इस राज्य में पत्रकारों के लिए स्वास्थ्य बीमा लागू, लगाया गया जागरूकता व पंजीकरण शिविर

इस योजना के तहत मान्यता प्राप्त पत्रकारों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से एक जागरूकता एवं पंजीकरण शिविर का आयोजन मंगलवार को ई-स्पेस, एसबीआई रंगपहाड़ शाखा, डंकन, दीमापुर में किया गया।

समाचार4मीडिया ब्यूरो by
Published - Wednesday, 18 December, 2024
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Wednesday, 18 December, 2024
Journalists


नागालैंड सरकार ने पत्रकारों के लिए मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना (CMHIS) लागू कर दी है। इस योजना के तहत मान्यता प्राप्त पत्रकारों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से एक जागरूकता एवं पंजीकरण शिविर का आयोजन मंगलवार को ई-स्पेस, एसबीआई रंगपहाड़ शाखा, डंकन, दीमापुर में किया गया।

यह शिविर नागालैंड सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क निदेशालय (IPR) और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के संयुक्त प्रयास से आयोजित किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य मान्यता प्राप्त पत्रकारों के पंजीकरण और कार्ड जनरेशन प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाना था।

कार्यक्रम की मुख्य बातें

कार्यक्रम की अध्यक्षता दीमापुर प्रेस क्लब (DPC) के अध्यक्ष इमकोंग वॉलिंग ने की। उन्होंने आयोजन विभागों का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह सुविधा सीधे पत्रकारों तक पहुंचाना एक सराहनीय कदम है। उन्होंने सभी पत्रकारों से इस अवसर का पूर्ण लाभ उठाने की अपील की और उनकी सक्रिय भागीदारी की प्रशंसा की।

मुख्य भाषण देते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण योजना (NHPS) के संयुक्त सीईओ डॉ. किका लोंगकुमेर ने पत्रकारों की भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि पत्रकार सरकारी योजनाओं और जनता के बीच सेतु का काम करते हैं। उन्होंने बताया कि CMHIS का उद्देश्य पत्रकारों और उनके परिवारों को सुलभ और कुशल स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करना है।

योजना की विशेषताएं

बच्चों का कवरेज - पत्रकारों के बच्चे उनके कार्ड के तहत कवर होंगे।

शिकायत निवारण पोर्टल - अस्पताल से जुड़ी समस्याओं की रिपोर्टिंग के लिए पोर्टल उपलब्ध।

टोल-फ्री नंबर - सहायता के लिए टोल-फ्री हेल्पलाइन की सुविधा।

आधार लिंकिंग - योजना का लाभ seamless तरीके से लेने के लिए आधार नंबर का लिंक होना अनिवार्य।

डॉ. लोंगकुमेर ने पत्रकारों से अपने अधिकारों और सुविधाओं की जानकारी रखने का आग्रह किया और पंजीकरण प्रक्रिया में लगातार सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने CMHIS की पात्रता शर्तों को भी स्पष्ट किया, जिसमें नागालैंड के निवासी, मान्यता प्राप्त पत्रकार और वर्किंग जर्नलिस्ट एक्ट, 1955 के तहत कम से कम तीन साल का अनुभव शामिल है।

प्रक्रिया और भागीदारी

NHPS अधिकारियों ने पंजीकरण और कार्ड जनरेशन प्रक्रिया पर विस्तार से प्रस्तुति दी। उन्होंने कार्ड को डिसेबल और री-एक्टिवेट करने की प्रक्रिया भी समझाई।

17 दिसंबर को आयोजित इस शिविर में दीमापुर के पत्रकारों ने सक्रिय भागीदारी की। शिविर के दौरान कार्ड पंजीकरण और सक्रियता की प्रक्रिया पूरी की गई, जिससे सभी उपस्थित पत्रकारों को योजना का लाभ आसानी से मिल सका।

CMHIS का उद्देश्य

मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना (CMHIS) का मुख्य उद्देश्य नागालैंड के पत्रकारों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना और उनके परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। यह शिविर पत्रकारों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का एक महत्वपूर्ण कदम है।

 

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इस बड़े पद पर ‘The Times of India’ से जुड़े पुनीत बियानी

पुनीत बियानी ने ‘बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड’ (BCCL) यानी ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ समूह के साथ अपनी नई पारी शुरू की है।

Samachar4media Bureau by
Published - Monday, 16 June, 2025
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Monday, 16 June, 2025
Puneet Biyani

पुनीत बियानी ने ‘बेनेट कोलमैन एंड कंपनी लिमिटेड’ (BCCL) यानी ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ समूह के साथ अपनी नई पारी शुरू की है। उन्होंने यहां पर वाइस प्रेजिडेंट और हेड (OOH, Branded Content  और Exhibitions in Response) के पद पर जॉइन किया है।

पुनीत को बिजनेस ऑपरेशंस, पी एंड एल मैनेजमेंट, फाइनेंस, बिजनेस प्लानिंग, फंड रेजिंग, प्रोसेस ऑटोमेशन, एम एंड ए (M&A) और स्ट्रैटेजी जैसे क्षेत्रों में काम करने का 20 साल से ज्यादा का अनुभव है।

पुनीत इससे पहले एडटेक स्टार्टअप ‘Lemma Tech’ में प्रेजिडेंट और चीफ स्ट्रैटेजी ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे, जहां वे एशिया पैसिफिक रीजन ( भारत, सिंगापुर, इंडोनेशिया, मलेशिया और ऑस्ट्रेलिया) में बिजनेस और ऑपरेशंस की जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

वहां उन्होंने टीवी और डिजिटल आउट-ऑफ-होम (DOOH) के बीच गहराई से तालमेल बनाते हुए ग्लोबल बिजनेस स्ट्रैटेजी तैयार करने में अहम भूमिका निभाई थी। ‘Lemma Tech’ से पहले पुनीत ‘Times OOH’, ‘Goldman Sachs’ और ‘Pricewaterhouse Coopers’ (PWC) जैसी बड़ी कंपनियों के साथ काम कर चुके हैं।

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सिटी नेटवर्क लिमिटेड में बड़ा बदलाव: सुरेश अरोड़ा का कार्यकाल खत्म, अब निभाएंगे नई भूमिका

सिटी नेटवर्क लिमिटेड में एक अहम बदलाव हुआ है। कंपनी के पूर्णकालिक निदेशक (Whole Time Director) सुरेश अरोड़ा ने अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है।

Vikas Saxena by
Published - Monday, 16 June, 2025
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Monday, 16 June, 2025
SitiNetworks

सिटी नेटवर्क लिमिटेड (Siti Network) में एक अहम बदलाव हुआ है। कंपनी के पूर्णकालिक निदेशक (Whole Time Director) सुरेश अरोड़ा ने अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। वे 13 जून 2025 को कार्यदिवस की समाप्ति के साथ इस जिम्मेदारी से मुक्त हो गए हैं।

हालांकि वे अब इस पद पर नहीं रहेंगे, लेकिन कंपनी के साथ उनका रिश्ता बना रहेगा। अब वे बोर्ड में गैर-कार्यकारी और गैर-स्वतंत्र निदेशक (Non-Executive, Non-Independent Director) की भूमिका निभाएंगे।

कंपनी ने SEBI के नियामकीय नियमों के तहत यह जानकारी दी है और कहा है कि सुरेश अरोड़ा का अनुभव और मार्गदर्शन कंपनी को आगे भी मिलता रहेगा।

यह बदलाव औपचारिक रूप से शेयर बाजार को सूचित कर दिया गया है और कंपनी ने इसे रिकॉर्ड में शामिल करने का अनुरोध किया है।

सिटी नेटवर्क ने भरोसा जताया है कि सुरेश अरोड़ा की नई भूमिका से कंपनी को रणनीतिक दिशा देने में मदद मिलेगी।

सुरेश अरोड़ा एक अनुभवी बिजनेस लीडर हैं, जिन्हें करीब 35 वर्षों का प्रोफेशनल अनुभव है। वे दिल्ली विश्वविद्यालय से कॉमर्स स्नातक हैं और उन्होंने पुणे के सिम्बायोसिस संस्थान से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा (मार्केटिंग मैनेजमेंट में विशेषज्ञता) प्राप्त किया है।

उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष कार्य अनुभव प्राप्त है और वे वर्षों तक कई संगठनों में सीनियर लीडरशिप की भूमिकाएं निभा चुके हैं। बिजनेस डेवलपमेंट और एडमिनिस्ट्रेशन, स्ट्रैटेजी, लीडरशिप, बोर्ड सेवा और गवर्नेंस, सेल्स और मार्केटिंग, रिस्क मैनेजमेंट और सस्टेनेबिलिटी जैसे विषयों में उनकी गहरी समझ है।

अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने पैन इंडिया नेटवर्क लिमिटेड (PINL) (एस्सेल समूह की एक कंपनी) में पंजाब और हरियाणा में ऑनलाइन/पेपर लॉटरी बिजनेस के संचालन के लिए राज्य सरकारों के साथ समन्वय करते हुए चैनल पार्टनर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स और रिटेल आउटलेट्स का एक मजबूत नेटवर्क खड़ा किया।

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‘Capital TV’ ने राजीव सिंह को किया नियुक्त, सौंपी यह बड़ी जिम्मेदारी

समाचार4मीडिया से बातचीत में राजीव सिंह ने बताया कि उनका मुख्य फोकस इन प्लेटफॉर्म्स को नए स्तर तक ले जाने, इनोवेशन को बढ़ावा देने और डिजिटल प्रोडक्ट्स को और बेहतर बनाने पर होगा।

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Published - Saturday, 14 June, 2025
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Saturday, 14 June, 2025
Rajeev Singh

तेजी से आगे बढ़ते हुए न्यूज प्लेटफॉर्म ‘कैपिटल टीवी’ (Capital TV) ने राजीव सिंह को एग्जिक्यूटिव एडिटर (कंटेंड एंड स्ट्रैट्जी) के तौर पर नियुक्त करने की घोषणा की है। अपनी इस नई भूमिका में वह ‘कैपिटल टीवी’ के सभी डिजिटल प्रोडक्ट्स की जिम्मेदारी संभालेंगे। वह चैनल के कर्ता-धर्ता और कैपिटल टीवी के एडिटर-इन-चीफ डॉ. मनीष कुमार को रिपोर्ट करेंगे।

समाचार4मीडिया से बातचीत में राजीव सिंह ने बताया कि उनका मुख्य फोकस इन प्लेटफॉर्म्स को नए स्तर तक ले जाने, इनोवेशन को बढ़ावा देने और डिजिटल प्रोडक्ट्स को और बेहतर बनाने पर होगा।

‘कैपिटल टीवी’ में शामिल होने से पहले राजीव ‘प्रसार भारती’ के न्यूज चैनल (DD News), रेडियो (आकाशवाणी) और डिजिटल शाखा (PB SHABD (PBNS) में शीर्ष पदों पर काम कर चुके हैं। आकाशवाणी में राजीव ने रेडियो बुलेटिन्स को बतौर एडिटर हेड किया। प्रसार भारती की डिजिटल शाखा PBNS (परिवर्तित नाम PB Shabd) में राजीव ने वीडियो रिलेटेड कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन किया।

राजीव सिंह के अनुसार, उनके कॉन्सेप्ट पर बनाए गए कई वीडियो को खुद पीएम मोदी, अमिताभ बच्चन ने अपने सोशल मीडिया हैंडल से शेयर भी किया था। प्रसार भारती से पहले राजीव ‘हिन्दुस्थान समाचार’ में भी बतौर डिजिटल एडिटर अपनी भूमिका निभा चुके हैं। इसके अलावा ‘क्लिक इंडिया’ में सीनियर एग्जिक्यूटिव एडिटर के तौर पर राजीव ने ‘डाबर’ व ‘इमामी’ जैसी जानी-मानी FMCG कंपनियों के साथ काम किया। इसके साथ ही वह अश्वत्थ ट्री, भारतीय विद्या भवन, मोहनजी फाउंडेशन, कई मंत्रालयों, पंडितजीडॉटकॉम और ब्रिक्स जैसे क्लाइंट्स के लिए भी कंटेंट हेड के तौर पर काम कर चुके हैं।

राजीव को मीडिया के चारों सेगमेंट (रेडियो, टीवी, न्यूजपेपर और डिजिटल) में शीर्ष पदों पर काम करने का अनुभव है। पढ़ाई-लिखाई की बात करें तो वह डबल मास्टर्स (Master of Journalism, Master of Arts-Hindi) हैं। साथ ही वे जर्नलिज्म में भी पीजी डिप्लोमा होल्डर हैं।

अपनी इस नियुक्ति के बारे में राजीव ने कहा, ‘डॉ. मनीष के साथ मैं पहले भी दो बार काम कर चुका हूं और उनसे अपनी पत्रकारिता के शुरुआती दिनों में काफी कुछ सीखने को मिला। इस पारी में मुझे डिजिटल सहित मीडिया के अन्य सोपानों को सीखने का मौका मिलेगा, जिसे लेकर मैं बहुत खुश हूं। कोशिश होगी कि मैं अपने अनुभवों से कैपिटल टीवी के डिजिटल प्रोडक्ट्स को नई ऊंचाइयों तक ले जाऊं।’

वहीं, इस नियुक्ति को लेकर ‘कैपिटल टीवी के एडिटर-इन-चीफ डॉ. मनीष कुमार ने कहा, ‘यह नियुक्ति हमारी डिजिटल टीम को और मजबूत बनाएगी, जो बहुत तेज गति से विस्तार की दिशा में आगे बढ़ रही है।’  

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कहानियों से दिल जोड़ने वाले भरत अवलानी- बेहतर इंसान, मार्गदर्शक व अच्छे कहानीकार

भरत अवलानी के जीवन की सबसे बड़ी पहचान उनकी उम्र नहीं, बल्कि वह असर है जो उन्होंने दुनिया भर के मार्केटिंग और लीडरशिप जगत में कहानी कहने की कला के जरिए छोड़ा है।

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Published - Saturday, 14 June, 2025
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Saturday, 14 June, 2025
BharatAvalani7845

कुआलालंपुर में बसे भरत अवलानी आज अपना 60वां जन्मदिन मना रहे हैं, लेकिन उनके जीवन की सबसे बड़ी पहचान उनकी उम्र नहीं, बल्कि वह असर है जो उन्होंने दुनिया भर के मार्केटिंग और लीडरशिप जगत में कहानी कहने की कला के जरिए छोड़ा है। एक अनुभवी मार्केटिंग प्रोफेशनल के रूप में उन्होंने यूनिलीवर में दो दशकों से अधिक का अनुभव हासिल किया और अब वे Connecting the Dots के फाउंडर व सीईओ हैं। साथ ही वे दुनिया की सबसे बड़ी बिजनेस स्टोरीटेलिंग कंपनियों में शामिल Anecdote के Global Partner भी हैं।

कहानियों से लीडरशिप को नया रूप

भरत का काम महज ट्रेनिंग देना नहीं है, वे दुनियाभर के लीडर्स और संस्थाओं के साथ मिलकर वर्कप्लेस कम्युनिकेशन को मानवीय, प्रभावशाली और सार्थक बनाने का प्रयास करते हैं। वे मानते हैं कि नेतृत्व का मतलब केवल दिशा देना नहीं, बल्कि दिलों तक पहुंचना है और इस रास्ते की सबसे असरदार कड़ी होती है एक अच्छी कहानी।

वे न केवल एक स्टोरीटेलिंग एक्सपर्ट हैं, बल्कि उन्हें “memory collector” यानी यादों को सहेजने वाला इंसान भी कहा जाता है। भरत के लिए हर यात्रा, हर मुलाकात, हर तस्वीर अपने भीतर एक कहानी समेटे होती है- एक ऐसी कहानी जो जुड़ती है, भावनाएं जगाती है और असर छोड़ती है।

वैश्विक मंचों पर प्रभाव

भरत अवलानी एक जाने-माने कीनोट स्पीकर, कंसल्टेंट और ट्रेनर हैं। वे एनएलपी सर्टिफाइड मास्टर ट्रेनर, मलेशिया के HRD कॉर्प द्वारा मान्यता प्राप्त ट्रेनर, और एशिया स्कूल ऑफ बिजनेस (MIT Sloan के सहयोग से) में अतिथि फैकल्टी भी हैं।

वर्तमान में वे Asian Federation of Advertising Associations (AFAA) के Secretary General और International Advertising Association (IAA) की ग्लोबल बोर्ड पर Global VP for Continuous Professional Development की भूमिका निभा रहे हैं। 2013 से AFAA के Fasttrack Program के जरिए उन्होंने 11 देशों के 230 से अधिक प्रोफेशनल्स को तैयार किया है।

सम्मान और स्मृतियां

उनकी सादगी और संवेदनशीलता का जिक्र करते हुए विज्ञापन जगत के दिग्गज रमेश नारायण कहते हैं, “मैं उन्हें एक बेहतरीन स्टोरीटेलर, यादों को संजोने वाला और किसी भी मंच पर सहजता से बोलने वाला इंसान कह सकता हूं। उन्होंने सिखाया कि तीखी बात भी इतनी सहजता से कैसे कही जा सकती है कि सामने वाले को चोट न पहुंचे, जो हर कमेटी मीटिंग में अमूल्य होता है।”

रमेश नारायण याद करते हैं कि कैसे भरत ने उनसे AFAA के तत्कालीन चेयरमैन प्रदीप गुहा के लिए कुछ पंक्तियां लिखवाकर उन्हें सम्मानित किया था। वर्षों बाद वही पंक्तियां एक श्रद्धांजलि फिल्म की स्क्रिप्ट बन गईं, जो Olive Crown Awards में प्रदीप गुहा को याद करते हुए दिखाई गई।

रेमंड सो, जो भरत से लगभग दो दशकों से जुड़े हैं, कहते हैं, “जब मैं भरत से पहली बार एशियन एडवरटाइजिंग कांग्रेस में मिला, तब भी वे भीड़ में सबसे अलग नजर आए अपनी गर्मजोशी और सच्चाई से। वे न केवल भविष्य के लीडर्स को प्रशिक्षित करते हैं, बल्कि उनके जीवन में शामिल रहते हैं, उनसे मिलते हैं, उन्हें याद रखते हैं। उनका नेटवर्क केवल संपर्कों का नहीं, भावनाओं और कहानियों का है।”

भरत अवलानी: केवल मार्केटर नहीं, एक इंसानियत से जुड़े सूत्रधार

भरत अवलानी को महज एक प्रोफेशनल कहना उनकी उपलब्धियों को सीमित करना होगा। वे लोगों को जोड़ने वाले हैं, भरोसे की नींव रखने वाले हैं और सबसे बढ़कर एक ऐसे इंसान हैं जो मानते हैं कि कहानियां सिर्फ सुनाने के लिए नहीं होतीं, बल्कि जीने के लिए होती हैं। उनके लिए हर मुलाकात, हर शब्द, हर मुस्कान में एक कहानी है और उसी से वे जिंदगी को और ज्यादा मानवीय बनाते हैं।

आज उनके 60वें जन्मदिन के अवसर पर, दुनिया भर के वे दोस्त, सहकर्मी और प्रशिक्षु जो भरत से जुड़े रहे हैं, एक स्वर में यही कह रहे हैं, यह तो बस एक पड़ाव है, असली यात्रा अभी जारी है।

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पैनलिस्ट के बयान के लिए एंकर जिम्मेदार नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी पैनलिस्ट द्वारा लाइव डिबेट में की गई विवादित टिप्पणी के लिए एंकर को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।

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Published - Saturday, 14 June, 2025
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Saturday, 14 June, 2025
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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए 'साक्षी टीवी' के एंकर के. श्रीनिवास राव की गिरफ्तारी पर रोक लगाई और उनकी तुरंत रिहाई के आदेश दिए। कोर्ट ने कहा कि किसी पैनलिस्ट द्वारा लाइव डिबेट में की गई विवादित टिप्पणी के लिए एंकर को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। यह फैसला अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और पत्रकारिता की मर्यादा को ध्यान में रखते हुए सुनाया गया।

जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और मनमोहन की पीठ ने स्पष्ट किया, "राव ने स्वयं ऐसा कोई बयान नहीं दिया है। एक लाइव टीवी शो में उनकी पत्रकारिता भूमिका को संरक्षण मिलना चाहिए, ताकि उनका मौलिक अधिकार (अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता) भी सुरक्षित रह सके। ट्रायल कोर्ट द्वारा तय शर्तों के अनुसार उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए।"

यह मामला 6 जून को प्रसारित एक टीवी डिबेट से जुड़ा है, जिसमें राजनीतिक विश्लेषक वी वी आर कृष्णमराजू ने पैनलिस्ट के तौर पर शिरकत की थी। इस दौरान उन्होंने आंध्र प्रदेश की पूर्ववर्ती राजधानी अमरावती को "सेक्स वर्कर्स की राजधानी" कहकर संबोधित किया। यह बयान विपक्षी वाईएसआर कांग्रेस से जुड़े माने जाने वाले साक्षी टीवी चैनल पर प्रसारित हुआ था।

70 वर्षीय राव की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ देवे ने कोर्ट को बताया कि राव महज शो के होस्ट थे और यह विवादित बयान किसी पैनलिस्ट का था, जिस पर राव का कोई नियंत्रण नहीं था।

वहीं, आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा ने आपत्ति जताई कि जब महिलाओं के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की जा रही थी, तब एंकर राव न केवल उसे नहीं रोक रहे थे, बल्कि उस पर मुस्कराते नजर आए, जिससे संदेश गया कि वे सहमति जता रहे हैं।

हालांकि कोर्ट ने एफआईआर रद्द करने की याचिका पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है, लेकिन राव को चेतावनी भी दी है कि वे भविष्य में किसी टीवी डिबेट में न तो खुद कोई आपत्तिजनक टिप्पणी करें और न ही किसी पैनलिस्ट को ऐसा करने दें।

इस फैसले को पत्रकारों के अधिकारों के संरक्षण की दिशा में एक मजबूत संदेश माना जा रहा है, खासकर ऐसे समय में जब लाइव डिबेट्स में बयानबाजी अक्सर विवादों में घिर जाती है।

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वरिष्ठ पत्रकार संघमित्रा मजूमदार ने ‘एबीपी नेटवर्क’ में अपनी पारी को दिया विराम

‘समाचार4मीडिया’ से बातचीत में संघमित्रा का कहना था कि अब वह एक ग्लोबल विजन वाले न्यूज प्लेटफॉर्म पर नई एडिटोरियल लीडरशिप भूमिका निभाने जा रही हैं, जिसके बारे में वह जल्द बताएंगी।

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Published - Friday, 13 June, 2025
Last Modified:
Friday, 13 June, 2025
Sanghamitra Mazumdar

वरिष्ठ पत्रकार संघमित्रा मजूमदार ने ‘एबीपी नेटवर्क’ (ABP Network) में अपनी पारी को विराम दे दिया है। वह यहां करीब चार साल से कार्यरत थीं और एबीपी लाइव (अंग्रेजी) में एडिटर के पद पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही थीं।

समाचार4मीडिया से बातचीत में संघमित्रा मजूमदार ने अपने इस्तीफे की पुष्टि की है। ‘एबीपी नेटवर्क’ में अपने सफर को सार्थक और समृद्ध अनुभव बताते हुए मजूमदार का कहना था, ‘एबीपी ने मुझे कहानियों को आकार देने, टीमों का मार्गदर्शन करने और ब्रेकिंग न्यूज की आपाधापी से आगे सोचने की जगह दी। यह एक ऐसा न्यूजरूम था, जो आपसे सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करता था और उतनी ही सीख व उद्देश्य भी देता था।’

अपनी नई पारी के बारे में संघमित्रा का कहना था कि अब वह एक ग्लोबल विजन वाले न्यूज प्लेटफॉर्म पर नई एडिटोरियल लीडरशिप भूमिका निभाने जा रही हैं, जिसके बारे में वह जल्द बताएंगी।

बता दें कि संघमित्रा मजूमदार को प्रिंट और डिजिटल न्यूजरूम्स में काम करने का दो दशक से अधिक का अनुभव है। मजूमदार ने वर्ष 2021 में ‘एबीपी नेटवर्क’ जॉइन किया था और अपने चार साल के सफर में इस नेटवर्क के अंग्रेजी डिजिटल प्लेटफॉर्म की एडिटोरियल दिशा को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाई। उनके नेतृत्व में ABP Live English ने अपनी कवरेज को धार दी, डिजिटल मौजूदगी को बढ़ाया और बदलते मीडिया परिदृश्य में कई बड़ी खबरों को सफलतापूर्वक कवर किया।

अपने अब तक के करियर में वह ‘The Indian Express’, ‘ThePrint.in’, ‘The Statesman’ और ‘Hindustan Times’ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अहम भूमिकाएं निभा चुकी हैं।  

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हैप्पी बर्थडे अंजना ओम कश्यप: तीखे सवाल, साफ सोच और बुलंद आवाज की मिसाल हैं आप

हिंदी पत्रकारिता जगत में अंजना ओम कश्यप एक ऐसा नाम हैं, जो रिपोर्टिंग की जमीन से लेकर डिबेट के स्टूडियो तक अपनी तेजतर्रार मौजूदगी और पत्रकारिता की प्रामाणिकता के लिए जानी जाती हैं।

Samachar4media Bureau by
Published - Thursday, 12 June, 2025
Last Modified:
Thursday, 12 June, 2025
AnjanaOmKashyap4512

हिंदी पत्रकारिता जगत में अंजना ओम कश्यप एक ऐसा नाम हैं, जो रिपोर्टिंग की जमीन से लेकर डिबेट के स्टूडियो तक अपनी तेजतर्रार मौजूदगी और पत्रकारिता की प्रामाणिकता के लिए जानी जाती हैं। आज का दिन उनके जीवन में बेहद खास है, क्योंकि आज उनका जन्मदिन है। एक ऐसा दिन जब देश की मीडिया बिरादरी और उनके लाखों दर्शक उन्हें न केवल बधाई देते हैं, बल्कि उनके अब तक के सफर को सलाम भी करते हैं।

अंजना की पत्रकारिता की शुरुआत दूरदर्शन के क्राइम शो ‘आंखों देखी’ से हुई थी। यहीं से उन्होंने मीडिया के जरिए समाज को आईना दिखाने का काम शुरू किया। इसके बाद वे ‘जी न्यूज’ का हिस्सा बनीं, जहां उन्होंने 'स्पेशल रिपोर्ट', 'जागो इंडिया' और 'बड़ी खबर' जैसे कार्यक्रमों से अपनी एंकरिंग की छवि गढ़ी। यहां से उनकी सबसे चर्चित कवरेज रही 'प्रिंस एपिसोड', जिसमें उन्होंने स्टूडियो से रात-दिन एंकरिंग की और दर्शकों के दिलों में अपनी जगह बनाई।

‘जी न्यूज’ के बाद उनका अगला पड़ाव रहा ‘न्यूज24’, जहां वे बहुचर्चित डिबेट शो ‘दो टूक’ का चेहरा बनीं। इस शो ने उन्हें एक स्पष्टवादी, निर्भीक और मुद्दों को जड़ से पकड़ने वाली एंकर के रूप में स्थापित किया। चार साल के बाद वे ‘स्टार न्यूज’ (अब एबीपी न्यूज) में आईं, जहां उन्होंने बड़े राष्ट्रीय मुद्दों पर न केवल स्टूडियो से बल्कि फील्ड से भी डिबेट शो किए। उनके काम का दायरा अब सिर्फ रिपोर्टिंग या एंकरिंग तक सीमित नहीं रहा, उन्होंने दर्शकों से संवाद की कला को नए स्तर तक पहुंचाया।

फिलहाल अंजना ओम कश्यप 'आजतक' में मैनेजिंग एडिटर के रूप में कार्यरत हैं और चैनल की प्राइम टाइम एंकरिंग की मुख्य आवाज बनी हुई हैं। वे ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ जैसे शो में अपने AI अवतार 'अंजना-2' के साथ नई तकनीक के प्रयोग से मीडिया में एक नई दिशा की ओर इशारा कर रही हैं। इस नवाचार को न केवल दर्शकों ने सराहा है बल्कि मीडिया इंडस्ट्री ने भी इसे भविष्य के संकेत के रूप में स्वीकार किया है।

उनकी पत्रकारिता का सबसे सशक्त पक्ष उनकी जमीनी पकड़ और संवेदनशील मुद्दों पर निर्भीक रिपोर्टिंग है। दिल्ली गैंगरेप मामले पर की गई उनकी रिपोर्टिंग को आज भी पत्रकारिता की मिसाल माना जाता है, जब उन्होंने न केवल रात की दिल्ली को कैमरे में कैद किया, बल्कि खुद पर हुए छेड़छाड़ के अनुभव को लाइव दिखाकर दर्शकों को झकझोर दिया। यह वह क्षण था जब पत्रकारिता महज खबर देने से आगे बढ़कर एक सामाजिक चेतना में बदल गई।

पॉलिटिकल डिबेट्स अंजना की सबसे बड़ी ताकत हैं। चुनावी कवरेज हो या किसी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री से तीखे सवाल, अंजना कभी पीछे नहीं हटतीं। वे अब तक लोकसभा और विधानसभा चुनावों की दर्जनों ग्राउंड रिपोर्टिंग कर चुकी हैं और देश के कई शीर्ष नेताओं के साक्षात्कार ले चुकी हैं।

जामिया मिलिया इस्लामिया से पत्रकारिता में डिप्लोमा लेने वाली अंजना, आज उन युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं, जो पत्रकारिता को एक मिशन मानते हैं। उनकी सफलता इस बात का उदाहरण है कि मेहनत, ईमानदारी और समर्पण के बल पर कैसे कोई पत्रकार न केवल टीवी की स्क्रीन पर छा सकता है, बल्कि पूरे मीडिया परिदृश्य का चेहरा भी बन सकता है।

करीब दो दशक से अधिक के करियर में अंजना ओम कश्यप ने न केवल पत्रकारिता की धार को बनाए रखा है, बल्कि उसे समय के साथ और भी पैना किया है। वे आज सिर्फ एक एंकर नहीं, बल्कि एक मीडिया संस्थान जैसी पहचान रखती हैं।

समाचार4मीडिया की ओर से अंजना ओम कश्यप को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। आपकी पत्रकारिता यूं ही नई ऊंचाइयों को छूती रहे।

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‘DB Corp’ से जुड़े मयार पेनकर, मिली यह बड़ी जिम्मेदारी

पेनकर इससे पहले करीब 22 साल से ‘सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया’ (SPNI) से जुड़े हुए थे और एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट (सेल्स) के पद पर थे।

Samachar4media Bureau by
Published - Wednesday, 11 June, 2025
Last Modified:
Wednesday, 11 June, 2025
Mayar Penkar

‘डीबी कॉर्प’ (DB Corp) में बतौर चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (कॉरपोरेट सेल्स) मयार पेनकर (Mayar Penkar) की एंट्री हुई है। वह यहां पर सत्यजीत सेनगुप्ता की जगह यह जिम्मेदारी संभालेंगे, जिन्होंने कुछ समय पहले कंपनी से इस्तीफा दे दिया था।

मयार पेनकर के पास दो दशक से भी अधिक का अनुभव है। पेनकर इससे पहले करीब 22 साल से ‘सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया’ (SPNI) से जुड़े हुए थे और एग्जिक्यूटिव वाइस प्रेजिडेंट (सेल्स) के पद पर थे। ‘सोनी’ में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने हाई-परफॉर्मेंस टीमों का नेतृत्व किया और क्लाइंट्स के KPI (की परफॉर्मेंस इंडिकेटर) के अनुसार प्लेटफॉर्म-निरपेक्ष मोनेटाइजेशन स्ट्रैटेजी को सफलतापूर्वक लागू किया।

वे डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, तेज कामकाज और ऑटोमेशन के लिए जाने जाते हैं, खासकर तेजी से बदलते मीडिया माहौल में। उन्होंने सोनी के आधुनिक विज्ञापन सेल्स मॉडल को विभिन्न शैलियों में मजबूत किया। ‘सोनी’ से पहले पेनकर ‘टर्नर इंटरनेशनल’, ‘मिड-डे’ और ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ जैसे प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों के साथ काम कर चुके हैं, जिससे उन्हें पारंपरिक और नए दोनों तरह के मीडिया फॉर्मेट्स में मजबूत समझ और अनुभव मिला।

बता दें कि ‘डीबी कॉर्प’ में उनका आगमन ऐसे समय पर हुआ है, जब कंपनी बदलते मीडिया उपभोग पैटर्न के बीच अपनी रेवेन्यू स्ट्रैटेजी को नए सिरे से दिशा दे रही है।

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फिर ‘दैनिक जागरण’ पहुंचे आशुतोष गुप्ता, मिला साहिबाबाद ब्यूरो का प्रभार

यहां अपनी दूसरी पारी शुरू करने से पहले आशुतोष गुप्ता गाजियाबाद से ही पब्लिश होने वाले हिंदी दैनिक ‘युग करवट’ (Yug Karwat) में बतौर स्थानीय संपादक अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 10 June, 2025
Last Modified:
Tuesday, 10 June, 2025
Ashutosh Gupta

पत्रकार आशुतोष गुप्ता ने एक बार फिर से ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagran) जॉइन कर लिया है। यहां उन्हें साहिबाबाद ब्यूरो का प्रभार सौंपा गया है। बता दें कि ‘दैनिक जागरण’ के साथ आशुतोष गुप्ता की यह दूसरी पारी है।

यहां अपनी दूसरी पारी शुरू करने से पहले आशुतोष गुप्ता गाजियाबाद से ही पब्लिश होने वाले हिंदी दैनिक ‘युग करवट’ (Yug Karwat) में बतौर स्थानीय संपादक अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उन्होंने पिछले साल अगस्त में ही यहां जॉइन किया था।

यहां वह गाजियाबाद के ही हिंदी दैनिक ‘जर्नी ऑफ सक्सेस’ (Journey Of Success)  में अपनी पारी को विराम देकर आए थे, जहां पर वह बतौर स्थानीय संपादक कार्यरत थे।

बता दें कि ‘जर्नी ऑफ सक्सेस’  से पहले आशुतोष गुप्ता ‘दैनिक जागरण’ में करीब 13 साल तक अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। मूल रूप से गाजियाबाद के रहने वाले आशुतोष गुप्ता को मीडिया में काम करने का करीब साढ़े 24 साल का अनुभव है। वर्ष 2001 में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने पत्रकारिता की दुनिया में कदम रख दिया था। आशुतोष गुप्ता ने प्रिंट के साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी काम किया है।

समाचार4मीडिया से बातचीत में आशुतोष गुप्ता ने बताया कि ‘दैनिक जागरण’ में पहले कार्यकाल के दौरान उन्हें दो बार दिल्ली-एनसीआर का बेस्ट रिपोर्टर चुना गया था। इसके अलावा उन्होंने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री मुरादनगर का भत्ता घोटाला व शाहजहांपुर का फर्जी शस्त्र लाइसेंस घोटाला भी उजागर किया था।

शाहजहांपुर मामले में आशुतोष गुप्ता की खबरों पर संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की थी। इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। इस घोटाले को उजागर करने के लिए कलक्ट्रेट में आशुतोष गुप्ता को सम्मानित किया गया था।

आशुतोष गुप्ता ने बताया कि अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई के विरोध में आठ सितंबर 2009 को तमाम लोगों ने एनएच-24 पर विरोध प्रदर्शन किया। इस घटना में गुस्साए लोगों ने पुलिस-प्रशासन पर जमकर पथराव किया था। घटना की कवरेज के दौरान एडीएम सिटी सुनील कुमार श्रीवास्तव को बचाने के चक्कर में एक ईंट लगने से आशुतोष गुप्ता के पैर में फ्रैक्चर हो गया था, जिस वजह से वह करीब एक महीने तक बेड रेस्ट पर रहे थे। एडीएम को बचाने के लिए प्रशासन ने आशुतोष गुप्ता का कलक्ट्रेट में सम्मान किया था।

समाचार4मीडिया की ओर से आशुतोष गुप्ता को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।

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प्रेस काउंसिल गठन में देरी पर हाई कोर्ट सख्त, केंद्र व PCI से मांगा जवाब

दिल्ली हाई कोर्ट ने मुंबई प्रेस क्लब की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) से जवाब मांगा है।

Samachar4media Bureau by
Published - Tuesday, 10 June, 2025
Last Modified:
Tuesday, 10 June, 2025
PCI7845

दिल्ली हाई कोर्ट ने मुंबई प्रेस क्लब की याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार और प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (PCI) से जवाब मांगा है। याचिका में 15वीं प्रेस काउंसिल के गठन में हो रही देरी पर चिंता जताते हुए इसे तुरंत गठित करने की मांग की गई है।

हाई कोर्ट ने 26 मई को सुनवाई के दौरान सूचना-प्रसारण मंत्रालय और प्रेस काउंसिल को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी।

मुंबई प्रेस क्लब द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि प्रेस काउंसिल एक अर्ध-न्यायिक निकाय है, जिसे देश में प्रेस की स्वतंत्रता और नैतिकता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन 14वीं काउंसिल का कार्यकाल 8 अक्टूबर 2024 को समाप्त हो चुका है और करीब आठ महीने बीतने के बावजूद अब तक 15वीं प्रेस काउंसिल का गठन नहीं हो पाया है।

याचिका में बताया गया है कि नए सदस्यों के चयन की प्रक्रिया 9 जून 2024 को शुरू की गई थी। इसके तहत पत्रकारों, संपादकों और मीडिया मालिकों के संगठनों से नामांकन मांगे गए थे, लेकिन किसी न किसी वजह से यह प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो सकी।

प्रेस काउंसिल की सामान्य रूप से तीन साल की अवधि होती है। इसमें सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश को अध्यक्ष बनाया जाता है और 20 निर्वाचित सदस्य होते हैं, जो कामकाजी पत्रकारों, संपादकों, समाचार पत्रों और एजेंसियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसके अलावा आठ नामित सदस्य होते हैं, जिनमें पांच सांसद और तीन ऐसे विशेषज्ञ शामिल होते हैं, जिन्हें कानून, साहित्य या कला के क्षेत्र में विशेष अनुभव होता है।

मुंबई प्रेस क्लब का कहना है कि प्रेस की निगरानी और जिम्मेदार पत्रकारिता के लिए एक प्रभावी काउंसिल का सक्रिय होना बेहद जरूरी है। काउंसिल के गठन में हो रही यह देरी प्रेस की स्वतंत्र और नैतिक कार्यप्रणाली पर प्रतिकूल असर डाल सकती है।

अब अदालत ने इस मसले में केंद्र और प्रेस काउंसिल दोनों से स्पष्ट जवाब मांगते हुए कहा है कि वह याचिका की मांगों पर तभी विचार करेगी जब संबंधित पक्ष अपना पक्ष स्पष्ट करेंगे।

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