मैं 'शेर बहादुर' आदमी नहीं हूं: रवीश कुमार

हिंदी टीवी पत्रकारिता के बदलते स्वरूप को लेकर आयोजित चर्चा में वरिष्ठ टीवी पत्रकार रवीश कुमार ने बताई ‘मन की बात’

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Monday, 06 May, 2019
Ravish


वरिष्ठ टीवी पत्रकार रवीश कुमार सरकार को घेरने का कोई भी मौका हाथ से नहीं जाने देते हैं। हाल ही में उन्होंने अभिनेता अक्षय कुमार द्वारा किए गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नॉन पॉलिटिकल इंटरव्यू पर भी नॉन पॉलिटिकल प्राइम टाइम कर काफी चर्चा बटोरी थी। ऐसे में उन पर कई बार सरकार विरोधी होने के आरोप भी लगते रहते हैं।

पिछले दिनों ‘न्यूज नेक्स्ट 2019’ (News Next 2019) के कार्यक्रम में ‘बिजनेस वर्ल्ड’ और ‘एक्सचेंज4मीडिया’ के चेयरमैन व एडिटर-इन-चीफ डॉ. अनुराग बत्रा ने रवीश कुमार से हिंदी टीवी पत्रकारिता के बदलते स्वरूप को लेकर चर्चा की। इस दौरान लोगों को भी रवीश कुमार से सवाल पूछने का मौका मिला। कार्यक्रम के दौरान ऐसे ही एक दर्शक ने सवाल किया, ‘जब सभी लोग धारा के साथ चल रहे हैं तो आप धारा के विपरीत क्यों चल रहे हैं, व्यवस्था आपको खत्म कर देगी।’

इस सवाल के जवाब पर क्या दिया रवीश कुमार ने जवाब, जानने के लिए नीचे विडियों पर क्लिक कीजिए...

रवीश कुमार का ये जवाब आप इस विडियो में देख सकते हैं-

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नेपाल: हिंसक दंगों के बीच इन पत्रकारों व मीडिया संस्थानों पर हुए हमले, RSF ने की निंदा

9 सितंबर को नेपाल की राजधानी काठमांडू सहित विभिन्न हिस्सों में भड़के दंगों के दौरान एक दर्जन से अधिक मीडिया संस्थानों और पत्रकार संगठनों के मुख्यालयों पर हमला किया गया।

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Published - Saturday, 13 September, 2025
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Saturday, 13 September, 2025
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9 सितंबर को नेपाल की राजधानी काठमांडू सहित विभिन्न हिस्सों में भड़के दंगों के दौरान एक दर्जन से अधिक मीडिया संस्थानों और पत्रकार संगठनों के मुख्यालयों पर हमला किया गया। इससे एक दिन पहले चार पत्रकार कानून प्रवर्तन बलों की कार्रवाई में घायल हुए थे। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) ने देश के राजनीतिक संकट से उपजी इस हिंसा की निंदा की है और नई अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और सेना, जिसने देश का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है, से अपील की है कि वे पत्रकारों के महत्वपूर्ण कार्य का सम्मान करें और प्रेस की स्वतंत्रता की गारंटी दें।

9 सितंबर को राजधानी और देश के कई क्षेत्रों को दंगों की आग ने अपनी चपेट में ले लिया। इस दौरान कम से कम एक दर्जन समाचार संस्थानों और तीन मीडिया संगठनों के दफ्तरों में आग लगा दी गई या तोड़फोड़ की गई। काठमांडू के थापाथली इलाके में उपद्रवियों ने प्रमुख निजी मीडिया समूह कांतिपुर मीडिया ग्रुप (KMG) के दफ्तर को जला दिया। सार्वजनिक प्रसारक 'पब्लिक सर्विस ब्रॉडकास्टिंग नेपाल' (पीएसबीएन), जो रेडियो नेपाल और नेपाल टेलीविजन का संचालन करता है और जिसका मुख्यालय सरकारी परिसर सिंहदरबार में है, पर भी तोड़फोड़ की गई।

एक दिन पहले, बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों को सुरक्षा बलों ने हिंसक रूप से दबा दिया था, जिसमें कम से कम 19 लोगों की मौत हो गई। युवा नेपाली नागरिकों ने इन प्रदर्शनों की शुरुआत राजनीतिक अभिजात वर्ग के भ्रष्टाचार और 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को प्रतिबंधित करने के सरकारी फैसले के खिलाफ की थी। सरकार ने यह कार्रवाई इसलिए की थी क्योंकि ये प्लेटफॉर्म नई सरकारी निर्देशिकाओं के तहत आधिकारिक तौर पर पंजीकृत नहीं थे। कांतिपुर टीवी, नया पत्रिका और नेपालप्रेस के लिए घटनाओं को कवर कर रहे तीन पत्रकारों और एक स्वतंत्र पत्रकार को पुलिस द्वारा चलाई गई रबर की गोलियों से चोटें आईं।

रिपोर्टर विदाउट बॉर्डर की दक्षिण एशिया डेस्क की प्रमुख सेलीया मेर्सियर ने कहा, “सत्ता विरोधी विद्रोह के दौरान मीडिया संस्थानों को निशाना बनाने वाले ये हिंसक हमले अस्वीकार्य हैं। पुलिस हिंसा, जिसमें चार पत्रकार घायल हुए, वह भी उतनी ही निंदनीय है। संकट और अस्थिरता के समय सूचना देने और पाने के अधिकार की सुरक्षा करना पहले से कहीं अधिक आवश्यक है। RSF देश की नई अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की, राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल और सेना, जो वर्तमान में देश पर नियंत्रण रख रही है, से अपील करता है कि वे पत्रकारों की सुरक्षा की गारंटी दें। यह भी जरूरी है कि किसी भी भविष्य की सरकार की मान्यता के लिए प्रेस स्वतंत्रता को एक पूर्व शर्त बनाया जाए।”

जब दहक उठा काठमांडू 

राजधानी काठमांडू के थापाथली इलाके में कांतिपुर मीडिया ग्रुप, जो दैनिक कांतिपुर और उसकी ऑनलाइन वेबसाइट ekantipur.com का प्रकाशन करता है, के साथ ही उसी इमारत में स्थित 'द काठमांडू पोस्ट' के दफ्तर को भी उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया। कांतिपुर मीडिया ग्रुप के मालिक कैलाश सिरोहिया और अन्नपूर्णा मीडिया नेटवर्क समूह के मालिक रमेश्वर थापा के घरों में भी आग लगा दी गई।

टिंकुने इलाके में कांतिपुर टीवी, रेडियो कांतिपुर और दैनिक अन्नपूर्णा पोस्ट को भी निशाना बनाया गया और भारी नुकसान पहुंचाया गया। कांतिपुर टीवी के स्टूडियो में पत्रकार लाइव प्रसारण कर रहे थे, तभी प्रदर्शनकारियों ने न्यूजरूम पर धावा बोल दिया। न्यूज डायरेक्टर रूपेश श्रेष्ठ ने कर्मचारियों को बाहर निकालने के लिए कांच का दरवाजा तोड़ दिया, जबकि इमारत और बाहर खड़ी गाड़ियों में आग लग गई। हमलावरों ने रूपेश श्रेष्ठ और उनके सहयोगी पत्रकार अनील बोगाटी को पीटा। चैनल का पूरा इंफ्रास्ट्रक्चर नष्ट हो गया। एवेन्यूज टेलीविजन, ABC टेलीविजन और ITV नेपाल को भी बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचने के कारण प्रसारण बंद करना पड़ा।

अन्नपूर्णा पोस्ट के दफ्तर में प्रदर्शनकारियों ने कर्मचारियों को बाहर निकालने के बाद इमारत में आग लगा दी, जिससे दफ्तर खंडहर में बदल गया। काठमांडू स्थित माओवादी पत्रकार संगठन बाबरमहल प्रेस सेंटर में भी आग लगा दी गई और निजी वेबसाइट ThahaKhabar.com के दफ्तर में तोड़फोड़ की गई।

स्थानीय मीडिया पर भी हमले

देश के अन्य हिस्सों से भी ऐसे ही हमलों की खबरें आईं। बुटवल में 'न्यूज24 टीवी' और 'रेडियो जागरण' के वाहनों में आग लगा दी गई। कास्की जिले में रेडियो धोरबराही के कर्मचारियों की मोटरसाइकिलें जला दी गईं और प्रदर्शनकारियों ने Kendrabhag.com के एडिटर-इन-चीफ गोविंद सुवेदी का कैमरा तोड़ दिया, जब वे प्रदर्शन कवर कर रहे थे।

मधेश प्रांत के सरलाही जिले में 'मेरो शान' टीवी चैनल के पत्रकार राजीव साह को उस समय पीटा गया जब वे एक थाने में आगजनी की घटना को कवर कर रहे थे। बागमती प्रांत के चितवन जिले में SafalKhabar.com और 'दैनिक चुरे संदेश' के दफ्तरों को लूटा गया और आग लगा दी गई। 'कालिका एफएम' रेडियो के संचार उपकरण नष्ट कर दिए गए और 'कपुरबोट' मीडिया वेबसाइट के निदेशक संतोष देउजा के घर को लूटा गया और आग लगा दी गई। देश के पूर्वी हिस्से इलाम शहर में 'नेपालवाणी' एफएम रेडियो और दैनिक 'इलाम एक्सप्रेस' के दफ्तरों में भी तोड़फोड़ की गई।

मधेश प्रांत में ही सप्तरी जिले के फेडरेशन ऑफ नेपाली जर्नलिस्ट्स के दफ्तरों में भी प्रदर्शनों के दौरान तोड़फोड़ की गई।

8 सितंबर को, यानी दंगों की पूर्व संध्या पर, काठमांडू में भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को कवर करते समय चार पत्रकार पुलिस की कार्रवाई में घायल हो गए। 'कांतिपुर टीवी' के कैमरामैन श्याम श्रेष्ठ, 'नया पत्रिका' के फोटो पत्रकार दिपेन्द्र धुंगाना, 'नेपालप्रेस' के फोटो पत्रकार उमेश कार्की और स्वतंत्र पत्रकार शम्भु डंगाल को सुरक्षा बलों द्वारा दागी गई रबर की गोलियों से चोटें आईं। 'देशसंचार' की संवाददाता वर्षा शाह भी प्रदर्शन कवर करते समय पत्थर लगने से घायल हो गईं।

RSF की 2025 वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 180 देशों और क्षेत्रों में नेपाल 90वें स्थान पर है। मई 2025 में किए गए एक मिशन के दौरान RSF ने नेपाली अधिकारियों से प्रेस स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए ठोस और तत्काल कदम उठाने की अपील की थी। 

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e4m रियल-टाइम प्रोग्रामैटिक ऐडवर्टाइजिंग अवॉर्ड्स: पार्थो बनर्जी की अगुआई में जूरी मीट आज

e4m रियल-टाइम प्रोग्रामैटिक ऐडवर्टाइजिंग अवॉर्ड्स का चौथा संस्करण प्रोग्रामैटिक विज्ञापन में उत्कृष्टता का जश्न मनाने के लिए तैयार है।

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Published - Friday, 12 September, 2025
Last Modified:
Friday, 12 September, 2025
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e4m रियल-टाइम प्रोग्रामैटिक ऐडवर्टाइजिंग अवॉर्ड्स का चौथा संस्करण प्रोग्रामैटिक विज्ञापन में उत्कृष्टता का जश्न मनाने के लिए तैयार है। बहुप्रतीक्षित अवॉर्ड समारोह गुरुवार, 18 सितंबर को मुंबई में आयोजित होगा। भव्य अवॉर्ड नाइट से पहले, आज 12 सितंबर को वर्चुअल जूरी मीट आयोजित की जा रही है। इस वर्ष की जूरी की अध्यक्षता कर रहें हैं मारुति सुजुकी इंडिया में मार्केटिंग एंड सेल्स के सीनियर एग्जिक्यूटिव ऑफिसर पार्थो बनर्जी, जिन्हें इंडस्ट्री का बेहद गहरा अनुभव और इनोवेशन की समझ है।

जूरी मीट में ऐडवर्टाइजिंग, मार्केटिंग और प्रोग्रामैटिक इकोसिस्टम के कुछ बड़े दिग्गज एक साथ आएंगे ताकि विभिन्न कैटेगरीज में नामांकन का आकलन किया जा सके। इसका उद्देश्य निष्पक्षता, पारदर्शिता और रचनात्मकता व उत्कृष्टता की पहचान सुनिश्चित करना है। जूरी पैनल में इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स, ब्रैंड लीडर्स और थॉट-लीडर्स का विशिष्ट मिश्रण शामिल है, जो कई कैटेगरीज में प्रविष्टियों का मूल्यांकन कर मार्केटिंग में श्रेष्ठता का सम्मान करेंगे।

एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप द्वारा आयोजित, ये अवॉर्ड्स लगातार उन श्रेष्ठ इनोवेशंस, कैंपेंस और लीडर्स को पहचान देते आ रहे हैं, जो भारत में प्रोग्रामैटिक ऐड के भविष्य को आकार दे रहे हैं। जूरी मीट का फोकस उन कार्यों की पहचान पर रहेगा जो प्रभावशीलता, रचनात्मकता और प्रोग्रामैटिक रणनीतियों के माध्यम से मापने योग्य प्रभाव डालने की क्षमता के लिए अलग दिखाई देते हैं।

e4m रियल-टाइम प्रोग्रामैटिक ऐडवर्टाइजिंग अवॉर्ड्स का उद्देश्य ब्रैंड्स, एजेंसियों और व्यक्तियों को सम्मानित करना है, जो तेजी से विकसित हो रहे प्रोग्रामैटिक परिदृश्य में सीमाओं को आगे बढ़ा रहे हैं। बनर्जी के गाइडेंस में ये  अवॉर्ड्स एक मजबूत मानक स्थापित करेंगे। वर्चुअल जूरी मीट एक महत्वपूर्ण दिन है, जो रचनात्मकता, डेटा-आधारित रणनीतियों और प्रभावशाली अभियानों के शानदार उत्सव की नींव रखता है।

प्रतिष्ठित जूरी पैनल पर एक नजर: 

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सकाल मीडिया ग्रुप में इस बड़े पद पर जुड़े रुपेश मुतालिक व दिनेश ओक

साकाल मीडिया ग्रुप ने प्रिंट, डिजिटल और रीजनल मार्केट्स में अपने विस्तार के तहत दो वरिष्ठ अधिकारियों की नई नियुक्तियों की घोषणा की है।

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Published - Friday, 12 September, 2025
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Friday, 12 September, 2025
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साकाल मीडिया ग्रुप ने प्रिंट, डिजिटल और रीजनल मार्केट्स में अपने विस्तार के तहत दो वरिष्ठ अधिकारियों की नई नियुक्तियों की घोषणा की है। मीडिया इंडस्ट्री में बदलते हालात को देखते हुए सीईओ उदय जाधव अब अपनी मौजूदा भूमिका के साथ मीडिया कंपनियों का एकीकरण (consolidation), गैर-मीडिया कारोबार से कमाई, मर्जर-अधिग्रहण (M&A) के लिए कैपिटल पाइपलाइन बनाना और ट्रेजरी मैनेजमेंट (पैसों और निवेश का प्रबंधन) पर ध्यान देंगे। 

यह पुनर्गठन (restructuring) इसलिए किया जा रहा है ताकि यह साफ हो सके कि रेवेन्यू और ऑपरेशन्स की जिम्मेदारी किसके पास होगी। साथ ही, इससे सीईओ को रोजमर्रा के कामों में उलझने के बजाय कंपनी की बड़ी रणनीतियों और लंबे समय तक होने वाली ग्रोथ पर ध्यान देने का मौका मिलेगा। 

इस पुनर्निर्माण का उद्देश्य है:

  • राजस्व और संचालन की स्पष्ट जिम्मेदारी बनाना,

  • CEO को रणनीतिक विकास, साझेदारियों और नई पहलों पर ध्यान केंद्रित करने देना, और

  • पूरे संगठन में जवाबदेही और प्रतिभा विकास को मजबूत करना।

यह पुनर्गठन सुनिश्चित करेगा कि ऐसे लीडर हमारे व्यवसाय का नेतृत्व करें, जो राजस्व वृद्धि और संचालन उत्कृष्टता दोनों को आगे बढ़ाएं।

रुपेश मुतालिक – मुख्य राजस्व अधिकारी (CRO)

रुपेश अगस्त 2006 में साकाल से जुड़े और 2017 में दोबारा लौटे। वे विज्ञापन और मार्केटिंग में व्यापक अनुभव साथ लाए। 2023 में उन्हें पुणे यूनिट हेड नियुक्त किया गया, जहां उन्होंने क्षेत्र के लिए सफलतापूर्वक व्यवसायिक वृद्धि का नेतृत्व किया।

अपने नए CRO के रूप में, वे संगठन भर में सभी राजस्व उत्पन्न करने वाले कार्यों को आगे बढ़ाने और उनकी देखरेख के लिए जिम्मेदार होंगे, जिनमें शामिल हैं:

  • राष्ट्रीय, पुणे और शेष महाराष्ट्र के लिए प्रिंट विज्ञापन

  • डिजिटल सेल्स और अन्य राजस्व

  • इवेंट्स और एक्टिवेशन की योजना और क्रियान्वयन

  • नए मीडिया राजस्व स्रोत विकसित करने के लिए नए विचार उत्पन्न करना

  • समय पर वसूली पर ध्यान केंद्रित करना

  • शेड्यूलिंग और बैक ऑफिस संचालन को नियंत्रित करना

सभी यूनिट हेड्स और राजस्व कार्य अब राजस्व के मोर्चे पर रुपेश को रिपोर्ट करेंगे, जबकि अपनी प्रशासनिक रिपोर्टिंग CEO उदय जाधव को जारी रखेंगे। रुपेश मुतालिक सीधे CEO को रिपोर्ट करना जारी रखेंगे।

दिनेश ओक – संचालन एवं प्रौद्योगिकी प्रमुख

दिनेश ने 2000 में साकाल के साथ एक प्रशिक्षु इंजीनियर के रूप में अपनी यात्रा शुरू की। वर्षों में, अपनी प्रतिबद्धता और विशेषज्ञता के साथ, उन्होंने आधुनिक तकनीकों को समर्थन और लागू करने तथा परिचालन दक्षता को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है।

अपने नए संचालन एवं प्रौद्योगिकी प्रमुख के रूप में, वे निम्नलिखित कार्यों का नेतृत्व और देखरेख करेंगे:

  • भविष्य-तैयार प्रौद्योगिकियों को अपनाना

  • यूनिट संचालन दक्षता और लागत अनुकूलन

  • खरीद, उत्पादन और विद्युत संचालन

  • प्रसारण और सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी)

  • CPC, खरीद योजना और क्रियान्वयन

  • नई परियोजनाओं की योजना और क्रियान्वयन

ये सभी विभाग अब सीधे दिनेश को रिपोर्ट करेंगे, जो बदले में साकाल मीडिया ग्रुप के CEO उदय जाधव को रिपोर्ट करेंगे।

इस नई संरचना के साथ, राजस्व वृद्धि और परिचालन दक्षता का नेतृत्व दो केंद्रित नेताओं द्वारा किया जाएगा, जिससे समूह को और अधिक सुदृढ़ सामंजस्य बनाने, तेजी से विस्तार करने और अपनी दीर्घकालिक दृष्टि के साथ बेहतर सामंजस्य स्थापित करने में मदद मिलेगी। 

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‘सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया’ ने इस बड़े पद पर गौरव लघाटे को किया नियुक्त

अपनी इस भूमिका में गौरव लघाटे सीधे ‘SPNI’ के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ गौरव बनर्जी को रिपोर्ट करेंगे।

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Published - Thursday, 11 September, 2025
Last Modified:
Thursday, 11 September, 2025
Gaurav Laghate

‘सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया’ (SPNI) ने गौरव लघाटे को नया पीआर और कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस हेड नियुक्त किया है। उनकी यह नियुक्ति सितंबर 2025 से प्रभावी होगी।

IWM.BUZZ.com की रिपोर्ट के अनुसार, इस भूमिका में गौरव लघाटे सीधे ‘SPNI’ के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ गौरव बनर्जी को रिपोर्ट करेंगे। गौरव को पत्रकारिता में 17 साल से ज्यादा का अनुभव है।

इस नियुक्ति पर गौरव बनर्जी ने कहा, ‘गौरव को डोमेन की गहरी समझ और स्ट्रैटेजिक विजन हमारी लीडरशिप टीम के लिए बेहद मूल्यवान साबित होगा। पत्रकार से कम्युनिकेशन लीडर बनने का उनका अनुभव हमें अपनी कहानी गढ़ने और अलग-अलग स्टेकहोल्डर्स से जुड़ने में एक अनोखा नजरिया देगा। हम उन्हें अपनी टीम में शामिल करके उत्साहित हैं, क्योंकि हमारा लक्ष्य कंटेंट पावरहाउस के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत करना है।’

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वैश्विक स्तर पर छंटनी का बढ़ता संकट, भारत भी इसके चपेट में

दुनिया भर की अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर छंटनी अब एक आम हकीकत बनती जा रही है

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Published - Thursday, 11 September, 2025
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Thursday, 11 September, 2025
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अनुजा जैन, कॉरेस्पोंडेंट, एक्सचेंज4मीडिया ।।

दुनिया भर की अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर छंटनी अब एक आम हकीकत बनती जा रही है, जो यह संकेत देती है कि कंपनियां केवल भारत में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपने कर्मचारियों को प्रबंधित और पुनर्गठित करने के तरीकों में बड़े बदलाव कर रही हैं। अब छंटनी सिर्फ अस्थायी लागत कम करने का उपाय नहीं रह गई, बल्कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), ऑटोमेशन और कार्यकुशलता के दबाव के कारण दीर्घकालिक ढांचागत बदलाव का हिस्सा बन रही है।

कल्पना कीजिए कि आपको अचानक बिना एजेंडा के एक मीटिंग में बुलाया जाता है। वहां मैनेजर के साथ एक अनजान शख्स आता है और कुछ मिनटों में साफ हो जाता है कि आप 'वर्कफोर्स रिडक्शन' यानी छंटनी का हिस्सा हैं। हाल ही में माइक्रोसॉफ्ट के एक कर्मचारी ने ऐसी ही स्थिति का अनुभव साझा किया। यह कोई अकेली घटना नहीं, बल्कि व्यापक पैटर्न का हिस्सा है। 

सिएटल से लेकर बेंगलुरु तक बोर्डरूम और वीडियो कॉल्स में हजारों कर्मचारी यह जान रहे हैं कि उनका करियर मिनटों में बदल सकता है। जो शुरुआत में महामारी के बाद की अनिश्चितताओं से उपजी बिखरी हुई लागत-कटौती थी, अब वह एक बड़े पैमाने पर छंटनी की प्रवृत्ति में बदल चुकी है, जिसका असर भारत जैसे बाजारों पर भी गहरा पड़ा है। तकनीकी दिग्गजों और वित्तीय कंपनियों से लेकर उपभोक्ता ब्रांड्स और गेमिंग स्टार्टअप्स तक, नौकरी में कटौती रोजगार परिदृश्य को अभूतपूर्व स्तर पर बदल रही है।

वैश्विक तस्वीर: बड़े पैमाने पर छंटनी

दुनियाभर में छंटनी का पैमाना गंभीर तस्वीर पेश करता है। माइक्रोसॉफ्ट ने सबसे बड़ी छंटनियों में से एक की अगुवाई की, जिसमें 9,043 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया गया, साथ ही फ्रांस में अपनी वर्कफोर्स का 10% घटा दिया, क्योंकि कंपनी क्लाउड और AI दक्षता पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रही है। ओजेम्पिक दवा बनाने वाली दिग्गज फार्मा कंपनी नोवो नॉर्डिस्क ने 9,000 कर्मचारियों की छंटनी करके बाजार को चौंका दिया, यह दर्शाते हुए कि रणनीति में बदलाव स्वास्थ्य सेवा उद्योग में उत्पाद की सफलता पर भी भारी पड़ सकता है।

टेक इकोसिस्टम में भी कहानी कम नाटकीय नहीं रही। सेल्सफोर्स ने लगभग 4,400 नौकरियां घटाईं, वहीं ओरेकल ने वैश्विक स्तर पर लगभग 740 भूमिकाएं खत्म कीं और भारत में भी और कटौती की। इंटेल ने अमेरिका में 5,000 से अधिक पदों की छंटनी की, जबकि छोटे लेकिन प्रभावशाली फर्म जैसे स्केल AI (200 नौकरियां), सिस्को (300 से अधिक), लेनोवो (100+) और क्राउडस्ट्राइक (500) भी इस लहर में शामिल हो गए। यह दिखाता है कि स्थापित दिग्गज और नए खिलाड़ी दोनों ही तंग मार्जिन और भविष्य की अनिश्चितताओं से निपटने के लिए स्टाफ कम कर रहे हैं।

सोशल मीडिया सेक्टर भी अछूता नहीं रहा। जनवरी की मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मेटा प्लेटफॉर्म्स इस साल अपनी वैश्विक वर्कफोर्स का 5% घटाने की योजना बना रहा है, जिसमें असामान्य रणनीति अपनाई जा रही है- प्रदर्शन के आधार पर कर्मचारियों को निकालना और उसी समय नए कर्मचारियों को भर्ती करना। यह पुनर्गठन रणनीति इस बात पर जोर देती है कि प्रतिभा का पुनर्संरचना लागत बचत जितनी ही अहम है।

कभी अधिक भरोसेमंद माने जाने वाले पारंपरिक क्षेत्रों पर भी गंभीर असर पड़ा है। 2027 तक £100 मिलियन बचाने के लिए लग्जरी फैशन ब्रांड बर्बरी ने 1,700 नौकरियों (अपनी वर्कफोर्स का 18% से अधिक) की छंटनी का ऐलान किया, जबकि बोइंग ने नासा से संबंधित देरी के चलते अपने मून रॉकेट प्रोग्राम से जुड़ी 400 नौकरियों को खत्म किया।

उपभोक्ता-केन्द्रित व्यवसाय भी प्रभावित हुए। एडिडास ने जर्मनी में 500 नौकरियां घटाईं, कोटी ने 700 पदों को कम किया, और टंबलर की पेरेंट कंपनी ऑटोमैटिक ने अपनी वर्कफोर्स का 16% घटा दिया। कॉस्मेटिक्स इंडस्ट्री पर भी दबाव पड़ा। ब्रांड की मजबूत पहचान के बावजूद, एस्ते लॉडर ने अपने व्यवसाय का पुनर्गठन करने और अगले दो वर्षों में 5,800 से 7,000 नौकरियों को खत्म करने की योजना की घोषणा की।

बैंकिंग और एयरोस्पेस कंपनियां भी इस रुझान से अछूती नहीं रहीं। एक मीडिया स्रोत के अनुसार, ब्लैकरॉक ने 200 कर्मचारियों को निकाला, ब्लू ओरिजिन ने 1,000 से अधिक और जैक डोर्सी की वित्तीय कंपनी ब्लॉक ने लगभग 1,000 लोगों की छंटनी की। ये उदाहरण दर्शाते हैं कि यह छंटनी की लहर किसी एक उद्योग या क्षेत्र तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विश्वव्यापी पुनर्गठन है।

भारत में हालात: आर्थिक कारणों से आगे नीति का असर

भारत भी इस लहर से पूरी तरह अछूता नहीं रहा, हालांकि अपनी मजबूत आईटी और सेवाओं की संरचना के कारण आंशिक रूप से सुरक्षित रहा। देश का सबसे बड़ा आईटी नियोक्ता टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने जुलाई में 12,000 कर्मचारियों की छंटनी की, डिजिटल-फर्स्ट बिजनेस मॉडल्स के साथ अनुकूलन और ऑप्टिमाइजेशन का हवाला देते हुए। ओरेकल ने भारत में लगभग 2,800 कर्मचारियों (अपनी वर्कफोर्स का 10%) को गंवाया, जिसमें बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे जैसे प्रमुख शहर शामिल थे।

हालांकि, भारत की छंटनी कहानी में एक अलग मोड़ है- नीतिगत फैसलों की भूमिका। ऑनलाइन गेमिंग उद्योग, जिसे कभी विकास का इंजन कहा जाता था, सबसे अधिक प्रभावित हुआ। राजनीतिक जांच के बाद हेड डिजिटल वर्क्स (500 नौकरी कटौती), गेम्स24x7 (400 नौकरी कटौती) और मोबाइल प्रीमियर लीग (300 नौकरी कटौती) को बड़े पैमाने पर डाउनसाइजिंग करनी पड़ी। जहां वैश्विक कंपनियों में छंटनी AI अपनाने या आर्थिक मंदी के कारण हुई, वहीं यहां यह दिखाता है कि विधायी फैसले रोजगार पर कितनी तेज और गंभीर मार कर सकते हैं।

वैश्विक बनाम भारतीय पैमाना

हालांकि भारत में छंटनी की संख्या बहुराष्ट्रीय दिग्गजों जितनी बड़ी नहीं है, लेकिन असर काफ़ी अहम है, क्योंकि देश आईटी सेवाओं और उभरते उद्योगों का केंद्र है। भारत में सेक्टर-विशिष्ट छंटनियां माइक्रोसॉफ्ट (9,000+) और नोवो नॉर्डिस्क (9,000) जैसी वैश्विक कंपनियों की तुलना में छोटी हैं। फिर भी, हाल के महीनों में केवल आईटी और गेमिंग में ही भारत में 15,500 से अधिक छंटनियों की रिपोर्ट की गई। 2024 की PRICE रिपोर्ट के अनुसार, भारत की युवा आबादी 420 मिलियन से अधिक है, और इस पर आर्थिक बदलाव और नियामकीय असर गहराई से गूंजते हैं।

क्या संकेत मिलते हैं

छंटनी अल्पकालिक लागत कटौती से संरचनात्मक बदलाव की ओर बढ़ रही है, जिसे AI, ऑटोमेशन और दक्षता दबाव चला रहे हैं। उपभोक्ता सेक्टर में मांग कमजोर है, जबकि भारत में टैक्स और नियामकीय बदलाव असर को और गहरा करते हैं। इसका नतीजा कर्मचारियों के लिए अनिश्चितता और कंपनियों के लिए नवाचार, अनुपालन और भरोसे के बीच संतुलन की चुनौती है।

यह वैश्विक रुझान साफ़ तौर पर संकेत देता है कि छंटनी के कारण विविध हैं- तकनीकी प्रगति से लेकर आर्थिक परिस्थितियों और विधायी निर्णयों तक। यह जरूरी बनाता है कि कारोबारी नेता, हितधारक और नीति निर्माता इस पर ध्यान दें और इस संकट की बहुआयामी जड़ों को समझें। 

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कॉफ़ी टेबल बुक 'Harivansh’s Experiment with AD-Vocacy Journalism' का लोकार्पण

लोकार्पण समारोह में श्री हरिवंश ने अपनी टीम, और प्रबंधन सहयोगी के.के. गोयनका और आर.के. दत्ता को याद किया और उन युवा क्रिएटिव साथियों का आभार जताया जिन्होंने इन अभियानों को आकार दिया।

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Published - Thursday, 11 September, 2025
Last Modified:
Thursday, 11 September, 2025
harivansh

मीडियाई दुनिया के एक अनोखे प्रयोग, एडवोकेसी जर्नलिज़्म को दर्ज करती अनूठी कॉफ़ी टेबल बुक 'Harivansh’s Experiment with AD-Vocacy Journalism – From Ads to Action; From Words to Change' का आज मानव रचना यूनिवर्सिटी, फरीदाबाद में लोकार्पण हुआ।

इस किताब के लेखक ए.एस. रघुनाथ हैं। पुस्तक का विमोचन राज्यसभा के माननीय उपसभापति श्री हरिवंश जी ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के छात्र, मीडिया जगत से जुड़े लोग और नामचीन शिक्षाविद बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. संजय श्रीवास्तव, मीडिया स्टडीज़ की डीन डॉ. शिल्पी झा और BW बिज़नेसवर्ल्ड के चेयरमैन डॉ. अनुराग बत्रा ने इस अवसर पर मीडिया स्टूडेंट्स को सम्बोधित किया।

साथ ही देश के विज्ञापन जगत के कई वरिष्ठ क्रिएटिव डायरेक्टर्स अभिमन्यु मिश्रा, कृष्‍णेंदु दत्ता, अमिताभ नवल, करण प्रताप सिंह राघव, समरेंद्र उपाध्याय और मीडिया ब्रांड मार्केटिंग क्षेत्र के दिग्गज नवीन चौधरी, अनामिका नाथ तथा प्रभात खबर के सहयोगी भी शामिल हुए।

पुस्तक प्रभात खबर के उस असाधारण सफ़र को दर्ज करती है जब 1989 में लगभग बंद होने की कगार पर पहुँचा अख़बार, संपादक श्री हरिवंश के नेतृत्व में भारत के सबसे सम्मानित हिंदी दैनिकों में बदल गया। इस यात्रा की सबसे खास बात रही संपादकीय और विज्ञापन को जोड़ने का अनोखा प्रयोग।

भ्रष्टाचार, महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण और जनस्वास्थ्य जैसे मुद्दों पर अख़बार की मुहिम को खास विज्ञापन अभियानों से मजबूती दी गई। लोकार्पण समारोह में श्री हरिवंश ने अपनी टीम, और प्रबंधन सहयोगी के.के. गोयनका और आर.के. दत्ता को याद किया और उन युवा क्रिएटिव साथियों का आभार जताया जिन्होंने इन अभियानों को आकार दिया।

इस कार्यक्रम की प्रमुख झलकियां आप यहां देख सकते हैं।

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अब 'Times Now Navbharat' की स्क्रीन पर नजर आएंगी युवा पत्रकार प्रिया सिन्हा

मूल रूप से बिहार की रहने वाली प्रिया को ‘समाचार4मीडिया 40अंडर40’ के साथ ही ‘एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स’ (enba) से भी नवाजा जा चुका है।

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 10 September, 2025
Last Modified:
Wednesday, 10 September, 2025
Priya Sinha

हिंदी न्यूज चैनल ‘भारत 24’ (Bharat 24) में लगभग 2.5 साल तक बतौर एंकर अपनी जिम्मेदारी निभाने के बाद युवा पत्रकार प्रिया सिन्हा ने यहां अपनी पारी को विराम दे दिया है। प्रिया सिन्हा ने अब अपनी नई पारी की शुरुआत ‘टाइम्स नाउ नवभारत’ (Times Now Navbharat) के साथ की है। यहां उन्होंने बतौर एंकर जॉइन किया है।

अपनी खूबसूरत आवाज और गंभीर एंकरिंग के लिए पहचानी जाने वाली प्रिया सिन्हा को मीडिया में काम करने का करीब 12 साल का अनुभव है। ‘भारत 24’ में काम करने के दौरान उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई। इसी वजह से यहां उन्हें चैनल के टॉप चेहरों में शुमार किया गया।

प्रिया सिन्हा को ग्राउंड जीरो पर काम करने का भी अनुभव है। जी20 हो, बिहार का चमकी बुखार हो, बाढ़ हो या फिर चुनाव, प्रिया सिन्हा ने समय-समय पर अपने काम से दर्शकों का दिल जीता है। दर्शकों को बांधने की अनोखी कला प्रिया सिन्हा को खास बनाती है।

समाचार4मीडिया से बातचीत में प्रिया सिन्हा ने बताया कि ‘भारत 24’ में रहने के दौरान उन्होंने 20 से ज्यादा इवेंट्स का भी संचालन किया। ‘भारत 24’ से पहले प्रिया ‘जी न्यूज’, ‘इंडिया न्यूज’, ‘सहारा समय’, ‘अमर उजाला’, ‘भारत एक्सप्रेस’ और ‘फोकस न्यूज’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अपनी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं।

मूल रूप से बिहार की रहने वाली प्रिया को अब तक कई प्रतिष्ठित अवार्ड्स से भी नवाजा जा चुका है। इनमें ‘समाचार4मीडिया 40अंडर40’ के साथ ही ‘एक्सचेंज4मीडिया न्यूज ब्रॉडकास्टिंग अवॉर्ड्स’ (enba) भी शामिल है। प्रिया को मार्निंग प्राइम टाइम के लिए और बेस्ट इन डेप्थ बुलेटिन होस्ट करने के लिए वर्ष 2021 और 2022 में यह अवार्ड मिला। इसके अलावा उन्हें स्वामी विवेकानंद राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। समाचार4मीडिया की ओर से प्रिया सिन्हा को नई पारी के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।

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नेपाल हिंसा: भीड़ के हमले में ‘India TV’ के रिपोर्टर और कैमरामैन घायल

किसी तरह दोनों पत्रकार भीड़ के चंगुल से छूटकर अस्पताल पहुंचे, जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया। फिलहाल दोनों का आगे का स्वास्थ्य परीक्षण जारी है।

pankaj sharma by
Published - Wednesday, 10 September, 2025
Last Modified:
Wednesday, 10 September, 2025
Nepal Protest

नेपाल इस समय हिंसा और अराजकता की आग में जल रहा है। राजधानी काठमांडू समेत कई हिस्सों में भड़के विरोध-प्रदर्शन आगजनी और तोड़फोड़ में तब्दील हो चुके हैं। सरकारी इमारतों से लेकर निजी संपत्तियों तक पर प्रदर्शनकारियों का कहर बरप रहा है। इसी बीच कवरेज के लिए पहुंचे ‘इंडिया टीवी’ (India TV) के साउथ इंडिया एडिटर टी. राघवन और उनके कैमरामैन किरण कुमार पर भीड़ ने हमला कर दिया, जिसमें दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।

सूत्रों के मुताबिक, राघवन और किरण कुमार मंगलवार को काठमांडू पहुंचे थे। यहां से दोनों राष्ट्रपति भवन पहुंचे और लाइव रिपोर्टिंग शुरू कर दी। उस वक्त तक वहां कोई मीडिया नहीं पहुंच पाया था, अचानक एक शख्स के उकसावे में आकर भीड़ ने दोनों को घेर लिया और उनके साथ जमकर मारपीट की। यही नहीं, सारे इक्विपमेंट छीनकर उन्हें तोड़ दिया गया।

किसी तरह दोनों पत्रकार भीड़ के चंगुल से छूटकर अस्पताल पहुंचे, जहां उनका प्राथमिक उपचार किया गया। फिलहाल दोनों का आगे का स्वास्थ्य परीक्षण जारी है और भारतीय दूतावास के अधिकारी उन्हें हरसंभव मदद मुहैया करा रहे हैं।

नेपाला में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर हालात गंभीर होते जा रहे हैं। मंगलवार को ही प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू स्थित होटल हिल्टन को आग के हवाले कर दिया था। इस घटना में ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) के एग्जिक्यूटिव एडिटर जगविंदर पटियाल का पूरा सामान और अहम कागजात जलकर राख हो गए। हालांकि उस वक्त पटियाल अपने कैमरामैन के साथ फील्ड रिपोर्टिंग पर थे, जिससे उनकी जान बच गई।

यह भी पढ़ें: नेपाल सुलगा: आगजनी की चपेट में जगविंदर पटियाल का होटल भी आया, सारा सामान राख

गौरतलब है कि नेपाल में भड़की इस हिंसा में अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है और बड़ी संख्या में लोग घायल हैं। प्रदर्शनकारियों का आक्रोश इतना बढ़ चुका है कि वे सरकारी प्रतिष्ठानों से लेकर बड़े होटलों और पत्रकारों तक को निशाना बनाने से नहीं चूक रहे। ऐसे हालात में वहां मौजूद भारतीय पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर चिंता और गहरी हो गई है।

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WAVES के लिए 'प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट' नियुक्त करेगी प्रसार भारती, रखा ये लक्ष्य

प्रसार भारती ने आधिकारिक तौर पर एक निविदा (Request for Proposal – RFP) जारी की है, जिसके जरिए वह एक छोटी लेकिन विशेषज्ञ टीम यानी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) को नियुक्त करना चाहता है

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 10 September, 2025
Last Modified:
Wednesday, 10 September, 2025
Prasar Bharati988

प्रसार भारती ने आधिकारिक तौर पर एक निविदा (Request for Proposal – RFP) जारी की है, जिसके जरिए वह एक छोटी लेकिन विशेषज्ञ टीम यानी प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) को नियुक्त करना चाहता है, ताकि अपने WAVES OTT प्लेटफॉर्म की गति और विकास को तेज किया जा सके।

नवंबर 2024 में लॉन्च हुआ WAVES अब तक 38 लाख से अधिक डाउनलोड और 23 लाख से अधिक पंजीकरण पार कर चुका है। प्रस्तावित PMU से उम्मीद की जा रही है कि वह कंटेंट, मोनेटाइजेशन मॉडल, डिस्ट्रीब्यूशन पार्टनरशिप, मार्केटिंग रणनीतियां और एनालिटिक्स के जरिए प्लेटफॉर्म के लिए एक ग्रोथ प्लेबुक तैयार करेगा, ताकि रजिस्टर्ड यूजर्स का विस्तार किया जा सके।

सरकारी दस्तावेज में कहा गया, “WAVES को वैश्विक अग्रणी ओटीटी प्लेटफॉर्म्स में से एक बनाने और इसे राष्ट्र का सबसे पसंदीदा डिजिटल प्लेटफॉर्म स्थापित करने की महत्वाकांक्षा के साथ प्रसार भारती एक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (PMU) ऑनबोर्ड करने का प्रस्ताव रखता है।”

RFP में WAVES OTT के लिए महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किए गए हैं, जिसमें PMU को स्केल और स्थिरता का रणनीतिक चालक बताया गया है। ऑनबोर्डिंग के पहले साल के भीतर प्लेटफॉर्म से उम्मीद की गई है कि वह कंटेंट प्लानिंग, मार्केटिंग आउटरीच और प्लेटफॉर्म पार्टनरशिप्स के जरिए 1 करोड़ पंजीकृत उपयोगकर्ताओं का आंकड़ा पार कर लेगा। साथ ही, दीर्घकालिक वृद्धि के लिए रिटेंशन पहल, व्यक्तिगत अनुशंसाएँ और रेफरल-आधारित नए ग्राहकों को जोड़ने पर जोर रहेगा।

पब्लिक ब्रॉडकास्टर ने मासिक सक्रिय उपयोगकर्ताओं (Monthly Active Users - MAUs) को 70% बनाए रखने का लक्ष्य तय किया है, जिसके लिए लगातार जुड़ाव और नए कंटेंट की आपूर्ति की जाएगी। मोनेटाइजेशन के मोर्चे पर, WAVES का लक्ष्य पहले ही साल में विज्ञापन राजस्व में 5 गुना वृद्धि करना है और इसके बाद हर तिमाही में बढ़ोतरी सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित करना है कि नए आने वाले 80% कंटेंट वॉच टाइम, लाइक्स, शेयर और फीडबैक जैसे एंगेजमेंट मानकों पर खरे उतरें। परिचालन और वित्तीय स्थिरता दो साल के भीतर हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है, जो संसाधनों के कुशल उपयोग, विविधीकृत राजस्व स्रोतों, AVOD, SVOD, सिंडिकेशन, साझेदारियों और सुव्यवस्थित कंटेंट पाइपलाइनों के जरिए संभव होगा।

RFP में ब्रैंड पहचान मजबूत करने, ऑर्गेनिक ट्रैफिक और ऐप रेटिंग बढ़ाने, उन्नत एनालिटिक्स के साथ डेटा-आधारित प्रक्रियाओं को स्थापित करने और उच्च-प्रभाव वाले गठबंधनों को बनाने पर भी जोर दिया गया है। इनमें टेलीकॉम बंडलिंग, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और सरकारी पहुंच तक शामिल हैं। समावेशिता पर भी विशेष ध्यान दिया गया है, जिसके तहत बहुभाषी और सांस्कृतिक रूप से विविध कार्यक्रमों को शामिल कर प्रसार भारती की डिजिटल पहुंच पूरे देश में बढ़ाई जाएगी।

RFP में यह भी स्पष्ट किया गया है कि PMU हाइब्रिड मोड में काम करेगा, जिसमें जरूरत पड़ने पर प्रसार भारती में ऑन-साइट उपस्थिति शामिल होगी। प्रारंभिक अनुबंध अवधि दो साल की होगी, जिसे प्रदर्शन समीक्षा और प्रसार भारती की बदलती संगठनात्मक आवश्यकताओं के आधार पर एक साल के लिए बढ़ाया जा सकेगा। 

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नेपाल सुलगा: आगजनी की चपेट में जगविंदर पटियाल का होटल भी आया, सारा सामान राख

‘एबीपी न्यूज’ के एग्जिक्यूटिव एडिटर जगविंदर पटियाल इस होटल में ठहरे हुए थे। गनीमत रही कि जब आगजनी हुई, पटियाल फील्ड रिपोर्टिंग के लिए निकले हुए थे।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 09 September, 2025
Last Modified:
Tuesday, 09 September, 2025
Nepal Fire

नेपाल इस वक्त आग और आक्रोश से घिरा हुआ है। राजधानी काठमांडू समेत कई हिस्सों में भड़के विरोध प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है। जगह-जगह झड़पें, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं से हालात बेकाबू हैं। अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है और बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं। प्रदर्शनकारी गुस्से में सरकारी इमारतों से लेकर निजी संपत्तियों तक को निशाना बना रहे हैं।

इसी बीच प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार की सुबह काठमांडू स्थित उस होटल को भी आग के हवाले कर दिया, जिसमें कवरेज के लिए गए ‘एबीपी न्यूज’ (ABP News) के एग्जिक्यूटिव एडिटर और सीनियर एंकर जगविंदर पटियाल ठहरे हुए थे। गनीमत रही कि जिस दौरान यह घटना हुई, उस समय पटियाल अपने होटल में नहीं थे, वह कवरेज के लिए निकले हुए थे। हालांकि, इस आगजनी में उनका सारा सामान और पासपोर्ट समेत तमाम अहम कागजात जलकर राख हो गए। फिलहाल, पटियाल और उनके साथ कवरेज के लिए गए कैमरामैन ने दूसरे होटल में शिफ्ट कर लिया है।  

विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, जगविंदर पटियाल कवरेज के लिए सोमवार की रात अपने कैमरामैन के साथ नेपाल पहुंचे थे। वह यहां देर रात रिपोर्टिंग के बाद हिल्टन होटल में ठहरे हुए थे।

मंगलवार की सुबह पटियाल अपने कैमरामैन के साथ फिर कवरेज के लिए निकल गए। इस बीच राजधानी में हिंसा और तेज हो गई और प्रदर्शनकारियों ने तमाम प्रमुख इमारतों के साथ-साथ हिल्टन होटल को भी आग के हवाले कर दिया।

करीब 17-18 मंजिला यह होटल नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री और नेपाली कांग्रेस प्रमुख शेर बहादुर देउबा और उनके बेटे का बताया जाता है। ऐसे में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने इसे सीधे तौर पर निशाना बनाया।

बता दें कि जगविंदर पटियाल पत्रकारिता जगत का बड़ा नाम हैं। करीब 27 वर्षों के अनुभव के दौरान उन्होंने युद्धग्रस्त इलाकों, राजनीतिक संकट और प्राकृतिक आपदाओं से बेखौफ रिपोर्टिंग की है। उन्हें रामनाथ गोयनका पत्रकारिता पुरस्कार और बलराज साहनी राष्ट्रीय सम्मान जैसे प्रतिष्ठित सम्मान मिल चुके हैं।

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