इससे पहले वह The Womb, Leo Burnett और Havas Media जैसी प्रतिष्ठित एजेंसियों में अपनी जिम्मेदारी निभा चुकी हैं।
जानी-मानी विज्ञापन एजेंसी ‘रेडिफ्यूजन’ (Rediffusion) ने दीप्ति गुर्जर को वाइस प्रेजिडेंट और क्लाइंट सर्विसिंग हेड (Bombay 2) के पद पर नियुक्त किया है।
उन्हें भारत और ऑस्ट्रेलिया में काम करने का 15 साल से ज्यादा का अनुभव है। वह तमाम बड़े ब्रैंड्स जैसे- HDFC Mutual Fund, Matter Motor Works, Irasva Jewelry, NCPA, Viacom18, Bank of India, Maruti Suzuki India Ltd., Nexa, Mahindra Finance, और HPCL आदि के लिए क्रिएटिव कैंपेन चला चुकी हैं।
‘रेडिफ्यूजन’ से पहले वह भारत में The Womb, Leo Burnett, Havas Media (पूर्व में Euro RSCG) और ऑस्ट्रेलिया में Chameleon व Impact जैसे जानी-मानी एजेंसियों के साथ काम कर चुकी हैं। इसके अलावा वह करीब दस साल तक अपनी बुटीक ऐड एजेंसी का भी सफलतापूर्वक संचालन कर चुकी हैं।
इस बारे में ‘रेडिफ्यूजन’ की जॉइंट प्रेजिडेंट कल्याणी श्रीवास्तव का कहना है, ‘रेडिफ्यूजन में दीप्ति का स्वागत करते हुए हमें खुशी हो रही है। खासकर मुंबई में क्लाइंट्स को लीड करना बड़ी जिम्मेदारी है। मुझे पूरा विश्वास है कि अपने विविध अनुभव के साथ दीप्ति एजेंसी के मूल्यों को आगे बढ़ाएंगी।’
वहीं, दीप्ति गुर्जर का कहना है, ‘रेडिफ्यूजन काफी जाना-माना नाम है और मैं यहां की बेहतरीन टीम के साथ काम करने को लेकर काफी खुश हूं। उम्मीद है कि ग्लोबल और भारत दोनों स्तरों पर मेरा अनुभव मुझे क्लाइंट्स के बीच अपनी पहचान बनाने में मदद करेगा।’
TV9 ग्रुप का प्रतिष्ठित ग्लोबल समिट ‘व्हाट इंडिया थिंक्स टुडे’ (What India Thinks Today Global Summit) अपने तीसरे संस्करण के साथ एक बार फिर लौट आया है।
TV9 ग्रुप का प्रतिष्ठित ग्लोबल समिट ‘व्हाट इंडिया थिंक्स टुडे’ (What India Thinks Today Global Summit) अपने तीसरे संस्करण के साथ एक बार फिर लौट आया है। यह दो दिवसीय भव्य आयोजन 28 और 29 मार्च को नई दिल्ली के भारत मंडपम में होगा। इस समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश और दुनिया के कई प्रभावशाली नेता, उद्योगपति, नीति निर्माता व विशेषज्ञ शामिल होंगे।
TV9 नेटवर्क के इस वैश्विक सम्मेलन में राजनीति, शासन, अर्थशास्त्र, स्वास्थ्य, संस्कृति और खेल समेत कई महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं शामिल होकर देश के विकास और वैश्विक परिदृश्य में भारत की भूमिका पर अपने विचार रखेंगे। इसके अलावा, विभिन्न क्षेत्रों के दिग्गज विशेषज्ञ महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करेंगे, जिसमें शामिल हैं:
PoK: Reclaiming the Frontier / पीओके: सीमाओं की पुनर्प्राप्ति
Badshah of Bihar: Who? / बिहार का बादशाह: कौन?
Making India Great Again / भारत को फिर से महान बनाना
Farming: Seeding a Breakthrough / कृषि: नवाचार की नई फसल
MP’s Magic Maker / मध्यप्रदेश का चमत्कारी नेता
BJP: Winner Take All? / बीजेपी: जीतने वाला सब ले जाएगा?
Affordable & Accessible Healthcare for All / सभी के लिए सुलभ और किफायती स्वास्थ्य सेवा
All India ‘Bhaijaan’ / ऑल इंडिया ‘भाईजान’
The Hindutva Crusader / हिंदुत्व का योद्धा
Lighting the Way Forward / आगे का मार्ग रोशन करना
One Nation, One Civil Code / एक देश, एक सिविल संहिता
How Free is Freedom of Speech? / अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता कितनी स्वतंत्र?
Education: Scripting India’s Destiny / शिक्षा: भारत के भविष्य की रूपरेखा
India in the New World Order / नए विश्व व्यवस्था में भारत
Building India: The Infra Agenda / भारत का निर्माण: इंफ्रास्ट्रक्चर एजेंडा
Navigating Taxing Times / कर संकट से पार पाना
E-Mobility: Overcoming the Speedbumps / ई-मोबिलिटी: रुकावटों से पार पाना
Skilling & Education: Preparing India for Viksit Bharat / कौशल और शिक्षा: विकसित भारत के लिए तैयारी
Bears vs Bulls: SIP the Volatility? / बियर बनाम बुल: अस्थिरता में एसआईपी का क्या रोल?
IND’AI’: Building the Ecosystem / ‘इंड-एआई’: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इकोसिस्टम बनाना
From MSME to Global Leadership / सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) से वैश्विक नेतृत्व तक
विश्व मंच पर भारत की भूमिका
TV9 नेटवर्क के एमडी व सीईओ बरुण दास ने कहा कि समकालीन वैश्विक राजनीति में 'मल्टी-अलाइन्ड' और 'मिनी-लैटरलिज्म' जैसी अवधारणाओं ने प्रमुखता प्राप्त की है और इन दोनों ही विचारों की उत्पत्ति भारत से हुई है। उन्होंने कहा, "भारत ने हमेशा एक नई विश्व व्यवस्था की दिशा में नेतृत्व किया है, जहां न युद्ध कोई विकल्प है और न ही आर्थिक राष्ट्रवाद, जो उपभोक्ताओं के लिए बाधाएं खड़ी करता है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत अपनी सभ्यता की विरासत का उपयोग करते हुए वैश्विक स्थिरता में एक निर्णायक भूमिका निभाना चाहता है।"
बरुण दास ने यह भी कहा कि भारत को अपनी वास्तविक क्षमता तक पहुंचने के लिए अपनी लोकतांत्रिक व्यवस्था और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का संतुलन बनाना होगा। 21वीं सदी की जटिलताओं के बीच भारत की नीति निर्माण और आर्थिक विकास की रणनीति उसके वैश्विक प्रभाव को भी निर्धारित करेगी।
इस समिट में भारत सरकार के कई कैबिनेट मंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री भाग लेंगे, जिनमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, अश्विनी वैष्णव, धर्मेंद्र प्रधान, मनोहर लाल खट्टर और शिवराज सिंह चौहान शामिल हैं। इसके अलावा, विपक्ष के प्रमुख नेता जैसे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी अपनी बात रखेंगे।
वैश्विक स्तर पर पूर्व UNGA अध्यक्ष अब्दुल्ला शाहिद, इजरायल के राजदूत रुवेन अजर, UN के भारत में रेजिडेंट कोऑर्डिनेटर शोंबी शार्प और कई अन्य अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ भी इस समिट का हिस्सा होंगे।
इस समिट में वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, कोटक महिंद्रा एएमसी के एमडी निलेश शाह, नासकॉम के अध्यक्ष राजेश नांबियार, माइक्रोन इंडिया के एमडी आनंद रामामूर्ति सहित देश के कई शीर्ष उद्योगपति और अर्थशास्त्री अपनी राय रखेंगे। स्वास्थ्य जगत से मेदांता के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहन और अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. संजीव कुमार सिंह भी इस चर्चा का हिस्सा होंगे।
इस समिट में बॉलीवुड अभिनेता जिम सर्भ और अमित साध के साथ-साथ आध्यात्मिक गुरु धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी शिरकत करेंगे। इनके अलावा, विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और नेताओं की मौजूदगी इस आयोजन को और भी खास बनाएगी।
‘व्हाट इंडिया थिंक्स टुडे’ समिट भारत के विकास और वैश्विक स्तर पर उसकी भूमिका को लेकर एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा। इसमें शामिल चर्चाएं और विचार-विमर्श भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में योगदान देंगे। इस आयोजन के जरिए देश के नीति निर्माता, उद्योग जगत, शिक्षा क्षेत्र और समाज के अन्य महत्वपूर्ण वर्ग एक मंच पर आकर भारत के भविष्य को दिशा देने के लिए अपने विचार साझा करेंगे।
संसद की संचार व सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति ने सुझाव दिया है कि सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय (MeIT) को एक ही निकाय के तहत लाया जाए।
संसद की संचार व सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति ने सुझाव दिया है कि सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय (MeIT) को एक ही निकाय के तहत लाया जाए। इसका उद्देश्य संचार और मीडिया तकनीक से जुड़े मुद्दों को बेहतर तरीके से समन्वित और प्रबंधित करना है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बदलाव से दोनों मंत्रालयों के बीच समन्वय बढ़ेगा और नीतियों को अधिक प्रभावी तरीके से लागू किया जा सकेगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह सिफारिश समिति की अनुदान मांगों से संबंधित रिपोर्ट का हिस्सा थी, जिसे पिछले सप्ताह संसद के दोनों सदनों में प्रस्तुत किया गया।
समिति ने फिल्मों और ऑडियो-विजुअल कंटेंट में शराब और मादक पदार्थों के सेवन को महिमामंडित करने और हिंसा को बढ़ावा देने वाले तत्वों को लेकर कड़े नियम लागू करने की भी सिफारिश की है। इन सिफारिशों के माध्यम से संसदीय समिति ने सूचना-प्रसारण मंत्रालय को आवश्यक कदम उठाने की सिफारिश की है।
समिति के अनुसार, मौजूदा दिशानिर्देशों को और अधिक मजबूत करने और उनके कड़ाई से अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक नीतिगत ढांचे की आवश्यकता है।
जब प्रसार भारती ने मशहूर टीवी एंकर सुधीर चौधरी के नए शो के लिए 18 करोड़ रुपये सालाना (टैक्स सहित) खर्च करने की मंजूरी दी, तो इस फैसले पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आईं।
जब प्रसार भारती ने मशहूर टीवी एंकर सुधीर चौधरी के नए शो के लिए 18 करोड़ रुपये सालाना (टैक्स सहित) खर्च करने की मंजूरी दी, तो इस फैसले पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आईं। यह शो, जिसे सुधीर चौधरी की कंपनी Essprit Productions Pvt Ltd तैयार करेगी, हफ्ते में पांच दिन 'डीडी न्यूज' पर प्रसारित होगा और साल भर में 260 एपिसोड दिखाए जाएंगे।
इस फैसले के समर्थकों का कहना है कि यह 'डीडी न्यूज' की गिरती हुई दर्शक संख्या और विज्ञापन से होने वाली कमाई को बढ़ाने के लिए जरूरी कदम है। वहीं, कई विश्लेषकों और डिजिटल मीडिया विशेषज्ञों ने इस डील की भारी रकम, इसे दिए जाने की नॉमिनेशन-आधारित प्रक्रिया और एक बड़े पत्रकार के साथ इस स्तर की साझेदारी के संपादकीय असर पर सवाल उठाए हैं।
यह करार कई दौर की बातचीत के बाद हुआ और इसे सामान्य वित्तीय नियम (General Financial Rules) के नियम 194 के तहत मंजूरी दी गई, जो विशेष परिस्थितियों में सीधे अनुबंध की अनुमति देता है। अधिकारियों के मुताबिक, इसकी लागत केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा इसी तरह के कार्यक्रमों के लिए तय की गई सीमा के भीतर है। एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि इस शो की बौद्धिक संपदा (IPR) यानी अधिकार प्रसार भारती के पास ही रहेंगे।
लेकिन यह फैसला सिर्फ एक एंकर को लाने के लिए नहीं किया गया, बल्कि यह एक बड़े बदलाव की ओर इशारा करता है। सरकार का इरादा है कि 'डीडी न्यूज' को नए जमाने के मीडिया ट्रेंड्स के हिसाब से तैयार किया जाए। हालांकि, यह कितना कारगर होगा और इसे संपादकीय स्वतंत्रता व वित्तीय संतुलन के साथ कैसे लागू किया जाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
मीडिया इंडस्ट्री के कुछ जानकारों का कहना है कि सुधीर चौधरी के पिछले शो— Zee News पर "DNA" और Aaj Tak पर "Black & White"— काफी लोकप्रिय रहे और इन्होंने चैनलों को अच्छी TRP और विज्ञापन दिलाए। जो लोग इन चैनलों के अंदरूनी आंकड़ों को जानते हैं, उनके मुताबिक, इन शो को हमेशा बढ़िया व्यूअरशिप मिली और विज्ञापनदाताओं से प्रीमियम रेट हासिल हुए।
अगर इसे सही तरीके से हैंडल किया जाए, तो ''डीडी न्यूज'' पर भी इस तरह की सफलता दोहराई जा सकती है।
'डीडी न्यूज' और उसकी मूल संस्था प्रसार भारती लंबे समय से नए जमाने के मीडिया के साथ कदम मिलाने में पिछड़ती जा रही है। आज लोग स्मार्टफोन, यूट्यूब और सोशल मीडिया पर न्यूज देखते हैं, लेकिन 'डीडी न्यूज' अब भी पुरानी शैली में काम कर रहा है।
हालांकि, 'डीडी न्यूज' के पास ग्रामीण और क्षेत्रीय इलाकों में काफी ज्यादा पहुंच और मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर है, लेकिन इनोवेशन, प्रोडक्शन क्वॉलिटी और ब्रैंड वैल्यू में प्राइवेट चैनलों से पिछड़ गया है।
सरकारी चैनल होने के कारण इस पर दोहरी चुनौती है— एक तरफ इसे सरकारी फंड से चलना होता है, वहीं दूसरी ओर प्राइवेट चैनलों से प्रतिस्पर्धा भी करनी पड़ती है। यही कारण है कि इसमें निजी टैलेंट को शामिल करने का फैसला किया गया है।
यह करार दिसंबर 2023 में नवनीत कुमार सहगल के प्रसार भारती बोर्ड के अध्यक्ष बनने के बाद हुआ। सेवानिवृत्त IAS अधिकारी सहगल मीडिया और सांस्कृतिक प्रशासन का अनुभव रखते हैं और वह प्रसार भारती के कंटेंट और ऑपरेशन को मॉडर्न बनाने पर जोर देते रहे हैं।
उनके कार्यकाल में डिजिटल रणनीति मजबूत करने, कार्यक्रमों में नए प्रयोग करने और निजी-सरकारी भागीदारी को बढ़ावा देने की कोशिश की गई है। सुधीर चौधरी के साथ हुआ करार इसी व्यापक सुधार का हिस्सा माना जा रहा है, न कि कोई अकेला संपादकीय फैसला।
'डीडी न्यूज' के अंदर से मिल रही खबरों के मुताबिक, इस फैसले को लेकर स्टाफ में भी बंटा हुआ माहौल है-
ये मतभेद पूरी दुनिया में सार्वजनिक प्रसारकों के सामने मौजूद एक बड़ी बहस को दर्शाते हैं कि न्यूट्रैलिटी (तटस्थता) और इनोवेशन (नवाचार) के बीच संतुलन कैसे रखा जाए?
सुधीर चौधरी को 18 करोड़ रुपये सालाना मिलने की खबर से एक नई बहस छिड़ गई है- क्या टीवी न्यूज अब "बॉलीवुड स्टार्स" जैसा बनने लगी है?
अब न्यूज एंकर सिर्फ पत्रकार नहीं रह गए, बल्कि उनकी डिजिटल फॉलोइंग और ब्रैंड वैल्यू भी देखी जाने लगी है। इसी वजह से सुधीर चौधरी की यह डील उन्हें मनोरंजन जगत के बड़े सितारों के आय वर्ग में खड़ा कर रही है।
मीडिया विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि अब पूरी दुनिया में पत्रकारिता संस्थानों पर नहीं, बल्कि मशहूर व्यक्तियों पर ज्यादा निर्भर होती जा रही है।
लेकिन बड़ा सवाल यह है- क्या यह ट्रेंड टिकेगा या फिर इससे खबरों और मनोरंजन के बीच की रेखा धुंधली हो जाएगी?
दुनिया के बड़े सरकारी मीडिया संस्थान आज खुद को बनाए रखने के लिए नई रणनीतियां अपना रहे हैं-
लेकिन प्रसार भारती की स्थिति ज्यादा जटिल है, क्योंकि यह सरकारी नियंत्रण, नियामक नियमों और भारत की विशाल जनसंख्या व भाषाई विविधता से प्रभावित होता है।
सुधीर चौधरी के साथ हुआ यह करार सिर्फ एक बड़ा कॉन्ट्रैक्ट नहीं, बल्कि यह संकेत भी देता है कि अब प्रसार भारती कॉम्पटीशन में आक्रामक तरीके से उतरना चाहता है। फिलहाल यह कदम सफल सुधार साबित होगा या फिर एक गलत फैसला, यह इस बात पर निर्भर करेगा-
फिलहाल फैसला अब दर्शकों के हाथ में है!
सोनल कालरा 50 वर्ष की हो गई हैं। जो लोग अखबारों, कॉलम और किताबों के जरिए उनके सफर को करीब से देखते आए हैं, उनके लिए यह सिर्फ एक जन्मदिन नहीं, बल्कि एक ऐसे जीवन का उत्सव है जो लेखन को समर्पित रहा है।
सोनल कालरा 50 वर्ष की हो गई हैं। जो लोग अखबारों, कॉलम और किताबों के जरिए उनके सफर को करीब से देखते आए हैं, उनके लिए यह सिर्फ एक जन्मदिन नहीं, बल्कि एक ऐसे जीवन का उत्सव है जो लेखन को समर्पित रहा है। यह एक ऐसे करियर का जश्न है, जो स्पष्ट सोच, गहरी संवेदनशीलता और पत्रकारिता में उत्कृष्टता की अटूट प्रतिबद्धता से परिभाषित होता है।
सोनल कालरा सिर्फ एक चर्चित संपादक या कॉलमिस्ट भर नहीं हैं, बल्कि एक बेहतरीन कहानीकार और सामाजिक पर्यवेक्षक भी हैं। सालों से, उन्होंने अपनी बुद्धिमत्ता, हास्य और गहरे विश्वास के मिश्रण से पाठकों के साथ एक अनूठा संबंध स्थापित किया है।
सोनल की शैक्षणिक पृष्ठभूमि भी उनके करियर की तरह ही प्रभावशाली रही है। उन्होंने नई दिल्ली स्थित भारतीय जनसंचार संस्थान (IIMC) से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया और स्वर्ण पदक प्राप्त किया। उन्होंने केवल एक डिग्री ही नहीं हासिल की, बल्कि एक उद्देश्य के साथ पत्रकारिता में कदम रखा। उनकी यही शैक्षणिक सुदृढ़ता उनके संपादकीय कौशल की रीढ़ बनी, जिसने उन्हें लगातार उत्कृष्टता की ओर प्रेरित किया।
उन्होंने भारत सरकार के संचार मंत्रालय के तहत राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) में एडिटर इंफॉर्मेटिक्स की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहां उन्होंने ई-गवर्नेंस और आईसीटी नीति निर्माण से जुड़ी सूचनाओं के प्रसार का नेतृत्व किया। लेकिन जल्द ही उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स का रुख किया।
साल 2008 में, उन्होंने HT City में अपना प्रतिष्ठित साप्ताहिक कॉलम ‘A Calmer You’ शुरू किया। जब दुनिया शोरगुल और तनाव से घिरती जा रही थी, तब सोनल ने पाठकों को कुछ दुर्लभ चीज दी—एक ठहराव। उनकी गहरी व्यक्तिगत, लेकिन हर किसी से जुड़ने वाली सोच ने पाठकों को तनाव से निपटने, रोजमर्रा की जिंदगी में हास्य खोजने और भावनात्मक उथल-पुथल में खुद को स्थिर रखने का तरीका सिखाया।
यह कॉलम इतना लोकप्रिय हुआ कि इससे प्रेरित होकर उन्होंने तीन बेस्टसेलिंग किताबें लिखीं—A Calmer You, More of a Calmer You और Some More of a Calmer You। ये किताबें सिर्फ उनके लेखन का संकलन नहीं थीं, बल्कि उन्होंने बढ़ती भागदौड़ भरी दुनिया में आत्म-जागरूकता और भावनात्मक बुद्धिमत्ता के उनके विचारों को और आगे बढ़ाया।
आज, सोनल कालरा HT Media में चीफ मैनेजिंग एडिटर – एंटरटेनमेंट और लाइफस्टाइल के रूप में कार्यरत हैं। वह अखबार के HT City सहित 28 फीचर सप्लीमेंट्स का संचालन कर रही हैं। इस भूमिका में उनका योगदान सिर्फ प्रशासनिक नहीं है, बल्कि संपादकीय रूप से क्रांतिकारी भी है। उन्होंने लाइफस्टाइल पत्रकारिता को केवल हल्की-फुल्की सामग्री तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे एक सशक्त टिप्पणी, कहानी कहने और सांस्कृतिक विश्लेषण के रूप में पुनर्परिभाषित किया।
उनके संपादकीय दृष्टिकोण ने जनअपील और गहरी पत्रकारिता के बीच संतुलन बनाए रखा है। उनके मार्गदर्शन में HT City अधिक गतिशील, समावेशी और विचारशील बना है। उन्होंने फीचर स्टोरीज और सेलिब्रिटी इंटरव्यूज को एक नया दृष्टिकोण दिया, जहां सिर्फ घटनाओं की रिपोर्टिंग नहीं की जाती, बल्कि उनके महत्व को भी समझाया जाता है।
उनके सबसे चर्चित योगदानों में से एक है HT Power Couples सीरीज। अमिताभ और जया बच्चन, शाहरुख और गौरी खान, सैफ अली खान और करीना कपूर जैसी मशहूर हस्तियों के साथ उनके इंटरव्यू ने पाठकों को उस दुनिया की झलक दी, जो आमतौर पर ग्लैमर के पीछे छिपी रहती है। इन इंटरव्यूज की खास बात थी—सोनल का अनूठा अंदाज। वह हमेशा सहानुभूतिपूर्ण, जिज्ञासु और गरिमा बनाए रखने वाली संवाददाता रही हैं। उन्होंने उन कहानियों में गहराई लाई, जिन्हें अन्य पत्रकार सिर्फ सतही तौर पर छूते थे।
उनका लेखन कभी भी सनसनीखेज शैली पर निर्भर नहीं रहा। उन्होंने हमेशा पाठकों की बुद्धिमत्ता पर भरोसा किया और सबसे बढ़कर, अपने विषय की मानवीयता पर विश्वास रखा। यही विश्वास उनके लेखन की शैली को परिभाषित करता है और उनकी पत्रकारिता को एक अलग ऊंचाई देता है।
सोनल कालरा के उत्कृष्ट कार्य को भारतीय पत्रकारिता के सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा गया है। उन्हें फिल्म पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए रामनाथ गोयनका अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम अवॉर्ड और संयुक्त राष्ट्र सांस्कृतिक संबंध मीडिया अवॉर्ड सहित कई प्रतिष्ठित सम्मान उनके नाम हैं।
लेकिन जो चीज उन्हें सबसे अलग बनाती है, वह है उनका प्रभाव। यह केवल उनकी सुर्खियों या बाइलाइनों में नहीं दिखता, बल्कि पाठकों के मन में उनके लेखन के बाद जो भावनाएं जन्म लेती हैं, उसमें झलकता है। वह सिर्फ जानकारी नहीं देतीं, बल्कि प्रेरित करती हैं, मार्गदर्शन करती हैं और कहीं न कहीं पाठकों को भावनात्मक रूप से सहारा भी देती हैं। उनका लेखन पाठकों को महसूस करने, आत्मविश्लेषण करने और ठहरकर सोचने की अनुमति देता है।
50 वर्ष की उम्र में, सोनल कालरा अपने करियर के उस मुकाम पर खड़ी हैं, जहां वह निरंतर विकास कर रही हैं। वह अपनी पुरानी उपलब्धियों पर नहीं टिकी हैं, बल्कि बेहतर प्रश्न पूछने, गहरी कहानियां सुनाने और भारतीय मीडिया की गुणवत्ता को ऊंचा उठाने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं। चाहे वह राष्ट्रीय संस्करणों का संपादन कर रही हों, पैनल चर्चाओं का संचालन कर रही हों, मंचों पर भाषण दे रही हों या देर रात अपने विचार कलमबद्ध कर रही हों, वह वही बनी हुई हैं, जो हमेशा से थीं— एक सच्ची लेखिका।
इस खास मौके पर एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन और ZEE के संस्थापक डॉ. सुभाष चंद्रा ने पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
लगातार बेहतरीन प्रदर्शन और दर्शकों के बीच अपनी पकड़ को मजबूत करने के जज्बे को बनाए रखने के लिए हिंदी न्यूज चैनल ‘जी न्यूज’ (Zee News) ने 19 मार्च को सफलता का जश्न मनाया। नोएडा स्थित गार्डन गैलेरिया में आयोजित इस सक्सेस पार्टी में ‘जी न्यूज’ के सीईओ करण अभिषेक और मैनेजिंग एडिटर राहुल सिन्हा सहित तमाम वरिष्ठ अधिकारी, पत्रकार, संपादकीय टीम और तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हुए।
इस दौरान सभी ने चैनल की सफलता का जश्न मनाते हुए भविष्य में और अधिक प्रभावशाली पत्रकारिता करने की प्रतिबद्धता दोहराई। कार्यक्रम में टीम के सदस्यों को उनके योगदान के लिए सराहा गया व मनोबल को और ऊंचा करने पर जोर दिया गया। इस आयोजन के बाद पूरी टीम ने और ज्यादा जोश व ऊर्जा के साथ अपने कार्यक्षेत्र में आगे बढ़ने का संकल्प लिया।
चैनल से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, हाल के महीनों में ‘जी न्यूज’ ने अपनी लोकप्रियता में खासी बढ़ोतरी दर्ज की है। सीईओ करण अभिषेक और मैनेजिंग एडिटर राहुल सिन्हा के नेतृत्व में ‘जी न्यूज’ ने नई ऊंचाइयों को छुआ है और हर डिपार्टमेंट के सामूहिक प्रयास ने इसे एक सफल न्यूज ब्रैंड के रूप में और भी मजबूत बनाया है। इसी उपलब्धि का जश्न मनाने के लिए ही यह पार्टी आयोजित की गई थी।
इस खास मौके पर ‘एस्सेल ग्रुप’ के चेयरमैन और ‘ZEE’ के संस्थापक डॉ. सुभाष चंद्रा ने पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने संदेश में कहा, ‘Zee News ने जिस तरह से पत्रकारिता के उच्च मानकों को बनाए रखते हुए दर्शकों का भरोसा जीता है, वह प्रशंसनीय है। यह सफलता टीम वर्क और समर्पण का नतीजा है।‘ उनके इस प्रेरणादायक संदेश का वीडियो आप यहां देख सकते हैं।
इस सक्सेस पार्टी की खास झलकियां आप यहां देख सकते हैं।
बंगाल के सबसे प्रतिष्ठित फैशन अवॉर्ड शो TRENDS प्रेजेंट्स Bengal’s Most Stylish 2025 के दूसरे संस्करण का मंच सज चुका है और कोलकाता एक और भव्य शाम के लिए तैयार है,
बंगाल के सबसे प्रतिष्ठित फैशन अवॉर्ड शो TRENDS प्रेजेंट्स Bengal’s Most Stylish 2025 के दूसरे संस्करण का मंच सज चुका है और कोलकाता एक और भव्य शाम के लिए तैयार है, जहां स्टाइल ही असली पहचान बनेगी और सितारों की चमक नए आयाम छूएगी। IWMBuzz Media एक बार फिर उन ट्रेंडसेटर्स को एक मंच पर ला रहा है, जो सिर्फ फैशन को फॉलो नहीं करते बल्कि उसे नया रूप देते हैं। इस बार का आयोजन और भी बड़ा होगा, दांव और ऊंचे होंगे और बंगाल की स्टाइलिश शख्सियतें अपनी विशिष्ट पहचान के साथ सुर्खियों में होंगी।
Bengal’s Most Stylish 2025 का आयोजन 23 मार्च को कोलकाता में होगा। इस शानदार इवेंट को Greenply, Zee24 Ghanta के सहयोग से और Polycrol के विशेष जुड़ाव के साथ प्रस्तुत किया जा रहा है। IWMBuzz ने पहले भी Media Summit, Digital & OTT Awards, Gaming Awards और India Web Fest जैसे नवाचारी कार्यक्रमों के जरिए अपनी पहचान बनाई है, और इस बार यह बंगाली फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गजों के साथ मिलकर एक नई फैशन क्रांति का आगाज करने जा रहा है।
पिछले साल के पहले संस्करण में इस अवॉर्ड शो ने स्टाइल और एलेगेंस का एक अनोखा संगम पेश किया था। उस शाम में प्रसेनजीत चटर्जी की शाश्वत शख्सियत ने सभी का दिल जीता, तो सृजित मुखर्जी ने अपनी बौद्धिक शैली और गहरे अंदाज से सबको आकर्षित किया। अंकुश हाजरा अपने कूल अंदाज में दिखे, जबकि सुभश्री गांगुली और रितुपर्णा सेनगुप्ता ने अपनी ग्रेस और एलीगेंस से सभी का ध्यान खींचा। इस बार भी बंगाल के सबसे बड़े फिल्म और एंटरटेनमेंट सितारे रेड कार्पेट पर जलवे बिखेरने के लिए तैयार हैं।
TRENDS, जो भारत का अग्रणी फैशन ब्रांड है, इस आयोजन के जरिए फैशन को लोगों तक पहुंचाने के अपने मिशन को आगे बढ़ा रहा है। यह ब्रांड आधुनिक और पारंपरिक दोनों तरह की स्टाइल को सुलभ बनाने के लिए जाना जाता है। Greenply Industries Limited के वाइस प्रेसिडेंट (मार्केटिंग) यत्नेश पांडे ने इस साझेदारी पर कहा, "बंगाल हमेशा से कला, संस्कृति और उत्कृष्टता का केंद्र रहा है, और Bengal’s Most Stylish जैसे कार्यक्रमों से हमें बंगाल की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत से जुड़ने और उपभोक्ताओं के साथ गहरा संबंध बनाने में मदद मिलेगी।"
Zee 24 Ghanta और Zee राजस्थान के चैनल हेड आशीष दवे ने कहा, "यह हमारा लगातार दूसरा साल है जब हम Bengal’s Most Stylish के साथ जुड़े हैं। इस साझेदारी के जरिए हम इस इवेंट की पहुंच को और व्यापक बना रहे हैं, जिससे बंगाल की फैशन और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री को और मजबूती मिलेगी।"
Piramal Consumer Healthcare के वाइस प्रेसिडेंट (मार्केटिंग) अभिषेक श्रीवास्तव, जो Polycrol ब्रांड का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, ने कहा, "यह अवॉर्ड शो महत्वाकांक्षा, आत्मविश्वास और सफलता का जश्न मनाता है—जो Polycrol के उपभोक्ताओं से पूरी तरह मेल खाता है। आज के युवा प्रोफेशनल्स लगातार चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, और इस साझेदारी के जरिए हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि एसिडिटी जैसी समस्याएं उनकी रफ्तार को कभी धीमा न करें।"
IWMBuzz के फाउंडर और एडिटर-इन-चीफ सिद्धार्थ लैाइक ने कहा, "स्टाइल केवल फैशन नहीं, बल्कि व्यक्तित्व और आत्म-अभिव्यक्ति की ताकत है। बंगाल की समृद्ध विरासत हमेशा से रचनात्मकता और सुंदरता का प्रतीक रही है। Bengal’s Most Stylish के दूसरे संस्करण के जरिए हम उन सितारों का सम्मान कर रहे हैं जो पारंपरिक विरासत को आधुनिकता के साथ मिलाकर फैशन को सिर्फ एक बयान नहीं बल्कि एक भावना बना रहे हैं। कोलकाता का आकर्षण कालातीत है, इसकी ऊर्जा बेमिसाल है, और यह मंच उन लोगों को समर्पित है जो स्टाइल को नए आयाम देने में विश्वास रखते हैं।"
मुंबई में शुक्रवार, 21 मार्च को Pitch CMO Summit 2025 का आयोजन किया गया। इस समिट में मार्केटिंग जगत के दिग्गजों ने एक मंच पर आकर बदलते उपभोक्ता परिदृश्य को समझने और नई रणनीतियों पर चर्चा की।
मुंबई में शुक्रवार, 21 मार्च को Pitch CMO Summit 2025 का आयोजन किया गया। इस समिट में मार्केटिंग जगत के दिग्गजों ने एक मंच पर आकर बदलते उपभोक्ता परिदृश्य को समझने और नई रणनीतियों पर चर्चा की। ब्रैंड्स के लिए उपभोक्ताओं तक पहुंचना अब पहले से अधिक जटिल और बहुपथीय हो गया है, ऐसे में इस समिट ने इनोवेशन, टेक्नोलॉजी और स्टोरीटेलिंग के माध्यम से भविष्य के लिए तैयार रहने की रणनीतियों पर प्रकाश डाला।
इस वर्ष के समिट का सह-प्रस्तुतीकरण JioStar और Google ने किया, जबकि Samsung Ads ने इसे को-पावर किया। समिट में ब्रैंड्स के लिए बहुपथीय उपभोक्ता यात्रा को समझने और उससे निपटने की रणनीतियों पर गहन चर्चा हुई। कार्यक्रम को सफल बनाने में Gold Partners PrsmX by Mobavenue, Teads और The Hindu का सहयोग रहा, जबकि Associate Partner के रूप में mediasmart और Co-Partners के रूप में Digitup, Lemma और Way2News जुड़े।
इस समिट में मार्केटिंग इनोवेशन, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और उपभोक्ता एंगेजमेंट पर महत्वपूर्ण चर्चाएं हुईं, जिनमें इंडस्ट्री के अग्रणी विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। इस मंच ने ब्रैंड्स को उपभोक्ताओं तक अधिक प्रभावी तरीके से पहुंचने के नए अवसरों और संभावनाओं पर विचार करने का मौका दिया।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा इस सप्ताह शीर्ष मीडिया एजेंसियों व अन्य उद्योग संगठनों पर की गई छापेमारी उन कंपनियों की सूचना के आधार पर की गई, जिन्होंने 'लेनिएंसी स्कीम' के तहत सबूत उपलब्ध कराए थे।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) द्वारा इस सप्ताह शीर्ष मीडिया एजेंसियों और अन्य उद्योग संगठनों पर की गई छापेमारी उन कंपनियों की सूचना के आधार पर की गई, जिन्होंने 'लेनिएंसी स्कीम' (रियायत योजना) के तहत सबूत उपलब्ध कराए थे।
'लेनिएंसी स्कीम' एक ऐसी योजना है जिसमें य़दि कोई कंपनी किसी गलत गतिविधि (जैसे अनैतिक व्यापारिक समझौते या गड़बड़ियों) के खिलाफ सबूत देती है, तो उसे कम जुर्माना या पूरी तरह से छूट दी जा सकती है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ कंपनियों ने CCI को सबूत देकर इस स्कीम का फायदा उठाया और बदले में छापेमारी करवाई गई। यह जानकारी एक रॉयटर्स रिपोर्ट में दी गई है।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि Dentsu इस स्कीम का हिस्सा था और उसने अन्य एजेंसियों के खिलाफ सबूत CCI को सौंपे। हालांकि, रॉयटर्स ने यह स्पष्ट नहीं किया कि इस योजना के तहत और कौन-कौन सी कंपनियां शामिल थीं।
इससे पहले हमारी सहयोगी वेबसाइट 'एक्सचेंज4मीडिया' ने भी रिपोर्ट किया था कि छापेमारी के पीछे किसी अंदरूनी सूत्र की सूचना हो सकती है।
मामले के निष्कर्ष पर पहुंचने के बाद, 'लेनिएंसी स्कीम' के तहत उन कंपनियों को 100% जुर्माने से छूट दी जाएगी, जिन्होंने गलत गतिविधियों के सबूत दिए हैं, जबकि बाद में सहयोग करने वाली कंपनियों के लिए कम जुर्माने की व्यवस्था होगी।
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि Dentsu ने पिछले साल फरवरी (2024) में लेनिएंसी सबमिशन किया था और भारतीय विज्ञापन एजेंसी संघ (AAAI) और भारतीय ब्रॉडकास्टिंग और डिजिटल फेडरेशन (IBDF) के बीच मूल्य निर्धारण संबंधी समझौतों के सबूत दिए थे। इसमें दावा किया गया कि इन संगठनों ने विज्ञापन क्लाइंट्स को जीतने के लिए छूट की शर्तें निर्धारित की थीं।
इंडस्ट्री से जुड़े कई विशेषज्ञों का मानना है कि एजेंसियों पर कथित तौर पर कमीशन में कटौती कर बड़े मीडिया बजट हासिल करने के आरोपों के कारण जांच की जा रही है। माना जा रहा है कि कुछ एजेंसियां अपने कमीशन रेट कम करके बड़े ऐडवर्टाइजर्स को आकर्षित करने का प्रयास कर रही थीं और संभवतः गुप्त मीडिया रिबेट्स के माध्यम से नुकसान की भरपाई कर रही थीं।
समाचार4मीडिया से बातचीत में जितेंद्र शर्मा ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही अपनी नई पारी की शुरुआत करेंगे और फिर इसके बारे में बताएंगे।
वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र शर्मा ने हिंदी न्यूज चैनल ‘इंडिया न्यूज’ (India News) को अलविदा कह दिया है। वह यहां करीब छह महीने से कार्यरत थे और बतौर सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे।
समाचार4मीडिया से बातचीत में जितेंद्र शर्मा ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की है। अपनी नई पारी के बारे में जितेंद्र शर्मा का कहना है कि वह जल्द ही नई शुरुआत करेंगे और फिर इसके बारे में बताएंगे।
मूल रूप से हिसार (हरियाणा) के रहने वाले जितेंद्र शर्मा को मीडिया में काम करने का करीब दो दशक का अनुभव है।
उन्होंने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने करियर की शुरुआत ‘जी न्यूज’ (Zee News) से की थी और करीब 20 साल यहां विभिन्न पदों पर अपनी भूमिका निभाने के बाद यहां से बाय बोलकर ‘इंडिया न्यूज’ जॉइन किया था, जहां से भी अब उन्होंने अपनी पारी को विराम दे दिया है।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने पिछले पांच सालों में मीडिया व एंटरटेनमेंट सेक्टर में सात बड़े विलय और अधिग्रहण (Mergers and Acquisition) सौदों को मंजूरी दी है।
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने पिछले पांच सालों में मीडिया व एंटरटेनमेंट सेक्टर में सात बड़े विलय और अधिग्रहण (Mergers and Acquisition) सौदों को मंजूरी दी है। केंद्रीय सूचना-प्रसारण राज्य मंत्री एल मुरुगन ने गुरुवार को लोकसभा में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये सभी सौदे प्रतिस्पर्धा के नियमों के अनुसार मंजूर किए गए हैं।
इन सौदों में 8.5 बिलियन डॉलर का डिज्नी-रिलायंस विलय, कॉमकास्ट कॉरपोरेशन का बोधि ट्री सिस्टम्स में निवेश, टाटा संस का टाटा प्ले में हिस्सेदारी लेना और भारती एयरटेल का भारती टेलीमीडिया में वॉरबर्ग पिंकस से 20% हिस्सेदारी वापस खरीदना शामिल है।
मुरुगन ने बताया कि इन सौदों की मंजूरी बाजार में प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए दी गई है।
उन्होंने यह भी बताया कि ‘टेलीविजन चैनलों के अपलिंकिंग और डाउनलिंकिंग के नीति दिशानिर्देश, 2022’ के तहत पिछले पांच सालों में 109 निजी सैटेलाइट टीवी चैनलों के मालिक बदल चुके हैं।