Zee मीडिया ने इन दो निदेशकों की पुनर्नियुक्ति को दी मंजूरी

जी मीडिया (Z Media) ने शनिवार को पोस्टल बैलेट प्रक्रिया के परिणामों की घोषणा करते हुए बताया कि कंपनी के सदस्यों ने दो महत्वपूर्ण पुनर्नियुक्तियों को मंजूरी दी है।

Vikas Saxena by
Published - Monday, 01 September, 2025
Last Modified:
Monday, 01 September, 2025
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जी मीडिया (Z Media) ने शनिवार को पोस्टल बैलेट प्रक्रिया के परिणामों की घोषणा करते हुए बताया कि कंपनी के सदस्यों ने दो महत्वपूर्ण पुनर्नियुक्तियों को मंजूरी दी है।

नियामकीय प्रावधानों के तहत मिली जानकारी के अनुसार, कंपनी ने स्वतंत्र निदेशक सुशांत कुमार पांडा को दूसरे कार्यकाल के लिए पुनर्नियुक्त किया है। उनका नया कार्यकाल 1 सितंबर 2025 से 31 अगस्त 2030 तक पांच वर्षों का होगा। इसके साथ ही, दिनेश कुमार गर्ग को कंपनी का पूर्णकालिक निदेशक नियुक्त किया गया है, जिनका कार्यकाल 20 सितंबर 2025 से 19 सितंबर 2028 तक तीन वर्षों का रहेगा।

सुशांत कुमार पांडा -   

सुशांत कुमार पांडा 1982 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (IRS) अधिकारी रहे हैं। उन्होंने वित्त मंत्रालय के अंतर्गत कस्टम्स, एक्साइज और सर्विस टैक्स विभाग में 37 वर्षों तक सेवाएं दी और अप्रैल 2019 में सेवानिवृत्त हुए। अपने लंबे कार्यकाल के दौरान उन्होंने वित्त मंत्रालय और राजस्व विभाग में कई वरिष्ठ पदों पर कार्य किया। वे केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के सदस्य भी रहे, जो अप्रत्यक्ष कर नीति बनाने वाली सर्वोच्च संस्था है। इसके अलावा, उन्होंने भारत सरकार में विशेष सचिव का पद भी संभाला।

अपने करियर में श्री पांडा ने तमिलनाडु, गुजरात, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर राज्यों, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली सहित विभिन्न राज्यों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं। उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय में विशेष निदेशक के रूप में विदेशी मुद्रा कानून और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून से जुड़े मामलों की जाँच की। साथ ही, उन्होंने दिल्ली स्थित केंद्रीय उत्पाद शुल्क, कस्टम्स और सेवा कर अपीलीय अधिकरण (CESTAT) में आयुक्त तथा पूर्वी जोन में मुख्य आयुक्त के रूप में भी सेवाएँ दीं। वे राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर और विधि स्नातक हैं।

दिनेश कुमार गर्ग -

दिनेश गर्ग एक चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और वित्तीय क्षेत्र में उन्हें 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है। उन्हें वित्तीय नियंत्रण और रिपोर्टिंग, कॉरपोरेट पुनर्गठन, फंड जुटाने, आंतरिक व प्रबंधन ऑडिट और कानूनी मामलों में गहन विशेषज्ञता हासिल है।

जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड की वृद्धि में वे कंपनी की कोर टीम का हिस्सा रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने अन्य संगठनों में भी वरिष्ठ प्रबंधन स्तर की जिम्मेदारियां निभाई हैं।

कंपनी ने कहा कि दोनों ही नियुक्तियां सभी आवश्यक नियामकीय और सांविधिक अनुमोदनों के बाद प्रभावी होंगी। 

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हैप्पी बर्थडे रक्तिम दास: आप हैं रचनात्मकता और रणनीति के अनूठे शिल्पकार

आज का दिन मीडिया जगत की एक ऐसी शख्सियत को समर्पित है, जिनकी पहचान परंपरा और नवाचार के बीच अद्भुत संतुलन बनाने की क्षमता से होती है। आज रक्तिम दास का जन्मदिन है।

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Published - Monday, 01 September, 2025
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Monday, 01 September, 2025
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आज का दिन मीडिया जगत की एक ऐसी शख्सियत को समर्पित है, जिनकी पहचान परंपरा और नवाचार के बीच अद्भुत संतुलन बनाने की क्षमता से होती है। आज रक्तिम दास का जन्मदिन है। एक ऐसे दिग्गज, जिन्होंने भारत के मीडिया परिदृश्य को अपनी सोच, दृष्टि और नेतृत्व से नई दिशा दी है। 

पिछले दो दशकों में उन्होंने देश के कई प्रभावशाली मीडिया संस्थानों में अपनी छाप छोड़ी है। कभी उनकी रचनात्मक दृष्टि ने कहानियों और कंटेंट को नया आयाम दिया, तो कभी उनकी रणनीतियों ने व्यवसायिक सफलता की राह दिखाई। उनके सफर की यही खासियत है कि वे हर जगह सिर्फ योगदान नहीं देते, बल्कि उस संस्था की आत्मा में अपनी पहचान भी जोड़ जाते हैं।

यह दिन सिर्फ उनके जन्म का नहीं, बल्कि उस यात्रा का भी उत्सव है, जिसने भारतीय मीडिया जगत को और अधिक समृद्ध, सशक्त और प्रगतिशील बनाया।

रक्तिम दास ने अपनी यात्रा इंडिया टुडे ग्रुप से शुरू की, जहां उन्होंने ब्रैंडेड कंटेंट को एक गंभीर व्यावसायिक प्रैक्टिस के रूप में विकसित करने में मदद की- बहुत पहले, जब यह इंडस्ट्री मानक बनी। उन्होंने बिजनेस टुडे इंडिया को एक शीर्ष स्तरीय बिजनेस मैगजीन बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया और बाद में जी बिजनेस को उसकी वृद्धि के एक महत्वपूर्ण चरण में पुनर्जीवित करने की दिशा में अग्रसर किया। जी के साथ अपने दूसरे कार्यकाल में, उन्होंने जी इनोवेशन स्टूडियो की स्थापना की- एक ऐसा केंद्र जो प्रयोग और नए विचारों का घर बना और जिसने कंपनी के रचनात्मक विस्तार को बढ़ाया।

आज, टीवी9 नेटवर्क में ब्रॉडकास्ट और डिजिटल के चीफ ग्रोथ ऑफिसर के रूप में, दास टेलीविजन और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर वृद्धि का नेतृत्व कर रहे हैं, जहां कंटेंट स्ट्रैटेजी, ऐड सेल्स, ब्रैंडेड कंटेंट और नए IP क्रिएशन को एक दृष्टि के तहत जोड़ा गया है। उनका नेतृत्व इंडस्ट्री-फस्ट इनीशिएटिव्स को बनाने, अवॉर्ड-विनिंग प्रॉपर्टीज तैयार करने और इस बात को फिर से परिभाषित करने में केंद्रीय रहा है कि दर्शक और ब्रैंड मीडिया के साथ कैसे जुड़ते हैं।

वे टीवी9 नेटवर्क में डिजिटल बिजनेस की P&L (लाभ और हानि) जिम्मेदारी संभालते हैं। अपने करियर की शुरुआत में ही, उन्हें 2008–10 के दौरान जी बिजनेस की टर्नअराउंड सफलता की कहानी लिखने और उसका नेतृत्व करने का श्रेय जाता है। बाद में, जी में अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान, उन्हें जी इनोवेशन स्टूडियो को अपने कार्यकाल में उद्योग का सर्वश्रेष्ठ बनाने का श्रेय मिला।

उनके करियर में वैश्विक ब्रैंडों को भारतीय पाठकों और दर्शकों तक लाने की उपलब्धि भी शामिल है। हार्वर्ड बिजनेस रिव्यू साउथ एशिया और टाइम मैगजीन से लेकर साइंटिफिक अमेरिकन और मेंस हेल्थ तक, रक्ति‍म ने भारत में अंतरराष्ट्रीय मीडिया टाइटल्स को लॉन्च करने और बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जहाx वैश्विक मानकों को स्थानीय संवेदनशीलताओं के साथ मिलाया गया।

इस दिन, हम न केवल उनके प्रोफेशनल्स उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं, बल्कि एक ऐसे नवोन्मेषक की भूमिका का भी, जिन्होंने हमेशा दूसरों से पहले मीडिया का भविष्य देखा है। 

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सिद्धार्थ जैन ने IBDF के महासचिव पद से दिया इस्तीफा

सिद्धार्थ जैन ने इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (IBDF) के महासचिव (सेक्रेट्री जनरल) पद से इस्तीफा दे दिया है

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Published - Monday, 01 September, 2025
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Monday, 01 September, 2025
SiddharthJain

सिद्धार्थ जैन ने इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन (IBDF) के महासचिव (सेक्रेट्री जनरल) पद से इस्तीफा दे दिया है, जिससे देश के इस शीर्ष निकाय के लिए एक ऐसे कार्यकाल का समापन हुआ है, जिसने ब्रॉडकास्टर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का प्रतिनिधित्व करते हुए एक अहम संक्रमण चरण की निगरानी की।

इस घटनाक्रम से जुड़े सूत्रों ने इस खबर की पुष्टि एक्सचेंज4मीडिया से की है।

सिद्धार्थ जैन ने 2021 में IBDF का कार्यभार संभाला था, उस समय जब संगठन अपना दायरा टेलीविजन से आगे बढ़ाकर तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल इकोसिस्टम को भी शामिल कर रहा था। उनके नेतृत्व में, IBDF ने इंडस्ट्री की आवाज के रूप में अपनी भूमिका और गहरी की, ब्रॉडकास्टर्स और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स दोनों का प्रतिनिधित्व किया और साथ ही आत्म-नियमन और इंडस्ट्री सहयोग के तंत्रों को मजबूत किया।

यह फाउंडेशन स्वयं 1999 में स्थापित हुआ था और पहले इंडियन ब्रॉडकास्टिंग फाउंडेशन के नाम से जाना जाता था। यह जनरल एंटरटेनमेंट, न्यूज, स्पोर्ट, मूवी, म्यूजिक और इन्फोटेनमेंट सहित विभिन्न जॉनर में प्रमुख टेलीविजन ब्रॉडकास्टर्स का प्रतिनिधित्व करता है। इसके सदस्य मिलकर 400 से अधिक चैनल्स और भारत में लगभग 90 प्रतिशत टेलीविजन दर्शकों की संख्या का प्रतिनिधित्व करते हैं।

डिजिटल कंटेंट के तेजी से उभार के साथ, सिद्धार्थ के नेतृत्व में IBDF ने अपना दायरा बढ़ाकर ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के लिए भी प्रतिनिधित्व और गवर्नेंस सुनिश्चित किया, जिससे यह उन कुछ इंडस्ट्री निकायों में शामिल हो गया जो पारंपरिक और डिजिटल प्रसारण दोनों को जोड़ते हैं।

सिद्धार्थ के कार्यकाल में देखी गई प्रमुख इनिशिएटिव्स में से एक थी इंडियन डिजिटल मीडिया इंडस्ट्री फाउंडेशन (IDMIF) का गठन, जिसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को एक संरचित इंडस्ट्री आवाज देने के लिए एक सहायक संगठन के रूप में बनाया गया। वे डिजिटल मीडिया कंटेंट रेगुलेटरी काउंसिल (डीएमसीआरसी) की स्थापना में भी अहम रहे, जो डिजिटल सामग्री के लिए एक आत्म-नियामक अपील निकाय है और जिसका मॉडल ब्रॉडकास्टिंग कंटेंट कंप्लेंट्स काउंसिल (बीसीसीसी) पर आधारित है, जो अब भी गैर-समाचार टेलीविजन मनोरंजन चैनलों की सामग्री को नियंत्रित करता है।

रणनीतिक और परिचालन नेतृत्व के लिए व्यापक रूप से सराहे जाने वाले जैन ने IBDF में अपना गहन अनुभव लाया, जिसमें टर्नर इंटरनेशनल इंडिया में प्रबंध निदेशक (दक्षिण एशिया) के रूप में उनकी वरिष्ठ भूमिकाएं शामिल थीं। IBDF में उनके कार्य ने नीति-समर्थन को संस्थान-निर्माण के साथ जोड़ा, यह सुनिश्चित करते हुए कि दर्शकों की बदलती आदतों और नियामक चुनौतियों के युग में फाउंडेशन प्रासंगिक बना रहे। 

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‘IBDF’ में जल्द यह बड़ी जिम्मेदारी संभाल सकते हैं अविनाश पांडेय

अविनाश पांडेय को ब्रॉडकास्टिंग और मीडिया मैनेजमेंट में काम करने का करीब तीन दशक का अनुभव है।

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Published - Monday, 01 September, 2025
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Monday, 01 September, 2025
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सीनियर मीडिया प्रोफेशनल अविनाश पांडेय देश में टेलिविजन ब्रॉडकास्टर्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के प्रतिनिधित्व वाले प्रमुख संगठन ‘इंडियन ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल फाउंडेशन‘ (IBDF) में जल्द ही सेक्रेट्री जनरल का पदभार संभाल सकते हैं।

इंडस्ट्री से जुड़े विश्वसनीय सूत्रों ने हमारी सहयोगी वेबसाइट ‘एक्सचेंज4मीडिया’ (e4m) को बताया कि इस पद पर उनकी नियुक्ति तय हो चुकी है।  

अविनाश पांडेय को प्रसारण और डिजिटल मीडिया में 26 वर्षों से अधिक का नेतृत्व अनुभव है। वह ABP नेटवर्क में CEO और COO जैसे अहम पदों पर रह चुके हैं, जहां उन्होंने स्टार न्यूज को एक डिजिटल रूप से सक्षम समाचार नेटवर्क में तब्दील करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

दिल्ली विश्वविद्यालय (इतिहास) और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के पूर्व छात्र अविनाश पांडेय, कई प्रभावशाली पदों पर रह चुके हैं। वह इंटरनेशनल एडवरटाइजिंग एसोसिएशन (IAA) के इंडिया चैप्टर के अध्यक्ष और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एंड डिजिटल एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।

इसके अलावा, उन्होंने FICCI, ASSOCHAM और सूचना-प्रसारण मंत्रालय की कई अहम कमेटियों में भी योगदान दिया है, जहां मीडिया गवर्नेंस और पॉलिसीज के निर्माण में उनकी सक्रिय भूमिका रही है।

अविनाश पांडेय को इसी साल जुलाई में लक्ष्य मीडिया ग्रुप (Laqshya Media Group) ने अपने बोर्ड में डायरेक्टर के रूप में शामिल किया है। यह नियुक्ति ग्रुप की आउट-ऑफ-होम (OOH) और इंटीग्रेटेड मीडिया सर्विसेज को लेकर उसकी रणनीतिक यात्रा को और मजबूत बनाती है।

Laqshya में अपने नए पद के साथ-साथ, अविनाश पांडेय हाल ही में Primus Partners से भी जुड़े हैं, जहां वे मीडिया प्रैक्टिसेज के लिए सीनियर एडवाइजर की भूमिका निभा रहे हैं। इस भूमिका के जरिए वह कंसल्टेंसी और मीडिया एडवोकेसी दोनों क्षेत्रों में अपनी रणनीतिक पहुंच और प्रभाव का विस्तार कर रहे हैं।

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RIL व Meta के बीच बड़ी डील, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉल्यूशंस के लिए बनेगा नया जॉइंट वेंचर

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक. के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित समाधान विकसित करने और बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त उद्यम (जॉइंट वेंचर) की घोषणा की है।

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Published - Saturday, 30 August, 2025
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Saturday, 30 August, 2025
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रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने मेटा प्लेटफॉर्म्स इंक. के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित समाधान विकसित करने और बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त उद्यम (जॉइंट वेंचर) की घोषणा की है। यह हाल के वर्षों में दोनों कंपनियों के बीच सबसे महत्वपूर्ण सहयोगों में से एक है।

स्टॉक एक्सचेंज को दिए गए खुलासे में, रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा कि उसके बोर्ड ने रिलायंस इंटेलिजेंस लिमिटेड नामक एक पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी के गठन को मंजूरी दे दी है, जिसकी शुरुआती चुकता पूंजी ₹1 करोड़ होगी। यह सहायक कंपनी मेटा के साथ संयुक्त उद्यम समझौते को लागू करेगी।

जॉइंट वेंचर की शर्तों के तहत, एक नई इकाई का गठन होगा जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज (अपनी सहायक कंपनी के माध्यम से) 70% हिस्सेदारी रखेगी, जबकि मेटा के पास 30% हिस्सेदारी होगी। दोनों कंपनियों ने मिलकर लगभग ₹855 करोड़ (करीब 100 मिलियन डॉलर) का शुरुआती निवेश करने का संकल्प लिया है।

यह नया संयुक्त उद्यम विभिन्न क्षेत्रों में एंटरप्राइज एआई सेवाओं के विकास, विपणन और वितरण पर केंद्रित होगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कहा कि उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़े उपक्रमों, जिनमें निवेश, अधिग्रहण और साझेदारियां शामिल हैं, को भी आगे बढ़ाएगी।

कंपनी ने स्पष्ट किया, “मेटा के साथ यह लेनदेन संबंधित पक्ष लेनदेन (related-party transaction) नहीं है, क्योंकि कंपनी के प्रमोटर ग्रुप का इसमें कोई हित नहीं है।”

यह सौदा नियामकीय और अन्य आवश्यक स्वीकृतियों के अधीन है और उम्मीद है कि कैलेंडर वर्ष 2025 की चौथी तिमाही तक पूरा हो जाएगा। यह घोषणा रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कंपनी की वार्षिक आम बैठक में बोर्ड की बैठक के तुरंत बाद की।

मेटा के उन्नत ओपन-सोर्स Llama मॉडल्स द्वारा संचालित, जॉइंट वेंचर निम्नलिखित सेवाएं प्रदान करेगा:

  • एंटरप्राइज एआई प्लेटफॉर्म-एज-ए-सर्विस: संगठनों के लिए एक सुरक्षित, फुल-स्टैक वातावरण, जहां वे विशिष्ट उपयोग मामलों के लिए जेनरेटिव एआई मॉडल्स को कस्टमाइज, लागू और नियंत्रित कर सकेंगे। यह बिक्री और विपणन, सूचना प्रौद्योगिकी विकास और संचालन, ग्राहक सेवा, वित्त और अन्य एंटरप्राइज वर्कफ्लोज में काम आएगा।

  • प्री-कॉन्फिगर्ड एआई सॉल्यूशंस का सेट, जो विभिन्न क्रॉस-फंक्शनल और उद्योग-विशिष्ट उपयोग मामलों को संबोधित करेगा।

यह साझेदारी मेटा के ओपन-सोर्स Llama मॉडल्स को रिलायंस इंडस्ट्रीज की डिजिटल बैकबोन के साथ मिलाकर भारतीय एंटरप्राइजेज और एसएमबीज को किफायती दरों पर एंटरप्राइज-ग्रेड एआई उपलब्ध कराएगी। “एंटरप्राइज ग्रेड” रेडीनेस वाले Llama को पहले ही कई प्रोडक्शन वातावरणों में सफलतापूर्वक परखा जा चुका है, जिससे यह संयुक्त उद्यम बड़े पैमाने पर एआई सॉल्यूशंस लागू कर सकेगा। साथ ही, Llama की कम टोटल कॉस्ट ऑफ ओनरशिप की वजह से उच्च-प्रदर्शन वाले मॉडल्स को कम लागत पर स्केल किया जा सकेगा। जॉइंट वेंचर के पास क्लाउड, ऑन-प्रिमाइसेस और अपनी इंफ्रास्ट्रक्चर पर तैनाती की अधिक लचीलापन भी होगा। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर लागतों का सक्रिय प्रबंधन संभव होगा।

इस सौदे का समापन नियामकीय अनुमोदनों के अधीन है और इसे 2025 की चौथी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है।

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी ने कहा, “मेटा के साथ साझेदारी हमारी इस दृष्टि को साकार करती है कि हम हर भारतीय और एंटरप्राइज तक एआई पहुंचाएं- मेटा के सबसे व्यापक रूप से अपनाए गए ओपन-सोर्स Llama मॉडल्स को हमारी मल्टी-इंडस्ट्री विशेषज्ञता के साथ मिलाकर। हम हर भारतीय संगठन, चाहे महत्वाकांक्षी एसएमबी हो या ब्लू-चिप कॉरपोरेट्स, के लिए एंटरप्राइज-ग्रेड एआई का लोकतांत्रिकरण करेंगे, जिससे वे तेजी से नवाचार कर सकें, अधिक कुशलता से संचालन कर सकें और वैश्विक मंच पर आत्मविश्वास से प्रतिस्पर्धा कर सकें। रिलायंस इंडस्ट्रीज जॉइंट वेंचर की पेशकशों को तैनात करने और परिष्कृत करने के लिए एक वास्तविक एंटरप्राइज-स्केल वातावरण के रूप में भी कार्य करेगा—जिससे बड़े पैमाने पर तेजी से सुधार और निरंतर विकास संभव हो सकेगा।”

मेटा के फाउंडर व सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा, “हम रिलायंस के साथ अपनी साझेदारी को गहरा करने के लिए उत्साहित हैं ताकि भारतीय डेवलपर्स और एंटरप्राइजेज तक ओपन-सोर्स एआई की शक्ति पहुंचाई जा सके। इस जॉइंट वेंचर के माध्यम से, हम मेटा के Llama मॉडल्स को वास्तविक दुनिया में उपयोग में ला रहे हैं, और मुझे इस बात की खुशी है कि जैसे-जैसे हम नई संभावनाओं को खोलेंगे, मेटा एंटरप्राइज स्पेस में अपना विस्तार करेगा।”

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‘PTC Network’ में इस बड़े पद से रबिन्द्र नारायण ने दिया इस्तीफा, नए ‘पंख’ फैलाने की तैयारी

इस फैसले के बारे में रबिन्द्र नारायण ने अपनी टीम को अवगत कराते हुए खास संदेश भी दिया है।

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Published - Saturday, 30 August, 2025
Last Modified:
Saturday, 30 August, 2025
Rabindra Narayan

पंजाबी सैटेलाइट टेलीविजन के जनक के रूप में मशहूर रबिन्द्र नारायण ने ‘पीटीसी नेटवर्क’ (PTC Network) के प्रेजिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया है। करीब दो दशकों तक भारत के सबसे बड़े पंजाबी मीडिया हाउस का नेतृत्व करने के बाद अब वे एक नए ग्लोबल मीडिया वेंचर की शुरुआत करने जा रहे हैं। यह नया वेंचर दुनिया भर में पंजाबी कंटेंट के निर्माण और प्रस्तुति का नया अध्याय खोलेगा।

इस बारे में अपनी टीम को दिए खास संदेश में रबिन्द्र नारायण ने कहा, ‘पीटीसी कभी मेरे लिए सिर्फ नौकरी नहीं थी—यह एक मिशन था। एक बेहतरीन टीम के साथ मिलकर हमने छह चैनलों का नेटवर्क खड़ा किया, कई वैश्विक स्तर पर पहली पहलें कीं और पंजाबी आवाजों को एक अंतरराष्ट्रीय मंच दिया। आज मैं उसी मिशन को एक नए युग में आगे ले जा रहा हूं। अगला अध्याय पैमाने, नवाचार और वैश्विक पहुंच का होगा।’

इसके साथ ही उन्होंने कहा, ‘दर्शकों का प्यार, सहयोगियों का साथ और पूरी दुनिया की पंजाबी कम्युनिटी का विश्वास ही मुझे ‘फादर ऑफ पंजाबी टेलीविजन’ का खिताब दिलाने वाला रहा है। आज वही प्यार मेरे इस नए वैश्विक सपने की ताकत है।’

पिछले तीन दशकों में रबिन्द्र नारायण पंजाबी टेलीविजन को बदलने वाली सबसे बड़ी ताकत रहे हैं। उनके नेतृत्व में पीटीसी नेटवर्क सबसे ज्यादा देखा जाने वाला पंजाबी टीवी नेटवर्क बना। इसने स्वर्ण मंदिर से गुरबानी का सीधा प्रसारण किया, भरोसेमंद खबरें पहुंचाईं और भारत, उत्तरी अमेरिका समेत पूरी दुनिया में एंटरटेनमेंट और टैलेंट शोज तैयार किए।

उनका नया वेंचर, जिसका पूरा खाका आने वाले हफ्तों में सामने आएगा, एक क्रॉस-प्लेटफॉर्म ग्लोबल मीडिया पॉवरहाउस होगा। इसकी नींव पंजाबी मूल्यों पर होगी, लेकिन इसमें नवीनतम टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित कंटेंट क्रिएशन का इस्तेमाल किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट टेलीविजन, ओटीटी, डिजिटल प्लेटफॉर्म, इवेंट्स और फिल्म प्रोडक्शन तक फैला होगा।

इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों का मानना है कि नारायण का यह कदम पंजाबी मीडिया इंडस्ट्री में बड़े बदलाव का आगाज साबित होगा। 

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'फेसबुक' पर शेय़र इस वीडियो को आप यहां देख सकते हैं। 

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स्टार्टअप पॉलिसी फोरम व इंडियाAI मिशन ने शुरू किया 'IndiaAI in Action' पॉडकास्ट सीरीज

स्टार्टअप पॉलिसी फोरम (SPF) ने इंडियाAI मिशन के साथ साझेदारी में 'IndiaAI in Action' पॉडकास्ट सीरीज की शुरुआत की घोषणा की है।

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Published - Thursday, 28 August, 2025
Last Modified:
Thursday, 28 August, 2025
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स्टार्टअप पॉलिसी फोरम (SPF) ने इंडियाAI मिशन के साथ साझेदारी में 'IndiaAI in Action' पॉडकास्ट सीरीज की शुरुआत की घोषणा की है। यह सीरीज इस बात पर केंद्रित है कि भारत के अग्रणी स्टार्टअप्स किस तरह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करके इंडस्ट्री से जुड़ी चुनौतियों का समाधान कर रहे हैं और वास्तविक कारोबारी तथा सामाजिक परिणाम ला रहे हैं।

'IndiaAI in Action' उन फाउंडर्स की यात्रा को दर्ज करता है जो AI का उपयोग इनोवेशन को आगे बढ़ाने, प्रतिस्पर्धा बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों में परिवर्तनकारी समाधान देने के लिए कर रहे हैं।

पहले सीजन में जिन इंडस्ट्री लीडर्स को शामिल किया गया है, उनमें हैं- हर्षिल माथुर, को-फाउंडर, Razorpay; विवेक राघवन, को-फाउंडर, Sarvam AI; संकेत शाह और अंशुल खंडेलवाल, को-फाउंडर्स, Invideo और आलोक बाजपेयी व रजनीश कुमार, को-फाउंडर्स, ixigo।

खुली बातचीत और गहन कहानी कहने के अंदाज के जरिए यह सीरीज दिखाती है कि भारतीय संस्थापक फिनटेक, ट्रैवल, हेल्थकेयर, कंटेंट क्रिएशन, एंटरप्राइज सॉल्यूशंस और अन्य क्षेत्रों में कैसे AI के जरिए इनोवेशन कर रहे हैं और उसे अपना रहे हैं।

यह पॉडकास्ट AI Impact Summit से पहले लॉन्च किया जा रहा है, जिसका आयोजन भारत में फरवरी 2026 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) तथा इंडियाAI मिशन द्वारा किया जाएगा।

यह समिट वैश्विक राष्ट्राध्यक्षों, नीति-निर्माताओं और इनोवेशन करने वालों को एकजुट करेगा ताकि AI को जिम्मेदारी और समावेशी तरीके से अपनाने की दिशा तय की जा सके।

MeitY के अतिरिक्त सचिव और इंडियाAI मिशन के प्रमुख अभिषेक सिंह ने कहा, 'इंडियाAI मिशन पूरे देश में AI को अपनाने और उसके विकास को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है। ‘IndiaAI in Action’ सीरीज इस मिशन को वास्तविक उत्पादों और समाधानों में बदलने में हमारे स्टार्टअप्स के प्रभाव को सामने लाती है। ये कहानियां भारत की स्थिति को एक वैश्विक AI इनोवेशन और उद्यमिता केंद्र के रूप में और मजबूत करती हैं।'

स्टार्टअप पॉलिसी फोरम की प्रेसिडेंट एवं सीईओ श्वेता राजपाल कोहली ने कहा, 'IndiaAI in Action के जरिए हमारा लक्ष्य है प्रेरित करना, शिक्षित करना और AI इनोवेशन व अपनाने को बढ़ावा देना- दूरदर्शी फाउंडर्स और अत्याधुनिक AI उपयोग मामलों पर रोशनी डालकर। यह सीरीज बताती है कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम कितनी तेजी से इस परिवर्तनकारी तकनीक को अपना रहा है और इसका व्यवसाय व समाज पर क्या असर हो रहा है।'

'IndiaAI in Action' सीरीज को Vultr द्वारा संचालित किया जा रहा है, जो दुनिया का सबसे बड़ा निजी क्लाउड प्लेटफॉर्म है और 32 वैश्विक डेटा सेंटर्स में 2,20,000 से अधिक ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करता है।

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'एनडीटीवी इंडिया' पर सैयद सुहेल के शो का ऐलान, इस तारीख से होगा प्रसारण

मूल रूप से कानपुर के रहने वाले सैयद सुहेल को मीडिया में काम करने का करीब 19 साल का अनुभव है। मीडिया के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने ‘जैन टीवी’ से की थी।

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Published - Thursday, 28 August, 2025
Last Modified:
Thursday, 28 August, 2025
syedsuhail

वरिष्ठ पत्रकार और सीनियर न्यूज एंकर सैयद सुहेल ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ को अलविदा कहने के बाद ‘एनडीटीवी’ (NDTV) की टीम में शामिल हो गए है। इस बीच उनके नए शो का ऐलान भी हो गया है। उनका शो 30 अगस्त से रोज रात 9 बजे प्रसारित होगा। उनके शो का नाम 'भारत की बात बताता हूं' रखा गया है।

मूल रूप से कानपुर के रहने वाले सैयद सुहेल को मीडिया में काम करने का करीब 19 साल का अनुभव है। मीडिया के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने ‘जैन टीवी’ से की थी।

इसके बाद वह ‘न्यूज 24’ (News 24) और ‘न्यूज नेशन’ (News Nation) जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं। ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के साथ बतौर सीनियर एडिटर और एंकर करीब साढ़े छह साल से जुड़े हुए थे और इस समूह के हिंदी न्यूज चैनल ‘रिपब्लिक भारत’ के लोकप्रिय प्राइम टाइम शो ‘ये भारत की बात है’ को भी उन्होंने होस्ट किया।

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संघ का कार्य शुद्ध सात्त्विक प्रेम और समाजनिष्ठा पर आधारित: डॉ. मोहन भागवत

संघ का स्वयंसेवक कोई व्यक्तिगत लाभ की अपेक्षा नहीं रखता। यहाँ इंसेंटिव नहीं हैं, बल्कि डिसइंसेंटिव अधिक हैं। स्वयंसेवक समाज-कार्य में आनंद का अनुभव करते हुए कार्य करते हैं।

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Published - Thursday, 28 August, 2025
Last Modified:
Thursday, 28 August, 2025
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि समाज और जीवन में संतुलन ही धर्म है, जो किसी भी अतिवाद से बचाता है। भारत की परंपरा इसे मध्यम मार्ग कहती है और यही आज की दुनिया की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दुनिया के समक्ष उदाहरण बनने के लिए समाज परिवर्तन की शुरुआत घर से करनी होगी।

इसके लिए संघ ने पंच परिवर्तन बताए हैं - कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, स्व-बोध (स्वदेशी) और नागरिक कर्तव्यों का पालन। आत्मनिर्भर भारत के लिए स्वदेशी को प्राथमिकता दें तथा भारत का अंतरराष्ट्रीय व्यापार केवल स्वेच्छा से होना चाहिए, किसी दबाव में नहीं। सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत संघ शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में विज्ञान भवन में आयोजित तीन दिवसीय व्याख्यानमाला ‘100 वर्ष की संघ यात्रा - नए क्षितिज’ के दूसरे दिन संबोधित कर रहे थे।

इस दौरान सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, उत्तर क्षेत्र के प्रांत संघचालक पवन जिंदल और दिल्ली प्रांत संघचालक डॉ. अनिल अग्रवाल मंच पर उपस्थित रहे। मोहन भागवत जी ने कहा कि संघ का कार्य शुद्ध सात्त्विक प्रेम और समाजनिष्ठा पर आधारित है। “संघ का स्वयंसेवक कोई व्यक्तिगत लाभ की अपेक्षा नहीं रखता। यहाँ इंसेंटिव नहीं हैं, बल्कि डिसइंसेंटिव अधिक हैं। स्वयंसेवक समाज-कार्य में आनंद का अनुभव करते हुए कार्य करते हैं।”

उन्होंने स्पष्ट किया कि जीवन की सार्थकता और मुक्ति की अनुभूति इसी सेवा से होती है। सज्जनों से मैत्री करना, दुष्टों की उपेक्षा करना, कोई अच्छा करता है तो आनंद प्रकट करना, दुर्जनों पर भी करुणा करना - यही संघ का जीवन मूल्य है। हिन्दुत्व की मूल भावना पर कहा कि हिन्दुत्व सत्य, प्रेम और अपनापन है। हमारे ऋषि-मुनियों ने हमें सिखाया कि जीवन अपने लिए नहीं है।

यही कारण है कि भारत को दुनिया में बड़े भाई की तरह मार्ग दिखाने की भूमिका निभानी है। इसी से विश्व कल्याण का विचार जन्म लेता है। सरसंघचालक ने चिंता जताई कि दुनिया कट्टरता, कलह और अशांति की ओर जा रही है। पिछले साढ़े तीन सौ वर्षों में उपभोगवादी और जड़वादी दृष्टि के कारण मानव जीवन की भद्रता क्षीण हुई है। उन्होंने गांधी जी के बताए सात सामाजिक पापों, “काम बिना परिश्रम, आनंद बिना विवेक, ज्ञान बिना चरित्र, व्यापार बिना नैतिकता, विज्ञान बिना मानवता, धर्म बिना बलिदान और राजनीति बिना सिद्धांत” का उल्लेख करते हुए कहा कि इनसे समाज में असंतुलन गहराता गया है।

सरसंघचालक जी ने कहा कि आज दुनिया में समन्वय का अभाव है और दुनिया को अपना नजरिया बदलना होगा। दुनिया को धर्म का मार्ग अपनाना होगा। “पूजा-पाठ और कर्मकांड से परे धर्म है। सभी प्रकार के रिलिजन से ऊपर धर्म है। धर्म हमें संतुलन सिखाता है - हमें भी जीना है, समाज को भी जीना है और प्रकृति को भी जीना है।” धर्म ही मध्यम मार्ग है जो अतिवाद से बचाता है। धर्म का अर्थ है मर्यादा और संतुलन के साथ जीना। इसी दृष्टिकोण से ही विश्व शांति स्थापित हो सकती है।

धर्म को परिभाषित करते हुए उन्होंने कहा, “धर्म वह है जो हमें संतुलित जीवन की ओर ले जाए, जहाँ विविधता को स्वीकार किया जाता है और सभी के अस्तित्व को सम्मान दिया जाता है।” उन्होंने बल दिया कि यही विश्व धर्म है और हिन्दू समाज को संगठित होकर इसे विश्व के सामने प्रस्तुत करना होगा। वैश्विक संदर्भ में उन्होंने कहा कि शांति, पर्यावरण और आर्थिक असमानता पर चर्चा तो हो रही है, उपाय भी सुझाए जा रहे हैं, लेकिन समाधान दूर दिखाई देता है। “

इसके लिए प्रमाणिकता से सोचना होगा और जीवन में त्याग तथा बलिदान लाना होगा। संतुलित बुद्धि और धर्म दृष्टि का विकास करना होगा।” भारत के आचरण की चर्चा करते हुए सरसंघचालक ने कहा कि “हमने हमेशा अपने नुकसान की अनदेखी करते हुए संयम रखा है। जिन लोगों ने हमें नुकसान पहुँचाया, उन्हें भी संकट में मदद दी है। व्यक्ति और राष्ट्रों के अहंकार से शत्रुता पैदा होती है, लेकिन अहंकार से परे हिन्दुस्तान है।”

उन्होंने कहा कि भारतीय समाज को अपने आचरण से दुनिया में उदाहरण प्रस्तुत करना होगा। उन्होंने कहा कि आज समाज में संघ की साख पर विश्वास है। “संघ जो कहता है, उसे समाज सुनता है।” यह विश्वास सेवा और समाजनिष्ठा से अर्जित हुआ है। भविष्य की दिशा पर सरसंघचालक जी ने कहा कि संघ का उद्देश्य है कि सभी स्थानों, वर्गों और स्तरों पर संघ कार्य पहुँचे। साथ ही समाज में अच्छा काम करने वाली सज्जन शक्ति आपस में जुड़े।

इससे समाज स्वयं संघ की ही तरह चरित्र निर्माण और देशभक्ति के कार्य को करेगा। इसके लिए हमें समाज के कोने-कोने तक पहुंचना होगा। भौगोलिक दृष्टि से सभी स्थानों और समाज के सभी वर्गों एवं स्तरों में संघ की शाखा पहुंचानी होगी। सज्जन शक्ति से हम संपर्क करेंगे और उनका आपस में भी संपर्क कराएंगे। उन्होंने कहा कि संघ मानता है कि हमें समाज में सद्भावना लानी होगी और समाज के ओपिनियन मेकर्स से निरंतर मिलना होगा।

इनके माध्यम से एक सोच विकसित करनी होगी। वे अपने समाज के लिए काम करें, उसमें हिन्दू समाज को अंग होने का अनुभव पैदा हो और वे भौगोलिक परिस्थितियों से जुड़ी चुनौतियों का स्वयं समाधान ढूँढे। दुर्बल वर्गों के लिए काम करें। संघ ऐसा करके समाज के स्वभाव में परिवर्तन लाना चाहता है। मोहन भागवत जी ने बाहर से आक्रामकता के कारण धार्मिक विचार भारत में आए। किसी कारण से उन्हें कुछ लोगों ने स्वीकार किया।

“वे लोग यहीं के हैं, लेकिन विदेशी विचारधारा होने के कारण जो दूरियाँ बनीं, उन्हें मिटाने की ज़रूरत है। हमें दूसरे के दर्द को समझना होगा। एक देश, एक समाज और एक राष्ट्र के अंग होने के नाते, विविधताओं के बावजूद, समान पूर्वजों और साझा सांस्कृतिक विरासत के साथ आगे बढ़ना होगा। यह सकारात्मकता और सद्भाव के लिए आवश्यक है। इसमें भी हम समझ-बूझकर एक-एक कदम आगे बढ़ाने की बात कर रहे हैं।”

आर्थिक दृष्टि पर उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे प्रयोग हुए हैं, लेकिन अब राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक प्रतिमान गढ़ना होगा। हमें एक ऐसा विकास मॉडल प्रस्तुत करना होगा, जिसमें आत्मनिर्भरता, स्वदेशी और पर्यावरण का संतुलन हो। ताकि वे विश्व के लिए उदाहरण बने। पड़ोसी देशों से रिश्तों पर उन्होंने कह कि “नदियाँ, पहाड़ और लोग वही हैं, केवल नक्शे पर लकीरें खींची गई हैं। विरासत में मिले मूल्यों से सबकी प्रगति हो, इसके लिए उन्हें जोड़ना होगा। पंथ और संप्रदाय अलग हो सकते हैं, पर संस्कारों पर मतभेद नहीं है।”

उन्होंने कहा कि दुनिया में परिवर्तन लाने से पहले हमें अपने घर से समाज परिवर्तन की शुरुआत करनी होगी। इसके लिए संघ ने पंच परिवर्तन बताये हैं। यह हैं कुटुंब प्रबोधन, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संरक्षण, स्व की पहचान तथा नागरिक कर्तव्यों का पालन। उन्होंने उदाहरण दिया कि पर्व-त्योहार पर पारंपरिक वेशभूषा पहनें, स्वभाषा में हस्ताक्षर करें और स्थानीय उत्पादों को सम्मानपूर्वक खरीदें।

उन्होंने कहा कि हंसते-हंसते हमारे पूर्वज फाँसी पर चढ़ गए, लेकिन आज आवश्यकता है कि हम 24 घंटे देश के लिए जीएँ। “हर हाल में संविधान और नियमों का पालन करना चाहिए। यदि कोई उकसावे की स्थिति हो तो न टायर जलाएँ, न हाथ से पत्थर फेंकें। उपद्रवी तत्व ऐसे कार्यों का लाभ उठाकर हमें तोड़ने का प्रयास करते हैं। हमें कभी उकसावे में आकर अवैध आचरण नहीं करना चाहिए।

छोटी-छोटी बातों में भी देश और समाज का ध्यान रखकर अपना काम करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि भारत को आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम बढ़ाने होंगे और इसके लिए स्वदेशी को प्राथमिकता देनी होगी। अंत में सरसंघचालक जी ने कहा कि “संघ क्रेडिट बुक में नहीं आना चाहता। संघ चाहता है कि भारत ऐसी छलांग लगाए कि उसका कायापलट तो हो ही, पूरे विश्व में सुख और शांति कायम हो जाए।”

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e4m D2C अवॉर्ड्स के चौथे संस्करण ने दी दस्तक, जूरी मीट 28 अगस्त को

e4m D2C अवॉर्ड्स के चौथे संस्करण की जूरी मीट 28 अगस्त को आयोजित की जाएगी।

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Published - Wednesday, 27 August, 2025
Last Modified:
Wednesday, 27 August, 2025
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e4m D2C अवॉर्ड्स के चौथे संस्करण की जूरी मीट 28 अगस्त को आयोजित की जाएगी। यह वर्चुअल मीट प्रतिष्ठित इंडस्ट्री लीडर्स और एक्सपर्ट्स को एक साथ लाएगी, जो पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कैटेगरीज में प्रविष्टियों का आकलन करेंगे। इन अवॉर्ड्स का चौथा संस्करण 3 सितंबर 2025 को गुरुग्राम में आयोजित होगा।

इन प्रतिष्ठित पुरस्कारों के विजेता भारत की सबसे सफल D2C कहानियों का प्रतिनिधित्व करेंगे। जूरी पैनल की सामूहिक समझ उन ब्रैंड्स की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी जिन्होंने अत्यधिक प्रतिस्पर्धी D2C मार्केट में उत्कृष्टता और लचीलापन प्रदर्शित किया है।

e4m D2C अवॉर्ड्स की जूरी बैठक शीर्ष लीडर्स, मार्केटर्स और उद्यमियों को एक साथ लाएगी, जो उन क्रांतिकारी विचारों और प्रभावशाली अभियानों का मूल्यांकन करेंगे जो भारत के डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (D2C) परिदृश्य को आकार दे रहे हैं। पैनल में D2C इकोसिस्टम के कुछ सबसे प्रभावशाली लीडर्स और इनोवेटर्स को शामिल किया गया है।

e4m D2C अवॉर्ड्स के विजेताओं को प्रमुख कैटेगरीज में सम्मानित किया जाएगा, जिनमें शामिल हैं- मार्केटिंग, इनोवेशन, बेस्ट इन डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और गेमचेंजर अवॉर्ड्स। इन कैटेगरीज को सावधानीपूर्वक इस तरह से तैयार किया गया है कि वे नवाचार, रचनात्मकता, ब्रैंड बिल्डिंग और प्रभावशाली कहानी कहने को उजागर करें। प्रत्येक सम्मान असाधारण उपलब्धियों पर प्रकाश डालता है और इकोसिस्टम के अन्य खिलाड़ियों को मानक और ऊंचा उठाने के लिए प्रेरित करता है।

यह हैं प्रतिष्ठित जूरी सदस्य: 

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हैप्पी बर्थडे विवेक मल्होत्रा: आप हैं भारतीय मीडिया के सशक्त स्तंभ

कुछ प्रोफेशनल करियर बनाते हैं। लेकिन विवेक मल्होत्रा जैसे लोग विरासत गढ़ते हैं- ब्रैंड्स, रणनीतियों और विचारों की ऐसी विरासत, जो इंडस्ट्री और दर्शकों दोनों पर एक स्थायी छाप छोड़ती है।

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Published - Wednesday, 27 August, 2025
Last Modified:
Wednesday, 27 August, 2025
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कुछ प्रोफेशनल करियर बनाते हैं। लेकिन विवेक मल्होत्रा जैसे लोग विरासत गढ़ते हैं- ब्रैंड्स, रणनीतियों और विचारों की ऐसी विरासत, जो इंडस्ट्री और दर्शकों दोनों पर एक स्थायी छाप छोड़ती है। उनके जन्मदिन पर आज यह सही समय है कि हम ठहरकर उस सफर का जश्न मनाएं, जो कभी साधारण नहीं रहा।

विवेक मल्होत्रा आज इंडिया टुडे ग्रुप में ग्रुप CMO और COO (स्ट्रैटेजी) के रूप में वह शख्सियत हैं, जिनका सफर मीडिया और मार्केटिंग की दुनिया में एक दशक से भी ज़्यादा गहरे अनुभव और नेतृत्व का साक्षी रहा है। उनके करियर की कहानी सिर्फ पदों और जिम्मेदारियों तक सीमित नहीं, बल्कि उस जुनून की दास्तान है जिसने हर भूमिका को एक नई दिशा दी। चाहे टीवी टुडे में मार्केटिंग और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को नई पहचान देना हो, या फिर कंज़्यूमर रेवेन्यू को मज़बूत बनाना, विवेक मल्होत्रा ने हर बार साबित किया है कि वह बदलाव के दौर में सिर्फ परिस्थितियों को संभालते नहीं, बल्कि उन बदलावों को गढ़ते भी हैं। उनकी सोच और रणनीतियां हमेशा यह बताती हैं कि असली लीडर वही है, जो रास्ता बनने से पहले ही उसे देख ले और दूसरों के लिए वह राह आसान कर दे।

विवेक मल्होत्रा को अलग पहचान उनकी क्रॉस-मीडिया विजन देती है। उन्होंने ऐसे उपक्रमों का नेतृत्व किया है जो टेलीविजन, प्रिंट, डिजिटल, कनेक्टेड डिवाइसेज और ब्रैंड अनुभवों में इनोवेशन तक फैले हुए हैं। उनका काम मीडिया के हर कोने को छू चुका है- BloombergUTV में उन्होंने मार्केटिंग, पीआर और रिसर्च को संभाला, Star News में उन्होंने इनसाइट जनरेशन को उपभोक्ता अनुप्रयोग के साथ जोड़ने की शक्ति को खोजा। वहीं CNBC-TV18 में उन्होंने रणनीति, राजस्व और मार्केटिंग के बीच भारत की सबसे स्पष्ट कार्यात्मक सीमाओं में से एक को आकार देने में मदद की, जिससे दीर्घकालिक इनोवेशन को दिशा मिली।

डेटा-आधारित इनसाइट में गहरा विश्वास रखने वाले विवेक मल्होत्रा IAMAI के डिजिटल ऐडवर्टाइजिंग काउंसिल का हिस्सा रहे हैं, IRS तकनीकी समिति के सदस्य रहे हैं और भारत के सबसे बड़े उपभोक्ता शोध अध्ययनों में योगदान दिया है। वह ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के बोर्ड में भी सेवा दे चुके हैं और न्यूयॉर्क में ऐडवर्टाइजिंग रिसर्च फाउंडेशन से भी जुड़े रहे हैं।

उनका ट्रैक रिकॉर्ड कई साहसी पहलों से भरा है- भारत का पहला कनेक्टेड डिवाइसेज स्ट्रीम लॉन्च करना, हिन्दुस्तान टाइम्स काला घोड़ा फेस्टिवल और एजेंडा आजतक जैसी पहल की शुरुआत करना और इंडिया टुडे तथा न्यूजX जैसे प्रतिष्ठित ब्रैंड्स को विभिन्न प्लेटफॉर्म्स पर विस्तार देना। चाहे वह IPL जैसी स्पॉन्सरशिप हो, इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग में इनोवेशन हो या YouTube, Facebook और उभरते डिजिटल इकोसिस्टम्स पर उपभोक्ता यात्राओं को नए सिरे से परिभाषित करना- विवेक ने लगातार ऐसे रास्ते खोजे हैं जिनसे ब्रैंड्स हमेशा आगे बने रहें।

बोर्डरूम की चर्चाओं, समितियों की बैठकों और रणनीति के भारी-भरकम कागज़ों से आगे बढ़कर, विवेक मल्होत्रा की असली पहचान उनकी निरंतर खुद को नया गढ़ने की क्षमता है। वे सिर्फ ब्रांड्स को नहीं, बल्कि लोगों के दिलों में जगह बनाने वाली यादों और अनुभवों को भी नया जीवन देते हैं।

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