इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए रिपोर्टर्स और फोटो जर्नलिस्ट्स अपनी एंट्रीज 25 अक्टूबर की शाम पांच बजे तक भेज सकते हैं
पत्रकारों की सामाजिक संस्था ‘नोएडा मीडिया क्लब’ (Noida Media Club) ने पत्रकारों को ‘फ्री स्पीच अवॉर्ड’ (Free Speech Award) देने की घोषणा की है। यह अवॉर्ड तीन रिपोर्टर्स और तीन फोटो जर्नलिस्ट्स को दिया जाएगा। इस अवॉर्ड के तहत बेस्ट रिपोर्टर और फोटो जर्नलिस्ट प्रतियोगिता द्वारा चुने गए विजेताओं को राष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज के तहत क्रमश: 25 हजार, 15 हजार और 10 हजार रुपए दिए जाएंगे। इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए रिपोर्टर्स और फोटो जर्नलिस्ट्स अपनी एंट्रीज नोएडा मीडिया क्लब की ई-मेल आईडी- noidamediaclub@gmail.com पर भेज सकते हैं।
बताया जाता है कि सभी आवेदन 14 अक्टूबर 2019 से 25 अक्टूबर 2019 की शाम पांच बजे तक ही स्वीकार किए जाएंगे। इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रतिभागी एक जनवरी 2019 से अक्टूबर तक की ही खबरें और फोटो भेजें। फोटो व खबरों के साथ अपना पूरा विवरण जैसे-नाम, संस्थान का नाम, पद, मोबाइल नंबर व ई-मेल आईडी भी जरूर भेजें।
नोएडा मीडिया क्लब की ओर से जारी सूचना के अनुसार, प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए प्रिंट मीडिया से जुड़े रिपोर्टर एक जनवरी 2019 से अब तक पब्लिश एक्सक्लूसिव खबरें ही भेजें। पब्लिश खबरों की स्कैन कॉपी अथवा ई-पेपर से डाउनलोड पीडीएफ खबर को प्रकाशन की तिथि एवं एडिशन के नाम सहित भेजें। प्रतिभागी अधिकतम दो खबरें भेज सकते हैं।
वहीं, फोटो जर्नलिस्ट एक जनवरी 2019 से अब तक खींची गई फोटो ही भेजें। प्रतिभागी के पास जो कैमरा हो, उसी से ली गई फोटो ही भेजें। प्रतिभागी अधिकतम दो फोटो ही भेज सकते हैं। आपके द्वारा भेजी जाने वाली फोटो यदि पब्लिश हुई है तो अखबार की स्कैन कॉपी अथवा ई-पेपर से डाउनलोड पीडीएफ भेजें। इसके साथ ही फोटो के प्रकाशन की तिथि और किस एडिशन में प्रकाशित हुई है, वह जानकारी भी अवश्य भेजें।
इलेक्ट्रॉनिक और वेब मीडिया से जुड़े पत्रकार भी एक जनवरी 2019 से अब तक पब्लिश हुई खबरें ही भेजें। प्रसारित हुई अपनी खबर की क्लिप अथवा न्यूज चैनल की वेबसाइट पर प्रकाशित खबर की स्कैन कॉपी भेज सकते हैं। प्रतिभागी अधिकतम दो खबरें ही भेज सकते हैं। इसके लिए गूगल न्यूज में लिस्टेड वेबसाइट को ही मान्यता दी जाएगी।
इस बारे में अधिक जानकारी के लिए नोएडा मीडिया क्लब के कार्यालय के फोन नंबर- 0120-2453333, 8888 पर अथवा 9958944322, 8920315602 एवं 9999213937 पर भेज सकते हैं।
केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि वह आने वाले तीन महीनों में सुनने और देखने में अक्षम लोगों के लिए OTT प्लेटफॉर्म्स पर एक्सेसिबिलिटी से जुड़े दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप दे देगी।
केंद्र सरकार ने गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट को बताया कि वह आने वाले तीन महीनों में सुनने और देखने में अक्षम लोगों के लिए ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म्स पर एक्सेसिबिलिटी से जुड़े दिशा-निर्देशों को अंतिम रूप दे देगी।
जस्टिस सचिन दत्ता ने सूचना-प्रसारण मंत्रालय (MIB) के इस आश्वासन को रिकॉर्ड पर लिया कि मंत्रालय ने इन दिशा-निर्देशों का ड्राफ्ट अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया है और अब इस पर जनता और हितधारकों से सुझाव मांगे गए हैं।
कोर्ट यह मामला उन दृष्टिबाधित लोगों की याचिका पर सुन रहा था जिन्होंने हाल ही में रिलीज हुई बॉलीवुड फिल्मों में दिव्यांग दर्शकों के लिए आवश्यक सुविधाओं की कमी को लेकर शिकायत दर्ज की थी।
बता दें कि प्रसारण (broadcasting) के क्षेत्र में OTT कंटेंट वह ऑडियो, वीडियो या अन्य मीडिया सामग्री होती है जो इंटरनेट के जरिए दर्शकों तक पहुंचाई जाती है, यानी इसके लिए केबल टीवी या सैटेलाइट सेवा की जरूरत नहीं होती।
सरकार की ओर से मंत्रालय के वकील ने कोर्ट को भरोसा दिलाया कि याचिकाकर्ताओं की ओर से दिए गए सुझावों पर विचार किया जाएगा और उन्हें अंतिम दिशा-निर्देश तैयार करते समय ध्यान में रखा जाएगा। मंत्रालय ने यह भी आश्वासन दिया कि अंतिम दिशा-निर्देश तीन महीने के भीतर जारी कर दिए जाएंगे। इस आश्वासन के बाद जस्टिस ने कहा कि अब इस याचिका में किसी अतिरिक्त आदेश की आवश्यकता नहीं है और मामले का निपटारा कर दिया गया।
इससे पहले कोर्ट ने मंत्रालय को निर्देश दिया था कि वह "विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम" के तहत इन दिशा-निर्देशों को तैयार करे।
वहीं, याचिकाकर्ताओं ने अदालत को बताया कि मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ड्राफ्ट दिशा-निर्देशों में कुछ खामियां हैं। उनका कहना था कि मंत्रालय ने उद्योग जगत के लोगों से तो सलाह ली, लेकिन दिव्यांग व्यक्तियों से कोई परामर्श नहीं किया, जबकि सभी हितधारकों की राय लेना जरूरी है।
कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को यह छूट भी दी कि वे इन ड्राफ्ट दिशा-निर्देशों पर अपनी प्रतिक्रिया मंत्रालय को सौंप सकते हैं। जस्टिस ने कहा, “यदि याचिकाकर्ता को दिशा-निर्देशों के निर्माण से संबंधित कोई आपत्ति या शिकायत है, तो उसे कानूनी कार्रवाई करने की स्वतंत्रता होगी।”
भारत के सार्वजनिक प्रसारणकर्ता प्रसार भारती ने अपने कर्मचारियों के लिए एक्स-ग्रेशिया लंप-सम मुआवजे की नई योजना लागू करने का ऐलान किया है।
भारत के सार्वजनिक प्रसारणकर्ता प्रसार भारती ने अपने कर्मचारियों के लिए एक्स-ग्रेशिया लंप-सम मुआवजे की नई योजना लागू करने का ऐलान किया है। यह नई नीति उन कर्मचारियों पर लागू होगी जिन्हें 5 अक्टूबर 2007 के बाद भर्ती किया गया और जिनकी मृत्यु उनके कर्तव्य पालन के दौरान होती है। इस आदेश को 4 अक्टूबर 2025 को प्रसार भारती बोर्ड की मंजूरी के बाद जारी किया गया है और यह 1998 से लागू पुरानी नीति को बदलता है।
नई योजना के तहत, कर्मचारियों की मौत के परिस्थितियों के आधार पर उनके परिवारों को मिलने वाला मुआवजा अब ₹25 लाख से ₹45 लाख तक होगा। यह राशि कर्मचारियों की ड्यूटी के दौरान जुड़े जोखिम के स्तर के अनुसार तय की गई है।
यदि कर्मचारी की मौत दुर्घटना या आतंकवादियों/विरोधी तत्वों के हिंसक कृत्यों के कारण होती है, तो परिवार को ₹25 लाख का मुआवजा मिलेगा।
सीमा संघर्ष, आतंकवादियों, उग्रवादियों या समुद्री डाकुओं से लड़ाई में मृत कर्मचारियों को ₹35 लाख का मुआवजा मिलेगा।
ऊंचाई वाले इलाके या दुर्गम सीमा पोस्ट पर अत्यधिक मौसम या प्राकृतिक आपदा की स्थिति में ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर भी मुआवजा ₹35 लाख होगा।
सबसे बड़ा मुआवजा ₹45 लाख उन कर्मचारियों के लिए होगा जिनकी मृत्यु शत्रु की कार्रवाई, युद्ध जैसी परिस्थितियों या युद्ध प्रभावित देशों से भारतीय नागरिकों के निकासी अभियान के दौरान होती है।
आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्रसार भारती के CEO ही इस मुआवजे को मंजूरी देने के अधिकृत अधिकारी होंगे। दावा प्रक्रिया के लिए सख्त समयसीमा तय की गई है: संबंधित प्रशासनिक विभाग को कर्मचारी की मृत्यु की तुरंत सूचना देना होगी और सप्ताह भर में दावा पूरा करना होगा। मुआवजा घटना की तारीख से दो हफ्ते के भीतर परिवार को दिया जाना चाहिए।
कर्मचारियों को अपने वैध नामांकन के जरिए लाभार्थियों का चयन करना अनिवार्य होगा। यदि नामांकन नहीं है, तो मुआवजा सभी योग्य परिवार के सदस्यों में बराबर बांटा जाएगा, जैसा कि रिटायरमेंट बेनिफिट नियमों में तय है।
नई नीति यह भी स्पष्ट करती है कि भविष्य में पेंशन और पेंशनभोगियों के कल्याण विभाग (DoP&PW) द्वारा किए गए संशोधनों के अनुसार मुआवजा राशि को अपडेट किया जाएगा। नीति का कार्यान्वयन 11 सितंबर 1998 के DoP&PW कार्यालय ज्ञापन के ढांचे के अनुसार होगा।
यह नया आदेश 1998 के ढांचे के बाद पहली बड़ी संशोधन है। उस समय दुर्घटना या आतंकवाद में मौत पर मुआवजा ₹5 लाख और युद्ध या सीमा संघर्ष में मौत पर ₹7.5 लाख तय था।
संक्षेप में, प्रसार भारती ने कर्मचारियों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए मुआवजे की राशि में चार गुना बढ़ोतरी की है, ताकि ड्यूटी के दौरान मृत्यु होने पर परिवारों को तत्काल आर्थिक सुरक्षा मिल सके।
'रदान मीडियावर्क्स' ऐसी कंपनियों में से एक है जिसने भारत में सबसे सफल मीडिया और एंटरटेनमेंट स्टोरीज में से एक के रूप में अपनी पहचान बनाई है। यह दक्षिण भारत की प्रमुख प्रॉडक्शन हाउस है
दक्षिण भारत की लोकप्रिय प्रॉडक्शन कंपनी 'रदान मीडियावर्क्स' (Radaan Mediaworks India Limited) ने हाल ही में अपनी बोर्ड मीटिंग में आर. सरथकुमार (R. Sarathkumar) का पद बदल दिया है। अब वह कंपनी के Whole-Time Director नहीं है। वह अब इस कंपनी में Non-Executive Director के रूप में काम करेंगे।
यह बदलाव 15 अक्टूबर 2025 से लागू कर दिया गया है। इस बदलाव को नामांकन और पारिश्रमिक समिति (Nomination and Remuneration Committee) की सिफारिश के आधार पर बोर्ड ने मंजूरी दी है।
यह कदम कंपनी के प्रशासनिक और प्रबंधन ढांचे में बदलाव का हिस्सा माना जा रहा है।
गौरतलब है कि 'रदान मीडियावर्क्स' ऐसी कंपनियों में से एक है जिसने भारत में सबसे सफल मीडिया और एंटरटेनमेंट स्टोरीज में से एक के रूप में अपनी पहचान बनाई है। यह दक्षिण भारत की प्रमुख प्रॉडक्शन हाउस है और पूरे देश में शीर्ष पांच प्रॉडक्शन हाउस में गिनी जाती है।
Radaan मीडिया और एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में सबसे पुराने खिलाड़ियों में से एक है। इसे 1994 में प्रॉप्राइटरी बिजनेस के रूप में शुरू किया गया और बाद में 1999 में कॉर्पोरेट कंपनी में परिवर्तित किया गया।
Radaan के प्रोग्राम दक्षिण भारत के सभी प्रमुख चैनलों पर प्रसारित होते हैं जैसे Sun TV, KTV, Gemini, Surya, Udaya, ETV और Zee. कंपनी ने SUN TV नेटवर्क के साथ 10 साल से अधिक का सहयोग पूरा किया है, जो दक्षिण भारत का नंबर एक चैनल है।
कंपनी की खासियत यह है कि यह सिर्फ प्रॉडक्शन तक ही सीमित नहीं है, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म और लाइव इवेंट्स के जरिए विभिन्न ऑडियंस सेगमेंट तक पहुंच बनाने पर भी ध्यान देती है।
Radaan अब भारत की सीमाओं से आगे बढ़कर श्रीलंका में भी अपनी मौजूदगी दर्ज करा चुकी है और मलेशिया, सिंगापुर और यूके में इवेंट्स आयोजित कर चुकी है।
रजत उप्पल इससे पहले ‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह के कंज्यूमर इवेंट्स वर्टिकल ‘स्टेज आज तक’ (Stage AajTak) का नेतृत्व कर रहे थे।
‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) ने मीडिया और मार्केटिंग जगत के अनुभवी प्रोफेशनल रजत उप्पल को अपने जल्द शुरू होने वाले इवेंट्स वर्टिकल के लिए बिजनेस हेड नियुक्त किया है। रजत उप्पल इससे पहले ‘इंडिया टुडे’ (India Today) समूह के कंज्यूमर इवेंट्स वर्टिकल ‘स्टेज आज तक’ (Stage AajTak) का नेतृत्व कर रहे थे। इस वर्टिकल की शुरुआत इसी साल जनवरी में हुई थी।
उससे पहले वह इस समूह के रेडियो नेटवर्क 104.8 इश्क एफएम (Ishq FM) में नेशनल मार्केटिंग और प्रोग्रामिंग हेड के पद पर कार्यरत थे।
‘इश्क एफएम’ से पहले उप्पल ‘एचटी मीडिया’ (HT Media), ‘रिलांयस ब्रॉडकास्ट’ (Reliance Broadcast) और ‘रेड एफएम’ (RED FM) जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में लीडरशिप भूमिकाएं निभा चुके हैं। यहां उन्होंने ब्रैंड बिल्डिंग, एक्सपीरिएंशल मार्केटिंग और इवेंट आईपी (Intellectual Property) निर्माण में विशेषज्ञता हासिल की।
इस नियुक्ति के बारे में ‘एबीपी नेटवर्क’ के सीईओ सुमांता दत्ता का कहना है, ‘हम एबीपी में रजत को अपने साथ जोड़कर उत्साहित हैं। राजत के पास ब्रैंड और मीडिया मार्केटिंग में दो दशकों का अनुभव है। उनके अनुभव के साथ, हम इवेंट्स वर्टिकल समेत कई नए रोमांचक पहल शुरू करने की दिशा में काम करेंगे। हमारा उद्देश्य ऐसे इवेंट्स तैयार करना है जो कंज्यूमर्स को यादगार अनुभव दें।’
वहीं, रजत उप्पल का कहना है, ‘एबीपी नेटवर्क में अपनी नई पारी शुरू करने को लेकर मैं बेहद उत्साहित हूं। देश में एक्सपीरिएंशल इंडस्ट्री (experiential industry) तेजी से बढ़ रही है। ऐसे समय में, मैं एक नई बिजनेस यूनिट बनाने की दिशा में काम करूंगा, जो वर्ल्ड-क्लास इवेंट अनुभव देने पर फोकस करेगी।’
समाचार4मीडिया से बातचीत में कुलदीप पंवार ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की है। हालांकि, अपनी नई पारी के बारे में उन्होंने फिलहाल खुलासा नहीं किया है।
वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप सिंह पवार ने ‘जी मीडिया’ (Zee Media) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह यहां करीब साढ़े तीन साल से कार्यरत थे और डिजिटल प्लेटफॉर्म ‘डीएनए’ (हिंदी) में बतौर शिफ्ट हेड (न्यूज) अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे। पिछले 3 महीने से वह ‘जी मीडिया’ के ही स्पोर्ट्स वेंचर Cricket Country के यूट्यूब हेड की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
समाचार4मीडिया से बातचीत में कुलदीप पंवार ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की है। अपनी नई पारी के बारे में पूछे जाने पर कुलदीप पंवार का कहना था कि वह जल्द ही एक अन्य संस्थान में बड़ी जिम्मेदारी निभाने जा रहे हैं। हालांकि, फिलहाल उन्होंने इस संस्थान के नाम का खुलासा नहीं किया है।
बता दें कि ‘जी मीडिया’ से पहले कुलदीप ‘दैनिक भास्कर’ (Dainik Bhaskar) डिजिटल में शिफ्ट एडिटर के पद पर भोपाल में कार्यरत थे, हालांकि, यहां उनका कार्यकाल एक साल से थोड़ा कम ही रहा।
मेरठ के रहने वाले कुलदीप पंवार को मीडिया में काम करने का करीब 21 साल का अनुभव है। पत्रकारिता में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने ‘अमर उजाला’ मेरठ से की थी। इसके बाद वह यहां से बाय बोलकर ‘हिन्दुस्तान टाइम्स’ (Hindustan Times) आ गए। उन्होंने इस संस्थान में दिल्ली में स्पोर्ट्स डेस्क पर अपनी जिम्मेदारी निभाई और फिर ‘जागरण प्रकाशन लिमिटेड’ के द्विभाषी अखबार ‘आईनेक्स्ट’ (iNext) में देहरादून में बतौर संपादक जॉइन कर लिया।
कुछ समय इस पद पर अपनी भूमिका निभाने के बाद उन्होंने यहां से बाय बोल दिया और नोएडा में हिंदी अखबार ‘दैनिक जागरण’ जॉइन कर लिया। बतौर आउटपुट हेड (साउथ हरियाणा) उन्होंने यहां अपनी जिम्मेदारी संभाली और कुछ समय बाद यहां से इस्तीफा देकर ‘राजस्थान पत्रिका’ (Rajasthan Patrika) में नेशनल स्पोर्ट्स एडिटर के पद पर जॉइन कर लिया।
करीब दो साल इस पद पर अपनी जिम्मेदारी निभाने के बाद वह नोएडा में डिप्टी न्यूज एडिटर के पद पर ‘अमर उजाला’ (Amar Uajal) की टीम में शामिल हो गए औऱ करीब तीन साल तक सेंट्रल डेस्क पर सेकेंड इंचार्ज के तौर पर अपनी भूमिका निभाई। ‘अमर उजाला’ के साथ कुलदीप सिंह की यह दूसरी पारी थी। मीडिया में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने इसी संस्थान से की थी। इसके बाद ‘दैनिक भास्कर’ होते हुए वह ‘जी मीडिया’ पहुंचे थे, जहां से अब उन्होंने अपनी पारी को विराम दे दिया है।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो कुलदीप सिंह ने मेरठ की चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से सोशल साइंस में ग्रेजुएशन किया है। समाचार4मीडिया की ओर से कुलदीप सिंह पंवार को उनकी नई पारी के लिए अग्रिम रूप से ढेरों शुभकामनाएं।
मीडिया वन ग्लोबल एंटरटेनमेंट लिमिटेड के डायरेक्टर (Whole-Time) साईप्रसाद कुरगायला ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
मीडिया वन ग्लोबल एंटरटेनमेंट लिमिटेड के डायरेक्टर (Whole-Time) साईप्रसाद कुरगायला ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उनका इस्तीफा 13 अक्टूबर 2025 से प्रभावी हो गया है।
कंपनी ने बताया कि साईप्रसाद ने व्यक्तिगत कारणों से यह निर्णय लिया है। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स से इस्तीफे के बाद फिलहाल वे उन सभी बोर्ड कमेटियों की सदस्यता से भी हट गए हैं, जिनमें वे सदस्य के रूप में कार्यरत थे।
साईप्रसाद कुरगायला एक अनुभवी डायरेक्टर हैं, जिनके पास कई कंपनियों में नेतृत्व की जिम्मेदारियां हैं। वे मीडिया व एंटरटेनमेंट क्षेत्र से जुड़े विभिन्न संगठनों में डायरेक्टर के पद रह चुके हैं। वर्तमान में वे Propinnacle Entertainment Private Limited के डायरेक्टर भी हैं, जो एंटरटेनमेंट सेक्टर में काम करती है।
इस इंटरैक्टिव मीट का आयोजन नोवोटेल गोवा रिसॉर्ट में किया गया और इसका मुख्य विषय था “विकसित भारत @2047 की परिकल्पना को साकार करने में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की भूमिका।”
गोवा में ICAI के सार्वजनिक सेवा में कार्यरत सदस्यों की रेसिडेंशियल मीट के दौरान, प्रसार भारती के चेयरमैन डॉ. नवनीत कुमार सहगल ने कहा कि भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था अब दुनिया में नई इज्जत कमा रही है।
डॉ. सहगल ने बताया कि भारत, जो दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, लगातार 6.8 से 7 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर के साथ आगे बढ़ रहा है। यह दर किसी अन्य बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि वैश्विक नजरिए में भारत के प्रति सम्मान बढ़ रहा है और विदेश अब देश को अधिक प्रशंसा और सम्मान के साथ देख रहे हैं।
इस इंटरैक्टिव मीट का आयोजन नोवोटेल गोवा रिसॉर्ट में किया गया और इसका मुख्य विषय था “विकसित भारत @2047 की परिकल्पना को साकार करने में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की भूमिका।”
डॉ. सहगल ने सदस्य अकाउंटेंट्स से कहा कि वे देश की आर्थिक प्रगति में सक्रिय भूमिका निभाएं और विकास के लक्ष्यों को हासिल करने में अपनी विशेषज्ञता का योगदान दें।
मीट में देशभर के चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ने अपने अनुभव साझा किए और चर्चा की कि कैसे वित्तीय पारदर्शिता और जिम्मेदार प्रबंधन से विकसित और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में तेजी लाई जा सकती है।
श्री अधिकारी ब्रदर्स टेलीविजन नेटवर्क लिमिटेड ने हाल ही में हुए अपनी बोर्ड मीटिंग में कई अहम नियुक्तियों को मंजूरी दी है।
श्री अधिकारी ब्रदर्स टेलीविजन नेटवर्क लिमिटेड ने हाल ही में हुए अपनी बोर्ड मीटिंग में कई अहम नियुक्तियों को मंजूरी दी है। कंपनी के निदेशक मंडल (बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स) की बैठक 10 अक्टूबर 2025 को आयोजित की गई, जिसमें नामांकन और पारिश्रमिक समिति की सिफारिशों के आधार पर कुल पांच नई नियुक्तियों को मंजूरी दी गई। ये नियुक्तियां नियामकीय और शेयरधारकों की मंजूरी के बाद प्रभावी होंगी। कंपनी ने इन नियुक्तियों की जानकारी स्टॉक मार्केट को दे दी है।
श्रीवत्सव सुंकारा (Srivatsava Sunkara)
कंपनी ने श्रीवत्सव सुंकारा को 10 अक्टूबर 2025 से पांच वर्ष की अवधि के लिए एग्जिक्यूटिव और मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया है। श्रीवत्सव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और लार्ज लैंग्वेज मॉडल (LLMs) के क्षेत्र में अनुभव रखते हैं। उन्होंने संगठनात्मक संचालन को अधिक कुशल और नवोन्मेषी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। फिलहाल वर्तमान में वे किसी भी अन्य कंपनी में निदेशक पर नहीं हैं और सेबी या किसी अन्य प्राधिकरण द्वारा निदेशक पद धारण करने से प्रतिबंधित नहीं हैं।
किरण कुमार इनामपुड़ी (Kiran Kumar Inampudi)
किरण कुमार इनामपुड़ी को एग्जिक्यूटिव (नॉन-इंडिपेंडेंट) डायरेक्टर और चेयरपर्सन के रूप में नियुक्त किया गया है। 27 से अधिक वर्षों के करियर में उन्होंने टेलीकॉम, ब्रॉडकास्टिंग, इंटरएक्टिव टीवी, स्मार्ट कार्ड सिस्टम, फिनटेक और स्पेसटेक जैसे क्षेत्रों में काम किया है। उन्होंने ऐसे डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किए जो प्रतिदिन 12 करोड़ से अधिक लेनदेन संभालते हैं और 35 करोड़ से अधिक ग्राहकों को सेवाएं देते हैं। वर्तमान में वे सैटेलाइट-आधारित डेटा राउटर्स, ब्लॉकचेन नोड राउटिंग और रीयल-टाइम फिनटेक प्लेटफॉर्म्स में इनोवेशन को आगे बढ़ा रहे हैं।
वे दो अन्य निजी कंपनियों—WiFi Networks Pvt Ltd और Mobiwalkers Digital Media Pvt Ltd में निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।
रामावत सुरेश (Ramavath Suresh)
रामावत सुरेश को कंपनी के नॉन-एग्जिक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में पांच वर्ष के लिए नियुक्त किया गया है। वे वर्तमान में हार्लीज ग्रुप के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) हैं और चैतन्य भारती इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बी.टेक में डिग्री प्राप्त कर चुके हैं। उनके पास कॉर्पोरेट मैनेजमेंट का व्यापक अनुभव है और वे कई संस्थानों जैसे Tribal Mantra India Pvt Ltd, Ignite Tribal Foundation, और ISTTM Business School Pvt Ltd के निदेशक मंडल में शामिल हैं।
शरथ कुमार रेखापल्ली नागा (Sharath Kumar Rekhapalli Naga)
शरथ कुमार रेखापल्ली नागा को भी नॉन-एग्जिक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में पांच वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया गया है। वे दो दशक से अधिक अनुभव वाले एक अनुभवी लीडरशिप और एग्जिक्यूटिव कोच हैं।
उन्होंने वैश्विक वित्तीय संस्थानों जैसे ABN AMRO, Barclays Capital, Nomura और Tower Research Capital India के साथ कार्य किया है। IIT खड़गपुर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातक शरथ वर्तमान में 5-Swans नामक ट्रेडिंग और कंसल्टिंग फर्म के को-फाउंडर और CEO हैं। वे फिलहाल Blitz Fintech Pvt Ltd में निदेशक के रूप में भी कार्यरत हैं।
श्रीपाल रेड्डी मोलुगु (Sripal Reddy Molugu)
श्रीपाल रेड्डी मोलुगु को नॉन-एग्जिक्यूटिव इंडिपेंडेंट डायरेक्टर के रूप में नियुक्त किया गया है। वे वर्तमान में एनरगॉन ग्रुप के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) हैं और IIT खड़गपुर से 1998 में बी.टेक डिग्री प्राप्त कर चुके हैं।
इन नियुक्तियों से कंपनी के प्रबंधन और तकनीकी नेतृत्व में नई ऊर्जा और रणनीतिक दृष्टि के आने की उम्मीद की जा रही है। वहीं, कंपनी ने भी माना है कि इन नई नियुक्तियों से कंपनी के प्रबंधन को मजबूती मिलेगी और आगामी रणनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने में सहायता मिलेगी।
‘एनडीटीवी’ पहले वह ‘एबीपी’ (ABP) नेटवर्क में बतौर मैनेजर (Corporate Communication, Outreach and Events) अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।
मीडिया प्रोफेशनल पूजा मिश्रा ने ‘एनडीटीवी’ (NDTV) के साथ नई पारी का आगाज किया है। उन्होंने इस मीडिया संस्थान में बतौर सीनियर मैनेजर (Guest Relations and Outreach) जॉइन किया है।
पूजा मिश्रा को कॉर्पोरेट कम्युनिकेशन, ब्रैंड मैनेजमेंट, पब्लिक रिलेशंस और सोशल सेक्टर में काम करने का 12 साल से अधिक का अनुभव है। ‘एनडीटीवी’ पहले वह ‘एबीपी’ (ABP) नेटवर्क में बतौर मैनेजर (Corporate Communication, Outreach and Events) अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।
पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो पूजा ने जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। अपने करियर की शुरुआत उन्होंने न्यूज रिपोर्टिंग और कंटेंट कलेक्शन से की थी। इसके बाद उन्होंने मीडिया और कॉर्पोरेट सेक्टर में मल्टीप्लेटफॉर्म कम्युनिकेशन में महारत हासिल की।
पूजा अंतरराष्ट्रीय एनजीओ ‘Aide Et Action International-South Asia’ से भी जुड़ी रही हैं, जहां उन्होंने लेबर माइग्रेशन और बॉन्डेड लेबर पर काम किया। इसके बाद उन्होंने कॉर्पोरेट सेक्टर में इंटीग्रेटेड कम्युनिकेशन स्ट्रैटेजी और इवेंट्स की प्लानिंग और क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाई। पूर्व में वह IFFCO-Tokio General Insurance Co. Ltd. में भी अपनी जिम्मेदारी संभाल चुकी हैं।
‘एबीपी नेटवर्क में पूजा मिश्रा ने कई ऐसे हाई-इम्पैक्ट इवेंट्स तैयार करने, क्रियान्वित करने और लागू करने में अहम भूमिका निभाई है, जो भारतीय मीडिया परिदृश्य में अब लैंडमार्क प्रॉपर्टीज के रूप में स्थापित हो चुके हैं। वह ‘Ideas of India’ समिट के अलावा India@2047 समिट, The Southern Rising Summits के साथ-साथ बड़े फॉर्मेट के म्यूजिक कॉन्सर्ट ‘Roots & Rhythms’ में भी अहम भूमिका निभा चुकी हैं।
समाचार4मीडिया की ओर से पूजा मिश्रा को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की अदालत ने निर्देश दिया है कि सुधीर चौधरी का नाम, स्वर, चेहरा और उनकी पहचान (likeness) बिना उनकी अनुमति के कहीं भी उपयोग नहीं किया जाए।
दिल्ली हाई कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार और ‘डीडी न्यूज’ (DD News) के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी की शिकायत पर उनके पक्ष में आदेश दिया है। अदालत ने कहा है कि सुधीर चौधरी कि खिलाफ सोशल मीडिया पर प्रसारित कथित भ्रामक और AI-जनित (deepfake) वीडियो व कंटेंट को 48 घंटे के भीतर हटाया जाए।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की अदालत ने निर्देश दिया है कि सुधीर चौधरी का नाम, स्वर, चेहरा और उनकी पहचान (likeness) बिना उनकी अनुमति के कहीं भी उपयोग नहीं किया जाए। अगर इंटरनेट पर कुछ ऐसे वीडियो या सामग्री दिखती है, जो उनके खिलाफ है और उन्होंने उसे अदालत में चुनौती दी है, तो उसे तुरंत हटाया जाना चाहिए। अगर जिस व्यक्ति ने इसे अपलोड किया है और वह इसे नहीं हटाता तो गूगल (Google) या मेटा (Meta) जैसे प्लेटफॉर्म्स इसे स्वतः हटा देंगे।
इसके साथ ही दिल्ली हाई कोर्ट का यह भी कहना है कि दोषी यूजर्स की जानकारी (जिन्होंने वे लिंक अपलोड किए) तीन हफ्तों के अंदर शेयर की जाए ताकि वे सामने आ सकें। इसके बाद जब उन यूजर्स का पता चलेगा तो सुधीर चौधरी को मुकदमे में उनका नाम जोड़ने का आदेश दिया गया है।
सुधीर चौधरी ने अदालत में कहा कि बहुत सी AI-जनित वीडियो उपलब्ध हैं, जिनमें उन्हें तमाम बयान देते हुए दिखाया गया है, पर वे बयान उन्होंने कभी नहीं दिए हैं। इस पर अदालत ने माना कि यह सुधीर चौधरी की छवि और अस्तित्व को नुकसान पहुंचाता है, इसलिए ऐसे कंटेंट पर तुरंत रोक लगाने का आदेश जारी किया गया है।