‘द हिंदू’, ‘बिजनेसलाइन’, ‘स्पोर्टस्टार’ और ‘फ्रंटलाइन’ की प्रकाशक कंपनी ‘द हिंदू ग्रुप’ (THG) ने कार्तिक नागप्पन के नियुक्ति की घोषणा की है
‘द हिंदू’, ‘बिजनेसलाइन’, ‘स्पोर्टस्टार’ और ‘फ्रंटलाइन’ की प्रकाशक कंपनी ‘द हिंदू ग्रुप’ (THG) ने ब्रैंड के हेड के तौर पर कार्तिक नागप्पन के नियुक्ति की घोषणा की है। वह 144 साल पुराने पब्लिशिंग हाउस के लिए ब्रैंड व कंज्यूमर कनेक्ट इनिशिएटिव्स की अगुवाई करेंगे।
कार्तिक को ब्रैंड स्ट्रैटजी, कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस व रीडर कनेक्ट इनिशिएटिव्स में 15 वर्षों से भी अधिक का अनुभव है और इसी के साथ वह मार्केटिंग स्पेशलिस्ट हैं। वह इससे पहले चेन्नई में ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ और ‘द न्यू इंडियन एक्सप्रेस’ के साथ जुड़े हुए थे।
‘हवास इंडिया’ (Havas India) की विशेष मीडिया डिवीजन ‘हवास मीडिया नेटवर्क इंडिया’ (Havas Media Network India) से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है।
‘हवास इंडिया’ (Havas India) की विशेष मीडिया डिवीजन ‘हवास मीडिया नेटवर्क इंडिया’ (Havas Media Network India) से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से मिली इस खबर के मुताबिक, ‘हवास प्ले’ (Havas Play) के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर आर. वेंकटसुब्रमण्यम ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। आर. वेंकटसुब्रमण्यन ने इस्तीफा क्यों दिया और उनका अगला कदम क्या होगा, फिलहाल इस बारे में पता नहीं चल सका है।
बता दें कि आर. वेंकटसुब्रमण्यन अपने दो कार्यकालों को मिलाकर हवास मीडिया इंडिया से एक दशक से ज्यादा समय से जुड़े हुए थे। यहां पहले वह हवास मीडिया इंडिया में प्रेजिडेंट (इन्वेस्टमेंट) के पद पर कार्यरत थे, जहां से करीब दो साल पहले उन्हें इस भूमिका के साथ-साथ ‘हवास प्ले’ (Havas Play) में मैनेजिंग डायरेक्टर की अतिरिक्ति जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी।
इसके बाद पिछले साल मई में प्रमोशन का तोहफा देते हुए उन्हें ‘हवास प्ले’ में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर के पद पर नई जिम्मेदारी दी गई थी। उनके मार्गदर्शन में हवास प्ले ने स्पोर्ट्स, कंटेंट और एंटरटेनमेंट डिवीजन में कई सफल आईपी (IPs) और पहलों (initiatives) दमदार प्रदर्शन किया है, जिससे अत्यधिक प्रतिस्पर्धी परिदृश्य में अग्रणी खिलाड़ी के रूप में इसकी स्थिति मजबूत हुई है।
हवास मीडिया से पहले वह करीब साढ़े छह साल तक ‘Initiative Media (India) Private Limited’ में सीनियर वाइस प्रेजिडेंट के पद पर भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं। इसके अलावा करीब एक साल तक ‘MPG’ में वाइस प्रेजिडेंट के तौर पर अपनी भूमिका निभाने के अलावा उससे पूर्व उन्होंने करीब दस साल तक ‘Lintas Media Group’ में एसोसिएट वाइस प्रेजिडेंट के तौर पर भी काम किया है।
प्रणय उपाध्याय इससे पहले ‘अमर उजाला’ (Amar Ujala) डिजिटल में बतौर सीनियर असिस्टेंट एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
पत्रकार प्रणय उपाध्याय ने अब ‘टीवी टुडे नेटवर्क’ (TV Today Network) के साथ मीडिया में अपनी नई पारी का आगाज किया है। प्रणय उपाध्याय ने सोशल मीडिया पर खुद अपनी नई पारी के बारे में जानकारी शेयर की है। समाचार4मीडिया से बातचीत में प्रणय उपाध्याय ने बताया कि वह ‘इंडिया टुडे ग्लोबल’ और ‘आजतक’ में अहम भूमिका निभाएंगे।
बता दें कि प्रणय उपाध्याय इससे पहले ‘अमर उजाला’ (Amar Ujala) डिजिटल में बतौर सीनियर असिस्टेंट एडिटर अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इसके अलावा पूर्व में वह ‘जी मीडिया’ (Zee Media) और ‘एबीपी नेटवर्क’ में भी अपनी भूमिका निभा चुके हैं।
प्रणय उपाध्याय को मीडिया में काम करने का 20 साल से ज्यादा का अनुभव है। ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) के अलावा पूर्व में वह ‘नेटवर्क18’ (Network18), ‘न्यूज24’ (News24), ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagran) और ‘नई दुनिया’ (NaiDunia) जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में भी अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
समाचार4मीडिया की ओर से प्रणय उपाध्याय को नई पारी की ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
संध्या देवनाथन फिलहाल ‘मेटा इंडिया’ (Meta India) में वाइस प्रेजिडेंट और हेड के पद पर अपनी भूमिका निभा रही हैं।
‘फेसबुक’ (Facebook) की पैरेंट कंपनी ‘मेटा’ (Meta) में संध्या देवनाथन को दक्षिण-पूर्व एशिया बिजनेस की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। यह बदलाव ऐसे समय में हुआ है, जब मेटा के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के प्रमुख ‘डैन नियरी’ (Dan Neary) ने 12 वर्षों की सेवा के बाद कंपनी छोड़ने का फैसला कर चुके हैं। संध्या देवनाथन फिलहाल ‘मेटा इंडिया’ (Meta India) में वाइस प्रेजिडेंट और हेड के पद पर अपनी भूमिका निभा रही हैं।
संध्या ने अपनी नई भूमिका की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘लिंक्डइन’ पर शेयर की है। उन्होंने बताया कि ‘बेन्जामिन जो’ (Benjamin Joe) इस साल जुलाई से मेटा के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के नए रीजनल वाइस प्रेजिडेंट बनेंगे। बेन्जामिन मेटा में 14 वर्षों से कार्यरत हैं और पिछले 12 वर्षों से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में लीडरशिप टीम के अहम सदस्य रहे हैं। वे डैन नियरी की जगह लेंगे, जो कुछ महीनों में कंपनी छोड़ रहे हैं।
संध्या ने कहा कि बेन्जामिन की नियुक्ति के बाद उन्हें भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया दोनों क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त जिम्मेदारियां संभालने का मौका मिला है।
‘मेटा’ ने बेन्जामिन जो को भी जुलाई से एशिया-प्रशांत क्षेत्र के रीजनल वाइस प्रेजिडेंट के रूप में पदोन्नत किया है। वे कंपनी के दक्षिण-पूर्व एशिया बिजनेस का नेतृत्व कर रहे हैं।
वहीं, डैन नियरी ने अपनी लिंक्डइन पोस्ट में कहा, ‘बेन और संध्या दोनों बेहतरीन लीडर हैं, जिनका रिकॉर्ड बहुत मजबूत है। मुझे पूरा विश्वास है कि वे अपने नेतृत्व में हमारे साझेदारों के लिए विकास और नवाचार को आगे बढ़ाएंगे और हमारे बिजनेस को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।
e4m DoGood Summit & Awards 2025 में, मैगसेसे पुरस्कार विजेता और 'गूंज' के संस्थापक अंशु गुप्ता ने एक सरल लेकिन प्रभावशाली बात कही कि कैसे DoGood आंदोलन धीरे-धीरे एक ताकतवर मंच बन गया
e4m DoGood Summit & Awards 2025 में, मैगसेसे पुरस्कार विजेता और 'गूंज' के संस्थापक अंशु गुप्ता ने एक सरल लेकिन प्रभावशाली बात कही, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे DoGood आंदोलन धीरे-धीरे एक ताकतवर मंच बन गया, जहां ब्रैंड सिर्फ दिखावे के लिए नहीं बल्कि सच में समाज के लिए काम कर रहे हैं।
जूरी के चेयर के रूप में बोलते हुए, अंशु गुप्ता ने विनम्रता दिखाते हुए कहा, "मैं हमेशा पर्दे के पीछे रहना पसंद करता हूं, इसलिए मुझे तारीफ की जरूरत नहीं।" लेकिन इसके बाद उन्होंने विज्ञापन और मार्केटिंग की दुनिया को एक गहरा संदेश दिया कि केवल उद्देश्यपूर्ण बात करना ही नहीं, बल्कि समाज में सच्चा बदलाव लाना जरूरी है।
अंशु गुप्ता ने बताया कि exchange4media ने देखा कि अब पुरस्कार के लिए भेजी जाने वाली एंट्रीज में बदलाव आ रहा है- ब्रैंड अब सिर्फ CSR दिखावा नहीं करते, बल्कि वे अपनी मार्केटिंग में समाज के लिए अच्छे काम को मुख्य हिस्सा बना रहे हैं, जिससे उनका बिजनेस भी बढ़ता है। उन्होंने कहा, “यह केवल दान या परोपकार नहीं था, ब्रैंड समझ रहे थे कि जो सच में समाज के लिए काम करते हैं, वही लंबे समय तक सफल होंगे।”
उन्होंने कुछ मशहूर अभियान भी बताए, जैसे Surf Excel का “Daag Achhe Hain”, Ariel का “Share the Load”, और Tata Tea का “Jaago Re”। ये सिर्फ मार्केटिंग के तरीके नहीं थे, बल्कि ब्रैंड के मकसद को पूरी तरह से बदलने वाले विचार थे। जैसे, एक डिटर्जेंट ब्रैंड पुरुषों से घर के काम में हाथ बटाने को कहता है या चाय का ब्रैंड वोटिंग, महिलाओं के अधिकार और शोर pollution जैसी सामाजिक बातों को उठाता है, बिना सीधे अपने उत्पाद को बेचने की कोशिश किए।
यह सब दिखाता है कि ब्रैंड अब सिर्फ माल बेचने से आगे बढ़कर, समाज के लिए सकारात्मक संदेश देने और बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं।
अंशु गुप्ता ने बताया कि एक्सचेंज4मीडिया ने इन बदलावों को समझकर अपने रिपोर्टिंग में उन ब्रैंड्स को खास जगह दी है जो माहवारी की सेहत, जलवायु परिवर्तन, लैंगिक समानता जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “हम सिर्फ प्रचार अभियानों की खबरें नहीं बनाते, बल्कि ऐसी कहानियां खोजते हैं जिनमें सचेतना और हिम्मत हो।” उन्होंने अपने संपादकीय टीम की दूरदर्शिता की तारीफ की, जिसने पहले ही समझ लिया था कि अब ग्राहक और ब्रैंड के बीच विश्वास कैसे बनता है।
उन्होंने ये भी बताया कि आज की युवा पीढ़ी ब्रैंड से अलग उम्मीदें रखती है। “जनरेशन Z केवल उन्हीं ब्रैंड्स पर भरोसा करती है जो किसी खास मकसद के लिए खड़े हों—चाहे वो जलवायु संरक्षण हो या सामाजिक समावेशन। वे इसके लिए ज्यादा कीमत चुकाने को भी तैयार हैं।” इससे पता चलता है कि अब लोग सोच-समझकर ही खरीदारी करते हैं।
अपने भाषण के अंत में अंशु गुप्ता ने दोहराया कि DoGood सिर्फ पुरस्कार देने का नाम नहीं है, बल्कि यह एक प्रेरणा है। “हम ऐसा मंच बना रहे हैं जो समाज और व्यापार के बीच अच्छे संबंध बनाए, ताकि एक बेहतर दुनिया बनाई जा सके।”
ऐसे समय में जब भरोसा सबसे बड़ी पूंजी है, अंशु गुप्ता के ये शब्द सम्मेलन की भावना को दर्शाते हैं कि अच्छे काम करना सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है।
DoGood Summit and Awards 2025 में पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीनियर ब्यूरोक्रेट के. जे. अल्फोंस ने अपनी बात बड़े जोश और साफगोई से रखी।
DoGood Summit and Awards 2025 में पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीनियर ब्यूरोक्रेट के. जे. अल्फोंस ने अपनी बात बड़े जोश और साफगोई से रखी। उन्होंने कॉरपोरेट दुनिया से कहा कि सिर्फ दिखावे वाली CSR (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) करने से आगे बढ़कर अब असल में करुणा को कारोबार की बुनियाद बनाना होगा।
कभी ईमानदार और बेखौफ अफसर के तौर पर पहचान बना चुके अल्फोंस ने साफ शब्दों में कहा, “हमने करुणा का असली मतलब कहीं खो दिया है।” उन्होंने बिजनेस लीडर्स और ब्रैंड्स से अपील की कि वे केवल प्रोजेक्ट्स में पैसे लगाकर इतिश्री न मानें, बल्कि अपने रोजमर्रा के कामकाज में समावेश, देखभाल और इंसानियत की सोच को शामिल करें।
अल्फोंस ने भारत की उस परंपरा की याद दिलाई, जिसमें समाज को साथ लेकर चलने की भावना रही है। उन्होंने कहा कि अब वक्त दान देने से आगे जाकर न्याय करने का है। उनका साफ संदेश था: "अच्छा काम इसलिए मत करो कि तुम अमीर या मशहूर हो, बल्कि इसलिए करो क्योंकि ये तुम्हारी जिम्मेदारी है।"
उन्होंने ऐसे CSR कामों की आलोचना की जो केवल नाम कमाने या ब्रैंड इमेज बनाने के लिए किए जाते हैं। उनके मुताबिक, कॉरपोरेट जिम्मेदारी दिखावे से नहीं, दिल से आनी चाहिए।
के. जे. अल्फोंस ने अपनी बातों में निजी अनुभवों को जोड़ा—खासतौर पर IAS में अपने कार्यकाल और केरल में स्वास्थ्य व शिक्षा सुधारों पर किए गए काम को लेकर। उन्होंने बताया कि जब वे कोट्टायम में तैनात थे, तो कैसे उस जिले को भारत का पहला पूर्ण साक्षर जिला बनाया गया। उन्होंने कहा, “हमारे पास कोई बड़ी फंडिंग नहीं थी, लेकिन हमारे पास करने का हौसला था।” उनके अनुभवों से यह साफ झलकता है कि अगर नीयत साफ हो तो नीति सचमुच जिंदगियां बदल सकती है।
आज जब ब्रैंड पर्पज और सोशल कॉन्शसनेस जैसे शब्दों की मार्केटिंग में खूब चर्चा होती है, अल्फोंस की बातें याद दिलाती हैं कि असली असर कैंपेन और आंकड़ों से आगे होता है। उन्होंने लीडर्स से अपील की कि वे सही बात के लिए खड़े हों और उन लोगों की सेवा करने का साहस दिखाएं, जो सबसे ज्यादा हाशिए पर हैं—यह काम पहचान पाने के लिए नहीं, बल्कि इसलिए होना चाहिए क्योंकि ये सही है।
DoGood समिट में कॉरपोरेट, सामाजिक और विकास क्षेत्र की तमाम आवाजें एक साथ जुटीं, और ऐसे मंच पर अल्फोंस का यह सधा हुआ लेकिन चुनौती देने वाला संदेश पूरी तरह प्रासंगिक लगा। उनकी बातों में सच्चाई भी थी और जरूरी टोक भी—और यह अंदाज उन लोगों को खास तौर पर पसंद आया जो नेतृत्व में दिल और ईमानदारी देखना चाहते हैं।
आज जब कारोबार और समाज के मुद्दे तेजी से एक-दूसरे से जुड़ रहे हैं, अल्फोंस की यह अपील कि करुणा सिर्फ भावना नहीं, बल्कि कार्रवाई भी हो—भारत में ‘अच्छा करने’ की नई समझ को एक मजबूत दिशा देती है।
e4m DoGood Awards के मौके पर एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप के फआउंडर व BW बिजनेसवर्ल्ड के एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा ने एक ऐसा स्वागत भाषण दिया, जिसने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया।
e4m DoGood Awards 2025 के मौके पर इस कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप के फआउंडर व BW बिजनेसवर्ल्ड के एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा ने एक ऐसा स्वागत भाषण दिया, जिसने सभी को सोचने पर मजबूर कर दिया।
डॉ. अनुराग बत्रा ने अपने अनुभवों, किताबों के जिक्र और आज के दौर की चुनौतियों पर बेबाक बात करते हुए मार्केटिंग और मीडिया से जुड़े लोगों को याद दिलाया कि उनके काम में मकसद, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का होना कितना जरूरी है।
उन्होंने अपना संबोधन हल्के-फुल्के और आत्मीय अंदाज में शुरू किया। उन्होंने श्रोताओं से पढ़ने की आदत और नींद की दिनचर्या पर मजाकिया ढंग से बातचीत की। इन छोटी-छोटी बातों के जरिए उन्होंने सजगता और जीवन में संतुलन जैसे अहम विषयों को छुआ।
उन्होंने जोर देकर कहा, "नींद सबसे बड़ा हेल्थ हैक है" और इसे मानसिक और शारीरिक भलाई से जोड़ा। ये दोनों बातें उन्होंने इस इंडस्ट्री के लिए बेहद जरूरी बताईं।
वैश्विक विज्ञापन उद्योग की मौजूदा तस्वीर पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि बीते साल ऐड इंडस्ट्री का खर्च 1 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच गया, जिसमें से 650 बिलियन डॉलर डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर गया। उन्होंने यह भी बताया कि कैसे मेटा (पहले फेसबुक) जैसे बड़े डिजिटल खिलाड़ी इस खर्च का बड़ा हिस्सा—करीब 460 बिलियन डॉलर—अपने कब्जे में ले रहे हैं। इससे जुड़ी नैतिकता, जवाबदेही और इन प्लेटफॉर्म्स की सामाजिक भूमिका पर उन्होंने सवाल खड़े किए।
डॉ. बत्रा ने अपने निजी अनुभवों और साहित्य से जुड़ी बातों के जरिए किस्मत और विनम्रता की अहमियत पर भी रोशनी डाली। उन्होंने The Seek, Tuesdays with Morrie और Why We Sleep जैसी किताबों का जिक्र करते हुए कई बातें साझा कीं। एक भावुक कहानी में उन्होंने एक ऐसे जोड़े का जिक्र किया जिसकी सुबह की आदतें एक टाई की वजह से बदलीं—और उसी बदलाव की वजह से उनमें से एक व्यक्ति 9/11 हमलों से बच सका।
इस वाकये को बताते हुए उन्होंने कहा, "हम अक्सर अपनी कामयाबी का सारा श्रेय खुद को दे देते हैं, लेकिन नाकामियों की जिम्मेदारी लेने से बचते हैं।"
डॉ. बत्रा ने इसके बाद कम्युनिकेशन और मार्केटिंग से जुड़े लोगों के लिए तीन बेहद अहम मुद्दों की ओर ध्यान दिलाया, जिन पर आज काम करना जरूरी है:
मानसिक स्वास्थ्य – उन्होंने बताया कि भारत में करीब 15% लोग मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी किसी न किसी परेशानी से जूझ रहे हैं, और यह संख्या असल में इससे कहीं ज्यादा हो सकती है। ऐसे में जरूरत है ऐसी कैंपेन की, जो लोगों में जागरूकता बढ़ाएं, संवेदनशीलता लाएं और उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाएं।
सामाजिक विभाजन – उन्होंने आगाह किया कि हमारे समाज में असहिष्णुता और ऑनलाइन ध्रुवीकरण लगातार बढ़ रहा है, जिससे अलग-अलग सोच और आवाजों को दबाया जा रहा है।
सस्टेनेबिलिटी – जलवायु संकट को नजरअंदाज करने की प्रवृत्ति को खारिज करते हुए उन्होंने जोर दिया कि ब्रांड्स को सिर्फ अपने संदेशों में नहीं, बल्कि अपने कामकाज में भी पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार होना होगा।
उन्होंने कहा, "CXO, मार्केटर या कहानी सुनाने वाले के तौर पर आपके पास वह ताकत है जिससे आप सोच बदल सकते हैं और समाज में असर डाल सकते हैं।"
डॉ. बत्रा ने सबको इस मंच का इस्तेमाल अच्छे कामों के लिए करने की प्रेरणा दी और इशारा किया कि ‘DoGood’ सिर्फ एक अवॉर्ड शो नहीं रहेगा, बल्कि आगे चलकर एक बड़ी सामाजिक पहल का रूप लेगा।
डॉ. बत्रा ने एक्सचेंज4मीडिया की लगातार बढ़ रही एडिटोरियल कवरेज और नए इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (IP) इनिशिएटिव्स का जिक्र भी किया—जैसे कि Marketech न्यूजलेटर, जिसे सिर्फ छह हफ्तों में 30,000 सब्सक्राइबर मिल गए। साथ ही उन्होंने बिजनेसवर्ल्ड की नई स्पेशल इशूज की भी बात की, जो कंज्यूमर गुड्स और बिल्डिंग मैटेरियल्स सेक्टर में लीडर्स पर फोकस कर रही हैं।
अपने संबोधन के अंत में उन्होंने अपनी टीम और पूरी कम्युनिटी का आभार जताते हुए कहा, “कम्युनिकेशन की असली ताकत इसमें है कि वो लोगों को जोड़ सकता है, बदलाव की ऊर्जा दे सकता है और भविष्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।”
उनका आखिरी संदेश छोटा था लेकिन असरदार: "कॉन्फ्रेंस का मजा लें। सीखें। लोगों से मिलें। बातचीत करें। प्रेरणा लें। और सबसे जरूरी- अच्छा काम करें।"
यह कार्रवाई किन कारणों से की गई, फिलहाल इसका पता नहीं चल सका है। खबर लिखे जाने तक छापेमारी की कार्रवाई जारी थी।
गुजरात के प्रमुख अखबार ‘गुजरात समाचार’ (Gujarat Samachar) के प्रतिष्ठानों पर बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (The Enforcement Directorate) की टीम द्वारा छापा मारने की खबर सामने आई है। यह कार्रवाई किन कारणों से की गई, फिलहाल इसका पता नहीं चल सका है। खबर लिखे जाने तक छापेमारी की कार्रवाई जारी थी।
बता दें कि ‘गुजरात समाचार’ गुजरात का प्रमुख समाचार पत्र है, जिसकी स्थापना वर्ष 1932 में छबीलभाई एम. पटेल द्वारा की गई थी। बाद में वर्ष 1952 में इसे शांतिलाल शाह ने अधिग्रहित किया। इसका पहला अंक 16 जनवरी 1932 को प्रकाशित हुआ था। वर्तमान में यह अखबार अहमदाबाद मुख्यालय से संचालित होता है, जबकि इसका एक प्रमुख कार्यालय सूरत में भी है।
यह अखबार अहमदाबाद, वडोदरा, सूरत, राजकोट, भावनगर, मुंबई, मेहसाणा, भुज से लेकर न्यूयॉर्क सिटी तक वितरित होता है। गुजरात समाचार में बहुबली शाह और श्रेयांशभाई शाह की अमृत इन्वेस्टमेंट के माध्यम से 24.6% हिस्सेदारी है, जबकि निर्मम शाह, अनुपमाबेन शाह और अमम एस. शाह मिलकर 9.62% हिस्सेदारी रखते हैं।
ईडी की यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब तीन हफ्ते पहले ही, 19 अप्रैल को, संस्थान को एक बड़ी निजी क्षति हुई थी। दरअसल,गुजरात समाचार के प्रबंध संपादक श्रेयांशभाई शाह की पत्नी और संस्थान की निदेशक स्मृतिबेन श्रेयांशभाई शाह का निधन हो गया था।
स्मृतिबेन न केवल एक कुशल प्रशासक थीं, बल्कि चार दशकों तक महिला साप्ताहिक 'श्री' की संपादक के रूप में उन्होंने गुजराती लेखन की एक नई पीढ़ी को मंच दिया। वे ‘गुजरात समाचार’ के महिला परिशिष्ट की प्रमुख भी रहीं और इसके विषयवस्तु और दिशा को नए आयाम दिए।
प्रबंध संपादक श्रेयांशभाई शाह की जीवनसंगिनी के रूप में उन्होंने हर चुनौतीपूर्ण दौर में अखबार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया। उनके निर्णय लेने की क्षमता और आधुनिक प्रबंधन शैली ने गुजरात समाचार के कई संस्करणों और विभागों को व्यवस्थित रूप से संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
स्मृतिबेन का समाचार वितरकों के बीच विशेष सम्मान था। वे वितरकों के साथ मतभेद की स्थिति में हमेशा संवाद के पक्ष में रहीं और संकट के समय उनका संबल बनीं। युवा पत्रकारों के लिए वे एक मार्गदर्शक और मातृत्व-भावना से भरपूर सहयोगिनी रहीं। उनके स्नेह और नेतृत्व में अनेक युवा पत्रकारों ने पत्रकारिता में अपनी पहचान बनाई।
आज हम भारतीय राजनीति, उद्यमी और मीडिया जगत की एक प्रमुख शख्सियत कार्तिकेय शर्मा का 43वां जन्मदिन मना रहे हैं।
आज हम भारतीय राजनीति, उद्यमी और मीडिया जगत की एक प्रमुख शख्सियत कार्तिकेय शर्मा का 43वां जन्मदिन मना रहे हैं। 14 मई 1981 को जन्मे कार्तिकेय शर्मा ने अपने विजन, नेतृत्व क्षमता और देशहित के प्रति प्रतिबद्धता के जरिए कई क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
ITV मीडिया नेटवर्क की स्थापना कर उन्होंने भारतीय मीडिया के परिदृश्य को नई दिशा दी। उनके नेतृत्व में यह नेटवर्क राष्ट्रीय, अंग्रेजी, हिंदी और सात क्षेत्रीय भाषाओं में न्यूज चैनल्स का बड़ा समूह बन गया, जिसने विविध आवाजों को मंच देने का काम किया। 'न्यूजएक्स', 'द संडे गार्जियन' और 'आज समाज' जैसे संस्थानों का अधिग्रहण कर उन्होंने खुद को एक सफल मीडिया उद्यमी के रूप में स्थापित किया।
2022 में उन्होंने हरियाणा से भाजपा के समर्थन में राज्यसभा सदस्य के तौर पर राजनीतिक सफर शुरू किया। कांग्रेस नेता अजय माकन को कड़े मुकाबले में हराकर उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र में अपनी बढ़ती साख को साबित किया। बतौर सांसद उन्होंने इंटरपार्लियामेंटरी यूनियन की रवांडा में हुई 145वीं महासभा समेत कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय भागीदारी निभाई, जिससे उनके वैश्विक दृष्टिकोण का भी परिचय मिला।
मीडिया और राजनीति के अलावा, उन्होंने हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र में भी अपनी छाप छोड़ी है। पिकैडिली होटल्स (Piccadilly Hotels) और हयात की साझेदारी में उन्होंने दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में लक्जरी होटल्स की सीरीज शुरू की। साथ ही, प्रो स्पोर्टिफाई जैसे उपक्रमों के जरिए खेल और युवा विकास को भी बढ़ावा दिया।
समाज सेवा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता शिक्षा, स्वास्थ्य और सामुदायिक कल्याण के क्षेत्रों में दिखती है। उन्हें ‘चैम्पियंस ऑफ चेंज अवॉर्ड 2022’ और ‘बिजनेसवर्ल्ड पर्सन ऑफ द ईयर’ जैसे सम्मान भी मिल चुके हैं, जो उनके बहुआयामी प्रभाव को रेखांकित करते हैं।
43वें जन्मदिन पर कार्तिकेय शर्मा न केवल प्रेरणा का स्रोत हैं, बल्कि यह भी दिखाते हैं कि मीडिया, कारोबार और जनसेवा को एक साथ जोड़कर कैसे प्रभावशाली बदलाव लाया जा सकता है।
वह इस कॉमिक बुक कंपनी से करीब छह साल से जुड़ी हुई थीं।
भारतीय कॉमिक पुस्तकों की जानी-मानी श्रृंखला ‘अमर चित्र कथा’ (Amar chitra katha) की सीईओ और प्रेजिडेंट प्रीति व्यास ने कंपनी से विदाई लेने का फैसला किया है। वह इस कॉमिक बुक कंपनी से करीब छह साल से जुड़ी हुई थीं। इस बारे में प्रीति व्यास ने खुद अपनी लिंक्डइन पोस्ट पर जानकारी शेयर की है।
अपनी लिंक्डइन पोस्ट में प्रीति व्यास ने लिखा है, ‘छह शानदार वर्षों के बाद, मैं इस महीने ‘अमर चित्र कथा’ और ‘टिंकल कॉमिक्स स्टूडियो’ से विदा ले रही हूं। इन ब्रैंड्स का नेतृत्व करना, जिन्होंने पीढ़ियों को आकार दिया है, मेरे लिए जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है।’
कंपनी में अपने छह साल के इस सफर को याद करते हुए प्रीति ने कहा कि इस अनुभव ने उन्हें यह सिखाया कि किस तरह विरासत और नवाचार के संतुलन के साथ ट्रांसमीडिया ट्रांसफॉर्मेशन (विभिन्न मीडिया माध्यमों में बदलाव) का नेतृत्व किया जा सकता है। उनका कहना है, ‘महामारी से लेकर कोविड के बाद की ‘फिजिटल’ (फिजिकल+डिजिटल) दुनिया में ब्रैंड को नए रूप में पेश करने तक, हर चुनौती ने मुझे कंटेंट की दुनिया को गहराई से समझने का मौका दिया।’
बता दें कि प्रीति व्यास ने ‘अमर चित्र कथा प्राइवेट लिमिटेड’ में ऐसी टीम का नेतृत्व किया, जो ‘अमर चित्र कथा’ और ‘टिंकल’ जैसे ब्रैंड्स को नई पीढ़ी के पाठकों के लिए दोबारा गढ़ने के मिशन पर काम कर रही थी। यह टीम अनंत पाई की विरासत को जीवित रखने और उनके महत्वपूर्ण कार्य को आगे बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही थी। उनकी लीडरशिप में ‘अमर चित्र कथा’ और ‘टिंकल’ जैसे ब्रैंड्स ने खुद को डिजिटल-फर्स्ट पहचान में तब्दील किया और नई ऊर्जा के साथ कंटेंट की दुनिया में कदम रखा।
प्रीति व्यास इससे पहले ‘क्रॉसवर्ड बुकस्टोर्स’ (Crossword Bookstores) , ‘ग्लोबस स्टोर्स’ (Globus Stores) , ‘किड्ज़टाउन इंडिया’ (Kidztown India), ‘फ्यूचर ग्रुप इंडिया’ (Future Group India) और ‘पैंटालून रिटेल इंडिया’ (Pantaloon Retail India) जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों में काम कर चुकी हैं।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने आधिकारिक तौर पर टाटा इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 के बचे हुए मुकाबलों की फिर से शुरुआत की घोषणा कर दी है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने आधिकारिक तौर पर टाटा इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2025 के बचे हुए मुकाबलों की फिर से शुरुआत की घोषणा कर दी है। टूर्नामेंट के शेष 17 मैच अब छह शहरों- दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद, लखनऊ और जयपुर में आयोजित किए जाएंगे। IPL का यह सीजन बीते शुक्रवार को भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते स्थगित कर दिया गया था, लेकिन अब यह 17 मई से फिर से शुरू होगा और इसका समापन 3 जून को भव्य फाइनल के साथ होगा।
पंजाब किंग्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच 8 मई को बीच में रोका गया मुकाबला अब 24 मई को जयपुर में खेला जाएगा। इस फैसले से पहले सरकार, सुरक्षा एजेंसियों और सभी जरूरी पक्षों के साथ गहन विचार-विमर्श किया गया।
प्लेयऑफ की तारीखें भी तय कर दी गई हैं- क्वालिफायर 1, 29 मई को; एलिमिनेटर, 30 मई को; क्वालिफायर 2, 1 जून को और फाइनल, 3 जून को होगा। हालांकि इन अहम मुकाबलों के वेन्यू की घोषणा जल्द की जाएगी।
BCCI के मानद सचिव देवजीत सैकिया ने एक बयान में देश की सशस्त्र सेनाओं के प्रति आभार जताया और कहा कि उन्हीं के प्रयासों से क्रिकेट का सुरक्षित माहौल दोबारा बना है। बोर्ड की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया, “BCCI एक बार फिर भारत की सेनाओं की वीरता और संकल्प को सलाम करता है, जिनकी वजह से देश में क्रिकेट की सुरक्षित वापसी संभव हो पाई है।”
BCCI ने यह भी दोहराया कि बोर्ड राष्ट्रीय हित को सर्वोपरि मानता है और खिलाड़ियों व दर्शकों की सुरक्षा के साथ खेल की भावना के संतुलन को बनाए रखना उसकी प्राथमिकता है।
गौरतलब है कि बीते सप्ताह धर्मशाला में चल रहा IPL मुकाबला अचानक रोकना पड़ा था। उसी दौरान धर्मशाला से करीब 100 किलोमीटर दूर पठानकोट में ड्रोन हमले के चलते बिजली आपूर्ति ठप हो गई थी। ऐसे माहौल में IPL का दोबारा शुरू होना क्रिकेट प्रेमियों के लिए राहत की खबर है।