केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को विनियमित करने वाले मौजूदा कानूनों को मजबूत करना बेहद जरूरी है।
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समाचार4मीडिया ब्यूरो
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण, रेल और इलेक्ट्रॉनिकी व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को विनियमित करने वाले मौजूदा कानूनों को मजबूत करना बेहद जरूरी है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पारंपरिक प्रेस में संपादकीय जांच ने जहां जवाबदेही सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाई थी, वहीं सोशल मीडिया के युग में यह तत्व लगभग गायब हो गया है।
संपादकीय जांच बनाम अनियंत्रित अभिव्यक्ति
लोकसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए अश्विनी वैष्णव ने कहा, "हम सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के युग में रह रहे हैं। हालांकि यह प्रेस की स्वतंत्रता का एक मंच बन चुका है, लेकिन संपादकीय निगरानी के अभाव ने इसे अनियंत्रित अभिव्यक्ति का मंच भी बना दिया है, जहां अक्सर अशोभनीय और भ्रामक सामग्री देखने को मिलती है।" उन्होंने यह भी कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाएं और प्रेस के पारंपरिक रूप जो कभी जवाबदेही और सामग्री की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए संपादकीय जांच पर निर्भर थे, समय के साथ अब इसमें कमी आई है।
सांस्कृतिक संवेदनशीलता पर जोर
अश्विनी वैष्णव ने भारत और इन प्लेटफॉर्म्स के मूल क्षेत्रों के बीच सांस्कृतिक भिन्नताओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "भारत की सांस्कृतिक संवेदनशीलता उन क्षेत्रों से अलग है, जहां ये प्लेटफॉर्म विकसित हुए हैं। इसलिए, भारत के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि वह अपने सांस्कृतिक और सामाजिक मूल्यों की रक्षा के लिए मौजूदा कानूनों को और सख्त बनाए।"
सख्त कानूनों पर आम सहमति की अपील
केंद्रीय मंत्री ने संसद की स्थायी समिति से इस महत्वपूर्ण मुद्दे को प्राथमिकता के तौर पर लेने का आग्रह किया और कहा कि इसके समाधान के लिए सामाजिक सहमति आवश्यक है। उन्होंने कहा, "इस चुनौती से निपटने के लिए न केवल सख्त कानून बनाए जाने चाहिए, बल्कि समाज को भी एकजुट होकर इस पर सहमति बनानी चाहिए।"
सोशल मीडिया और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स के बढ़ते प्रभाव और उनकी सामग्री को लेकर सरकार का यह रुख यह संकेत देता है कि भविष्य में इन पर अधिक नियंत्रण लाने के लिए कानूनों में बदलाव किया जा सकता है। इसका उद्देश्य न केवल अशोभनीय सामग्री पर लगाम लगाना है, बल्कि डिजिटल युग में जिम्मेदारी और जवाबदेही को भी पुनः स्थापित करना है।
डॉ. संदीप गोयल भारत के सबसे प्रभावशाली विज्ञापन, मीडिया और ब्रैंड रणनीति के लीडर्स में शुमार हैं।
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Samachar4media Bureau
डॉ. संदीप गोयल भारत के सबसे प्रभावशाली विज्ञापन, मीडिया और ब्रैंड रणनीति के लीडर्स में शुमार हैं। उनके करियर में चार दशकों से अधिक का अनुभव है, जिसमें विज्ञापन, प्रसारण, डिजिटल इनोवेशन, ब्रैंड कंसल्टेंसी और सार्वजनिक सेवा शामिल हैं। उनके जन्मदिन (5 दिसंबर) के मौके पर उनके प्रोफेशनल जर्नी को याद करना पूरी तरह न्यायसंगत है, जो भारत की सबसे ताकतवर मीडिया और मार्केटिंग संस्थाओं में नेतृत्व के लिए जाना जाता है।
वर्तमान में डॉ. गोयल Rediffusion Brand Solutions Pvt. Ltd. के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, यह पद उन्होंने मई 2021 से संभाला है। उनके नेतृत्व में Rediffusion ने अपनी क्रिएटिव फोकस को तेज किया है, रणनीतिक क्षमताओं का विस्तार किया है और खुद को एक आधुनिक, इनसाइट्स-लीड एजेंसी समूह के रूप में दोबारा स्थापित किया है।
जून 2020 से डॉ. गोयल पंजाब CSR अथॉरिटी, पंजाब सरकार के CEO भी हैं। इस सार्वजनिक नेतृत्व भूमिका में उन्होंने CSR गवर्नेंस और पार्टनरशिप्स का संचालन किया है, ताकि राज्य के विकास परिणामों को मजबूत किया जा सके। यह उनके सामाजिक प्रभाव और जिम्मेदार कॉर्पोरेट एंगेजमेंट के प्रति प्रतिबद्धता का महत्वपूर्ण विस्तार है।
साथ ही, डॉ. गोयल Mogae Media के चेयरमैन भी हैं, जिसे उन्होंने 2011 में सह-स्थापित किया था। पिछले 14+ वर्षों में Mogae ने डिजिटल मार्केटिंग, मोबाइल एंगेजमेंट और कंटेंट-ड्रिवेन ब्रैंड सॉल्यूशंस में मजबूत पहचान बनाई है। Mogae में उनका उद्यमी काम भारत के मोबाइल-फर्स्ट विकास को पहले ही पहचान लेने और क्रिएटिविटी को तकनीक के साथ जोड़ने की क्षमता को दर्शाता है।
डॉ. गोयल का Dentsu India में 2003 से 2011 तक का कार्यकाल उनके करियर का एक मील का पत्थर रहा। उन्होंने Dentsu की भारत में स्थापना और विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और देश के सबसे बड़े और विविध मार्केटिंग नेटवर्क में से एक के लिए आधार तैयार किया। उनके नेतृत्व को अक्सर जापानी सटीकता, अनुशासन और लंबी अवधि की ब्रैंड सोच को भारतीय विज्ञापन परिदृश्य में लाने के लिए याद किया जाता है।
Dentsu से पहले, डॉ. गोयल 2001 से 2002 तक Zee Telefilms Ltd. के Group CEO रहे। उस समय भारतीय टेलीविजन में बड़ा परिवर्तन हो रहा था। Zee में उन्होंने कंटेंट, डिस्ट्रीब्यूशन और विकास रणनीतियों का संचालन किया, जिससे नेटवर्क की प्रासंगिकता और प्रतिस्पर्धात्मक स्थिति मजबूत हुई।
1997 से 2001 तक, वे Rediffusion Y&R के प्रेसिडेंट रहे, जहां उन्होंने प्रमुख ब्रैंड्स के लिए एजेंसी की रणनीतिक और क्रिएटिव दिशा का नेतृत्व किया। इस प्रारंभिक नेतृत्व भूमिका ने उनके उपभोक्ता व्यवहार, ब्रैंड उद्देश्य और बड़े पैमाने पर कम्युनिकेशन को समझने में मदद की।
इसके अलावा, डॉ. संदीप गोयल Snap Inc. के इंडिया एडवाइजरी बोर्ड के चेयरमैन और Indian Institute of Human Brands (IIHB) के चीफ मेंटर भी हैं। सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट, ब्रैंड एम्बेसडर और कंज्यूमर इनसाइट मैपिंग में उनके व्यापक काम ने उन्हें भारत में ब्रैंड-ह्यूमन रिलेशनशिप का प्रमुख विशेषज्ञ बना दिया है।
डॉ. गोयल एक बहुआयामी नेता, विज्ञापन रणनीतिज्ञ, उद्यमी, अकादमिक चिंतक और सार्वजनिक क्षेत्र के कार्यकारी हैं। उनका करियर लगातार नेतृत्व, नवाचार और ब्रैंड्स की शक्ति में गहरी आस्था को दर्शाता है, जो संस्कृति और समाज को आकार देने में सक्षम है।
नागालैंड के लोकसभा सांसद सुपोंगमेरेन जामिर ने राज्य के सार्वजनिक प्रसारण संस्थानों में गहरी प्रशासनिक और संचालन संबंधी समस्याओं को लेकर गंभीर चिंता जताई है।
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Samachar4media Bureau
नागालैंड के लोकसभा सांसद सुपोंगमेरेन जामिर ने राज्य के सार्वजनिक प्रसारण संस्थानों में गहरी प्रशासनिक और संचालन संबंधी समस्याओं को लेकर गंभीर चिंता जताई है।
1 दिसंबर 2025 को सांसद ने लोकसभा के नियम 377 के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को बताया कि कोहिमा स्थित आकाशवाणी केंद्र और दूरदर्शन केंद्र में स्टाफ की भारी कमी और पूर्णकालिक नेतृत्व की अनुपस्थिति है।
सांसद द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार:
आकाशवाणी केंद्र कोहिमा: कुल 260 पदों में से केवल 90 भरे हैं, यानी 170 पद खाली हैं।
दूरदर्शन केंद्र कोहिमा: 144 पदों में से केवल 55 भरे हैं, यानी 89 पद खाली हैं।
सबसे बड़ी समस्या यह है कि दोनों केंद्रों में पूर्णकालिक स्टेशन डायरेक्टर (हेड ऑफ ऑफिस) नहीं हैं। वर्तमान में प्रशासन और संचालन असम के डिब्रूगढ़ से डिप्टी डायरेक्टर जनरल द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है। इस कारण निर्णय लेने, मंजूरी देने और प्रसारण गतिविधियों और मेंटेनेंस सेंटरों के संचालन में देरी हो रही है।
सांसद जामिर ने कहा कि यह प्रशासनिक खालीपन और व्यापक पद रिक्तता प्रसार भारती के मिशन को कमजोर कर रही है, जो नागालैंड की सांस्कृतिक विरासत, भाषाई विविधता और विकास की कहानियों को जनता तक पहुंचाने का माध्यम है।
उन्होंने मंत्रालय से आग्रह किया है कि तुरंत:
दोनों केंद्रों के लिए पूर्णकालिक हेड्स की नियुक्ति की जाए,
सभी खाली पदों को भरा जाए,
तकनीकी स्टाफ जैसे टेक्निकल असिस्टेंट और जूनियर टेक्निकल असिस्टेंट की भर्ती तेजी से की जाए, खासकर AIR कोहिमा और मोकोकचुंग लोक रेडियो स्टेशन में।
जामिर ने नागालैंडवासियों को भरोसा दिलाया कि वे लगातार मंत्रालय और अधिकारियों के पास सुनिश्चित करेंगे कि इन संस्थानों को मजबूत बनाया जाए, क्योंकि पूरी तरह से स्टाफ वाले आकाशवाणी और दूरदर्शन सिर्फ प्रशासनिक आवश्यकता नहीं, बल्कि राज्य के लिए लोकतांत्रिक आवश्यकता भी हैं।
बालाजी टेलीफिल्म्स ने अपने एम्प्लॉयीज को ESOP (Employee Stock Ownership Plan) के तहत शेयर देने का फैसला किया है।
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Vikas Saxena
बालाजी टेलीफिल्म्स ने अपने एम्प्लॉयीज को ESOP (Employee Stock Ownership Plan) के तहत शेयर देने का फैसला किया है। कंपनी की नॉमिनेशन और रेम्यूनरेशन कमेटी ने 2 दिसंबर 2025 को सर्कुलेशन के जरिए पास हुए प्रस्ताव में कुल 2,75,000 शेयर जारी करने की मंजूरी दे दी।
ये शेयर बालाजी टेलीफिल्म्स के ESOP 2017 और ESOP 2023 स्कीम के तहत योग्य एम्प्लॉयीज को दिए गए हैं। कंपनी ने बताया कि ये शेयर सभी एम्प्लॉयीज को सामान्य बाजार कीमत से काफी कम दामों पर मिलेंगे:
2,50,000 शेयर ₹65.33 प्रति शेयर की कीमत पर (ये शेयर 11 फरवरी 2022 को दिए गए स्टॉक ऑप्शन्स पर आधारित हैं)
25,000 शेयर ₹55.28 प्रति शेयर की कीमत पर (ये शेयर 9 नवंबर 2023 को दिए गए स्टॉक ऑप्शन्स पर आधारित हैं)
शेयर जारी होने के बाद कंपनी की पेड-अप शेयर कैपिटल बढ़ गई है, क्योंकि हर शेयर की फेस वैल्यू 2 रुपए है।
इसलिए नए शेयरों की कुल फेस वैल्यू = 2,75,000 × ₹2 = ₹5,50,000
इस वजह से कंपनी की पेड-अप कैपिटल पहले ₹23,94,19,688 थी, जो अब बढ़कर ₹23,99,69,688 हो गई है।
कंपनी ने कहा कि जिन नए शेयरों को एम्प्लॉयीज को दिए जा रहे हैं, वे पुराने शेयरों के समान होंगे। इसका मतलब है कि इन नए शेयरों को भी वही अधिकार मिलेंगे जो पुराने शेयरों को हैं, जैसे डिविडेंड पाने का अधिकार और वोटिंग का अधिकार।
Eros इंटरनेशनल मीडिया लिमिटेड की 31वीं वार्षिक आम बैठक 1 दिसंबर 2025 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। कंपनी ने बताया कि AGM में रखे गए सभी प्रस्ताव शेयरधारकों ने भारी बहुमत से मंजूर कर दिए हैं।
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Vikas Saxena
Eros इंटरनेशनल मीडिया लिमिटेड की 31वीं वार्षिक आम बैठक (AGM) 1 दिसंबर 2025 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई। कंपनी ने बताया कि AGM में रखे गए सभी प्रस्ताव शेयरधारकों ने भारी बहुमत से मंजूर कर दिए हैं।
कंपनी के मुताबिक, AGM से पहले और AGM के दौरान शेयरधारकों के लिए ई-वोटिंग की सुविधा दी गई थी, ताकि वे सभी मुद्दों पर आसानी से वोट कर सकें। वोटों की गिनती की जिम्मेदारी कंपनी ने एक स्क्रूटिनाइजर यानी स्वतंत्र अधिकारी को सौंपी थी, जिन्होंने अपनी रिपोर्ट में पुष्टि की है कि सभी प्रस्ताव पास हो गए।
बैठक में तीन अहम प्रस्ताव रखे गए थे-
पहला, कंपनी के 2024-25 के ऑडिटेड फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स को मंजूरी देना। यह प्रस्ताव 99% से ज्यादा वोटों के साथ पास हो गया।
दूसरा, कंपनी के डायरेक्टर विजय ठक्कर का दोबारा कार्यकाल के लिए चयन। यह प्रस्ताव भी लगभग 100% वोटों से पास हुआ। विजय ठक्कर इस बार रोटेशन के तहत अपने पद से औपचारिक रूप से रिटायर हो रहे थे, लेकिन वे दोबारा काम जारी रखने के लिए तैयार हैं। इसलिए कंपनी ने उन्हें फिर से डायरेक्टर के तौर पर नियुक्त करने का प्रस्ताव रखा था, जोकि बारी बहुमत से पास हो गया है।
तीसरा और खास प्रस्ताव था- MD व एग्जिक्यूटिव वाइस चेयरमैन सुनील लुल्ला को 2024-25 में दी गई अतिरिक्त सैलरी को माफ करने की मंजूरी। यह प्रस्ताव भी बहुमत से पास हो गया।
कंपनी ने कहा कि AGM और ई-वोटिंग पूरी तरह नियमों के मुताबिक और पारदर्शी तरीके से कराई गई। सभी वोटों की संयुक्त रिपोर्ट स्टॉक एक्सचेंज को भी भेज दी गई है।
जी एंटरटेनमेंट ने उन खबरों पर स्पष्टीकरण दिया है जिनमें कहा गया था कि कंपनी सोनी के साथ मर्जर फेल होने के बाद और ज्यादा छंटनी कर रही है।
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Vikas Saxena
जी एंटरटेनमेंट ने उन खबरों पर स्पष्टीकरण दिया है जिनमें कहा गया था कि कंपनी सोनी के साथ मर्जर फेल होने के बाद और ज्यादा छंटनी कर रही है। कंपनी ने साफ कहा है कि यह खबर भ्रामक है।
कंपनी के मुताबिक वह अपनी ‘ओम्नी-चैनल’ रणनीति के तहत अलग-अलग बिजनेस डिविजन्स को दोबारा व्यवस्थित कर रही है ताकि काम- तेज, आसान और बेहतर तरीके से हो सके। जी ने कहा कि यह प्रक्रिया पहले से चल रही है और समय-समय पर बिजनेस जरूरतों के हिसाब से बदलाव किए जाते रहते हैं। इसका कंपनी की रोजमर्रा की कामकाज या परफॉर्मेंस पर कोई असर नहीं पड़ता।
जी एंटरटेनमेंट ने यह भी याद दिलाया कि 5 अप्रैल 2024 को कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को एक प्रेस रिलीज भेजी थी, जिसमें बताया गया था कि कंपनी करीब 15% एम्प्लॉयीज की कटौती करते हुए ‘लीन ऑर्गनाइजेशन’ बनाने की दिशा में काम कर रही है। यह प्रक्रिया उसी का हिस्सा है और कोई नई छंटनी नहीं है।
कंपनी ने कहा कि वह हमेशा SEBI के सभी नियमों का पालन करती आई है और आगे भी सभी जरूरी जानकारी समय पर देती रहेगी।
उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस ऑफिसर नवनीत सहगल को पिछले साल 16 मार्च को प्रसार भारती के चेयरमैन पद पर नियुक्त किया गया था।
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वरिष्ठ आईएएस अधिकारी (सेवानिवृत्त) नवनीत सहगल ने ‘प्रसार भारती’ (Prasar Bharati) के चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया है। उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस ऑफिसर नवनीत सहगल को पिछले साल 16 मार्च को प्रसार भारती के चेयरमैन पद पर नियुक्त किया गया था।
नवनीत कुमार सहगल ने 2 दिसंबर को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने उनके इस्तीफे को प्रसार भारती अधिनियम, 1990 की धारा 7(6) के तहत स्वीकार कर लिया है और उन्हें तत्काल प्रभाव से पद से मुक्त कर दिया गया है। 1988 बैच के आईएएस अधिकारी, सहगल उत्तर प्रदेश कैडर से हैं और उन्होंने 35 से अधिक वर्षों तक प्रशासनिक सेवा में कार्य किया है।
मार्च 2024 में चेयरमैन नियुक्त होने के बाद उन्होंने प्रसार भारती में संगठनात्मक सुधार और दीर्घकालिक रणनीति पर कार्य किया। सहगल इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार में कई अहम पदों पर रह चुके हैं जिनमें प्रधान सचिव पर्यटन, एमएसएमई, ऊर्जा विभाग और मुख्यमंत्री के सचिव शामिल हैं।
उनके नेतृत्व में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे का निर्माण रिकॉर्ड 22 महीनों में पूरा हुआ था। उन्होंने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) जैसी लोकप्रिय पहल की शुरुआत की थी, जिसने उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में उन्होंने 15 वर्षों तक कार्य करते हुए राज्य सरकार के कई जन-जागरूकता अभियानों का नेतृत्व किया।
ऊर्जा सचिव रहते हुए उन्होंने आगरा में बिजली वितरण के निजीकरण की ऐतिहासिक पहल की थी, जो उत्तर भारत में अपनी तरह की पहली थी। इसके साथ ही उन्होंने लखनऊ मेट्रो परियोजना की DPR तैयार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
सहगल ने अपने करियर में जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) और विश्व बैंक जैसी संस्थाओं के साथ भी कई विकास परियोजनाओं पर काम किया। जुलाई 2023 में सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने पिछले वर्ष प्रसार भारती के चेयरमैन का कार्यभार संभाला था। सूत्रों के मुताबिक, सरकार जल्द ही नए चेयरमैन की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर सकती है।
आशीष सहगल ने लिंक्डइन पर बताया कि उन्होंने टाइम्स टीवी नेटवर्क के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) और टाइम्स मीडिया & एंटरटेनमेंट के चीफ ग्रोथ ऑफिसर (CGO) का पद संभाल लिया है।
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आशीष सहगल ने लिंक्डइन पर बताया कि उन्होंने टाइम्स टीवी नेटवर्क के चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) और टाइम्स मीडिया & एंटरटेनमेंट के चीफ ग्रोथ ऑफिसर (CGO) का पद संभाल लिया है। वह द टाइम्स ग्रुप के ग्रुप CEO एन. सुब्रमणियन के मार्गदर्शन में काम करेंगे। एक्सचेंज4मीडिया ग्रुप ने सबसे पहले उनकी इस नई भूमिका की खबर दी है।
कंपनी में जुड़ते हुए सहगल ने लिखा, “मेरे लिए यह बहुत सम्मान की बात है कि मुझे टाइम्स टीवी नेटवर्क का CEO और टाइम्स मीडिया & एंटरटेनमेंट का CGO बनाया गया। मैं एमडी विनीत जैन और एन. सुब्रमणियन का आभार मानता हूं, जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया। अब मेरा फोकस ग्रुप की ग्रोथ बढ़ाने, नए आइडियाज पर काम करने और इंडस्ट्री को आगे ले जाने पर रहेगा। नई मंजिलों और बड़े सपनों की ओर बढ़ने का समय है।”
CEO के रूप में सहगल पूरे नेटवर्क की रणनीति, ग्रोथ और टीवी चैनलों की मजबूती पर काम करेंगे। वहीं CGO की भूमिका में वह नए बिजनेस अवसर खोजेंगे, पार्टनरशिप बढ़ाएंगे और टाइम्स ग्रुप की भविष्य की ग्रोथ स्ट्रैटेजी को आगे बढ़ाएंगे।
आशीष सहगल मीडिया इंडस्ट्री के अनुभवी चेहरे हैं और 30 साल से ज्यादा समय से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं। वह पिछले 14 साल से CXO लेवल पर रहे हैं। टाइम्स ग्रुप में आने से पहले वह करीब 20 साल ज़ी एंटरटेनमेंट में रहे, जहां वह ब्रॉडकास्ट और डिजिटल के चीफ ग्रोथ ऑफिसर थे और 50+ टीवी चैनलों, ZEE5, इंटरनेशनल मार्केट्स और गवर्नमेंट व ब्रांड सॉल्यूशंस का नेतृत्व कर रहे थे।
स्टार इंडिया में उन्होंने स्टार गोल्ड लॉन्च करने में अहम भूमिका निभाई थी और टीवी सेल्स मॉडल बदलने वाले कई इनोवेशन भी किए। इससे पहले Buena Vista Television में काम करते हुए उन्होंने ESPN और Hallmark चैनल भारत में लॉन्च कराने में योगदान दिया। यही नहीं, वह टाइम्स ग्रुप की टीम का भी हिस्सा थे जिसने देश का पहला FM रेडियो चैनल लॉन्च किया था।
ओमनिकॉम ने भारत में अपनी बड़ी लीडरशिप टीम का ऐलान किया है। कंपनी ने कार्तिक शर्मा को भारत का नया CEO बनाया है।
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ओमनिकॉम ने भारत में अपनी बड़ी लीडरशिप टीम का ऐलान किया है। कंपनी ने कार्तिक शर्मा को भारत का नया CEO बनाया है। इसके साथ ही अमरदीप सिंह को COO की जिम्मेदारी दी गई है और शशि सिन्हा को भारत में स्ट्रैटेजिक एडवाइजर नियुक्त किया गया है। यह जानकारी इस मामले से जुड़े लोगों ने दी है।
कंपनी का यह कदम ओमनिकॉम और IPG के बीच हुए बड़े ग्लोबल मर्जर के बाद सामने आया है। इस मर्जर के बाद दोनों कंपनियों की मीडिया, डेटा, टेक और प्लानिंग टीमों को एक ही छत के नीचे लाया जा रहा है, जिसका नेतृत्व अब कार्तिक शर्मा करेंगे।
कार्तिक शर्मा 2020 से Omnicom Media Group इंडिया के हेड रहे हैं। इससे पहले वह Wavemaker/Maxus में CEO–South Asia के रूप में काम कर चुके हैं और Madison व Mindshare में भी अहम जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं।
ओमनिकॉम का IPG के साथ यह मर्जर 30 अरब डॉलर (30 billion dollars) से ज्यादा का है और इसे दुनिया की सबसे बड़ी एडवरटाइजिंग और मार्केटिंग कंपनी माना जा रहा है। मर्जर पूरी तरह से पूरा होने के बाद भारत में दोनों कंपनियों के क्लाइंट, एजेंसियाँ और टीमों को मिलाकर एक नई मजबूत यूनिट बनाई जाएगी।
इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि अब कार्तिक शर्मा के सामने सबसे बड़ी जिम्मेदारी दोनों नेटवर्क की टीमों को एक साथ लाने और बड़े क्लाइंट्स को बनाए रखने की होगी। माना जा रहा है कि यह मर्जर के बाद का सबसे महत्वपूर्ण चरण है, जिसमें टीमों और कामकाज को एक दिशा में लाना बेहद जरूरी है।
इसके साथ ही TV, OTT और डिजिटल विज्ञापन के लिए एक जैसा सिस्टम और टेक्नोलॉजी तैयार करना भी उनकी अहम जिम्मेदारियों में शामिल होगा। दोनों कंपनियों की ताकत को मिलाकर बेहतर डेटा, प्लानिंग और मापदंड तैयार करना इस प्रक्रिया का हिस्सा है।
जानकार कहते हैं कि ओमनिकॉम भारत में अपनी मार्केट पकड़ को और मजबूत करना चाहती है, और कार्तिक शर्मा की भूमिका इसमें निर्णायक होगी। उनका फोकस क्लाइंट सर्विस, एजेंसी इंटीग्रेशन और नए बिजनेस मॉडल पर रहेगा।
कंपनी के अंदर यह बदलाव आने वाले महीनों में आधिकारिक रूप से ओमनिकॉम की इंडिया वेबसाइट पर घोषित किए जाएंगे। फिलहाल ओमनिकॉम ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
ओमनिकॉम इंडिया में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। सूत्रों के मुताबिक, अमरदीप सिंह को कंपनी का नया चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) बनाया गया है।
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ओमनिकॉम इंडिया में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। सूत्रों के मुताबिक, अमरदीप सिंह को कंपनी का नया चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) बनाया गया है। अमरदीप इससे पहले IPG Mediabrands के CEO थे और इसी साल मई में इस पद पर प्रमोट हुए थे।
इसके अलावा, कंपनी ने कार्तिक शर्मा को ओमनिकॉम इंडिया का नया CEO नियुक्त किया है। साथ ही शशि सिन्हा को कंपनी में स्ट्रैटेजिक एडवाइजर की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है।
यह सभी नियुक्तियाँ उस समय आई हैं जब ओमनिकॉम, इंटरपब्लिक ग्रुप (IPG) के अधिग्रहण के बाद बड़े पैमाने पर री-स्ट्रक्चरिंग और री-ऑर्गनाइजेशन कर रहा है। नए नेताओं से उम्मीद की जा रही है कि वे भारत में कंपनी के संयुक्त कारोबार को सही दिशा देंगे, एजेंसियों के इंटीग्रेशन पर नजर रखेंगे और तेजी से बढ़ते भारतीय विज्ञापन बाजार में कंपनी की विकास रणनीति तय करेंगे।
इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि ये बदलाव कंपनी की स्थिरता बढ़ाने और ट्रांजिशन के इस दौर में टॉप मैनेजमेंट को सीधे नियंत्रण में रखने के लिए किए गए हैं।
इन नियुक्तियों की औपचारिक घोषणा कंपनी की इंडिया वेबसाइट पर जल्द होने की संभावना है। फिलहाल ओमनिकॉम ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
जी एंटरटेनमेंट (ZEEL) ने एक बार फिर छंटनी की है। कंपनी के अंदर चल रहे बड़े री-स्ट्रक्चरिंग कैंपेन के तहत यह नई छंटनी की गई है।
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जी एंटरटेनमेंट (ZEEL) में पिछले साल से चल रही छंटनी अभी तक जारी है। यह छंटनी कंपनी के बड़े री-स्ट्रक्चरिंग कैंपेन का हिस्सा है, जो पिछले साल शुरू हुआ था, जब सोनी के साथ जी का मर्जर टूट गया था। यह जानकारी उन लोगों ने दी है जो मामले से वाकिफ हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस दौरान 200 करीब लोग प्रभावित हुए हैं, जिनमें ज्यादातर कंसल्टेंट्स बताए जा रहे हैं, न कि स्थायी कर्मचारी।
ZEEL में हाल ही में हुई छंटनी को अप्रैल 2024 में शुरू हुए खर्च और वर्कफ्लो सुधार अभियान का विस्तार माना जा रहा है, जो कंपनी के सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के साथ प्रस्तावित मर्जर के फेल होने के बाद शुरू हुआ था।
सूत्रों के मुताबिक, कंपनी अपने अलग-अलग बिजनेस यूनिट्स को मिलाकर एक छोटी, तेज और ज्यादा एकीकृत टीम बनाना चाहती है। इसका मकसद काम में तालमेल बढ़ाना, फोकस साफ रखना और टीमों का प्रदर्शन बेहतर करना है।
सोनी-जी मर्जर के फेल होने के बाद ही जी ने लगभग 15% एम्प्लॉयीज की कटौती करने का ऐलान किया था। कंपनी पहले ही कह चुकी है कि वह करीब 700 एम्प्लॉयीज की संख्या कम करेगी। यह उसी प्रक्रिया का हिस्सा है।
वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में जी का कुल मुनाफा 63% गिरकर ₹77 करोड़ रह गया। ओपरेटिंग रेवेन्यू में भी गिरावट आई और यह 2% घटकर ₹1,969 करोड़ रह गया। विज्ञापन से होने वाली आमदनी यानी ऐड रेवेन्यू में 11% की गिरावट दर्ज की गई, इसका कारण FMCG कंपनियों का विज्ञापन पर कम खर्च करना बताया गया।औ
वहीं, सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू में 5% की बढ़ोतरी हुई और यह ₹1,023 करोड़ तक पहुंचा, जो पारंपरिक टीवी और डिजिटल दोनों से हुए लाभ के कारण है। कंपनी का लक्ष्य FY26 तक 20% EBITDA हासिल करने का है।
जी के CEO पुनीत गोयनका पहले ही कह चुके हैं कि एम्प्लॉयीज की संख्या में ज्यादातर कमी हो चुकी है, लेकिन कंपनी आगे भी खर्च को अपने बिजनेस की जरूरतों के हिसाब से संतुलित करती रहेगी।