11 दिसंबर को संसद में दिए अपने भाषण में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के तेजी से विकसित होते क्षेत्र में संतुलित शासन की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर जोर दिया। केंद्रीय मंत्री ने यह स्पष्ट किया कि AI के क्षेत्र में तेजी से बढ़ती गतिविधियों के लिए नियम और प्रबंधन को संतुलित रखना बहुत जरूरी है।
उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत AI विकास में अपनी नेतृत्व भूमिका को मजबूत कर रहा है, लेकिन साथ ही उसे फेक न्यूज, डेटा गोपनीयता और एल्गोरिदमिक पारदर्शिता जैसी वैश्विक चिंताओं से निपटना पड़ रहा है।
अश्विनी वैष्णव ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दोहरी आवश्यकता पर जोर दिया, खासतौर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर फेक न्यूज के प्रसार के संदर्भ में। उन्होंने कहा कि फेक न्यूज के बढ़ते चलन के बीच हमें बोलने की स्वतंत्रता बनाए रखने के साथ-साथ जिम्मेदारी तय करनी होगी।
उन्होंने आगे कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है, लेकिन जवाबदेही भी उतनी ही जरूरी है। साथ ही यह भी कहा कि इन मुद्दों पर सामाजिक और कानूनी सहमति प्राप्त करना एक जटिल चुनौती है। उन्होंने इस बात के संकेत दिए कि नए कानून बनाए जा सकते हैं, बशर्ते सभी संबंधित पक्षों के बीच व्यापक सहमति हो।
टेक्नोलॉजी के मोर्चे पर, वैष्णव ने AI मिशन के तहत स्वदेशी AI समाधानों को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता पर विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि मशीन लर्निंग मॉडलों में पूर्वाग्रह, गोपनीयता बढ़ाने की रणनीतियां, नैतिक प्रमाणन और एल्गोरिदम ऑडिटिंग जैसे प्रमुख मुद्दों को हल करने के लिए आठ परियोजनाएं शुरू की गई हैं।
इन पहलों का उद्देश्य भारत की विशिष्ट सामाजिक-आर्थिक संरचना के अनुरूप ढांचे और उपकरण तैयार करना है, ताकि भारत जिम्मेदार AI विकास के लिए वैश्विक केंद्र के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत कर सके।अश्विनी वैष्णव ने संसद में AI के क्षेत्र में संतुलित नियम-कानून और विकास की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और जवाबदेही के बीच संतुलन बनाने, फेक न्यूज से निपटने और स्वदेशी AI समाधानों को बढ़ावा देने की बात की। इसके लिए आठ नई परियोजनाएं शुरू की गई हैं, जो भारत को AI के लिए एक जिम्मेदार वैश्विक केंद्र बनाने की दिशा में काम करेंगी।
केंद्रीय मंत्री की टिप्पणियां भारत के इस दृष्टिकोण को उजागर करती हैं कि वह तकनीकी प्रगति को तेजी से आगे बढ़ाने के साथ-साथ उससे उत्पन्न चुनौतियों को संतुलित करने की दिशा में काम कर रहा है, विशेष रूप से AI के क्षेत्र में। स्वदेशी समाधानों पर भारत का जोर यह दर्शाता है कि देश स्थानीय समस्याओं को अनुकूलित नवाचारों के माध्यम से हल करने का इरादा रखता है, जबकि वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भी मजबूत बने रहना चाहता है। एल्गोरिदम ऑडिटिंग और नैतिक प्रमाणन पर जोर यह दिखाता है कि सरकार AI विकास को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि भारत में एक मजबूत AI पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (Public-Private Partnerships) महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। अश्विनी वैष्णव ने संसद को आश्वस्त किया कि भारत की AI रणनीति समावेशिता को प्राथमिकता देगी, जिससे इसके लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंच सकें। नैतिक शासन के साथ AI प्रगति को संरेखित करके, भारत जिम्मेदार AI नेतृत्व में एक वैश्विक उदाहरण स्थापित करने का लक्ष्य रखता है।
उन्होंने आगे कहा कि सरकार का ध्यान घरेलू नवाचार (innovation) से आगे बढ़कर अंतरराष्ट्रीय AI मानदंड (norms) तय करने में सक्रिय भागीदारी पर केंद्रित है।
वैष्णव ने ग्लोबल पार्टनरशिप ऑन AI (GPAI) में भारत की अध्यक्षता और ग्लोबल इंडिया AI समिट की सफल मेजबानी की ओर इशारा किया, जिसमें दुनियाभर से 2,000 से अधिक एक्सपर्ट्स ने भाग लिया। OECD और संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ भारत की सहभागिता वैश्विक AI शासन की बातचीत में उसकी भूमिका को और मजबूत करती है। व्यापार जगत के लिए ये विकासशील कदम एक सक्रिय नियामक माहौल का संकेत देते हैं, जिसका उद्देश्य AI के क्रियान्वयन में नैतिक और व्यावहारिक चुनौतियों का समाधान करना है।
वैष्णव का स्वदेशी तकनीकी समाधानों पर जोर यह दर्शाता है कि स्थानीय कंपनियों के लिए ऐसे AI फ्रेमवर्क बनाने में सहयोग के अवसर हैं, जो भारत के नियामक और नैतिक मानकों के अनुरूप हों। इसके अलावा, AI शासन में भारत का बढ़ता वैश्विक प्रभाव अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों और निवेश के द्वार खोलता है। जहां सरकार की पहल भविष्य की सोच को दर्शाती हैं, वहीं उद्योग जगत यह देखेगा कि ये कदम कितनी प्रभावी नीतियों में तब्दील होते हैं। जैसे-जैसे भारत AI शासन की जटिलताओं को हल करेगा, नवाचार (innovation) और नियमों के बीच संतुलन बनाना इस क्षेत्र की पूरी क्षमता को अनलॉक करने की कुंजी होगा। ऐडवर्टाइजर्स और मार्केटर्स के लिए यह बदलता हुआ परिदृश्य AI का जिम्मेदारीपूर्वक उपयोग करने और उभरते नियमों का पालन सुनिश्चित करने का अवसर प्रदान करता है।