जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार, स्तंभकार और लेखक वीर सांघवी अपनी नई किताब ‘A Rude Life‘ को लेकर चर्चा में हैं।
जाने-माने वरिष्ठ पत्रकार, स्तंभकार और लेखक वीर सांघवी अपनी नई किताब ‘A Rude Life‘ को लेकर चर्चा में हैं। वीर सांघवी कॉलमिस्ट, टीवी होस्ट और फ़ूड क्रिटिक के तौर पर भी अपनी पहचान बना चुके हैं। उनकी नई किताब ‘A Rude Life‘ को लेकर प्रतिष्ठित संस्थान ‘एक्सचेंज4 मीडिया’ द्वारा एक वेबिनार का आयोजन किया गया। इसके तहत ‘बिजनेस वर्ल्ड’ और ‘एक्सचेंज4मीडिया’ ग्रुप के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा वीर सांघवी से उनकी नई किताब और उनके अनुभवों के बारे में संवाद किया। वीर सांघवी और डॉ. अनुराग बत्रा के बीच वर्चुअल तौर पर होने वाली इस चर्चा का समय शनिवार 14 अगस्त, 2021 की शाम पांच बजे रखा गया।
इस दौरान वरिष्ठ पत्रकार सांघवी ने कहा लॉकडाउन की वजह से ही उन्होंने यह किताब लिखने की सोचीं। उन्होंने कहा कि दरअसल लॉकडाउन के दौरान मैं कहीं घर से नहीं निकल सकता था। मैं एक तरह से फंस गया था और निराश था और मेरे पास करने के लिए सिर्फ लेखन ही था। लिहाजा, काफी सोचने के बाद आखिर में मैंने अपने ही बारे में लिखने का फैसला किया, क्योंकि यही सबसे आसान था। मैंने तुरंत ही कुछ नियम बनाए। चैप्टर्स तैयार किए, छोटे-छोटे वाक्य और पैराग्राफ तैयार किए। हालांकि यह सब कुछ एक लंबी और भारी-भरकम किताब बनाने के लिए नहीं था। ये 2000 शब्दों की एक किताब है, जिसमें छोटे और जल्द ही खत्म होने वाले चैप्टर्स हैं।
सांघवी का कहना है कि संस्मरण लिखना मेरे हिसाब से बेकार का काम है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आपका जीवन इतना महत्वपूर्ण है कि लोग आपके बारे में पढ़ना चाहते हैं और वैसे भी मेरा कोई जीवन दिलचस्प नहीं है और कोई भी मेरे बारे में नहीं पढ़ना चाहता।
उन्होंने बताया कि इस किताब का अधिकांश भाग वह है जो उन्होंने देखा है न कि उनके व्यक्तित्व के बारे में है। हालांकि इस बात की आलोचना भी की गई है कि किताब में बहुत अधिक पर्सनल चीजें नहीं है। लेकिन मैं क्लियर था कि यह मेरे करियर और जो कुछ भी दुनिया में देखा है, उसके बारे में है।
किताब ‘द रूड लाइफ’ के शीर्षक के बारे में पूछे जाने पर, जोकि बेहद अजीब सा है, इस पर सांघवी ने कहा कि यह उनके पब्लिशर द्वारा सुझाया गया था, क्योंकि यह उनके कॉलम- रूड ट्रैवल और रूड फूड से संबंधित है।
सांघवी ने कहा, ‘सुझाव है कि किताब में कई मायनों में खरी-खरी बातें हैं, इसलिए 'रूड' फिट बैठता है और यह शब्द अक्सर मेरे साथ जुड़ा है और अंततः यह एक मार्केटिंग डिसिजन है।’
किताब के विभिन्न अध्यायों पर चर्चा करते हुए सांघवी ने बातचीत के दौरान पत्रकारिता के अपने शुरुआती दिनों की एक झलक भी दी। सांघवी ने पुरानी यादों को साझा करते हुए कहा कि मैंने अरुण (पुरी) से बहुत कुछ सीखा है। हमने अस्पष्ट विशेषण का प्रयोग करना नहीं सीखा और अच्छी पत्रकारिता का अंत खुशवंत सिंह नहीं थे।
एबीपी में उनके कार्यकाल के बारे में पूछे जाने पर, सांघवी ने बताया, ‘मैंने टाइम्स ऑफ इंडिया के समीर जैन के एक बहुत अच्छे प्रस्ताव को ठुकराते हुए वहां (एबीपी में) नौकरी स्वीकार की। मैंने नौकरी के लिए अवीक सरकार को कॉल किया था और मैं पहले कभी कोलकाता नहीं गया था। यह सचमुच एक ऐसा शहर था जो उस समय टेक्नीकलर में जीता था।’
सांघवी ने अपनी टीवी यात्रा, विशेष रूप से ‘न्यूजX’ (NewsX) के कार्यकाल के बारे में भी बात की और स्पष्ट रूप से यह स्वीकार किया कि वह तब एक कॉन्फ्लिक्टिंग विजन के व्यक्ति थे और यहां इसके पहले के प्रमोटर्स (पीटर मुखर्जी और इंद्राणी मुखर्जी) ने कभी नहीं समझा।
मैंने इस किताब में कहा है कि हो सकता है कि मेरे विजन ने वैसे कभी काम नहीं किया हो, लेकिन चैनल के लिए मेरी दृष्टि 70 मिमी की तरह ही रही है, जिसमें सबसे अच्छी रिपोर्टिंग, बड़ा और गहन विश्लेषण था। वास्तव में यदि आप जानना चाहते थे कि क्या हो रहा था, तो आप हमारे पास आएं। लेकिन क्या टीवी अब इसी रूप में विकसित हो गया है? तो यह बताना चाहूंगा कि अब यह एक ऐसी जगह बन गई है जहां लोग आपस में लड़ रहे हैं। अब जो कुछ भी हो रहा है वह मैं कभी नहीं कर सकता था।’
हिन्दुस्तान टाइम्स (Hindustan Times) में अपनी यात्रा के बारे में पूछे जाने पर और उन वर्षों को उन्होंने कैसे देखा, इस पर सांघवी ने कहा कि वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि प्रकाशन के महत्वपूर्ण क्षणों में वह इस प्रकाशन के साथ जुड़े हुए थे।
संघवी ने कहा, ‘यह दिल्ली का एक प्रमुख समाचार पत्र था और इसने एक निश्चित राशि अर्जित की, लेकिन एक समस्या थी। 1991 में उदारीकरण के बाद जैसे ही भारत बदला, लोगों ने खुद को पाठक के रूप में देखना बंद कर दिया, उन्होंने खुद को उपभोक्ता के रूप में देखना शुरू कर दिया था। समीर जैन जैसे व्यक्ति ने उस बदलाव को देखा और टाइम्स ऑफ इंडिया को बाजार के अनुकूल प्रकाशन में बदल दिया। उन्होंने प्रोफेशनल तरीके से चलने वाले प्रकाशन के तौर पर इसका बदलाव दिया। लेकिन हिन्दुस्तान टाइम्स पहले की तरह काम करता रहा और इसने अपने आप में बदलाव नहीं किया। लोग कहते थे कि एचटी पूरी दुनिया में पंजाबी में लिखा जाने वाला इकलौता अंग्रेजी अखबार है। ऐसा लिखना बहुत ही खराब था। किसी ने लेखन की गुणवत्ता की परवाह नहीं की।’
लेखक के अनुसार, जैसे-जैसे दिल्ली बदल रही थी, वैसे-वैसे इसका मध्यम वर्ग की सोच भी बदल रही थाी, जो आमतौर पर हिन्दुस्तान टाइम्स की सदस्यता लेते थे। वे बदलाव के उस दौर में टीओआई पढ़ना चाहते थे न कि एचटी, क्योंकि कई महानगरीय पाठकों का उदय हो रहा था। हिन्दुस्तान टाइम्स अपने ग्राहकों को खो रहा था और केके बिड़ला मेरे पास यह जानने के लिए पहुंचे कि प्रकाशन में क्या गलत है। जब मैं एचटी में शामिल हुआ, तो हमने इसे पूरी तरह से फिर से उन्मुख करने का फैसला किया और क्योंकि मुझे बिड़ला का पूरा समर्थन था, मैं एचटी के साथ महत्वपूर्ण क्षण में था और हम इसे किसी भी तरफ ले जाने में सक्षम थे। यह पूछे जाने पर कि उनकी सूची में अब आगे क्या है, वे कहते हैं कि फिलहाल अभी उनकी कोई बड़ी योजना नहीं है।
एक्सचेंज4मीडिया समूह की हिंदी वेबसाइट समाचार4मीडिया पत्रकारिता जगत से जुड़े 40 प्रतिभाशाली युवाओं ‘40 अंडर 40’ (40 Under 40) की लिस्ट फिर तैयार करने जा रही है। यह इस कार्यक्रम का तीसरा एडिशन है।
एक्सचेंज4मीडिया (exchange4media) समूह की हिंदी वेबसाइट समाचार4मीडिया (samachar4media.com) पत्रकारिता जगत से जुड़े 40 प्रतिभाशाली युवाओं ‘40 अंडर 40’ (40 Under 40) की लिस्ट एक बार फिर तैयार करने जा रही है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
बता दें कि यह इस कार्यक्रम का तीसरा एडिशन है। इस लिस्ट में मीडिया जगत से जुड़े 40 साल से कम उम्र वाले ऐसे 40 पत्रकारों को शामिल किया जाएगा, जिन्होंने अपने काम के जरिये इंडस्ट्री में खास पहचान बनाई है और शिखर पर पहुंचे हैं। इसमें प्रिंट, टीवी और डिजिटल मीडिया से जुड़े पत्रकारों को शामिल किया जाएगा।
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इन पत्रकारों का चुनाव एक प्रतिष्ठित जूरी के द्वारा किया जाएगा। जूरी में समाज के विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित नाम शामिल होंगे, जो विभिन्न कसौटियों पर एंट्रीज का आकलन करेंगे और विजेताओं का चयन उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्य, उनके नेतृत्व कौशल और इंडस्ट्री में उनके योगदान आदि मानदंडों के आधार पर करेंगे। जूरी चेयर और अन्य सदस्यों के नामों की घोषणा जल्द की जाएगी।
इस कार्यक्रम के बारे में ज्यादा जानकारी व रजिस्ट्रेशन के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं।
नोट: समाचार4मीडिया पत्रकारिता 40अंडर40 अवॉर्ड के पूर्व विजेता कृपया रजिस्ट्रेशन न करें। उन्हें इस कार्यक्रम में बतौर प्रतिभागी शामिल नहीं किया जाएगा।
ZEEL और सोनी के विलय को मंजूरी देने वाले NCLT के फैसले के खिलाफ IDBI ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड (ITSL) ने NCLAT में अपील दायर की है
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) और सोनी के विलय को मंजूरी देने वाले नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के फैसले के खिलाफ IDBI ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड (ITSL) ने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) में अपील दायर की है। विलय पर IDBI ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड की आपत्ति को खारिज करने के बाद NCLT ने विलय को हरी झंडी दे दी थी।
अपील 1 दिसंबर को सुनवाई के लिए आयी, लेकिन इसे दूसरी पीठ में ट्रांसफर कर दिया गया, जिसके चलते फिलहाल यह टल गया था।
अपनी अपील में, IDBI ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड ने दावा किया है कि सुभाष चंद्रा ने 2019 में IDBI ट्रस्टीशिप के पक्ष में डिबेंचर के प्रति पुनर्भुगतान दायित्वों की गारंटी के लिए पर्सनल गारंटी दी थी। हालांकि, ट्रस्टीशिप कंपनी का आरोप है कि चंद्रा पर्सनल गारंटी की अपनी जिम्मेदारियों का पालन करने में विफल रहे हैं, लिहाजा वह लेनदार (क्रेडिटर) हैं। इसके अलावा, ट्रस्टीशिप कंपनी ने चंद्रा से 500 करोड़ रुपये का दावा भी किया है।
वहीं, जी एंटरटेनमेंट ने मर्जर को लेकर IDBI ट्रस्टीशिप की आपत्ति का विरोध करते हुए कहा था कि IDBI ट्रस्टीशिप, जी एंटरटेनमेंट का क्रेडिटर नहीं है और इसलिए उसे विलय पर आपत्ति करने का कोई अधिकार नहीं है। उसका कहना था कि इस मामले का जी एंटरटेनमेंट के साथ कोई कानूनी संबंध नहीं है।
इसके बाद NCLT ने आपत्ति को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि वह अन्य संस्थाओं से अपने कथित बकाए की वसूली सुनिश्चित करने में विफल रही है।
वरिष्ठ पत्रकार और 'जन की बात' के फाउंडर प्रदीप भंडारी ने बताया कि राजस्थान के लिए एग्जिट पोल के नतीजों में अनुमान लगाया गया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 100 से 122 सीटों के बीच सीटें हासिल करेगी।
राजस्थान और तेलंगाना में 'जन की बात' का एग्जिट पोल एक्जैक्ट पोल साबित हुआ है। वरिष्ठ पत्रकार और 'जन की बात' के फाउंडर प्रदीप भंडारी ने बताया कि राजस्थान में बीजेपी सरकार की वापसी और तेलंगाना राज्य में कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी की थी। इस क्षेत्र में, सटीकता महत्वपूर्ण है और जन की बात एक बार फिर सटीकता के साथ चुनावी परिणामों की भविष्यवाणी करने में सफल रही है। राजस्थान और तेलंगाना के नतीजे 'जन की बात' के एग्जिट पोल उसकी विश्लेषणात्मक क्षमता के प्रमाण के रूप में खड़े हैं।
प्रदीप भंडारी के अनुसार, 'राजस्थान के लिए एग्जिट पोल के नतीजों में अनुमान लगाया गया था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 100 से 122 सीटों के बीच सीटें हासिल करेगी। कांग्रेस के लिए अनुमान लगाया गया कि उसे 62 से 85 सीटें मिलेंगी और अन्य को 14 से 15 सीटें मिलेंगी। जैसे ही नतीजे सामने आए, जन की बात की भविष्यवाणी सटीक साबित हुई, बीजेपी को 113 सीटें मिलीं, कांग्रेस को 71 सीटें मिलीं और अन्य ने 13 सीटों पर कब्जा किया।
इसी तरह, तेलंगाना में जन की बात के एग्जिट पोल में कांग्रेस पार्टी की जीत का अनुमान लगाया गया था। केसीआर की पार्टी बीआरएस को 40 से 55 सीटें, कांग्रेस को 48 से 64 सीटें, बीजेपी को 7 से 13 सीटें और अन्य को 4 से 7 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया था। वास्तविक नतीजों ने जन की बात की भविष्यवाणियों को प्रतिबिंबित किया, जिसमें बीआरएस को 40 सीटें, कांग्रेस को 65 सीटें और बीजेपी को 9 सीटें और अन्य को 5 सीटें मिलीं।'
प्रदीप भंडारी ने बताया कि दोनों राज्यों में चुनाव परिणामों की भविष्यवाणी करने में जन की बात की सफलता का श्रेय मजबूत नमूनाकरण तकनीकों, अत्याधुनिक विश्लेषण और प्रत्येक क्षेत्र में सामाजिक-राजनीतिक गतिशीलता की गहरी समझ के संयोजन को दिया जा सकता है।
शशि सिन्हा (Shashi Sinha) को ऐडवरटाइजिंग एजेंसीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (AAAI) द्वारा 2023 के लिए 'लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया है
विज्ञापन जगत के दिग्गज और IPC मीडियाब्रैंड्स के सीईओ शशि सिन्हा (Shashi Sinha) को ऐडवरटाइजिंग एजेंसीज एसोसिएशन ऑफ इंडिया (AAAI) द्वारा 2023 के लिए 'लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड' से सम्मानित किया गया है।
अवॉर्ड लेने के बाद आभार व्यक्त करते हुए शशि सिन्हा ने कहा कि 37 साल पहले जब मैंने विज्ञापन जगत में अपनी यात्रा शुरू की थी, तब मुझे कोई अंदाजा नहीं था यहां तक पहुंच पाऊंगा।
वहीं इस दौरान शशि सिन्हा के सफर के साथ जुड़े अलग-अलग क्षेत्र के दिग्गजों ने सिन्हा की इस सफलता पर अपनी राय व्यक्त की है-
राज नायक, फाउंडर व एमडी - हाउस ऑफ चीयर व पूर्व सीओओ- वायकॉम18
शशि के साथ मेरा जुड़ाव लगभग दो दशक पुराना है और मुझे पहली डील याद है, जो हमने तब की थी जब मैं ईएसपीएन और स्टार स्पोर्ट्स के लिए काम कर रहा था। शशि, कल्पना, नितिन करकरे और मैंने CEAT मीटिंग की थी और यह पहली बड़ी डील थी, जो एक मिलियन डॉलर की थी। तभी से, मेरे उनके साथ बहुत अच्छे अनुभव हुए हैं। वह एक बेहतर इंसान और एक अच्छे दोस्त हैं। सबसे बढ़कर उनमें जो गुण हैं, उनकी संगति और व्यक्तिगत रिश्तों को मिलाने का संयोजन, लेकिन इसके परे जब जीत हासिल करनी हो तो वह बेहद ही प्रोफेशनल हो जाते हैं और इसी चीज की मैं सबसे अधिक प्रशंसा करता हूं।
अजीत वर्गीस, हेड, नेटवर्क ऐडवर्टाइजिंग सेल्स - डिज्नी स्टार
जब भी मैं शशि सिन्हा के बारे में सोचता हूं, तो मेरे दिमाग में उनके प्रति सिर्फ सम्मान आता है। मुझे लगता है कि वह जहां भी हों, किसी भी रोल में हों - चाहे वह कॉम्पटीटर हों, इंडस्ट्री लीडर हों या फिर डील मेकर- जब भी आप शशि से मिलते हैं, तो वह न केवल व्यक्तिवाद का सम्मान करते हैं, बल्कि कोलाब्रेशन का भी सम्मान करते हैं, क्योंकि वह यह देखते हैं कि हर किसी के लिए जीत जरूरी है।
राजीव बेओत्रा, वाइस प्रेजिडेंट- एचटी मीडिया
मैं केवल यही कहना चाहता हूं कि मेरा मानना है कि शशि की वजह से कई लोग इस इंडस्ट्री में शामिल हुए और बने रहे। आप इसे एक बेहतर दुनिया बनायी है, आप हम सभी के लिए जो कुछ भी करते हैं उसके लिए धन्यवाद। आप मेरे लिए उन बड़े कारणों में से एक हैं, जिनकी वजह से मैंने मीडिया इंडस्ट्री में अपने कार्यकाल का आनंद उठाया है। आपने जो कुछ भी किया है उसके लिए धन्यवाद।
अमरजीत सिंह बत्रा, एमडी - स्पॉटिफाई इंडिया
मैं शशि को लगभग एक दशक से अधिक समय से जानता हूं। मैंने 2009 में ऐड इंडस्ट्री में अपना सफर शुरू किया था। मुझे लगता है कि वह उन लोगों में से एक हैं जो एक एंगल स्ट्रैटजी और विजन से आते हैं। मैं उनके लिए कहना चाहूंगा कि वह उन लोगों में सबसे अच्छे इंसान हैं, जिनसे मैं मिला हूं। मैं उनका बहुत बड़ा प्रशंसक रहा हूं और मेरी इच्छा है कि हम उनके नक्शेकदम पर चल सकें और इंडस्ट्री की सेवा कर सकें।
जाने-माने न्यूज एंकर्स में शुमार भूपेंद्र चौबे को मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव है। इस दौरान वह ‘एनडीटीवी’, ‘सीएनएन न्यूज18’ और ‘इंडिया अहेड’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों से जुड़े रहे हैं।
देश में पांच राज्यों (मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम) में विधानसभा चुनावों के तहत मतदान की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब तीन दिसंबर को मतगणना शुरू होगी और उसी दिन नतीजे आने शुरू हो जाएंगे। तमाम मीडिया प्रतिष्ठानों और पत्रकारों ने काउंटिंग डे की कवरेज के लिए अपनी कमर कस ली है।
इसी के तहत वरिष्ठ पत्रकार भूपेंद्र चौबे ने विधानसभा चुनावों की मतगणना के दिन की कवरेज के लिए टाइम्स समूह की ऑनलाइन डिवीजन के साथ हाथ मिलाया है। आप उन्हें तीन दिसंबर को टाइम्स ऑफ इंडिया के ऑनलाइन संस्करण पर देख सकते हैं।
बता दें कि देश के जाने-माने न्यूज एंकर्स में शुमार भूपेंद्र चौबे को मीडिया में करीब दो दशक का अनुभव है। इस दौरान वह ‘एनडीटीवी’, ‘सीएनएन न्यूज18’ और ‘इंडिया अहेड’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों से जुड़े रहे हैं। उनकी चुनावी कवरेज कई मीडिया घरानों के लिए बेंचमार्क रही है।
वॉल्ट डिज्नी के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर बॉब आइगर ने कथित तौर पर कहा कि वह 2026 में अपने पद से हट जाएंगे
वॉल्ट डिज्नी के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर बॉब आइगर ने कथित तौर पर कहा कि वह 2026 में अपने पद से हट जाएंगे, जब मीडिया दिग्गज के साथ उनका अनुबंध समाप्त हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि डिज्नी की प्रमुख संपत्ति अमेरिकन ब्रॉडकास्टिंग कंपनी (एबीसी) बिक्री के लिए नहीं है।
आइगर ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की डीलबुक कॉन्फ्रेंस में मीडिया को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कथित तौर पर कहा कि शंघाई डिज्नीलैंड को जल्द ही एक थीम पार्क का स्वरूप दिया जाएगा।
‘डिज्नी’ (Disney) ने 2022 में चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर के तौर पर बॉब चापेक (BOB CHAPEK) को हटाकर पूर्व सीईओ बॉब आइगर (BOB IGER) को चॉपेक की जगह वापस लाया गया था। तब उन्हें दो साल के कार्यकाल पर लाया गया था, लेकिन इस साल जुलाई में उनका कार्यकाल दो साल के लिए बढ़ा दिया गया था और इस तरह वह 2026 तक डिज्नी के सीईओ बने हुए हैं, हालांकि उनकी मूल योजना केवल 2024 तक रहने की थी। बॉब आइगर ने साल 2005 में डिज्नी के सीईओ का पद संभाला था और अपनी पहली पारी में वह 15 वर्षों तक इस पद पर बने रहे।
आइगर ने बताया कि डिज्नी बोर्ड उनके जाने के बाद सीईओ की भूमिका निभाने के लिए एक उत्तराधिकारी की तलाश कर रहा है।
2022 में दोबारा एंट्री के बाद से आइगर का उद्देश्य डिज्नी को लागत प्रभावी बनाना था। कंपनी कथित तौर पर लागत में $5 बिलियन से अधिक की बचत करने की राह पर है, जैसा कि कंपनी ने अपने निवेशकों से वादा किया था।
बता दें कि मोहित धामने वर्ष 2016 में ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ की शुरुआत से ही इसके साथ जुड़े हुए हैं। वर्ष 2021 में नेटवर्क ने उन्हें एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट (फाइनेंस) के पद पर प्रमोट किया था।
‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ (Republic Media Network) ने मोहित धामने को नई जिम्मेदारी सौंपते हुए चीफ फाइनेंसियल ऑफिसर (CFO) के पद पर नियुक्त किया है। इस पद पर उनकी नियुक्ति एक दिसंबर 2023 से प्रभावी होगी। इसके साथ ही नेटवर्क ने एस. सुंदरम को डायरेक्टर (स्ट्रैटेजी) के पद पर प्रमोट किया है।
बता दें कि धामने वर्ष 2016 में ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ की शुरुआत से ही इसके साथ जुड़े हुए हैं। पूर्व में वह फाइनेंस हेड और कंपनी सेक्रेटरी के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। वर्ष 2021 में नेटवर्क ने उन्हें एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट (फाइनेंस) के पद पर प्रमोट कर दिया था।
इस बारे में धामने का कहना है, ‘मैं रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क में सीएफओ की भूमिका पाकर रोमांचित और सम्मानित महसूस कर रहा हूं। हम वित्तीय प्रबंधन और रणनीतिक दूरदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं नेटवर्क की वित्तीय सफलता और दीर्घकालिक विकास में योगदान देने के लिए बहुत उत्साहित हूं।’
वहीं, ‘रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क’ के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ अरनब गोस्वामी का कहना है, ‘मैं मोहित और सुंदरम को उनकी नई जिम्मेदारी के लिए शुभकामनाएं देता हूं। विस्तार के दूसरे चरण के तहत हम ब्रॉडकास्ट के साथ-साथ डिजिटल पर भी रिपब्लिक को अगले स्तर पर ले जाने के लिए एक टीम बना रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि एस.सुंदरम के रणनीतिक संचालन का नेतृत्व करने और मोहित के वित्तीय संचालन का नेतृत्व करने के साथ हम उस विजन को पूरा करने के लिए तैयार हैं, जिसके साथ हमने इस नेटवर्क को लॉन्च किया था।’
जी एंटरटेनमेंट ने उन खबरों को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि मैनेजमेंट को लेकर जारी विवाद की वजह से जी की सोनी के साथ मर्जर की डील आगे नहीं बढ़ सकती है।
जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (Zee Entertainment Enterprises) ने घोषणा की कि वह कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट (सोनी ग्रुप कॉर्पोरेशन) के साथ अपने विलय को सफल बनाने की दिशा में काम कर रही है।
स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में कंपनी ने कहा कि वह एनसीएलटी (NCLT) की मुंबई बेंच के द्वारा मंजूर की गई शर्तों के तहत प्रस्तावित मर्जर को पूरा करने की दिशा में लगातार काम कर रही है।
जी एंटरटेनमेंट ने उन खबरों को खारिज कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि मैनेजमेंट को लेकर जारी विवाद की वजह से जी की सोनी के साथ मर्जर की डील आगे नहीं बढ़ सकती है।
जी एंटरटेनमेंट ने एक स्टेटमेंट में कहा कि ये खबर पूरी तरह से गलत है और कंपनी प्रस्तावित डील को तय नियमों के अनुसार पूरा करने की दिशा में लगातार काम कर रही है।
ZEEL विलय की गई इकाई के शीर्ष पर पुनित गोयनका को बिठाना चाहता है, लेकिन भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड के साथ चल रहे फंड डायवर्जन मामले में गोयनका की भागीदारी के कारण, सोनी इस पद के लिए अपने मुख्य कार्यकारी एनपी सिंह को मैदान में उतारना चाहता है।
बता दें कि जी एंटरटेनमेंट की मांग है कि उसके CEO पुनीत गोयनका को नई इकाई का बॉस नियुक्त किया जाए, जैसा कि 2021 में हुए समझौते में कहा गया था। हालांकि, गोयनका के खिलाफ सेबी की जांच को लेकर सोनी उनकी नियुक्ति को लेकर दुविधा में है और वह इस पद के लिए अपने चीफ एग्जिक्यूटिव एनपी सिंह को मैदान में उतारना चाहता है।
जम्मू कश्मीर का पूरा समाज आगे बढ़े, लोगों को ताकतवार बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
अमर उजाला की ओर से संवाद कार्यक्रम का आयोजन 30 नवंबर को कन्वेंशन सेंटर जम्मू में किया गया। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि सात सौ श्लोकों का संवाद श्रीकृष्ण और अर्जुन के साथ हुआ। इसके बाद कोई संवाद देखने को मिला नहीं। अमर उजाला ने सोच समझकर इस कार्यक्रम का नाम संवाद रखा है, यह बहुत अच्छा किया। जम्मू कश्मीर का पूरा समाज आगे बढ़े, लोगों को ताकतवार बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
इंफ्रास्ट्रक्चर, एजुकेशन व अन्य क्षेत्रों में विकास हो रहा है। बाकी राज्यों की तरह विकसित भारत में जम्मू कश्मीर भी अपना योगदान दे रहा है। यहां के लोग भी खुलकर जी सकते हैं। सभी का सपना पूरा हो रहा है। वह जिस प्रकार का जीवन जी रहे हैं, उनमें बदलाव आया है। जागीदारों के काले धंधे भी काफी हद तक बंद हुए हैं। उन्होंने कहा कि पड़ोसी मुल्क के इशारों पर होने वाले आंदोलन अब बंद हो गए। इंडस्ट्रियां लगाई जा रही हैं और अब लोगों को काम दिया जा रहा है। अब एक नागरिक अपनी मर्जी से जी सकता है।
जहां नदियों के किनारे लोग दहशत से कंपाते थे, वो आज संगीत से गूंज रहे हैं। प्रयास हो रहा है सुविधाओं में बढ़ोतरी हो। पीएम नरेंद्र मोदी के कारण आज हाईवे भी जम्मू में बन रहे हैं। जम्मू कश्मीर को करीब से जोड़ने के साथ यूनियन टेरिटरी को भी साथ जोड़ा जा रहा है। महिलाओं और किसानों के जीवन में व्यापक बदलाव लाने की कोशिश की जा रही है। टूरिज्म की क्षमता शिखर पर पहुंच चुकी है। जी20 समिट के बाद जम्मू कश्मीर में विदेशी यात्रियों की संख्या 350 प्रतिशत की वृद्धि कर चुकी है।
'रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क' (Republic Media Network) ने हर्ष भंडारी को अपने ब्रॉडकास्ट बिजनेस के सीईओ के तौर पर प्रमोट किया है
'रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क' (Republic Media Network) ने हर्ष भंडारी को ब्रॉडकास्ट बिजनेस के सीईओ के तौर पर प्रमोट किया है। नई भूमिका में, भंडारी नेटवर्क के सभी मौजूदा ब्रॉडकास्ट चैनल्स के संपूर्ण नेशनल ऑपरेशंस की जिम्मेदारी संभालेंगे। वह लैंग्वेज और रीजन्स में ब्रॉडकास्टिंग बिजनेस के साथ नए चैनल लॉन्च करने सहित नेटवर्क के सभी फ्यूचर ग्रोथ का नेतृत्व करेंगे और इसके लिए स्ट्रैटजी भी बनाएंगे।
अपने प्रमोशन को लेकर भंडारी ने कहा कि रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क में हमें अपना काम करते रहना हैं और उस ग्रोथ के लिए तेजी से खुद को मजबूत करना है, जो हमें चाहिए। ग्रोथ को अगले चरण में ले जाने और उसे क्रियान्वित करने में मदद करने के लिए बोर्ड, मैनेजमेंट और मेरे सहयोगियों ने मुझ पर जो भरोसा जताया है, उसके लिए मैं खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। हम एक होकर सोचते है और चलते भी हैं। रिपब्लिक मैनेजमेंट, मेरे सहयोगियों, विशेष टीम और बिजनेस पार्टनर्स के प्रति मैं बहुत आभारी हूं और उनका भी आभार व्यक्त करता हूं, जिन्होंने इस यात्रा के दौरान अपने निरंतर समर्थन से इसे संभव बनाया।