाल का समापन हुआ है, जिसने ब्रॉडकास्टर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का प्रतिनिधित्व करते हुए एक अहम संक्रमण चरण की निगरानी की।

इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने इस खबर की पुष्टि एक्सचेंज4मीडिया से की है।

सिद्धार्थ जैन ने 2021 में IBDF का कार्यभार संभाला था, उस समय जब संगठन अपना दायरा टेलीविजन से आगे बढ़ाकर तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल इकोसिस्टम को भी शामिल कर रहा था। उनके नेतृत्व में, IBDF ने इंडस्ट्री की आवाज के रूप में अपनी भूमिका और गहरी की, ब्रॉडकास्टर्स और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स दोनों का प्रतिनिधित्व किया और साथ ही आत्म-नियमन और इंडस्ट्री सहयोग के तंत्रों को मजबूत किया।

यह फाउंडेशन स्वयं 1999 में स्थापित हुआ था और पहले इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन के नाम से जाना जाता था। यह जनरल एंटरटेनमेंट, न्यूज, स्पोर्ट, मूवी, म्यूजिक और इन्फोटेनमेंट सहित विभिन्न जॉनर में प्रमुख टेलीविजन ब्रॉडकास्टर्स का प्रतिनिधित्व करता है। इसके सदस्य मिलकर 400 से अधिक चैनल्स और भारत में लगभग 90 प्रतिशत टेलीविजन दर्शकों की संख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं।

डिजिटल कंटेंट के तेजी से उभार के साथ, सिद्धार्थ के नेतृत्व में IBDF ने अपना दायरा बढ़ाकर ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए भी प्रतिनिधित्व और गवर्नेंस सुनिश्चित किया, जिससे यह उन कुछ इंडस्ट्री निकायों में शामिल हो गया जो पारंपरिक और डिजिटल प्रसारण दोनों को जोड़ते हैं।

सिद्धार्थ के कार्यकाल में देखी गई प्रमुख इनिशिएटिव्स में से एक थी इंडियन डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री फाउंडेशन (IDMIF) का गठन, जिसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को एक संरचित इंडस्ट्री आवाज देने के लिए एक सहायक संगठन के रूप में बनाया गया। वे डिजिटल मीडिया कंटेंट रेगुलेटरी काउंसिल (डीएमसीआरसी) की स्थापना में भी अहम रहे, जो डिजिटल सामग्री के लिए एक आत्म-नियामक अपील निकाय है और जिसका मॉडल ब्रॉडकास्टिंग कंटेंट कंप्लेंट्स काउंसिल (बीसीसीसी) पर आधारित है, जो अब भी गैर-समाचार टेलीविजन मनोरंजन चैनलों की सामग्री को नियंत्रित करता है।

रणनीतिक और परिचालन नेतृत्व के लिए व्यापक रूप से सराहे जाने वाले जैन ने IBDF में अपना गहन अनुभव लाया, जिसमें टर्नर इंटरनेशनल इंडिया में प्रबंध निदेशक (दक्षिण एशिया) के रूप में उनकी वरिष्ठ भूमिकाएं शामिल थीं। IBDF में उनके कार्य ने नीति-समर्थन को संस्थान-निर्माण के साथ जोड़ा, यह सुनिश्चित करते हुए कि दर्शकों की बदलती आदतों और नियामक चुनौतियों के युग में फाउंडेशन प्रासंगिक बना रहे। 

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‘IBDF’ में जल्द यह बड़ी जिम्मेदारी संभाल सकते हैं अविनाश पांडेय

अविनाश पांडेय को ब्रॉडकास्टिंग और मीडिया मैनेजमेंट में काम करने का करीब तीन दशक का अनुभव है।

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Published - Monday, 01 September, 2025
Last Modified:
Monday, 01 September, 2025
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सीनियर मीडिया प्रोफेशनल अविनाश पांडेय देश में टेलिविजन ब्रॉडकास्टर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के प्रतिनिधित्व वाले प्रमुख संगठन ‘इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन‘ (IBDF) में जल्द ही सेक्रेट्री जनरल का पदभार संभाल सकते हैं।

इंडस्ट्री से जुड़े विश्वसनीय सूत्रों ने हमारी सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (e4m) को बताया कि इस पद पर उनकी नियुक्ति तय हो चुकी है।  

अविनाश पांडेय को प्रसारण और डिजिटल मीडिया में 26 वर्षों से अधिक का नेतृत्व अनुभव है। वह ABP नेटवर्क में CEO और COO जैसे अहम पदों पर रह चुके हैं, जहां उन्होंने स्टार न्यूज को एक डिजिटल रूप से सक्षम समाचार नेटवर्क में तब्दील करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

दिल्ली विश्वविद्यालय (इतिहास) और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के पूर्व छात्र अविनाश पांडेय, कई प्रभावशाली पदों पर रह चुके हैं। वह इंटरनेशनल एडवरटाइजिंग एसोसिएशन (IAA) के इंडिया चैप्टर के अध्यक्ष और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

इसके अलावा, उन्होंने FICCI, ASSOCHAM और सूचना-प्रसारण मंत्रालय की कई अहम कमेटियों में भी योगदान दिया है, जहां मीडिया गवर्नेंस और पॉलिसीज के निर्माण में उनकी सक्रिय भूमिका रही है।

अविनाश पांडेय को इसी साल जुलाई में लक्ष्य मीडिया ग्रुप (Laqshya Media Group) ने अपने बोर्ड में डायरेक्टर के रूप में शामिल किया है। यह नियुक्ति ग्रुप की आउट-ऑफ-होम (OOH) और इंटीग्रेटेड मीडिया सर्विसेज को लेकर उसकी रणनीतिक यात्रा को और मजबूत बनाती है।

Laqshya में अपने नए पद के साथ-साथ, अविनाश पांडेय हाल ही में Primus Partners से भी जुड़े हैं, जहां वे मीडिया प्रैक्टिसेज के लिए सीनियर एडवाइजर की भूमिका निभा रहे हैं। इस भूमिका के जरिए वह कंसल्टेंसी और मीडिया एडवोकेसी दोनों क्षेत्रों में अपनी रणनीतिक पहुंच और प्रभाव का विस्तार कर रहे हैं।

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RIL व Meta के बीच बड़ी डील, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉल्यूशंस के लिए बनेगा नया जॉइंट वेंचर

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक. के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित समाधान विकसित करने और बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त उद्यम (जॉइंट वेंचर) की घोषणा की है।

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Published - Saturday, 30 August, 2025
Last Modified:
Saturday, 30 August, 2025
RIL7841

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक. के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित समाधान विकसित करने और बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त उद्यम (जॉइंट वेंचर) की घोषणा की है। यह हाल के वर्षों में दोनों कंपनियों के बीच सबसे महत्वपूर्ण सहयोगों में से एक है।

स्टॉक एक्सचेंज को दिए गए खुलासे में, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा कि उसके बोर्ड ने रिलायंस इंटेलिजेंस लिमिटेड नामक एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के गठन को मंजूरी दे दी है, जिसकी शुरुआती चुकता पूंजी ₹1 करोड़ होगी। यह सहायक कंपनी मेटा के साथ संयुक्त उद्यम समझौते को लागू करेगी।

जॉइंट वेंचर की शर्तों के तहत, एक नई इकाई का गठन होगा जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज (अपनी सहायक कंपनी के माध्यम से) 70% हिस्सेदारी रखेगी, जबकि मेटा के पास 30% हिस्सेदारी होगी। दोनों कंपनियों ने मिलकर लगभग ₹855 करोड़ (करीब 100 मिलियन डॉलर) का शुरुआती निवेश करने का संकल्प लिया है।

यह नया संयुक्त उद्यम विभिन्न क्षेत्रों में एंटरप्राइज एआई सेवाओं के विकास, विपणन और वितरण पर केंद्रित होगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा कि उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े उपक्रमों, जिनमें निवेश, अधिग्रहण और साझेदारियां शामिल हैं, को भी आगे बढ़ाएगी।

कंपनी ने स्पष्ट किया, “मेटा के साथ यह लेनदेन संबंधित पक्ष लेनदेन (related-party transaction) नहीं है, क्योंकि कंपनी के प्रमोटर ग्रुप का इसमें कोई हित नहीं है।”

यह सौदा नियामकीय और अन्य आवश्यक स्वीकृतियों के अधीन है और उम्मीद है कि कैलेंडर वर्ष 2025 की चौथी तिमाही तक पूरा हो जाएगा। यह घोषणा रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कंपनी की वार्षिक आम बैठक में बोर्ड की बैठक के तुरंत बाद की।

मेटा के उन्नत ओपन-सोर्स Llama मॉडल्स द्वारा संचालित, जॉइंट वेंचर निम्नलिखित सेवाएं प्रदान करेगा:

  • एंटरप्राइज एआई प्लेटफॉर्म-एज-ए-सर्विस: संगठनों के लिए एक सुरक्षित, फुल-स्टैक वातावरण, जहां वे विशिष्ट उपयोग मामलों के लिए जेनरेटिव एआई मॉडल्स को कस्टमाइज, लागू और नियंत्रित कर सकेंगे। यह बिक्री और विपणन, सूचना प्रौद्योगिकी विकास और संचालन, ग्राहक सेवा, वित्त और अन्य एंटरप्राइज वर्कफ्लोज में काम आएगा।

  • प्री-कॉन्फिगर्ड एआई सॉल्यूशंस का सेट, जो विभिन्न क्रॉस-फंक्शनल और उद्योग-विशिष्ट उपयोग मामलों को संबोधित करेगा।

यह साझेदारी मेटा के ओपन-सोर्स Llama मॉडल्स को रिलायंस इंडस्ट्रीज की डिजिटल बैकबोन के साथ मिलाकर भारतीय एंटरप्राइजेज और एसएमबीज को किफायती दरों पर एंटरप्राइज-ग्रेड एआई उपलब्ध कराएगी। “एंटरप्राइज ग्रेड” रेडीनेस वाले Llama को पहले ही कई प्रोडक्शन वातावरणों में सफलतापूर्वक परखा जा चुका है, जिससे यह संयुक्त उद्यम बड़े पैमाने पर एआई सॉल्यूशंस लागू कर सकेगा। साथ ही, Llama की कम टोटल कॉस्ट ऑफ ओनरशिप की वजह से उच्च-प्रदर्शन वाले मॉडल्स को कम लागत पर स्केल किया जा सकेगा। जॉइंट वेंचर के पास क्लाउड, ऑन-प्रिमाइसेस और अपनी इंफ्रास्ट्रक्चर पर तैनाती की अधिक लचीलापन भी होगा। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर लागतों का सक्रिय प्रबंधन संभव होगा।

इस सौदे का समापन नियामकीय अनुमोदनों के अधीन है और इसे 2025 की चौथी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने कहा, “मेटा के साथ साझेदारी हमारी इस दृष्टि को साकार करती है कि हम हर भारतीय और एंटरप्राइज तक एआई पहुंचाएं- मेटा के सबसे व्यापक रूप से अपनाए गए ओपन-सोर्स Llama मॉडल्स को हमारी मल्टी-इंडस्ट्री विशेषज्ञता के साथ मिलाकर। हम हर भारतीय संगठन, चाहे महत्वाकांक्षी एसएमबी हो या ब्लू-चिप कॉरपोरेट्स, के लिए एंटरप्राइज-ग्रेड एआई का लोकतांत्रिकरण करेंगे, जिससे वे तेजी से नवाचार कर सकें, अधिक कुशलता से संचालन कर सकें और वैश्विक मंच पर आत्मविश्वास से प्रतिस्पर्धा कर सकें। रिलायंस इंडस्ट्रीज जॉइंट वेंचर की पेशकशों को तैनात करने और परिष्कृत करने के लिए एक वास्तविक एंटरप्राइज-स्केल वातावरण के रूप में भी कार्य करेगा—जिससे बड़े पैमाने पर तेजी से सुधार और निरंतर विकास संभव हो सकेगा।”

मेटा के फाउंडर व सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा, “हम रिलायंस के साथ अपनी साझेदारी को गहरा करने के लिए उत्साहित हैं ताकि भारतीय डेवलपर्स और एंटरप्राइजेज तक ओपन-सोर्स एआई की शक्ति पहुंचाई जा सके। इस जॉइंट वेंचर के माध्यम से, हम मेटा के Llama मॉडल्स को वास्तविक दुनिया में उपयोग में ला रहे हैं, और मुझे इस बात की खुशी है कि जैसे-जैसे हम नई संभावनाओं को खोलेंगे, मेटा एंटरप्राइज स्पेस में अपना विस्तार करेगा।”

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‘PTC Network’ में इस बड़े पद से रबिन्द्र नारायण ने दिया इस्तीफा, नए ‘पंख’ फैलाने की तैयारी

इस फैसले के बारे में रबिन्द्र नारायण ने अपनी टीम को अवगत कराते हुए खास संदेश भी दिया है।

Samachar4media Bureau by
Published - Saturday, 30 August, 2025
Last Modified:
Saturday, 30 August, 2025
Rabindra Narayan

पंजाबी सैटेलाइट टेलीविजन के जनक के रूप में मशहूर रबिन्द्र नारायण ने ‘पीटीसी नेटवर्क’ (PTC Network) के प्रेजिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया है। करीब दो दशकों तक भारत के सबसे बड़े पंजाबी मीडिया हाउस का नेतृत्व करने के बाद अब वे एक नए ग्लोबल मीडिया वेंचर की शुरुआत करने जा रहे हैं। यह नया वेंचर दुनिया भर में पंजाबी कंटेंट के निर्माण और प्रस्तुति का नया अध्याय खोलेगा।

इस बारे में अपनी टीम को दिए खास संदेश में रबिन्द्र नारायण ने कहा, ‘पीटीसी कभी मेरे लिए सिर्फ नौकरी नहीं थी—यह एक मिशन था। एक बेहतरीन टीम के साथ मिलकर हमने छह चैनलों का नेटवर्क खड़ा किया, कई वैश्विक स्तर पर पहली पहलें कीं और पंजाबी आवाजों को एक अंतरराष्ट्रीय मंच दिया। आज मैं उसी मिशन को एक नए युग में आगे ले जा रहा हूं। अगला अध्याय पैमाने, नवाचार और वैश्विक पहुंच का होगा।’

इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘दर्शकों का प्यार, सहयोगियों का साथ और पूरी दुनिया की पंजाबी कम्युनिटी का विश्वास ही मुझे ‘फादर ऑफ पंजाबी टेलीविजन’ का खिताब दिलाने वाला रहा है। आज वही प्यार मेरे इस नए वैश्विक सपने की ताकत है।’

पिछले तीन दशकों में रबिन्द्र नारायण पंजाबी टेलीविजन को बदलने वाली सबसे बड़ी ताकत रहे हैं। उनके नेतृत्व में पीटीसी नेटवर्क सबसे ज्यादा देखा जाने वाला पंजाबी टीवी नेटवर्क बना। इसने स्वर्ण मंदिर से गुरबानी का सीधा प्रसारण किया, भरोसेमंद खबरें पहुंचाईं और भारत, उत्तरी अमेरिका समेत पूरी दुनिया में एंटरटेनमेंट और टैलेंट शोज तैयार किए।

उनका नया वेंचर, जिसका पूरा खाका आने वाले हफ्तों में सामने आएगा, एक क्रॉस-प्लेटफॉर्म ग्लोबल मीडिया पॉवरहाउस होगा। इसकी नींव पंजाबी मूल्यों पर होगी, लेकिन इसमें नवीनतम टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित कंटेंट क्रिएशन का इस्तेमाल किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट टेलीविजन, ओटीटी, डिजिटल प्लेटफॉर्म, इवेंट्स और फिल्म प्रोडक्शन तक फैला होगा।

इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों का मानना है कि नारायण का यह कदम पंजाबी मीडिया इंडस्ट्री में बड़े बदलाव का आगाज साबित होगा। 

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स्टार्टअप पॉलिसी फोरम व इंडियाAI मिशन ने शुरू किया 'IndiaAI in Action' पॉडकास्ट सीरीज

स्टार्टअप पॉलिसी फोरम (SPF) ने इंडियाAI मिशन के साथ साझेदारी में 'IndiaAI in Action' पॉडकास्ट सीरीज की शुरुआत की घोषणा की है।

Samachar4media Bureau by
Published - Thursday, 28 August, 2025
Last Modified:
Thursday, 28 August, 2025
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स्टार्टअप पॉलिसी फोरम (SPF) ने इंडियाAI मिशन के साथ साझेदारी में 'IndiaAI in Action' पॉडकास्ट सीरीज की शुरुआत की घोषणा की है। यह सीरीज इस बात पर केंद्रित है कि भारत के अग्रणी स्टार्टअप्स किस तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करके इंडस्ट्री से जुड़ी चुनौतियों का समाधान कर रहे हैं और वास्तविक कारोबारी तथा सामाजिक परिणाम ला रहे हैं।

'IndiaAI in Action' उन फाउंडर्स की यात्रा को दर्ज करता है जो AI का उपयोग इनोवेशन को आगे बढ़ाने, प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों में परिवर्तनकारी समाधान देने के लिए कर रहे हैं।

पहले सीजन में जिन इंडस्ट्री लीडर्स को शामिल किया गया है, उनमें हैं- हर्षिल माथुर, को-फाउंडर, Razorpay; विवेक राघवन, को-फाउंडर, Sarvam AI; संकेत शाह और अंशुल खंडेलवाल, को-फाउंडर्स, Invideo और आलोक बाजपेयी व रजनीश कुमार, को-फाउंडर्स, ixigo।

खुली बातचीत और गहन कहानी कहने के अंदाज के जरिए यह सीरीज दिखाती है कि भारतीय संस्थापक फिनटेक, ट्रैवल, हेल्थकेयर, कंटेंट क्रिएशन, एंटरप्राइज सॉल्यूशंस और अन्य क्षेत्रों में कैसे AI के जरिए इनोवेशन कर रहे हैं और उसे अपना रहे हैं।

यह पॉडकास्ट AI Impact Summit से पहले लॉन्च किया जा रहा है, जिसका आयोजन भारत में फरवरी 2026 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) तथा इंडियाAI मिशन द्वारा किया जाएगा।

यह समिट वैश्विक राष्ट्राध्यक्षों, नीति-निर्माताओं और इनोवेशन करने वालों को एकजुट करेगा ताकि AI को जिम्मेदारी और समावेशी तरीके से अपनाने की दिशा तय की जा सके।

MeitY के अतिरिक्त सचिव और इंडियाAI मिशन के प्रमुख अभिषेक सिंह ने कहा, 'इंडियाAI मिशन पूरे देश में AI को अपनाने और उसके विकास को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। ‘IndiaAI in Action’ सीरीज इस मिशन को वास्तविक उत्पादों और समाधानों में बदलने में हमारे स्टार्टअप्स के प्रभाव को सामने लाती है। ये कहानियां भारत की स्थिति को एक वैश्विक AI इनोवेशन और उद्यमिता केंद्र के रूप में और मजबूत करती हैं।'

स्टार्टअप पॉलिसी फोरम की प्रेसिडेंट एवं सीईओ श्वेता राजपाल कोहली ने कहा, 'IndiaAI in Action के जरिए हमारा लक्ष्य है प्रेरित करना, शिक्षित करना और AI इनोवेशन व अपनाने को बढ़ावा देना- दूरदर्शी फाउंडर्स और अत्याधुनिक AI उपयोग मामलों पर रोशनी डालकर। यह सीरीज बताती है कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम कितनी तेजी से इस परिवर्तनकारी तकनीक को अपना रहा है और इसका व्यवसाय व समाज पर क्या असर हो रहा है।'

'IndiaAI in Action' सीरीज को Vultr द्वारा संचालित किया जा रहा है, जो दुनिया का सबसे बड़ा निजी क्लाउड प्लेटफॉर्म है और 32 वैश्विक डेटा सेंटर्स में 2,20,000 से अधिक ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करता है।

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'एनडीटीवी इंडिया' पर सैयद सुहेल के शो का ऐलान, इस तारीख से होगा प्रसारण

मूल रूप से कानपुर के रहने वाले सैयद सुहेल को मीडिया में काम करने का करीब 19 साल का अनुभव है। मीडिया के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने ‘जैन टीवी’ से की थी।

Samachar4media Bureau by
Published - Thursday, 28 August, 2025
Last Modified:
Thursday, 28 August, 2025
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वरिष्ठ पत्रकार और सीनियर न्यूज एंकर सैयद सुहेल ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ को अलविदा कहने के बाद ‘एनडीटीवी’ (NDTV) की टीम में शामिल हो गए है। इस बीच उनके नए शो का ऐलान भी हो गया है। उनका शो 30 अगस्त से रोज रात 9 बजे प्रसारित होगा। उनके शो का नाम 'भारत की बात बताता हूं' रखा गया है।

मूल रूप से कानपुर के रहने वाले सैयद सुहेल को मीडिया में काम करने का करीब 19 साल का अनुभव है। मीडिया के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने ‘जैन टीवी’ से की थी।

इसके बाद वह ‘न्यूज 24’ (News 24) और ‘न्यूज नेशन’ (News Nation) जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं। ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के साथ बतौर सीनियर एडिटर और एंकर करीब साढ़े छह साल से जुड़े हुए थे और इस समूह के हिंदी न्यूज चैनल ‘रिपब्लिक भारत’ के लोकप्रिय प्राइम टाइम शो ‘ये भारत की बात है’ को भी उन्होंने होस्ट किया।

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