भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शेयर बाजार में इनफ्लुएंसर और सोशल मीडिया की मदद से किए गए संगठित ‘पंप-एंड-डंप’ ऑपरेशन पर अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई की है।
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शेयर बाजार में इनफ्लुएंसर और सोशल मीडिया की मदद से किए गए संगठित ‘पंप-एंड-डंप’ ऑपरेशन पर अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई की है। यह मामला साधना ब्रॉडकास्ट लिमिटेड (अब क्रिस्टल बिजनेस सिस्टम लिमिटेड) से जुड़ा है।
SEBI ने 60 से अधिक व्यक्तियों और संस्थाओं को ₹58.01 करोड़ की अवैध कमाई ब्याज समेत लौटाने का आदेश दिया है। नियामक के मुताबिक यह सोशल मीडिया और इनफ्लुएंसर के जरिए निवेशकों को गुमराह कर शेयर भाव बढ़ाने और फिर मुनाफा वसूलने का एक ‘टेक्स्टबुक केस’ है।
अर्शद वारसी और परिवार पर प्रतिबंध, साजिश में सक्रिय भूमिका
एक्टर अर्शद वारसी, उनकी पत्नी मारिया गोरेटी और भाई अनवर वारसी को एक साल के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया है। SEBI ने इन तीनों को कुल ₹1.05 करोड़ की अवैध कमाई लौटाने और ₹5 लाख-₹5 लाख का जुर्माना भरने का आदेश दिया है। नियामक के अनुसार, इन तीनों ने कंपनी के बारे में झूठी जानकारी फैलाई जिससे शेयर का भाव तेजी से चढ़ा और फिर उन्होंने अपने शेयर ऊंचे दाम पर बेचकर मुनाफा कमाया।
5G लाइसेंस और अडानी डील की अफवाहें बनीं जाल
इस घोटाले की जड़ में यूट्यूब पर अपलोड किए गए पेड वीडियो और डिजिटल विज्ञापन थे, जिनमें साधना ब्रॉडकास्ट के बारे में झूठे दावे किए गए, जैसे कंपनी के पास 5G लाइसेंस है, अडानी ग्रुप उसका अधिग्रहण करने जा रहा है और उसने अमेरिका की किसी कंपनी से ₹1,100 करोड़ की डील फाइनल कर ली है।
इन वीडियो को आक्रामक तरीके से प्रचारित किया गया, जिससे हजारों खुदरा निवेशक झांसे में आ गए। जांच में सामने आया कि मार्च से नवंबर 2022 के बीच कंपनी के शेयरों में हुई कुल ट्रेडिंग का 45% हिस्सा आपस में जुड़े खातों के जरिए किया गया, जिससे शेयर भाव तेजी से बढ़ा और फिर घोटालेबाजों ने उसे ऊंचे दाम पर बेच दिया।
वारसी परिवार को पैसे देने की बातचीत के सबूत मिले
SEBI की जांच में खुलासा हुआ कि प्रमुख आरोपी मिश्रा सीधे तौर पर वारसी परिवार और अन्य लोगों से संपर्क में था और ट्रेडिंग की पूरी योजना उनके साथ मिलकर बनाई गई थी। कॉल रिकॉर्ड, मैसेज और फंड ट्रांसफर के जरिए यह पता चला कि वारसी परिवार को ₹25 लाख देने की बात भी हुई थी।
इस घोटाले से सबसे अधिक फायदा उठाने वालों में गौरव गुप्ता शामिल हैं जिन्हें ₹18.33 करोड़ का मुनाफा हुआ, जबकि साधना बायो ऑयल्स प्रा. लि. ने ₹9.41 करोड़ कमाए। SEBI ने दोनों को यह रकम लौटाने का आदेश दिया है। गुप्ता पर ₹2 करोड़ और मिश्रा पर ₹5 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। जतीन मनुभाई शाह को ₹1 करोड़ का दंड देना होगा। एक आईपीएस अधिकारी ने ‘कंसेट मैकेनिज्म’ के तहत मामला निपटाया।
SEBI ने नहीं मानी ‘भोले निवेशक’ वाली दलील
वारसी परिवार ने खुद को ‘भोला निवेशक’ बताकर मामले से बचने की कोशिश की, लेकिन SEBI ने उनके पक्ष को खारिज कर दिया। नियामक के मुताबिक, उनके पास पूरे सबूत हैं कि वारसी परिवार इस झूठी जानकारी के प्रचार में शामिल था और उन्हें लाभ भी हुआ।
डिजिटल फिनफ्लुएंसर पर शिकंजा कसता SEBI
यह कार्रवाई SEBI की उस मुहिम का हिस्सा है जिसमें अनधिकृत फाइनेंशियल इनफ्लुएंसर और भ्रामक प्रचार पर लगाम लगाने की कोशिश की जा रही है। हाल के महीनों में SEBI ने डिजिटल निवेश दुनिया में सख्त बदलाव किए हैं।
अब बिना पंजीकरण वाले फिनफ्लुएंसर न तो रियल टाइम डेटा शेयर कर सकते हैं और न ही निवेश पर अनुमानित रिटर्न दिखा सकते हैं। केवल तीन महीने पुराने आंकड़ों का ‘शैक्षणिक’ इस्तेमाल ही मान्य है। मेटा और गूगल जैसे प्लेटफॉर्म पर फाइनेंशियल ऐड चलाने के लिए अब SEBI-पंजीकृत कॉन्टैक्ट डिटेल्स अनिवार्य कर दी गई हैं।
इनफ्लुएंसर इकोनॉमी पर असर: डील्स में 45–60% की गिरावट
इन बदलावों का सीधा असर पड़ा है। इंडस्ट्री रिपोर्ट्स के मुताबिक फिनफ्लुएंसर ब्रांड डील्स में 45–60% की गिरावट आई है। कई ब्रांड्स ने इनफ्लुएंसर अभियानों पर फिलहाल रोक लगा दी है ताकि नियामक शिकंजे से बचा जा सके।
SEBI की सख्त कार्रवाई का सिलसिला जारी
साधना ब्रॉडकास्ट मामला SEBI की हाई-प्रोफाइल कार्रवाइयों की हालिया कड़ी है। फरवरी में SEBI ने ‘ओपिनियन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म’ को लेकर चेतावनी दी थी जो मार्केट पर सट्टेबाजी को बढ़ावा देते हैं। मार्च में सोशल मीडिया पर चलने वाले निवेश विज्ञापनों के लिए सत्यापन अनिवार्य किया गया।
हाल ही में मोहम्मद नासिरुद्दीन अंसारी (उर्फ “Baap of Chart”) पर ₹17.2 करोड़ का जुर्माना लगा और उन्हें बाजार गतिविधियों से बाहर कर दिया गया। एक और इनफ्लुएंसर रवींद्र बालू भारती को ₹12 करोड़ लौटाने का आदेश दिया गया, क्योंकि वह बिना पंजीकरण के 1000% तक रिटर्न का वादा करते हुए निवेश सलाह दे रहे थे।
गुमराह करने वाले विज्ञापनों पर भी नजर
विज्ञापन क्षेत्र पर भी नजर कड़ी की गई है। एडवरटाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया (ASCI) की रिपोर्ट बताती है कि 2024–25 में कुल उल्लंघनों में 43% हिस्सा ऑफशोर सट्टेबाजी विज्ञापनों का रहा, जबकि रियल एस्टेट ने 25% और इनफ्लुएंसर से जुड़ी शिकायतों ने 14% का योगदान दिया।
जैसे-जैसे सोशल मीडिया निवेश निर्णयों को प्रभावित करने में बड़ी भूमिका निभा रहा है, वैसे-वैसे नियामक अब इनफ्लुएंसर्स और कंपनियों से भी पारंपरिक वित्तीय संस्थाओं जैसे मानकों की अपेक्षा कर रहे हैं।
Zee एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) इस वक्त एक अहम मोड़ पर खड़ा है, जहां आज की शेयरधारकों की बैठक कंपनी की आने वाली दिशा और दशकों तक के संचालन की नींव तय कर सकती है।
Zee एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) इस वक्त एक अहम मोड़ पर खड़ा है, जहां आज की शेयरधारकों की बैठक कंपनी की आने वाली दिशा और दशकों तक के संचालन की नींव तय कर सकती है। इस बैठक में सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव है प्रमोटर संस्थाओं को 132 रुपये प्रति मूल्य पर 16.95 करोड़ कन्वर्टिबल वारंट्स जारी करने की मंजूरी देना, जिससे कंपनी को 2,237 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश प्राप्त होगा। यदि प्रस्ताव पारित होता है, तो प्रमोटरों की हिस्सेदारी बढ़कर 18.39% हो जाएगी।
हालांकि यह एक वित्तीय लेन-देन है, लेकिन असल में यह वोट Zee की दीर्घकालिक रणनीति और गवर्नेंस ट्रैक रिकॉर्ड को लेकर निवेशकों के भरोसे की परीक्षा भी है।
इस प्रस्ताव के मूल में Zee की यह महत्वाकांक्षा है कि वह तेजी से बदलते मीडिया परिदृश्य, खासकर JioStar जैसे उभरते दिग्गजों के मुकाबले, में खुद को मजबूत करे। कंपनी डिजिटल-फर्स्ट कंटेंट, तकनीकी इनोवेशन और वैश्विक विस्तार पर फोकस कर रही है और इसी के लिए वह अपना भविष्य फिर से गढ़ना चाहती है।
J.P. Morgan जैसे वैश्विक सलाहकारों के सहयोग से Zee के बोर्ड का मानना है कि यह पूंजी निवेश उसकी नई विकास योजना को गति देने के लिए जरूरी है। चेयरमैन आर. गोपालन ने इसे Zee को “भविष्य के लिए तैयार करने वाला एक अहम कदम” बताया है।
कंपनी पहले ही इस बदलाव की दिशा में कई कदम उठा चुकी है, जैसे नई सब्सिडियरी कंपनियों की स्थापना और संचालन को सुव्यवस्थित करना। लेकिन इस विजन को जमीन पर उतारने के लिए पूंजी की जरूरत है और यह प्रिफरेंशियल अलॉटमेंट उसी योजना का अहम हिस्सा है।
वैश्विक प्रॉक्सी एडवायजरी फर्म Glass Lewis ने इस प्रस्ताव के पक्ष में वोट देने की सिफारिश की है, जो कि सार्वजनिक पेंशन फंड्स, जैसे- CalSTRS, Florida SBA और CalPERS जैसे बड़े निवेशकों के समर्थन के चलते और अधिक असरदार हो गई है।
एक सीनियर इंडस्ट्री एक्सपर्ट के अनुसार, वैश्विक निवेशक इस कदम को Zee की बुनियादी मजबूती में भरोसे का संकेत मान रहे हैं, खासकर कंपनी की ऐसी कंटेंट रणनीति जो स्केलेबल, कॉस्ट-इफिशिएंट और अच्छे रिटर्न की क्षमता रखती है।
प्रमोटर समूह ने भी यह तर्क दिया है कि यह निवेश उनके दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है। गौर करने वाली बात यह है कि उन्होंने यह निवेश उस वक्त करने की इच्छा जताई जब शेयर का दाम 106.35 रुपये था, जो कि प्रस्तावित प्राइस 132 रुपये से काफी नीचे है।
लेकिन हर कोई इससे सहमत नहीं है। देश की प्रॉक्सी एडवायजरी फर्मों (InGovern Research और IiAS) ने शेयरधारकों से इस प्रस्ताव के खिलाफ वोट करने को कहा है।
इनकी आपत्तियां तीन प्रमुख बिंदुओं पर हैं: अल्पसंख्यक शेयरधारकों की हिस्सेदारी का कमजोर होना, फंड के इस्तेमाल को लेकर अस्पष्टता और प्रमोटरों की बढ़ती पकड़ से गवर्नेंस से जुड़ी समस्याओं की वापसी की आशंका।
हालांकि ये संस्थाएं Zee की रणनीतिक संभावनाओं को स्वीकार करती हैं, लेकिन उनका मानना है कि यह प्रस्ताव जिस तरह से पेश किया गया है, यानी प्रिफरेंशियल अलॉटमेंट के जरिए वह पारदर्शिता के मानकों पर सवाल उठाता है, खासकर Zee के जटिल गवर्नेंस इतिहास को देखते हुए।
InGovern ने अपनी टिप्पणी में खासतौर पर तीखी प्रतिक्रिया दी: “प्रमोटर की हिस्सेदारी को वारंट के जरिए बढ़ाना अल्पसंख्यक शेयरधारकों के हित में नहीं है।”
Zee एंटरटेनमेंट के टॉप 20 शेयरधारकों में घरेलू और वैश्विक निवेशकों का मिश्रण देखा जा सकता है। कनाडा स्थित Sprucegrove Investment Management Ltd के पास 5% हिस्सेदारी है, भारत की LIC के पास 4.63%, और नॉर्वे के Norges Bank के पास 3.95% हिस्सेदारी है। प्रमोटर से जुड़ी Essel Media के पास 3.45% शेयर हैं। अन्य प्रमुख भारतीय संस्थागत निवेशकों में ICICI प्रूडेंशियल (3.04%) और SBI लाइफ इंश्योरेंस (2.12%) शामिल हैं। कोटक महिंद्रा का 1.73% हिस्सा उसकी सिंगापुर शाखा के माध्यम से है। यह विविधता यह दिखाती है कि इस प्रस्ताव पर निवेशकों के दृष्टिकोण और प्राथमिकताएं भी विभिन्न होंगी।
एक इंडस्ट्री ऑब्जर्वर ने कहा, “भारतीय निवेशक अब भी Zee के पुराने गवर्नेंस मुद्दों से डरे हुए हैं, और उन्हें आशंका है कि प्रमोटरों का बढ़ता नियंत्रण भविष्य की पारदर्शिता को नुकसान पहुंचा सकता है।”
यह सिर्फ पूंजी जुटाने का मामला नहीं है। आज का निर्णय यह भी तय करेगा कि Zee को आगे कैसे संचालित किया जाएगा, और मीडिया कंपनियों में प्रमोटर की भागीदारी को लेकर निवेशकों की धारणा कैसी बनेगी।
यदि यह प्रस्ताव पास होता है, तो Zee को अपने बदलाव के एजेंडा को आक्रामक ढंग से आगे बढ़ाने की ताकत मिल सकती है। लेकिन यदि प्रस्ताव गिरता है, तो बोर्ड को वैकल्पिक फंडिंग स्रोत तलाशने होंगे और यह प्रक्रिया कंपनी की गति को धीमा कर सकती है, जबकि आज के दौर में तेजी से निर्णय लेना जरूरी है।
पूर्व में वह ‘वायकॉम18 (Viacom 18) और ‘टैम मीडिया रिसर्च’ (TAM Media Research) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ काम कर चुके हैं।
विकास बोनी ने ग्लोबल एनीमे स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ‘Crunchyroll’ के साथ अपनी नई पारी की शुरुआत की है। उन्होंने यहां सीनियर डायरेक्टर और इंडिया लीड-ग्लोबल डिस्ट्रीब्यूशन एंड पार्टनरशिप्स के पद पर जॉइन किया है।
अपनी नई भूमिका के बारे में उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘लिंक्डइन’ (LinkedIn) पर खुद यह जानकारी शेयर की है। अपनी लिंक्डइन पोस्ट में उन्होंने लिखा है, ‘फैन्डम कोई ट्रेंड नहीं, बल्कि कहानी कहने यानी स्टोरीटैलिंग का भविष्य है और Crunchyroll इस केंद्र में है। आज जब ज़्यादातर प्लेटफॉर्म हर किसी के लिए कुछ न कुछ बनने की कोशिश कर रहे हैं, Crunchyroll पूरी स्पष्टता के साथ सिर्फ एनीमे प्रेमियों के लिए सब कुछ बनने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। इस तरह की सोच दुर्लभ भी है और असरदार भी।’
इसके साथ ही उन्होंने लिखा है, ‘Crunchyroll’ के अगले चरण की अगुवाई करने को लेकर उत्साहित हूं। एक ऐसी यात्रा, जो उद्देश्य के साथ हो, एनीमे के लिए प्यार के साथ हो और कम्युनिटी के प्रति गहरी सम्मान भावना के साथ हो।’
बता दें कि विकास बोनी इससे पहले ‘starsnstripes’ में बिजनेस हेड और सीओओ के पद पर कार्यरत थे। उनका मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में अनुभव काफी विविधतापूर्ण रहा है। पूर्व में वह ‘वायकॉम18 (Viacom 18) और ‘टैम मीडिया रिसर्च’ (TAM Media Research) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ काम कर चुके हैं।
पंजाबी मीडिया के जाने-माने चेहरे और वरिष्ठ पत्रकार पंकज कपाही ने ‘न्यूज18’ (News18) को अलविदा कह दिया है। यहां वह असिस्टेंट न्यूज एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
पंजाबी मीडिया के जाने-माने चेहरे और वरिष्ठ पत्रकार पंकज कपाही ने ‘न्यूज18’ (News18) को अलविदा कह दिया है। यहां वह असिस्टेंट न्यूज एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
पंकज कपाही ने अब अपनी नई पारी की शुरुआत ‘लिविंग इंडिया न्यूज’ (Living India News) के साथ की है। उन्होंने यहां पर बतौर पॉलिटिकल एडिटर जॉइन किया है।
पंकज कपाही को मीडिया में काम करने का काफी अनुभव है। समाचार4मीडिया से बातचीत में पंकज कपाही ने बताया कि वर्ष 2010 से 2017 तक वह दिल्ली में ‘जी मीडिया’ (Zee Media) से जुड़े रहे। इस दौरान उन्होंने दिल्ली में रहकर पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश की सियासी गतिविधियों के साथ-साथ संसद और केंद्र सरकार की इन राज्यों से जुड़ी रिपोर्टिंग की।
वर्ष 2017 में उन्होंने दिल्ली में ‘न्यूज18’ जॉइन किया और वर्ष 2020 से चंडीगढ़ में इस चैनल के साथ पंजाब सरकार से संबंधित कई बड़ी खबरों की कवरेज की। उन्होंने किसान आंदोलन, दिल्ली दंगे, और कोविड-19 जैसी घटनाओं की ग्राउंड ज़ीरो से रिपोर्टिंग की।
अपने अब तक के करियर में वह वर्ष 2012, 2017 और 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव और वर्ष 2014, 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों की विस्तृत और जमीनी कवरेज कर चुके हैं। इसके साथ ही राजनीति के मैदान में पंकज कपाही ने राहुल गांधी, मुख्यमंत्री भगवंत मान, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, प्रकाश सिंह बादल, चरणजीत सिंह चन्नी जैसे कई दिग्गज नेताओं के इंटरव्यू भी किए हैं।
'लिविंग इंडिया न्यूज' के सीईओ और मैनेजिंग एडिटर दिनेश शर्मा का कहना है, ‘हम पंकज कपाही का अपनी टीम में स्वागत करते हुए उत्साहित हैं। उनकी रिपोर्टिंग की गहराई और राजनीतिक समझ हमारे कंटेंट को और अधिक धार देगी। हमें विश्वास है कि उनके साथ मिलकर हम प्रभावी पत्रकारिता को आगे बढ़ाएंगे।’
बता दें कि मूल रूप से जालंधर के रहने वाले पंकज कपाही ने दोआबा कॉलेज से पढ़ाई की है। इसके अलावा उन्होंने जालंधर के मेहर चंद पॉलीटेक्निक कॉलेज से डिप्लोमा किया है। समाचार4मीडिया की ओर से पंकज कपाही को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
WestBridge Capital’ में शामिल होने से पहले वह ‘एमेजॉन’ की कम्युनिकेशंस टीम का हिस्सा थीं, जहां उन्होंने एमेजॉन प्राइम और एमेजॉन पे के लिए प्रमुख कंज्यूमर कैंपेन का नेतृत्व किया था।
प्रमुख निवेश कंपनी ‘वेस्टब्रिज कैपिटल’ (WestBridge Capital) ने नौशी अहमद को अपनी कम्युनिकेशंस और पब्लिक रिलेशंस हेड के रूप में नियुक्त किया है। इस नई भूमिका में नौशी वेस्टब्रिज की ब्रैंड पोजिशनिंग और मीडिया से जुड़ाव जैसी प्रमुख पहलों का नेतृत्व करेंगी।
इसके अलावा एक विश्वसनीय कम्युनिकेशन एडवाइजर के रूप में वह फर्म की महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो कंपनियों के साथ भी करीबी सहयोग में काम करेंगी। उनका फोकस इन कंपनियों के लिए प्रभावशाली नैरेटिव तैयार करने और ब्रैंड की प्रतिष्ठा को सुदृढ़ करने पर होगा
नौशी अहमद को कॉर्पोरेट और एजेंसी जगत में 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उन्होंने टेक्नोलॉजी, टेलीकॉम और कंज़्यूमर सेक्टर्स की कई प्रतिष्ठित ग्लोबल कंपनियों के साथ काम किया है और उनकी कम्युनिकेशन रणनीतियों का नेतृत्व किया है।
‘वेस्टब्रिज’ से जुड़ने से पहले नौशी ‘एमेजॉन’ की कम्युनिकेशन टीम का हिस्सा थीं, जहां उन्होंने ‘Amazon Prime’ और ‘Amazon Pay’ के लिए प्रमुख कंज्यूमर कैंपेन की अगुवाई की। इससे पहले वह ‘Genpact’ में इंटरनल कम्युनिकेशन और एम्प्लॉयर ब्रैंडिंग की प्रमुख रही हैं। साथ ही उन्होंने ‘Burson’ और ‘MSL’ जैसी ग्लोबल पीआर एजेंसियों में सीनियर लीडरशिप की भूमिका भी निभाई है।
WPP मीडिया साउथ एशिया में हुए व्यापक पुनर्गठन को मार्केटिंग और मीडिया जगत के कई विशेषज्ञ भविष्य की दिशा में एक अहम 'रीसेट' के रूप में देख रहे हैं।
WPP मीडिया साउथ एशिया में हुए व्यापक पुनर्गठन को मार्केटिंग और मीडिया जगत के कई विशेषज्ञ भविष्य की दिशा में एक अहम 'रीसेट' के रूप में देख रहे हैं। यह बदलाव वैश्विक स्तर पर GroupM से एकीकृत WPP Media इकाई की ओर संक्रमण का हिस्सा है, जिसे मीडिया प्लानिंग, खरीद और ऑप्टिमाइजेशन की पूरी प्रक्रिया को फिर से परिभाषित करने वाला कदम माना जा रहा है।
हालांकि इसका पूर्ण प्रभाव आने वाले समय में स्पष्ट होगा, लेकिन शुरुआती प्रतिक्रियाएं बताती हैं कि एकीकृत सोच, डेटा-आधारित प्लानिंग और एआई-संचालित समाधान की प्राथमिकता वाला यह नया ढांचा आधुनिक ब्रैंड्स की बदलती अपेक्षाओं के अनुरूप है।
क्लाइंट-केंद्रित विजन पर आधारित है नया ढांचा
एक्सचेंज4मीडिया द्वारा देखे गए आंतरिक संवाद के अनुसार, इस पुनर्गठन का मूल आधार क्लाइंट्स पर प्रभाव है। भारत और श्रीलंका के प्रमुख प्रसंत कुमार (PK) के संदेश में इस ढांचे को दिशा देने वाला मूल प्रश्न है- “क्या यह बदलाव हमारे क्लाइंट के लिए कोई ठोस असर पैदा करता है?”
इसी संदर्भ में KRBL के हेड ऑफ मार्केटिंग और मॉडर्न ट्रेड व ई-कॉमर्स बिजनेस हेड कुणाल शर्मा ने कहा कि यह कदम पारंपरिक और ‘साइलो’ वाले मीडिया प्लानिंग मॉडल से अलग सोच की ओर संकेत करता है। उन्होंने कहा, “वो दौर अब बीत चुका है जब मीडिया प्लान सिर्फ टीवी के इर्द-गिर्द बनते थे। आज की प्लानिंग डिजिटल से लेकर चैनल कॉमर्स तक फैली होती है। एकीकृत WPP मीडिया ढांचा बाजारियों के लिए न केवल ऑपरेशंस को सरल बना सकता है, बल्कि डेटा से मिले गहरे इनसाइट्स और व्यापक दृष्टिकोण के जरिए मीडिया निवेश को बेहतर समझने का अवसर देता है।”
हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि इसका असली असर तभी दिखाई देगा जब नई संरचना अगले छह महीनों में स्थिर हो जाएगी।
स्पेशलाइज्ड जिम्मेदारियों के साथ नया नेतृत्व पैनल
इस विजन को जमीन पर उतारने के लिए WPP मीडिया साउथ एशिया ने नेतृत्व में बड़े बदलाव किए हैं। अब चार प्रेजिडेंट्स- अजय गुप्ते, पृथी मूर्ति, अमीन लखानी और नवीन खेमका -President, Client Solutions, WPP Media South Asia के एकीकृत पदनाम के तहत अलग-अलग क्लाइंट पोर्टफोलियो का नेतृत्व करेंगे। इनका साझा उद्देश्य है- क्लाइंट की जरूरतों को केंद्र में रखकर टीमों के बीच चुस्ती, स्पष्टता और सटीकता सुनिश्चित करना।
इसके अतिरिक्त, विशाल जैकब President, Choreograph के रूप में WPP Open प्लेटफॉर्म को स्केल करने और 200 से अधिक क्लाइंटों के लिए डेटा-संचालित इंटेलिजेंस को आगे बढ़ाने का जिम्मा संभालेंगे। वहीं, उपाली नाग President-Strategy के रूप में डोमेन विशेषज्ञता और प्रभावशाली ब्रैंड स्टोरीटेलिंग के समन्वय पर ध्यान देंगी। प्रेसीड प्रसाद President, Growth & Marketing के तौर पर नए बिजनेस और ब्रैंड विस्तार को गति देंगे, विशेषकर उभरते सेक्टर्स में।
यह स्पष्ट रूप से परिभाषित नेतृत्व संरचना WPP मीडिया के उस संकल्प को दर्शाती है, जिसके तहत वह एक समन्वित, डेटा-समृद्ध और भविष्य-तैयार मीडिया इकोसिस्टम खड़ा करना चाहता है।
मीडिया इंडस्ट्री से मिल रहा सकारात्मक फीडबैक
WPP मीडिया की यह नई संरचना इंडस्ट्री में भी सकारात्मक प्रतिक्रिया पा रही है। जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (ZEEL) के एडवर्टाइजमेंट रेवेन्यू के चीफ ग्रोथ ऑफिसर आशीष सहगल ने इसे ऐसा बदलाव बताया जो मीडिया ओनर्स के लिए सहयोग की प्रक्रिया को सरल बनाता है। उन्होंने कहा, “पहले विभिन्न एजेंसी टीमों से अलग-अलग वर्टिकल्स में संवाद करना समय लेने वाला काम होता था। अब एकीकृत नेतृत्व और स्पष्ट क्लाइंट सोल्यूशन लीड्स के साथ प्रक्रिया काफी सुव्यवस्थित हो गई है।”
सहगल के अनुसार यह ढांचा न केवल बाजार तक पहुंचने की गति बढ़ाता है, बल्कि यह मीडिया विक्रेताओं को जरूरत के अनुसार पिच तैयार करने की बेहतर सुविधा देता है, चाहे वह एक सिंगल चैनल सेल हो या फिर टीवी, डिजिटल, इन्फ्लुएंसर और ओटीटी जैसे मल्टी-प्लैटफॉर्म समाधान।
हालांकि उन्होंने यह चेताया कि इनोवेशन और प्रीमियम इंगेजमेंट की कीमत को सिर्फ CPM या CPRP गणनाओं में सीमित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारी ओर से भी समाधान तैयार करने में रचनात्मकता और मेहनत लगती है, और उसे उसी के अनुरूप वैल्यू मिलनी चाहिए।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि अब जब विशाल जैकब जैसे लीडर एआई और इनोवेशन की कमान संभाल रहे हैं, तो यह ढांचा डेटा, क्रिएटिविटी और कस्टमाइजेशन के जरिए और भी सार्थक साझेदारियां करने का रास्ता खोलता है।
तेजी से बदलते दौर में एक सार्थक बदलाव
एक प्रमुख क्विक कॉमर्स सेवा के मार्केटिंग हेड, जिन्होंने नाम न छापने का अनुरोध किया, ने भी इस दिशा में सहमति जताई। “WPP मीडिया का एकीकृत और क्षमताओं पर आधारित नेतृत्व मॉडल आज के दौर की जरूरत है। हमारे जैसे बाजारियों के लिए यह न केवल अधिक चुस्त बल्कि इनसाइट-समृद्ध प्लानिंग को दर्शाता है, जहां क्रिएटिविटी, डेटा और क्रियान्वयन एकसाथ काम करते हैं। यह बदलाव मीडिया ब्रीफ से आगे जाकर असली बिजनेस समस्याओं के समाधान की ओर बढ़ता है।”
PK ने अपने आंतरिक नोट में कहा, “हमारी मंशा स्पष्ट है और साझा प्रतिबद्धता मजबूत। मुझे विश्वास है कि हम एक बड़े परिवर्तन के मुहाने पर खड़े हैं।”
हालांकि यह स्पष्ट है कि इस पुनर्गठन के पीछे इरादा और महत्वाकांक्षा मजबूत है, लेकिन असली कसौटी इसकी क्रियान्वयन क्षमता होगी। वैसे क्या यह एकीकृत मॉडल वास्तव में ब्रैंड्स के लिए बेहतर परिणाम और दीर्घकालिक मूल्य पैदा कर पाएगा? इसका जवाब समय ही देगा।
सन टीवी नेटवर्क के चेयरमैन कलानिधि मारन और उनके छोटे भाई, डीएमके सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन के बीच वर्षों पुराना पारिवारिक विवाद अब सुलझता दिख रहा है।
सन टीवी नेटवर्क के चेयरमैन कलानिधि मारन और उनके छोटे भाई, डीएमके सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री दयानिधि मारन के बीच वर्षों पुराना पारिवारिक विवाद अब सुलझता दिख रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, जो मारन बंधुओं के चचेरे भाई भी हैं, की मध्यस्थता से दोनों भाइयों के बीच सुलह की प्रक्रिया शुरू हुई है।
जानकारों के लिए यह तथ्य उल्लेखनीय है कि मारन बंधु दिवंगत डीएमके प्रमुख और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि के भतीजे हैं। 'मनीकंट्रोल' को सूत्रों ने बताया कि हाल ही में सीएम स्टालिन की मौजूदगी में दोनों भाइयों के बीच एक निजी मुलाकात हुई। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन और उनकी बहन अन्बुकरासी भी मौजूद रहीं।
हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इस सुलह का स्वरूप वित्तीय समझौते का हिस्सा है या कारोबार से जुड़ी संपत्तियों के विभाजन का, लेकिन इतना जरूर है कि यह घटनाक्रम इस गहरे व्यक्तिगत और हाई-स्टेक विवाद में एक निर्णायक मोड़ की ओर इशारा करता है।
यह संभावित मेल-मिलाप ऐसे समय पर सामने आया है जब बीते जून में दयानिधि मारन ने अपने बड़े भाई कलानिधि मारन को एक कानूनी नोटिस भेजा था। इस नोटिस में उन्होंने वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगाए थे, जिनमें कुप्रबंधन, धोखाधड़ी और संभावित मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप शामिल थे। ये सभी आरोप सन टीवी के स्वामित्व और शेयरहोल्डिंग से जुड़े थे, खासकर 2003 में उनके पिता मुरासोली मारन के निधन के बाद की स्थिति को लेकर। दयानिधि का कहना था कि उनके पिता ने कोई वसीयत नहीं छोड़ी थी और इसलिए कंपनी की स्वामित्व संरचना को उसी स्थिति में लौटाया जाना चाहिए जैसी वह उस समय थी।
जैसे ही यह विवाद सार्वजनिक हुआ, मीडिया और शेयर बाजार की नजर इस पर टिक गई। दयानिधि ने यह चेतावनी भी दी थी कि इस मामले की जांच SEBI, RBI, ED, SFIO और कंपनी रजिस्ट्रार जैसी नियामक एजेंसियां कर सकती हैं। विवाद की खबर आते ही सन टीवी के शेयरों में जोरदार गिरावट आई और शुरुआती कारोबार में ही कंपनी के शेयर 5 फीसदी से अधिक टूट गए।
इस पूरी स्थिति में यदि सुलह की दिशा में कोई ठोस प्रगति होती है, तो यह न सिर्फ मारन परिवार के लिए बल्कि सन टीवी नेटवर्क के कारोबार और निवेशकों के लिए भी एक सकारात्मक संकेत होगा।
बतौर मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) विशन हरदासानी WPP मीडिया साउथ एशिया में वित्तीय गवर्नेंस और अनुपालन (Compliance) की दिशा में मार्गदर्शन करेंगे।
WPP मीडिया साउथ एशिया ने अपनी लीडरशिप टीम में बड़ा बदलाव करते हुए नई टीम की घोषणा की है। इस रणनीतिक पहल का उद्देश्य क्षेत्र में इनोवेशन को बढ़ावा देना और मार्केटिंग के ठोस व मापनीय परिणाम सुनिश्चित करना है।
इस बदलाव के तहत विशन हरदासानी को एग्जिक्यूटिव कमेटी में शामिल किया गया है। बतौर मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) विशन हरदासानी WPP मीडिया साउथ एशिया में वित्तीय गवर्नेंस और अनुपालन (Compliance) की दिशा में मार्गदर्शन करेंगे।
मुख्य वित्तीय अधिकारी के तौर पर विशन हरदासानी अब WPP मीडिया साउथ एशिया के ट्रांसफॉर्मेशन में रणनीतिक और संचालन से जुड़ी वित्तीय भूमिका निभा रहे हैं। 2016 से वे ग्रुपएम (GroupM) के साउथ एशिया CFO के रूप में कार्यरत हैं और इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में वित्तीय और कानूनी ढांचे को मजबूती से संभाला है। उनके नेतृत्व में क्लाइंट ऑपरेशंस और बैकएंड आर्किटेक्चर में कई अहम बदलाव हुए हैं।
विशन हरदासानी को मीडिया और एडवर्टाइजिंग इंडस्ट्री में दो दशक से भी ज्यादा का अनुभव है। वर्ष 2016 में उन्होंने ग्रुपएम इंडिया के CFO के रूप में जिम्मेदारी संभाली थी। वर्तमान में वे पूरे साउथ एशिया में संगठन के वित्तीय और कानूनी मामलों का नेतृत्व कर रहे हैं। वे बैकएंड और क्लाइंट-फेसिंग दोनों मोर्चों पर भविष्य के लिए बदलाव ला रहे हैं और संगठन के CEO के साथ मिलकर रणनीतिक योजनाओं में भाग ले रहे हैं।
अपने करियर के दौरान हरदासानी ने कॉन्डे नास्ट इंडिया, KPMG एडवाइजरी और मैककैन एरिक्सन जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों में काम किया है। उनका अनुभव बजटिंग, अनुपालन, रिस्क गर्वनेंस और कैपिटल स्ट्रैटेजी जैसे प्रमुख क्षेत्रों तक फैला हुआ है।
इसी रणनीतिक बदलाव के तहत अब WPP Media South Asia में एक नई लीडरशिप टीम सामने आयी है, जिसमें एग्जिक्यूटिव कमेटी (ExCo) और WPP Media Leadership Council (WLC) शामिल हैं।
WPP ने अपने वैश्विक मीडिया ऑपरेशंस में व्यापक पुनर्गठन की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य बाजारों के बीच गहराई से एकीकरण स्थापित करना और AI आधारित समाधानों को आगे बढ़ाना है। इसी रणनीतिक बदलाव के तहत अब WPP Media South Asia में एक नई लीडरशिप टीम सामने आयी है, जिसमें एग्जिक्यूटिव कमेटी (ExCo) और WPP Media Leadership Council (WLC) शामिल हैं।
इस नई लीडरशिप टीम में, भारत और श्रीलंका के प्रमुख प्रशांत कुमार (PK) के साथ करीबी भागीदारी निभाएंगे विशाल जैकब, जो अब तक GroupM India में AI ट्रांसफॉर्मेशन के प्रमुख रहे हैं।
विशाल जैकब वर्तमान में Choreograph India के प्रमुख हैं, जो WPP Media का डेटा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉल्यूशन्स वाला अंग है। वह पूरे क्षेत्र की डिजिटल दिशा तय करने में जुटे हैं और क्लाइंट्स के लिए डेटा आधारित स्मार्ट प्लेटफॉर्म्स बनाकर उन्हें बड़े पैमाने पर सफलतापूर्वक लागू कर रहे हैं।
GroupM में करीब 20 वर्षों की लंबी पारी में विशाल जैकब ने ऑटोमोबाइल, एफएमसीजी, टेलीकॉम और रिटेल जैसे विविध उद्योगों में डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन की अगुवाई की है। वह पहले Wavemaker में Chief Transformation Officer रह चुके हैं, जहां उन्होंने Paid, Owned और Earned मीडिया को मिलाकर एक ऐसा Connected Ecosystem तैयार किया जो क्लाइंट्स के लिए वास्तविक व्यावसायिक मूल्य उत्पन्न करता था।
विशाल ने अपने डिजिटल करियर की शुरुआत 2005 में GroupM के साथ की थी। तब से वह विभिन्न इंडस्ट्रीज के क्लाइंट्स के साथ मिलकर काम करते रहे हैं और उनके डिजिटल ट्रांजिशन को रणनीतिक दृष्टिकोण से दिशा दी है, इसमें टेक्नोलॉजी, मीडिया और डेटा को एक साथ जोड़ते हुए ब्रैंड्स के लिए बेहतर परिणाम लाने की सोच रही है।
अब, जब WPP Media South Asia एक AI-प्रेरित मीडिया नेटवर्क के रूप में खुद को स्थापित करने की ओर बढ़ रहा है, तो विशाल जैकब की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है। उनकी विशेषज्ञता, दीर्घकालिक विजन और डिजिटल नेतृत्व इस परिवर्तन को मजबूती देने वाले अहम स्तंभ बनेंगे।
इस नियुक्ति के साथ WPP Media South Asia यह स्पष्ट संकेत दे रहा है कि भविष्य की मीडिया रणनीति अब केवल प्लानिंग और बाइंग पर केंद्रित नहीं होगी, बल्कि AI, डेटा और इंटीग्रेशन की शक्ति से संचालित होगी, जिसके केंद्र में होंगे विशाल जैकब।
साउथ एशिया के लिए नया लीडरशिप स्ट्रक्चर तैयार किया गया है और इसी के तहत प्रसीद प्रसाद (Praseed Prasad) को एग्जिक्यूटिव कमेटी में शामिल किया गया है।
WPP ने GroupM से अपने मीडिया ऑपरेशंस को पूरी तरह ट्रांजिशन करते हुए अब इसे औपचारिक रूप से WPP Media South Asia के रूप में स्थापित कर दिया है। इस बदलाव के तहत साउथ एशिया के लिए नया लीडरशिप स्ट्रक्चर तैयार किया गया है और इसी के तहत प्रसीद प्रसाद (Praseed Prasad) को एग्जिक्यूटिव कमेटी में शामिल किया गया है।
Praseed Prasad को President – Growth & Marketing की भूमिका सौंपी गई है। इस दोहरी भूमिका में वे WPP Media South Asia के Chief Growth Officer और Chief Marketing Officer (CMO) के रूप में काम कर रहे हैं। उनका फोकस ऐसे रणनीतिक पहलों पर है जो एजेंसी के बिजनेस और मार्केटिंग प्रभाव को विस्तार दें। वह स्टार्टअप्स, छोटे और मझोले कारोबारों (SMBs) और उभरते बाजारों में नए अवसर तलाशने के साथ-साथ WPP Media के परिणाम-आधारित दृष्टिकोण को भी मजबूती से आगे बढ़ा रहे हैं।
Praseed Prasad का करियर डिजिटल मीडिया, ब्रैंड मार्केटिंग और ग्लोबल पार्टनरशिप्स के क्षेत्रों में समृद्ध रहा है। Google में उन्होंने APAC एजेंसी पार्टनरशिप्स और EMEA ऑपरेशंस की अगुवाई की, जबकि Flipkart में उन्होंने Ads Agency Business संभाला और बड़े पैमाने पर मीडिया ग्रोथ को गति दी।
WPP Media से पहले Praseed ने GroupM में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जहां वे भारत में डिजिटल इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग को लीड कर रहे थे। इस अनुभव ने उन्हें भारत और दक्षिण एशिया में तेजी से बदलते मीडिया-टेक इकोसिस्टम की गहरी समझ दी।
WPP Media South Asia में अब Praseed उस अगले चरण की ग्रोथ का नेतृत्व कर रहे हैं जो डेटा, क्रिएटिव थिंकिंग, और क्लाइंट आउटकम्स पर केंद्रित है। उनकी रणनीतिक सोच और विविध अनुभव एजेंसी को एक नई दिशा देने में अहम साबित हो रहे हैं।
इस नियुक्ति के साथ ही यह स्पष्ट हो गया है कि WPP Media South Asia भविष्य की ग्रोथ को लेकर बेहद आक्रामक, रणनीतिक और परिणाम-केंद्रित रुख अपना रही है और उसमें Praseed Prasad की भूमिका निर्णायक होगी।
WPP Media South Asia ने अपनी लीडरशिप टीम को मजबूत करते हुए अमीन लखानी (Amin Lakhani) को एग्जिक्यूटिव कमेटी (ExCo) में क्लाइंट सॉल्यूशंस के प्रेजिडेंट के तौर पर नियुक्त किया है।
WPP Media South Asia ने अपनी लीडरशिप टीम को मजबूत करते हुए अमीन लखानी (Amin Lakhani) को एग्जिक्यूटिव कमेटी (ExCo) में क्लाइंट सॉल्यूशंस के प्रेजिडेंट के तौर पर नियुक्त किया है। यह रणनीतिक नियुक्ति WPP Media की नई रणनीति के अनुरूप है और वे भारत और श्रीलंका में एजेंसी के प्रमुख प्रशांत कुमार (PK) के साथ मिलकर काम करेंगे।
करीब 25 वर्षों के करियर में अमीन ने मीडिया, मार्केटिंग, प्रोडक्ट मैनेजमेंट, सेल्स और टीम बिल्डिंग जैसे विविध क्षेत्रों में गहरी विशेषज्ञता हासिल की है। वे एक ऐसे लीडर के रूप में पहचाने जाते हैं जिन्होंने हमेशा जटिल और गतिशील बाजारों में भी उत्कृष्ट बिजनेस नतीजे हासिल किए हैं। हाई-परफॉर्मेंस टीमों का नेतृत्व करने और उन्हें विजन देने की उनकी क्षमता ने उन्हें इंडस्ट्री में एक खास स्थान दिलाया है।
GroupM के भीतर अमीन ने ‘CORE’ ट्रेडिंग टीम के हिस्से के रूप में पाँच वर्षों से अधिक समय तक अहम भूमिका निभाई। Mindshare के पुनर्गठन के दौरान उन्होंने भारत में ‘The Exchange’ नाम की नई ट्रेडिंग डिसिप्लिन की शुरुआत की, जो एक ऐतिहासिक कदम माना गया। Mindshare Fulcrum में The Exchange के प्रमुख के रूप में उन्होंने Hindustan Unilever Ltd के लिए ट्रेडिंग रणनीति को दिशा दी और प्रभावशाली मीडिया निवेश परिणाम हासिल किए।
Mindshare India में The Exchange के प्रमुख रहते हुए उन्होंने Pepsi, GSK, ICICI, ONIDA, Castrol, HSBC और Kellogg जैसे बड़े ब्रैंड्स के लिए ट्रेडिंग एजेन्डा को सफलतापूर्वक संचालित किया।
अमीन को भारत के प्रसारण क्षेत्र, स्पॉन्सरशिप वैल्यूएशन और ट्रेडिंग प्रैक्टिसेज की बेहतरीन समझ के लिए जाना जाता है। उन्होंने हमेशा क्लाइंट्स के साथ मजबूत रिश्ते बनाए और रणनीतिक लक्ष्यों को कुशलता से पूरा किया, जिससे उन्हें मीडिया इंडस्ट्री में व्यापक प्रशंसा और प्रभाव हासिल हुआ।
अमीन ने Spikes Asia, Emvies और Goafest जैसे प्रतिष्ठित अवॉर्ड्स में Mindshare Fulcrum की कई पुरस्कार विजेता पहलों में प्रमुख योगदान दिया। उन्होंने Train the Trainer प्रोग्राम जैसे प्रशिक्षण प्रयासों में भाग लिया है और Media Masters और Aspire जैसे मंचों के जरिए कई पेशेवरों का मार्गदर्शन किया है।
वहीं, वे Emvies, Goafest Media Abbys, और IRF Awards जैसे प्रमुख उद्योग मंचों में जूरी सदस्य के रूप में भी योगदान दे चुके हैं।
अमीन ने अपने प्रोफेशनल करियर की शुरुआत भारत में रब्स और बाम्स कैटेगरी में अग्रणी ब्रैंड Zandu Balm के प्रोडक्ट मैनेजर के रूप में की थी। इस भूमिका में भी उन्होंने रणनीतिक सोच और बाजार की गहरी समझ का प्रदर्शन किया।
आज, WPP Media South Asia में क्लाइंट सॉल्यूशंस के प्रेजिडेंट के रूप में उनकी नियुक्ति यह संकेत देती है कि कंपनी भविष्य की दिशा में तेज, रणनीतिक और क्लाइंट-केंद्रित कदम उठा रही है और इसमें अमीन की भूमिका बेहद अहम रहने वाली है।